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* क्या तर्जुमा ने किसी तरह से मानी को तब्दील कर दिया है?
1. बाईबल क़तआ के तर्जुमे को कई दफ़ा पढ़ना या सुनना मददगार साबित हो सकता है। हो सकता है के आप पहली दफा में एक क़तआ या आयत में हर चीज़ पर तवज्जो न दे सकें। यह ख़ास तौर से सच है अगर तर्जुमा नज़रियात या जुमले के हिस्सों को माख़ज़ से मुख्तलिफ़ तरतीब में रखता है। आपको जुमले के एक हिस्से को जाँचने की ज़रुरत हो सकती है, फिर जुमले के दूसरे हिस्से को जाँचने के लिए दोबारा पढ़ें या सुनें। जब आप क़तआ को उतनी दफ़ा पढ़ या सुन लेते हैं जितनी इसके सारे हिस्सों को पाने में लगता है, तब आप अगले क़तआ में जा सकते हैं। यह जाँचने के मज़ीद तरीक़ों के लिए के तर्जुमा मुकम्मल है, देखें [मुकम्मल](../complete/01.md).
1. जाँचने वाले को नोट्स बनाना चाहिए जहाँ उसे लगता है के कोई परेशानी हो सकती है या कुछ और बेहतर होना है। हर जाँचने वाला इन नोट्स को तर्जुमानी टीम के साथ गुफ़्तगू करेगा। ये नोट्स किसी छपे हुए तर्जुमा ख़ाका के हासिये में, या किसी स्प्रेडशीट में, या तर्जुमाकोर के तबसरे की ख़ुसूसियात में हो सकते हैं।
1. जाँचने वालों के इन्फ़िरादी तौर पर बाईबल की किसी बाब या किताब की जाँच के बाद, उन सब को मुतर्जिम या तर्जुमा टीम से मिलना चाहिए और साथ ही बाब या किताब का जायज़ा लेना चाहिए। अगर मुमकिन हो तो, तर्जुमा को दीवार पर प्रोजेक्ट करें ताके हर एक इसे देख सके। जैसा के टीम उन जगहों पर आती है जहाँ हर जाँचने वाले ने किसी मसअले या सवाल का नोट बनाया है, तो जाँचने वाले अपने सवालात पूछ सकते हैं या बेहतरी के लिए मशवरे दे सकते हैं। जैसा के जाँचने वाले और तर्जुमा की टीम सवालात और मशवरों पर गुफ़्तगू करती हैं, वो दीगर सवालात या बातें कहने के नए तरीक़ों के बारे में सोच सकते हैं। यह अच्छा है। जैसा के जाँचने वाले और तर्जुमा टीम एक साथ काम करते हैं, ख़ुदा बाईबल या क़तआ के मानी इत्तिला करने का बेहतरीन तरीक़ा दरयाफ्त करने में उनकी मदद करेगा।
1. जाँचने वाले और तर्जुमा टीम के इस फ़ैसले के बाद के उन्हें क्या तब्दील करने की ज़रुरत है, तर्जुमा टीम तर्जुमे की नज़र सानी करेगी। अगर वह सभी तब्दीली के बारे में इत्तफाक़ राय रखते हैं तो, मुलाक़ात के दौरान ही यह काम कर सकते हैं।
1. तर्जुमा टीम तर्जुमे की नज़र सानी करने के बाद, उन्हें इसे एक दूसरे को या ज़बान बिरादरी के दीगर अरकान को बुलन्द आवाज़ में पढ़ना चाहिए यह यक़ीनी बनाने के लिए के ये अभी भी उनकी ज़बान में क़ुदरती लगता है।
1. अगर कोई बाईबल क़तआ या आयात ऐसे हैं जो अभी भी समझना मुश्किल हैं तो, तर्जुमा टीम को मुश्किल का नोट बनाना चाहिए। तर्जुमा टीम इन मसाएल का जवाब तलाश करने के लिए बाईबल तर्जुमा इमदाद या तबसरे में मज़ीद तहक़ीक़ करने के लिए अरकान को तफ़वीज़ कर सकते है, या वो बाईबल के दूसरे जाँचने वालों या मुशीरों से इज़ाफ़ी मदद तलब कर सकते हैं। जब अरकान मानी ढूँढ लें तो तर्जुमा करने वाली टीम दोबारा मिल सकती है ताके इस बात का फ़ैसला करें के उनकी ज़बान में क़ुदरती और वाज़े तौर पर इस मानी को कैसे बयान किया जाए।
#### इज़ाफ़ी सवालात

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1. क्या ज़बान बिरादरी इस बात की तस्दीक़ करती है के तर्जुमा उनकी ज़बान में वाज़े और क़ुदरती तरीक़े से बोलता है?
1. क्या तर्जुमा [मुकम्मल](../complete/01.md) है (क्या इसमें सारी आयात, वाक़यात, और मालूमात माख़ज़ के तौर पर मौज़ूद हैं)?
1. मुतर्जमीन मुन्दर्जा जैल तर्जुमे के तरीकों में से किसकी पैरवी करते हुए नज़र आते हैं?
1. लफ्ज़ बा लफ्ज़ तर्जुमा, माख़ज़ तर्जुमे की सूरत के बिल्कुल क़रीब रहते हुए
1. जुमला बा जुमला तर्जुमा, क़ुदरती ज़बान के जुमले के साख्त का इस्तेमाल करते हुए
1. मानी पर मबनी तर्जुमा, मक़ामी ज़बान के इज़हार की आज़ादी को मक़सद बनाते हुए
1. क्या बिरादरी के रहनुमा महसूस करते हैं के मुतर्जमीन का पैरवी किया हुआ अन्दाज़ (जैसा के सवाल 4 में शिनाख्त किया गया है) बिरादरी के लिए मुनासिब है?
1. क्या बिरादरी के रहनुमा महसूस करते हैं के मुतर्जमीन की इस्तेमाल की गयी बोली वसीअ ज़बान बिरादरी को इत्तिला देने के लिए बेहतरीन है? मिशाल के तौर पर, क्या मुतर्जमीन ने तासरात, फ़िक़रे मुत्तसिल, और हिज्जे इस्तेमाल किये हैं जो ज़बान बिरादरी के ज़ियादातर लोगों के ज़रिये पहचाने जायेंगे? इस सवाल को दरयाफ्त करने के मज़ीद तरीक़ों के लिए, देखें [पसन्दीदा अन्दाज़](../acceptable/01.md).
1. जब आप तर्जुमा पढ़ते हैं तो, मक़ामी बिरादरी में तहज़ीबी मसाएल के बारे में सोचें जो किताब में बाज़ क़तआ के तर्जुमे को मुश्किल बना सकते हैं। क्या तर्जुमा टीम ने इन क़तआ का तर्जुमा उस तरीक़े से किया है जो माख़ज़ मतन के पैग़ाम को वाज़े बनाता है, और ऐसी किसी भी ग़लत फ़हमी से गुरेज़ करता है जो तहज़ीबी मसाएल की वजह से हो सकता था?

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सवालात पूछने के साथ साथ, दीगर जाँच के तरीक़े हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं यह यक़ीनी बनाने के लिए के तर्जुमा [वाज़े](../clear/01.md), पढ़ने में आसान, और सुनने वालों के लिए [क़ुदरती](../natural/01.md) है। यहाँ बाज़ दीगर तरीक़े है जिनकी आप कोशिश करना पसन्द कर सकते हैं:
* **दोबारा बताने का तरीक़ा**: आप, मुतर्जिम या जाँचने वाला, एक क़तआ या कहानी पढ़ सकते हैं और किसी दूसरे से दोबारा बताने के लिए कहें जो कहा गया था। अगर वह शख्स आसानी से क़तआ को दोबारा बता सकता है, फिर क़तआ वाज़े था। किसी भी ऐसे जगह का बाब और आयत के साथ नोट बनाएँ जिसे वह शख्स छोड़ दिया हो या ग़लत बताया हो। उन्हें ज़ियादा वाज़े बनाने के लिए तर्जुमा टीम को तर्जुमे में उन जगहों की नज़रसानी करने की ज़रुरत हो सकती है। किसी भी मुख्तलिफ़ तरीक़ों का भी नोट बनाएँ जो चीज़ें उस शख्स ने कहीं जिसका मानी वही है जैसा के तर्जुमे में। यह हो सकता है के चीज़ों को कहने के ये तरीक़े तर्जुमे के तरीकों के मुक़ाबले ज़ियादा क़ुदरती हों। तर्जुमे को ज़ियादा क़ुदरती बनाने के लिए तर्जुमा टीम इन तरीक़ों का इस्तेमाल उसी चीज़ को कहने के लिए कर सकती है।
* **पढ़ने का तरीक़ा**: आपके अलावा दूसरा कोई, मुतर्जिम या जाँचने वाला, तर्जुमे का एक क़तआ पढ़ सकता है जबके आप सुनें और उन जगहों को नोट करें जहाँ वह शख्स रुकता है या गलतियाँ करता है। इससे यह ज़ाहिर होगा के तर्जुमे को पढ़ना और समझना कितना आसान या कितना मुश्किल है। तर्जुमे में उन जगहों पर नज़र करें जहाँ पढ़ने वाला रुका या गलतियाँ कीं और गौर करें के क्या है जो तर्जुमे के उस हिस्से को मुश्किल बनाया। तर्जुमा टीम को उन नुकतों पर तर्जुमे की नज़रसानी करने की ज़रुरत हो सकती है ताके पढ़ना और समझना आसान हो।
* **मुतबादिल तर्जुमा पेश करें**: तर्जुमे में कुछ जगहों पर तर्जुमा टीम को किसी माख़ज़ लफ्ज़ या फ़िक़रे को बयान करने के बेहतरीन तरीक़े का यक़ीन नहीं भी हो सकता है। इस सूरत में, दूसरे लोगों से पूछें के वो इसका तर्जुमा कैसे करेंगे। उनके लिए जो माख़ज़ ज़बान को नहीं समझते, बयान करें जो आप कहने की कोशिश कर रहे हैं और पूछें के वो इसे कैसे कहेंगे। अगर मुख्तलिफ़ तर्जुमे यकसां अच्छे लगते हैं तो, लोगों को एक ही ख़याल के दो तर्जुमों के दरमियान इन्तखाब पेश करें और उनसे पूछें के उनके ख़याल में कौन सा मुतबादिल तर्जुमा ज़ियादा वाज़े है।
* **जायज़ा लेने वाले का दरामद**: दूसरों को अपना तर्जुमा पढ़ने दें जिनका आप एहतराम करते हैं। उनसे कहें के नोट करें और बताएँ के कहाँ इसे बेहतर बनाया जा सकता है। बेहतर अल्फ़ाज़ के इन्तखाब, ज़ियादा क़ुदरती तासरात, और हिज्जे की तरतीब की भी तलाश करें।
* **मुज़ाकरा गिरोह**: लोगों से तर्जुमे को बुलन्द आवाज़ में एक गिरोह में पढ़ने के लिए कहें और लोगों को वज़ाहत के लिए सवालात पूछने की इजाज़त दें। उन अल्फ़ाज़ पर तवज्जो दें जो वह इस्तेमाल करते हैं, चूँकि मुतबादिल अल्फ़ाज़ और तासरात तभी आते है जब कोई एक मुश्किल नुक़ते को समझाने की कोशिश कर रहा हो, और ये मुतबादिल अल्फ़ाज़ और तासरात जो तर्जुमे में हैं उनसे बेहतर हो सकते हैं। उस बाब और आयत के साथ जिनके बारे में वो हैं, उन्हें लिखें। तर्जुमा टीम इनका इस्तेमाल तर्जुमे को बेहतर बनाने के लिए कर सकती है। उन जगहों का भी नोट बनाएँ जहाँ लोग तर्जुमे को नहीं समझते ताके तर्जुमा टीम उन जगहों को और वाज़े बना सके।

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@ -1,11 +1,9 @@
### जाँच करने के लिए चीज़ों की क़िस्में
1. किसी भी चीज़ की बाबत पूछें जो आपको सहीह न लगती हो, ताके तर्जुमा टीम इसकी वज़ाहत कर सके। अगर यह उन्हें भी सहीह नहीं लगता, तो वो तर्जुमे को तरतीब दे सकते हैं। आम तौर पर:
1. ऐसी किसी भी चीज़ की जाँच करें जो इज़ाफ़ा किया हुआ लगता है, जो माख़ज़ मतन के मानी का हिस्सा नहीं था। (याद रख्खें, असल मानी में भी [मफ़हूम मालूमात](../../translate/figs-explicit/01.md).) शामिल होते हैं।
1. ऐसी किसी भी चीज़ के लिए जाँच करें जो ग़ायब हुआ लगता हो, जो माख़ज़ मतन के मानी का हिस्सा था मगर तर्जुमे में शामिल नहीं किया गया।
1. ऐसे किसी भी मानी के लिए जाँच करें जो माख़ज़ मतन के मानी के मुक़ाबले मुख्तलिफ़ लगता हो।
1. इस बात को यक़ीनी बनाने के लिए जाँच करें के मरकज़ी नुक़ता या क़तआ का मौज़ूअ वाज़े है। क़तआ जो कह रहा है या तालीम दे रहा है, तर्जुमा टीम को उसका ख़ुलासा करने के लिए कहें। अगर वो बुनियादी नुक़ते के तौर पर कोई मामूली नुक़ता चुनते हैं तो, हो सकता है उन्हें उस तरीक़े को तरतीब देने की ज़रुरत हो जिससे उन्होंने क़तआ को तर्जुमा किया है।
1. जाँच करें के क़तआ के मुख्तलिफ़ हिस्से सहीह तरीक़े से मुन्सलिक हैं यानी बाईबल क़तआ के वजूहात, इज़ाफ़े, नतीजे, आक़ीबतें, वगैरा हदफ़ ज़बान में मुनासिब मवासल के साथ निशानज़द किये गए हैं।
1. तर्जुमाअल्फ़ाज़ की यकसानियत के लिए जाँच करें, जिस तरह [तौसीक़ जाँच के लिए इक़दामात](../vol2-steps/01.md) के पिछले हिस्से में वज़ाहत किया गया है। पूछें के किस तरह उस तहज़ीब में हर शराअत इस्तेमाल किया जाता है शराअत का इस्तेमाल कौन करता है, और किस मौक़ों पर। यह भी पूछें के कौन से दीगर शराअत यकसां हैं और यकसां शराअत के दरमियान इख्तलाफात क्या हैं। ये मुतर्जिम को यह देखने में मदद करता है के क्या बाज़ शराअत के नापसन्दीदा मानी हो सकते हैं, और यह देखने में के कौन सी शराअत बेहतर हो सकती है, या क्या उन्हें मुख्तलिफ़ क़रीनों में मुख्तलिफ़ शराअत इस्तेमाल करने की ज़रुरत हो सकती है।

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@ -3,17 +3,17 @@
सवालात के जवाबात तलाश करने के लिए दस्तयाब
कई वसाइल मौजूद हैं I
* ** ट्रांसलेशन अकादमी ** यह ट्रेनिंग मैन्युअल at पर मौजूद हैं और इसमें और इस में मज़ीद मालूमात के साथ शामिल हैं :
* [इंट्रोडक्शन ]( ../ta-intro/01.md ) अन्फोल्डिंग वर्ड project से मुताफिर करवाता है
* [ प्रोसेस मैन्युअल ](../../process/process-manual/01.md ) अगला क्या ?सवाल का जवाब देता है I
* [ट्रांसलेशन मैन्युअल ](../../translate/translate-manual/01.md) - तर्जुमा के उसूल की बुनियादों की वजाहत करता है और अमली तर्जुमा
* **ट्रांसलेशन अकादमी** यह ट्रेनिंग मैन्युअल at पर मौजूद हैं और इसमें और इस में मज़ीद मालूमात के साथ शामिल हैं :
* [इंट्रोडक्शन]( ../ta-intro/01.md ) अन्फोल्डिंग वर्ड project से मुताफिर करवाता है
* [ प्रोसेस मैन्युअल](../../process/process-manual/01.md ) अगला क्या ?सवाल का जवाब देता है I
* [ट्रांसलेशन मैन्युअल](../../translate/translate-manual/01.md) - तर्जुमा के उसूल की बुनियादों की वजाहत करता है और अमली तर्जुमा
मैं , मदद करता है I
* [ चेकिंग मैन्युअल ](../../checking/intro-check/01.md) जांच के बुनयादी तरीकों और बेहतरीन अमलोदान की वजाहत करता है और
* ** स्लैक चैटरूम ** - टीम 43 बारादरी में शामिल हो, अपना सवाल “
* [ चेकिंग मैन्युअल](../../checking/intro-check/01.md) जांच के बुनयादी तरीकों और बेहतरीन अमलोदान की वजाहत करता है और
* **स्लैक चैटरूम** - टीम 43 बारादरी में शामिल हो, अपना सवाल “
हेल्प डेस्क” चैनल पे पोस्ट करें और अपने सवाल का रियल टाइम जवाब पाएं ( यहाँ साइन अप करें http://ufw.io/team43)
* ** CCBT डिस्कशन फोरम ** एक ऐसी जगह जहाँ आप अपने,तकनिकी, हिकमतय अमली और तर्जुमा से मुतालिक, सवालों के जवाब पा सकतें है I
* ** हेल्प डेस्क ** - अपने सवालों के साथ यहाँ इ मेल करें < >
* **CCBT डिस्कशन फोरम** एक ऐसी जगह जहाँ आप अपने,तकनिकी, हिकमतय अमली और तर्जुमा से मुतालिक, सवालों के जवाब पा सकतें है I
* **हेल्प डेस्क** - अपने सवालों के साथ यहाँ इ मेल करें <>

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@ -1,15 +1,14 @@
### आजादी का लाइसेंस
* हर ज़बान में ग़ैर महिदूद बाइबल की मवाद * हासिल करने के लिए , एक लाइसेंस की जरूरत होती है , जो की अIलमगीर चर्च को * मवाद पे , अमायबंदत पहुँच देती हैं I हम ये मानते हैं की ये इन्कलाबी तबदीली हो जाएगी, जब चर्च के पास अमायबंदत पहुँच होगी I [Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License] बाइबल के मवाद की तर्जुमा और तक़सीम के लिए ज़रूरी ज़रूरीयात फ़राहम करता है और, अगर कोई और अलग नोटिस ना हो तो, इस बात की तामिल करता है की मवाद अवाम के पहुँच में हो I हमारे सारे मवाद CC BY-SA से लासेन्सयाफ्ता है I
* डोर 43 का ऑफिसियल लाइसेंस यहाँ है https://door43.org/en/legal/license.*
### क्रिएटिव कोमा आत्रिबुशन शेयर अलाईक4.0 इंटरनेशनल ((CC BY-SA 4.0)
### क्रिएटिव कोमा आत्रिबुशन शेयर अलाईक4.0 इंटरनेशनल ((CC BY-SA 4.0))
### आप आजाद है
* ** शेयर ** - कॉपी और आलमी मवाद की किसी भी तरीके से बाटने के लिए
* ** एडाप्ट ** - रीमिक्स, तबदील, और मवाद पर तामीर करने के लिए
* **शेयर** - कॉपी और आलमी मवाद की किसी भी तरीके से बाटने के लिए
* **एडाप्ट** - रीमिक्स, तबदील, और मवाद पर तामीर करने के लिए
किसी और तवक्कु या तिजारती तौर पर इस्तमाल के लिए
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### मुंदरजा ज़ैल हालात के तहत
* **इंतसाब ** आप लाइसेंस को मुनासिब क्रेडिट दें, उसका लिंक डालें , और अगर कोई बदलाव किया गया है तो बताएं I आप ये किसी भी तरीके से कर सकते है , पर ऐसा नहीं लगना चाहिए की लिसनसर आपकी हिमायत कर रहा है I
* **शेयर अलाइक ** - अगर आपने मवाद में कोई तबदीली की या नया लिखा ,
* **इंतसाब** आप लाइसेंस को मुनासिब क्रेडिट दें, उसका लिंक डालें , और अगर कोई बदलाव किया गया है तो बताएं I आप ये किसी भी तरीके से कर सकते है , पर ऐसा नहीं लगना चाहिए की लिसनसर आपकी हिमायत कर रहा है I
* **शेयर अलाइक** - अगर आपने मवाद में कोई तबदीली की या नया लिखा ,
तो, आपको अपनी शराकतों को असल लाईसैंस के तहत तक़सीम करना लाज़िमी है I
** इसके अलवा कोई इज़ाफ़ी पाबंदीयां नहीं है ** आप क़ानूनी शराइत या तकनीकी इक़दामात , दूसरों पे ,जो लाइसेंस में काबिले मंजूर हो , कानूनी पाबंदियां लगाने के लिए नहीं कर सकते हैं I
**इसके अलवा कोई इज़ाफ़ी पाबंदीयां नहीं है** आप क़ानूनी शराइत या तकनीकी इक़दामात , दूसरों पे ,जो लाइसेंस में काबिले मंजूर हो , कानूनी पाबंदियां लगाने के लिए नहीं कर सकते हैं I
### नोटिस
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आपको कोई वारंटी नहीं दी जाएगी I लाईसैंस आपको आपके मतलूब इस्तिमाल के लिए ज़रूरी तमाम इजाज़तनहीं दे सकता I मिसाल के तौर पर, मवाद का इस्तिमाल , अवामी हक़राज़दारी, या अख़लाक़ी हुक़ूक़ पर मुनसार होगा I
इन्साबे अमल तोसीक के मातहत काम के लिए : असली कIम, जो की डोर 43 वर्ल्ड मिशन कम्युनिटी ने बनाया है , यहाँ दस्तियाब है: available at इसे तख़लीक़ी अलाम इंतिसाब, शेयर अलायक 4, इंटरनेशनल लाइसेंस, के तहत जारी किया गया है I . (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/ ).
इन्साबे अमल तोसीक के मातहत काम के लिए : असली कIम, जो की डोर 43 वर्ल्ड मिशन कम्युनिटी ने बनाया है , यहाँ दस्तियाब है: available at इसे तख़लीक़ी अलाम इंतिसाब, शेयर अलायक 4, इंटरनेशनल लाइसेंस, के तहत जारी किया गया है I . (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/).
ये काम अलसी काम का तर्जुमा है और असल तखलीख करने वाले , इस काम की हिमायत नहीं करते है I
### डोर 43 के इमदाद का इंतसाब
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* **[CC एट्रीब्युशन शेयर अलाईक (CC BY-SA)](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/)**
* **[फ्री ट्रांसलेटLicense](http://ufw.io/freetranslate/)**
जयादा मालूमात के लिए यहाँ देखें [ कॉपीराइट ,लाइसेंसिंग और सोर्स टेक्स्ट ](../../translate/translate-source-licensing/01.md)
जयादा मालूमात के लिए यहाँ देखें [ कॉपीराइट ,लाइसेंसिंग और सोर्स टेक्स्ट](../../translate/translate-source-licensing/01.md)

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@ -1,6 +1,6 @@
* इस दस्तावेज़ का दफ्तरी नुस्खा पर मौजूद है.*
*इस दस्तावेज़ का दफ्तरी नुस्खा पर मौजूद है.*
* ईमान के मंदर्जा जैल बयान की [अन्फोल्डिंग वर्ड](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/apostles.md), [नीकानी नसल](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/nicene.md), और [असाना सयुसी नसल] (https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md) नीज़ [लूजीन अहद] के सभी मेम्बर तंज़ीम और शराकत दारों ने तस्दीक़ की है.*
*ईमान के मंदर्जा जैल बयान की [अन्फोल्डिंग वर्ड](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/apostles.md), [नीकानी नसल](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/nicene.md), और [असाना सयुसी नसल] (https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md) नीज़ [लूजीन अहद] के सभी मेम्बर तंज़ीम और शराकत दारों ने तस्दीक़ की है.*
हमारा ईमान है कि ईसाइयत के अक़ीदा को **लाज़मी अक़ाएद** और **नज़रीयाती अक़ाएद** में तक़सीम किया जा सकता है और किया जाना चाहिए (रूमियों 14).
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लाज़मी अक़ाएद वह हैं जो ईसा मसीह के पैरोकार की वजाहत करते हैं और जिनसे कभी भी समझौता नहीं किया जा सकता और नह ही उन्हें नज़र अंदाज़ किया जा सकता है.
* हम ईमान रखते हैं कि सिर्फ बाइबिल ही ग़ैबी, हर खता से पाक, किफ़ायत करने वाली, खुदा का मुस्तनद कलाम है (1 Thessalonians 2:13; 2 Timothy 3:16-17).
* हम ईमान रखते हैं कि खुदा एक है, अजली तौर पर तीन अफराद में मौजूद है: खुदा बाप, ईसा मसीह बेटे और रूहुलकुद्स (Matthew 28:19; John 10:30).
* हम ईसा मसीह की खुदाई पर यकीन रखते हैं (John 1:1-4; Philippians 2:5-11; 2 Peter 1:1).
* हम ईसा मसीह की इंसानियत, उनकी कुंवारी पैदाइश, उनकी मासूम ज़िन्दगी,उनके मोजज़ात, उनकी मजमूई और गैर आहंग बहते हुए खून के साथ मौत, उनके जिस्मानी तौर पर जिंदा होने, और उनके बाप के दाहिने तरफ आसमान पर उठा लिए जाने पर यकीन रखते हैं (Matthew 1:18,25; 1 Corinthians 15:1-8; Hebrews 4:15; Acts 1:9-11; Acts 2:22-24).
* हम यकीन रखते हैं कि हर आदमी खल्की तौर पर गुनहगार है और इसीलिए अब्दी जहन्नम का मुस्तहक है (Romans 3:23; Isaiah 64:6-7).
* हम यकीन रखते हैं कि गुनाह से निजात खुदा का एक तोहफा है, जो ईसा मसीह की क़ुरबानी वाली मौत और उनके दोबारा आने के ज़रियः अता किया गया है, इसे ईमान के ज़रियः पाया जाता है, कामों से नहीं (John 3:16; John 14:6; Ephesians 2:8-9, Titus 3:3-7).
* हम यकीन रखते हैं कि हकीकी ईमान हमेशा तौबा के ज़रियः और रूहुल्कुद्स के अहया से हासिल होता है (James 2:14-26; John 16:5-16; Romans 8:9).
* हम रूहुल्कुद्स की मौजूदा वज़ारत में यकीन रखते हैं जिसके ज़रियः ईसा मसीह के पैरोकार एक खुदाई ज़िन्दगी जीने के क़ाबिल हैं (John 14:15-26; Ephesians 2:10; Galatians 5:16-18).
* हम खुदा ईसा मसीह में तमाम ईमान वालों की रूहानी इत्तिहाद में यकीन रखते हैं, तमाम कौमों और ज़बानों और लोगों की जमात की जानिब से (Philippians 2:1-4; Ephesians 1:22-23; 1 Corinthians 12:12,27).
* हम ईसा मसीह की जाती और जिस्मानी वापसी पर यकीन रखते हैं (Matthew 24:30; Acts 1:10-11).
* हम नाजी और गैर नाजी दोनों के हश्र पर ईमान लाते हैं: जिनको निजात नहीं मिली उनका हश्र जहन्नम की दायिमी तबाही के साथ होगा और जिनको निजात मिल गई उनका हश्र खुदा के साथ जन्नत में अब्दी नेमत के साथ होगा (Hebrews 9:27-28; Matthew 16:27; John 14:1-3; Matthew 25:31-46).
#### नज़रीयाती अक़ाएद

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1. दरुस्त - असल मतन के मअनी में, तबदीली किये बग़ैर दरुस्त तरीक़े से तर्जुमा करें I तर्जुमा शूदा मवाद , जितना हो सके, दुरुस्त तौर पर , असल मतन - मअनी को , सुनने वालों के लिए समझने लायक बनाये I (मुलाहिज़ा करें [तर्जुमा दरुस्त बनाएँ](../../translate/guidelines-accurate/01.md))
* **  वाज़िह ** - किसी भी ज़ुबानी ढांचे को इस्तमाल करके मवाद को काबिले फ़हम बनाये I इसमें शब्दों को अलग तरतीब देना शामिल है , पर कोशिश करें की तर्जुमा का असल मतलब ही मुन्ताकी हो I
* ** क़ुदरती ** - वो जबान का तरीका इस्तिमाल करें जो मोस्सर हैं और आप की ज़बान में जिस मुफदत में इस्तमाल किया जाता हो I (मुलाहिज़ा करें [क़ुदरती तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-clear/01.md))
* ** वफ़ादारी ** - किसी भी सयासी, मज़हबी, नज़रियाती,
* ** वाज़िह ** - किसी भी ज़ुबानी ढांचे को इस्तमाल करके मवाद को काबिले फ़हम बनाये I इसमें शब्दों को अलग तरतीब देना शामिल है , पर कोशिश करें की तर्जुमा का असल मतलब ही मुन्ताकी हो I
* **क़ुदरती ** - वो जबान का तरीका इस्तिमाल करें जो मोस्सर हैं और आप की ज़बान में जिस मुफदत में इस्तमाल किया जाता हो I (मुलाहिज़ा करें [क़ुदरती तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-clear/01.md))
* **वफ़ादारी ** - किसी भी सयासी, मज़हबी, नज़रियाती,
समाजी, सक़ाफ़्ती, या मज़हबी तास्सुब से बचें. कलीदी
इस्तिलाहात का इस्तिमाल करें जो असल बाइबल की ज़बानों के अलफ़ाज़ के वफ़ादार रहे I खुदा और उसके बन्दों के बीच ताल्लुक़ात बयान करने के लिए बिबलिकल हम मैना लफ्ज़ इस्तेमाल करें I ये वाज़िह तौर पर, फ़वाइद या दूसरे ज़िमनी वसाइल में वाज़िह किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें [ईमान मंद तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-natural/01.md)
इस्तिलाहात का इस्तिमाल करें जो असल बाइबल की ज़बानों के अलफ़ाज़ के वफ़ादार रहे I खुदा और उसके बन्दों के बीच ताल्लुक़ात बयान करने के लिए बिबलिकल हम मैना लफ्ज़ इस्तेमाल करें I ये वाज़िह तौर पर, फ़वाइद या दूसरे ज़िमनी वसाइल में वाज़िह किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें [ईमान मंद तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-natural/01.md))
1.  ** मुस्तनद ** - बाइबल के मवाद की तर्जुमा के लिए
सबसे ज़्यादा अथार्टी के तौर पर असल ज़बान बाइबल
के मज़ामीन का इस्तिमाल करें. दूसरी ज़बानों में काबिल-ए-एतिमाद बाइबल मवाद वाज़िहऔर बक़ीया वसाइल के मतन के तौर पर इस्तिमाल किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें [तख़लीक़ी तर्जुमे बनाएँ](../../translate/guidelines-faithful/01.md))
* ** तारीख़ी ** - तारीख़ी वाक़ियात और हक़ायक़ दरुस्त तरीक़े से मुवासलात करेंI असल मवाद के असल वसूल कुनुन्दगान के तौर पर ,एक ही सयाक़-ओ-सबॉक् और सक़ाफ़्त का इश्तिराक नहीं करने वाले अफ़राद को , सही पैग़ाम मतलाकरन केलिए इज़ाफ़ी मालूमात फ़राहम करना. (मुलाहिज़ा करें [तारीख़ी तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-authoritative/01.md)
* ** बराबर ** - ज़रीया मतन के इरादे को ही मुवासलात करें, इसमें बिशमोल एहसासातऔर के इज़हार शामिल है Iजितना हो सके अब्दियआत को बुन्याद ए- मातन में रखे I इसमें दास्तान, शेअर, तहरीर और पैशन गोई शामिल है I इनके मवाफिक तर्जुमा को , आपके जबान के तर्ज़ पर बदलें I
* ** तारीख़ी ** - तारीख़ी वाक़ियात और हक़ायक़ दरुस्त तरीक़े से मुवासलात करेंI असल मवाद के असल वसूल कुनुन्दगान के तौर पर ,एक ही सयाक़-ओ-सबॉक् और सक़ाफ़्त का इश्तिराक नहीं करने वाले अफ़राद को , सही पैग़ाम मतलाकरन केलिए इज़ाफ़ी मालूमात फ़राहम करना. (मुलाहिज़ा करें [तारीख़ी तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-authoritative/01.md))
* **बराबर** - ज़रीया मतन के इरादे को ही मुवासलात करें, इसमें बिशमोल एहसासातऔर के इज़हार शामिल है Iजितना हो सके अब्दियआत को बुन्याद ए- मातन में रखे I इसमें दास्तान, शेअर, तहरीर और पैशन गोई शामिल है I इनके मवाफिक तर्जुमा को , आपके जबान के तर्ज़ पर बदलें I
###  तर्जुमा की कैफ़ीयत की शनाख़्त और इंतिज़ाम करना
@ -27,12 +28,13 @@
अक्सर हम एक अच्छा तर्जुमा उसे समझते है जो की ज़बानी कम्यूनिटी के स्पीकर और ज़बानी ग्रुप में कलीसिया की क़ियादत की तरफ़ से जायज़ा लिया गया हो , ताकि
** दरुस्त, वाज़िह, क़ुदरती, और मुसावात ** - इरादा मअनी में वफ़ादारी ,जैसा की चर्च के और से बताया गया हो I चर्च के आलमी और तारीख़ी से इत्तेहाद रखता हो I
**दरुस्त, वाज़िह, क़ुदरती, और मुसावात ** - इरादा मअनी में वफ़ादारी ,जैसा की चर्च के और से बताया गया हो I चर्च के आलमी और तारीख़ी से इत्तेहाद रखता हो I
1. ** गिरजाघर की तरफ़ से तसदीक़ ** -  चर्च की तरफ़ से इस्तिमाल और हिमायत किया जाता हो. (देखें [चर्च मंज़ूर शूदा तर्जुमा](../../translate/guidelines-historical/01.md)):
1. **गिरजाघर की तरफ़ से तसदीक़ ** -  चर्च की तरफ़ से इस्तिमाल और हिमायत किया जाता हो. (देखें [चर्च मंज़ूर शूदा तर्जुमा](../../translate/guidelines-historical/01.md)):
हम ये भी तजवीज़ करते हैं कि तर्जुमा का काम :
* ** शराकत ** - जहां मुम्किन हो, दूसरे मोमिनों के साथ मिलकर काम करें ,जो तर्जुमा करने , उसे जाचने, और तक़सीम करने वाले मवाद  हो Iमवाद को अपनी ज़बान में तक़सीम करने के लिए , इस बात को जांच करें कि ये सबसे आला मयार और मुम्किना हद तक मुम्किना लोगों के लिए दस्तयाब है. (मुलाहिज़ा करें [तआवुन तआवुन तर्जुमा](../../translate/guidelines-equal/01.md))
* 1**.मुसलसल **- तर्जुमा का काम , मुकम्मल तौर पर कभी ख़त्म नहीं .ओता है I उन लोगों की हौसला-अफ़ज़ाई करें जो ज़बान के साथ माहिर हैं और तर्जुमा को बेहतर बनाने के तरीक़ों का मश्वरा देते हैं I
* 1**.मुसलसल**- तर्जुमा का काम , मुकम्मल तौर पर कभी ख़त्म नहीं .ओता है I उन लोगों की हौसला-अफ़ज़ाई करें जो ज़बान के साथ माहिर हैं और तर्जुमा को बेहतर बनाने के तरीक़ों का मश्वरा देते हैं I
तर्जुमा में हुई कोई गलती को तलाश करके जल्द से जल्द उसे सही करना चाहिए I तर्जुमा के वक्तन फुकIतन जांच को बढ़ावा देI अन्फोल्डिंग वर्ड ऑनलाइन टूल की मदद से इन तब्दिलिओन को जल्दी और आसानी से किया जा सकता है I

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@ -17,11 +17,11 @@
### हम यह कैसे करते है ?
** हम हर ज़बान में ** ग़ैर महिदूद बाइबल की मवाद का
**हम हर ज़बान में** ग़ैर महिदूद बाइबल की मवाद का
मक़सद कैसे हासिल करते हैं ?
* [ अन्फोल्डिंग वर्ड project ] दूसरे हम ज़हनी तन्ज़ीमों के साथ काम करके I
* [ अन्फोल्डिंग वर्ड project] दूसरे हम ज़हनी तन्ज़ीमों के साथ काम करके I
* [ ईमान का बयान](../statement-of-faith/01.md) -उन लोगों के साथ काम करके जो इसी हम अक़ाइद रखते हों
* [तर्जुमा हिदायात](../translation-guidelines/01.md) - एक आम तर्जुमा के उसूल का इस्तिमाल करते हुए
* [ओपन लाईसैंस](../open-license/01.md) - हम अपने तखलीक को एक खुली लाईसैंस के तहत जारी करेंगे
@ -33,19 +33,18 @@
की मवाद के लिए दस्तयाब और तख़लीक़ करते हैं. वसाइल और तर्जुमा की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए मुलाहिज़ा करें . चंद नमूने आगे हैं:
* ** बाइबल की कहानियां खोलें** तारीख़ वाराना सागीर बाइबिल में बाइबिल की 50 कलीदी कहानियां होती है I यह कहानियां तख़लीक़ से, ऐसी अलैहिस-सलाम और परनसपी तक की बातें बताती है, प्रिंट, आडीयो और वीडीयो के लिए लिंक ये है (see http://ufw.io/stories/).
* ** बाइबल ** - ग़ैर मुतवक़्क़े तर्जुमा, इस्तिमाल, और तक़सीम के लिए, एक खुली लाईसैंस के तहत ,दस्तयाब , मुस्तहकम खुदा की जबान ( http://ufw.io/bible/ देखें).
* ** तर्जुमा नकाई ** मुतर्जिम को ज़बाने मुतालिक , सक़ाफ़्ती और तवील में मदद मिलती है I वो बाइबल कहानियां और बाइबल के लिए मौजूद हैं (http://ufw.io/tn/ देखें).
* **बाइबल की कहानियां खोलें** तारीख़ वाराना सागीर बाइबिल में बाइबिल की 50 कलीदी कहानियां होती है I यह कहानियां तख़लीक़ से, ऐसी अलैहिस-सलाम और परनसपी तक की बातें बताती है, प्रिंट, आडीयो और वीडीयो के लिए लिंक ये है (see http://ufw.io/stories/).
* **बाइबल** - ग़ैर मुतवक़्क़े तर्जुमा, इस्तिमाल, और तक़सीम के लिए, एक खुली लाईसैंस के तहत ,दस्तयाब , मुस्तहकम खुदा की जबान ( http://ufw.io/bible/ देखें).
* ** तर्जुमा नकाई** मुतर्जिम को ज़बाने मुतालिक , सक़ाफ़्ती और तवील में मदद मिलती है I वो बाइबल कहानियां और बाइबल के लिए मौजूद हैं (http://ufw.io/tn/ देखें).
* ** तर्जुमा सवालात ** - मुतर्जिम और मुआइना कर के वो सवाल जो तर्जुमा से तालुक रखते हो और यक़ीन करने में मदद करते हो की तर्जुमा सही तौर पर समझा गया है I ओपन बाइबिल और बाइबिल की कहानियों के लिए यहाँ दस्तयाब है I (http://ufw.io/tq/ देखें)
* ** लफ्जे तर्जुमा  ** बाइबल की शराइत की एक फ़हरिस्त ,जिसमें मुख़्तसर वजाहत , तज़किरा
* ** लफ्जे तर्जुमा ** बाइबल की शराइत की एक फ़हरिस्त ,जिसमें मुख़्तसर वजाहत , तज़किरा
और तर्ज़ुमायें इमदाद टूल मौजूद हैं I ओपन बाइबिल और बाइबिल की कहानियों के लिए ज़रूरी (http://ufw.io/tw/ देखें)
* **टूल्स ** - हम तर्जुमा करने , उसे जांचने और तकसीम के लिए आला बनाते है I ये मुफ़्त और खुली लाईसैंस याफताह हैं I टूल्ज़ की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए मुलाहिज़ा करें I यहाँ चंद नमूने मौजूद हैं :
* ** डोर 43 ** - एक ऑनलाइन तर्जुमा प्लेटफार्म जहां लोग तर्जुमा और जांच पड़ताल में तआवुन कर सकते हैं, उनके लिए मवाद मैनिजमंट सिस्टम भी शामिल है. (मुलाहिज़ा करें https://door43.org/).
* ** तर्जुमा स्टूडीयो ** - एक मोबाइल एप और एक डेस्कटॉप एप जहां मुतर्जिमऑफलाइन तर्जुमा कर सकते हैं (http://ufw.io/ts/ देखें).
* ** तरजमहकी बोर्ड ** एक वेब और मोबाइलअप्प है जो की इस्तेमाल करने वाले को , कस्टम की बोर्ड , बग़ैर ज़बान जाने , इस्तिमाल करने में मदद करता है (http://ufw.io/tk/ देखें )
* **अन्फोल्डिंग वर्ड एप ** - एक मोबाइल एप जहाँ तर्जुमा तक़सीम किया जा सकता है (http://ufw.io/uw/) देखें.
* **टूल्स** - हम तर्जुमा करने , उसे जांचने और तकसीम के लिए आला बनाते है I ये मुफ़्त और खुली लाईसैंस याफताह हैं I टूल्ज़ की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए मुलाहिज़ा करें I यहाँ चंद नमूने मौजूद हैं :
* ** डोर 43** - एक ऑनलाइन तर्जुमा प्लेटफार्म जहां लोग तर्जुमा और जांच पड़ताल में तआवुन कर सकते हैं, उनके लिए मवाद मैनिजमंट सिस्टम भी शामिल है. (मुलाहिज़ा करें https://door43.org/).
* ** तर्जुमा स्टूडीयो** - एक मोबाइल एप और एक डेस्कटॉप एप जहां मुतर्जिमऑफलाइन तर्जुमा कर सकते हैं (http://ufw.io/ts/ देखें).
* **तरजमहकी बोर्ड** एक वेब और मोबाइलअप्प है जो की इस्तेमाल करने वाले को , कस्टम की बोर्ड , बग़ैर ज़बान जाने , इस्तिमाल करने में मदद करता है (http://ufw.io/tk/ देखें )
* **अन्फोल्डिंग वर्ड एप** - एक मोबाइल एप जहाँ तर्जुमा तक़सीम किया जा सकता है (http://ufw.io/uw/) देखें.
* ** तर्जुमा ** - ये एक ऐसा प्रोग्राम है जो बाइबल तर्जुमाओं की वसीअ जांच पड़ताल के काबिल बनाता है (http://ufw.io/tc/ देखें).
* ** ट्रेनिंग ** - हम अपनी जबान में तर्जुमा करने के लिए वसाइल पैदा करते हैं. तर्जुमा अकैडमी में (ये वसाइल) हमारी बुनियादी तर्बीयत का आला है. हमारे पास आडीयो रिकार्डिंग और तर्बीयती वसाइल भी हैं. http://ufw.io/training/ तर्बीयत मवाद की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए देखें I
* **ट्रेनिंग** - हम अपनी जबान में तर्जुमा करने के लिए वसाइल पैदा करते हैं. तर्जुमा अकैडमी में (ये वसाइल) हमारी बुनियादी तर्बीयत का आला है. हमारे पास आडीयो रिकार्डिंग और तर्बीयती वसाइल भी हैं. http://ufw.io/training/ तर्बीयत मवाद की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए देखें I

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@ -11,20 +11,20 @@ dublin_core:
description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
format: 'text/markdown'
identifier: 'ta'
issued: '2021-01-20'
issued: '2021-08-05'
language:
identifier: 'ur-deva'
title: 'Urdu Devanagari script'
direction: 'ltr'
modified: '2021-01-20'
publisher: 'Door43'
modified: '2021-08-05'
publisher: 'BCS'
relation:
- 'ur-deva/irv'
- 'ur-deva/obs'
- 'ur-deva/obs-tn'
- 'ur-deva/obs-tq'
- 'ur-deva/tn'
- 'ur-deva/tq'
- 'ur-deva/tn'
- 'ur-deva/tw'
- 'ur-deva/ulb'
rights: 'CC BY-SA 4.0'

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@ -12,7 +12,7 @@
सब से बड़ा अन्सर जो मज़मून की तक़सीम को क़ाबिल बनाता है वह है [खुला लाइसेंस](../../intro/open-license/01.md) जो दरवाज़ा43 पर मौजूद तमाम मज़मून के लिए इस्तेमाल होता है। यह लाइसेंस हर एक को अपनी आज़ादी फ़राहम करता है:
* **इश्तिराक करें** - किसी भी मीडियम या फॉर्मेट में मवाद को नक़ल करें और दोबारा तक़सीम करें
* ** मोवाफिक़त** - दोबारा मिलाएं, तब्दील करें, और मवाद पर तामीर करें
* **मोवाफिक़त** - दोबारा मिलाएं, तब्दील करें, और मवाद पर तामीर करें
किसी भी मक़सद के लिए, यहाँ तक के तिजारती, लागत के बगैर। “तुमने मुफ़्त पाया; मुफ़्त देना”। (मत्ती 10:8)

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@ -2,14 +2,14 @@
#### रोशनी किसी किसी के चेहरे की नुमाइंदगी करता है ( अक्सर,इसे चेहरे से जोड़ के देखा जाता है , जो की किसी की मौजूदगी की नुमाइंदगी करता है )
< ब्ल > ख़ुदावंद, आपके चेहरे की रोशनी / u> उठाओ (ज़बूर4: 6 यू एल टी ) < ब्ल >
<ब्ल > ख़ुदावंद, आपके चेहरे की रोशनी / u> उठाओ (ज़बूर4: 6 यू एल टी ) <ब्ल >
>क्योंकि वो अपनी तलवार के ज़रीया अपनी ज़मीन हासिल नहीं करते थे
> ना ही उनकी अपनि बाज़ू ने उनको बचाया
> लेकिन आपके दाएं हाथ, आपके बाजू, और आपके चेहरे की रोशनी / u>،
> क्योंकि आप उनके पसंदीदा थे (ज़बूर44: 3 यू एल टी )
< ब्ल > उन्होंने मेरे चेहरे की रोशनी / u> को मुस्तर्द नहीं किया (मुलाज़मत29:24 यू एल टी ) < ब्ल >
<ब्ल > उन्होंने मेरे चेहरे की रोशनी / u> को मुस्तर्द नहीं किया (मुलाज़मत29:24 यू एल टी ) <ब्ल >
> ख़ुदावंद, वो आपके चेहरे की रोशनी / u> मैं चलते हैं (ज़बूर89:15 यू एल टी )
@ -25,11 +25,11 @@
>क्योंकि बदकारी में इज़ाफे़ हो जाएगा तो, बहुत से लोगों की मुहब्बत u> बजाय जाऐंगे/ u>. (मति24:12 यू एल टी )
< ब्ल >पानी की बड़ी लहर प्यार की लौ नहीं बुझा सकती / u> (गाने, नग़मे8: 7 यू एल टी ),/ < ब्ल >
<ब्ल >पानी की बड़ी लहर प्यार की लौ नहीं बुझा सकती / u> (गाने, नग़मे8: 7 यू एल टी ),/ <ब्ल >
> मेरे ग़ुस्से से u> एक आग लगेगी , जो u> आलिमे बरजुख को आखिरी दर्जे तक जला डालेगी / u> (देउतेरोनोमी 32:22 यू एल टी )
< ब्ल >लिहाज़ा u> रब के कहर ने इसराईल में आग लगाया था (जजों3: 8 यू एल टी )
<ब्ल >लिहाज़ा u> रब के कहर ने इसराईल में आग लगाया था (जजों3: 8 यू एल टी )
> जब ख़ुदावंद ने ये सुना, तो वो नाराज़ था / u>؛ उसकी आग ने याक़ूब <यु> को जला दिया / u> और उसके गुस्से ने इसराईल पर हमला किया (ज़बूर78:21 यू एल टी )
@ -37,16 +37,16 @@
> वो कहते हैं, 'इस आदमी को सौंप दो, जिसने अपने भाई को मार डाला I ताकि हम उसे मार डालें ताकि अपने भाई की ज़िंदगी का बदला ले सकें I और इसी तरह वो भी वारिस को तबाह कर देंगे I लिहाज़ा वो आपको छोड़करu>मेरे छोड़े हुए , जलते कोयले / u> डाल देंगेI और वो मेरे शौहरके लिए, जमीन पर , ना ही नाम निहाद औलाद छोड़गे I 2 समोयल14: 7 यू एल टी )
< ब्ल >आपको हमारे साथ मज़ीद जंग पर नहीं जाना चाहीए, ताकि आप इसराईल के चिराग़ को नहीं निकालें (2 समोयल21:17 यू एल टी ) < ब्ल >
<ब्ल >आपको हमारे साथ मज़ीद जंग पर नहीं जाना चाहीए, ताकि आप इसराईल के चिराग़ को नहीं निकालें (2 समोयल21:17 यू एल टी ) <ब्ल >
> में एक क़बीला सुलेमान के बेटे को दे दूंगा, ताकि मयरूशलम में, मेरे ख़ादिम डेविड के पास हमेशा , मेरे आगे एक u> चिराग़ / u> हो (1 किंगज़11:36 यू एल टी )
< ब्ल >इस के बावजूद दाऊद की ख़ातिर, ख़ुदावंद ,उसके ख़ुदा ने ,यरूशलम में उसे एक चिराग दिया Iवो चिराग उसका बीटा था , जिसकी परवरिश उसने
<ब्ल >इस के बावजूद दाऊद की ख़ातिर, ख़ुदावंद ,उसके ख़ुदा ने ,यरूशलम में उसे एक चिराग दिया Iवो चिराग उसका बीटा था , जिसकी परवरिश उसने
यरूशलम को मज़बूत करने के इरादे से किया (1 बादशाह15: 4 यू एल टी )
> बे-शकu> खबीस की रौशनी उसे तकलीफ देगी / <यु> ,उसकी लपटों में / <यु> चमक नहीं होगी करे / <यु> उसके ख़ेमा में अँधेरा होगा ; उस के ऊपर उस का चिराग़ / <यु> उसे तकलीफ देगा (मुलाज़मत18: 5-6 यू एल टी )
< ब्ल >क्योंकि आपने अपने चिराग़ से रोशनी दी है / <यु>؛ ख़ुदावंद मेरा ख़ुदा मेरी तारीकी को रोशन करता है / <यु>. (ज़बूर18:28  यू एल टी )
<ब्ल >क्योंकि आपने अपने चिराग़ से रोशनी दी है / <यु>؛ ख़ुदावंद मेरा ख़ुदा मेरी तारीकी को रोशन करता है / <यु>. (ज़बूर18:28  यू एल टी )
> वो एक धुधला जलता खबीस है , वो नहीं बुझेगा (यसईआह42: 3 यू एल टी )
@ -75,15 +75,15 @@
> ख़ुदावंद ने मेरे दुश्मनों को, मुझसे पहले, तेज़ पानी के बहाव के साथ दफ़न कर देता है / u>. (2 समोयल5:20 यू एल टी )
< ब्ल > वो अपने दुश्मनों को एक ज़बरदस्त <सेल / u> के साथ मुकम्मल तौर पर ख़त्म करेगा (नहम1: 8 यू एल टी ) < ब्ल >
<ब्ल > वो अपने दुश्मनों को एक ज़बरदस्त <सेल / u> के साथ मुकम्मल तौर पर ख़त्म करेगा (नहम1: 8 यू एल टी ) <ब्ल >
> मेरा दिल <यु>गम<यु> में डूबा जा रहा है (ज़बूर119: 28 यू एल टी )
< ब्ल > मैं पानी की तरह बहा जा रहा हु / <यु>. (ज़बूर22:14 यू एल टी )
<ब्ल > मैं पानी की तरह बहा जा रहा हु / <यु>. (ज़बूर22:14 यू एल टी )
> वो सीके बाद आएगा ,जब में सारे जिस्मों पे अपनी रूह का छिडकाव करूँगा (युवाईल2:28 यू एल टी )
< ब्ल > मेरे ख़ुदा, मेरी जान आपके अंदर <िघल गई / <यु> है (ज़बूर42: 6 यू एल टी )
<ब्ल > मेरे ख़ुदा, मेरी जान आपके अंदर <िघल गई / <यु> है (ज़बूर42: 6 यू एल टी )
> क्योंकि ये बहुत अच्छा है, ख़ुदावंद का ग़ुस्सा हम पर बरसा है / u> . (2 तारीख़34:21 यू एल टी )
@ -91,17 +91,17 @@
> एक झगडालू बीवी, <यु> पानी की लगातार गिरती हुई बूंदों की एक मुसलसल है / <यु> (इमसाल19:13 यू एल टी )
< ब्ल > इस के होंठ, सोसान के फूल है, <यु> जिस से बोल टपकते है / <यु>. (गाने, नग़मे5:13 यू एल टी )
<ब्ल > इस के होंठ, सोसान के फूल है, <यु> जिस से बोल टपकते है / <यु>. (गाने, नग़मे5:13 यू एल टी )
> मेरा कराहना u> पानी की छिडकाव की तरह है / u>. (मुलाज़मत3:24 यू एल टी
< ब्ल > एक आदमी के मुँह के अलफ़ाज़ u> गहिरी पानी / u> हैं; u> हिक्मती चश्मे और / u> नदी के बहाव की तरह है (इमसाल18: 3 यू एल टी )
<ब्ल > एक आदमी के मुँह के अलफ़ाज़ u> गहिरी पानी / u> हैं; u> हिक्मती चश्मे और / u> नदी के बहाव की तरह है (इमसाल18: 3 यू एल टी )
#### बाढ़ का पानी, कहर की नुमाइंदगी करता है
> में <यु> गहरे पानी में आ गया हूँ / <यु> जहां में u> सेलाब मेरे ऊपर बह रहा है / <यु>. (ज़बूर69: 2 यू एल टी )
< ब्ल > सेलाब के पानी को / <यु> मुझे निगलने मत दो (ज़बूर69:15 यू एल टी )
<ब्ल > सेलाब के पानी को / <यु> मुझे निगलने मत दो (ज़बूर69:15 यू एल टी )
> अपने हाथ ऊपर पहुँचाओ; मुझे उन ग़ैर मुल्कीयों के हाथ से u> और बहुत से पानी / u> से बचाओ (ज़बूर144: 7 यू एल टी )
@ -113,4 +113,4 @@
> हमारे ख़ुदा के सिवा यहाँ कौन सा पत्थर है? (ज़बूर18:31 यू एल टी
< ब्ल > ख़ुदावंद, मेरे चटाई, और मेरा नजातदिहंदा! (ज़बूर19:14 < ब्ल >
<ब्ल > ख़ुदावंद, मेरे चटाई, और मेरा नजातदिहंदा! (ज़बूर19:14 <ब्ल >

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@ -11,13 +11,13 @@
**तशबीह** भी एक इस्तार है , इसके अलावा ये “ जैसे की “ और “जैसा “ लफ्जों को एक इशारे की तरह इस्तेमाल करता है I तशबीह ऊपर दिए हुए तस्वीर को इस्तमाल करता है और कहेगा “"मेरी प्यार है <जैसे सुर्ख़, गुल है I
“ [बिब्लिकल तसवारत को देखें - मुतालिक रिवायत ](../bita-part1/01.md) पन्नों का लिंक जो की अस्तीफ़ा और तशबीह के सोच के बीच के मुतालिक रिवायत बताते है I
“ [बिब्लिकल तसवारत को देखें - मुतालिक रिवायत](../bita-part1/01.md) पन्नों का लिंक जो की अस्तीफ़ा और तशबीह के सोच के बीच के मुतालिक रिवायत बताते है I
आम इल्म बयानी
इल्म बयानी में, किसि चीज़ या सोच को उसके नाम से ना बुला के , किसी करीबी चीज़ के नाम से बुलाते है I
“ [बिबलिकल तसवरात के आम इल्मी बयां देखें ](../bita-part2/01.md) बाइबिल में इस्तमाल आम इल्मी बयां को जानने के लिए I
“ [बिबलिकल तसवरात के आम इल्मी बयां देखें](../bita-part2/01.md) बाइबिल में इस्तमाल आम इल्मी बयां को जानने के लिए I
### शाखाफ्ती किस्म

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@ -7,7 +7,7 @@
> उसने उस के वस्त में एक मीनार बनाया, और ये भी एक वाइन निकलने की मशीन के शक्ल में बनाई
> उसने अंगूर पैदा होने का इंतिज़ार किया, लेकिन वहां जंगली अंगूर हुए (यसईआह5: 1-2)
< ब्ल > जन्नत की बादशाही के लिए, यह एक ज़मीन दार की तरह है जो सुबह के वक़्त बाहर निकल कर अपने अंगूर के बाग़ीयों को मुलाज़िम ले कर आता है (मति20: 1 यु अल टी)
<ब्ल > जन्नत की बादशाही के लिए, यह एक ज़मीन दार की तरह है जो सुबह के वक़्त बाहर निकल कर अपने अंगूर के बाग़ीयों को मुलाज़िम ले कर आता है (मति20: 1 यु अल टी)
> एक आदमी था, उसके पास वसीअ पैमाने पर ज़मीन थी I उसने वहन अंगूर का बाग़ लगाया, उस के बारे में एक हुजूम मुक़र्रर किया
, इस में वाइन निकलने वाली मशीन लगायी , एक घड़ी-मीनार की तामीर की, और किसानों को अंगूर की खेती करने के लिए किराये पर लेकर आया फिर वो किसी दूसरे मुल्क में चला गया (मति21:33 यू अल टी)
@ -17,7 +17,7 @@
क्योंकि यहूदा , यरूशलम में हर एक को ये कहता है कि 'अपनी ज़मीन को अपनाओ
> और कांटे मत बोओं (यरमयाह4: 3 यू यू अल टी)
< ब्ल > जब कोई बादशाह का लफ़्ज़ सुनता है ,लेकिन उसे समझ में नहीं आता ... ये वही बीज है जो सड़क के क़रीब बोयें गए है I वो शख़्स जो लफ़्ज़ सुनता है और फोरा ख़ुशी से उसे समझता है , वो पथरीले पहाड़ों पे बोये बीज है I ... कटीले पौधों में जो बोया गया था, ये वही शख़्स है जो लफ़्ज़ तोह सुनते है, लेकिन दुनिया की निगहदाशत और धोकाधरी और अमीरोंकी दौलत के सामने इन्हें वो सुनाई नहीं देते है , ... जो बीज अच्छी मिट्टी पर किया बोया गया था, ये वही शख़्स है जो लफ़्ज़ सुनते और उसे अच्छी तरह समझते है (मति13: 19-23 यू अल टी)
<ब्ल > जब कोई बादशाह का लफ़्ज़ सुनता है ,लेकिन उसे समझ में नहीं आता ... ये वही बीज है जो सड़क के क़रीब बोयें गए है I वो शख़्स जो लफ़्ज़ सुनता है और फोरा ख़ुशी से उसे समझता है , वो पथरीले पहाड़ों पे बोये बीज है I ... कटीले पौधों में जो बोया गया था, ये वही शख़्स है जो लफ़्ज़ तोह सुनते है, लेकिन दुनिया की निगहदाशत और धोकाधरी और अमीरोंकी दौलत के सामने इन्हें वो सुनाई नहीं देते है , ... जो बीज अच्छी मिट्टी पर किया बोया गया था, ये वही शख़्स है जो लफ़्ज़ सुनते और उसे अच्छी तरह समझते है (मति13: 19-23 यू अल टी)
> आपकी नापाक ज़मीन को तोड़ दीजिये
> क्योंकि ये ख़ुदावंद की तलाश का वक़्त है ... (होसीया10:12 यू अल टी)
@ -31,11 +31,11 @@
#### फटकना और बिछना, अच्छे लोगों की बुरे लोगों से अलैहदगी की नुमाइंदगी करता है
किसान फसल की कटाई के बाद उसे किसी चपटे और सख्त सतह, बिछने के लिए आंगन में , लाते है I उनके पास बेलों से चलने वाली भारी पहिया गाडी होती है I या सिल्लियों के बग़ैर पहीयों वाले मशीन से से वो अनाज को भूसों से अलग कर देते है I वो उस बीचे हुए अनाज को बहार ले जाते है और हवा के रुख में गिरते है ,जिस से अनाज फटका जाता है I गीरे हुए अन्नाज को वो समेत लेते है , ये अब खाने लायक हो गया है ( फटकने और बेचने वाले तर्जुमा के पन्ने को देखें [ ट्रांसलेशन वर्ड्स ](https://unfoldingword.bible/tw/)
किसान फसल की कटाई के बाद उसे किसी चपटे और सख्त सतह, बिछने के लिए आंगन में , लाते है I उनके पास बेलों से चलने वाली भारी पहिया गाडी होती है I या सिल्लियों के बग़ैर पहीयों वाले मशीन से से वो अनाज को भूसों से अलग कर देते है I वो उस बीचे हुए अनाज को बहार ले जाते है और हवा के रुख में गिरते है ,जिस से अनाज फटका जाता है I गीरे हुए अन्नाज को वो समेत लेते है , ये अब खाने लायक हो गया है ( फटकने और बेचने वाले तर्जुमा के पन्ने को देखें [ ट्रांसलेशन वर्ड्स](https://unfoldingword.bible/tw/))
> लिहाज़ा में उन्हें ज़मीन के दरवाज़ों पर एक पचासगर के साथ जीत दूंगा मैं उन्हें बर्दाश्त करूँगा मैं अपने लोगों को तबाह करूँगा क्योंकि वो अपने तरीक़ों से नहीं निकलेंगे (यरमयाह15: 7 यू एल टी )
< ब्ल > उसका बेचने वाला कांता उसके पास है , जिससे वो फटके हुए अन्नाज को साफ़ कर के अपने गोदाम में जमा कर लेता है I लेकिन वो भूसे को आग लगा देगा ताकि वो ज़हमत ना दे (लूका3:17 यू एल टी ) < ब्ल >
<ब्ल > उसका बेचने वाला कांता उसके पास है , जिससे वो फटके हुए अन्नाज को साफ़ कर के अपने गोदाम में जमा कर लेता है I लेकिन वो भूसे को आग लगा देगा ताकि वो ज़हमत ना दे (लूका3:17 यू एल टी ) <ब्ल >
#### कलमें लगाना , ख़ुदा की तरफ़ इशारा करता है ,कि वो ग़ैरत लोगों को , अपना बनने की इजाज़त देता है I
@ -47,7 +47,7 @@
> ... वो आता है और आप पर नेक अमल की बारिश होती है (हवस10:12 यू एल टी )
< ब्ल > जमीन जो बारिश का सारा पानी पी जाती है ,और जो पौधों को जानती है , उनके लिए ये बहुत जरूरी है जो की जमीन पे काम करते है और जिनपे खुदा की करमत है I पर अगर इस पे कांटे और झाड़ियाँ हैं तोये नाकाबिले इस्तमाल है और ये खुदा का कहर है I जलना ही उसका आखिरी अंजाम है I
(इब्रानियों6: 7-8 यु एलटी )< ब्ल >
<ब्ल > जमीन जो बारिश का सारा पानी पी जाती है ,और जो पौधों को जानती है , उनके लिए ये बहुत जरूरी है जो की जमीन पे काम करते है और जिनपे खुदा की करमत है I पर अगर इस पे कांटे और झाड़ियाँ हैं तोये नाकाबिले इस्तमाल है और ये खुदा का कहर है I जलना ही उसका आखिरी अंजाम है I
(इब्रानियों6: 7-8 यु एलटी )<ब्ल >
> तो, भाईयों को सब्र करो, जब तक रब की आमद ना हो Iदेखो, किसान ज़मीन से काबिल-ए-क़दर फसलों का इंतिज़ार कर रहा है वो सब्र से इस का इंतिज़ार कर रहा है, जब तक इबतिदाई या देर से बारिश ना हो जाये (जेम्ज़5: 7 यु एलटी)

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@ -49,7 +49,7 @@
> उसे ख़ुदावंद के सामने ,  क़ुर्बान गाह  जाना होगा और उसके लिए कफारा करना होगा , से बेल के ख़ून और कुछ बकरी का ख़ून लेकर उसे क़ुर्बान गाह के सींगों पर डाल देना होगा I
उसे अपनी उँगलियों से कुर्बान गह पे सात बार खून छिड़कना होगा  , जिससे वो जगह साफ़ हो जाएगी और उसे ख़ुदावंद को वक़्फ़ करना होगा I यह सब इजराइल के लोगो के नापाक हरकतों से door होना चाहिए I (लेवितिकस 16:18-19 ULT)
< ब्ल क़्क्युओत > ये है क्योंकि उस दिन की तवक़्क़ुआत  आपके लिए जायेगा , ताकि आपके आपके सभी गुनाहों से पाक साफ़ किया जाये ताकि आप उस दिन खुदाबन्द के सामने पाक होंगे I(लेवितिकस 16:30 ULT)</blockquote>
<ब्ल क़्क्युओत > ये है क्योंकि उस दिन की तवक़्क़ुआत  आपके लिए जायेगा , ताकि आपके आपके सभी गुनाहों से पाक साफ़ किया जाये ताकि आप उस दिन खुदाबन्द के सामने पाक होंगे I(लेवितिकस 16:30 ULT)</blockquote>
#### ग़ैर जांबदारी ख़ुदा की मक़ासिद के लिए क़बूल नहीं होने की नुमाइंदगी करता है
@ -79,9 +79,9 @@
<blockquote>आपके लोगों की कितनी बरकत है , आपके खादिमों की कितनी बरकत है , जो की मुसलसल आपकी हिक्मत सुनते हैं (1 Kings 10:8 ULT)</blockquote>
.आपसे पहले आपकी अह्द वफ़ादारी और अमानत u> आती है < /u> (Psalm 89:14 ULT
.आपसे पहले आपकी अह्द वफ़ादारी और अमानत u> आती है </u> (Psalm 89:14 ULT
अह्द वफ़ादारी और एतिमाद भी यहां ,इंसानी खसूसियत की बात है (मुलाहिज़ा करें [शख़्सियत ](../figs-personification/01.md))
अह्द वफ़ादारी और एतिमाद भी यहां ,इंसानी खसूसियत की बात है (मुलाहिज़ा करें [शख़्सियत](../figs-personification/01.md))
### नशा मुतासिर होने की नुमाइंदगी करता है और वाइन फैसले की नुमंदगी करता है I
@ -102,7 +102,7 @@
### खा जाना , तबाही की नुमंदगी करता है
> खुदा ने [ इजराइल ] को मिस्त्र से बहार किया
> खुदा ने [ इजराइल] को मिस्त्र से बहार किया
> उसमें एक जंगली सांड जैसी ताकत है
><u> वह उस कौम को खा जायेगा जो उसके खिलाफ लडेगा
> वह उनकी हड्डियों के टुकड़े कर देगा
@ -206,7 +206,7 @@
<blockquote> इसलिए मेने एहद किया था की , वो कभी मेरे आरामगाह में ना घुस सके </u>. (प्साल्म 95:11 ULT)</blockquote>
> ये मेरी आरामगाह है , में हमेशा यही रहूंगी , क्योंकि में उसे चाहती हूँ [ ज़िओन ](प्साल्म 132:14 ULT
> ये मेरी आरामगाह है , में हमेशा यही रहूंगी , क्योंकि में उसे चाहती हूँ [ ज़िओन](प्साल्म 132:14 ULT
blockquote>कौमें उसकी तलाश करेगी और उसकी अरम्दाह जगह शानदार होगी ( यशायाह 11:10 ULT)</blockquote>
@ -220,7 +220,7 @@ blockquote>कौमें उसकी तलाश करेगी और उ
### बेचना किसी को इख्तियार देने की नुमायन्दगी करता है
> [Yahweh] फ़रोख़त ने [इसराईल के लोगों को ] आराम ना हरीम के बादशाह कोशन रशीतेम के हाथ में बेच दिया ( जजेस 3:8 ULT)
> [Yahweh] फ़रोख़त ने [इसराईल के लोगों को] आराम ना हरीम के बादशाह कोशन रशीतेम के हाथ में बेच दिया ( जजेस 3:8 ULT)
### बेठना , काबिज़ होने की नुमायन्दगी करता है

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@ -2,7 +2,7 @@
#### तम्बा ताक़त की नुमाइंदगी करता है
> वो तर्बीयत देता है ..मेरे बाजूओं को, < यु > ताम्बे <यु > के तीर को मोड़ने के लिए<यु> (ज़बूर18:34 यू यु अल टी)
> वो तर्बीयत देता है ..मेरे बाजूओं को, <यु > ताम्बे <यु > के तीर को मोड़ने के लिए<यु> (ज़बूर18:34 यू यु अल टी)
#### जंजीर ,इख़्तियार की, नुमाइंदगी करता है
@ -12,11 +12,11 @@
> ये ख़ुदा है, जो मुझे एक पट्टे की तरह ताकत अता करता है (ज़बूर18:32 यू यु अल टी )
< ब्ल > नैकियत और वफादारी उसके कमर की पट्टी होगी , जो उसके कुल्हे के चारों तरफ होगी < यु> (यशायाह 11:5 यु अल टी ) </ ब्लाक कौट >
<ब्ल > नैकियत और वफादारी उसके कमर की पट्टी होगी , जो उसके कुल्हे के चारों तरफ होगी <यु> (यशायाह 11:5 यु अल टी ) </ब्लाक कौट >
>हो सकता है की , मेरे मुख़ालिफ़ीन, नदामत से ढके हो/ <यु>؛ और वो अपने नमदत को कुबे की तरह पहनते हो <यु> (ज़बूर109: 29 यू उल्टी
< ब्ल > मैं अपने दुश्मनो को हया से ढक दूंगा </ u>. (ज़बूर132: 18 यूल टी )
<ब्ल > मैं अपने दुश्मनो को हया से ढक दूंगा </u>. (ज़बूर132: 18 यूल टी )
#### एक फंदा ( परिंदों के लिए बने गया जाल ) मौत
@ -24,11 +24,11 @@
> वो तुम्हे शिकारी के <यु> फंदे से बचाएगा (ज़बूर 91: 3 यूल्टी
< ब्ल > मौत की डोरी ने / u> मुझे घेर लिया है, और u> शेओल के फंदे मेरे सामने है / u> (ज़बूर116: 3 यू अल टी )
<ब्ल > मौत की डोरी ने / u> मुझे घेर लिया है, और u> शेओल के फंदे मेरे सामने है / u> (ज़बूर116: 3 यू अल टी )
> u> / शैतान u>  के u> डोरी ने u> मुझे फसा (ज़बूर119: 61 यू एल टी )
< ब्ल > शैतान ने मेरे लिए फंदा बनाया है / u>. (ज़बूर119: 110 यू एल टी )
<ब्ल > शैतान ने मेरे लिए फंदा बनाया है / u>. (ज़बूर119: 110 यू एल टी )
> शैतान अपने ही कामों में फँस गया है (ज़बूर9: 16 यू एल टी
@ -40,6 +40,6 @@
> इसी तरह ख़ुदा आपको हमेशा के लिए तबाह कर देगा ; वो तुझे अपने ख़ेमा से बाहर निकाल कर ले जायेगा (ज़बूर52: 5 यू एल टी )
< ब्ल > बदकारों का घर तबाह हो जाएगा, लेकिन अच्छों का ख़ेमा गुलज़ार रहेगा (इमसाल14:11 यू एल टी )
<ब्ल > बदकारों का घर तबाह हो जाएगा, लेकिन अच्छों का ख़ेमा गुलज़ार रहेगा (इमसाल14:11 यू एल टी )
अह्द वफ़ादारी में एक तख़्त क़ायम किया जाएगा, और दाऊद के खे़मे में से किसी वफ़ादार को वहां बिठाया जायेगा (यसईआह16: 5 यू एल टी )

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@ -1,4 +1,4 @@
ये सफ़ा ऐसे ख़्यालात पर तबादला-ए-ख़्याल करता है जो महिदूद तरीक़ों से जुड़ें हुएं हैं (ज़्यादा पेचीदा जोड़ी की बातचीत के लिए, देखें [बाइबल की तस्वीर सक़ाफ़्ती नमूना ](../bita-part3/01.md). *)
ये सफ़ा ऐसे ख़्यालात पर तबादला-ए-ख़्याल करता है जो महिदूद तरीक़ों से जुड़ें हुएं हैं (ज़्यादा पेचीदा जोड़ी की बातचीत के लिए, देखें [बाइबल की तस्वीर सक़ाफ़्ती नमूना](../bita-part3/01.md). *)
### तफ़सील
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ये नमूने इन तीनों चैलेंजों को पेश करती हैं जो उन्हें शनाख़्त करना चाहते हैं
1. बाइबल में ख़ास अस्तीफ़ा को देखते वक़्त, ये हमेशा वाज़िह नहीं है कि एक दूसरे के साथ दो नज़रिए जोड़े जाते हैं मिसाल के तौर पर, ये फ़ौरी तौर पर वाज़िह नहीं हो सकता है कि ये ख़ुदा है जो मुझे एक बैलट की तरह ताक़त देता है (ज़बूर18:32 यू उल्टी अख़लाक़ी मयार के साथ लिबास जोड़ी पर मबनी है इस सूरत में, बैलट की तस्वीर ताक़त की नुमाइंदगी करता है (देखें "लिबास अख़लाक़ी मयार की नुमाइंदगी करता है [बाइबल की तस्वीर इन्सान साख़ता आब्जेक्ट ](../figs-metaphor/01.md))
1. बाइबल में ख़ास अस्तीफ़ा को देखते वक़्त, ये हमेशा वाज़िह नहीं है कि एक दूसरे के साथ दो नज़रिए जोड़े जाते हैं मिसाल के तौर पर, ये फ़ौरी तौर पर वाज़िह नहीं हो सकता है कि ये ख़ुदा है जो मुझे एक बैलट की तरह ताक़त देता है (ज़बूर18:32 यू उल्टी अख़लाक़ी मयार के साथ लिबास जोड़ी पर मबनी है इस सूरत में, बैलट की तस्वीर ताक़त की नुमाइंदगी करता है (देखें "लिबास अख़लाक़ी मयार की नुमाइंदगी करता है [बाइबल की तस्वीर इन्सान साख़ता आब्जेक्ट](../figs-metaphor/01.md))
1. किसी मख़सूस इज़हार को देखते वक़्त, मुतर्जिम को ये जानना ज़रूरी है कि ये किसी चीज़ की नुमाइंदगी करता है I मिसाल के तौर पे , चीराग एक तेल वाले डब्बे और उजाला देने वाले बत्ती या ज़िन्दगी देने वाले मिसाल की नुमायन्दगी करता है I(../figs-simetaphor/01.md))
1 किंगज़7:50 में, एक चिराग़ ट्रेमर , बत्ती को पतला करने का औजार है I
2 समोयल21:17 मैं इसराईल का चिराग़ बादशाह डेविड की ज़िंदगी की नुमाइंदगी करता है जब लोगो कह रहे थे की इस्रेअल का चीराग खतरे में है तो वो बादशाह के मौत की बात कर रहे है I
< ब्ल >कप, u> चिराग़ / u> ट्रेलरज़, बेसिन, चम्मच और बुख़ार बर्नरज़ सब ख़ालिस सोने से बना रहे थे (1 किंगज़7:50 यू उल्टी < ब्ल >
<ब्ल >कप, u> चिराग़ / u> ट्रेलरज़, बेसिन, चम्मच और बुख़ार बर्नरज़ सब ख़ालिस सोने से बना रहे थे (1 किंगज़7:50 यू उल्टी <ब्ल >
एशबेंबूब .. डेविड को मारने का इरादा लेकिन सेवन का बेटा एबीसी ने दाऊद को बचाया, फ़लस्तीन पर हमला किया और उसे मार डाला फिर दाऊद के मर्दों ने इस से वाअदा क्या, "आपको हमारे साथ लड़ने के लिए नहीं जाना चाहीए, ताकि आप इसराईल का चीराग जलता रहे . (2 समोयल21: 16-17 यू उल्टी
@ -38,7 +37,7 @@
ज्यादातर , उन्हें , आम इल्मी बयां और सक़ाफ़्ती मॉडलज़ से जोड़ा जाता है या बताया जाता है I
(मुलाहिज़ा करें बाइबल की तस्वीर आम [मुमासिलत ](../figs-exmetaphor/01.md) और [बाइबल की तस्वीर सक़ाफ़्ती मॉडलज़ ](../bita-manmade/01.md))
(मुलाहिज़ा करें बाइबल की तस्वीर आम [मुमासिलत](../figs-exmetaphor/01.md) और [बाइबल की तस्वीर सक़ाफ़्ती मॉडलज़](../bita-manmade/01.md))
मिसाल के तौर पर, जे़ल में2 समोयल14: 7 मैं " जलता हुआ कोयला “ बेटे की ज़िन्दगी को दिखाती है I वो बताती है की लोग अपने असिमे आबा को कब याद करते है Iइसलिए यहाँ जोड़ियों के दो हिस्सें है ,जलता हुआ कोयला और बेटे की ज़िन्दगी , और नेते की असीमे अब्बा के साथ के यादें I
@ -49,8 +48,8 @@
मुंदरजा ज़ैल सफ़हात में कुछ ऐसे ख़्यालात की फ़हरिस्त मौजूद हैं जो बाइबल में दूसरों की नुमाइंदगी करते हैंI बाइबल की मिसाल के साथ साथ वो तस्वीर की किस्म के मुताबिक़ मुनज़्ज़म हैं I
* [बाइबल की तस्वीर जिस्म के हिस्से और इन्सानी क़ाबिलीयत ](../figs-metaphor/01.md)
* [बाइबल की तस्वीर इन्सानी रवैय्या ] - जिस्मानी और ग़ैर जिस्मानी आमाल, हालात और तजुर्बात दोनों में शामिल है
* [बाइबल की तस्वीर पौदों ](../bita-part2/01.md)
* [बाइबल की तस्वीर क़ुदरती वाक़िया ](../bita-part3/01.md)
* [बाइबल की तस्वीर इन्सान साख़ता आब्जेक्ट ](../bita-hq/01.md)
* [बाइबल की तस्वीर जिस्म के हिस्से और इन्सानी क़ाबिलीयत](../figs-metaphor/01.md)
* [बाइबल की तस्वीर इन्सानी रवैय्या] - जिस्मानी और ग़ैर जिस्मानी आमाल, हालात और तजुर्बात दोनों में शामिल है
* [बाइबल की तस्वीर पौदों](../bita-part2/01.md)
* [बाइबल की तस्वीर क़ुदरती वाक़िया](../bita-part3/01.md)
* [बाइबल की तस्वीर इन्सान साख़ता आब्जेक्ट](../bita-hq/01.md)

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@ -10,7 +10,7 @@
> अगर हम अपने ख़ुदा की आवाज़,थोड़ी और देर सुनेगे तो हम मर जाऐंगे (देउतेरोनोमी 5:25 यू एल टी )
< ब्ल > मुझे मेरे खुदावंद के हाथों ने मज़बूत किया है (अज़रा7:28 यू एल टी )
<ब्ल > मुझे मेरे खुदावंद के हाथों ने मज़बूत किया है (अज़रा7:28 यू एल टी )
> <यु> खुदा का हाथ जुदाह पे भी है , ताकि ये ख़ुदावंद के कलाम के ज़रीया बादशाहों और रहनुमाओं को हुक्म दे सके 2 तारीख़30:12 यू एल टी )
@ -62,13 +62,13 @@
> लेकिन u> ख़ुदा इन्हें मार देगा/ u>؛
अचानक वो उनके तीरों के साथ ज़ख़मी हो जाऐंगे (ज़बूर65: 7 यू एल टी )
< ब्ल >क्योंकि आप उन्हें वापिस कर देंगे, आप उनसे पहले उनको अपनी तरफ़ मुतवज्जा करेंगे/ u>. (ज़बूर21:12 यू एल टी )
<ब्ल >क्योंकि आप उन्हें वापिस कर देंगे, आप उनसे पहले उनको अपनी तरफ़ मुतवज्जा करेंगे/ u>. (ज़बूर21:12 यू एल टी )
#### एक रहनुमा को चरवाहे और जिनकी वो रहनुमयीं करता है उन्हें भेड़ की तरह दिखाया गया है I
फिर इसराईल के तमाम क़बीले दाऊद में हिब्रून में आए और कहा, "देखो .. जब साओल हमर बादशाह था, तो तुमने इसराईली फ़ौज की क़ियादत की थी I ख़ुदावंद ने तुमसे कहा, 'तुम चरवाहा / ए मेरे लोगो इसराईल और तुम इसराईल के हुकमरान बन जाओगे "(2 समोयल5: 1-2 यू एल टी )
< ब्ल > "अफ़सोस u> चरवाहा / u> जो मेरे <यु> पादरी / <यु> के <यु>भेड़ों को तबाह और तोड़ाता है , ये ख़ुदावंद का ऐलान है (यरमयाह23: 1 यू एल टी )
<ब्ल > "अफ़सोस u> चरवाहा / u> जो मेरे <यु> पादरी / <यु> के <यु>भेड़ों को तबाह और तोड़ाता है , ये ख़ुदावंद का ऐलान है (यरमयाह23: 1 यू एल टी )
> लिहाज़ा अपने बारे में एहतियात से रहो, और तमाम u> झुण्ड / u> जिसका रूहुल-क़ुदुस ने आपको निगरान बनाया है I चरवाहे से मुहतात रखो , जो की खुदा की मजलिस है , जिसे उसने अपने खून से खरीदा है I
मैं जानता हूँ कि मेरी रवानगी के बाद, शैतानि भेड़ीया आप में दाख़िल हो जाऐंगे, और <यु> झुण्ड को नहीं छोड़ेंगेI मैं जानता हूँ कि तुम में से किसी भी शख़्स से भी कुछ लोग आएँगे और बदउनवानी चीज़ें कहेंगे, ताकि शागिर्दों को दूर किया जा सके (आमाल20: 28-30 यू एल टी )
@ -115,9 +115,9 @@
> जो भी u> इन्सान का खून बहता है , उसका खून त ख़ून बहाया जाएगा, (पैदाइश 9: 6 यू एल टी )
< ब्ल >इस तरह, ये शख़्स उस शख़्स के हाथ से मर नहीं जाएगा , जो इससे बदला लेने के लिए चाहते थे / u>،जो खून बहा था उसके लिए I जब तक मुजरिम फ़र्द असैंबली सेआगे खड़ा ना हो जाये (यशवा20: 9 यू एल टी )
<ब्ल >इस तरह, ये शख़्स उस शख़्स के हाथ से मर नहीं जाएगा , जो इससे बदला लेने के लिए चाहते थे / u>،जो खून बहा था उसके लिए I जब तक मुजरिम फ़र्द असैंबली सेआगे खड़ा ना हो जाये (यशवा20: 9 यू एल टी )
अगर ख़ून बाहता है तो, फ़ित्रत ख़ुद, उस शख़्स को क़तल करने , इंतिक़ाम के ले-ए-रो रही है I(इस में शख़्सियत भी शामिल है, क्योंकि ख़ून को किसी ऐसे शख़्स की शक्ल में दिखाया जाता है जो रोका जा सकता है देखें [शख़्सियत ](../figs-personification/01.md))
अगर ख़ून बाहता है तो, फ़ित्रत ख़ुद, उस शख़्स को क़तल करने , इंतिक़ाम के ले-ए-रो रही है I(इस में शख़्सियत भी शामिल है, क्योंकि ख़ून को किसी ऐसे शख़्स की शक्ल में दिखाया जाता है जो रोका जा सकता है देखें [शख़्सियत](../figs-personification/01.md))
ख़ुदावंद ने कहा, "आपने क्या-किया है? आपके भाई का ख़ून मुझे बुला रहा है "(पैदाइश4:10 यू उल्टी
@ -149,13 +149,13 @@
> अगर मैं सुबह के परों के साथ उडूँगा और समुंद्र भर के पूरे हिस्सों में रहूँगा (ज़बूर139: 9 यू एल टी )
< ब्ल >लेकिन आपके लिए, जो मेरे नाम से डरते हैं, उस के रास्ते में शिफ़ा याबी के साथ सदाक़त का सूरज बढ़ जाएगा (मिलाए4: 2 यू एल टी ) < ब्ल >
<ब्ल >लेकिन आपके लिए, जो मेरे नाम से डरते हैं, उस के रास्ते में शिफ़ा याबी के साथ सदाक़त का सूरज बढ़ जाएगा (मिलाए4: 2 यू एल टी ) <ब्ल >
हवा तेज़ी से चलता है और उन्हें पंख के तौर पर पेश किया गया है
> वो बादल के <पंख पर-ए-परवज़ कर रह / u>. (2 सीम22:11 यू एल टी )
< ब्ल >उन्होंने एक चरोब पर सवार होकर उड़ान भरी और हवा के पंख पर स्वर हो गए (ज़बूर18:10 यू एल टी )
<ब्ल >उन्होंने एक चरोब पर सवार होकर उड़ान भरी और हवा के पंख पर स्वर हो गए (ज़बूर18:10 यू एल टी )
> आप हवा के पंखों पर चलते हैं / u> (ज़बूर104: 3 यू एल टी )
@ -190,7 +190,7 @@
> ये तब हुआ , जब मिस्रियों ने उनके तमाम पहलूओं को दफ़न कर दिया, जिन्हें खुदा बंद ने , उनके मबुदों को सजा देने के लिए मारा (नंबर33: 4 यू एल टी )
< ब्ल >और आपके मुल्क इसराईल की तरह कोंन मुलक है, जिस मुल्क में आप, ख़ुदा पास चले जाएँ और अपने आपको बचायें? .. आपने अपने लोगों से पहले क़ौमों और उनके माबूदों को निकाल दिया, जिसने आपको मिस्र से बचाया (2 समोयल7:23 यू एल टी )< ब्ल >
<ब्ल >और आपके मुल्क इसराईल की तरह कोंन मुलक है, जिस मुल्क में आप, ख़ुदा पास चले जाएँ और अपने आपको बचायें? .. आपने अपने लोगों से पहले क़ौमों और उनके माबूदों को निकाल दिया, जिसने आपको मिस्र से बचाया (2 समोयल7:23 यू एल टी )<ब्ल >
> इराम के बादशाह के ख़ादिम ने इस से कहा, ' उनके ख़ुदा पहाड़ों की देवता है लिहाज़ा वो मज़बूत थे हमसे ज़्यादा '' लेकिन अब हम उनके ख़िलाफ़ लड़ेंगे, और यक़ीनन हम उनसे कहीं ज़्यादा मज़बूत होंगे (1 किलोमीटर20:23 यू एल टी
@ -200,7 +200,7 @@
> उसने मेरे इर्द-गिर्द एक दीवार बनाया है / u>، और मैं फ़रार नहीं हो सकता उसने मेरी बेड़ियों को भारी बना दिया है (तलबा3: 7 यू एल टी )
< ब्ल > उन्होंने मेरे रास्ते को पत्थर की दीवारों के साथ रोक दिया है / u>؛ मैं हर रस्ते में फँस रहा हु (आलामयात3: 9 यू एल टी )
<ब्ल > उन्होंने मेरे रास्ते को पत्थर की दीवारों के साथ रोक दिया है / u>؛ मैं हर रस्ते में फँस रहा हु (आलामयात3: 9 यू एल टी )
> पैमाइश करने वाली लाइनें / u> मैं ख़ुशगवार जगहों पर मेरे लिए रखे गए हैं (ज़बूर16: 6 यू उल्टी

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@ -16,7 +16,7 @@
#### तर्जुमान
ये वो लोग हैं जो तरजमही दस्तकारी बनाने का काम करेंगे, वो तर्जुमा कमीशन की तरफ़ से मुक़र्रर की जाएँगी I उन्हें ऐसे अफ़राद की ज़रूरत है जो हदफ़ ज़बान के मुक़ामी बोलने वाले हैं, जो ज़रीया ज़बान (गेट वे ज़बान को अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं, और कम्यूनिटी में उनके ईसाई किरदार के लिए कौन एहतिराम किया जा सकता है इन चीज़ों के बारे में मज़ीद तफ़सीलात के लिए, देखें [मुतर्जिम क़ाबिलीयत ](../qualifications/01.md).
ये वो लोग हैं जो तरजमही दस्तकारी बनाने का काम करेंगे, वो तर्जुमा कमीशन की तरफ़ से मुक़र्रर की जाएँगी I उन्हें ऐसे अफ़राद की ज़रूरत है जो हदफ़ ज़बान के मुक़ामी बोलने वाले हैं, जो ज़रीया ज़बान (गेट वे ज़बान को अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं, और कम्यूनिटी में उनके ईसाई किरदार के लिए कौन एहतिराम किया जा सकता है इन चीज़ों के बारे में मज़ीद तफ़सीलात के लिए, देखें [मुतर्जिम क़ाबिलीयत](../qualifications/01.md).
साथ साथ पहले ड्राफ़्ट बनाने के लिए, ये लोग तर्जुमा टीम का बुनियादी बन जाऐंगे जो एक दूसरे के काम की जांच पड़ताल करेंगे I ज़बानी कम्यूनिटी के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल करेंगे और सतह2 और सतह3 चेकर्स से नज़र-ए-सानी के लिए तजावीज़ हासिल करेंगे I हर जायज़े या चैकिंग सैशन के बाद, ये तर्जुमान लाज़िमी तौर पर तर्जुमा में तबदीलीयां करने के लिए ज़िम्मेदार हैंI राबता सही तौर पे कायम करने के लिए वो तर्जुमा को दुबारा करने पे अमल करें I
@ -28,7 +28,7 @@
कुछ लोगों को ज़बानी कम्यूनिटी के अरकान के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल करने की ज़रूरत है ताकि इस बात का यक़ीन करें कि तर्जुमा वाज़िह है और हदफ़ ज़बान में क़ुदरती तौर पर मुतर्जिम हैंI अक्सर ये तर्जुमान खुद होते हैं पर ये कोई और भी हो सकते है I
जाचने वाले को तर्जुमा पढ़ना पड़ता है और फिर पूछना पड़ता है की वो इसे कैसे समझते है ?
, देखें [दीगर तरीक़ों ](../../checking/important-term-check/01.md).
, देखें [दीगर तरीक़ों](../../checking/important-term-check/01.md).
#### चेकर्स

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@ -2,9 +2,9 @@
### तफसील
* ** पहला शख़्स ** - तरकिक करने वाले खुद का, ज्यादातर ,ऐसे ही हवाल देता है I अंग्रेजी में , इसमें ज़मीर “ मैं “ और “ हम “ का इस्तेमाल होता है ( इस के इलावा मुझे, मेरा, मेरा, हम, हमारे, हमारे )
* ** दूसरा शख़्स ** - एक तक्रीकर इस तरीके से लोगों या शख्स की मिसाल देता है I अंग्रेजी , “ तुम “ इसमें ज़मीर इस्तेमाल करती है . (इस के इलावा आप आपका )
* ** तीसरी शख़्स ** - एक तक्रीकर इस तरीके से किसी और की बात करता है I अंग्रेज़ी का लफ़्ज़ "वो, "वो, "ये और "वो का इस्तिमाल करता है I (इस के इलावा उसका , उसकी , उसके “लिए ) नाउन फ्रसेस जैसे की “ आदमी “ या “औरत “ तीसरे शक्श है I
* **पहला शख़्स** - तरकिक करने वाले खुद का, ज्यादातर ,ऐसे ही हवाल देता है I अंग्रेजी में , इसमें ज़मीर “ मैं “ और “ हम “ का इस्तेमाल होता है ( इस के इलावा मुझे, मेरा, मेरा, हम, हमारे, हमारे )
* **दूसरा शख़्स** - एक तक्रीकर इस तरीके से लोगों या शख्स की मिसाल देता है I अंग्रेजी , “ तुम “ इसमें ज़मीर इस्तेमाल करती है . (इस के इलावा आप आपका )
* **तीसरी शख़्स** - एक तक्रीकर इस तरीके से किसी और की बात करता है I अंग्रेज़ी का लफ़्ज़ "वो, "वो, "ये और "वो का इस्तिमाल करता है I (इस के इलावा उसका , उसकी , उसके “लिए ) नाउन फ्रसेस जैसे की “ आदमी “ या “औरत “ तीसरे शक्श है I
### इसके तर्जुमा मसला होने की वजह
@ -13,7 +13,7 @@
### बाइबल की मिसाल
कभी कभी लोग,अपने आप का खिताब करने के लिए , “ में “ या “आप “ की जगह , तीसरे शख्स का इस्तेमाल करते है I
> पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34 यू एल टी )
> पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34 यू एल टी ))
डेविड अपने आक को तीसरे शख्स की तरह खिताब करता है जैसे” तुम्हारा खादीम “ . वो अपने आप को शाऊल का खादीम बता रहा था , जिससे वो सौ के लिए अपनी आजाजी देखा सके I
@ -41,7 +41,7 @@
1 इसमें ज़मीर “ में “ और “ तुम “ के साथ तीसरा शख्स इस्तमाल करे
* पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34  )
* पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34  ))
* > पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> मेरे <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था
1 1. तीसरे शख्स की जगह ,पहले शख्स के लिए “ मैं “ और दुसरे शख्स के लिए “ तुम” का इस्तमाल करे I

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@ -2,7 +2,7 @@
### तफ़सील
याद रकहें\ कि इस्म ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल से इशारा करते हैं ** इस्म मुजर्रिद ** ख़्यालात का हवाला देते हैं I ये उन ख़्यालात, ख़सुसीआत, वाक़ियात, हालात, या उन ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात भी हो सकते हैं ये ऐसी चीज़ें हैं जो जिस्मानी माअनों में नहीं देख जा सकते हैं , जैसे ख़ुशी, अमन, तख़लीक़, ख़ूबी, इतमीनान, इन्साफ़, सच्चाई, आज़ादी, इंतिक़ाम, मुसीबत, लंबाई और वज़न
याद रकहें\ कि इस्म ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल से इशारा करते हैं **इस्म मुजर्रिद** ख़्यालात का हवाला देते हैं I ये उन ख़्यालात, ख़सुसीआत, वाक़ियात, हालात, या उन ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात भी हो सकते हैं ये ऐसी चीज़ें हैं जो जिस्मानी माअनों में नहीं देख जा सकते हैं , जैसे ख़ुशी, अमन, तख़लीक़, ख़ूबी, इतमीनान, इन्साफ़, सच्चाई, आज़ादी, इंतिक़ाम, मुसीबत, लंबाई और वज़न
इस्म मुजर्रिद लोगों को इस से कम अलफ़ाज़ में ख़्यालात का इज़हार करने की इजाज़त देती है I ये आमाल या ख़सुसीआत को नाम देने का एक तरीक़ा है ताकि लोग उनके बारे में बात कर सकें I यह एक ज़बान में मुख़्तसर अस्सं रस्ते की की तरह है I मिसाल के तौर पर, इस्म मुजर्रिद इस्तिमाल करने वाले ज़बान में, लोग कह सकते हैं, "मैं गुनाह की बख़शिश में यक़ीन रखता हूँI लेकिन अगर ज़बान में दो इस्म मुजर्रिद "बख़शिश और "गुनाह नहीं हैं तो फिर उन्हें एक ही मअनी का इज़हार करने के लिए एक तवील अरसा बनाना होगा उन्हें ये कहना पड़ेगा, "मिसाल के तौर पर, मैं यक़ीन करता हूँ कि इन लोगों के गुनाहों के बावजूद अल्लाह उन्हें मांफ करना चाहता है ,” यहाँ इस्म की जगह जुमले फ़ैल का इस्तमाल हुआ है I
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1. जुमला को इस जुमले के साथ दुबारा रुजू करें जो इस्म मुजर्रिद का मअनी बयान करता है I इस के बजाय , नया फ़िक़रा एक फे़अल, अड्डो रब, या ख़ुलासा सुन्नत के तसव्वुर को इज़हार करने के लिए एक सिफ़त इस्तिमाल करेगा I
* ** ... u> बचपन से / u> आपने मुक़द्दस तहरीरों को मालूम किया .. ** (2 तेमथीसि3:15 ULT)
* **... u> बचपन से / u> आपने मुक़द्दस तहरीरों को मालूम किया ..** (2 तेमथीसि3:15 ULT)
* जब u> आप बच्चे थे / u> तभी से ,आपको मुक़द्दस तहरीर मालूम है
* लेकिन u> इतमीनान के साथ फ़लाह-ओ-बहबूद / मेंu> अज़ीम u> फ़ायदा / u> है * (1 तेमथीसि6: 6 यू उल्टी
* लेकिन u> ख़ुदाए / u> और u> मवाद / u> बहुत u> फ़ाइदामंद/ u> है
* लेकिन हम / u> फायदे में रहते है / u> जब हम खुदाए/ u> और u> मवाद / u> होते हैं
* लेकिन हम / u> फ़वाइद / u> जब हम />> ख़ुदा का एहतिराम करते हैं और इताअत करते हैं और जब हम />> हमारे साथ हैं / u>.
* ** आज u> नजात / u> इस घर में आया है, क्योंकि वो भी इबराहीम का बेटा है ** (लूका19: 9 यू उल्टी
* **आज u> नजात / u> इस घर में आया है, क्योंकि वो भी इबराहीम का बेटा है** (लूका19: 9 यू उल्टी
* आज लोगों को इस घर में u> बचाया गया है / u> ...
* आज ख़ुदा ने इस घर में लोगों को बचाया है / u>
* ** ख़ुदा अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता, जैसा कि कुछ हो सकता है ** (2 पतरस3: 9 यू उल्टी
* **ख़ुदा अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता, जैसा कि कुछ हो सकता है** (2 पतरस3: 9 यू उल्टी
* ख़ुदावंद अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता है, जैसा कि बाअज़ लोग आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ते हैं
* ** वो अंधेरे के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और दल के u> मक़ासिद / u> को ज़ाहिर करेगा ** (1 कर नत्थियों4: 5 यू उल्टी
* **वो अंधेरे के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और दल के u> मक़ासिद / u> को ज़ाहिर करेगा** (1 कर नत्थियों4: 5 यू उल्टी
* वो अंधेरे के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और उन चीज़ों को ज़ाहिर करेगा जिन्हें लोगों को करना चाहते है और वो वजूहात जिनके साथ उनको करना चाहते हैं / u>.

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@ -9,14 +9,14 @@
कुछ ज़बानें के जुमले में फीले ताज़म और फीले मुतादी दोनों होते हैं
* ** फीले ताज़म ** फ़ार्म में, मज़मून कार्रवाई करता है और उसका हमेशा ज़िक्र किया जाता है
* ** फीले मुतादी ** फ़ार्म में, कार्रवाई पर अमल किया जाता है, और जो करवाई करता है उसे हमेशा जाहिर नहीं किया जाता है I
* **फीले ताज़म** फ़ार्म में, मज़मून कार्रवाई करता है और उसका हमेशा ज़िक्र किया जाता है
* **फीले मुतादी** फ़ार्म में, कार्रवाई पर अमल किया जाता है, और जो करवाई करता है उसे हमेशा जाहिर नहीं किया जाता है I
जे़ल में फीले ताज़म और फीले मुतादी की मिसाल में, हमने इस मौज़ू पर-ज़ोर दिया है
* ** फीले ताज़म ** मेरा वालिद / u> ने2010 में घर तामीर किया
* ** फीले मुतादी ** घर / u> मेरे वालिद ने2010 मैं बनाया था
* ** फीले मुतादी ** घर / u> 2010 मैं तामीर किया गया था (ये ये नहीं बताया कि ये अमल किया है.
* **फीले ताज़म** मेरा वालिद / u> ने2010 में घर तामीर किया
* **फीले मुतादी** घर / u> मेरे वालिद ने2010 मैं बनाया था
* **फीले मुतादी** घर / u> 2010 मैं तामीर किया गया था (ये ये नहीं बताया कि ये अमल किया है.
#### वजूहात , की ये तर्जुमा का मसला है
@ -67,16 +67,16 @@
1. एक ही फे़अल को एक फ़आल सज़ा में इस्तिमाल करें और बताएं कि अमल किया है अगर आप ऐसा करते हैं तो, कार्रवाई हासिल करने वाले शख़्स पर तवज्जा मर्कूज़ रखने की कोशिश करें
* ** बेकर की गली से उसे हर-रोज़ रोटी u> दी गई थी ** (यरमयाह37:21 यू उल्टी
* **बेकर की गली से उसे हर-रोज़ रोटी u> दी गई थी** (यरमयाह37:21 यू उल्टी
*  बादशाह के मुलाज़मीन ने हर-रोज़ बैकरों की सड़क से यरमयाह को रोटी दी
1. इसी फे़अल को एक फ़आल जुमला में इस्तिमाल करें, और ये ना कहें कि किसने अमल किया I इस के बजाय, आम इज़हार की तरह "वो या "लोग या "किसी को इस्तिमाल करें I
* ** उस के लिए बेहतर होगा अगर उस की गर्दन के इर्द-गिर्द मी का पत्थर डाले जाऐं और उसे समुंद्र में फेंक दें ** (लूका17: 2 यू उल्टी
* **उस के लिए बेहतर होगा अगर उस की गर्दन के इर्द-गिर्द मी का पत्थर डाले जाऐं और उसे समुंद्र में फेंक दें** (लूका17: 2 यू उल्टी
* इस के लिए बेहतर होगा अगर u> वो उस की गर्दन के इर्द-गिर्द एक मी का पत्थर डालें और उसे समुंद्र में फेंक दें
* इस के लिए बेहतर होगा अगर किसी को अपनी गर्दन के इर्द-गिर्द एक भारी पत्थर डालें और उसे समुंद्र में फेंक दें
1. एक फ़आल फे़अल में एक मुख़्तलिफ़ फे़अल का इस्तिमाल करें
* ** बेकर की गली से हर-रोज़ रोटी u> दी गई थी ** (यरमयाह37:21 यू उल्टी
* **बेकर की गली से हर-रोज़ रोटी u> दी गई थी** (यरमयाह37:21 यू उल्टी
* उसे बेकार की गली से हर रोज़ रोटी मिलती है I

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@ -38,6 +38,6 @@
* उसने यह किर्बन गह के बारे में कहा ,” यही याह्वेह ने <यु>कुर्बान गाह <यु> के बारे में कहा , देखो ...वो लोग <यु> इस पे <यु> लोगों की हड्डियाँ जलांगे
**<यु> गिबोला की पहाड़ियों <यु> यहाँ <यु>तुमपे <यु> कोई ओस या बारिश नहीं होगी ** (2 समोयल1:21 यू एल टी )
**<यु> गिबोला की पहाड़ियों <यु> यहाँ <यु>तुमपे <यु> कोई ओस या बारिश नहीं होगी** (2 समोयल1:21 यू एल टी )
* <यु> इन गिबोला की पहाड़ियों के लिए <यु> , उनपे कोई ओस या बारिश नहीं होने दो <यु>

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@ -8,7 +8,7 @@
### बाइबल की मिसाल
बयानात आम तौर पर ** मालूमात ** फ़राहम करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है यूहना1: 6-8 जे़ल में तमाम जुमला बयानात हैं, और उनका काम मालूमात देना है
बयानात आम तौर पर **मालूमात** फ़राहम करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है यूहना1: 6-8 जे़ल में तमाम जुमला बयानात हैं, और उनका काम मालूमात देना है
> एक सख्श था, जिसे खुदा ने भेजा था , उसका नाम जॉन था I वो रौशनी के बारे में गवाही देने आया , ताकि उके जरिये लोग इस पर भरोसा करें I झोन खुद वो रौशनी नहीं था पर वो आया ताकि वो इसकी गवाही डे सके ( जॉन 1:6-8 यू एल टी )
@ -16,7 +16,7 @@
> उन्होंने उनको हुक्म दिया, "ये आपको करना चाहीए I आपमें से तीसरा , जो सब्बाथ पे आया है , वो शाह के घर पे नज़र रखेगा , और तीसरा सुर के दरवाज़े पे होगा , और तीसरा बगीचे के पीछे के दरवाज़े पे होगा I (2 शाह 11:5 यू एल टी )
एक जुमले को ** एक हिदायत ** देने के लिए भी इस्तिमाल किया जा सकता है I जे़ल में स्पीकर सिर्फ़ यूसुफ़ को यह नहीं कह रहा था जो कुछ जोज़फ़ मुस्तक़बिल में करेगा; वो जोज़फ़ को क्या करने की ज़रूरत थी वो कह रहा था I
एक जुमले को **एक हिदायत** देने के लिए भी इस्तिमाल किया जा सकता है I जे़ल में स्पीकर सिर्फ़ यूसुफ़ को यह नहीं कह रहा था जो कुछ जोज़फ़ मुस्तक़बिल में करेगा; वो जोज़फ़ को क्या करने की ज़रूरत थी वो कह रहा था I
वो एक बेटे को जन्म देगी और आप उसे जीसस के नामे से बुलाएँगे क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगा (मति1:21 यू उल्टी )
@ -47,7 +47,7 @@
1. अगर आपकी ज़बान में एक बयान का काम सही तरीक़े से नहीं समझा जाएगा तो, एक जमली किस्म को शामिल करें जो इस काम का इज़हार करेगी I
* **، रब, अगर आप चाहें तो u> आप मुझे साफ़ बना सकते हैं ** (मति8: 2 यू उल्टी आपको "मुझे पाक साफ़ कर सकते हैं की तक़रीब एक दरख़ास्त करना है बयान के इलावा, एक दरख़ास्त शामिल की जा सकती है I
* **، रब, अगर आप चाहें तो u> आप मुझे साफ़ बना सकते हैं** (मति8: 2 यू उल्टी आपको "मुझे पाक साफ़ कर सकते हैं की तक़रीब एक दरख़ास्त करना है बयान के इलावा, एक दरख़ास्त शामिल की जा सकती है I
* रब, अगर तुम चाहो तो u> आप मुझे साफ़ बना सकते हैं बराए मेहरबानी ऐसा करें
* ख़ुदावंद, अगर तुम चाहो तो u> बराह-ए-करम मुझे साफ़ करो मैं जानता हूँ कि आप ऐसा कर सकते हैं
@ -56,6 +56,6 @@
वो एक बेटे को जन्म देगी और आप उसे जीसस के नामे से बुलाएँगे क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगा (मति1:21 यू उल्टी )
वो एक बेटे को जन्म देगी और आपके लिए उसे जीसस के नामे से बुलाना लाज़मी है क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगा
* ** बेटा, आपके गुनाहों को बख़श दिया गया है ** लूका2: 5 यू उल्टी
* **बेटा, आपके गुनाहों को बख़श दिया गया है** लूका2: 5 यू उल्टी
* बेटा, में आपके गुनाहों को माफ़ करूँगा
* बेटा, ख़ुदा ने आपके गुनाहों को माफ़ कर दिया है

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@ -29,7 +29,7 @@
जुमला “जिसने उसे जनम दिया” तमीज़ करता है के बेटा किस औरत के लिए तल्खी है। वह तमाम औरतों के लिए तल्खी नहीं, बल्के अपनी माँ के लिए है।
** अल्फ़ाज़ और जुमलों की मिशालें जो किसी चीज़ की बाबत इज़ाफ़ी मालूमात या याद दहानी फ़राहम करने के लिए इस्तेमाल होती हैं**: ये उन ज़बानों के लिए तर्जुमा का मसअला है जो इनको इस्तेमाल नहीं करती हैं।
**अल्फ़ाज़ और जुमलों की मिशालें जो किसी चीज़ की बाबत इज़ाफ़ी मालूमात या याद दहानी फ़राहम करने के लिए इस्तेमाल होती हैं**: ये उन ज़बानों के लिए तर्जुमा का मसअला है जो इनको इस्तेमाल नहीं करती हैं।
>... क्योंके <u>तेरे रास्त फ़ैसले</u> भले हैं। (ज़बूर 119:39 ULT)
@ -57,13 +57,10 @@
* **मैं उनसे नफ़रत करता हूँ जो <u>बेकार</u> बुतों की ख़िदमत करते हैं** (ज़बूर 31:6 ULT) “बेकार बुतों” कहने के ज़रिए, दाऊद तमाम बुतों के बारे में तब्सरे कर रहा था और उनकी ख़िदमत करने वालों से नफ़रत करने की अपनी वजह बता रहा था। वह बेकार बुतों को क़ीमती बुतों से फ़र्क नहीं कर रहा था
* <u>क्योंके</u> बुत बेकार हैं, मैं उनसे नफ़रत करता हूँ जो उनकी ख़िदमत करते हैं।
* **... क्योंके तेरे <u>रास्त</u> फ़ैसले भले हैं।** (ज़बूर 119:39 ULT)
* ... तेरे फ़ैसले भले है <u>क्योंके</u> वो रास्त हैं।
* क्या सारा, <u>जो नब्बे बरस की है</u>, औलाद पैदा कर सकती है? पैदाइश 17:17-18 ULT) जुमला “जो नब्बे बरस की है” सारा के उमर की याद दहानी है। यह बताता है के अब्राहम सवाल क्यों पूछ रहा था। उसने उम्मीद नहीं की थी के एक औरत जो इतनी बूढ़ी थी, बच्चा पैदा कर सकती थी।
* क्या सारा औलाद पैदा कर सकती है <u>यहाँ तक के जब</u> वो नब्बे बरस की है?
* **मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा, <u>जो सिताइश के लाइक है</u>** (2 समुएल 22:4 ULT) ख़ुदावन्द सिर्फ़ एक है। जुमला “जो सिताइश के लाइक है” ख़ुदावन्द को पुकारने की वजह देता है।
मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा, <u>क्योंके</u> वह सिताइश के लाइक है

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@ -44,7 +44,6 @@
* **क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन <u>नहीं</u> जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द <u>न</u> हो सके।** (इब्रानियों 4:15 ULT)
* “क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन है जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द हो सकता है”।
* **...ताके वो <u>बे</u>फल<u></u>रहें।** (तितुस 3:14 ULT)
* “...ताके वो फलदार हो सकें”।
@ -52,6 +51,5 @@
* **यक़ीनन-बदकार <u>बे</u>सज़ा<u>न</u> छूटेगा...** (अम्साल11:21 ULT)
* “यक़ीनन-बदकार को सज़ा <u>ज़रूर</u> मिलेगी...”
* सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं, और जो कुछ पैदा हुआ है उसमे से कोई चीज़ भी उसके <u>बगैर</u>पैदा <u>नहीं</u> हुई। (यूहन्ना 1:3 ULT)
* “सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं। हर एक शय जो पैदा हुआ है <u>बिल्कुल</u> उसी ने पैदा कीं”

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@ -31,7 +31,6 @@
1. लापता अलफ़ाज़ को ना-मुकम्मल जुमला या सज़ा में शामिल करें
* ... शैतान फ़ैसले में खड़ा नहीं होगा, और ना नेकों के के लितमा में खता-कर होगा (ज़बूर1: 5)
* .. शैतान फ़ैसले में खड़ा नहीं होगा, और नेकों के के लितमा में खता-कर नहीं खड़ा होगा
> ... जब अंधे आदमी के क़रीब था, यसवा ने इस से पूछा, "तुम मुक्झ्से क्या चाहते हो ? उन्होंने कहा, "रब, में चाहता हु की मेरी आँखों की रौशनी वापस आ जाये . (लूका18: 40-41 यू उल्टी

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@ -20,7 +20,7 @@
> मर्यम फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि मैं कभी किसी आदमी के साथ नहीं सोयी ? (लूका1:34 यू उल्टी )
** पुरसुकून होना **, मर्यम ने एक खुश कलामी का इस्तिमाल करता है कहने का मतलब है कि उसने कभी कभी मर्द के साथ जिन्सी ताल्लुक़ नहीं रहा I
**पुरसुकून होना**, मर्यम ने एक खुश कलामी का इस्तिमाल करता है कहने का मतलब है कि उसने कभी कभी मर्द के साथ जिन्सी ताल्लुक़ नहीं रहा I
### तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली
@ -37,8 +37,8 @@
... जहां ग़ार था साओल, वहां गड्ढा <यु> खोदने <यु> अन्दर गया<यु> I
... जहां ग़ार था साओल, वहां कुछ समय अकेले गुजरने गया . <यु>I
*** मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि मैं कभी किसी आदमी के साथ नहीं सोयी <यु> ? ***(लूका1:34 यू उल्टी )
* मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि<यु> में किसी आदमी को नहीं जानती हु <यु> ((ये असल यूनानी में इस्तिमाल किया जाता गया खुश कलामी , है )
* **मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि मैं कभी किसी आदमी के साथ नहीं सोयी <यु> ?** (लूका1:34 यू उल्टी )
* मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि<यु> में किसी आदमी को नहीं जानती हु <यु> ((ये असल यूनानी में इस्तिमाल किया जाता गया खुश कलामी , है ))
1. वाज़िह तौर पर बग़ैर किसी खुश कलामी के  मालूमात को पेश करे , बशर्ते वो जरीहाना ना हो I

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@ -2,7 +2,7 @@
बाइबिल में वाक्यात उस सिसिलावर तरीके से नहीं कहे जाते है जैसे वो होते है I मुसन्निफ़ किसी ऐसी बात पर तबादला-ए-ख़्याल करना चाहता है जो, अभी बात कर रहे वाक्यात से, पहले हो चुके है I ये पढने वाले के लिए उलझन की स्थिति पैदा कर सकता है I
**ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह ** क़ारईन ये सोच सकते हैं कि ये वाक़ियात ईसि सिलसिलेवार ढंग से हुए है जैसे बताये गए है I इन्हें इन वाक़ियात के सही हुक्म को समझने में मदद करना ज़रूरी है I
**ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह** क़ारईन ये सोच सकते हैं कि ये वाक़ियात ईसि सिलसिलेवार ढंग से हुए है जैसे बताये गए है I इन्हें इन वाक़ियात के सही हुक्म को समझने में मदद करना ज़रूरी है I
### बाइबिल की मिसालें
@ -10,7 +10,7 @@
ये सुसने में ऐसा लग सकता है की जॉन ने , जेल में कैद होने के बाद , जीसस को बेपताईज्द किया
>***<सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ ***(यशवा6: 8-10 यू उल्टी )
><सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ (यशवा6: 8-10 यू उल्टी )
ये ऐसा लग सकता है जैसे की जशुआ ने, जब फौज कुछ कर चुकी थी , तब हुक्म दिया हो की , चिल्लाओ नहीं , I पर असल में जसुआ ने ये हुक्म तब ही दिया जब तक फ़ौज ने कूच नहीं किया था I
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### तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली
1. अगर आपकी ज़बान में जुमले या वक़्त के अलफ़ाज़ का इस्तिमाल होता है तो यह दिखाएँ की , ये वाक्य , पहले बताये गए वाक्य से पहले हो चूका है I दोनों में से किसी एक के इस्तिंला की कोशिश करें I
1. अगर आपकी ज़बान फे़अल कशीदगी या पहलू इस्तिमाल करती है तो, ये ज़ाहिर करने के लिए कि, पहले जिक्र वाकये से, ये वाक़िया पहले हो चूका है I इस का इस्तिमाल करते हुए ग़ौर करें (मुलाहिज़ा करें पहलूओं पर हिस्से [ज़बानें ](../figs-verbs/01.md))
1. अगर आपकी जबान में , वाक्य सिर्फ सिसिलेवर ढंग से ही बताया जा सकता हिया तो , सारे वाक्यों को सिसिलेवार ढंग से ही बताये I इसके लिए एक या दो नज़मों को भी डाकने की ज़रुरत हो सकती है ( जैसे 5-6 ) ( देखें : [ शायरी तनीम ])
1. अगर आपकी ज़बान फे़अल कशीदगी या पहलू इस्तिमाल करती है तो, ये ज़ाहिर करने के लिए कि, पहले जिक्र वाकये से, ये वाक़िया पहले हो चूका है I इस का इस्तिमाल करते हुए ग़ौर करें (मुलाहिज़ा करें पहलूओं पर हिस्से [ज़बानें](../figs-verbs/01.md))
1. अगर आपकी जबान में , वाक्य सिर्फ सिसिलेवर ढंग से ही बताया जा सकता हिया तो , सारे वाक्यों को सिसिलेवार ढंग से ही बताये I इसके लिए एक या दो नज़मों को भी डाकने की ज़रुरत हो सकती है ( जैसे 5-6 ) ( देखें : [ शायरी तनीम])
### लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें
1. अगर आपकी ज़बान में जुमले , समय बताने वाले लफ्ज़, या हाल का इस्तिमाल होता है तो, बताये गए वाकये से पहले हुए वाकये को बताने के लिए , उनको इस्तेमाल करें I
* < सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I < सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
* < सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I < सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की ,जॉन को जेल में डालने से पहले , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
* ** किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है ** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
* ** किताब खोलने के बाद इसकी मुहर तोड़ने के काबिल कोण है ?** ( रेवेलाशन 5:2 यु अल टी )
* <सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
* <सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की ,जॉन को जेल में डालने से पहले , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
* **किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
* **किताब खोलने के बाद इसकी मुहर तोड़ने के काबिल कोण है ?** ( रेवेलाशन 5:2 यु अल टी )
1. अगर आपकी ज़बान फे़अल कशीदगी या पहलू इस्तिमाल करती है तो ये ज़ाहिर करने के लिए, बताये गए वाकये से ये, वाक़िया पहले ही ज़िक्र हो चूका है , इन पर भी गौर फरमाए I
* **<सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ ** (यशवा6: 8-10 यू उल्टी )
* **<सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ** (यशवा6: 8-10 यू उल्टी )
* <सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I
1. अगर आपकी जबान में , वाकया उस सिलसिले में कहा जाता है जिस में हुआ है तो . वाक्यों को फीर से जमाये I इसके लिए एक या दो नज़्म जोड़ने की जरूरत हो सकती है ( जैसे की 5-6 )
* <सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I ( जोशुआ 6 : 8 -10 यु एल टी )
* <सप> 8 </सप> यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I तब जोशुआ ने ओगों से कहा ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे I
* ** किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है ** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
* **किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
* मुहर तोड़ने और किताब खोलने के काबिल कोण है ?
आप ये विडियो भी देख सकते है http://ufw.io/figs_events.

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@ -14,14 +14,14 @@
कुछ अस्तिजाब में ऐसे अलफ़ाज़ होते है जो की जजबात दिखाते है I कुछ जुमे नीचे दिए गए है जिसमे “ओह” और “आह “ यहाँ तक़रीर करने वाले की हैरानगी को बयां करते है I
> <यु> ओह </ यु> ओह ! दानाई अफरात और खुदा का शुरूर ! ( रोमन 11 : 33 यु एल टी )
> <यु> ओह </यु> ओह ! दानाई अफरात और खुदा का शुरूर ! ( रोमन 11 : 33 यु एल टी )
“अह” बताता है की लफ़्ज़ से पता चलता है कि गाइडन बहुत ख़ौफ़नाक था I
गाईडीओंन समझ गया की कि ये ख़ुदावंद का फ़रिश्ता था I गाईडीओंन ने कहा, " <यु> आह <यु> ख़ुदावंद के खुदा !, क्योंकि मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने सामने देखा है. (जज 6:22 यू उल्टी )
कुछ अस्तिजाब सवाल से शुरू होते है जैसे की “ कैसे “ या “ क्यों “ जबकि वो सवाल नहीं होते है I नीचे दिए गए जुमले ये बताते है की तक़रीर करने वाला , खुदा के फैसलों की गैर जांबदारी पे कितना हैरान था I
> <यु> कैसे </ यु> गैर जांबदारी उसके फैसले है और और उनके तरीक़े दरयाफ़त करने से बाहर हैं (रोमीयों11:33 यू उल्टी )
> <यु> कैसे </यु> गैर जांबदारी उसके फैसले है और और उनके तरीक़े दरयाफ़त करने से बाहर हैं (रोमीयों11:33 यू उल्टी )
बाइबल में कुछ अस्तिजाब में अहम फे़अल नहीं होते हैं I मुंदरजा ज़ैल से अस्तिजाब ज़ाहिर होता है कि तक़रीर करने वाला उस शख़्स से गुस्सा है जिस से वो बात कर रहा है I
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1. अगर आपकी ज़बान में अस्तिजाब को एक फे़अल की ज़रूरत है, तो एक शामिल करें I अक्सर, "है या "हैं. एक अच्छा फे़अल है I
* ** आप बेकार शख़्स है ** (मथ्यु 5:22 यू एलटी )
* **आप बेकार शख़्स है** (मथ्यु 5:22 यू एलटी )
* आप बिलकुल बेकार शख्स <यु> है <यु> !
* ओह ! दानाई अफरात और खुदा का शुरूर ! ( रोमन 11 : 33 यु एल टी )
1. अपनी जबान से एक अस्तिजाब का इस्तेमाल करें जो की मज़बूत एहसास को ज़ाहिर करती हो I जे़ल में, लफ्ज़ "वाह “ से पता चलता है कि वो हैरानकुन थे I Iइज़हार "ओह नहीं” से पता चलता है कि कुछ ख़ौफ़नाक हुआ है I

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@ -1,6 +1,6 @@
### तफसील
कुछ जबानो में “ हम “ को एक से ज्यादा तरीके से बयां किया जाता है , एक सामाईत तरीका होता है जिसका मतलब “ मैं और तुम “ होता है और **एक ख़ुसूसी **तरीका होता है ,जिसका मतलब , “ में और कोई और होता है “ पर <यु> तुम <यु> नहीं I ख़ुसूसी तरीके में , जिसे बात कही जाती है , उसे शामिल नहीं किया जाता है I जबकि सामाईत तरीके में जिसे कहा गया हो उसे , और ज्यादातर दूसरों को भी शामिल किया जाता है I यह बात “ हम “ , “हमारा “, “हमारे” और “ हमको “ के लिए भी सही है I कुछ जबानो में इन सब के लिए ख़ुसूसी और सामाईत रूप होते है I तर्जुमान , जिसकी जबान में , इन लफ़्ज़ों के ख़ुसूसी और सामाईत रूप अलग अलग होते है , उन्हें ये समझना चहिये की बोलने वाला क्या कह रहा है , जिसेसे वो ये फैसला ले पाएं की कोण सा रूप इस्तेमाल करना है I
कुछ जबानो में “ हम “ को एक से ज्यादा तरीके से बयां किया जाता है , एक सामाईत तरीका होता है जिसका मतलब “ मैं और तुम “ होता है और **एक ख़ुसूसी**तरीका होता है ,जिसका मतलब , “ में और कोई और होता है “ पर <यु> तुम <यु> नहीं I ख़ुसूसी तरीके में , जिसे बात कही जाती है , उसे शामिल नहीं किया जाता है I जबकि सामाईत तरीके में जिसे कहा गया हो उसे , और ज्यादातर दूसरों को भी शामिल किया जाता है I यह बात “ हम “ , “हमारा “, “हमारे” और “ हमको “ के लिए भी सही है I कुछ जबानो में इन सब के लिए ख़ुसूसी और सामाईत रूप होते है I तर्जुमान , जिसकी जबान में , इन लफ़्ज़ों के ख़ुसूसी और सामाईत रूप अलग अलग होते है , उन्हें ये समझना चहिये की बोलने वाला क्या कह रहा है , जिसेसे वो ये फैसला ले पाएं की कोण सा रूप इस्तेमाल करना है I
तस्वीर देखें I दायीं तरफ के लोग वो है जिस से बोलने वाला बात कर रहा है I पीले रंग से नुमाया , बताते है की कौन सामाईत और कौन ख़ुसूसी है I

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@ -19,31 +19,31 @@
ज़बूर23: 1-4 मैं, मुसन्निफ़ का कहना है कि , खुदा की, अपने लोगों के लिए ख़दशात और देख-भाल को चरवाहे की अपनी भेड़ के देखभाल से दिखाया जा सकता है I चरवाहा , भेड़ को वो सब कुछ देता है जो उन्हें चाहिए , उन्हें महफूज़ जगह पे ले जाता है , उनकी रहनुमाई करता है , और उनकी हिफाज़त करता है I ख़ुदा उनके लोगों के लिए जो करता है वो इन आमाल की तरह है I
> < सप> 1< सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I
> < सप> 2< सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I
> <सप> 1<सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I
> <सप> 2<सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I
> वो <यु> मुझे ले जाता है </यु> आरामदेह और पुरसुकून पानी के साथ
< सप> 3< सप> वह <यु> मुझमें ज़िन्दगी वापस </यु> लेके आता है I
<सप> 3<सप> वह <यु> मुझमें ज़िन्दगी वापस </यु> लेके आता है I
>वो <यु> मुझे हिदायत देता है </यु>
उसके नाम के लिए सही रास्ते पे चलने के लिए
< सप> 4< /सप> चाहे में अंधेरे की साय वाले वादी में चल रहा हूँ I
<सप> 4</सप> चाहे में अंधेरे की साय वाले वादी में चल रहा हूँ I
> जब आप मेरे साथ हो तो मुझे किसी बात का ख़ौफ़ नहीं है I
> आपकी राह और आपके अमले मुझे सुकून देते है Iयू एल टी )
यसईआह5: 1-7 मैं, यसईआह ने अपने लोगों के साथ ख़ुदा की मायूसी कुछ इस तरह पेश की है , वो अपने लोगों से ऐसे मायूस थे जैसे की एक किसान ये महसूस करे की उसके वाइन के बगीचे में केवल ख़राब अंगूर ही होते है ,आखिरकार किसान उसकी देखभाल करना बंद कर देता है I 1 से6 तक की आयतें जाहिर तौर पे बताती है की वो सिर्फ खुदा और उसके बन्दों के बारे में है I
< सप> 1< /सप>...मेरे प्यारे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर एक अंगूर का बाग़ था I
< सप> < /सप>...उसने उसकी खुदाई की, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी पसंद के वाइन वहां लगायें
<सप> 1</सप>...मेरे प्यारे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर एक अंगूर का बाग़ था I
<सप> </सप>...उसने उसकी खुदाई की, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी पसंद के वाइन वहां लगायें
> उसने बीचो बीच एक मीनार बनाया , और एक वाइन निकलने वाली मशीन बनाई I
> उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां जंगली अंगूर हुए I
> < सप >3<सप/> अब , जेरूसलम के बाशिंदों और जिदाह के लोगों
> <सप >3<सप/> अब , जेरूसलम के बाशिंदों और जिदाह के लोगों
> मेरे और अंगूर के खेत के बीच में फैसला करो
> < सप >4<सप/> में अपने अंगूर के खेतों लिए क्या कर सकता हूँ जो मैंने पहले नहीं किया हो ?
> <सप >4<सप/> में अपने अंगूर के खेतों लिए क्या कर सकता हूँ जो मैंने पहले नहीं किया हो ?
> जब मैं उनसे अंगूर उगने की उम्मीद करता हूँ , तब वो जंगली अंगूर क्यों दे रहे है ?
> < सप >5<सप/> में तुम्हे बताऊँगा की मैं अपने अंगूर के खेतों का क्या करूंगा ; मैं सरे झाड़ियों के बाद हटा दूंगा ;
> <सप >5<सप/> में तुम्हे बताऊँगा की मैं अपने अंगूर के खेतों का क्या करूंगा ; मैं सरे झाड़ियों के बाद हटा दूंगा ;
> मैं इसे एक चारागाह बना दूंगा ; मैं इसके दीवार तोड़ दूंगा , मैं इसे रौंद दूंगा
> सप > 6</,सप> मैं इसे वीरान छोड़ दूंगा , मुझे कोई शक या शुबा नहीं है , लेकिन कटीली झाड़ियों और कांतों के बीच बहार आएगी I
> मैं बादलों को हुकुम दूंगा की बारिश ना करें I
@ -65,8 +65,8 @@
1. अगर हदफ़ के सामईन को लगता है कि तसावीर को लफ़्ज़ी तौर पर समझना चाहीए, तो उसे "जैसे या "के तौर पर इस्तिमाल करके एक संबल के तौर पर तर्जुमा करें I ये सिर्फ़ पहली दफ़ा या दो में करने के लिए काफ़ी हो सकता है ज़बूर23: 1-2 को मिसाल के तौर पर देखें
> < सप> 1< सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I
> < सप> 2< सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I
> <सप> 1<सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I
> <सप> 2<सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I
> वो <यु> मुझे ले जाता है </यु> आरामदेह और पुरसुकून पानी के साथ
@ -77,14 +77,14 @@
1. अगर हदफ़ सामईन तस्वीर को नहीं जानते तो, इस का तर्जुमा करने का एक तरीक़ा ढूंढें ताकि वो समझ सकें कि तस्वीर किया है
> ** मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु> बाग़ था<यु> **
> ** उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के वाइन वहां लगायें **
> **मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु> बाग़ था<यु>**
> **उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के वाइन वहां लगायें**
> उसने बीचो बीच एक <यु> मीनार <यु> बनाया , और <यु> एक वाइन निकलने वाली मशीन <यु> बनाई I
> ** उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां <यु> जंगली अंगूर<यु> हुए ,**( यशायाह 5:1-2 यू एल टी )
> **उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां <यु> जंगली अंगूर<यु> हुए ,**( यशायाह 5:1-2 यू एल टी )
इसका ऐसे तर्जुमा किया जा सकता है
> ** मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु>अंगूर का बाग़ था<यु> **
> ** उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के अंगूर के पौधे लगायें **
> **मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु>अंगूर का बाग़ था<यु>**
> **उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के अंगूर के पौधे लगायें**
> उसने बीचो बीच एक <यु> मीनार <यु> बनाया , और <यु> एक वाइन निकलने वाली मशीन <यु> बनाई , जहाँ वो अंगूर का रस निकल सके I
> उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां <यु> जंगली अंगूर<यु> हुए जो की वाइन बनाने के लिए सही नहीं थे “

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@ -1,6 +1,6 @@
* ** बाहमी इलम ** का मतलब है ,जो भी एक बोलने वाला, अपने सुनने वालों की शरूर के बारे में तस्लीम करता है और कुछ उनको कुछ किस्म की मालूमात फ़राहम करता है I तक़रीर करने वाले ने दो तरीक़ों से सामईन की मालूमात फ़राहम की है
* ** वाज़िह मालूमात ** स्पीकर जिसका बराह-ए-रास्त रियासत करता है I
* ** वाज़िह इत्तिलाआत ** वही है जो स्पीकर बराह-ए-रास्त रियासत नहीं करता क्योंकि उस की तवक़्क़ो है कि वो अपने सामईन को इस के बारे में सीखा सके I
* **बाहमी इलम** का मतलब है ,जो भी एक बोलने वाला, अपने सुनने वालों की शरूर के बारे में तस्लीम करता है और कुछ उनको कुछ किस्म की मालूमात फ़राहम करता है I तक़रीर करने वाले ने दो तरीक़ों से सामईन की मालूमात फ़राहम की है
* **वाज़िह मालूमात** स्पीकर जिसका बराह-ए-रास्त रियासत करता है I
* **वाज़िह इत्तिलाआत** वही है जो स्पीकर बराह-ए-रास्त रियासत नहीं करता क्योंकि उस की तवक़्क़ो है कि वो अपने सामईन को इस के बारे में सीखा सके I
### तफ़सील
@ -8,13 +8,13 @@
स्पीकर इस बात का फ़र्ज़ करता है कि इस के सामईन पहले से ही कुछ चीज़ों को जानता है जो कि उन्हें इस मालूमात को समझने के लिए सोचने की ज़रूरत होगी I आम तौर पर वो लोगों को ये चीज़ें नहीं बताता, क्योंकि वो पहले ही उन्हें जानता है इसे * फ़र्ज़ इलम * कहा जाता है I
स्पीकर हमेशा हर चीज़ को बराह-ए-रास्त एहतिराम नहीं करता जिसे वो चाहता है की उसके समायीन समझे की वो क्या कह रहा है I वो मालूमात जो वो , अपने कहे बातों से ,चाहता है की लोग जाने , चाहे उसे सीधे तौर पे उसने कहा ही ना हो उसे ** वाज़िह मालूमात ** कहते है I
स्पीकर हमेशा हर चीज़ को बराह-ए-रास्त एहतिराम नहीं करता जिसे वो चाहता है की उसके समायीन समझे की वो क्या कह रहा है I वो मालूमात जो वो , अपने कहे बातों से ,चाहता है की लोग जाने , चाहे उसे सीधे तौर पे उसने कहा ही ना हो उसे **वाज़िह मालूमात** कहते है I
अक्सर, सामईन ऐसे * वाज़िह इत्तिलाआत को समझते हैं ** जो पहले से ही इलम रखते हैं (* समझ लिया * **) वाज़िह मालूमात के साथ कि स्पीकर उन्हें बराह-ए-रास्त बता रहा है I
अक्सर, सामईन ऐसे * वाज़िह इत्तिलाआत को समझते हैं जो पहले से ही इलम रखते हैं (**समझ लिया**) वाज़िह मालूमात के साथ कि स्पीकर उन्हें बराह-ए-रास्त बता रहा है I
### वजूहात ये तर्जुमा का मसला है
तीन किस्म की मालूमात स्पीकर के पैग़ाम का हिस्सा हैं I अगर उनमें से किसी किस्म की मालूमात ग़ायब हो गयी तो, सामईन पैग़ाम को समझ नहीं पाएँगे I क्योंकि हदफ़ तर्जुमा एक ऐसी ज़बान में है जो बाइबल की ज़बानों से बहुत मुख़्तलिफ़ है और ऐसे सामईन के लिए बना दिया गया है जो बाइबल के लोगों के मुक़ाबले में बहुत मुख़्तलिफ़ वक़्त और जगह में रहते हैं I कई बार * इलमी इलम * या * ** वाज़िह मालूमात ** पैग़ाम से ग़ायब होते है दूसरे अलफ़ाज़ में, जदीद क़ारईन सब कुछ नहीं जानते हैं जो की कि बाइबल को असल में बोलने वाले और सुनने वाले जानते थे I जब पैग़ाम को समझने के लिए ये चीज़ अहम हैं तो, आप इस मालूमात को मतन में या तन्क़ुईदे हसिया में शामिल कर सकते हैं I
तीन किस्म की मालूमात स्पीकर के पैग़ाम का हिस्सा हैं I अगर उनमें से किसी किस्म की मालूमात ग़ायब हो गयी तो, सामईन पैग़ाम को समझ नहीं पाएँगे I क्योंकि हदफ़ तर्जुमा एक ऐसी ज़बान में है जो बाइबल की ज़बानों से बहुत मुख़्तलिफ़ है और ऐसे सामईन के लिए बना दिया गया है जो बाइबल के लोगों के मुक़ाबले में बहुत मुख़्तलिफ़ वक़्त और जगह में रहते हैं I कई बार * इलमी इलम * या * **वाज़िह मालूमात** पैग़ाम से ग़ायब होते है दूसरे अलफ़ाज़ में, जदीद क़ारईन सब कुछ नहीं जानते हैं जो की कि बाइबल को असल में बोलने वाले और सुनने वाले जानते थे I जब पैग़ाम को समझने के लिए ये चीज़ अहम हैं तो, आप इस मालूमात को मतन में या तन्क़ुईदे हसिया में शामिल कर सकते हैं I
### बाइबल की मिसाल
@ -28,7 +28,7 @@
यसवा ने फ़र्ज़ किया कि वो जिनसे बात कर रहे थे जानते थे कि टायर और सदावन बहुत कबीस थे I और फैसले का दिन , वो है जब ख़ुदा हर शख़्स का फ़ैसला करेगा Iयसवा भी ये जानते थे की वो जिन लोगों से बात कर रहे हैं वो इस बात पर यक़ीन रखते थे कि वो अच्छे थे और उन्हें तौबा करने की ज़रूरत नहीं थी I यसवा ने उन्हें इन चीज़ें को बताने की ज़रूरत नहीं थी ये सब * फ़र्ज़ इलम * है
** वाज़िह मालूमात ** का एक अहम हिस्सा ये है कि वो लोग जिनसे वो बात कर रहे थे वो तौबा नहीं करते, उन्हें टायर और सदावन के मुक़ाबले में कम शदीद नहीं समझा जाएगा I
**वाज़िह मालूमात** का एक अहम हिस्सा ये है कि वो लोग जिनसे वो बात कर रहे थे वो तौबा नहीं करते, उन्हें टायर और सदावन के मुक़ाबले में कम शदीद नहीं समझा जाएगा I
> आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो खाते हैं तो <अपने ते नह हैं (मथ्यु15: 2 यू एल )
@ -49,15 +49,11 @@
यसवा ने इस पे कहा, "लोमड़ियों के पास <यु>सुराख़<यु> हैं, और आसमान के परिंदों के <यु>पास घोंसला<यु> हैं, लेकिन इन्सान का बेटा उस के सर पर क़ाबू नहीं रखता है. (मेथ्यु 8:20 यू एल टी ) यहाँ मोतबर मालूमात यह है की लोमड़ी अपने सुराख़ में और परिंदे अपने घोंसले में सोते है I
* यसवा ने उस से कहा ,” लौमादी के पास <यु> रहने के लिए सुराख़ है , और परिंदों के पास रहने के लिए <यु> घोंसला है , पर इंसान के बेटे के पास सर छुपाने और सोने की कोई जगह नहीं है I “
* ये, फैसले के दिन, <यु> टायर और सिडॉन<यु> के लिए, तुमसे ज्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा (मथ्यु 11:22 यू एल टी ) यहाँ फ़र्ज़ किया मालूमात यह है की , टायर और सिडॉन के लोग बहुत कबीस है I इसे वज़ह तौर पे बताया जा सकता है I
* ... ये आपके मुक़ाबले में, <यु> फ़ैसले के दिन, u> टायर और सिदोन <यु> शहरों <यु> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा , जिनके लोग बहुत शदीद </यु> थे I
* या फिर
* ... आपके मुक़ाबले में, फ़ैसले के दिन , उस बदतरीन शहर टायर और सीडोन / u> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा I
* ** आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो खाते हैं तो वो अपने हाथों को नहीं धोते ** (मथ्यु15: 2 यू एल टी ) - माक़ूल इलम ये था कि बुज़ुर्गों की रवायात में से एक तक़रीब यह थी, जिसमें लोग, खाने से पहले, अपना हाथ, रुहानी तौर पर साफ़ होने के लिए ,धो लेंगे , और उन्हें सालिह होना चाहीए I जैसा कि एक जदीद क़ारईन सोच सकता है की अगर गन्दगी नहीं साफ़ की गयी तो , वो बीमार हो जायेंगे I
* **आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो खाते हैं तो वो अपने हाथों को नहीं धोते** (मथ्यु15: 2 यू एल टी ) - माक़ूल इलम ये था कि बुज़ुर्गों की रवायात में से एक तक़रीब यह थी, जिसमें लोग, खाने से पहले, अपना हाथ, रुहानी तौर पर साफ़ होने के लिए ,धो लेंगे , और उन्हें सालिह होना चाहीए I जैसा कि एक जदीद क़ारईन सोच सकता है की अगर गन्दगी नहीं साफ़ की गयी तो , वो बीमार हो जायेंगे I
* आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो <यु> खाते <यु> है तो सदाक़त के <यु> रस्मी <यु> वसूलों की तामील नहीं करते है I
1. अगर क़ारईन पैग़ाम को नहीं समझ पता है क्योंकि वो कुछ मोतबर मालूमात नहीं जानते हैं, फिर उस मालूमात को साफ़ साफ़ बताएं, लेकिन ऐसा इस तरह ना करें कि ये असल सामईन के लिए एक नयी मालूमात बन जाए I
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इस के बाद एक मुसानिफ उस के पास आए और कहा, "उस्ताद, में जहां भी जाऊँगा आपकी पैरवी करूँगा I यसवा ने इस पे कहा, "लोमड़ियों के पास <यु>सुराख़<यु> हैं, और आसमान के परिंदों के <यु>पास घोंसला<यु> हैं, लेकिन इन्सान का बेटा उस के सर पर क़ाबू नहीं रखता है. (मेथ्यु 8:20 यू एल टी ) यहाँ मुताबिर मालूमात यह है की जीसस खुद आदमी के बेटे है I दूसरा मुताबिर मालूमात यह है की मुसानिफ उनकी राह पर चलना चाहता है , उसे जीसस की तरह बिना घर के रहना होगा I
* यसवा ने उस से कहा ,” लौमादी के पास <यु> रहने के लिए सुराख़ है , और परिंदों के पास रहने के लिए <यु> घोंसला है , पर इंसान के बेटे के पास आराम करने के लिए कोई <यु>घर<यु> नहीं है I अगर तुम मेरी राह पे चलना कहते हो तो तुम वैसे ही रहोगे जैसे में रहता हूँ <यु>
* ... ये आपके मुक़ाबले में, फ़ैसले के दिन, टायर और सिदोन के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा I यहाँ मोतबर मालूमात यह है की , खुदा उन लोगो का सिर्फ फैसला ही नहीं करेगा पर उन्हें सजा भी देगा I यह एक वाजिह मालूमात हो सकती है I
* ... ये आपके मुक़ाबले में, <यु> फ़ैसले के दिन, u> टायर और सिदोन <यु> शहरों <यु> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा , जिनके लोग बहुत शदीद </यु> थे I
* फैसले के दिन , खुदा तुम्हे , टायर और सिदोन,ऐसे शहर जहाँ के लोग ज्यादा कबीस थे , से , ज्यादा शदीद <यु> सजा <यु> देगा I

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यसवा सिर्फ़ मर्दों की बात नहीं कर रहा था बल्कि * मर्दों और औरतों दोनों के बारे में बोल रहा था I
** एहतियात ** कभी कभी मअरदाना अलफ़ाज़ खासतौर पर मर्दों का हवाला देते हैं I ऐसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल ना करें जिसे लोगों को लगे की खातून इसमें शामिल नहीं है I नीचे ख़त खीचें गए अलफ़ाज़ सिर्फ मर्दों के लिए है I
**एहतियात** कभी कभी मअरदाना अलफ़ाज़ खासतौर पर मर्दों का हवाला देते हैं I ऐसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल ना करें जिसे लोगों को लगे की खातून इसमें शामिल नहीं है I नीचे ख़त खीचें गए अलफ़ाज़ सिर्फ मर्दों के लिए है I
> मोसेस ने कहा , अगर कोई <यु>आदमी <यु>मर जाता है , जिसके कोई बच्चे नहीं थे , तो <यु> उसके <यु> भाई को पत्नी के साथ शादी कर लीनी <यु>चाहिए <यु> , और <यु>उसके<यु> भाई<यु> के लिए बच्चे करने चाहिए I ( मार्क 22:24 यू एल टी )
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1. नारैणों का इस्तिमाल करें जो मर्द और औरत दोनों के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
* ** बेवक़ूफ़ / u> जैसे ही अक्लमंद आदमी भी मर जाता है ** (कलीसिया2:16 यू एल टी )
* **बेवक़ूफ़ / u> जैसे ही अक्लमंद आदमी भी मर जाता है** (कलीसिया2:16 यू एल टी )
* "अक्लमंद <यु> शख़्स <यु>व्वासे ही मर जाता है जैसे की बेवकूफ शख्स I
* “"अक्लमंद <यु> लोग <यु> वैसे ही मर जाते है जैसे की बेवकूफ शख्स मरते है .”
1. ऐसे लफ्ज़ का इस्तमाल करें जो की मर्द और औरत से मुराद हो
* ** हम नहीं चाहते की आप नावाकिफ रहे , <यु> भाई <यु> एशिया में हमें जो मुश्कालत हुई है .** (2 कोरिन्थिंस 1:8 ) पॉल ये ख़त मर्द और खातून दोनों को लिख रहा है I
* ** हम नहीं चाहते की आप नावाकिफ रहे , <यु> भाईयों और बहनों <यु> एशिया में हमें जो मुश्कालत हुई है .** (2 कोरिन्थिंस 1:8 )
* **हम नहीं चाहते की आप नावाकिफ रहे , <यु> भाई <यु> एशिया में हमें जो मुश्कालत हुई है .** (2 कोरिन्थिंस 1:8 ) पॉल ये ख़त मर्द और खातून दोनों को लिख रहा है I
* **हम नहीं चाहते की आप नावाकिफ रहे , <यु> भाईयों और बहनों <यु> एशिया में हमें जो मुश्कालत हुई है .** (2 कोरिन्थिंस 1:8 )
1. ऐसे इस्म का इस्तेमाल करें जो की मर्दों और औरतों के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है I
* ** अगर कोई मेरी रह पैर चलना चाहता है , तो वो अपने आपको इनकार करे, अपने क्रास को लेकर मेरा पैरोकार करें ** (मथ्यु 16:24 यू एल टी ) - अंग्रेज़ी बोलने वाले , मर्दानी वाहिद इस्म , जैसे की “वो “,” उसका “ उसने “ जमा इस्म में बदल सकते है , जो की जींस के बारे में नहीं बताती है I “ वो “ “ उन्होंने “ उनका “ को यह बताने के लिए इस्तमाल करे की की वो सबके लिए इस्तमा किये जा सकए है I
* **अगर कोई मेरी रह पैर चलना चाहता है , तो वो अपने आपको इनकार करे, अपने क्रास को लेकर मेरा पैरोकार करें** (मथ्यु 16:24 यू एल टी ) - अंग्रेज़ी बोलने वाले , मर्दानी वाहिद इस्म , जैसे की “वो “,” उसका “ उसने “ जमा इस्म में बदल सकते है , जो की जींस के बारे में नहीं बताती है I “ वो “ “ उन्होंने “ उनका “ को यह बताने के लिए इस्तमाल करे की की वो सबके लिए इस्तमा किये जा सकए है I
* ” अगर <यु> लोग <यु> मेरी राह पे चलना चाहते है , <यु> उन्हें <यु> अपने आपको <यु> चोदना होगा , अपना क्रॉस लेन्ना होगा और मेरे पीछे चलना होगा .”

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@ -2,7 +2,7 @@
जिंसी इस्म फीकरा ,किसी खास की जगह आम लोगों और चीज़ों के बार में बात करता है I  ये अक्सर नबुव्वत में होता है, क्योंकि मुबस्सिरीन ऐसी चीज़ों के बारे में बताते हैं जो आम तौर पर लोगों के बारे में सच्च हैं I
क्या <यु> एक आदमी </ u> अपने पांव को छीले बग़ैर गर्म कोयले पर चल सकता है ?
क्या <यु> एक आदमी </u> अपने पांव को छीले बग़ैर गर्म कोयले पर चल सकता है ?
> तो u> वो आदमी जो अपने पड़ोसी की बीवी पे जाता है / u>؛
> <यु>जिसका उसके साथ रिश्ता है <यु> वो <यु> बिना सजा के नहीं जा सकता है (इमसाल 6:28 यू एल टी )
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1. इस्म फिक्रेह में “ द “ का इस्तेमाल करें
* लोग उस <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I (मक्वाला 11:26 यू एल टी )
* " लोग उस <यु> वैसे आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I
1. इस्म फिक्रेह में “ किसी“ को “ किसी आदमी “ या “ कोई “ के लिए इस्तेमाल करें

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@ -46,7 +46,7 @@
> लेकिन अगर आप मेरे रिश्तेदारों के पास <यु>आयेंगे<यु> तो आपके हलफ़ से आज़ाद हो जाऐंगे और वो आपको उसे नहीं दे सकेंगे फिर तुम मेरे हलफ़ से आज़ाद हो (पैदाइश24:41 यू उल्टी )
> लेकिन अगर आप मेरे रिश्तेदारों के पास <यु>जायेंगे<यु> तो आपके हलफ़ से आज़ाद हो जाऐंगे और वो आपको उसे नहीं दे सकेंगे फिर तुम मेरे हलफ़ से आज़ाद हो (पैदाइश24:41 यू उल्टी )
* **इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>गयी <यु> ** ( लुक 1:24 यू एल टी )
* **इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>गयी <यु>** ( लुक 1:24 यू एल टी )
> इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>आयी <यु> ( लुक 1:24 यू एल टी )
@ -58,5 +58,5 @@
ख़ुदावंद ने नूह से कहा, "आप और आपके तमाम घर वालों को कश्ती में <यु>ले आओ <यु> (पैदाइश7: 1 यू उल्टी )
* ”ख़ुदावंद ने नूह से कहा, "आप और आपके तमाम घर वालों को कश्ती में <यु> आ जाओ <यु> (पैदाइश7: 1 यू उल्टी )
* **इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>गयी <यु> ** ( लुक 1:24 यू एल टी )
* **इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>दीखी <यु> **
* **इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>गयी <यु>** ( लुक 1:24 यू एल टी )
* **इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>दीखी <यु>**

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@ -1,18 +1,18 @@
अलफ़ाज़ और साख़त , क़वायीदे जबान , के दो अहम हिस्से हैं Iसाख़त में ये शामिल है कि हम अलफ़ाज़, मक़ालों, और जुमले बनाने के लिए साथ साथ अलफ़ाज़ डालें I
** तक़रीर के हिस्सों ** - एक ज़बान में तमाम अलफ़ाजो तक़रीर का हिस्सा कहते हैं (मुलाहिज़ा करें [बयान के हिस्से ](../figs-partsofspeech/01.md))
**तक़रीर के हिस्सों** - एक ज़बान में तमाम अलफ़ाजो तक़रीर का हिस्सा कहते हैं (मुलाहिज़ा करें [बयान के हिस्से](../figs-partsofspeech/01.md))
** इंतिबाह ** - जब हम बोलते हैं, हम अपने ख़्यालात में जुमले को मुनज़्ज़म करते हैं आम तौर पर जुमला, एक वाक़िया या एक सूरत-ए-हाल या होने वाली हालत के बारे में मुकम्मल ख़्याल होता है मुलाहिज़ा करें [सज़ा साख़त ](../figs-sentences/01.md))
**इंतिबाह** - जब हम बोलते हैं, हम अपने ख़्यालात में जुमले को मुनज़्ज़म करते हैं आम तौर पर जुमला, एक वाक़िया या एक सूरत-ए-हाल या होने वाली हालत के बारे में मुकम्मल ख़्याल होता है मुलाहिज़ा करें [सज़ा साख़त](../figs-sentences/01.md))
* सज़ाएं बयानात, सवालात, हुक्म, या इआलमेह हो सकती हैं (मुलाहिज़ा करें [आलामीया ](../figs-sentencetypes/01.md))
* सज़ाएं एक से ज़्यादा शक़ हो सकती हैं (मुलाहिज़ा करें [सज़ा साख़त ](../figs-sentences/01.md))
* कुछ ज़बानें फ़आल और ग़ैर फ़आल जुमले हैं (देखें [फ़आल या ग़ैर फ़आल ](../figs-activepassive/01.md))
* सज़ाएं बयानात, सवालात, हुक्म, या इआलमेह हो सकती हैं (मुलाहिज़ा करें [आलामीया](../figs-sentencetypes/01.md))
* सज़ाएं एक से ज़्यादा शक़ हो सकती हैं (मुलाहिज़ा करें [सज़ा साख़त](../figs-sentences/01.md))
* कुछ ज़बानें फ़आल और ग़ैर फ़आल जुमले हैं (देखें [फ़आल या ग़ैर फ़आल](../figs-activepassive/01.md))
** मालिकाना हुकूक ** - ये ज़ाहिर करता है कि दो इस्माईलों के दरमयान ताल्लुक़ है I अंग्रेज़ी में ये " मुहब्बत खुदा की "या “ तें” "के साथ ख़ुदा की मुहब्बतें "के तौर पर या मालिकाना हुकुक इस्म जैसे “ उसकी मोहाबत “ के तौर पे निशानदेह किया जाता है I (मुलाहिज़ा करें [पोज़ीशन ](../figs-possession/01.md))
**मालिकाना हुकूक** - ये ज़ाहिर करता है कि दो इस्माईलों के दरमयान ताल्लुक़ है I अंग्रेज़ी में ये " मुहब्बत खुदा की "या “ तें” "के साथ ख़ुदा की मुहब्बतें "के तौर पर या मालिकाना हुकुक इस्म जैसे “ उसकी मोहाबत “ के तौर पे निशानदेह किया जाता है I (मुलाहिज़ा करें [पोज़ीशन](../figs-possession/01.md))
** नाज़िर ** - एक नाज़िर एक मारसाला है जो ये बता है की किसी और ने क्या कहा है I
**नाज़िर** - एक नाज़िर एक मारसाला है जो ये बता है की किसी और ने क्या कहा है I
* एक नाज़िर के दो हिस्से होते है : इस बात की मालूमात की किसने क्या कहा और किस शख्स ने क्या कहा I  [नाज़िर और इक़तिबास देखे ](../writing-quotations/01.md))
* हवालाजात या तो बराह-ए-रास्त हवालाजात या ग़ैर मुस्तक़ीम हवालाजात हो सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [बराह-ए-रास्त और ग़ैर मुस्तक़ीम नाजीर ](../figs-quotations/01.md))
* इक़तिबास उनके अंदर हवाला दे सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [नाजीर के अंदर दर्जात ](../figs-quotesinquotes/01.md))
* नाज़िर इसे निशानदेह करने में आसानी कर देता है की किसने क्या कहा ( देखे [ नाज़िर की निशानदेही ]( ../figs-quotemarks/01.md )
* एक नाज़िर के दो हिस्से होते है : इस बात की मालूमात की किसने क्या कहा और किस शख्स ने क्या कहा I  [नाज़िर और इक़तिबास देखे](../writing-quotations/01.md))
* हवालाजात या तो बराह-ए-रास्त हवालाजात या ग़ैर मुस्तक़ीम हवालाजात हो सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [बराह-ए-रास्त और ग़ैर मुस्तक़ीम नाजीर](../figs-quotations/01.md))
* इक़तिबास उनके अंदर हवाला दे सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [नाजीर के अंदर दर्जात](../figs-quotesinquotes/01.md))
* नाज़िर इसे निशानदेह करने में आसानी कर देता है की किसने क्या कहा ( देखे [ नाज़िर की निशानदेही]( ../figs-quotemarks/01.md ))

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@ -4,7 +4,7 @@
> ... उनकी अपनी <दश और जल (1 थसलनं2:12 यू एल )
अगरचे "सलतनत और "जलाल दोनों लफ़्ज़ों में इस्म हैं, "जलाल असल में बताता है कि किस किस्म की बादशाही है : यह एक “ * जलाल की बादशाही है * या ** एक शानदार बादशाही **
अगरचे "सलतनत और "जलाल दोनों लफ़्ज़ों में इस्म हैं, "जलाल असल में बताता है कि किस किस्म की बादशाही है : यह एक “ * जलाल की बादशाही है * या **एक शानदार बादशाही**
#### ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह है
@ -34,26 +34,24 @@
1. वज़ाहत के साथ लफ़्ज़ी सिफ़त को एक ख़ासीयत के साथ बदल दें जिसका एक जैसा ही मतलब हो I
* ** मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u> **दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
* **मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u>**दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
* क्योंकि में आपको/> अलफ़ाज़ / u> दूंगा I
* ** कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जो आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है ** (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
* **कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जो आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है** (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
* आपको ऐसे अंदाज़ में चलना चाहीए जो ख़ुदा के लायक़ है, जो आपको आपकी शानदार सलतनत / u> के लिए बुलाये
1. एक जमहूरीयत के साथ बयान करदा संजय को तबदील करें जिसका एक जैसा मतलब हो I
* ** मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u> **दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
* **मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u>**दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
* क्योंकि में आपको/> अलफ़ाज़ / u> दूंगा I
* ** कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जिसने आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है ** (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
* **कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जिसने आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है** (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
* कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जिसने आपको <यु> उसकी<यु> बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है
1. तशरीह के साथ बयान करदा सिफ़त को तबदील करें जिसका एक जैसा मतलब है I
* ** अगर आप u> तैयार / u> और u> मुतमइन है / u> ** (यसईआह1:19 यू एल टी )
* **अगर आप u> तैयार / u> और u> मुतमइन है / u>** (यसईआह1:19 यू एल टी )
* अगर आप > दिल से मुतमइन हैं / u>
1. तक़रीर के दीगर हिस्सों को एक ही चीज़ का मतलब है और ये ज़ाहिर होता है कि एक लफ़्ज़ दूसरे की वज़ाहत करता है
* ** अगर आप u> तैयार और फ़रमांबर्दारी / u> है ** (यसईआह1: 1 9) - सिफ़त "फ़रमांबर्दार फे़अल के साथ मुतबादिल किया जा सकता है "इताअत.
* **अगर आप u> तैयार और फ़रमांबर्दारी / u> है** (यसईआह1: 1 9) - सिफ़त "फ़रमांबर्दार फे़अल के साथ मुतबादिल किया जा सकता है "इताअत.
* अगर आप u> रज़ाकाराना तौर पर इताअत करें / u>

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@ -90,7 +90,7 @@
1. तअमीम के लिए, एक जुमला इस्तेमाल करने के ज़रिए ज़ाहिर करें के यह तअमीम है जैसे “आमतौर पर” या “ज़ियादातर मामलात में”।
* ** जो तरबियत को रद्द करता है कंगाल और रुसवा होगा ...** (अम्साल 13:18)
* **जो तरबियत को रद्द करता है कंगाल और रुसवा होगा ...** (अम्साल 13:18)
* <u>आमतौर पर,</u> जो तरबियत को रद्द करता है कंगाल और रुसवा होगा
* **और जब तुम दुआ करो, तवील और बेकार बातें दोहराते न रहो जिस तरह ग़ैर क़ौमों के लोग करते हैं, क्योंके वो समझते हैं के हमारे बहुत बोलने के सबब से हमारी सुनी जाएगी।** (मत्ती 6:7)
* “और जब तुम दुआ करो, तवील और बेकार बातें दोहराते न रहो जिस तरह ग़ैर क़ौमों के लोग <u>आमतौर पर</u>करते हैं, क्योंके वो समझते हैं के हमारे बहुत बोलने के सबब से हमारी सुनी जाएगी”।

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@ -23,7 +23,7 @@
महवर “ ध्यान से सुने मैं क्या कह रह हूँ “
** मक़सद ** किसी महाज़ को किसी सक़ाफ़्त में शायद किसी हादिसे से पैदा किया जाता है I जब कोई किसी ग़ैरमामूली अंदाज़ में कुछ बयान करता है लेकिन, जब ये ग़ैरमामूली तरीक़ा जब पैग़ाम को ताक़तवर पैग़ाम से गुफ़्तगु करता है और लोगों को ये वाज़िह तौर पर समझमें आता है तो, दूसरे लोगों को इस का इस्तिमाल करना शुरू कर देते है I थोड़ी देर के बाद, यह उस ज़बान में बात करने का एक आम तरीक़ा बन जाता है I
**मक़सद** किसी महाज़ को किसी सक़ाफ़्त में शायद किसी हादिसे से पैदा किया जाता है I जब कोई किसी ग़ैरमामूली अंदाज़ में कुछ बयान करता है लेकिन, जब ये ग़ैरमामूली तरीक़ा जब पैग़ाम को ताक़तवर पैग़ाम से गुफ़्तगु करता है और लोगों को ये वाज़िह तौर पर समझमें आता है तो, दूसरे लोगों को इस का इस्तिमाल करना शुरू कर देते है I थोड़ी देर के बाद, यह उस ज़बान में बात करने का एक आम तरीक़ा बन जाता है I
#### वजूहात ये तर्जुमा का मसला है
@ -58,18 +58,15 @@
* **इस वक़्त तमाम इसराईल दाऊद में हिब्रून में आया और कहा, "देखो, हम आपके गोश्त और हड्डी हैं. "** (1 तारीख़11: 1 यू एल टी )
* ... देखो, हम सब u> इसी मुल्क से ताल्लुक़ रखते हैं / u>.
* ** वो यरूशलम जाना चाहता है ** (लूका9: 51)
* **वो यरूशलम जाना चाहता है** (लूका9: 51)
* उसने यरूशलेम के लिए सफ़र करना शुरू कर दिया, u> और वहां पहुँचने के लिए तेयेओन है / u>.
* **में इस काबिल नहीं हूँ की आप मेरे छत के <यु>नीचे <यु> आयें ** ( लुक 7:6 यू एल टी )
* **में इस काबिल नहीं हूँ की आप मेरे छत के <यु>नीचे <यु> आयें** ( लुक 7:6 यू एल टी )
में इस काबिल नहीं हूँ की आप मेरे घर के अन्दर <यु> आयें
1. एक ऐसे महाज़ का इस्तिमाल करें जो कि लोग आपकी अपनी ज़बान में इस्तिमाल करते हैं और जो इसी मअनी रखते हैं I
* ** एन अल्फाजों को अपने कानो के भीतर जाने दो / u> ** (लूका9:44 यू एल टी )
* **एन अल्फाजों को अपने कानो के भीतर जाने दो / u>** (लूका9:44 यू एल टी )
* <यु> इन अल्फाजों के लिए सारे कान बन जाओ जब में ये कहता हूँ I
* "मेरी <यु>आखें गम से धुंदली हो गयी है </यु> (प्साल्म 6:7 यू एल टी )
* में अपनी आखों को बहार करके रो रहा हूँ ( में बहुत दुखी हूँ )

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@ -52,27 +52,24 @@
1. अगर लोग बाइबल में एक अफ़आल में से एक के लिए लाज़िमी सज़ा का इस्तिमाल नहीं करेंगे, उस के बजाय एक बयान इस्तिमाल करने की कोशिश करें
* ** साफ़ रहो ** ( मथ्यु 8: 3 यू एल टी )
* **साफ़ रहो** ( मथ्यु 8: 3 यू एल टी )
* ” अब आप साफ़ है .”
* ” मैंने तुम्हे साफ़ कर दिया है “
* खुदा ने कहा ,” <यु> वहां रौशनी होने दो,” और वहां रौशनी हो गयी ( जेनेसिस 1:3 यू एल टी )
* खुदा ने कहा ,” <यु> अब यहाँ रौशनी है,” और वहां रौशनी हो गयी I
* **खुदा ने उन्हें बरकत दी और कहा ,” <यु> तुम फूलो फलो <यु> और बढ़ो </यु> . ज़मीन को <यु> भर<यु> दो और <यु> तस्खीर <यु> करो I समुन्दर की मछलियों पे <यु> राज<यु> करो , आकाश के परिंदों पे और  हर ज़िंदा चीज़ पर जो ज़मीन पर चलता है ."** (जेनेसिस 1:3 ULT)"
* **खुदा ने उन्हें बरकत दी और कहा ,” <यु>में तुम्हारे लिए चाहता हूँ की तुम फूलो फलो <यु> और बढ़ो </यु> . ज़मीन को <यु> भर<यु> दो और <यु> तस्खीर <यु> करो I और में चाहता हूँ की तुम समुन्दर की मछलियों पे <यु> राज<यु> करो , आकाश के परिंदों पे और  हर ज़िंदा चीज़ पर जो ज़मीन पर चलता है ."**
1. अगर लोग समझ नहीं सकेंगे कि किसी चीज़ को होने की वजह से किसी सज़ा का इस्तिमाल किया जाता है, तो इस से ज़ाहिर होता है कि इस का क्या नतीजा ये था कि क्या बात की गई थी
* ** ख़ुदा ने कहा, "यहाँ रौशनी होने दो, और रोशनी थी ** (पैदाइश1: 3 यू उल्टी )
* **ख़ुदा ने कहा, "यहाँ रौशनी होने दो, और रोशनी थी** (पैदाइश1: 3 यू उल्टी )
* ख़ुदा ने कहा, 'रोशनी ना दो, तो / u> वहां रोशनी थी I
*
खुदा ने कहा ,” रौशनी होनी चाहिए </यु> और इसके नातिज़ं वह रौशनी थी I
1. अगर लोग एक हालत के तौर पर किसी कमांड का इस्तिमाल नहीं करेंगे, तो लफ़्ज़ "अगर और "फिर के साथ एक बयान के तौर पर तर्जुमा करें I
> **एक बच्चे को सिखाएं उन्हें किस राह पे जाना चाहिए **
> **एक बच्चे को सिखाएं उन्हें किस राह पे जाना चाहिए**
> इसलिए जब वो बूढ़े हो जायेंगे तो इस हिदायात से दूर नहीं रहेंगे (इमसाल22: 6 यू एल टी )
तर्जुमाऐसे करें :

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@ -1,7 +1,7 @@
### तफसील
कुछ जबानो में एक से ज्यादा तरह के “ हम “ होते है :
एक **समाईत **नाऊ जिसका मतलब “ मैं और तुम” होता है और एक मखसूस नाऊ जिसका मतलब “ मैं और कोई और पर तुम नहीं होता है “समाईत नाऊ में जिससे कहा गया वो और जायदातर कोई और शामिल होता है I यह "हम, "हमारे, "हमारे, और "ख़ुद के लिए भी लागू होता है I कुछ ज़बानों में उनमें से हर एक के लिए समाईत और मखसूस नाऊ होता हैं I
एक **समाईत**नाऊ जिसका मतलब “ मैं और तुम” होता है और एक मखसूस नाऊ जिसका मतलब “ मैं और कोई और पर तुम नहीं होता है “समाईत नाऊ में जिससे कहा गया वो और जायदातर कोई और शामिल होता है I यह "हम, "हमारे, "हमारे, और "ख़ुद के लिए भी लागू होता है I कुछ ज़बानों में उनमें से हर एक के लिए समाईत और मखसूस नाऊ होता हैं I
तस्वीरें देखें I दायीं तरफ के लोग वो है जिस से बोलने वाला बात कर रहा है I पीले रंग से नुमाया , बताते है की कौन सामाईत और कौन ख़ुसूसी है I

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यहाँ फिकरा “ जो बहुती शुक्रमंद थी “ के तुरंत बाद “ बहिन “ लफ्ज़ आता है I और ये हमें ये बताती है की मैरी की बहिन ने , मैरी के खाना देने पर , कैसे जवाब दिया I यहाँ ये फिक्ररा एक बहिन को दुसरे बहिन, हो सकता है मैरी की दुर्सरी बहिन हो , से अलग करके नहीं दिखा रहा है ,I
** लोगों का फिक्र इस्तेमाल करने का कारण **: लोग अक्सर मालूमात या इन्तबाह बहुत कमज़ोर ढंग से याद रखते है I वो ऐसा तब करतें है जब वो कहते हैं की उनको सुनने वालों का सारा ध्यान वो जो कुछ ओर कह रहे हैं उस पे जाये I मिसाल के तौर पे ऊपर दिए गए फिकरे में तकरीर करने वला चाहता है की आपका सारा ध्यान इस बात पे हो की मैरी ने क्या किया ना की मैरी की बहिन ने कैसे जवाब दिया I
**लोगों का फिक्र इस्तेमाल करने का कारण**: लोग अक्सर मालूमात या इन्तबाह बहुत कमज़ोर ढंग से याद रखते है I वो ऐसा तब करतें है जब वो कहते हैं की उनको सुनने वालों का सारा ध्यान वो जो कुछ ओर कह रहे हैं उस पे जाये I मिसाल के तौर पे ऊपर दिए गए फिकरे में तकरीर करने वला चाहता है की आपका सारा ध्यान इस बात पे हो की मैरी ने क्या किया ना की मैरी की बहिन ने कैसे जवाब दिया I
** यह एक तर्ज़ुमी मसला है क्योंकि :** जबान में , बातचीत के किसिस हिस्से की तरफ , इशारा करने के कई तरीके हो सकते है जिसकी तरफ तक़रीर करने वाले को ध्यान देना चाहिए I
**यह एक तर्ज़ुमी मसला है क्योंकि :** जबान में , बातचीत के किसिस हिस्से की तरफ , इशारा करने के कई तरीके हो सकते है जिसकी तरफ तक़रीर करने वाले को ध्यान देना चाहिए I
#### तर्जुमा के उसूल
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1. मालूमात को दूसरे हिस्से में रखू और अलफ़ाज़ शामिल करें जो इस मक़सद को ज़ाहिर करती हैं
* ** मैं इन लोगों से नफ़रत करता हूँ जिन्हों ने नाकाबिल माबूदों की ख़िदमत की है ** (ज़बूर31: 6 यू उल्टी -) यहाँ "नाक़ाबिल बुत” कह के दाऊद ने तमाम बुतों के बारे में तबसरा किया और उनकी ख़िदमत करने वालों से नफ़रत करने की वजह बनी I वो नाक़ीमती बुतों से क़ीमती बुतों को मुतफ़र्रिक़ नहीं कर रहा था I
* **मैं इन लोगों से नफ़रत करता हूँ जिन्हों ने नाकाबिल माबूदों की ख़िदमत की है** (ज़बूर31: 6 यू उल्टी -) यहाँ "नाक़ाबिल बुत” कह के दाऊद ने तमाम बुतों के बारे में तबसरा किया और उनकी ख़िदमत करने वालों से नफ़रत करने की वजह बनी I वो नाक़ीमती बुतों से क़ीमती बुतों को मुतफ़र्रिक़ नहीं कर रहा था I
सभी बूतें बेकार हैं I इसलिए खुदा ने कहा की मैं उन्हें खत्म कर दूंगा I
>... तुम्हारे लिए यु> नेकी का फैसल यु> अच है I( प्साल्म 119 : 39 यू एल टी )
* ... आपके फैसले सही है <यु>क्योंकि <यु> आप नेक है I
* ** क्या सारह <यु>जो की <यु> नब्बे साल का है उसे एक बेटा हो सकता है? ** ( जेनेसिस 17:17 यू एल टी ) –यहाँ फिकरा की “ नब्बे साल का कौन है “ इस बात को याद दिअता है की सारह की उम्र क्या है ? ये बताता है की अब्राहम ये सवाल क्यों पुच रहा था I क्योंकि वो उम्मीद नहीं करता था की एक खातून जो की 90 साल की है बच्चा पैदा कर सकती है I
* **क्या सारह <यु>जो की <यु> नब्बे साल का है उसे एक बेटा हो सकता है?** ( जेनेसिस 17:17 यू एल टी ) –यहाँ फिकरा की “ नब्बे साल का कौन है “ इस बात को याद दिअता है की सारह की उम्र क्या है ? ये बताता है की अब्राहम ये सवाल क्यों पुच रहा था I क्योंकि वो उम्मीद नहीं करता था की एक खातून जो की 90 साल की है बच्चा पैदा कर सकती है I
* " क्या सरह बच्चा पैदा कर सकई है <यु> चाहे वो <यु> नब्बे साल की ही क्यों ना हो ?”
* ** में याह्वेह को बुलाऊंगा , <यु> जो काबिले तारीफ़ है <यु>...** ( 2 शमूएल यू एल टी ) याह्वेह सिर्फ एक है I यहाँ फिक्ररा “ जो काबिले तारीफ़ है “ याह्वेह को बुलाने की वजह देता है I
* **में याह्वेह को बुलाऊंगा , <यु> जो काबिले तारीफ़ है <यु>...** ( 2 शमूएल यू एल टी ) याह्वेह सिर्फ एक है I यहाँ फिक्ररा “ जो काबिले तारीफ़ है “ याह्वेह को बुलाने की वजह देता है I
* " में याह्वेह को बुलाऊंगा , <यु> क्योंकि </यु> वो काबिले तारीफ़ है “
1. कमज़ोर तरीक़े से मालूमात का इज़हार करने के लिए अपनी ज़बान के तरीक़ों में से एक का इस्तिमाल करें
* ** तीसरी दरिया का नाम टिगरिस है, < असशश् के मशरिक़ में बेहत है ** ( जेनेसि 2:14 यू एल )
* **तीसरी दरिया का नाम टिगरिस है, <ओ असशश् के मशरिक़ में बेहती है** ( जेनेसिस 2:14 यू एल टी )
* "तीसरी दरिया का नाम टिगरिस है ये असशूर के मशरिक़ से बहता है / u>.

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अलग-अलग ज़बानों में जुमले के हिस्सों को अलग अलग तरीके से बंदोबस्त किया जाता है। अंग्रेज़ी में, एक जुमले में आम तौर पर पहले मौज़ूह, फिर फअल, फिर बदलाव करने वाले होते है, कुछ ऐसे -
**पीटर ने कल अपना घर रंगा था , **
**पीटर ने कल अपना घर रंगा था ,**
कई ज़बानों में इन चीजों को दूसरे ढंग से बंदोबस्तकिया जाता है, जैसे की:
** रंगा था कल पीटर ने अपना घर ,**
**रंगा था कल पीटर ने अपना घर ,**
अगर-चे सभी ज़बानों में जुमले के हिस्सों के लिए, एक आम तरीका होता है, मगर बोलने वाला या मुंसिफ क्या मालूमात देना चाहता है उस बिना पर ये तरीका बदला जा सकता है। फर्ज़ कीजिए कि कोई सवाल का जवाब दे रहा है, "पीटर ने कल क्या रंगा है? सवाल करने वाले शक्स को पहले ही से हमारे जुमले की तमाम मालूमात है सिवाय “घर” के। लिहाज़़ा, ये मालूमात का सबसे अहम हिस्सा बन जाता है, और अंग्रेज़ी में जवाब देने वाला शक्स ये कह सकता है कि
** उसका घर था जिसे पीटर ने रंगा था ( कल )**
**उसका घर था जिसे पीटर ने रंगा था ( कल )**
ये पहले सबसे अहम मालूमात देता है, जो अंग्रेज़ी के लिए मामूल की बात हैIबहुत सारी दूसरी ज़बानों में आम तौर पर सबसे अहम मालूमात आखिरमें फ़राहम की जाती हैI एक मतन के बहाव में,सबसे जरूरी मालूमात आम तौर पर वो होती है जो मुंसिफ, पढ़ने वालों के लिए नया समझता है I कुछ ज़बानों में नई​​मालूमात पहले आती है, और दूसरों में ये आखिरमें आती है I

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मुंदरजा बाला दर्ज जे़ल अलफ़ाज़ के मुख़्तलिफ़ किस्म के बयानात हैं अगर आप इज़ाफ़ी मालूमात चाहें तो रंग के लफ़्ज़ पर क्लिक करें ताकि इस सफ़े पर हिदायत की जाये जिसमें तारीफ़, मिसाल, और तक़रीर के हर आदाद-ओ-शुमार के लिए वीडीयोज़ शामिल हूँ
* ** [अपोस्टरोपा ](../figs-apostrophe/01.md) ** - एक रिश्वत एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी स्पीकर को बराह-ए-रास्त किसी ऐसे शख़्स से पता चलता है जो वहां नहीं है, या किसी चीज़ से पता चलता है जो शख़्स नहीं है
* ** [Doublet](../figs-doublet/01.md) ** - एक दोपहर अलफ़ाज़ की एक जोड़ी या बहुत मुख़्तसर जुमले हैं जो इसी चीज़ का मतलब है और इसी जुमले में इस्तिमाल किया जाता है बाइबल में, अक्सर ख़्यालात पर-ज़ोर देने के लिए शेअर, पैशन गोई, और वाइज़ में दोपहर का इस्तिमाल होता है
* ** [अख़लाक़ीयात ](../figs-euphemism/01.md) ** - एक शौक़ उल-शान नापसंदीदा या शर्मनाक चीज़ का हवाला देने का एक हल्का या पुतला रास्ता है इस का मक़सद ये है कि वो लोग जिनको सुनने या उसे पढ़ने से रोकने से बचें
* ** [हैंड डैडीस ](../figs-hendiadys/01.md) ** - एक और ख़्याल में एक वाहिद ख़्याल " और "से मुंसलिक दो अलफ़ाज़ के साथ बयान किया जाता है जब एक लफ़्ज़ दूसरे में तरमीम करने के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
* ** [Hyperbole](../figs-hyperbole/01.md) ** - एक हाइपर बोबल एक जांबदार मुबालग़ा कारी है जो कुछ के बारे में स्पीकर की एहसास या राय को ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है
* ** [अमेवम ](../figs-idiom/01.md) ** - एक महाज़ अलफ़ाज़ का एक गिरोह है जिसका मतलब ये है कि इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ के मअनी से किया फ़र्क़ होगा
* ** [लोहाई ](../figs-irony/01.md) ** - लोहा एक तक़रीर का एक इशारा है जिसमें ये एहसास है कि स्पीकर बातचीत करना चाहता है असल में अलफ़ाज़ के लफ़्ज़ी मअनी के बरअक्स है
* ** [लतटस ](../figs-litotes/01.md) ** - लताइफ़ एक वाज़िह इज़हार को नाराज़ करने की बिना पर किसी चीज़ के बारे में एक शदीद बयान है
* ** [मरज़म ](../figs-merism/01.md) ** - मरज़म एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी शख़्स को कुछ हिस्सों की लिस्टिंग करके या उस के दो इंतिहाई हिस्सों की तरफ़ से कुछ करने की तरफ़ इशारा करता है
* ** [Metaphor](../figs-metaphor/01.md) ** - एक इसतार एक ऐसे आदाद-ओ-शुमार है जिसमें एक और, मुत्तफ़िक़ तसव्वुर की जगह एक तसव्वुर इस्तिमाल होता है ये सुनने को मदऊ करता है कि इस के बारे में सोचने वाले तसव्वुरात आम तौर पर क्या हो यही है, इस्ताफ़ार दो अलग अलग चीज़ों के दरमयान एक मुतवाज़िन मुक़ाबले है
* ** [Metonymy](../figs-metonymy/01.md) ** - Metonymy एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें किसी चीज़ या ख़्याल को अपने नाम से नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कुछ उस के नाम से जो इस से मुंसलिक है एक मअनी एक लफ़्ज़ या फ़िक़रा है जो उस के साथ मुंसलिक होता है इस के मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है
* ** [मुतवाज़ी ](../figs-parallelism/01.md) ** - मुतवाज़ी तौर पर दो जुमले या अस्बाब जो साख़त या ख़्याल में मिलते-जुलते हैं ये तमाम इब्रानी इब्रानी बाइबल भर में पाया जाता है, जो आम तौर पर ज़बूरों और मुसल्लसों की किताबों की शायरी में है
* ** [ज़ाती इत्तिला ](../figs-personification/01.md) ** - ज़ाती तौर पर एक ऐसी शख़्सियत है जिसमें एक ख़्याल या चीज़ जिसका इन्सान नहीं है, जैसा कि ये एक शख़्स था और वो चीज़ें कर सकते हैं जो लोग लोगों को करते हैं या उन लोगों को जो ख़सुसीआत रखते हैं
* ** [पैशन गोई माज़ी ](../figs-pastforfuture/01.md) ** - पेशगोई माज़ी एक ऐसी शक्ल है जो कुछ ज़बान मुस्तक़बिल में होने वाले चीज़ों का हवाला देते हैं ये कभी कभी पेशगोई में किया जाता है कि ये ज़ाहिर होता है कि वाक़िया ज़रूर होगा
* ** [बयान सवाल ](../figs-rquestion/01.md) ** - एक बयानात का एक सवाल ये है कि मालूमात हासिल करने के इलावा किसी चीज़ के लिए इस्तिमाल किया जाता है अक्सर ये मौज़ू या सुनने वाले की तरफ़ स्पीकर का रवैय्या ज़ाहिर करता है अक्सर उसे दुबारा मारने या ढेरने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, लेकिन कुछ ज़बानों में दीगर मक़ासिद भी हैं
* ** [स्माइल ](../figs-simile/01.md) ** - एक समेली दो चीज़ों की एक मिसाल है जो आम तौर पर इसी तरह नहीं समझा जाता है ये एक मख़सूस ख़ासीयत पर तवज्जा मर्कूज़ करता है कि दो इश्याय आम तौर पर हैं, और इस में मुवाज़ना वाज़िह करने के लिए अलफ़ाज़ जैसे "जैसे "जैसे, या "से शामिल हैं
* ** [Synecdoche](../figs-synecdoche/01.md) ** - Synecdoche एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें1) किसी चीज़ का हिस्सा किसी चीज़ का हवाला करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, या2) पूरी चीज़ का नाम इस्तिमाल किया जाता है इस का सिर्फ एक हिस्सा का हवाला देते हैं
* **[अपोस्टरोपा](../figs-apostrophe/01.md)** - एक रिश्वत एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी स्पीकर को बराह-ए-रास्त किसी ऐसे शख़्स से पता चलता है जो वहां नहीं है, या किसी चीज़ से पता चलता है जो शख़्स नहीं है
* **[Doublet](../figs-doublet/01.md)** - एक दोपहर अलफ़ाज़ की एक जोड़ी या बहुत मुख़्तसर जुमले हैं जो इसी चीज़ का मतलब है और इसी जुमले में इस्तिमाल किया जाता है बाइबल में, अक्सर ख़्यालात पर-ज़ोर देने के लिए शेअर, पैशन गोई, और वाइज़ में दोपहर का इस्तिमाल होता है
* **[अख़लाक़ीयात](../figs-euphemism/01.md)** - एक शौक़ उल-शान नापसंदीदा या शर्मनाक चीज़ का हवाला देने का एक हल्का या पुतला रास्ता है इस का मक़सद ये है कि वो लोग जिनको सुनने या उसे पढ़ने से रोकने से बचें
* **[हैंड डैडीस](../figs-hendiadys/01.md)** - एक और ख़्याल में एक वाहिद ख़्याल " और "से मुंसलिक दो अलफ़ाज़ के साथ बयान किया जाता है जब एक लफ़्ज़ दूसरे में तरमीम करने के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
* **[Hyperbole](../figs-hyperbole/01.md)** - एक हाइपर बोबल एक जांबदार मुबालग़ा कारी है जो कुछ के बारे में स्पीकर की एहसास या राय को ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है
* **[अमेवम](../figs-idiom/01.md)** - एक महाज़ अलफ़ाज़ का एक गिरोह है जिसका मतलब ये है कि इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ के मअनी से किया फ़र्क़ होगा
* **[लोहाई](../figs-irony/01.md)** - लोहा एक तक़रीर का एक इशारा है जिसमें ये एहसास है कि स्पीकर बातचीत करना चाहता है असल में अलफ़ाज़ के लफ़्ज़ी मअनी के बरअक्स है
* **[लतटस](../figs-litotes/01.md)** - लताइफ़ एक वाज़िह इज़हार को नाराज़ करने की बिना पर किसी चीज़ के बारे में एक शदीद बयान है
* **[मरज़म](../figs-merism/01.md)** - मरज़म एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी शख़्स को कुछ हिस्सों की लिस्टिंग करके या उस के दो इंतिहाई हिस्सों की तरफ़ से कुछ करने की तरफ़ इशारा करता है
* **[Metaphor](../figs-metaphor/01.md)** - एक इसतार एक ऐसे आदाद-ओ-शुमार है जिसमें एक और, मुत्तफ़िक़ तसव्वुर की जगह एक तसव्वुर इस्तिमाल होता है ये सुनने को मदऊ करता है कि इस के बारे में सोचने वाले तसव्वुरात आम तौर पर क्या हो यही है, इस्ताफ़ार दो अलग अलग चीज़ों के दरमयान एक मुतवाज़िन मुक़ाबले है
* **[Metonymy](../figs-metonymy/01.md)** - Metonymy एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें किसी चीज़ या ख़्याल को अपने नाम से नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कुछ उस के नाम से जो इस से मुंसलिक है एक मअनी एक लफ़्ज़ या फ़िक़रा है जो उस के साथ मुंसलिक होता है इस के मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है
* **[मुतवाज़ी](../figs-parallelism/01.md)** - मुतवाज़ी तौर पर दो जुमले या अस्बाब जो साख़त या ख़्याल में मिलते-जुलते हैं ये तमाम इब्रानी इब्रानी बाइबल भर में पाया जाता है, जो आम तौर पर ज़बूरों और मुसल्लसों की किताबों की शायरी में है
* **[ज़ाती इत्तिला](../figs-personification/01.md)** - ज़ाती तौर पर एक ऐसी शख़्सियत है जिसमें एक ख़्याल या चीज़ जिसका इन्सान नहीं है, जैसा कि ये एक शख़्स था और वो चीज़ें कर सकते हैं जो लोग लोगों को करते हैं या उन लोगों को जो ख़सुसीआत रखते हैं
* **[पैशन गोई माज़ी](../figs-pastforfuture/01.md)** - पेशगोई माज़ी एक ऐसी शक्ल है जो कुछ ज़बान मुस्तक़बिल में होने वाले चीज़ों का हवाला देते हैं ये कभी कभी पेशगोई में किया जाता है कि ये ज़ाहिर होता है कि वाक़िया ज़रूर होगा
* **[बयान सवाल](../figs-rquestion/01.md)** - एक बयानात का एक सवाल ये है कि मालूमात हासिल करने के इलावा किसी चीज़ के लिए इस्तिमाल किया जाता है अक्सर ये मौज़ू या सुनने वाले की तरफ़ स्पीकर का रवैय्या ज़ाहिर करता है अक्सर उसे दुबारा मारने या ढेरने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, लेकिन कुछ ज़बानों में दीगर मक़ासिद भी हैं
* **[स्माइल](../figs-simile/01.md)** - एक समेली दो चीज़ों की एक मिसाल है जो आम तौर पर इसी तरह नहीं समझा जाता है ये एक मख़सूस ख़ासीयत पर तवज्जा मर्कूज़ करता है कि दो इश्याय आम तौर पर हैं, और इस में मुवाज़ना वाज़िह करने के लिए अलफ़ाज़ जैसे "जैसे "जैसे, या "से शामिल हैं
* **[Synecdoche](../figs-synecdoche/01.md)** - Synecdoche एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें1) किसी चीज़ का हिस्सा किसी चीज़ का हवाला करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, या2) पूरी चीज़ का नाम इस्तिमाल किया जाता है इस का सिर्फ एक हिस्सा का हवाला देते हैं

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1. इसे इस तरह से तर्जमा करें जिससे पता चले कि बोलने वाला वही बात कह रहा है जिसमें दूसरा आदमी यकीन रखता है.
* ** तुम अपनी रिवायतों के चलते ><u>खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो ** </u>(Mark 7:9 ULT)
* **तुम अपनी रिवायतों के चलते ><u>खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो** </u>(Mark 7:9 ULT)
* <u> तुम सोचते हो कि तुमने खुदा के हुक्म को ठुकरा कर बहुत अच्छा किया</u> ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
* <u>तुम ऐसा करते हो जैसे खुदा के हुक्म को ठुकरा देना अच्छी बात है</u> ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
* ** मैं बुलाने के लिए नहीं आया हूँ <u>नेक लोगों को</u> तौबा करने के लिए, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ. ** (Luke 5:32 ULT)
* **मैं बुलाने के लिए नहीं आया हूँ <u>नेक लोगों को</u> तौबा करने के लिए, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ.** (Luke 5:32 ULT)
* मैं बुलाने के लिए नहीं आया हूँ <u>उन लोगों को जो खुद को नेक समझते हैं</u> तौबा करने के लिए, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ.
1. इस्तिह्ज़ा के बयान के असल, इरादा किए गए मानी का तर्जमा करें.
* ** तुम अपनी रिवायतों के चलते ><u>खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो ** </u>(Mark 7:9 ULT)
* **तुम अपनी रिवायतों के चलते ><u>खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो** </u>(Mark 7:9 ULT)
* <u>खुदा के हुक्म को ठुकरा कर तुम एक भयानक काम कर रहे हो</u> ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
* **”अपना दावा पेश करो,” यासयाह कहता है; “अपने बुतों के बदले मज़बूत दलीलें हाज़िर करो,” याकूब का बादशाह कहता है. <u> उन्हें हमारे सामने दलीलें पेश करने दो; उन्हें हमारे सामने लाओ और उन्हें बताने दो कि आगे क्या होने वाला है</u>, ताकि हम भी उन्हें अच्छी तरह समझ लें. <u>उन्हें आगे होने वाली बातें बताने दो, ताकि हम उन पर गौर करें और अंजाम को समझें</u>”** .(Isaiah 41:21-22 ULT)
* 'अपना दावा पेश करो, यासयाह कहता है; ‘अपने बुतों के बदले मज़बूत दलीलें हाज़िर करो, याकूब का बादशाह कहता है. तुम्हारे बुत <u> हमारे सामने अपनी दलीलें पेश नहीं कर सकते या हमारे सामने नहीं आ सकते यह बताने के लिए कि आगे क्या होने वाला है</u>, ताकि हम भी उन्हें अच्छी तरह समझ लें. हम उनसे कोई जवाब नहीं सुन सकते क्योंकि <u>वह बोल नहीं सकते</u>हमें यह बताने के लिए कि आगे क्या होने वाला है, ताकि हम उन पर गौर करें और अंजाम को समझें</u>” .(Isaiah 41:21-22 ULT)
* **क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो? **
* ** क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो? **
* **क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो?**
* **क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो?**
* **<u> बिला शुबहा तुम जानते हो, कि तुम तब पैदा हुए थे; ;</u>**
* **<u>तुम्हारे दिनों की तादाद इतनी लम्बी है!</u>"** (Job 38:20, 21 ULT)
* क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो? क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो? <u> तुम ऐसा कर रहे हो मानो तुम जानते हो कि उजाले और अंधेरे को कैसे पैदा किया गया है, जैसे कि तुम वहां मौजूद थे; जैसे कि तुम्हारी उम्र उनसे भी ज्यादा है, लेकिन ऐसा नहीं है</u>!

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@ -34,9 +34,8 @@
1. अगर मनफ़ी के साथ मअनी वाज़िह ना हो, तो strong> को मज़बूत तरीक़े से मअनी दें
* ** आप अपने आपको जानते हैं, भाई, आपके पास आने वाले हमारे आपको बेकार नहीं था ** (1 थसलनीकीयों2: 1 यू उल्टी
* **आप अपने आपको जानते हैं, भाई, आपके पास आने वाले हमारे आपको बेकार नहीं था** (1 थसलनीकीयों2: 1 यू उल्टी
* "आप अपने आपको, भाईयों, आपके विज़िटर्ज़ का रिकार्ड रखा जाएगाu> बहुत अच्छा किया / u>."
* ** जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान कोई छोटा सा हौसला-अफ़ज़ाई नहीं था, पीटर के साथ किया हुआ था ** (आमाल12:18 यू उल्टी
* **जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान कोई छोटा सा हौसला-अफ़ज़ाई नहीं था, पीटर के साथ किया हुआ था** (आमाल12:18 यू उल्टी
* "जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान वहां बहुत बड़ा हौसला-अफ़ज़ाई हुआ था, जिसके बारे में पीटर हुआ था.
* "जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों ने पीटा हुआ किया हुआ था क्योंकि बहुत सारे लोग थे.

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@ -34,17 +34,15 @@ Merism एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार
1. इस बात की शनाख़्त करें कि मर्ज़ों को बग़ैर किसी चीज़ का ज़िक्र किया गया है
* ** मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन .. ** (मति11:25 यू उल्टी
* **मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन ..** (मति11:25 यू उल्टी
* मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, वालिद, रब का<सब कुछ / u> ...
* ** सूरज की बढ़ती हुई जगह से इस की तर्तीब में, ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ की जाये ** (ज़बूर113: 3 यू उल्टी
* ** सूरज की बढ़ती हुई जगह से इस की तर्तीब में, ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ की जाये** (ज़बूर113: 3 यू उल्टी
*  तमाम मुक़ामात पर / u>، लोगों को ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ करना चाहीए
1. इस बात की शनाख़्त करें कि मर्ज़ को कौनसा हुसूल और हिस्सों में शामिल है
* ** मैं आपकी पैरवी करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन ** (मति11:25 यू उल्टी
* **मैं आपकी पैरवी करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन** (मति11:25 यू उल्टी
* मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, वालिद, रब का<सब कुछ, िशम जन्नत में और ज़म पर है समेत
* ** वो इस शख़्स को बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, दोनों u>नौजवान और पुराने / u>. ** (ज़बूर115: 13 यू उल्टी
* **वो इस शख़्स को बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, दोनों u>नौजवान और पुराने / u>.** (ज़बूर115: 13 यू उल्टी
वो इन सबको बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, चाहे वो नौजवान या पुराने / u>हैं

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एक मुर्दा इसतार एक इसतार है जो इस ज़बान में बहुत ज़्यादा इस्तिमाल किया गया है कि इस के बोलने वालों को इस के इलावा किसी दूसरे के लिए एक तसव्वुर तसव्वुर नहीं होता मुर्दार अस्तीफ़ा इंतिहाई आम हैं अंग्रेज़ी में मिसालें "टेबल टांग, "ख़ानदानी दरख़्त, "पत्ती का मतलब एक किताब में एक सफ़े, और "क्रेन का मतलब है कि भारी बोझ उठाने के लिए एक बड़ी मशीन अंग्रेज़ी बोलने वाले सिर्फ उन अलफ़ाज़ के बारे में सोचते हैं जैसे एक से ज़्यादा मअनी रखते हैं बाइबल इब्रानी में मिसालें "हाथ का मतलब है "ताक़त, "चेहरे का मतलब "मौजूदगी", और जज़बात या अख़लाक़ी ख़सुसीआत के बारे में बात करने के तौर पर अगर वो "लिबास थे
** अस्तीफ़ा के तौर पर काम करने के नुक़्ता-ए-नज़र की नुमाइश के जोड़े **
**अस्तीफ़ा के तौर पर काम करने के नुक़्ता-ए-नज़र की नुमाइश के जोड़े**
अस्तीफ़ा अलफ़ाज़ के कई तरीक़े तसव्वुरात के जोड़े पर मुनहसिर हैं, जहां एक बुनियादी तसव्वुर अक्सर मुख़्तलिफ़ बुनियादी तसव्वुर के लिए खड़ा है मिसाल के तौर पर, अंग्रेज़ी में, सिम्तUP अक्सर अक्सर या ज़्यादा के तसव्वुर के लिए खड़ा है बुनियादी तसव्वुरात की इस जोड़ी की वजह से, हम इस तरह के जुमले को "पेट्रोल की क़ीमत जा रहे हैं *, "एक इंतिहाई ज़हीन इन्सान, और इस के बरअक्स भी ख़्याल कर सकते हैं "दर्जा हरारत चल रहा है नीचे *, "और मैं बहुत कम महसूस कर रहा हूँ "
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अंग्रेज़ी बोलने वाले ये ग़ैरमामूली या अस्तीफ़ा इज़हार के तौर पर नहीं देखते हैं, लिहाज़ा ये ग़लत होगा कि दूसरी ज़बानों में उनकी ज़बान तर्जुमा करें ताकि लोगों को उनकी तवज्जा पर मबनी तक़रीर के तौर पर अदा करे
बाइबल की ज़बानों में इस तरह के अशआर के अहम नमूनों की वज़ाहत के लिए, बराह-ए-करम [बाइबल की तस्वीर आम पैटर्न ] (../bita-part1/01.md) देखें और वो सफ़हात जिससे आपको बराह-ए-रास्त हिदायत मिलेगी
बाइबल की ज़बानों में इस तरह के अशआर के अहम नमूनों की वज़ाहत के लिए, बराह-ए-करम [बाइबल की तस्वीर आम पैटर्न] (../bita-part1/01.md) देखें और वो सफ़हात जिससे आपको बराह-ए-रास्त हिदायत मिलेगी
जब किसी दूसरी ज़बान में किसी मुर्दा इसतार का तर्जुमा करते हैं, तो उसे एक इसतार के तौर पर मुत्तफ़िक़ ना करें इस के बजाय, हदफ़ ज़बान में इस चीज़ या तसव्वुर के लिए सिर्फ बेहतरीन इज़हार इस्तिमाल करें
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एक इसतार तीन हिस्सों में है
1. ** मौज़ू ** - जो कुछ बोलता है उसे मौज़ू कहा जाता है
1. ** तस्वीरी ** - जो चीज़ ये कहती है वो तस्वीर है
1. ** मुवाज़ना प्वाईंट ** - जिस तरह से या तरीक़े जिसमें मुसन्निफ़ का दावे करता है कि मौज़ू और तस्वीर इसी तरह की होती हैं उनके प्वाईंटस के मुक़ाबले में
1. **मौज़ू** - जो कुछ बोलता है उसे मौज़ू कहा जाता है
1. **तस्वीरी** - जो चीज़ ये कहती है वो तस्वीर है
1. **मुवाज़ना प्वाईंट** - जिस तरह से या तरीक़े जिसमें मुसन्निफ़ का दावे करता है कि मौज़ू और तस्वीर इसी तरह की होती हैं उनके प्वाईंटस के मुक़ाबले में
जे़ल में अस्तीफ़ा में, स्पीकर औरत को बयान करता है जिसे वो सुर्ख़ गुलाब के तौर पर पसंद करता है औरत (उस की "मुहब्बत" ** मौज़ू **, और "सुर्ख़ गुलाब ** तस्वीर है ख़ूबसूरती और नाज़ुक ** मुक़ाबले के प्वाईंटस हैं कि स्पीकर मौज़ू और तस्वीर दोनों के दरमयान मुमासिलत के तौर पर देखता है
जे़ल में अस्तीफ़ा में, स्पीकर औरत को बयान करता है जिसे वो सुर्ख़ गुलाब के तौर पर पसंद करता है औरत (उस की "मुहब्बत" **मौज़ू**, और "सुर्ख़ गुलाब **तस्वीर है ख़ूबसूरती और नाज़ुक** मुक़ाबले के प्वाईंटस हैं कि स्पीकर मौज़ू और तस्वीर दोनों के दरमयान मुमासिलत के तौर पर देखता है
* मेरी मुहब्बत एक सुर्ख़, सुर्ख़ गुलाब है
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इस अस्तीफ़ा में, यसवा ने अपने आपको ज़िंदगी की रोटी का नाम दिया * मौज़ू * है "में, और * तस्वीर * है "रोटी. रोटी एक ऐसा खाना है जिसे लोग हरवक़त खाते थे मुक़ाबले * रोटी और यसवा के दरमयान ये है कि लोग दोनों को रहने के लिए की ज़रूरत है जिस्मानी ज़िंदगी के ले-ए-लोगों को खाना खाने की ज़रूरत है, रुहानी ज़िंदगी रखने के ले-ए-लोगों को यसवा में भरोसा करना है
** अस्तीफ़ा का मक़सद **
**अस्तीफ़ा का मक़सद**
* इस्तिआरा का एक मक़सद लोगों को इस चीज़ के बारे में सिखाया जा रहा है जो वो नहीं जानते हैं ( मौज़ू ये ज़ाहिर करते हुए कि ये किसी चीज़ की तरह है जो पहले से ही जानते हैं .
* एक और मक़सद ये है कि इस पर-ज़ोर दिया जा सकता है कि कुछ खासतौर पर मयार हो या ज़ाहिर करे कि इस के मयार को इंतिहाई अंदाज़ में है
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1. अगर इसतार ज़रीया ज़बान में एक आम इज़हार है या बाइबल की ज़बान में एक मुफ़स्सिल जोड़ी के तसव्वुरात का इज़हार करते हैं (एक "मुर्दा इसतार), तो आपकी ज़बान की तरफ़ से तर्जीह के सबसे आसान तरीक़ा में अहम ख़्याल का इज़हार
1. अगर अस्तीफ़ा एक "ज़िंदा इशारा लगता है तो, आप उसे लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा कर सकते हैं u>अगर आप सोचते हैं कि हदफ़ ज़बान भी इस इसतार का इस्तिमाल करता है इसी तरह बाइबल में इसी चीज़ का मतलब है . अगर आप ऐसा करते हैं तो, इस बात को यक़ीनी बनाना कि इस बात का यक़ीन करने के लिए कि ज़बानी कम्यूनिटी को ये सही तरीक़े से समझा जाये
1. अगर हदफ़ के सामईन को ये एहसास नहीं होता कि ये एक इसतार है, तो अस्तीफ़ा को एक संबल में तबदील करें कुछ ज़बानें अलफ़ाज़ जैसे "जैसे या "के तौर पर शामिल कर के करते हैं मुलाहिज़ा करें [समील ](../figs-simile/01.md).
1. अगर हदफ़ के सामईन * तस्वीर * को नहीं जानते, देखें [ग़ैरमौजूदगी का तर्जुमा ](../translate-unknown/01.md) इस तस्वीर का तर्जुमा कैसे करें
1. अगर हदफ़ के सामईन को ये एहसास नहीं होता कि ये एक इसतार है, तो अस्तीफ़ा को एक संबल में तबदील करें कुछ ज़बानें अलफ़ाज़ जैसे "जैसे या "के तौर पर शामिल कर के करते हैं मुलाहिज़ा करें [समील](../figs-simile/01.md).
1. अगर हदफ़ के सामईन * तस्वीर * को नहीं जानते, देखें [ग़ैरमौजूदगी का तर्जुमा](../translate-unknown/01.md) इस तस्वीर का तर्जुमा कैसे करें
1. अगर हदफ़ के सामईन एस * तस्वीर * इस मतलब के लिए इस्तिमाल नहीं करेंगे, उस की बजाय अपनी अपनी सक़ाफ़्त से एक तस्वीर इस्तिमाल करें इस बात को यक़ीनी बनाएँ कि ये एक ऐसी तस्वीर है जो बाइबल के औक़ात में मुम्किन हो सकता है
1. अगर हदफ़ के सामईन को नहीं मालूम होता कि * मौज़ू * किया है, तो इस मौज़ू को वाज़िह तौर पर बयान करें (ताहम, ऐसा नहीं करते अगर असल नाज़रीन को मालूम नहीं था कि मौज़ू किया था.
1. अगर हदफ़ के सामईन मक़सद और * तस्वीर के मुक़ाबले में * नुक़्ता-ए-नज़र नहीं जानतेगा, फिर उस को वाज़िह तौर पर रियासत
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1. अगर इसतार ज़रीया ज़बान में एक आम इज़हार है या बाइबल की ज़बान में एक मुफ़स्सिल जोड़ी के तसव्वुरात का इज़हार करते हैं (एक "मुर्दा इसतार), तो आपकी ज़बान की तरफ़ से तर्जीह के सबसे आसान तरीक़ा में अहम ख़्याल का इज़हार
* ** फिर-फिर इबादत-गाह के रहनुमाओं में से एक, जवीरस का नाम आया और जब उसने उसे देखा, तो उस के पांव पर गिर गया ** (मरकुस5:22 यू उल्टी
* **फिर-फिर इबादत-गाह के रहनुमाओं में से एक, जवीरस का नाम आया और जब उसने उसे देखा, तो उस के पांव पर गिर गया** (मरकुस5:22 यू उल्टी
* तब यरूशलेम नामी इबादत-गाह के सरदारोँ में से एक आया और जब उसने उसे देखा तो< पर उस के आगे झुक गय / u>.
1. अगर अस्तीफ़ा एक "ज़िंदा इशारा लगता है तो, आप उसे लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा कर सकते हैं u>अगर आप सोचते हैं कि हदफ़ ज़बान भी इस इसतार का इस्तिमाल करता है इसी तरह बाइबल में इसी चीज़ का मतलब है अगर आप ऐसा करते हैं तो, इस बात को यक़ीनी बनाना कि इस बात का यक़ीन करने के लिए कि ज़बानी कम्यूनिटी को ये सही तरीक़े से समझा जाये
* ** ये आपके<सख़्त दल वजह से िसने आपने इस नून िा, ** (मरकुस10: 5 यू उल्ट
* **ये आपके<सख़्त दलों की वजह से था जिसने आपने इस क़ानून को लिखा,** (मरकुस10: 5 यू उल्टी
* ये आपके सख़्त दलों की वजह से था कि उसने आपको ये क़ानून लिखा था
इस में कोई तबदीली नहीं है लेकिन इस बात का यक़ीन करने के लिए ये जांच पड़ताल की जानी चाहीए कि हदफ़ के सामईन को ये अस्तीफ़ा सही तरीक़े से समझा जाये
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* और अभी तक, आप हमारे बाप हैं हम u>मिट्टी हैं / u>. आप हमारे Potter हैं; और हम सब आपके हाथ का काम हैं * (यसईआह64: 8 यू उल्टी
* और अभी तक, ख़ुदावंद, आप हमारे बाप हैं हम u>जैसे / u>मिट्टी हैं आप u>पसंद हैं / u>एक पोटर; और हम सब आपके हाथ का काम हैं
1. अगर हदफ़ के सामईन * तस्वीर * को नहीं जानते, देखें [ग़ैरमौजूदगी का तर्जुमा ](../translate-unknown/01.md) इस तस्वीर का तर्जुमा कैसे करें
1. अगर हदफ़ के सामईन * तस्वीर * को नहीं जानते, देखें [ग़ैरमौजूदगी का तर्जुमा](../translate-unknown/01.md) इस तस्वीर का तर्जुमा कैसे करें
* ** साओल, साओल, आप मुझे क्यों परेशान करते हो? आपके लिए मुश्किल है कि एक माला लेना / u> ** (आमाल26:14 यू उल्टी
* **साओल, साओल, आप मुझे क्यों परेशान करते हो? आपके लिए मुश्किल है कि एक माला लेना / u>** (आमाल26:14 यू उल्टी
* साओल, साओल, आप मुझे क्यों तकलीफ़ देते हैं? आपके लिए मुश्किल है u>एक निशानदेही इस्टेक् के ख़िलाफ़ कट / u>.
1. अगर हदफ़ के सामईन एस * तस्वीर * इस मतलब के लिए इस्तिमाल नहीं करेंगे, उस की बजाय अपनी अपनी सक़ाफ़्त से एक तस्वीर इस्तिमाल करें इस बात को यक़ीनी बनाएँ कि ये एक ऐसी तस्वीर है जो बाइबल के औक़ात में मुम्किन हो सकता है
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1. अगर हदफ़ के सामईन को नहीं मालूम होता कि * मौज़ू * किया है, तो इस मौज़ू को वाज़िह तौर पर बयान करें (ताहम, ऐसा नहीं करते अगर असल नाज़रीन को मालूम नहीं था कि मौज़ू किया था.
* ** ख़ुदावंद ही रहता है हो सकता है u>मेरी राक / u>तारीफ़ की जाये मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा ** (ज़बूर18:46 यू उल्टी
* **ख़ुदावंद ही रहता है हो सकता है u>मेरी राक / u>तारीफ़ की जाये मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा ** (ज़बूर18:46 यू उल्टी
* ख़ुदावंद ज़िंदा रहता है वो मेरा पत्थर है / u>. इस की तारीफ़ की जा सकती है मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा
1. अगर हदफ़ के सामईन मक़सद और * तस्वीर के मुक़ाबले में * नुक़्ता-ए-नज़र नहीं जानतेगा, फिर उस को वाज़िह तौर पर रियासत
* ** ख़ुदावंद ही रहता है हो सकता है u>मेरी राक / u>तारीफ़ की जाये मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा ** (ज़बूर18:46 यू उल्टी
* **ख़ुदावंद ही रहता है हो सकता है u>मेरी राक / u>तारीफ़ की जाये मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा** (ज़बूर18:46 यू उल्टी
* ख़ुदावंद ज़िंदा रहता है वो उस की तारीफ़ की जा सकती है क्योंकि वो पत्थर है जिसके तहत में अपने दुश्मनों से छिप सकता हूँ / u>. मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा
* ** साओल, साओल, आप मुझे क्यों परेशान करते हो? आपके लिए मुश्किल है कि एक माला लेना / u> ** (आमाल26:14 यू उल्टी
* **साओल, साओल, आप मुझे क्यों परेशान करते हो? आपके लिए मुश्किल है कि एक माला लेना / u>** (आमाल26:14 यू उल्टी
* साओल, साओल, आप मुझे क्यों तकलीफ़ देते हैं? आप u>मेरे ख़िलाफ़ लड़ें और अपने आपको एक ऐसे बैल की तरह तकलीफ़ दें जो उस के मालिक की निशानदेही की छड़ी के ख़िलाफ़ केक है
1. अगर उनमें से कोई भी हिक्मत-ए-अमली तसल्ली बख़श नहीं है तो फिर सिर्फ एक इसतार को इस्तिमाल करने के बग़ैर वाज़िह तौर पर ये ख़्याल बयान करें
* ** मैं आपको मर्दों के मछली बनाएगा ** (मरकुस1:17 यू उल्टी
* **मैं आपको मर्दों के मछली बनाएगा** (मरकुस1:17 यू उल्टी
* मैं आपको बनाएगाu>लोग जो लोग जमा करते हैं / u>.
* अब आप मछली जमा करते हैं मैं तुम्हें बनाऊँगा/ u>लोगों को जमा
मख़सूस इस्तिआरों के बारे में मज़ीद जानने के लिए, देखें [बाइबल की तस्वीर आम पैटर्न ](../bita-part1/01.md).
मख़सूस इस्तिआरों के बारे में मज़ीद जानने के लिए, देखें [बाइबल की तस्वीर आम पैटर्न](../bita-part1/01.md).

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### तफ़सील
** Metonymy ** एक तक़रीर की एक ऐसी इबारत है जिसमें किसी चीज़ या ख़्याल को अपने नाम से नहीं कहा जा रहा है, लेकिन कुछ उस के नाम से जो इस से मुंसलिक है A ** metonym ** एक लफ़्ज़ या फ़िक़रा है जो उस के साथ मुंसलिक किया गया है इस के मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है
**Metonymy** एक तक़रीर की एक ऐसी इबारत है जिसमें किसी चीज़ या ख़्याल को अपने नाम से नहीं कहा जा रहा है, लेकिन कुछ उस के नाम से जो इस से मुंसलिक है A **metonym** एक लफ़्ज़ या फ़िक़रा है जो उस के साथ मुंसलिक किया गया है इस के मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है
>और u>ख़ून / u>मैं इस का बेटा हमें हर गुनाह से पाक करता है (1 यूहना1: 7 यू उल्टी
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1. जिस चीज़ की नुमाइंदगी करता है इस के नाम के साथ साथ नामूस का इस्तिमाल करें
* ** उन्होंने कप के बाद इसी तरह कप लेकर कहा, "u>ये कप मेरे ख़ून में नया अह्द है, जो आपके लिए डाला जाता है ** (लूका22:20 यू उल्टी
* **उन्होंने कप के बाद इसी तरह कप लेकर कहा, "u>ये कप मेरे ख़ून में नया अह्द है, जो आपके लिए डाला जाता है** (लूका22:20 यू उल्टी
* "उन्होंने कप के बाद इसी तरह कप लेकर कहा, इस कप में शराब / u>मेरे ख़ून में नया अह्द है, जो आपके लिए डाला जाता है "
1. इस चीज़ का नाम इस्तिमाल करें जो इर्फ़ान की नुमाइंदगी करती है
* ** ख़ुदावंद ख़ुदा उसे उस के बाप, दाऊद का तख़्त तख़्ता देगा ** (लूका1:32 यू उल्टी
* **ख़ुदावंद ख़ुदा उसे उस के बाप, दाऊद का तख़्त तख़्ता देगा** (लूका1:32 यू उल्टी
* "ख़ुदावंद ख़ुदा उसे उस के वालिद, दाऊद की बादशाहत इख़तियार करेगा/ u>.
* "ख़ुदावंद ख़ुदा उस के मालिक, बादशाह दाऊद की तरह उसे बादशाह बनाएगा
* ** जिसने आपको ग़ायब करने से ख़बरदार किया u>ग़ज़ब / u>؟** (लूका3: 7यू उल्टी
* **जिसने आपको ग़ायब करने से ख़बरदार किया u>ग़ज़ब / u>؟** (लूका3: 7यू उल्टी
* "जिसने तुम्हें ख़ुदा के आने से फ़रार होने से मना किया है?
कुछ मुशतर्का मुआइने के बारे में जानने के लिए, मुलाहिज़ा करें [बाइबल की तस्वीर आम मुमासिलत ](../bita-part2/01.md).
कुछ मुशतर्का मुआइने के बारे में जानने के लिए, मुलाहिज़ा करें [बाइबल की तस्वीर आम मुमासिलत](../bita-part2/01.md).

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@ -39,8 +39,7 @@
1. सिफ़त के एक कसीर शक्ल के साथ सिफ़त का इस्तिमाल करें जो सिफ़त बयान करता है
* ** बदक़िस्मती का उश्र<ज़म मुल्क में ज़म पर इल नह ** (ज़बूर125: 3 यू उल्ट
* **बदक़िस्मती का उश्र<ज़मीन मुल्कों में ज़मीन पर क़ाइल नहीं होना चाहीए** (ज़बूर125: 3 यू उल्टी
* बदसूरत के उश्र U>सालिह क़ौम / u>ज़मीन में हुकमरान नहीं होना चाहीए
* ** मुबारक हो u>मक़्क / u> ... ** (मति5: 5 यू उल्टी
* **मुबारक हो u>मक़्क / u> ...** (मति5: 5 यू उल्टी
* मुबारक हो u>लोग जो माईक हैं / u> ...

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@ -24,7 +24,7 @@
#### आब्जेक्ट
** एतराज़ ** अक्सर ये है कि इस मौज़ू को कुछ करना है
**एतराज़** अक्सर ये है कि इस मौज़ू को कुछ करना है
* पीटर मारा u>गेंद / u>.
* पतरस u>एक किताब / u>पढ़ता है

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@ -25,16 +25,14 @@
1. अगर एक तम्सील को समझना मुश्किल है क्योंके इसमें नामालूम चीज़ें हैं, आप नामालूम चीज़ों को उन चीज़ों से तब्दील कर सकते हैं जो आपके तहज़ीब में लोग जानते हैं। ताहम, तालीम को यकसां रखने के लिए मोहतात रहें।
* ** यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>चिराग़दान</u> पर रखते हो”।** (मरकुस 4:21 ULT) अगर लोग नहीं जानते के चिराग़दान क्या है, तो आप इसे किसी और चीज़ से मुतबादिल कर सकते हैं जिस पर लोग चिराग़ रखते हैं ताके यह घर को रोशन करे।
* **यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>चिराग़दान</u> पर रखते हो”।** (मरकुस 4:21 ULT) अगर लोग नहीं जानते के चिराग़दान क्या है, तो आप इसे किसी और चीज़ से मुतबादिल कर सकते हैं जिस पर लोग चिराग़ रखते हैं ताके यह घर को रोशन करे।
* यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>ऊँची ताक़</u> पर रखते हो”।
* फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश करके कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में <u>बो दिया</u>। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”। (मत्ती 13:31-32 ULT) बीज बोने का मतलब है उसे फेंकना ताके वो ज़मीन पर बिखर जाएँ। अगर लोग बुवाई से वाक़िफ़ नहीं हैं तो आप पौदे लगाने से मुतबादिल कर सकते है
* फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश करके कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में <u>लगाया</u>। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।
1. अगर तम्सील की तालीम ग़ैर वाज़े है, तो इसके बारे में थोड़ा सा बताने पर गौर करें के यह तार्रुफ़ में क्या तालीम देता है, जैसे “यिसू ने यह कहानी फैय्याज़ होने के बारे में बताया”।
* ** <u>यिसू ने उनसे कहा</u>, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>चिराग़दान</u> पर रखते हो”।** (मरकुस 4:21 ULT)
* **<u>यिसू ने उनसे कहा</u>, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>चिराग़दान</u> पर रखते हो”।** (मरकुस 4:21 ULT)
* <u>यिसू ने उनसे इस बाबत तम्सील कहा के उन्हें क्यों खुलकर गवाही देनी चाहिए।</u> “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक चिराग़दान पर रखते हो”। (मरकुस 4:21 ULT)
* **<u>फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश किया।</u> उसने कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।** (मत्ती 13:31-32 ULT)
* <u> फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने इस बाबत पेश किया के ख़ुदा की बादशाही किस तरह बढ़ती है।</u> उसने कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में <u>बो दिया</u>। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।

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@ -1,6 +1,6 @@
### तफ़सील
** मुतवाज़ी में ** दो जुमले या अस्बाब जिसे साख़त या ख़्याल में मिलकर मिलकर इस्तिमाल किया जाता है मुख़्तलिफ़ किस्म के मुतवाज़ी हैं उनमें से कुछ मुंदरजा ज़ैल हैं
**मुतवाज़ी में** दो जुमले या अस्बाब जिसे साख़त या ख़्याल में मिलकर मिलकर इस्तिमाल किया जाता है मुख़्तलिफ़ किस्म के मुतवाज़ी हैं उनमें से कुछ मुंदरजा ज़ैल हैं
1. दूसरी शक़ या जुमला का मतलब पहला है ये मुतर्जिम मुतवाज़ी भी कहा जाता है
1. दूसरा पहला मतलब वाज़िह करने या मज़बूत करता है
@ -23,7 +23,7 @@
### बाइबल की मिसाल
** दूसरी शक़ या जुमला का मतलब पहला है **
**दूसरी शक़ या जुमला का मतलब पहला है**
>आपका लफ़्ज़ मेरे पांव की चिराग़ है
>और मेरे रास्ते के लिए एक रोशनी (ज़बूर119: 105 यू उ
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दोनों लाईनों का कहना है कि ख़ुदा ने इन्सान को हर चीज़ का हुकमरान बनाया
** दूसरा पहला मतलब वाज़िह करता है या उस को मज़बूत करता है **
**दूसरा पहला मतलब वाज़िह करता है या उस को मज़बूत करता है**
>ख़ुदावंद की आँखें हर जगह हैं
>बुराई और अच्छे पर देखते रहो (इमसाल15: 3 यू उल्टी
दूसरी लाईन खासतौर पर ये बताती है कि ख़ुदावंद क्या देखता है
** दूसरा पहले मुकम्मल तौर पर किया कहा जाता है मुकम्मल **
**दूसरा पहले मुकम्मल तौर पर किया कहा जाता है मुकम्मल**
>मैं ख़ुदावंद को अपनी आवाज़ उठाऊँगा
>और वो मुझे अपने मुक़द्दस पहाड़ी से जवाब देता है (ज़बूर3: 4 यू उल्टी
दूसरी सतर ये बताती है कि जिस शख़्स ने पहले शक़ में किया है इस के जवाब में किया है
** दूसरा कुछ कहता है जो सबसे पहले के साथ होता है, लेकिन इसी ख़्याल में इज़ाफ़ा होता है **
**दूसरा कुछ कहता है जो सबसे पहले के साथ होता है, लेकिन इसी ख़्याल में इज़ाफ़ा होता है**
>क्योंकि ख़ुदावंद सालिहों के रास्ते से मंज़ूर करता है
>लेकिन बदकारों का रास्ता तबाह हो जाएगा (ज़बूर1: 6 यू उल्टी
@ -73,24 +73,21 @@
1. दोनों क़वाइद के ख़्यालात को एक में शामिल करें
* ** जब तक आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला ** (जजिज़16:13، यू उल्टी - दलीला ने ये ख़्याल दो बार ज़ोर दिया कि वो बहुत परेशान हो
* **जब तक आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला** (जजिज़16:13، यू उल्टी - दलीला ने ये ख़्याल दो बार ज़ोर दिया कि वो बहुत परेशान हो
* "जब तक आपने मुझे अपने झूट से धोका दिया है.
* ** ख़ुदावंद सब कुछ देखता है जो शख़्स किसी को करता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो लेता है ** (इमसाल5:21 यू उल्टी - "तमाम रास्ते वो लेते हैं जिसका जुमला "वो सब करता है का एक इशारा है
* **ख़ुदावंद सब कुछ देखता है जो शख़्स किसी को करता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो लेता है** (इमसाल5:21 यू उल्टी - "तमाम रास्ते वो लेते हैं जिसका जुमला "वो सब करता है का एक इशारा है
* "ख़ुदावंद हर शख़्स को हर शख़्स पर तवज्जा देता है.
* ** क्योंकि यहूवाह के लोगों के साथ एक मुक़द्दमा है, और वो इसराईल के ख़िलाफ़ अदालत में लड़ेगा ** (मकाह6: 2 यू उल्टी - ये मुतवाज़ी एक संगीन इख़तिलाफ़ात की वज़ाहत करता है कि ख़ुदावंद ने लोगों के एक गिरोह के साथ किया था अगर ये वाज़िह नहीं है तो, जुमले को मुशतर्का किया जा सकता है
* **क्योंकि यहूवाह के लोगों के साथ एक मुक़द्दमा है, और वो इसराईल के ख़िलाफ़ अदालत में लड़ेगा** (मकाह6: 2 यू उल्टी - ये मुतवाज़ी एक संगीन इख़तिलाफ़ात की वज़ाहत करता है कि ख़ुदावंद ने लोगों के एक गिरोह के साथ किया था अगर ये वाज़िह नहीं है तो, जुमले को मुशतर्का किया जा सकता है
* "इसराईल के लिए इसराईल के लिए एक मुक़द्दमा है, इसराईल.
1. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होते हैं कि वो जो कुछ कहते हैं वो सच्चा है, आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो सच्च "सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर-ज़ोर देते हैं
* ** ख़ुदावंद हर चीज़ को देखता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो ले जाता है ** (इमसाल5:21 यू उल्टी
* **ख़ुदावंद हर चीज़ को देखता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो ले जाता है** (इमसाल5:21 यू उल्टी
* "ख़ुदावंद वाक़ई हर चीज़ को देखता है.
1. अगर ये ज़ाहिर होता है कि शक़ उनमें एक ख़्याल को तेज़ करने के साथ मिलकर इस्तिमाल किया जाता है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब जैसे इस्तिमाल कर सकते हैं
* ** आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला ** (जजिज़16:13 यू उल्टी
* **आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला** (जजिज़16:13 यू उल्टी
* "आपने जो कुछ किया है वो मुझसे झूट बोलता है.
* ** ख़ुदावंद हर चीज़ को देखता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो ले जाता है ** (इमसाल5:21 यू उल्टी
* **ख़ुदावंद हर चीज़ को देखता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो ले जाता है** (इमसाल5:21 यू उल्टी
* "ख़ुदावंद बिलकुल सब कुछ देखता है जो किसी शख़्स को करता है.

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तक़रीर के हिस्सों अलफ़ाज़ की इक़साम हैं अलफ़ाज़ की मुख़्तलिफ़ इक़साम को एक जुमले में मुख़्तलिफ़ अफ़आल हैं तमाम ज़बानों में तक़रीर के हिस्से हैं, और ज़बान में तमाम अलफ़ाज़ तक़रीर के एक हिस्से से ताल्लुक़ रखते हैं ज़्यादा से ज़्यादा ज़बानें बोलने वाले के बुनियादी हिस्सों में हैं, कुछ मुख़्तलिफ़ हालतों के साथ, और कुछ ज़बानें इस से ज़्यादा इक़साम हैं ये तक़रीर के मुख़्तलिफ़ हिस्सों की एक मुकम्मल फ़हरिस्त नहीं है, लेकिन ये बुनियादी इक़साम को शामिल करता है
** VERBS ** वो अलफ़ाज़ हैं जो किसी भी कार्रवाई का इज़हार करते हैं (मसला आते हैं, जाना, खाते हैं या एक रियासत की हैसियत (जैसे कि, किया, था) मज़ीद अलफ़ाज़ पर Verbs](../figs-verbs/01.md) पर पाया जा सकता है
**VERBS** वो अलफ़ाज़ हैं जो किसी भी कार्रवाई का इज़हार करते हैं (मसला आते हैं, जाना, खाते हैं या एक रियासत की हैसियत (जैसे कि, किया, था) मज़ीद अलफ़ाज़ पर [Verbs](../figs-verbs/01.md) पर पाया जा सकता है
** नोंस ** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल की नुमाइंदगी करते हैं आम नामा आम हैं, ये है कि, वो किसी मख़सूस इदारे (आदमी, शहर, मलिक का हवाला नहीं देते हैं नाम, या मुनासिब मअनी, एक मख़सूस इदारे का हवाला देते हैं (पीटर, यरूशलेम, मिस्र) (मज़ीद मालूमात के लिए देखें [नामों का तर्जुमा कैसे करें (../translate-names/01.md).
**नोंस** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल की नुमाइंदगी करते हैं आम नामा आम हैं, ये है कि, वो किसी मख़सूस इदारे (आदमी, शहर, मलिक का हवाला नहीं देते हैं नाम, या मुनासिब मअनी, एक मख़सूस इदारे का हवाला देते हैं (पीटर, यरूशलेम, मिस्र) (मज़ीद मालूमात के लिए देखें [नामों का तर्जुमा कैसे करें](../translate-names/01.md).
** PRONOUNS ** इस्मों की जगह ले लू और इस तरह के अलफ़ाज़ में शामिल हैं, वो, वो, ये, आप, वो, और हम pronouns पर मज़ीद तफ़सीली सफ़हात [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पर पाया जा सकता है
**PRONOUNS** इस्मों की जगह ले लू और इस तरह के अलफ़ाज़ में शामिल हैं, वो, वो, ये, आप, वो, और हम pronouns पर मज़ीद तफ़सीली सफ़हात [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पर पाया जा सकता है
** तजावीज़ ** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो जुमले या जुमले में शामिल होते हैं मिसाल में शामिल हैं, और, या, लेकिन, के लिए, अभी तक, और ना ही बाअज़ मुशतर्का जोड़ों में इस्तिमाल होते हैं बू )
**तजावीज़** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो जुमले या जुमले में शामिल होते हैं मिसाल में शामिल हैं, और, या, लेकिन, के लिए, अभी तक, और ना ही बाअज़ मुशतर्का जोड़ों में इस्तिमाल होते हैं बू )
** एहतियात ** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ या फे़अल को संजीदा या फे़अल से मुंसलिक करते हैं जिनमें उस का लफ़्ज़ या फे़अल के बारे में मज़ीद तफ़सील के साथ राबिता किया जाता है मिसाल के तौर पर, "लड़की ने अपने बाप को / u>भा गया. यहां "पेश पेश नज़ारा के साथ ये जुमला उस के वालिद के सिलसिले में लड़की के चल रहा है (अमल की सिम्त बताता है एक और मिसाल ये है कि, "भीड़ u>के इर्द-गिर्द यसवा / u>नंबरों में इज़ाफ़ा हुआ. पेश नज़ारा u>के इर्द-गिर्द लफ़्ज़ यसवा के सिलसिले में भेड़ की जगह बताता है पेश नज़ारा के कुछ मिसालें, के अंदर, अंदर, बाहर, पर, बंद, बग़ैर, ऊपर, नीचे, उस के बाद, पीछे, आगे, दरमयान, के अंदर अंदर, के दरमयान
**एहतियात** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ या फे़अल को संजीदा या फे़अल से मुंसलिक करते हैं जिनमें उस का लफ़्ज़ या फे़अल के बारे में मज़ीद तफ़सील के साथ राबिता किया जाता है मिसाल के तौर पर, "लड़की ने अपने बाप को / u>भा गया. यहां "पेश पेश नज़ारा के साथ ये जुमला उस के वालिद के सिलसिले में लड़की के चल रहा है (अमल की सिम्त बताता है एक और मिसाल ये है कि, "भीड़ u>के इर्द-गिर्द यसवा / u>नंबरों में इज़ाफ़ा हुआ. पेश नज़ारा u>के इर्द-गिर्द लफ़्ज़ यसवा के सिलसिले में भेड़ की जगह बताता है पेश नज़ारा के कुछ मिसालें, के अंदर, अंदर, बाहर, पर, बंद, बग़ैर, ऊपर, नीचे, उस के बाद, पीछे, आगे, दरमयान, के अंदर अंदर, के दरमयान
** मज़ामीन ** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ों के साथ इस्तिमाल किया जाता है इस से ज़ाहिर होता है कि स्पीकर इस बात का इशारा करता है कि इस के सुनने वाले को शनाख़्त करने के काबिल होना चाहीए अंग्रेज़ी में ये अलफ़ाज़ हैं "एक", एक, अलफ़ाज़ u> th/and; either/or; neither/nor; not only/but also. More information about these can be found on [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md).
**मज़ामीन** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ों के साथ इस्तिमाल किया जाता है इस से ज़ाहिर होता है कि स्पीकर इस बात का इशारा करता है कि इस के सुनने वाले को शनाख़्त करने के काबिल होना चाहीए अंग्रेज़ी में ये अलफ़ाज़ हैं "एक", एक, अलफ़ाज़ u> th/and; either/or; neither/nor; not only/but also. More information about these can be found on [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md).
** मज़ामीन ** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ों की वज़ाहत करते हैं और इस तरह की चीज़ें मिक़दार, साइज़, रंग और उम्र के तौर पर बयान करते हैं कुछ मिसालें हैं बहुत, बड़े, नीले, पुराने, होशयार, थकावट कभी कभी लोगों को किसी चीज़ के बारे में कुछ मालूमात फ़राहम करने के लिएadjectives का इस्तिमाल करते हैं, और कभी कभी लोग उनको इस्तिमाल करते हैं कि एक चीज़ किसी दूसरे से मुख़्तलिफ़ हो मिसाल के तौर पर, में अपने बुज़ुर्ग फिया ).
**मज़ामीन** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ों की वज़ाहत करते हैं और इस तरह की चीज़ें मिक़दार, साइज़, रंग और उम्र के तौर पर बयान करते हैं कुछ मिसालें हैं बहुत, बड़े, नीले, पुराने, होशयार, थकावट कभी कभी लोगों को किसी चीज़ के बारे में कुछ मालूमात फ़राहम करने के लिएadjectives का इस्तिमाल करते हैं, और कभी कभी लोग उनको इस्तिमाल करते हैं कि एक चीज़ किसी दूसरे से मुख़्तलिफ़ हो मिसाल के तौर पर, में अपने बुज़ुर्ग फिया ).
** ऐडवर्डज़ ** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जिनमें फे़अल याadjectives बयान करते हैं और ऐसी बातें बताएं कि किस तरह, जब, कहाँ, क्यों, और किस हद तक बहुत से अंग्रेज़ी हदीसें u> ly मैं ख़त्म होते हैं ऐडवर्डज़ के कुछ मिसालें आहिस्ता-आहिस्ता, बाद में, दूर, जान-बूझ कर, बहुत
**ऐडवर्डज़** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जिनमें फे़अल याadjectives बयान करते हैं और ऐसी बातें बताएं कि किस तरह, जब, कहाँ, क्यों, और किस हद तक बहुत से अंग्रेज़ी हदीसें u> ly मैं ख़त्म होते हैं ऐडवर्डज़ के कुछ मिसालें आहिस्ता-आहिस्ता, बाद में, दूर, जान-बूझ कर, बहुत

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मुस्तक़बिल के वाक़ियात का हवाला देने के लिए मुस्तक़बिल में कशीदगी का इस्तिमाल करें
* ** हमारे लिए एक बच्चा पैदा हुआ है / u>، हमें एक बेटा<ि गय है / u>؛** (यसईआह9: 6एव उल्टी
* **हमारे लिए एक बच्चा पैदा हुआ है / u>، हमें एक बेटा<दिया गया है / u>؛** (यसईआह9: 6एव उल्टी
* "हमारे लिए एक बच्चा पैदा हो जाएगा/ u>، हमें एक बेटा u>दिया जाएगा/ u>؛
1. अगर ये किसी चीज़ से मुराद होता है जो जल्द ही ही होता है, इस का इस्तिमाल करें जो इस से ज़ाहिर होता है

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@ -41,17 +41,17 @@
1. वाज़ेह करने के लिए अलफाज़ और जुमलों का इज़ाफा कीजिए।
* ** ... <u>गुनाह दरवाज़े पर ताक़</u>लगा कर बैठा है** (जेनेसिस 8:1 ULT)- ख़ुदा गुनाह को एक जंगली जानवर कहते है जो हमला करने के मौके के इंतेज़ार में बैठा है। ये बताता है कि गुनाह कितना ख़तरनाक है। इस ख़तरे को वाज़ेह करने के लिए एक जुमले का इज़ाफा किया जा सकता है।
* **... <u>गुनाह दरवाज़े पर ताक़</u>लगा कर बैठा है** (जेनेसिस 8:1 ULT)- ख़ुदा गुनाह को एक जंगली जानवर कहते है जो हमला करने के मौके के इंतेज़ार में बैठा है। ये बताता है कि गुनाह कितना ख़तरनाक है। इस ख़तरे को वाज़ेह करने के लिए एक जुमले का इज़ाफा किया जा सकता है।
* ... <u>गुनाह</u>तुम्हारे दरवाज़े पर है, <u>हमला करने का इंतज़ार कर रहा है</u>
1. "जैसे कि"या"यानि कि"जैसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल कीजिए ये समझाने के लिए कि इन जुमलों को लफ़्जी तौर पर नहीं समझना चाहिए।
* ** …गुनाह दरवाज़े पर ताक लगा कर बैठा है**(जेनेसिस 8:1 ULT) इसे "जैसे कि"अलफाज़ के साथ तर्जुमह किया जा सकता है।
* **…गुनाह दरवाज़े पर ताक लगा कर बैठा है**(जेनेसिस 8:1 ULT) इसे "जैसे कि"अलफाज़ के साथ तर्जुमह किया जा सकता है।
* ... गुनाह दरवाज़े पर ताक लगा कर बैठा है, जैसे कि<u>एक जंगली जानवर एक शक्स पर हमला करने के इंतज़ाम में बैठा रहते है</u>
1. तमसील के बिना उसका तर्जुमह करने का रास्ता खोजिए।
* ** ...यहां तक कि <u>हवाएँ और समंदर भी उसकी इताअत करते है</u>**(मैथ्यू8:27 ULT) लोग "हवाओं और समंदर के बारे में ऐसे बोल रहे है जैसे कि वो सुन सकते है"और इताअत कर सकते है ईसा की, जैसे लोग करते है। इस जुमले के तर्जुमह ईसा की इताअत का ज़िक्र निकाल कर किया जा सकता है, जिस से ये लगे कि वो उन पर काबू रखते है।
* **...यहां तक कि <u>हवाएँ और समंदर भी उसकी इताअत करते है</u>**(मैथ्यू8:27 ULT) लोग "हवाओं और समंदर के बारे में ऐसे बोल रहे है जैसे कि वो सुन सकते है"और इताअत कर सकते है ईसा की, जैसे लोग करते है। इस जुमले के तर्जुमह ईसा की इताअत का ज़िक्र निकाल कर किया जा सकता है, जिस से ये लगे कि वो उन पर काबू रखते है।
* यहां तक कि वो<u>हवाओं और समन्दर पर काबू रखते है।</u>
**ध्यान दें** हमने तमसील की तारीफ़ को वसीह करके "तमसील"में "ज़ू-माॅर्फिज़म"को भी शामिल किया है(दूसरी चीज़ों की बात करते हुए जैसे कि उनमें जानवरों की ख़सूसियात थी)

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@ -32,47 +32,47 @@
> ... छोटा बेटा .. भूक लातादाद ज़िंदा रहने के साथ u>इस के पैसा ज़ाए कर दिया / u>. (लूका15:13)
** सोशल रिश्ता ** - मिसाल के तौर पर जे़ल में, शागिर्द जान थे जिन्हों ने जान से जान लिया
**सोशल रिश्ता** - मिसाल के तौर पर जे़ल में, शागिर्द जान थे जिन्हों ने जान से जान लिया
>फिर u>जान के शागिर्द / u>इस के पास आए .. ((मति9: 14 यू उल्टी
** मवाद ** - जे़ल में मिसाल के तौर पर, ताज बनाने के लिए इस्तिमाल होने वाला मवाद सोने था
**मवाद** - जे़ल में मिसाल के तौर पर, ताज बनाने के लिए इस्तिमाल होने वाला मवाद सोने था
>उनके सर पर कुछ सोने की ताज थे (यूहना9: 7)
>जो भी आपको देता है u>एक कप पानी / u>पीने के लिए .. इस का अज्र ज़ाए नहीं होगा (मार्क9:41 यू उल्टी
** पूरे हिस्सा ** - नीचे मिसाल के तौर पर, दरवाज़े महल का हिस्सा था
**पूरे हिस्सा** - नीचे मिसाल के तौर पर, दरवाज़े महल का हिस्सा था
>लेकिन अयाह बादशाह के महल के दरवाज़े पर सो गया / u> (2 समोयल11: 9 यू उल्टी
** पूरे हिस्सा ** - नीचे मिसाल के तौर पर, दरवाज़े महल का हिस्सा था
**पूरे हिस्सा** - नीचे मिसाल के तौर पर, दरवाज़े महल का हिस्सा था
>लेकिन अयाह बादशाह के महल के दरवाज़े पर सो गया / u> (2 समोयल11: 9 यू उल्टी
** एक गिरोह का हिस्सा ** - जे़ल में, "हम पूरे गिरोह का हवाला देते हैं और "हर एक इन्फ़िरादी अरकान को इशारा करता है
**एक गिरोह का हिस्सा** - जे़ल में, "हम पूरे गिरोह का हवाला देते हैं और "हर एक इन्फ़िरादी अरकान को इशारा करता है
>आप<हम हर एक / u>को तोहफ़ा दिया गया है (एफसियों4: 7 यू उल्टी
#### तक़रीबात और पोज़ीशन
बाज़-औक़ात दोनों लफ़्ज़ों का ख़ुलासा इख़तताम है जिसमें एक वाक़िया या अमल होता है मुंदरजा ज़ैल मिसालों में, ख़ुलासा लफ़्ज़ * ** bold ** प्रिंट में हैं ये सिर्फ़ ऐसे ताल्लुक़ात में से कुछ हैं जिनमें दो इस्माईलों के दरमयान मुम्किन है जब उनमें से किसी एक वाक़े से मुराद हो
बाज़-औक़ात दोनों लफ़्ज़ों का ख़ुलासा इख़तताम है जिसमें एक वाक़िया या अमल होता है मुंदरजा ज़ैल मिसालों में, ख़ुलासा लफ़्ज़ * **bold** प्रिंट में हैं ये सिर्फ़ ऐसे ताल्लुक़ात में से कुछ हैं जिनमें दो इस्माईलों के दरमयान मुम्किन है जब उनमें से किसी एक वाक़े से मुराद हो
** मज़मून ** - कभी कभी "के के बाद लफ़्ज़ जो पहले नाम से नामज़द अमल करेगा कहता है मिसाल के तौर पर, u>जान ने लोगों को बपतिस्मा दिया / u>.
**मज़मून** - कभी कभी "के के बाद लफ़्ज़ जो पहले नाम से नामज़द अमल करेगा कहता है मिसाल के तौर पर, u>जान ने लोगों को बपतिस्मा दिया / u>.
> ** बपतिस्मा ** की जान / u>، क्या ये आसमान से या मर्दों से था? जवाब दो "(मर्कूज़11:30)
> **बपतिस्मा** की जान / u>، क्या ये आसमान से या मर्दों से था? जवाब दो "(मर्कूज़11:30)
मिसाल के तौर पर, u>मसीह हमसे मुहब्बत करता है / u>.
>हमें कौन से अलैहदा करेंगे<यसव * मुहब्बत * ؟(ं3:35)
** आब्जेक्ट ** - बाज़-औक़ात लफ़्ज़ "के के बाद जो शख़्स बताता है या जो कुछ होगा मिसाल के तौर पर, u>लोग पैसे से प्यार करते हैं / u>.
**आब्जेक्ट** - बाज़-औक़ात लफ़्ज़ "के के बाद जो शख़्स बताता है या जो कुछ होगा मिसाल के तौर पर, u>लोग पैसे से प्यार करते हैं / u>.
>के लिए u> ** पैसे की मुहब्बत ** / u>हर किस्म के बुरे की जड़ है (1 तेमथीसि6:10 यू उल्टी
>के लिए u> **पैसे की मुहब्बत** / u>हर किस्म के बुरे की जड़ है (1 तेमथीसि6:10 यू उल्टी
** आले ** - कभी कभी "के के बाद लफ़्ज़ बताता है कि कुछ कैसे होगा मिसाल के तौर पर, ख़ुदा दुश्मनों को तलवारों के साथ उन पर हमला करने के लिए लोगों को सज़ा देगा
**आले** - कभी कभी "के के बाद लफ़्ज़ बताता है कि कुछ कैसे होगा मिसाल के तौर पर, ख़ुदा दुश्मनों को तलवारों के साथ उन पर हमला करने के लिए लोगों को सज़ा देगा
फिर तलवार से डरते रहो क्योंकि ग़ज़ब<तुलू तलव / u> (मुलाज़मत19:29 यू उल्टी
** नुमाइंदगी ** - जे़ल में, यूहना ने लोगों को बपतिस्मा दिया था जो उनके गुनाहों की तौबा कर रहे थे वो बपतिस्मा देने के लिए थे कि वो तौबा कर रहे थे उनके बपतिस्मा ने उनकी तौबा की नुमाइंदगी की थी
**नुमाइंदगी** - जे़ल में, यूहना ने लोगों को बपतिस्मा दिया था जो उनके गुनाहों की तौबा कर रहे थे वो बपतिस्मा देने के लिए थे कि वो तौबा कर रहे थे उनके बपतिस्मा ने उनकी तौबा की नुमाइंदगी की थी
जैसा कि जान आया, वो बाबुल में बपतिस्मा देने वाला था और गुनाहों की बख़शिश के लिए u>एक * बपतिस्मा * तौबा की / u>की तब्लीग़ कर रहा था (मार्क1: 4 यू उल्टी
@ -92,27 +92,24 @@
### लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें
1. एक ख़ासीयत का इस्तिमाल करने के लिए इस्तिमाल करें कि ये एक बयान करे जे़ल में सिफ़त ** बोल्ड ** प्रिंट में है
1. एक ख़ासीयत का इस्तिमाल करने के लिए इस्तिमाल करें कि ये एक बयान करे जे़ल में सिफ़त **बोल्ड** प्रिंट में है
* ** उनके सर पर कुछ सोने की ताज थे / u> ** (मुकाशफ़ा9: 7)
* "उनके सर पर u> ** सोने ** ताज / u>"
* **उनके सर पर कुछ सोने की ताज थे / u>** (मुकाशफ़ा9: 7)
* "उनके सर पर u> **सोने** ताज / u>"
1. एक फे़अल का इस्तिमाल करें कि वो किस तरह दो से मुताल्लिक़ हैं जे़ल में मिसाल में, इज़ाफ़ी फे़अल बोल्ड में है
* ** ... जो भी आपको<यू एक देत है उसे ने के ि .. इस अज्र नह ** (र्क9:41 यू उल्ट
* **... जो भी आपको<यू एक देत है उसे ने के ि .. इस अज्र नह ** (र्क9:41 यू उल्ट
* ... जो भी आपको देता है u>एक कप है कि * इस में पानी है / u>पीने के लिए .. इस का अज्र खू नहीं करेगा
* ** ग़रीब का दिन / u> ** पर ग़ैर महिदूद है (इमसाल11: 4 यू उल्टी
* **ग़रीब का दिन / u>** पर ग़ैर महिदूद है (इमसाल11: 4 यू उल्टी
* दौलत इस क़दर बेरोज़गारी है कि जिस दिन ख़ुदा अपने ग़ज़ब से ज़ाहिर होता है
* दौलत पर बेरोज़गारी बेरोज़गारी है जब ख़ुदा * इस के ग़ज़ब के सबब * लोगों को सज़ा देता है
1. अगर एक असैंबली में एक वाक़िया का ज़िक्र होता है, तो उसे फे़अल के तौर पर तर्जुमा करें जे़ल में मिसाल के तौर पर, ये फे़अल बोल्ड में है
* ** याद रखें कि मैं आपके बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ, जो आपके ख़ुदा के ख़ुदा की सज़ा नहीं जानता या नहीं देखा है * ** (Deuteronomy 11: 2 ULT)
* **याद रखें कि मैं आपके बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ, जो आपके ख़ुदा के ख़ुदा की सज़ा नहीं जानता या नहीं देखा है** (Deuteronomy 11: 2 ULT)
* याद रखें कि मैं अपने बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ जो नहीं जानता या नहीं देखा u>आपके ख़ुदा की किस तरह * सज़ा दी * मिस्र के लोगों
* ** आप सिर्फ शैतानों की सज़ा देखेंगे और देखेंगे ** (ज़बूर91: 8 यू उल्टी
* **आप सिर्फ शैतानों की सज़ा देखेंगे और देखेंगे** (ज़बूर91: 8 यू उल्टी
* आप सिर्फ मुशाहिदा करेंगे और देखेंगे कि यहूवाह ख़ुदा की शरीयत * किस तरह सज़ा देता है
* ** ... आपको रूहुल-क़ुदुस की तोहफ़ा / u>मिल जाएगा ** (आमाल2:38 यू उल्टी
* **... आपको रूहुल-क़ुदुस की तोहफ़ा / u>मिल जाएगा** (आमाल2:38 यू उल्टी
* ... आपको रूहुल-क़ुदुस मिलेगा, जिसे ख़ुदा करेगा आपको दे

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@ -9,10 +9,10 @@
#### शख़्स
* पहला शख़्स स्पीकर और मुम्किना तौर पर दूसरों (में, हम
* [ख़ुसूसी और शामिल करदा "हम" ](../figs-exclusive/01.md)
* [ख़ुसूसी और शामिल करदा "हम"](../figs-exclusive/01.md)
* दूसरा शख़्स वो शख़्स या जो शख़्स स्पीकर बात कर रहा है और मुम्किना तौर पर दूसरों को (आप
[आपके फ़ार्म ](../figs-you/01.md)
[आपके फ़ार्म](../figs-you/01.md)
* तीसरी शख़्स स्पीकर के इलावा किसी को या कुछ और जो वो बात कर रहा है (वो, वो, वो, वो
@ -20,7 +20,7 @@
* संगलर एक (में, तुम, वो, वो, ये
* प्लास्टिक एक से ज़ाइद (हम, आप, वो
* [संगलर दानिश्वर जो ग्रुप का हवाला देते हैं ](../figs-youcrowd/01.md)
* [संगलर दानिश्वर जो ग्रुप का हवाला देते हैं](../figs-youcrowd/01.md)
* दोहरी दो (कुछ ज़बानें खासतौर पर दो अफ़राद या दो चीज़ें हैं.
#### सिनफ़
@ -38,28 +38,28 @@
### ज़मीर की दीगर इक़साम
** [रीफ़रेजवीटPronouns](../figs-rpronouns/01.md) ** एक ही लफ़्ज़ में दूसरे संत या ज़मीर का हवाला देते हैं ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद
**[रीफ़रेजवीटPronouns](../figs-rpronouns/01.md)** एक ही लफ़्ज़ में दूसरे संत या ज़मीर का हवाला देते हैं ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद
* ** जान ने देखा u>ख़ुद / u>आईने में ** - "ख़ुद लफ़्ज़ जान से मुराद है
* **जान ने देखा u>ख़ुद / u>आईने में** - "ख़ुद लफ़्ज़ जान से मुराद है
** तहक़ीक़ातीPronouns ** एक सवाल बनाने के लिए इस्तिमाल किया जाता है जो एक जवाब के लिए सिर्फ एक या ज़्यादा से ज़्यादा की ज़रूरत है कौन, जन, जन, कहाँ, कहाँ, जब, क्यों, क्यों
**तहक़ीक़ातीPronouns** एक सवाल बनाने के लिए इस्तिमाल किया जाता है जो एक जवाब के लिए सिर्फ एक या ज़्यादा से ज़्यादा की ज़रूरत है कौन, जन, जन, कहाँ, कहाँ, जब, क्यों, क्यों
* ** कौन / u>घर बनाया? **
* ** कौन / u>घर बनाया?**
** रिश्तेदारPronouns ** एक रिश्तेदार शक़ को निशान ज़िद करें उन्होंने सज़ा के अहम हिस्से में एक लफ़्ज़ के बारे में मज़ीद कहा जो, कौन, कौन, कहाँ, कहाँ, जब
**रिश्तेदारPronouns** एक रिश्तेदार शक़ को निशान ज़िद करें उन्होंने सज़ा के अहम हिस्से में एक लफ़्ज़ के बारे में मज़ीद कहा जो, कौन, कौन, कहाँ, कहाँ, जब
* ** मैंने इस घर को देखा जिसमें जान बनाया गया था ** इस शक़ का मतलब जिसने जान बनाया था कि जिस घर मैंने देखा था
* ** मैंने देखा जिस आदमी ने घर बना दिया ** इस शक़ का जो घर बनाया गया है वो बताता है जिसे मैंने देखा था
* **मैंने इस घर को देखा जिसमें जान बनाया गया था** इस शक़ का मतलब जिसने जान बनाया था कि जिस घर मैंने देखा था
* **मैंने देखा जिस आदमी ने घर बना दिया** इस शक़ का जो घर बनाया गया है वो बताता है जिसे मैंने देखा था
** मुज़ाहरा नाPronouns ** किसी को या कुछ पर तवज्जा देना और स्पीकर या कुछ और से फ़ासिला ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है ये, ये, वो
**मुज़ाहरा नाPronouns** किसी को या कुछ पर तवज्जा देना और स्पीकर या कुछ और से फ़ासिला ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है ये, ये, वो
* ** क्या आपने देखा u>इस / u>यहां? **
* ** वहां u>वो कौन है? **
* **क्या आपने देखा u>इस / u>यहां?**
* **वहां u>वो कौन है?**
** ग़ैर वाज़िह ज़मीमा ** इस्तिमाल किया जाता है जब कोई ख़ास संजीदा नहीं है किसी, किसी, किसी, किसी चीज़, कुछ-कुछ, कभी कभी ज़ाती ज़मीमा ये करने के लिए आम तरीक़े से इस्तिमाल किया जाता है आप, वो, वो या ये
**ग़ैर वाज़िह ज़मीमा** इस्तिमाल किया जाता है जब कोई ख़ास संजीदा नहीं है किसी, किसी, किसी, किसी चीज़, कुछ-कुछ, कभी कभी ज़ाती ज़मीमा ये करने के लिए आम तरीक़े से इस्तिमाल किया जाता है आप, वो, वो या ये
* ** वो u>किसी को / u>से बात नहीं करना चाहता **
* ** किसी को / u>मुक़र्रर किया है, लेकिन में नहीं जानता कौन **
* ** वो / u>कहते हैं कि u>आप / u>एक नींद कुत्ते नहीं जीना चाहीए **
* **वो u>किसी को / u>से बात नहीं करना चाहता**
* ** किसी को / u>मुक़र्रर किया है, लेकिन में नहीं जानता कौन**
* ** वो / u>कहते हैं कि u>आप / u>एक नींद कुत्ते नहीं जीना चाहीए**
आख़िरी मिसाल में, "वो और "आप सिर्फ आम तौर पर लोगों का हवाला देते हैं

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@ -25,7 +25,6 @@
>फ़रीसयों से पूछा जा रहा है कि जब ख़ुदा की बादशाही आयेंगी तो यसवा ने जवाब दिया और कहा, "ख़ुदा की बादशाही ऐसी चीज़ नहीं है जिसे देखा जा सकता है ना वो कहेंगे, 'देखो देखो! या, 'देखो! क्योंकि ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमयान है " (लूका17: 20-21 यू उल्टी
* ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला फ़रीसयों से पूछा जा रहा है कि जब ख़ुदा की बादशाही आएगी तो / u>
*
* बराह-ए-रास्त इक़तिबास यसवा ने उनसे जवाब दिया और कहा, "आपके ख़ुदा की बादशाही ऐसी चीज़ नहीं है जिसे मुशाहिदा किया जा सकता है ना ही वो कहते हैं, 'देखो! या, 'देखो! क्योंकि ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमयान है "
* बराह-ए-रास्त हवालाजात ना वो कहेंगेu>यहां देखो 'या, 'u>वहां देखो '
@ -40,8 +39,7 @@
1. अगर बराह-ए-रास्त इक़तिबास आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा, तो उसे ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबास में तबदील करें
* ** उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को ना बताए, लेकिन इस से कहा, "आप अपने रास्ते पर जाएं और अपने आपको इमाम के सामने पेश करें और आपकी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करो "** (लूका5:14 यू उल्टी
* **उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को ना बताए, लेकिन इस से कहा, "आप अपने रास्ते पर जाएं और अपने आपको इमाम के सामने पेश करें और आपकी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करो "** (लूका5:14 यू उल्टी
* उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को नहीं बल्कि उस के पास जाने के ले-ए-और अपने आपको पादरी को पेश करने और अपनी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करने के लिए, मौसी के हुक्म के मुताबिक़ उनकी गवाही के ले-ए-/ u> . "
1. अगर एक ग़ैर मुस्तक़ीम लफ़्ज़ आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा तो, बराह-ए-रास्त इक़तिबास में तबदील करें

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@ -53,6 +53,5 @@
* **फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “मैंने बनी-इस्राएल का बड़बड़ाना सुन लिया है। उनसे कह दे, ‘शाम को तुम गोश्त खाओगे, और सुबह को तुम रोटी से सेर होगे। तब तुम जान लोगे के मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।’ ”** (ख़ुरूज 16:11-12 ULT)
* फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “मैंने बनी-इस्राएल का बड़बड़ाना सुन लिया है। उनसे कह दे <u>के</u> शाम को <u>वो</u> गोश्त खाएंगे, और सुबह को <u>वो</u> रोटी से सेर होंगे। तब <u>वो</u> जान लेंगे के मैं ख़ुदावन्द <u>उनका</u> ख़ुदा हूँ।”
* ** उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ”** (2 सलातीन 1:6 ULT)
* **उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ”** (2 सलातीन 1:6 ULT)
* उन्होंने उससे कहा <u>के</u> एक शख्स <u>उनसे</u> मिलने को आया और <u>उनसे</u> कहने लगा, “उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो <u>के</u> ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ”

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@ -46,30 +46,28 @@
1. कुछ ज़बानों में लोग लोग फे़अल पर कुछ डालते हैं कि ये ज़ाहिर करते हैं कि फे़अल का मक़सद मौज़ू के तौर पर ही है
* ** अगर मैं ख़ुद u>ख़ुद / u>के बारे में गवाही देना चाहूँ तो, मेरी गवाही सच्च नहीं होगी ** (यूहना5:31)
* **अगर मैं ख़ुद u>ख़ुद / u>के बारे में गवाही देना चाहूँ तो, मेरी गवाही सच्च नहीं होगी** (यूहना5:31)
* "अगर मुझे अकेले ख़ुद को गवाही देना चाहिए तो मेरी गवाही सच्च नहीं होगी.
* ** अब यहूदीयों के फ़ुसह के क़रीब था, और फ़ुसह से पहले बहुत से लोग यरूशलेम के पास जा कर अपने आपको पाक करने के लिए गए थे ** (यूहना11:55)
* **अब यहूदीयों के फ़ुसह के क़रीब था, और फ़ुसह से पहले बहुत से लोग यरूशलेम के पास जा कर अपने आपको पाक करने के लिए गए थे** (यूहना11:55)
* "अब यहूदीयों के फ़ुसह के क़रीब था, और बहुत से फ़ुसह से पहले बहुत से मुल्क यरूशलेम के पास गए और ख़ुद को पाक करने के लिए.
1. कुछ ज़बानों में लोगों को किसी ख़ास शख़्स या चीज़ पर-ज़ोर दिया जा सकता है कि इस में किसी ख़ास जगह में किसी ख़ास जगह पर इशारा हो
* ** उन्होंने ख़ुद को बीमार किया और हमारी बीमारीयों को बर्दाश्त किया ** (मति8:17 यू उल्टी
* ** उन्होंने ख़ुद को बीमार किया और हमारी बीमारीयों को बर्दाश्त किया** (मति8:17 यू उल्टी
* " ये वही था जो / u>हमारी बीमारी को ले ली और हमारी बीमारीयों को बर्दाश्त कर ली.
* ** यसवा ख़ुद / u>बपतिस्मा देने वाला नहीं था, लेकिन इस के शागिर्द थे * ** (यूहना4: 2)
* ** यसवा ख़ुद / u>बपतिस्मा देने वाला नहीं था, लेकिन इस के शागिर्द थे** (यूहना4: 2)
* " ये यसवा नहीं था जो / u>बपतिस्मा देने वाला था, लेकिन इस के शागिर्द थे.
1. कुछ ज़बानों में लोग किसी मख़सूस शख़्स या चीज़ को इस लफ़्ज़ में कुछ भी शामिल करके या उस के साथ किसी दूसरे लफ़्ज़ पर-ज़ोर देते हैं अंग्रेज़ी में रीफ़ेक्साईओ पैरौ वन शामिल है
* ** अब यसवा ने फ़लिप की आज़माईश के लिए कहा, क्योंकि वो जानता था कि वो क्या करने जा रहा था ** (यूहना6: 6)
* **अब यसवा ने फ़लिप की आज़माईश के लिए कहा, क्योंकि वो जानता था कि वो क्या करने जा रहा था** (यूहना6: 6)
1. कुछ ज़बानों में लोग ज़ाहिर करते हैं कि किसी ने "अकेले जैसे अलफ़ाज़ को इस्तिमाल करके अकेले कुछ किया था
* ** जब यसवा ने महसूस किया कि वो उस के बादशाह को बनाने के ले-ए-उस के आने और क़ाबू पाने के बारे में थे, तो वो पहाड़ी को ख़ुद को ख़ुद से लेकर ले गया ** (यूहना6: 15)
* **जब यसवा ने महसूस किया कि वो उस के बादशाह को बनाने के ले-ए-उस के आने और क़ाबू पाने के बारे में थे, तो वो पहाड़ी को ख़ुद को ख़ुद से लेकर ले गया** (यूहना6: 15)
* "जब यसवा ने महसूस किया कि वो उस के बादशाह को बनाने के ले-ए-उस के आने और क़ाबू पाने के बारे में थे, तो वो पहाड़ी पर दुबारा दुबारा वापिस चला गया.
1. कुछ ज़बानों में लोग ज़ाहिर करते हैं कि एक जुमला का इस्तिमाल करते हुए किसी चीज़ का वाहिद ज़रीया था जिससे ये कहता था कि ये कहाँ थी
* ** उसने कपड़े पहनने वाले कपड़े और इस के कपड़े पहने हुए कपड़े देखा ये लुबनानी कपड़े से झूट नहीं बोला था लेकिन इस की जगह उस की जगह में फैल गया था ** (यूहना20: 6-7 यू उल्टी
* **उसने कपड़े पहनने वाले कपड़े और इस के कपड़े पहने हुए कपड़े देखा ये लुबनानी कपड़े से झूट नहीं बोला था लेकिन इस की जगह उस की जगह में फैल गया था ** (यूहना20: 6-7 यू उल्टी
* "उसने उस के कपड़े पहनने वाले कपड़े और इस के कपड़े पर देखा था ये कपड़े के कपड़े से झूट नहीं बोला लेकिन इस की अपनी जगह में / u>झूट बोला था

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@ -65,37 +65,32 @@
1. सवाल के बाद जवाब शामिल करें
* ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हनों को भूल जाये? / u>अभी तक मेरे लोगों ने मुझसे बेशुमार दिनों को भूल दिया है ** (यरमयाह2:32 ULT)
* ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हनों को भूल जाये? / u>अभी तक मेरे लोगों ने मुझसे बेशुमार दिनों को भूल दिया है** (यरमयाह2:32 ULT)
* क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस के पर्दे की एक दुल्हन होगी? u>बिलकुल नहीं अभी तक मेरे लोगों ने मुझे बग़ैर किसी भी दिन के लिए भूल दिया है
* या आप में से किया आदमी है, जो इस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है, उसे एक पत्थर देगा (मति7: 9 यू उल्टी
* या आप में से कौन आदमी है, जो इस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है, उसे एक पत्थर देगाu>आप में से कोई ऐसा नहीं करेगा/ u>
1. बयान या आलामीया को बयानात से मुताल्लिक़ सवाल को तबदील करें
* ** ख़ुदा की बादशाही कैसा है, और में इस की क्या मुवाज़ना करसकता हूँ / u>ये एक सरवां बीज की तरह है .. ** (लूका13: 18-19 यू उल्टी
* ** ख़ुदा की बादशाही कैसा है, और में इस की क्या मुवाज़ना करसकता हूँ / u>ये एक सरवां बीज की तरह है ..** (लूका13: 18-19 यू उल्टी
*  ये वही है जो ख़ुदा की बादशाही की तरह है ये एक सरवां बीज की तरह है .. "
* ** क्या ये है कि आप किस तरह ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन करते हैं? / u> ** (आमाल23: 4 यू उल्टी
* ** क्या ये है कि आप किस तरह ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन करते हैं? / u>** (आमाल23: 4 यू उल्टी
*  आपको ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन नहीं करना चाहीए / u>
* ** जब मैंने पेट से बाहर निकाला तो मैं क्यों नहीं मरता? / u> ** (मुलाज़मत3:11 यू उल्टी
* ** जब मैंने पेट से बाहर निकाला तो मैं क्यों नहीं मरता? / u>** (मुलाज़मत3:11 यू उल्टी
*  ख़ाहिश है कि जब मैंने पैदाइश से बाहर निकाला तो मैं मर गया
* ** और ये मेरे साथ क्यों हुआ है कि मेरे रब की माँ मेरे पास आए? / u> ** (लूका1:43 यू उल्टी
* ** और ये मेरे साथ क्यों हुआ है कि मेरे रब की माँ मेरे पास आए? / u>** (लूका1:43 यू उल्टी
*  ये कितनी हैरत-अंगेज़ है कि मेरे रब की माँ मेरे पास आई है
1. बयान के मुताबिक़ बयानात को तबदील करें, और फिर मुख़्तसर सवाल के साथ अमल करें
** क्या आप अभी तक इसराईल की सलतनत नहीं करते हैं? ** (1 बादशाह21: 7 यू उल्टी
** क्या आप अभी तक इसराईल की सलतनत नहीं करते हैं?** (1 बादशाह21: 7 यू उल्टी
* आप अब भी इसराईल की बादशाही पर क़ाबू पाते हैं, u>आप नहीं हैं? / u>
1. सवाल की शक्ल में तबदील करें ताकि आप अपने ज़बान में बातचीत कर सकें जिसकी ज़बानी स्पीकर ने इस में बात की थी
* ** या u>आपके दरमयान कौन सा आदमी है जो / u>، अगर उस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है तो u>उसे उसे पत्थर देगा/ u> ** (मति7: 9 यू उल्टी
* **या u>आपके दरमयान कौन सा आदमी है जो / u>، अगर उस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है तो u>उसे उसे पत्थर देगा/ u>** (मति7: 9 यू उल्टी
* अगर आपका बेटा आपकी रोटी के लिए आपसे पूछता है तो u>आप उसे एक पत्थर देगा/ u>؟
* ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हन की एक दुल्हन / u>؟ फिर भी मेरे लोगों ने मुझे बग़ैर किसी दिन भूल दिया है ** (यरमयाह2:32यू उल्टी
* ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हन की एक दुल्हन / u>؟ फिर भी मेरे लोगों ने मुझे बग़ैर किसी दिन भूल दिया है** (यरमयाह2:32यू उल्टी
इस कुँवारी ने इस के जे़वरात को भूल जाएगा, और इस की दुल्हन को कौन सी दुल्हन भूल जाएगी? अभी तक मेरे झगड़े मुझे बग़ैर दिन के लिए भूल गए हैं

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@ -6,12 +6,11 @@
#### मज़मून
* ** मौज़ू ** वो कौन है या जिसकी सज़ा है इन मिसालों में, मौज़ू पर-ज़ोर दिया गया है
* **मौज़ू** वो कौन है या जिसकी सज़ा है इन मिसालों में, मौज़ू पर-ज़ोर दिया गया है
*  लड़का / u> चल रहा है
*  वो / u> चल रहा है
मज़ामीन आम तौर पर लफ़्ज़ी जुमले या ज़मीर हैं (मुलाहिज़ा करें [स्पीच के हिस्से ](../figs-partsofspeech/01.md)) मुंदरजा बाला मिसाल में, "लड़का एक सुलह फ़िक़रा है जिसका नाम "लड़का है, और "वो एकpronoun है
मज़ामीन आम तौर पर लफ़्ज़ी जुमले या ज़मीर हैं (मुलाहिज़ा करें [स्पीच के हिस्से](../figs-partsofspeech/01.md)) मुंदरजा बाला मिसाल में, "लड़का एक सुलह फ़िक़रा है जिसका नाम "लड़का है, और "वो एकpronoun है
जब सज़ा एक कमांड है, तो इस में बहुत से ज़बानों में इस मौज़ू का ज़मीर नहीं है लोग समझते हैं कि ये मज़मून "आप है
@ -19,11 +18,11 @@
#### नुमाइश
पेशगी सज़ा का एक हिस्सा है जो मौज़ू के बारे में कुछ बताता है ये आम तौर पर एक फे़अल है (मुलाहिज़ा करें [ज़बानें ](../figs-verbs/01.md)) जे़ल में, मज़ामीन "इन्सान और "वो हैं हालिया वाक़ियात पर-ज़ोर दिया गया है और फे़अल जुरात में हैं
पेशगी सज़ा का एक हिस्सा है जो मौज़ू के बारे में कुछ बताता है ये आम तौर पर एक फे़अल है (मुलाहिज़ा करें [ज़बानें](../figs-verbs/01.md)) जे़ल में, मज़ामीन "इन्सान और "वो हैं हालिया वाक़ियात पर-ज़ोर दिया गया है और फे़अल जुरात में हैं
* आदमी मज़बूत है
* वो u> ** ने काम किया ** मुश्किल / u>.
* वो u> ** बनाया ** एक बाग़ / u>.
* वो u> **ने काम किया** मुश्किल / u>.
* वो u> **बनाया** एक बाग़ / u>.
#### कम्पाऊंड सेंट्स
@ -40,7 +39,7 @@
मुजरिमों को भी शक़ और दीगर जुमले भी शामिल हो सकते हैं शक़ीं इस तरह की सज़ाएं हैं क्योंकि उनके ताबे और मज़हकाख़ेज़ हैं, लेकिन वो ख़ुद से आम तौर पर नहीं होते हैं यहां क़वाइद के कुछ मिसालें हैं मज़ामीन जराइम में हैं, और पेशगोई निगहदाशत हैं
* जब ** मकान ** तैयार था / u>
* जब **मकान** तैयार था / u>
* बाद * वो * उसे उठाया / u>
* क्योंकि * ये * बहुत अच्छा चखा / u>
@ -71,4 +70,4 @@
#### तर्जुमा के मसाइल
* ज़बानें एक जुमला के हिस्सों के लिए मुख़्तलिफ़ अहकामात हैं (मुलाहिज़ा करें // // मालूमात साख़ता सफ़ा शामिल करें //
* कुछ ज़बानों के ताल्लुक़ से ताल्लुक़ रखने वाले फ़ुक़दान नहीं हैं, या वो महिदूद तरीक़े से उनका इस्तिमाल करते हैं (मुलाहिज़ा करें [तफ़हीम साज़ी के बरअक्स मालूमात या याद रखना ](../figs-distinguish/01.md))
* कुछ ज़बानों के ताल्लुक़ से ताल्लुक़ रखने वाले फ़ुक़दान नहीं हैं, या वो महिदूद तरीक़े से उनका इस्तिमाल करते हैं (मुलाहिज़ा करें [तफ़हीम साज़ी के बरअक्स मालूमात या याद रखना](../figs-distinguish/01.md))

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@ -4,7 +4,7 @@ A * सज़ा * अलफ़ाज़ का एक ग्रुप है जो म
* * बयानात * - ये बुनियादी तौर पर मालूमात देने के लिए इस्तिमाल किया जाता है '_ये एक हक़ीक़त है._
* * सवालात * - ये बुनियादी तौर पर मालूमात के लिए तलब करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है '_तुम उसे जानते हो?_
* ** इमतियाज़ी सज़ा ** - ये बुनियादी तौर पर एक ख़ाहिश या ज़रूरत का इज़हार करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है जो किसी को कुछ करता है '_ इस को अपलोड करें ._
* **इमतियाज़ी सज़ा** - ये बुनियादी तौर पर एक ख़ाहिश या ज़रूरत का इज़हार करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है जो किसी को कुछ करता है '_ इस को अपलोड करें ._
* * आलामीया * - ये बुनियादी तौर पर एक मज़बूत एहसास का इज़हार करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है '_
#### वजूहात ये एक तर्जुमा मसला है
@ -21,7 +21,7 @@ A * सज़ा * अलफ़ाज़ का एक ग्रुप है जो म
>शुरू में ख़ुदा ने आसमानों और ज़मीन को पैदा किया (पैदाइश1: 1 यू उल्टी
बयानात में भी दीगर अफ़आल भी हो सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [बयानात दीगर इस्तिमाल ](../figs-declarative/01.md))
बयानात में भी दीगर अफ़आल भी हो सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [बयानात दीगर इस्तिमाल](../figs-declarative/01.md))
#### सवालात
@ -31,27 +31,27 @@ A * सज़ा * अलफ़ाज़ का एक ग्रुप है जो म
जेलर.. नेकहा, "सर, आपकोबचानेकेलिएमेंक्याकरनाचाहीए? उन्होंनेकहा, "ख़ुदावंदऐसीअलैहिस-सलामपरईमानलाए, औरआपकोऔरआपकेघरकोबचायाजाएगा" (आमाल16: 29-31 यूउल्टी
सवालात भी दीगर अफ़आल भी कर सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [बयान सवाल ](../figs-rquestion/01.md))
सवालात भी दीगर अफ़आल भी कर सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [बयान सवाल](../figs-rquestion/01.md))
#### इमतियाज़ी सज़ा
मुख़्तलिफ़ किस्म के ज़रूरी जुमले हैं हुक्म, हिदायात, तजावीज़, दावतनामा, दरख़ास्तों, और ख़ाहिशात
** कमांड ** के साथ, स्पीकर अपनी अथार्टी का इस्तिमाल करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है
**कमांड** के साथ, स्पीकर अपनी अथार्टी का इस्तिमाल करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है
> उठाएं / u>، बालक, और u>सन / u>. आप मुझे / u>सुनें, आप ज़पपोर का बेटा (नंबर23:18 यू उल्टी
एक * के साथ, स्पीकर किसी को बताता है कि किस तरह कुछ करना है
> ... लेकिन अगर आप ज़िंदगी में दाख़िल करना चाहते हैं तो u>हुक्मों को बरक़रार रखें / u>. ... अगर आप कामिल होना चाहते हैं तो u>जाएं / u>، फ़रोख़त / u>आपके पास किया है, और u>दे / u>उसे ग़रीबों के ले-ए-, और आपको ख़ज़ाना मिलेगा जन्नत में (मति19:17، 21यू उल्टी
* ** मश्वरा ** के साथ, स्पीकर किसी को ऐसा करने से कहता है या ऐसा ना करे कि वो इस शख़्स की मदद करसके जे़ल में मिसाल के तौर पर, ये दोनों अंधे मर्दों के लिए बेहतरीन है अगर वो एक दूसरे की क़ियादत करने की कोशिश नहीं करते हैं
* **मश्वरा** के साथ, स्पीकर किसी को ऐसा करने से कहता है या ऐसा ना करे कि वो इस शख़्स की मदद करसके जे़ल में मिसाल के तौर पर, ये दोनों अंधे मर्दों के लिए बेहतरीन है अगर वो एक दूसरे की क़ियादत करने की कोशिश नहीं करते हैं
>एक अंधे आदमी u>नहीं होना चाहीए / u>एक और अंधा आदमी की क़ियादत करने की कोशिश करें अगर वो किया तो, वो दोनों एक सुराख़ में गिर जाऐंगे (लूका6:39 यू ऐस ऐस
बोलने वाले इस ग्रुप का हिस्सा बन सकते हैं जो उस की तजवीज़ की जाती है पैदाइश11 मैं, लोग ये कह रहे थे कि उनके साथ साथ उनके साथ मिलकर अच्छा काम होगा
>उन्होंने एक दूसरे से कहा, "आव, u>हमें जाने दें / u>ईंटों बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से पकाईं. (पैदाइश11: 3 यू उल्टी
** दावत नामे ** के साथ, स्पीकर सयासी या दोस्ती का इस्तिमाल करता है ताकि ये समझे कि अगर कोई चाहता है तो कोई ऐसा करेगा ये आम तौर पर कुछ है कि स्पीकर सोचता है कि सुनने वाला लुतफ़ अंदोज़ करेगा
**दावत नामे** के साथ, स्पीकर सयासी या दोस्ती का इस्तिमाल करता है ताकि ये समझे कि अगर कोई चाहता है तो कोई ऐसा करेगा ये आम तौर पर कुछ है कि स्पीकर सोचता है कि सुनने वाला लुतफ़ अंदोज़ करेगा
> आव / u>हमारे साथ और हम आपको अच्छा करूँगा (नंबर10: 2 9)
@ -72,7 +72,7 @@ A * सज़ा * अलफ़ाज़ का एक ग्रुप है जो म
पैदाइश21 मैं, हग्ऱ ने इस की मज़बूत ख़ाहिश का इज़हार किया कि इस का बेटा मर ना सके, और फिर वो चले गए ताकि वो मर ना जाएं
> मुझे बच्चे की मौत पर नज़र नहीं आते (पैदाइश21:16 यू उल्टी
मतियाज़ी सज़ाएं भी दूसरे अफ़आल हैं (मुलाहिज़ा करें [शॉपिंग दीगर इस्तिमाल ](../figs-imperative/01.md))
मतियाज़ी सज़ाएं भी दूसरे अफ़आल हैं (मुलाहिज़ा करें [शॉपिंग दीगर इस्तिमाल](../figs-imperative/01.md))
#### इफ़्तिताही
@ -80,14 +80,14 @@ A * सज़ा * अलफ़ाज़ का एक ग्रुप है जो म
>रब हमें बचाएं; हम मरने के लिए हैं (मति8:25 यू उल्टी
मुलाहिज़ा करें [अख़्तलाआत ](../figs-exclamations/01.md) दीगर तरीक़ों के लिए जो एज़ाज़ात दिखाए गए हैं और उनका तर्जुमा करने के तरीक़े.
मुलाहिज़ा करें [अख़्तलाआत](../figs-exclamations/01.md) दीगर तरीक़ों के लिए जो एज़ाज़ात दिखाए गए हैं और उनका तर्जुमा करने के तरीक़े.
### तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली
1. अपनी ज़बान के तरीक़ों को ज़ाहिर करने का इस्तिमाल करते हुए कि इस में एक ख़ास फे़अल है
1. जब बाइबल में एक जमहूरीयत की सज़ा है तो आपकी ज़बान में सज़ा की तक़रीब के लिए इस्तिमाल नहीं करेंगे, तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली के लिए मुंदरजा ज़ैल सफ़हात मुलाहिज़ा करें
* [बयानात दीगर इस्तिमाल ](../figs-declarative/01.md)
* [बयानाती सवाल ](../figs-rquestion/01.md)
* [शॉपिंग दीगर इस्तिमाल ](../figs-imperative/01.md)
* [आलामीया ](../figs-exclamations/01.md)
* [बयानात दीगर इस्तिमाल](../figs-declarative/01.md)
* [बयानाती सवाल](../figs-rquestion/01.md)
* [शॉपिंग दीगर इस्तिमाल](../figs-imperative/01.md)
* [आलामीया](../figs-exclamations/01.md)

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@ -45,27 +45,23 @@
1. अगर लोग ये नहीं जानते कि दो चीज़ें एक जैसे हैं, तो बताएं कि वो एक जैसे हैं ताहम, ऐसा नहीं करते अगर माअनवी सामईन को वाज़िह नहीं किया गया था
* ** देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u> ** (मति10:16 यू उल्टी - ये इस ख़तरे का मुवाज़ना करता है कि यसवा के शागिर्द इस ख़तरे के साथ होंगे जो भेड़ हैं जब वो भेड़ीयों से घेरे हुए हैं
* **देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>** (मति10:16 यू उल्टी - ये इस ख़तरे का मुवाज़ना करता है कि यसवा के शागिर्द इस ख़तरे के साथ होंगे जो भेड़ हैं जब वो भेड़ीयों से घेरे हुए हैं
* मुलाहिज़ा करें, में आपको बदतरीन लोगों के दरमयान / u>भेजता हूँ और आप उनसे ख़तरा होंगे क्योंकि वो भेड़ीयों में मौजूद हैं जैसे भेड़ों भेड़ों में हैं
* ** ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और तेज़ है किसी भी दो तरफ़ा तलवार से ** (इब्रानियों4:12 यू उल्टी
* **ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और तेज़ है किसी भी दो तरफ़ा तलवार से** (इब्रानियों4:12 यू उल्टी
* ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और बहुत तेज़ दो तरफ़ा तलवार से ज़्यादा ताक़तवर है / u>
1. अगर लोग इस शैय से वाक़िफ़ नहीं हैं जो किसी चीज़ के मुक़ाबले में है, तो आप अपनी अपनी सक़ाफ़्त से किसी चीज़ को इस्तिमाल करें यक़ीन रखू कि ये वही है जो बाइबल के सक़ाफ़्तों में इस्तिमाल किया जा सकता है
* ** देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>، ** (मति10:16यू उल्टी - अगर लोग नहीं जानते हैं कि भीड़ और भेड़ीयों के हैं, या भेड़ीयों को मारे जाऐंगे भेड़ों को खाओ, आप दूसरे जानवरों को इस्तिमाल कर सकते हैं जो किसी दूसरे को मारते हैं
* **देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>،** (मति10:16यू उल्टी - अगर लोग नहीं जानते हैं कि भीड़ और भेड़ीयों के हैं, या भेड़ीयों को मारे जाऐंगे भेड़ों को खाओ, आप दूसरे जानवरों को इस्तिमाल कर सकते हैं जो किसी दूसरे को मारते हैं
* मुलाहिज़ा करें, मैं तुम्हें बाहर भेजता हूँ<>जंगली कुत्तों के दरमयान मुर्गी के तौर पर / u>
* ** मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया * ** (मति23:37 यू उल्टी
* **मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया * ** (मति23:37 यू उल्टी
* मैं कितनी बार आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करना चाहता हूँ, u>माँ की हैसियत से अपने बच्चों को क़रीबी देखता है, लेकिन आपने इनकार कर दिया
* ** अगर आपके पास कुछ भी छोटा सा< सरस के अन के पर है, ** (मति17: 20)
* **अगर आपके पास कुछ भी छोटा सा<र सरसों के अनाज के तौर पर है,** (मति17: 20)
* अगर आपको छोटे u>छोटे बीज के तौर पर भी यक़ीन है तो / u>
1. सिर्फ उस के इलावा किसी दूसरे के मुक़ाबले में शैय की वज़ाहत करें
* ** मुलाहिज़ा करें, में आपको भेजा u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>، ** (मति10:16यू उल्टी
* **मुलाहिज़ा करें, में आपको भेजा u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>،** (मति10:16यू उल्टी
* देखें, में आपको भेजता हूँ और u>लोग आपको नुक़्सान पहुंचाना चाहते हैं / u>.
* ** मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया * ** (मति23:37 यू उल्टी
* **मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया** (मति23:37 यू उल्टी
* मैं कितनी बार आप u>की हिफ़ाज़त करना चाहता हूँ / u>، लेकिन आपने इनकार कर दिया

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@ -31,9 +31,7 @@
* " मेरी रूह / u>परवरदिगार. (लूका1:46 यू उल्टी
* " में / u>रब को बढ़ाना.
* ** ... फ़रीसयों ने इस से कहा ** (मर्कूज़2:24 यू उल्टी
* **... फ़रीसयों ने इस से कहा** (मर्कूज़2:24 यू उल्टी
* ... फ़रीसयों के एक नुमाइंदा ने उसे बताया ..
* ** ... मैंने इन तमाम कामों को देखा जो आपने अपने हाथों को पूरा किया .. ** (कलीसिया2: 11 यू उल्टी
* **... मैंने इन तमाम कामों को देखा जो आपने अपने हाथों को पूरा किया ..** (कलीसिया2: 11 यू उल्टी
* मैंने इस कामों को देखा जो u>मैंने/ u>मुकम्मल किया था

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@ -1,6 +1,6 @@
### तफ़सील
** इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी ** एक शायराना आला है जिसमें एक पेचीदा ख़्याल दो या ज़्यादा मुख़्तलिफ़ तरीक़ों में बयान किया जाता है I तक़रीर करने वाला ऐसा इसलिए करता है की वोह इस ख्याल पे जोर दे सके की दोनों फिकरों में ख्याल एक ही है I इसे "मुतरादिफ़ मुतवाज़ी भी कहा जाता है I
**इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी** एक शायराना आला है जिसमें एक पेचीदा ख़्याल दो या ज़्यादा मुख़्तलिफ़ तरीक़ों में बयान किया जाता है I तक़रीर करने वाला ऐसा इसलिए करता है की वोह इस ख्याल पे जोर दे सके की दोनों फिकरों में ख्याल एक ही है I इसे "मुतरादिफ़ मुतवाज़ी भी कहा जाता है I
नोट : हम तवील जुमले या फ़िक़रे के लिए "इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी इस्तिलाह का इस्तिमाल उनके लिए करते हैं जिनका एक ही मयानी होता है I हम लफ़्ज़ों के लिए या छोटे फिकरों के लिए जोड़े का इस्तेमाल करते हैं जिसका एक ही जैसा मायना होता है और एक साथ इस्तेमाल किये जाते हैं I
> याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है I ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
@ -54,13 +54,12 @@
1. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होकर जो कुछ कहते हैं वो सच में सही है , तो आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो "सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर” पे ज़ोर देते हैं I
* **याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है ** ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
* **याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है** ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
* याह्वेह <यु> सच में<यु> देख सकता है की लोग क्या कर सकते हैं
1. अगर ये ज़ाहिर होता है कि फिकरे उनमें एक ख़्याल को पुरजोर रखने के लिए इस्तिमाल किया जाता है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब जैसे इस्तिमाल कर सकते हैं I
* ... अभी तक तुमने मुझे <यु> धोखा <यु> दिया और <यु>झूठ बोला <यु> -(जजेस 16:13, यू एल टी )
* <u> तुमने </यु> सिर्फ मुझसे झूठ बोलेन है I
* **याह्वेह <यु> वह सब कुछ देखता है जो लोग करतें है <यु> और <यु> जो रस्ते चुनते है ** ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
* **याह्वेह <यु> वह सब कुछ देखता है जो लोग करतें है <यु> और <यु> जो रस्ते चुनते है** ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
* याह्वेह <यु> सब </यु> कुछ देखता है की एक इंसान क्या कर रहा है I

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@ -2,7 +2,7 @@
फे़अल ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो एक कार्रवाई या वाक्य का हवाला देते हैं या चीज़ों की वज़ाहत या शनाख़्त में इस्तिमाल होते हैं
** मिसालें ** फे़अल की मिसाले मुंदरजा ज़ैल हैं
**मिसालें** फे़अल की मिसाले मुंदरजा ज़ैल हैं
* जॉन <यु> भगा </यु> ( दौड़ना एक करवाई है )
* जॉन ने केला <यु> खाया <यु> ( खाना एक करवाई है )

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@ -1,12 +1,12 @@
एक , दो या अदद
कुछ ज़बानों में "आप के लिए एक से ज़्यादा लफ़्ज़ है, इस पर मबनी है कि "आप का लफ़्ज़ कितना हवाला देते हैं ** वाहिद * फ़ार्म एक शख़्स से मुराद है, और * ** एक से ज़्यादा अफ़राद को हवाला देता है कुछ ज़बानों में * डबल * फ़ार्म है जिसमें दो अफ़राद की तरफ़ इशारा है, और बाअज़ ऐसे दूसरे फ़ार्म हैं जो तीन या चार लोगों से इशारा करते हैं I
कुछ ज़बानों में "आप के लिए एक से ज़्यादा लफ़्ज़ है, इस पर मबनी है कि "आप का लफ़्ज़ कितना हवाला देते हैं **वाहिद फ़ार्म एक शख़्स से मुराद है, और** एक से ज़्यादा अफ़राद को हवाला देता है कुछ ज़बानों में * डबल * फ़ार्म है जिसमें दो अफ़राद की तरफ़ इशारा है, और बाअज़ ऐसे दूसरे फ़ार्म हैं जो तीन या चार लोगों से इशारा करते हैं I
आपhttp://ufw.io/figs_younum पर वीडीयो देख
बाइबल में कभी कभी स्पीकर "आप की वाहिद शक्ल का इस्तिमाल करता है अगरचे वो भीड़ से बात कर रहा है
* [संगलर दानिश्वर जो ग्रुप का हवाला देते हैं ](../figs-youcrowd/01.md)
* [संगलर दानिश्वर जो ग्रुप का हवाला देते हैं](../figs-youcrowd/01.md)
### रस्मी और ग़ैर रस्मी
@ -16,4 +16,4 @@
उनका तर्जुमा करने में मदद के लिए, हम आपको पढ़ने का मश्वरा देते हैं
* [फ़ार्म "आप - रस्मी या ग़ैर रस्मी ](../figs-youformal/01.md)
* [फ़ार्म "आप - रस्मी या ग़ैर रस्मी](../figs-youformal/01.md)

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@ -13,7 +13,7 @@
### बाइबल की मिसाल
ज़बडी के बेटे याक़ूब और यूहना उस के पास आए और कहा, "उस्ताद, हम चाहते हैं कि हम आपके लिए जो चाहें हम आपसे कहेंगे उसने [यसवा उनसे कहा, "आप u> आप / u> के लिए किया करना चाहते हैं? ](मार्क10: 35-36 यू उल्टी
ज़बडी के बेटे याक़ूब और यूहना उस के पास आए और कहा, "उस्ताद, हम चाहते हैं कि हम आपके लिए जो चाहें हम आपसे कहेंगे उसने [यसवा उनसे कहा, "आप u> आप / u> के लिए किया करना चाहते हैं?](मार्क10: 35-36 यू उल्टी
यसवा * दो, जेम्ज़ और जान से पूछ रहा है, वो चाहते हैं कि वो उनके लिए किया करें अगर हदफ़ ज़बान है तो * आपके "डबल * फ़ार्म का इस्तिमाल करें अगर हदफ़ ज़बान में दोहरी शक्ल नहीं है तो, कसीर शक्ल मुनासिब होगा

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@ -39,7 +39,6 @@
1. मुक़र्ररीन के दरमयान ताल्लुक़ात पर तवज्जा दे
*
* क्या एक तक़रीर करने वाला दुसरे से उम्र में बड़ा है ?
* क्या तक़रीर करना वाले के रिश्तेदार, दोस्त , अजनबी या दुश्मन है ?

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@ -8,14 +8,14 @@
यू ऐस एफ़ ऐम एक किस्म की मार्क अप ज़बान है जो कम्पयूटर प्रोग्राम को मतन की शक्ल में बताती है I मिसाल के तौर पर, हर बाब एस सी सी या सी 33 की तरह निशान लगा दिया गया है. आयात मारकर शायद वी 8 या वी 14 की तरह नज़र आसकते हैं. पैराग्राफ़ निशान \ p लगा दिया गया है I इस तरह के बहुत से दूसरे मारकरों के ऐसे मख़सूस मअनी होते हैं Iतो यू ऐस एफ़ ऐम में जान 1: 1-2 की तरह एक मंज़ूरी इस तरह नज़र आएगी I
\c 1
\p
\v 1 शुरुआत में एक लफ्ज़ था , और वो लफ्ज़ खुदा के साथ था , और लफ्ज़ खुदा था I
\v 2 ये लफ्ज़ शुरू में खुदा के साथ था I
c 1
p
v 1 शुरुआत में एक लफ्ज़ था , और वो लफ्ज़ खुदा के साथ था , और लफ्ज़ खुदा था I
v 2 ये लफ्ज़ शुरू में खुदा के साथ था I
जब एक computer प्रोग्राम , यू ऐस एफ़ ऐम  पढ़ पता है , तोह वो सारे बाब को तरतीब उसी तरह से कर पता है ( जैसे की बड़े अदाद के साथ ) और आयत के सभी अदाद एक तरीके से होते है ( जैसे की छोटे आतिया अदाद )
*** बाइबल तर्जुमाओं को इस के इस्तिमाल के काबिल होने के लिए हमारे लिए यू ऐस एफ़ ऐम में होना ज़रूरी है ***
* **बाइबल तर्जुमाओं को इस के इस्तिमाल के काबिल होने के लिए हमारे लिए यू ऐस एफ़ ऐम में होना ज़रूरी है**
USFM की इत्तिला के बारे में मज़ीद पढ़ने के लिए,http://paratext.org/about/usfm पढ़ीं
@ -33,7 +33,7 @@ USFM की इत्तिला के बारे में मज़ीद प
मारकडाउन * बोल्ड * और इटली की हिमायत करती है, इस तरह लिखा है
मारकडाउन ** बोल्ड ** और इटेलिक की हिमायत करता है
मारकडाउन **बोल्ड** और इटेलिक की हिमायत करता है
मारकडाउन इस तरह की उनवानात की भी हिमायत करता है

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@ -45,4 +45,4 @@
१. अगर तुम्हारी ज़बान में “बेटे” के लिए एक से ज्यादा अल्फाज़ आहें तो जो “इकलौता बेटा” के सबसे करीब का अल्फाज़ हो उसे इस्तमाल करें (या “पहला बेटा” अगर ज़रुरत पड़े तो).
१. अगर तुम्हारी ज़बान में “बाप” के लिए एक से ज्यादा अल्फाज़ आहें तो जो “पैदाएशी बाप” के सबसे करीब का अल्फाज़ हो उसे इस्तमाल करें, ना के “ले पालू बाप.”
(देखें *खुदा एक बाप* और *खुदा एक बेटा* सफहों में[ट्रांसलेशनवर्ड्स]( https://unfoldingword.bible/ tw/“बाप” और “बेटे” के तरजुमे की मदद के लिए.)
(देखें *खुदा एक बाप* और *खुदा एक बेटा* सफहों में[ट्रांसलेशनवर्ड्स]( https://unfoldingword.bible/ tw/“बाप” और “बेटे” के तरजुमे की मदद के लिए.))

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@ -12,15 +12,15 @@
>ये माद्दियों और फ़ारसियों का क़ानून है, <u>कि कोई हुक्म या मजाज़ नहीं है जो बादशाह के मुआमलात में तबदील हो सकती है</u>| (डेनियल 6:15 युएलटी)
* ** कोई फ़ैसला... नहीं तबदील किया जा सकता है ** - समझने में मदद के लिए इज़ाफ़ी शब्द भी शामिल की जा सकती है| एटी: “कोई फ़ैसला... नहीं तबदील किया जा सकता ह| लिहाज़ा वो डेनियल को शेरों के गढ़े में फेंक दें |” (देखिये: *एक्सप्लिसिट*)
* **कोई फ़ैसला... नहीं तबदील किया जा सकता है** - समझने में मदद के लिए इज़ाफ़ी शब्द भी शामिल की जा सकती है| एटी: “कोई फ़ैसला... नहीं तबदील किया जा सकता ह| लिहाज़ा वो डेनियल को शेरों के गढ़े में फेंक दें |” (देखिये: *एक्सप्लिसिट*)
इज़ाफ़ी शब्द से ज़ाहिर होता है कि स्पीकर बादशाह को इस की याद-दहानी से समझते हैं कि बादशाह के क़वानीन और मुजस्समे को तबदील नहीं किया जा सकता | मुतर्जिम को कुछ चीज़ें वाज़िह तौर पर तर्जुमानी करने की ज़रूरत है जो असल स्पीकर या मुसन्निफ़ ने ग़ैर-मुस्तहकम या मनफ़ी तौर पर छोड़ दिया है |
** ग़ैर फ़आल से फ़आल**
**ग़ैर फ़आल से फ़आल**
> जो रूहुल-क़ुदुस के ख़िलाफ़ नफ़रत करता है <u>उसे माफ़ नहीं किया जाएगा </u> | (लुक12:10 युएलटी)
* ** उसे माफ़ नहीं किया जाएगा** - ये एक फ़आल फे़अल के साथ इज़हार किया जा सकता है | ये एक फे़अल का इस्तिमाल करते हुए मुसबत रास्ता में भी इज़हार किया जा सकता है जिसका मतलब ये है कि “माफ़ी” के बरअक्स | एटी: “"ख़ुदा उसे हमेशा के लिए मुजरिम क़रार देगा" (देखें: *फ़आल ग़ैर फ़आल*)
* **उसे माफ़ नहीं किया जाएगा** - ये एक फ़आल फे़अल के साथ इज़हार किया जा सकता है | ये एक फे़अल का इस्तिमाल करते हुए मुसबत रास्ता में भी इज़हार किया जा सकता है जिसका मतलब ये है कि “माफ़ी” के बरअक्स | एटी: “"ख़ुदा उसे हमेशा के लिए मुजरिम क़रार देगा" (देखें: *फ़आल ग़ैर फ़आल*)
ये नोट एक मिसाल फ़राहम करता है कि मुतर्जिम किस तरह इस ग़ैर फ़आल जुमले का तर्जुमा कर सकते हैं अगर उनकी ज़बान-ए-ग़ैर फ़आल अलफ़ाज़ इस्तिमाल नहीं करते हैं |

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@ -10,12 +10,12 @@
>लेकिन उनमें से एक छोटी तादाद में बाल ले लू और उन्हें <u>अपने शाख़ों में डाल दो</u>| (एजकयाल 5: 3 युएलटी )
* ** अपने शाख़ों में डाल दो** -- मुम्किना मअनी हैं 1) "आपके बाजू पर कपड़े" ("आपकी आसतीन") (युएसटी) या 2) "आपके शाप पर कपड़े का इख़तताम" ("आप हेम") या 3) लिबास में जहां ये बैलट में टकरा दिया जाता है |
* **अपने शाख़ों में डाल दो** -- मुम्किना मअनी हैं 1) "आपके बाजू पर कपड़े" ("आपकी आसतीन") (युएसटी) या 2) "आपके शाप पर कपड़े का इख़तताम" ("आप हेम") या 3) लिबास में जहां ये बैलट में टकरा दिया जाता है |
ये नोट युएलटी मतन के बाद तीन मुम्किन मअनी है | "आपकी शाख़ों के टुकड़े" की तरफ़ से तर्जुमा करदा लफ़्ज शाठ के ढीला हिस्सों से मुराद है | ज़्यादा-तर उल्मा को यक़ीन है कि ये यहां आसतीन की तरफ़ इशारा करता है, लेकिन ये नीचे के ढीले हिस्सा या दरमयानी हिस्से में भी बैलट के इर्द-गिर्द के हिस्से में भी हवाला देता है |
> लेकिन शमाउन पीटर, जब उसने उसे देखा, <u>यसवा के घुटनों पर गिर गया </u> (लुक 5:8 युएलटी)
* ** यसवा के घुटनों पर गिर गया** - ममनूआ मअनी 1 हैं) "यसवा के सामने" या 2) "यसवा ऐसी अलैहिस-सलाम के पांव" या "3)" नीचे ऐसी अलैहिस-सलाम के पांव पर ज़मीन पर डाल. " पीटर ग़लती से नहीं गिर गया उसने ऐसी अलैहिस-सलाम के लिए अज़ीज़ी और एहतिराम का निशाना बनाया |
* **यसवा के घुटनों पर गिर गया** - ममनूआ मअनी 1 हैं) "यसवा के सामने" या 2) "यसवा ऐसी अलैहिस-सलाम के पांव" या "3)" नीचे ऐसी अलैहिस-सलाम के पांव पर ज़मीन पर डाल. " पीटर ग़लती से नहीं गिर गया उसने ऐसी अलैहिस-सलाम के लिए अज़ीज़ी और एहतिराम का निशाना बनाया |
ये नोट ये बताता है कि "यसवा के घुटनों पर गिर गया" क्या मतलब है. पहला मतलब ये है कि सबसे ज़्यादा इमकान सही है, लेकिन दूसरे मअनी भी मुम्किन हैं. अगर आपकी ज़बानमें आम इज़हार नहीं है जिसमें उन जैसे मुख़्तलिफ़ आमाल शामिल हो सकते हैं, तो आप इन इमकानात में से एक को मुंतख़ब करने की ज़रूरत हो सकती है जो ज़्यादा से ज़्यादा खासतौर पर वज़ाहत करें जो साइमन पीटर ने किया | इस बारे में सोचने में भी मददगार साबित होता है कि शमाउन पतरस ने ये क्या-किया, और आपकी सक़ाफ़्त में अज़ीज़ी और एहतिराम के इसी रवैय्ये को किस तरह की बातचीत करेगी |

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@ -4,22 +4,22 @@
### तर्जुमा नोट्स की मिसालें
> जो <u>आसमानों में बैठता है</u> उन पर नाराज़ होगा (साम्स 2:4 **युएलटी **)
> जो <u>आसमानों में बैठता है</u> उन पर नाराज़ होगा (साम्स 2:4 **युएलटी**)
> लेकिन जो <u>आसमान में अपने तख़्त पर बैठता है</u> उन पर हँसता है (साम्स 2:4 ** युएसटी **)
> लेकिन जो <u>आसमान में अपने तख़्त पर बैठता है</u> उन पर हँसता है (साम्स 2:4 **युएसटी**)
इस आयत के नोट का कहना है की:
* ** आसमानों में बैठता है** - यहां बैठा हुक्मरानी की नुमाइंदगी करता है. वो जो बैठता है वो वाज़िह तौर पर बयान किया जा सकता है. एटी: "आसमानों में क़वाइद" या "आसमान में इस के तख़्त पर बैठे हैं | (युएसटी) (देखिये: [मेटोनिमी](../figs-metonymy/01.md) और [एक्सप्लिसिट](../figs-explicit/01.md))
* **आसमानों में बैठता है** - यहां बैठा हुक्मरानी की नुमाइंदगी करता है. वो जो बैठता है वो वाज़िह तौर पर बयान किया जा सकता है. एटी: "आसमानों में क़वाइद" या "आसमान में इस के तख़्त पर बैठे हैं | (युएसटी) (देखिये: [मेटोनिमी](../figs-metonymy/01.md) और [एक्सप्लिसिट](../figs-explicit/01.md))
यहां आसमानों में जुमला अलफ़ाज़ के लिए दो तजवीज़ करदा तर्जुमा मौजूद हैं. सबसे पहले ज़ाहिर होता है कि "आसमानों में बैठता है" की नुमाइंदगी करता है. दूसरा हुक्मरानी के ख़्याल के बारे में वाज़िह तौर पर बयान किया गया है कि वो अपने "तख़्त" पर बैठा है. ये तजवीज़ युएसटी से है |
>जब उसने यसवा को देखा तो <u>उस के चेहरे पर गिर गया </u>. (लुक 5:12 ** युएलटी **)
>जब उसने यसवा को देखा तो <u>उस के चेहरे पर गिर गया </u>. (लुक 5:12 **युएलटी**)
> जब उसने यसवा को देखा, तो उसने ज़मीन पर-ज़ोर दिया </u> | (लुक 5:12 ** युएसटी **)
> जब उसने यसवा को देखा, तो उसने ज़मीन पर-ज़ोर दिया </u> | (लुक 5:12 **युएसटी**)
इस आयत के नोट का कहना है की:
* ** उस के चेहरे पर गिर गया** - "उसने अपने चेहरे के साथ ज़मीन को पुकारा और छुवा लिया" या "उसने ज़मीन पर घूम लिया" (युएसटी)
* **उस के चेहरे पर गिर गया** - "उसने अपने चेहरे के साथ ज़मीन को पुकारा और छुवा लिया" या "उसने ज़मीन पर घूम लिया" (युएसटी)
यहां युएसटी के अलफ़ाज़ एक और तर्जुमा की तजवीज़ के तौर पर फ़राहम की जाती हैं |

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@ -1,6 +1,6 @@
### तफ्सील
कभी कभी, नोटों की फ़हरिस्त के सबसे ऊपर, वहां नोट हैं कि **मरबूत बयान** या ** उमूमि मालूमात** |
कभी कभी, नोटों की फ़हरिस्त के सबसे ऊपर, वहां नोट हैं कि **मरबूत बयान** या **उमूमि मालूमात** |
एक **मुंसलिक बयान** बताता है कि किस तरह सहाबा में एक अक़ीदे की इबतिदाईमज़ामीन में सहाबा से मुताल्लिक़ है | मुंसलिक बयानात में कुछ किस्म की मालूमात दर्ज जे़ल हैं |
@ -22,7 +22,7 @@
><sup>1</sup> ये उस वक़्त आया जब यसवा ने अपने बारह शागिर्दों को हिदायत की थी, वो अपने शहरों में पढ़ने और तब्लीग़ करने के लिए वहां से चला गया| ><sup>2</sup> जब यसवा ने जेल में मसीह के आमाल के बारे में सुना, तो उसने अपने शागिर्दों को एक पैग़ाम भेजा | <sup>3</sup> और इस से कहा, "क्या तुम आ रहे हो, या क्या कोई और शख़्स है जो हमें तलाश करना चाहीए?” (माथेव 11:1-3 युएलटी)
* ** उमूमि मालूमात**: - ये इस कहानी का एक नया हिस्सा है जिसमें मुसन्निफ़ ने ये बताया है कि यसवा ने यूहना बपतिस्मा देने वालों के शागिर्दों का जवाब दिया | (मुलाहिज़ा करें: * नई ईवंट का तआरुफ़*)
* **उमूमि मालूमात**: - ये इस कहानी का एक नया हिस्सा है जिसमें मुसन्निफ़ ने ये बताया है कि यसवा ने यूहना बपतिस्मा देने वालों के शागिर्दों का जवाब दिया | (मुलाहिज़ा करें: * नई ईवंट का तआरुफ़*)
ये नोट आपको एक कहानी के एक नए हिस्से के आग़ाज़ में इंतिबाह देता है और आपको इस सफ़े का एक लिंक फ़राहम करता है जो उनमें तर्जुमा करने के मुताल्लिक़ नए वाक़ियात और मसाइल के बारे में मज़ीद बताता है |
@ -42,7 +42,7 @@
><sup>21</sup> लेकिन इसराईल के लिए वो कहते हैं, "पूरे दिन मैंने अपने हाथों तक पहुँचाया
>एक ना-फ़रमानी और मुज़ाहम लोगों को. "(रोमीयों 10: 20-21 युएलटी )
* ** उमूमि मालूमात:** - यहां अलफ़ाज़ "में," "मुझे," और "मेरा" ख़ुदा का हवाला देते हैं.
* **उमूमि मालूमात:** - यहां अलफ़ाज़ "में," "मुझे," और "मेरा" ख़ुदा का हवाला देते हैं.
ये नोट आपको जानता है कि कौन कौन कौंसल हवाला देते हैं. आपको कुछ शामिल करने की ज़रूरत होगी ताकि क़ारईन जान लें कि यसईआह अपने लिए नहीं बोल रहा है, लेकिन इस का हवाला देते हुए ख़ुदा ने कहा |
@ -50,6 +50,6 @@
> <sup>26</sup> अब रब का एक फ़रिश्ता फ़लिप से गुफ्तगू करते हुए कहा, "जल्दी करो और जुनूब की तरफ़ सड़क पर जो यरूशलेम से ग़ज़ा से निकल जाओ." (ये सड़क सहरा में है.) <sup>27</sup> वो उठ गया और चला गया. देखो, एथोपीया से एक आदमी था, Candace के तहत अज़ीम अथार्टी की एक बड़ी तादाद, एथोपीया की रानी. वो उस के तमाम खज़ाना के इंचार्ज थे. वो इबादत करने के लिए यरूशलेम पहुंचा था <sup>28</sup> वो वापिस आ रहा था और अपने रथ में बैठा था, और यसईआह नबी पढ़ रहा था (एक्ट्स 8:26-28 युएलटी)
* ** उमूमि मालूमात: ** - ये फ़लिप और एथोपीया से इन्सान के बारे में कहानी का हिस्सा है. Verse 27 एथोपीया से इन्सान के बारे में पस-ए-मंज़र की मालूमात फ़राहम करता है. (मुलाहिज़ा करें: * पस-ए-मंज़र *)
* ** उमूमि मालूमात:** - ये फ़लिप और एथोपीया से इन्सान के बारे में कहानी का हिस्सा है. Verse 27 एथोपीया से इन्सान के बारे में पस-ए-मंज़र की मालूमात फ़राहम करता है. (मुलाहिज़ा करें: * पस-ए-मंज़र *)
ये नोट आपको एक कहानी और कुछ पस-ए-मंज़र के बारे में मालूमात के नए हिस्से के आग़ाज़ में इंतिबाह करता है लिहाज़ा आप इन चीज़ों से आगाह हो सकते हैं और उन चीज़ों को दिखाने के अपनी ज़बान के तरीक़ों को इस्तिमाल करते हैं. नोट में पस-ए-मंज़र के बारे में मालूमात के बारे में लिंक का लिंक भी शामिल है ताकि आप किस तरह तर्जुमा करने के बारे में मज़ीद जान सकें |

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@ -7,18 +7,18 @@
अलफ़ाज़ या जुमले के बारे में सादा वज़ाहत मुकम्मल अलफ़ाज़ के तौर पर लिखा जाता है | वो एक दार-उल-हकूमत के साथ शुरू करते हैं और एक मुद्दत के साथ ख़त्म करते हैं (".") |
> माहि गेरियों से उनमें से निकल गया और अपने <u>जड़ों को धोने लगा </u> |(लुक 5:2 युएलटी)
* ** जड़ों को धोने लगा** - वो मछली पकड़ने के लिए दुबारा इस्तिमाल करने के लिए अपने माहि गैरी के नैटवर्क की सफ़ाई कर रहे थे |
* **जड़ों को धोने लगा** - वो मछली पकड़ने के लिए दुबारा इस्तिमाल करने के लिए अपने माहि गैरी के नैटवर्क की सफ़ाई कर रहे थे |
अगर आपको मालूम नहीं था कि माहि गेरियों ने मछली को पकड़ने के लिए नैट इस्तिमाल किया है, तो आप हैरान हो सकते हैं कि माहि गेरियों ने उनके जड़ों की सफ़ाई क्यों की है. ये वज़ाहत आपको "वाशिंग" और "नैट" के लिए अच्छे अलफ़ाज़ का इंतिख़ाब करने में मदद मिल सकती है |
> उन्होंने दूसरे कश्ती में अपने <u>शराकत</u> दारों की मदद की (लुक 5:7 युएलटी)
* ** शराकत** - वो साहिल से कहीं ज़्यादा दूर थे ताकि वो इशारों बना सके, शायद उनकी बाज़ुओं को धोना |
* **शराकत** - वो साहिल से कहीं ज़्यादा दूर थे ताकि वो इशारों बना सके, शायद उनकी बाज़ुओं को धोना |
ये नोट आपको समझने में मदद करसकता है कि किस तरह तहरीक ने लोगों को बनाया है. ये एक तहरीक थी कि लोग फ़ासले से देख सकेंगे. ये आपको "शराकत" के लिए एक अच्छा लफ़्ज या फ़िक़रा मुंतख़ब करने में मदद मिलती है |
> वो अपनी रूह से भरा हुआ है, <u>यहां तक कि इस की माँ के पेट में भी</u>(लुक 1:14 युएलटी)
* ** यहां तक कि इस की माँ के पेट में भी** - लफ़्ज "यहां तक कि" यहां इशारा करता है कि ये खासतौर पर हैरत-अंगेज़ ख़बर है. लोगों से पहले रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था, लेकिन किसी ने किसी भी बच्चे की रूहुल-क़ुदुस से भरे हुए बच्चे से नहीं सुना था.
* **यहां तक कि इस की माँ के पेट में भी** - लफ़्ज "यहां तक कि" यहां इशारा करता है कि ये खासतौर पर हैरत-अंगेज़ ख़बर है. लोगों से पहले रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था, लेकिन किसी ने किसी भी बच्चे की रूहुल-क़ुदुस से भरे हुए बच्चे से नहीं सुना था.
ये नोट आपको समझने में मदद करसकता है कि इस लफ़्ज में "यहां तक कि" का मतलब किया है, लिहाज़ आपको इस तरह की हैरत की बात करने का एक तरीक़ा मिल सकता है |

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@ -10,12 +10,12 @@
> बहुत से लोग <u>मेरे नाम</u> में आएँगे और कहते हैं, मैं वही हूँ और वो बहुत गुमराह करेगी | (मार्क 13:6 युएलटी)
* ** मेरे नाम** - ममनूआ मअनी 1 हैं) ए: "मेरे इख़तियार का दावे" या 2) "दावे करता है कि ख़ुदा ने उनको भेजा.” (देखिये: [मेटोनिमी](../figs-metonymy/01.md) और [इडियम](../figs-idiom/01.md))
* **मेरे नाम** - ममनूआ मअनी 1 हैं) ए: "मेरे इख़तियार का दावे" या 2) "दावे करता है कि ख़ुदा ने उनको भेजा.” (देखिये: [मेटोनिमी](../figs-metonymy/01.md) और [इडियम](../figs-idiom/01.md))
इस नोट में बयान की शनाख़्त एक मोतबर कहा जाता है. "मेरे नाम में" का जुमला स्पीकर का नाम (यसवा) का हवाला नहीं देता, लेकिन इस के शख़्स और इख़तियार में. नोट दो मुतबादिल तर्जुमा देने की तरफ़ से इस गुज़रने में मारूफ़ तशरीह बयान करता है. इस के बाद, मीटिंग के बारे में टी ए के सफ़े का एक लिंक है. मीटर नौमी और मुतर्जिम तर्जुमा करने के लिए आम हिक्मत-ए- अमली के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें. क्योंकि ये फ़िक़रा एक आम मुहासिरा है, नोट में टीए के सफ़े का एक लिंक भी शामिल है जो मुहासिरा बयान करता है |
>”<u>आपके वीरों का बच्चा</u>! कौन ने आपको ग़ुस्से से दूर आने के लिए ख़बरदार किया है जो आने वाला है? (लुक 3:7 युएलटी)
* ** आपके वीरों का बच्चा** - इस अस्तीफ़े में, जान भेड़ों से मुवाज़ना करता है, जो मोहलिक या ख़तरनाक साँप थे और बुरे की नुमाइंदगी करते थे. एटी: "आप बुरी ज़हरीला साँप" या "लोग आपसे दूर रहें जैसे जैसे वो ज़हरीला साँप से बचें. “(देखिये: [मेटाफर](../figs-metaphor/01.md))
* **आपके वीरों का बच्चा** - इस अस्तीफ़े में, जान भेड़ों से मुवाज़ना करता है, जो मोहलिक या ख़तरनाक साँप थे और बुरे की नुमाइंदगी करते थे. एटी: "आप बुरी ज़हरीला साँप" या "लोग आपसे दूर रहें जैसे जैसे वो ज़हरीला साँप से बचें. “(देखिये: [मेटाफर](../figs-metaphor/01.md))
इस नोट में बयान की शक्ल एक इसतार कहा जाता है. नोट इसतार की वज़ाहत करता है और दो मुतबादिल तर्जुमे देता है. इस के बाद, इस्तिआरों के बारे में टी ए के सफ़े का एक लिंक है. अस्तीफा और आम हिक्मत-ए- अमली के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें उन्हें तर्जुमा करने के लिए |

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@ -10,12 +10,12 @@
> उन्होंने उसे हिदायत दी कि <u>कोई भी नही कहे </u> (लुक 5:14 युएलटी)
* ** कोई भी नही कहे ** - ये एक बराह-ए-रास्त इक़तिबास के तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है: "किसी को ना बताएं" ऐसी मालूमात मौजूद है जो वाज़िह तौर पर बयान किया जा सकता है (एटी): "किसी को ना बताना कि आपको शिफा दिया गया है |
* **कोई भी नही कहे** - ये एक बराह-ए-रास्त इक़तिबास के तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है: "किसी को ना बताएं" ऐसी मालूमात मौजूद है जो वाज़िह तौर पर बयान किया जा सकता है (एटी): "किसी को ना बताना कि आपको शिफा दिया गया है |
यहां तर्जुमा नोट से पता चलता है कि बराह-ए-रास्त इक़तिबास में ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबासकिस तरह तबदील करने के ले-ए-, अगर ये हदफ़ ज़बान में वाज़िह या ज़्यादा क़ुदरति हो.
>फ़सल के वक़्त<u> में रैपरों से कहूँगा, "सबसे पहले घास निकालने और उन्हें बंडल करने के लिए बंडल में बांध लें, लेकिन गंदुम मेरे बनू में जमा करें</u>" (माथव 13:30 युएलटी)
* ** में रैपरों से कहूँगा, "सबसे पहले घास निकालने और उन्हें बंडल करने के लिए बंडल में बांध लें, लेकिन गंदुम मेरे बनू में जमा करें”** - आप ये ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला के तौर पर तर्जुमा कर सकते हैं: "मैं रीपबलों को सबसे पहले पहाड़ों को जमा करने और उन्हें बनने के लिए बंडल में बांध दूंगा, फिर ग़नम को मेरे बनू में जमा करूँगा |” (देखें: [डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कोटशन ](../figs-quotations/01.md))
* **में रैपरों से कहूँगा, "सबसे पहले घास निकालने और उन्हें बंडल करने के लिए बंडल में बांध लें, लेकिन गंदुम मेरे बनू में जमा करें”** - आप ये ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला के तौर पर तर्जुमा कर सकते हैं: "मैं रीपबलों को सबसे पहले पहाड़ों को जमा करने और उन्हें बनने के लिए बंडल में बांध दूंगा, फिर ग़नम को मेरे बनू में जमा करूँगा |” (देखें: [डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कोटशन](../figs-quotations/01.md))
यहां तर्जुमा नोट से पता चलता है कि बराह-ए-रास्त इक़तिबास में ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबास किस तरह तबदील करने के ले-ए-, अगर ये हदफ़ ज़बान में वाज़िह या ज़्यादा क़ुदरति हो.

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@ -14,7 +14,7 @@
#### मिसालें
* **सुबह और शाम** - ये पूरे दिन का हवाला देता है. दिन के दो हिस्सों को पूरे दिन का हवाला देते हुए इस्तिमाल किया जाता है. यहूदीयों की सक़ाफ़्त में, एक दिन जब सूरज क़ायम होता है | (मुलाहिज़ा करें: *मरज़म*)
* ** चल रहा है** - "इताअत" (मुलाहिज़ा करें: * असताफ़ार *)
* **चल रहा है** - "इताअत" (मुलाहिज़ा करें: * असताफ़ार *)
* **उसे मालूम क्या** - "इस से बातचीत" (देखें:*अमीवम*)
### एक किताब में बार-बार जुमले
@ -30,6 +30,6 @@
#### मिसालें
* ** फ़ाइदामंद और ज़रब हो** - देखो कि आप इन पैदाइशों को जेनेसिस 1:28 में कैसे तर्जुमा करते हैं |
* **फ़ाइदामंद और ज़रब हो** - देखो कि आप इन पैदाइशों को जेनेसिस 1:28 में कैसे तर्जुमा करते हैं |
* **सब कुछ जो ज़मीन पर चलता है** - इस में तमाम किस्म के छोटे जानवर भी शामिल हैं. देखो कि तुमने जेनेसिस 1:25 में ये कैसे तर्जुमा किया |
* **इस में बरकत दी जाएगी** - AT: "इबराहीम की वजह से" बरकत  होगी "या" बरकत की जाएगी क्योंकि मैं इबराहीम बरकत देता हूँ. " "इस में" तर्जुमा करने के लिए, देखें कि आप जेनेसिस 12: 3 में "आपके ज़रीये" कैसे तर्जुमा करते है |

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@ -7,6 +7,6 @@
><u> लेकिन ये आपकी सख़्ती और नापसंदीदा दिल की हद तक है</u> कि आप अपने ग़ज़ब, ग़ज़ब के दिन के लिए ज़ख़ीरा कर रहे हैं | (रोमन्स 2:5 ULT)
* **> लेकिन ये आपकी सख़्ती और नापसंदीदा दिल की हद तक है** - पॉल एक ऐसे शख़्स की मुवाज़ना करने के लिए एक इसतार का इस्तिमाल करता है जो एक पत्थर की तरह कुछ मुश्किल से ख़ुदा की इताअत करने से इनकार करता है | वो पूरे शख़्स की नुमाइन्दगी करने के लिए मेटोनीम का इस्तिमाल करता है | एटी: “ये है क्योंकि आप सुनने और तौबा करने से इनकार करते हैं” (देखिये: [मेटाफर](../figs-metaphor/01.md) और [मेटोनिमी](../figs-metonymy/01.md))
* ** सख़्ती और नापसंदीदा दिल** - “जमहूरीयत के दिल” में लफ़्ज “सख़्ती” की वज़ाहत करता है (देखिये: [डॉब्लेट](../figs-doublet/01.md))
* **सख़्ती और नापसंदीदा दिल** - “जमहूरीयत के दिल” में लफ़्ज “सख़्ती” की वज़ाहत करता है (देखिये: [डॉब्लेट](../figs-doublet/01.md))
इस मिसाल में, पहला नोट मेटाफर और मेटोनिमी बयान करता है, और दूसरा इसी रास्ते में डॉब्लेट बयान करता है |

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@ -19,10 +19,8 @@
1. एक या ज़्यादा बिरादरी के अराकीन को बाइबल बाब का मुकम्मल तर्जुमा पढ़े |
1. सुनने वालों को इस तर्जुमा से सवालात का जवाब देना और बाइबल के दीगर तर्जुमाओं से किया जानने के ले-ए-जवाब देने का जवाब ना दें. ये तर्जुमा का एक टैस्ट है, ना लोगों के. इस की वजह से, बाइबल को अच्छी तरह से मालूम नहीं करने वालों के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल बहुत मुफ़ीद है.
1. सैक्शन को "सवालात" कहा जाता है.
1. इस बाब के लिए पहला सवाल इंदिराज पढ़े
1. सवाल का जवाब देने के लिए कम्यूनिटी के अरकान से पूछें. सिर्फ तर्जुमा से जवाब के बारे में सोचने के लिए याद रखें.
1. जवाब ज़ाहिर करने के लिए सवाल पर क्लिक करें. अगर कम्यूनिटी के रुकन का जवाब जवाब में बहुत ही इसी तरह है, तो तर्जुमा वाज़िह तौर पर सही बातचीत कर रहा है. अगर शख़्स सवाल या जवाबात ग़लत तौर पर जवाब नहीं दे सकता तो, तर्जुमा शायद अच्छी तरह से बातचीत नहीं की जा सकती और उसे तबदील करने की ज़रूरत हो सकती है |
1.  बाब के लिए बाक़ी सवालात के साथ जारी रखे |

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@ -12,6 +12,6 @@
><u> बेकार, इस तरह,</u> बाहमी होना चाहीए, डबल टाकर नहीं. (1 टिमोथी 3:8 युएलटी)
* ** बेकार, इसी तरह** - "इसी तरह, बेकार" या "ड्रोनज़, निगरानी की तरह"
* **बेकार, इसी तरह** - "इसी तरह, बेकार" या "ड्रोनज़, निगरानी की तरह"
इस मिसाल में, अलफ़ाज़ "इसी तरह, बेकार" या "बेकार, बैरून-ए-मुल्क मुक़ीम" जैसे युटीटी के अलफ़ाज़ "डययकोन" की जगह ले सकते हैं |आप, मुतर्जिम के तौर पर फ़ैसला कर सकते हैं कि आपकी ज़बान के लिए क़ुदरती क्या चीज़ हैं |

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@ -8,16 +8,14 @@
तर्जुमा नोट्स अलफ़ाज़ या जुमले जिनमें युएलटी  से कापी हुई है और फिर वज़ाहत की गई है. अंग्रेज़ी में, हर नोट जो वज़ाहत करता है कि यू उल्टी एक ही शुरू होता है. एक गोली प्वाईंट है, युएलटी मतन बोल्ड में इस के बाद डैश की तरफ़ से है, और इस के बाद तर्जुमे के तजावीज़ या मुतर्जिम के लिए मालूमात मौजूद हैं. नोटिस इस शक्ल की पैरवी करें:
* ** युएलटी  मतन कॉपीराइट** - तर्जुमा की तजवीज़ या मुतर्जिम के लिए मालूमात
* **युएलटी  मतन कॉपीराइट** - तर्जुमा की तजवीज़ या मुतर्जिम के लिए मालूमात
### नोट्स की इक़साम
तर्जुमा नोट में बहुत से मुख़्तलिफ़ किस्म के नोट हैं. हर किस्म का नोट मुख़्तलिफ़ तरीक़े से वज़ाहत करता है. नोट की क़सम को जानने वाला मुतर्जिम की मदद करेगा बाइबल मतनको अपनी ज़बान में तर्जुमा करने का बेहतरीन तरीक़ा पर फ़ैसला करे.
* ** [तारीफ़ात के साथ नोट्स ](../resources-def/01.md) ** - कभी कभी तुम नहीं जानते हो कि युएलटी में क्या लफ़्ज है. अलफ़ाज़ या जुमले की सादा तारीफ़ें बग़ैर हवाला या जमहूरीयत की शक्ल के बग़ैर शामिल है |
* **[नोट्स बयान करते हैं](../resources-eplain/01.md) ** - अलफ़ाज़ या जुमले के बारे में सादा वज़ाहतें जमली शक्ल में हैं.
* **[तारीफ़ात के साथ नोट्स](../resources-def/01.md)** - कभी कभी तुम नहीं जानते हो कि युएलटी में क्या लफ़्ज है. अलफ़ाज़ या जुमले की सादा तारीफ़ें बग़ैर हवाला या जमहूरीयत की शक्ल के बग़ैर शामिल है |
* **[नोट्स बयान करते हैं](../resources-eplain/01.md)** - अलफ़ाज़ या जुमले के बारे में सादा वज़ाहतें जमली शक्ल में हैं.
* **नोट कि तजवीज़ करने के दूसरे तरीक़े** - तजवीज़ करें क्योंकि क्योंकि इन नोट्ससों के बहुत से मुख़्तलिफ़ क़िस्म हैं, उन्हें जे़ल में मज़ीद तफ़सील से बयान किया जाता है.
#### तजवीज़ करदा तर्जुमा
@ -25,17 +23,10 @@
तजवीज़ करदा तर्जुमा की कई इक़साम है
* **[हम-आहंगी और मुसावात के साथ नोट्स](../resources-synequi/01.md)** - बाज़-औक़ात नोटों का तर्जुमा तजवीज़ फ़राहम करता है जो युएलटी मैं लफ़्ज या जुमले तबदील करसकता है. ये मुतबादिलसज़ा के मअनी को तबदील करने के बग़ैर सज़ा में फिट हो सकता है. ये हम-आहंगी और मुसाव जुमले हैं और दोहरी हवालाजात में लिखा जाता है. इस का मतलब युएलटी मैं मतन के तौर पर है .
* **[मुतबादिल तर्जुमे के साथ नोट्स (एटी)](../resources-alter/01.md)** - एक मुतबादिल तर्जुमा युएलटी  के फ़ार्म या मवाद में तजवीज़ करदा तबदील है क्योंकि हदफ़ ज़बान मुख़्तलिफ़ शक्ल को तर्जीह दे सकती है. मुतबादिल तर्जुमा सिर्फ उस वक़्त इस्तिमाल करना चाहीए जब युएलटी फ़ार्म या मवाद आपकी ज़बान में सही या क़ुदरती नहीं है
* **[नोट है कि युएसटी तर्जुमा की वज़ाहत करें](../resources-clarify/01.md)** - जब युएसटी युएलटी के लिए एक अच्छा मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम करता है, तो वहां हो सकता है कि कोई मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम ना करें. ताहम, मौक़ा पर नोट एक युएसटी इससे मतन को मुतबादिल तर्जुमा के तौर पर पेश करेगा. इस सूरत में, नोट युएसटी से मतन के बाद "( युएसटी )"
* **[नोटों में मुतबादिल  मअनी हैं](../resources-alterm/01.md)** - कुछ नोट मुतबादिल ज़रीया फ़राहम करती हैं जब एक लफ़्ज या फ़िक़रा एक से ज़्यादा तरीक़े से समझा जा सकता है. जब ये होता है, नोट सबसे पहले मुम्किना मअनी रखता है
* **[काबिल-ए-ज़िक्र या मुम्किना मअनी के साथ](../resources-porp/01.md)** - कभी कभी बाइबल के आलमगीर इस बात का यक़ीन नहीं जानते हैं, या इस बात पर मुत्तफ़िक़ नहीं हैं कि बाइबल में किसी ख़ास जुमल या सज़ा का मतलब है. इस में से बाअज़ वजूहात में शामिल हैं: क़दीम बाइबल के मतन में मामूली इख़तिलाफ़ात हैं, या एक लफ़्ज में से एक से ज़्यादा मअनी हो या इस्तिमाल हो सकते हैं, या शायद ये बात वाज़िह नहीं हो सकती कि ये लफ़्ज(जैसे एक ज़ात) एक मख़सूस फ़िक़रा में बयान करता है. इस सूरत में, नोट सबसे ज़्यादा मुम्किना मअनी देगा, या बहुत से मअनी मअनी देगा
* **[नोट कि बयान के आदाद-ओ-शुमार की निशानदेही करें](../resources-fofs/01.md)** - जब यू उल्टी मतन में तक़रीर का एक शक्ल है, तो नोट इस बयान की वज़ाहत करेगी कि इस बात की शनाख़ती शक्ल कैसे की जाएगी. कभी कभी एक मुतबादिल तर्जुमा (एटी:) फ़राहम की जाती है. तर्जुमा अकैडमी का इज़ाफ़ा मालूमात और मुतर्जिम की मदद करने के लिए तर्जुमे की हिक्मत-ए-अमली के लिए भी एक लिंक होगा जिसमें दरुस्त तरीक़े से इस किस्म की तक़रीरकी शनाख़्त का तर्जुमा करें
* **[याद रखें कि ग़ैर मुस्तक़ीम और बराह-ए-रास्त कोट की शनाख़्त](../resources-iordquote/01.md)** - दो किस्म के कोटेशंज़ हैं: बराह-ए-रास्त कोटेशन और ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन. एक कोटेशन का तर्जुमा करते वक़्त, मित्र जमीन को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि उसे बराह-ए-रास्त कोटेशन या ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन के तौर पर तर्जुमा किया जाये. ये नोट्स मुतर्जिम को इस इंतिख़ाब को इंतिबाह करेगी जो बनाए जाने की ज़रूरत है
* **[लॉंग युएलटी के जुमले के लिए नोट्स ](../resources-long/01.md)** - कभी कभी ऐसे ऐसे नोटिस मौजूद हैं जो एक फ़िक़रा और अलैहद नोटिसों का हवाला देते हैं जो इस फ़िक़रा के हुसूल का हवाला देते हैं. इस सूरत में, बड़े फ़िक़रा का नोट पहला है, और इस के छोटे हिस्सों के लिए नोट बाद में अमल की जाती है. इस तरह, नोटों को हर एक हिस्सा के साथ साथ तर्जुमा की तजावीज़ या तशरीहात भी फ़राहम कर सकते है |
* **[लॉंग युएलटी के जुमले के लिए नोट्स](../resources-long/01.md)** - कभी कभी ऐसे ऐसे नोटिस मौजूद हैं जो एक फ़िक़रा और अलैहद नोटिसों का हवाला देते हैं जो इस फ़िक़रा के हुसूल का हवाला देते हैं. इस सूरत में, बड़े फ़िक़रा का नोट पहला है, और इस के छोटे हिस्सों के लिए नोट बाद में अमल की जाती है. इस तरह, नोटों को हर एक हिस्सा के साथ साथ तर्जुमा की तजावीज़ या तशरीहात भी फ़राहम कर सकते है |

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@ -38,12 +38,11 @@
* ख़ुदा का बेटा
* बादशाह (एक आज़ाद शहर, रियासत या मलिक के हुकमरान).
** कलीदी बाइबल तसव्वुरात ** जैसे:
**कलीदी बाइबल तसव्वुरात** जैसे:
* माफ़ी (उस शख़्स से नफ़रत ना करो और इस पर ग़ुस्सा  ना करो कुछ नुक़्सान पहुंचा)
*  नजात (बुराई, दुश्मनों, या ख़तरे से बचाया जा रहा है
* छुटकारा (उस चीज़ को वापिस ख़रीदने का एक फे़अल जो पहले ही मिल्कियत था या जो क़ैदी पर मुश्तमिल था)
* रहमत (मदद करने वाले अफ़राद की मदद)
* फ़ज़ल (उस की मदद या इस सिलसिले में जो किसी शख़्स को दिया गया है जिसने उसे हासिल नहीं किया है)

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@ -24,7 +24,7 @@
#### सरफ़ीह
एक लफ्ज़ या किसी लफ्ज़ का हिस्सा जिसका कोई मानी हो और उसका कोई छोटा हिस्सा नहीं हो जिसका कोई मानी हो। (मिशाल के तौर पर, “syllable” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं, मगर सिर्फ़ 1 सरफ़ीह, जबके “syllables” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं और दो सरफ़ीह (syl-lab-le-**स**). (आख़िरी “s” एक सरफ़ीह है जिसके मानी है जमा”।)
एक लफ्ज़ या किसी लफ्ज़ का हिस्सा जिसका कोई मानी हो और उसका कोई छोटा हिस्सा नहीं हो जिसका कोई मानी हो। (मिशाल के तौर पर, “syllable” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं, मगर सिर्फ़ 1 सरफ़ीह, जबके “syllables” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं और दो सरफ़ीह (syl-lab-le-**स**). (आख़िरी “s” एक सरफ़ीह है जिसके मानी है जमा”।))
### हरकात ए लफ्ज़ किस तरह अल्फ़ाज़ बनाते हैं
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**तलफ्फ़ुज़ के नुक़ते** हलक़ या मुँह के साथ वो जगह हैं जहाँ हवा महदूद किया जाता है या इसका बहाव रोका जाता है। तलफ्फ़ुज़ के आम नुक़ते होटों, दाँतों, दाँतों की (ख़ानादार) रिज, तालू (मुँह की सख्त छत), नरम तालू (मुँह की नरम छत), हलक़ का कौव्वा, और आवाज़ की हड्डी (या हलक़ूम) को शामिल करते हैं।
** तलफ्फ़ुज़ करने वाले** मुँह के मुतहरिक हिस्से हैं, ख़ास तौर से ज़बान के हिस्से जो हवा के बहाव को सुस्त करते हैं। ज़बान का वह हिस्सा जो यह कर सकता है उसमें ज़बान की जड़, पुश्त, पत्ता, और नोक शामिल हैं। बगैर ज़बान का इस्तेमाल किये होंट भी मुँह के ज़रिये हवा के बहाव को सुस्त कर सकते हैं। होंटों से बने आवाजों में हरूफ़ ए सहीह शामिल हैं जैसे “b”, “v”, और “m”.
**तलफ्फ़ुज़ करने वाले** मुँह के मुतहरिक हिस्से हैं, ख़ास तौर से ज़बान के हिस्से जो हवा के बहाव को सुस्त करते हैं। ज़बान का वह हिस्सा जो यह कर सकता है उसमें ज़बान की जड़, पुश्त, पत्ता, और नोक शामिल हैं। बगैर ज़बान का इस्तेमाल किये होंट भी मुँह के ज़रिये हवा के बहाव को सुस्त कर सकते हैं। होंटों से बने आवाजों में हरूफ़ ए सहीह शामिल हैं जैसे “b”, “v”, और “m”.
** तलफ्फ़ुज़ करने का अन्दाज़** बयान करता है के हवा का बहाव किस तरह सुस्त किया जाता है। यह मुकम्मल तौर पर रुक सकता है (जैसा “p” या “b” के साथ, जो ठहरने वाले हरूफ़ ए सहीह या स्टॉप्स कहलाते हैं), भारी रगड़ होना (जैसे “f” या “v”, फ़िरकी कहलाते हैं), या सिर्फ़ थोड़ा सा महदूद होना (जैसे “w” या “y”, नीम हरूफ़ ए इल्लत कहलाते हैं, क्योंके वो तक़रीबन उतने आज़ाद हैं जितने के हरूफ़ ए इल्लत।)
**तलफ्फ़ुज़ करने का अन्दाज़** बयान करता है के हवा का बहाव किस तरह सुस्त किया जाता है। यह मुकम्मल तौर पर रुक सकता है (जैसा “p” या “b” के साथ, जो ठहरने वाले हरूफ़ ए सहीह या स्टॉप्स कहलाते हैं), भारी रगड़ होना (जैसे “f” या “v”, फ़िरकी कहलाते हैं), या सिर्फ़ थोड़ा सा महदूद होना (जैसे “w” या “y”, नीम हरूफ़ ए इल्लत कहलाते हैं, क्योंके वो तक़रीबन उतने आज़ाद हैं जितने के हरूफ़ ए इल्लत।)
**आवाज़ करना** ज़ाहिर करता है के आवाज़ की हड्डियाँ लरज़ती हैं या नहीं जब उनमे से हवा गुज़रती है। ज़ियादातर हरूफ़ ए इल्लत, जैसे, “a, e, i, u, o” बोलने वाली आवाजें हैं। हरूफ़ ए सहीह आवाज़ वाले (+v), जैसे “b,d,g,v”, या बेआवाज़ वाले (-v) जैसे “p,t,k,f” हो सकते हैं। ये तलफ्फ़ुज़ के उसी नुक़ते पर और उसी तलफ्फ़ुज़ करने वाले के साथ बनाए जाते हैं जिस तरह आवाज़ वाले हरूफ़ ए सहीह का ज़िक्र पहले किया गया है। “b,d,g,v”, और “p,t,k,f” के दरमियान फ़र्क सिर्फ़ आवाज़ करने (+v और v) का है।

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@ -2,9 +2,9 @@
मुंदरजा ज़ैल शराइत बुनियादी तौर पर बाइबल में इस्तिमाल होने वाले फ़ासले या लंबाई के लिए सबसे ज़्यादा आम इक़दामात हैं. उनमें से अक्सर हाथ और फ़ोरर के साइज़ पर मबनी है |
* **हाथ की चौड़ाई ** आदमी के हाथ की हथेली की चौड़ाई थी |
* **हाथ की चौड़ाई** आदमी के हाथ की हथेली की चौड़ाई थी |
* **काओनटी** या हैंडपेन एक आदमी के हाथ की चौड़ाई थी जिससे उंगलियां फैल गई थीं.
* **क्यूबिट ** एक आदमी की फ़ारमीवम की लंबाई थी, क्लोन की लंबी उंगली की छडी से.
* **क्यूबिट** एक आदमी की फ़ारमीवम की लंबाई थी, क्लोन की लंबी उंगली की छडी से.
* **"तवील" क्यूबिट** सिर्फ़ एजीकील 40-48 में इस्तिमाल किया जाता है | ये एक आम क्यूबिट के इलावा एक मुद्दत की लंबाई है |
* **स्टेडीयम** (कसीर, **स्टेडीय**) एक मख़सूस फुटरेस का हवाला दिया है जो लंबाई 185 मीटर थी. कुछ पुराने अंग्रेज़ी वर्ज़न उस लफ़्ज का तर्जुमा "फ़र्र गिविंग" के तौर पर बयान करती हैं, जिसमें एक पुख़्ता फ़ील्ड की औसत लंबाई का हवाला दिया जाता है |

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@ -38,7 +38,7 @@
तमाम हिक्मत-ए-अमली जे़ल में यसईआह 5:10 पर लागू होते हैं.
* ** अंगूर के चार हेक्टरों के लिए सिर्फ एक ग़ुसल पैदा होगा, और बीज का एक हुनर सिर्फ एक अफ़फ़ा पैदा करेगा. ** (यसईआह 5:10 युएलटी )
* **अंगूर के चार हेक्टरों के लिए सिर्फ एक ग़ुसल पैदा होगा, और बीज का एक हुनर सिर्फ एक अफ़फ़ा पैदा करेगा.** (यसईआह 5:10 युएलटी )
1. युएलटीसे पैमाइश का इस्तिमाल करें. ये इसी तरह की पेमाइशें हैं जो असल लिखने वाले थे. उन्हें ऐसे रास्ते से हिज्जे करें जो इस तरह की आवाज़ की तरह है या युएलटी में हिज्जे हुए हैं. (मुलाहिज़ा करें [कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़](../translate-transliterate/01.md))
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बाज़-औक़ात इब्रानी हुजम की एक मख़सूस यूनिट की वज़ाहत नहीं करता लेकिन सिर्फ एक नंबर का इस्तिमाल करता है. इन मुक़द्दमात में, युएलटी और युएसटीसमेत बहुत से अंग्रेज़ी वर्ज़न, लफ़्ज "पैमाइश" शामिल करें.
* ** जब भी किसी को अनाज के इक़दामात के बीस हिस्से के पास आए तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब के पच्चास क़दमों को निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस. ** (हगाई 2:16 युएलटी )
* **जब भी किसी को अनाज के इक़दामात के बीस हिस्से के पास आए तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब के पच्चास क़दमों को निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस.** (हगाई 2:16 युएलटी )
#### तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली
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हिक्मत-ए-अमली सभी जे़ल में हगाई 2:16 में लागू होते हैं.
* ** जब भी किसी को अनाज के इक़दामात के बीस हिस्से के पास आए तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब के पच्चास क़दमों को निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस. ** (हगाई 2:16 युएलटी )
* **जब भी किसी को अनाज के इक़दामात के बीस हिस्से के पास आए तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब के पच्चास क़दमों को निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस.** (हगाई 2:16 युएलटी )
1. यूनिट के बग़ैर नंबर इस्तिमाल करके लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा करें

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@ -32,21 +32,21 @@
मुंदरजा ज़ैल मिसाल 3 यूहना से है 1. कुछ बाइबल आयतें 14 और 15 के तौर पर इस मतन को निशान ज़िद करते हैं, और बाअज़ ये सब आयत के तौर पर निशान ज़िद करते हैं. आप आयत नंबर को अपने दूसरे बाइबल के तौर पर निशान ज़िद कर सकते है |
**<sup>14</sup> लेकिन मैं आपको जल्दी देखना चाहता हूँ, और हम चेहरे का सामना करेंगे. **<sup><u>15</u></sup>** अमन आप पर हो. दोस्त आपको मुबारकबाद देते हैं. दोस्तों के नाम से सलाम.** (3 यूहना 1: 14-15 युएलटी)
**<sup>14</sup> लेकिन मैं आपको जल्दी देखना चाहता हूँ, और हम चेहरे का सामना करेंगे.**<sup><u>15</u></sup>**अमन आप पर हो. दोस्त आपको मुबारकबाद देते हैं. दोस्तों के नाम से सलाम.** (3 यूहना 1: 14-15 युएलटी)
<sup>14</sup> लेकिन मैं जल्द ही आपको देखना चाहता हूँ, और हम चेहरे का सामना करेंगे. सलाम आपके पास हो दोस्त आपको मुबारकबाद देते हैं. दोस्त के ज़रीया दोस्त को सलाम. (3 जान 14)
ज़बूर से पहले एक मिसाल है 3. कुछ बाइबल ज़बूर के आग़ाज़ में एक आयत के तौर पर वज़ाहत नहीं करते हैं, और दूसरें उसे आयत के तौर पर निशान ज़िद करते हैं. आप आयात नंबर को अपने दूसरे बाइबल के तौर पर निशान ज़िद कर सकते हैं.
*** दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया. ***
* ** दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया.**
<sup>1</sup> ** ख़ुदावंद, मेरे दुश्मन कितने है **
<sup>1</sup> **ख़ुदावंद, मेरे दुश्मन कितने है**
** बहुत से लोग मुड़ गए हैं और मुझ पर हमला करते हैं. **
**बहुत से लोग मुड़ गए हैं और मुझ पर हमला करते हैं.**
<sup>2</sup> ** बहुत से मेरे बारे में कहते हैं, **
<sup>2</sup> **बहुत से मेरे बारे में कहते हैं,**
** "ख़ुदा के लिए कोई मदद नहीं है." सलिया **
**"ख़ुदा के लिए कोई मदद नहीं है." सलिया**
<sup>1</sup> *दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया. *
<sup>2</sup> ख़ुदावंद, कितने दुश्मन हैं.

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@ -53,10 +53,10 @@
1. अगर आप प्रैक्टिस और युएलटी के इक़दामात इस्तिमाल करने का फ़ैसला करते हैं, तो आपको युएलटी मैं डीवलपमनट में डीवलशनज़ को तबदील करने की ज़रूरत होगी.
* ** अनाज के नज़राना के तीन दहाईयों में एक नज़र की क़ुर्बानी के तौर पर तेल के साथ मिला कर एक अच्छा तेल. ** (लीवीत 14:10 युएलटी)
* **अनाज के नज़राना के तीन दहाईयों में एक नज़र की क़ुर्बानी के तौर पर तेल के साथ मिला कर एक अच्छा तेल.** (लीवीत 14:10 युएलटी)
* "<u>0.3 अनाज</u> के नज़राना के तौर पर तेल के साथ ठीक ठीक आटा का अफ़फ़ा, और <u>एक लागत</u> का तेल.
1. अगर आपको ताय्युनाती और युएसटी मैं इक़दामात का इस्तिमाल करने का फ़ैसला होता है, तो आपको युएसटी मैं डेवलुट्स तक तबदील करने की ज़रूरत होगी.
* ** <u>एक सोथी पच्चास लीटर</u> की क़ुर्बानी की क़ुर्बानी, ज़ैतून के तेल के साथ मिला, एक क़ुर्बानी के लिए और <u>एक तिहाई लीटर</u> ज़ैतून का तेल. ** (लीवीत 14:10 यू ऐस ऐस)
* **<u>एक सोथी पच्चास लीटर</u> की क़ुर्बानी की क़ुर्बानी, ज़ैतून के तेल के साथ मिला, एक क़ुर्बानी के लिए और <u>एक तिहाई लीटर</u> ज़ैतून का तेल.** (लीवीत 14:10 यू ऐस ऐस)
* "अनाज की क़ुर्बानी की <u>छथीयों का नसफ़ लीटर</u>, एक ज़ैतून का तेल, एक क़ुर्बानी के तौर पर और <u>एक तिहाई लीटर>/u> ज़ैतून का तेल.

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@ -8,7 +8,7 @@
### अहम ख़ुसूसीयत
मअनी पर मबनी तर्जुमा की अहम ख़ुसूसीयत ये है कि वो ज़रीया मतन के फ़ार्म की तख़लीक़ के दौरान मअनी का तर्जुमा करने की तर्जीह देते हैं. यही है, वो ** मअनी वाज़िह करने के लिए ज़रूरत के मुताबिक़ टेक्स्ट की शक्ल को तबदील करें. ** तबदीलीयों की सबसे आम इक़साम जो मतलब मअनी पर मबनी तर्जुमा है |
मअनी पर मबनी तर्जुमा की अहम ख़ुसूसीयत ये है कि वो ज़रीया मतन के फ़ार्म की तख़लीक़ के दौरान मअनी का तर्जुमा करने की तर्जीह देते हैं. यही है, वो **मअनी वाज़िह करने के लिए ज़रूरत के मुताबिक़ टेक्स्ट की शक्ल को तबदील करें.** तबदीलीयों की सबसे आम इक़साम जो मतलब मअनी पर मबनी तर्जुमा है |
*  हदफ़ ज़बान के ग्रामर से मिलने के लिए लफ़्ज का लफ़्ज तबदील करें
* क़ुदरतियों के साथ ग़ैर मुल्की गरामाती साख़त की जगह ले लूँ
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** यूनानी ** आयत के पहले नसफ़ का मतन जे़ल में दिखाया गया है.
हर यूनानी लफ़्ज के तौर पर एक ही आर्डर में **अंग्रेज़ी ** तर्जुमा, जो कुछ मुतबादिल अंग्रेज़ी अलफ़ाज़ से मुंतख़ब करने के लिए जे़ल में है.
हर यूनानी लफ़्ज के तौर पर एक ही आर्डर में **अंग्रेज़ी** तर्जुमा, जो कुछ मुतबादिल अंग्रेज़ी अलफ़ाज़ से मुंतख़ब करने के लिए जे़ल में है.
>तो / फल पैदा / तौबा की मुनासिब फल / बनाएँ / पैदावार

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@ -12,13 +12,13 @@
मार्क 11: 31- 33 में, यलसीस के निशान से पता चलता है कि या तो मज़हबी रहनुमाओं ने उनकी सज़ा ख़त्म नहीं की, या मार्क ने लिखा कि उन्होंने क्या कहा
> उन्होंने अपने दरमयान बेहस की और बेहस की और कहा, "अगर हम कहते हैं कि आसमान से, वो कहेंगे, तुम इस पर क्यों ईमान नहीं लाए? लेकिन अगर हम कहते हैं, मर्दों से, ** ... ** "उन्होंने लोगों से ख़ौफ़ज़दा किया, क्योंकि वो सब जानता था कि यूहना नबी था. फिर उन्होंने यसवा का जवाब दिया और कहा, "हम नहीं जानते." फिर ऐसी ने उनसे कहा, "मैं आपको ये बताता हूँ कि मैं इन चीज़ों को जो मैं करता हूँ, इस से नहीं करूँगा." (युएलटी )
> उन्होंने अपने दरमयान बेहस की और बेहस की और कहा, "अगर हम कहते हैं कि आसमान से, वो कहेंगे, तुम इस पर क्यों ईमान नहीं लाए? लेकिन अगर हम कहते हैं, मर्दों से, **...** "उन्होंने लोगों से ख़ौफ़ज़दा किया, क्योंकि वो सब जानता था कि यूहना नबी था. फिर उन्होंने यसवा का जवाब दिया और कहा, "हम नहीं जानते." फिर ऐसी ने उनसे कहा, "मैं आपको ये बताता हूँ कि मैं इन चीज़ों को जो मैं करता हूँ, इस से नहीं करूँगा." (युएलटी )
#### लॉंग डैश
**तारीफ़** - लंबी डैश (-)) मुतआरिफ़ कराने वाले मालूमात को फ़ौरी तौर पर इस से मुताल्लिक़ किया जा सकता है . मिसाल के तौर पर:
> फिर दो आदमी मैदान में होंगे ** - ** एक को ले जाया जाएगा, और एक पीछे रह जाएगा. दो ख़वातीन एक मिल के साथ पीसने लगेगी ** ** एक को ले जाया जाएगा, और एक को छोड़ दिया जाएगा. पस तुम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट जाओगे क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा रब क्या दिन आएगा (मति 24: 40-41 युएलटी )
> फिर दो आदमी मैदान में होंगे **-** एक को ले जाया जाएगा, और एक पीछे रह जाएगा. दो ख़वातीन एक मिल के साथ पीसने लगेगी एक को ले जाया जाएगा, और एक को छोड़ दिया जाएगा. पस तुम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट जाओगे क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा रब क्या दिन आएगा (मति 24: 40-41 युएलटी )
#### पीरनटीकस
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यूहना 6: 6 में, यूहना ने कहानी में मुदाख़िलत की कि वो लिखा था कि ये वज़ाहत करने के लिए कि यसवा ने पहले से ही जानता था कि वो क्या करने वाला था. ये पैरिस में डाल दिया जाता है
जब यसवा ने देखा और इस के पास एक बहुत बड़ा भीड़ देखा, फिलिप्स से कहा, "हम रोटी क्यों ख़रीदेंगे ताकि ये खा सके?" ** (** अब यसवा ने फिलिप्स की आज़माईश के लिए ये कहा, क्योंकि वो अपने आपको जानता था कि वो क्या करने जा रहा था. **) ** फ़लिप ने जवाब दिया, "हर एक के लिए दो सौ डनराई रोटी काफ़ी नहीं होगी. थोड़ा सा. " (यूहना 6: 5-7 युएलटी )
जब यसवा ने देखा और इस के पास एक बहुत बड़ा भीड़ देखा, फिलिप्स से कहा, "हम रोटी क्यों ख़रीदेंगे ताकि ये खा सके?" **(** अब यसवा ने फिलिप्स की आज़माईश के लिए ये कहा, क्योंकि वो अपने आपको जानता था कि वो क्या करने जा रहा था. **)** फ़लिप ने जवाब दिया, "हर एक के लिए दो सौ डनराई रोटी काफ़ी नहीं होगी. थोड़ा सा. " (यूहना 6: 5-7 युएलटी )
जे़ल में क़ज़्ज़ाक़ों के अलफ़ाज़ ये नहीं हैं कि यसवा क्या कह रहा था, लेकिन मति ने क़ारी से किया कहा था, क़ारी को जानने के लिए कि यसवा अलफ़ाज़ को इस्तिमाल करते हुए कहने लगे कि वो सोचने और तशरीह करने की ज़रूरत पड़ेगी
> "लिहाज़ा, जब आपको तोड़ने के ख़ातमे को देखते हैं, जो डेनियल नबी की तरफ़ से बोला गया था, मुक़द्दस जगह में खड़ा होता है " ** (** क़ारी को समझते हैं **)**, "जो लोग यहूदीयों में हैं भागते हैं पहाड़ों पर, जो घर के घर पर है वो उस के घर में कुछ चीज़ें निकालने के लिए नीचे ना जाएं, 18 और जो इस मैदान में है वो अपने चिकन को लेकर वापिस ना आएं. " (मति 24: 15-18 युएलटी )
> "लिहाज़ा, जब आपको तोड़ने के ख़ातमे को देखते हैं, जो डेनियल नबी की तरफ़ से बोला गया था, मुक़द्दस जगह में खड़ा होता है " **(** क़ारी को समझते हैं **)**, "जो लोग यहूदीयों में हैं भागते हैं पहाड़ों पर, जो घर के घर पर है वो उस के घर में कुछ चीज़ें निकालने के लिए नीचे ना जाएं, 18 और जो इस मैदान में है वो अपने चिकन को लेकर वापिस ना आएं. " (मति 24: 15-18 युएलटी )
#### इशारा

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@ -53,7 +53,6 @@
* **<u>तिहाई</u> समुन्दर ख़ून की मानिन्द लाल हो गया** (मुकाश्फ़ा 8:8 ULT)
* यह ऐसा था के उन्होंने समुन्दर को <u>तीन हिस्सों में</u> <u>तक़सीम</u> किया, और समुन्दर का <u>एक हिस्सा</u> ख़ून हो गया।
* तू उस बछड़े के साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर ऐफ़ा के <u>तीन दहाई हिस्से</u> के बराबर मैदा जिसमें <u>निस्फ़ हीन</u> के बराबर तेल मिला हुआ हो चढ़ाए। (गिनती 15:9 ULT)
* ...तो तू एक ऐफ़ा मैदे को <u>दस हिस्सों में</u> <u>तक़सीम</u> कर और तेल के एक हीन को <u>दो हिस्सों में</u>तक़सीम</u> कर। फिर मैदे के <u>उन तीनों हिस्सों को</u> तेल के <u>उस एक हिस्से</u> के साथ मिलाना। तब तू उस बछड़े के साथ नज़्र की क़ुर्बानी चढ़ाना।
@ -61,7 +60,6 @@
* **<u>एक मिस्काल की दो तिहाई</u>** (1 समुएल 13:21 ULT)
* <u>आठ ग्राम</u> चाँदी (1 समुएल 13:21 UST)
* **<u>एफ़ा का तीन दहाई हिस्सा</u> मैदा <u>निस्फ़ हीन</u> तेल के साथ मिला हुआ।** (गिनती 15:9 ULT)
* <u>साढ़े छः लीटर</u> मैदा <u>दो लीटर</u> जैतून के तेल के साथ मिला हुआ। (गिनती 15:9 UST)

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@ -13,29 +13,29 @@
ये इब्रानी माहों की फ़हरिस्त है जो उनके बारे में मालूमात के साथ मददगार साबित हो सकती है
** अबीब ** - (इस महीना ** निसान ** कहा जाता है बाबील नायब के बाद.) ये इब्रानी कैलिंडर का पहला महीना है. ये इशारा करता है कि जब ख़ुदा ने इसराईल के मिस्र मिस्र से निकाल दिया. ये मौसम-ए-बिहार के आग़ाज़ में है जब देर की बारिश आती है और लोगों को अपनी फसलों का फ़सल शुरू करना शुरू होता है. ये मार्च के आख़िरी हिस्से और मग़रिब के कैलेंडरों पर पहला हिस्सा अप्रैल के दौरान है | फ़ुसह का जश्न आबब 10 पर शुरू हुआ, ग़ैर अख़लाक़ी रोटी का तहवार उस के बाद ही ठीक था, और फ़सल का मेला कुछ हफ़्ते बाद ही था.
**अबीब** - (इस महीना **निसान** कहा जाता है बाबील नायब के बाद.) ये इब्रानी कैलिंडर का पहला महीना है. ये इशारा करता है कि जब ख़ुदा ने इसराईल के मिस्र मिस्र से निकाल दिया. ये मौसम-ए-बिहार के आग़ाज़ में है जब देर की बारिश आती है और लोगों को अपनी फसलों का फ़सल शुरू करना शुरू होता है. ये मार्च के आख़िरी हिस्से और मग़रिब के कैलेंडरों पर पहला हिस्सा अप्रैल के दौरान है | फ़ुसह का जश्न आबब 10 पर शुरू हुआ, ग़ैर अख़लाक़ी रोटी का तहवार उस के बाद ही ठीक था, और फ़सल का मेला कुछ हफ़्ते बाद ही था.
** ज़्यो ** - ये इब्रानी कैलिंडर का दूसरा महीना है. ये फ़सल फ़सल के दौरान है. ये अप्रैल के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर मई के पहले हिस्से के दौरान है
**ज़्यो** - ये इब्रानी कैलिंडर का दूसरा महीना है. ये फ़सल फ़सल के दौरान है. ये अप्रैल के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर मई के पहले हिस्से के दौरान है
** शेन ** - ये इब्रानी कैलिंडर का तीसरा महीना है. फ़सल फ़सल के इख़तताम पर और ख़ुशक मौसम के आग़ाज़ में है. ये मई के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जून के पहले हिस्से के दौरान है. हफ़्ता के मौक़ा पर सुन्नी 6 पर मनाया जाता है.
**शेन** - ये इब्रानी कैलिंडर का तीसरा महीना है. फ़सल फ़सल के इख़तताम पर और ख़ुशक मौसम के आग़ाज़ में है. ये मई के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जून के पहले हिस्से के दौरान है. हफ़्ता के मौक़ा पर सुन्नी 6 पर मनाया जाता है.
** तोमज़ ** - ये इब्रानी कैलिंडर का चौथ महीना है. ये ख़ुशक मौसम के दौरान है. ये जून के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जुलाई के पहले हिस्से के दौरान है
**तोमज़** - ये इब्रानी कैलिंडर का चौथ महीना है. ये ख़ुशक मौसम के दौरान है. ये जून के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जुलाई के पहले हिस्से के दौरान है
** अब ** - ये इब्रानी कैलिंडर का पांचवां महीना है. ये ख़ुशक मौसम के दौरान है. ये जुलाई के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर अगस्त का पहला हिस्सा है.
**अब** - ये इब्रानी कैलिंडर का पांचवां महीना है. ये ख़ुशक मौसम के दौरान है. ये जुलाई के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर अगस्त का पहला हिस्सा है.
** इलोल ** - ये इब्रानी कैलिंडर के छिटे महीने है. ख़ुशक मौसम और बरसात के मौसम के आग़ाज़ में ये है. ये अगस्त के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर सितंबर का पहला हिस्सा है
**इलोल** - ये इब्रानी कैलिंडर के छिटे महीने है. ख़ुशक मौसम और बरसात के मौसम के आग़ाज़ में ये है. ये अगस्त के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर सितंबर का पहला हिस्सा है
** अथनी ** - ये इब्रानी कैलिंडर का सातवें महीना है. ये इबतिदाई बारिश के मौसम के दौरान है जो ब्वॉय के लिए ज़मीन को नरम करेगा. ये सितंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर अक्तूबर का पहला हिस्सा है. इस महीने में जमा होने और जुमा का दिन मनाया जाएगा
**अथनी** - ये इब्रानी कैलिंडर का सातवें महीना है. ये इबतिदाई बारिश के मौसम के दौरान है जो ब्वॉय के लिए ज़मीन को नरम करेगा. ये सितंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर अक्तूबर का पहला हिस्सा है. इस महीने में जमा होने और जुमा का दिन मनाया जाएगा
** बिल ** - ये इब्रानी कैलिंडर का आठवां महीना है. बारिश का मौसम है जब लोग अपने खेतों को खाते हैं और बीज बोने देते हैं. ये अक्तूबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर नवंबर का पहला हिस्सा .
**बिल** - ये इब्रानी कैलिंडर का आठवां महीना है. बारिश का मौसम है जब लोग अपने खेतों को खाते हैं और बीज बोने देते हैं. ये अक्तूबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर नवंबर का पहला हिस्सा .
** कीसलवी ** - ये इब्रानी कैलिंडर का नौवीं महीना है. ये बोझ के मौसम और सर्दी के मौसम की शुरूआत के इख़तताम पर है. ये नवंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर दिसंबर का पहला हिस्सा है
**कीसलवी** - ये इब्रानी कैलिंडर का नौवीं महीना है. ये बोझ के मौसम और सर्दी के मौसम की शुरूआत के इख़तताम पर है. ये नवंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर दिसंबर का पहला हिस्सा है
** तबतत ** - ये इब्रानी कैलिंडर का दसवाँ महीना है. बारिश और बर्फ़ हो सकता है जब ये सर्द मौसम के दौरान होता है. ये दिसंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जनवरी का पहला हिस्सा है.
**तबतत** - ये इब्रानी कैलिंडर का दसवाँ महीना है. बारिश और बर्फ़ हो सकता है जब ये सर्द मौसम के दौरान होता है. ये दिसंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जनवरी का पहला हिस्सा है.
** शीबट ** - ये इब्रानी कैलिंडर के ग्यारह महीने है. ये साल का सबसे बड़ा महीना है, और इस में भारी बारिश हुई है. ये जनवरी के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर फरवरी का पहला हिस्सा है
**शीबट** - ये इब्रानी कैलिंडर के ग्यारह महीने है. ये साल का सबसे बड़ा महीना है, और इस में भारी बारिश हुई है. ये जनवरी के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर फरवरी का पहला हिस्सा है
** एडार ** - ये इब्रानी कैलिंडर का बारहवीं और आख़िरी महीना है. ये सर्द मौसम के दौरान है. ये फरवरी के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर मार्च का पहला हिस्सा है. उदार में नामी दावत आर में मनाया जाता है.
**एडार** - ये इब्रानी कैलिंडर का बारहवीं और आख़िरी महीना है. ये सर्द मौसम के दौरान है. ये फरवरी के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर मार्च का पहला हिस्सा है. उदार में नामी दावत आर में मनाया जाता है.
#### बाइबल की मिसाल
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जे़ल में मिसालें इन दो आयात को इस्तिमाल करते हैं.
* ** इस वक़्त, आप अबीब के महीने में मेरे सामने हाज़िर होंगे, जो इस मक़सद के लिए तय-शुदा है. ये इस महीने में था कि आप मिस्र से बाहर आए. ** (ख़ुरूज 23:15 युएलटी )
* ** ये हमेशा आपके लिए एक मुजरिम साबित होगा कि सात महीनों में, महीने के दससवीं दिन में आपको अपने आपको नेक करना चाहिए और कोई काम नहीं करना. ** (लियारी 16:29 युएलटी )
* **इस वक़्त, आप अबीब के महीने में मेरे सामने हाज़िर होंगे, जो इस मक़सद के लिए तय-शुदा है. ये इस महीने में था कि आप मिस्र से बाहर आए.** (ख़ुरूज 23:15 युएलटी )
* **ये हमेशा आपके लिए एक मुजरिम साबित होगा कि सात महीनों में, महीने के दससवीं दिन में आपको अपने आपको नेक करना चाहिए और कोई काम नहीं करना.** (लियारी 16:29 युएलटी )
1. इब्रानी महीने की तादाद बताएं.

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@ -6,7 +6,7 @@
#### बाइबल मित्र जमीन के तौर पर हम आम तौर पर बाइबल ख़्यालात की नुमाइंदगी करने की तवक़्को रखते हैं?
इस में मुख़्तलिफ़ तरीक़ों हैं जिनमें हम एक ज़रीया टेक्स्ट में ख़्यालात की नुमाइंदगी कर सकते हैं: हम उनको एक फ़हरिस्त में डाल सकते हैं, हम उनको तहरीरी सफ़े पर बहुत कम जगह का इस्तिमाल कर सकते हैं, हम उनको आसान बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों की बाइबल की कहानी में करते हैं) किताबों और बाइबल के दीगर किस्मों में मदद मिलती है), या हम उन्हें भी डायाग्राम या चार्ट में डाल सकते हैं. ताहम, बाइबल मित्र जमीन आम तौर पर बाइबल ख़्यालात को मुकम्मल तौर पर मुम्किना तौर पर पेश करने की कोशिश करते है | इस का मतलब ये है कि वो तर्जुमा में इसी किस्म के दस्तावेज़ात असल दस्तावेज़ात (एक पैशन गोई के लिए एक पैशन गोई, एक ख़त के लिए एक ख़त, तारीख की एक किताब के लिए तारीख़, वग़ैरा वग़ैरा) पैदा करने की कोशिश करते हैं इसी ** कशीदगी को दुबारा बनाने ** ज़रीया मतन में मौजूद तर्जुमा मे |
इस में मुख़्तलिफ़ तरीक़ों हैं जिनमें हम एक ज़रीया टेक्स्ट में ख़्यालात की नुमाइंदगी कर सकते हैं: हम उनको एक फ़हरिस्त में डाल सकते हैं, हम उनको तहरीरी सफ़े पर बहुत कम जगह का इस्तिमाल कर सकते हैं, हम उनको आसान बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों की बाइबल की कहानी में करते हैं) किताबों और बाइबल के दीगर किस्मों में मदद मिलती है), या हम उन्हें भी डायाग्राम या चार्ट में डाल सकते हैं. ताहम, बाइबल मित्र जमीन आम तौर पर बाइबल ख़्यालात को मुकम्मल तौर पर मुम्किना तौर पर पेश करने की कोशिश करते है | इस का मतलब ये है कि वो तर्जुमा में इसी किस्म के दस्तावेज़ात असल दस्तावेज़ात (एक पैशन गोई के लिए एक पैशन गोई, एक ख़त के लिए एक ख़त, तारीख की एक किताब के लिए तारीख़, वग़ैरा वग़ैरा) पैदा करने की कोशिश करते हैं इसी **कशीदगी को दुबारा बनाने** ज़रीया मतन में मौजूद तर्जुमा मे |
मतन में "कशीदगी" की तरफ़ से हमारा क्या मतलब है?

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1. अगर किसी शख़्स या जगह में दो मुख़्तलिफ़ नाम हूँ तो, ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त और एक नाम का नाम इस्तिमाल करें, जब मतन किसी शख़्स से या एक से ज़्यादा नाम रखने के बारे में बताता है या जब ये किसी चीज़ का ज़िक्र करता है तो इस शख़्स या जगह क्यों थी? इस का नाम दिया एक फ़ोटनोट लिखें जब ज़रीया मतन का नाम इस्तिमाल होता है जो कम कसरत से इस्तिमाल होता है. मिसाल के तौर पर, पोल 13: 13 और "पाल" के आमाल 13 के बाद "साओल" कहा जाता है |आप हरवक़त " पाल " के तौर पर अपने नाम का तर्जुमा कर सकते हैं, इलावा आमाल 13: 9 में, जहां वो दोनों नामों के बारे में बात करते हैं.
* ** ...<u> साओल</u> नामी एक जवान आदमी ** (आमाल 7:58 युएलटी)
* **...<u> साओल</u> नामी एक जवान आदमी** (आमाल 7:58 युएलटी)
* ...<u> पाल</u> नामी एक जवान आदमी<sup>1</sup>
* फूटेज की तरह नज़र आएगा:
* <sup>[1]</sup>ज़्यादा से ज़्यादा वर्ज़न साओल कहते हैं, लेकिन बाइबल में ज़्यादा-तर वक़्त वो पाल कहते है |
* **लेकिन <u>साओल</u>, जो भी <u> पाल </u> कहा जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था** (आमाल 13: 9)
* लेकिन <u>साओल</u>, जो भी <u>पाल</u> बोला जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भर गया;
1. या अगर एक शख़्स या जगह दो नाम हैं तो, ज़रीया मतन में जो कुछ नाम दिया जाता है इस्तिमाल करें और एक नामुमकिन शामिल करें जो दूसरा नाम फ़राहम करे. मिसाल के तौर पर, आप "साओल" लिख सकते हैं जहां ज़रीया मतन "साओल" और "पाल" है जहां ज़राए का मतन "पाल" है |
* ** <u>साओल</u> नामा एक नौजवान आदमी ** (आमाल 7:58 युएलटी)
* **<u>साओल</u> नामा एक नौजवान आदमी** (आमाल 7:58 युएलटी)
* एक जवान आदमी >u>साओल</u> का नाम था
* फूटेज की तरह नज़र आएगा:
* <dup>[1]</sup> वही वही आदमी है जो पाल 13 को इब्तिदा-ए-में शुरू करता है.
* ** लेकिन <u>साओल</u>, जो भी पोल कहा जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भर गया; ** (आमाल 13: 9 युएलटी)
* **लेकिन <u>साओल</u>, जो भी पोल कहा जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भर गया;** (आमाल 13: 9 युएलटी)
* लेकिन <u>साओल</u> , जो भी कहा जाता है <u> पाल</u>, रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था;
* **ये आइकनीमीम के बारे में आया था कि <u>पोल</u> और बरनबास एक दूसरे के साथ इबादत-गाह में दाख़िल हुआ ** (आमाल 14: 1 युएलटी)
* **ये आइकनीमीम के बारे में आया था कि <u>पोल</u> और बरनबास एक दूसरे के साथ इबादत-गाह में दाख़िल हुआ** (आमाल 14: 1 युएलटी)
* ये आइकनीमीम के बारे में आया था कि <u>पोल</u><sup>1</sup> और बरनबास एक दूसरे के साथ कातिब में दाख़िल हुए
* फूटेज की तरह नज़र आएगा:
* <sup>[1]</sup>ये वही शख़्स है जिसे आमाल 13 से पहले साओल कहा जाता था

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@ -52,14 +52,13 @@
1. इश्याय की कल तादाद बताएं, और "शैय" को पहली शैय के साथ और "बाक़ी" के साथ "दूसरा" या "अगले" का इस्तिमाल करें
* ** सबसे पहले यहूदा हब के पास, यदईआह का दूसरा, तीसरी हर्म, सूर्यम के चौथाई, ... बीस तीसरे दलीलयाह और चौथाई माज़याह. ** (1 क्रोनिकल्स24: 7- 18 युएलटी )
* **सबसे पहले यहूदा हब के पास, यदईआह का दूसरा, तीसरी हर्म, सूर्यम के चौथाई, ... बीस तीसरे दलीलयाह और चौथाई माज़याह.** (1 क्रोनिकल्स24: 7- 18 युएलटी )
* बीस चौड़ाई थे. एक बहुत यहवाबीर, दूसरा यदईआह, एक और हर्म के पास गया था ... एक और दलीला और आख़िर में माज़िया गया.
* बीस चौड़ाई थे. एक बहुत यहवाबीर, यदईआह के आगे, हर्म के आगे, डीलयाह के आगे
* ** एक दरिया बाग़ पानी के लिए ईडन से बाहर गया. वहां से उसने तक़सीम किया और चार दरिया बन गए. पहला नाम पैशन है. ये वही है जो हीलोह के पूरे मुल्क में बेहती है, जहां सोने है. इस ज़मीन का सोने अच्छा है. वहां वहां भी बीडीलीम और सोनी पत्थर है. दूसरी दरिया का नाम गीहोनहै. ये एक कोष की पूरी ज़मीन में बेहती है. तीसरी दरिया का नाम तरीस है, जो असशोर के मशरिक़ में बेहती है. चौथी दरिया फुरात है ** (पैदाइश 2:10-14 युएलटी )
* **एक दरिया बाग़ पानी के लिए ईडन से बाहर गया. वहां से उसने तक़सीम किया और चार दरिया बन गए. पहला नाम पैशन है. ये वही है जो हीलोह के पूरे मुल्क में बेहती है, जहां सोने है. इस ज़मीन का सोने अच्छा है. वहां वहां भी बीडीलीम और सोनी पत्थर है. दूसरी दरिया का नाम गीहोनहै. ये एक कोष की पूरी ज़मीन में बेहती है. तीसरी दरिया का नाम तरीस है, जो असशोर के मशरिक़ में बेहती है. चौथी दरिया फुरात है** (पैदाइश 2:10-14 युएलटी )
*  बाग़ को पानी के लिए एक दरिया ईडन से बाहर चला गया. वहां से उसने तक़सीम किया और चार दरिया बन गए. एक का नाम पैशन है. ये वही है जो हीलोह के पूरे मुल्क में बेहती है, जहां सोने है. इस ज़मीन का सोने अच्छा है. वहां वहां भी बीडीलीम और सोनी पत्थर है. अगले दरिया का नाम गीहोन है. ये एक कोष की पूरी ज़मीन में बेहती है. अगली दरिया का नाम तरीस है, जो असशोर के मशरिक़ में बेहती है. आख़िरी दरिया फुरात है
1. इश्याय की कल तादाद बताएं और फिर उनकी फ़हरिस्त या उनसे मुताल्लिक़ चीज़ें दर्ज करें.
* ** सबसे पहले यहूदा हब के पास, यदईआह का दूसरा, तीसरी हर्म, सूर्यम के चौथाई, ... बीस तीसरे दलीलयाह और चौथाई माज़याह. ** (1 क्रोनिकल्स24: 7- 18 युएलटी )
* **सबसे पहले यहूदा हब के पास, यदईआह का दूसरा, तीसरी हर्म, सूर्यम के चौथाई, ... बीस तीसरे दलीलयाह और चौथाई माज़याह.** (1 क्रोनिकल्स24: 7- 18 युएलटी )
* उन्होंने अचानक डाल दिया बहुत बहुत. बहुत सारे लोग यरवईआब, यदयाह, हर्म, सूर्यम, ... दलीला और माज़िया

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@ -2,7 +2,7 @@
तर्जुमा में दो चीज़ें हैं:
1. ज़रीया ज़बान मतन में मअनी दरयाफ़त करें (मुलाहिज़ा करें: [मतन के मअनी को तलाश करें](../translate-discover/01.md)
1. ज़रीया ज़बान मतन में मअनी दरयाफ़त करें (मुलाहिज़ा करें: [मतन के मअनी को तलाश करें](../translate-discover/01.md))
1.  हदफ़ ज़बान तर्जुमा में मअनी दुबारा दुबारा बताओ (मुलाहिज़ा करें: [मतलब दुबारा मअनी](../translate-retell/01.md))
तर्जुमा के लिए हिदायात कभी कभी इन दोनों चीज़ों को छोटे क़दमों में तक़सीम कर देते हैं. जे़ल में ग्राफ़िक से पता चलता है कि ये दो अलफ़ाज़ तर्जुमा अमल में कैसे फुट है |

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