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तर्जुमा एक ऐसी प्रोसेसिंग है जिसमें मुख़्तलिफ़ ज़बानों के दरमयान कारकर्दगी का मुज़ाहर किया जाता है जो किसी फ़र्द (मुतर्जिम) की ज़रूरत होती है इस का मतलब ये समझने के लिए कि एक मुसन्निफ़ या स्पीकर ने ज़रीया ज़बान में असल सामईन को बातचीत करने का इरादा किया है, और फिर इस में मुख़्तलिफ़ सामईन को इसी मअनी का इज़हार करने के लिए मतलूब ज़बान.

लोग नसोस का तर्जुमा क्यों करते हैं?

आम तौर पर मुतर्जिम उनके काम करने के मुख़्तलिफ़ अवामिल हैं. उनकी वजूहात इन दस्तावेज़ात पर मुनहसिर है जो वो तर्जुमा कर रहे हैं और इस शख़्स की ज़रूरीयात पर जो उनसे तर्जुमा करने से पूछ रहे हैं. बाइबल तर्जुमा के मुआमले में, आम तौर पर लोग अपने काम करते हैं क्योंकि वो बाइबल के ख़्यालात को हदफ़ ज़बान के क़ारईन को मुतास्सिर करने के लिए चाहते हैं इसी तरह बाइबल के मज़ामीन के असल क़ारईन और सुनने को मुतास्सिर किया गया था| क्योंकि बाइबल में ख़ुदा के ख़्यालात हमें यसवा मसीह के ज़रीया अबदी ज़िंदगी के ले-ए-लेते हैं, मित्र जमीन को हदफ़ ज़बानी क़ारईन भी अपने ख़्यालात को जानने के लिए चाहते हैं |

बाइबल मित्र जमीन के तौर पर हम आम तौर पर बाइबल ख़्यालात की नुमाइंदगी करने की तवक़्को रखते हैं?

इस में मुख़्तलिफ़ तरीक़ों हैं जिनमें हम एक ज़रीया टेक्स्ट में ख़्यालात की नुमाइंदगी कर सकते हैं: हम उनको एक फ़हरिस्त में डाल सकते हैं, हम उनको तहरीरी सफ़े पर बहुत कम जगह का इस्तिमाल कर सकते हैं, हम उनको आसान बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों की बाइबल की कहानी में करते हैं) किताबों और बाइबल के दीगर किस्मों में मदद मिलती है), या हम उन्हें भी डायाग्राम या चार्ट में डाल सकते हैं. ताहम, बाइबल मित्र जमीन आम तौर पर बाइबल ख़्यालात को मुकम्मल तौर पर मुम्किना तौर पर पेश करने की कोशिश करते है | इस का मतलब ये है कि वो तर्जुमा में इसी किस्म के दस्तावेज़ात असल दस्तावेज़ात (एक पैशन गोई के लिए एक पैशन गोई, एक ख़त के लिए एक ख़त, तारीख की एक किताब के लिए तारीख़, वग़ैरा वग़ैरा) पैदा करने की कोशिश करते हैं इसी कशीदगी को दुबारा बनाने ज़रीया मतन में मौजूद तर्जुमा मे |

मतन में "कशीदगी" की तरफ़ से हमारा क्या मतलब है?

कशीदगी की मिसालें पेश आती हैं जब एक क़ारईन एक कहानी में शुरकी के आगे क्या सोचेंगे, या जब किसी क़ारी को किसी एक मुसन्निफ़ या इस से गुफ़्तगु करने वाले मुसन्निफ़ की दलील, हौसला-अफ़ज़ाई और इंतिबाह की पैरवी की जाये तो मतन में दर्ज की गई है. ज़बूर पढ़ने पर एक क़ारईन कशीदगी महसूस कर सकता है, क्योंकि ख़ुदा की तारीफ़ मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से ज़बूर को मुतास्सिर करता है | पुराने अह्दनामा की पैशन गोई की किताब पढ़ते वक़्त, क़ारी कशीदगी बढ़ती हुई महसूस कर सकता है क्योंकि नबी ने लोगों को उनके गुनाहों की मुज़म्मत की है, या उस के तौर पर वो उनको ख़बरदार करने के लिए ख़ुदा की तरफ़ रुजू करने के लिए. मुस्तक़बिल के लिए ख़ुदा के वादों के बारे में पढ़ते वक़्त कशीदगी महसूस की जा सकती है, जैसे कि ख़ुदा ने इन वादों को पूरा किया है, या जब वो उनको पूरा करेंगे. अच्छा मुतर्जिम ज़रीया दस्तावेज़ात में कशीदगी की किस्म का मुताला करते हैं, और वो इन कशीदगी को हदफ़ ज़बान में दुबारा बनाने की कोशिश करते है |

ज़रीया टेक्स्ट में कशीदगी को दुबारा बनाने के बारे में बात करने का एक और तरीका ये है कि तर्जुमा हदफ़ के सामईन पर इसी असर पर होना चाहीए जिसका ज़रीया मतन असल सामईन पर था. मिसाल के तौर पर, अगर ज़रीया टेक्स्ट असल सामईन के लिए बग़ावत है तो, हदफ़ के सामईन को भी तर्जुमानी के तौर पर तर्जुमा महसूस करना चाहीए | एक मुतर्जिम के बारे में सोचने की ज़रूरत होगी कि हदफ़ ज़बान किस तरह बग़ावत और दीगर किस्म के मुवासलात का इज़हार करती है, लिहाज़ा तर्जुमा हदफ़ के सामईन पर सही किस्म का असर होगा |