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एक दोहरा मनफ़ी उस वक़्त पाया जाता है जब किसी शिक़ में दो अल्फ़ाज़ हों जो हर एक के मानी को “न” क़रार देते हैं। दोहरे मनफ़ी के मुख्तलिफ़ ज़बानों में बहुत मुख्तलिफ़ मानी होते हैं। दुरुस्त और वाज़े तौर पर दोहरे मनफ़ी वाले जुमले का तर्जुमा करने के लिए, आपको यह जानने की ज़रुरत होगी के बाईबल में दोहरे मनफ़ी का क्या मतलब है और अपनी ज़बान में इस ख़याल को किस तरह ज़ाहिर करना है

बयान

मनफ़ी अल्फ़ाज़ वो अल्फ़ाज़ हैं जिनके मानी है “नहीं”। मिशालें हैं “नहीं”, “नहीं”, “कोई नहीं”, कोई नहीं”, “कुछ नहीं”, कहीं नहीं”, कभी नहीं”, “न तो”, “दोनों नहीं”, और “बगैर”। और बाज़ अल्फ़ाज़ में साबिक़ा या लाहिक़ा होते हैं जिसके मानी “नहीं” होता है जैसे इन अल्फ़ाज़ के ख़त कशीदा वाले हिस्से: “नाख़ुश”, “नामुमकिन”, और “बेकार

एक दोहरा मनफ़ी उस वक़्त पाया जाता है जब किसी जुमले में दो अल्फ़ाज़ हों जो हर एक के मानी को “न” क़रार देते हैं।

इसलिएनहींके हमको इख्तियारनहींहै.... (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 ULT)

<बन्दइक्तबास>और यह तक़र्रुर बगैरक़सम के नहीं हुआ... (इब्रानियों 7:20 ULT) </बन्दइक्तबास>

यक़ीनन-बदकार बेसज़ा छूटेगा (अम्साल11:21 ULT)

वजह के यह एक तर्जुमे का मसअला है

दोहरे मनफ़ी के मुख्तलिफ़ ज़बानों में बहुत मुख्तलिफ़ मानी होते हैं।

  • बाज़ ज़बानों में, जैसे हस्पानवी में दोहरा मनफ़ी, मनफ़ी पर जोर देता है। ज़ैल में दर्ज हस्पानवी जुमले नो वि अ नाडी का लफ्ज़ी मानी है, “मैंने नहीं देखा किसी को नहीं”। इसमें दोनों लफ्ज़ हैं ‘नहीं’ फ़अल के आगे और “नाडी” जिसके मानी है “कोई नहीं”। दोनों मनफ़ियों को एक दूसरे के साथ मोआहदा करते हुए देखा जाता है, और जुमले का मानी है, “मैंने किसी को भी नहीं देखा”।
  • बाज़ ज़बानों में, दूसरा मनफ़ी पहली को मन्सूख़ करता है, जिससे एक मुश्बत जुमला पैदा होता है। पस, “वह कुंद ज़हन नहीं है” मतलब “वह ज़हीन है”
  • बाज़ ज़बानों में दोहरा मनफ़ी एक मुश्बत जुमला बनाता है, मगर यह एक कमज़ोर बयान है। पस, “वह कुंद ज़हन नहीं है” मतलब, “वह किसी हद तक ज़हीन है”।
  • बाज़ ज़बानों में, जैसे बाईबल की ज़बानों में, दोहरा मनफ़ी एक मुश्बत जुमला पैदा कर सकता है, और अक्सर बयान को मज़बूत करता है। पस, “वह कुंद ज़हन नहीं है” का मतलब हो सकता है “वह ज़हीन है” या “वह बहुत ही ज़हीन है”।

दुरुस्त और वाज़े तौर पर दोहरे मनफ़ी वाले जुमले का तर्जुमा आपकी ज़बान में करने के लिए, आपको यह जानने की ज़रुरत होगी के बाईबल में दोहरे मनफ़ी का क्या मतलब है और अपनी ज़बान में इस ख़याल को किस तरह ज़ाहिर करना है

बाईबल से मिशालें

...ताके वो बेफलरहें। (तितुस 3:14 ULT)

इसके मानी है “ताके वो फलदार होंगे”।

सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं, और जो कुछ पैदा हुआ है उसमे से कोई चीज़ भी उसके बगैरपैदा नहींहुई। (यूहन्ना 1:3 ULT)

दोहरा मनफ़ी इस्तेमाल करने के ज़रिए, यूहन्ना ने ज़ोर दिया है के ख़ुदा के बेटे ने हर चीज़ को बिल्कुल पैदा किया।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

अगर दोहरे मनफ़ी क़ुदरती हैं और आपकी ज़बान में मुश्बत बयान करने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, तो उनके इस्तेमाल पर गौर करें।

  1. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद सिर्फ़ एक मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें ताके यह मुश्बत हो जाए।
  2. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद एक मज़बूत मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें और एक मज़बूत करने वाला लफ्ज़ या जुमला जैसे “बहुत” या “ज़रूर” डालें।

तर्जुमे की हिकमत ए अमली की इतलाक़ी मिशालें

  1. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद सिर्फ़ एक मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें ताके यह मुश्बत हो जाए।
  • क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन नहीं जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द हो सके। (इब्रानियों 4:15 ULT)
  • “क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन है जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द हो सकता है”।
  • ...ताके वो बेफलरहें। (तितुस 3:14 ULT)
  • “...ताके वो फलदार हो सकें”।
  1. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद एक मज़बूत मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें और एक मज़बूत करने वाला लफ्ज़ या जुमला जैसे “बहुत” या “ज़रूर” डालें।
  • यक़ीनन-बदकार बेसज़ा छूटेगा... (अम्साल11:21 ULT)
  • “यक़ीनन-बदकार को सज़ा ज़रूर मिलेगी...”
  • सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं, और जो कुछ पैदा हुआ है उसमे से कोई चीज़ भी उसके बगैरपैदा नहीं हुई। (यूहन्ना 1:3 ULT)
  • “सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं। हर एक शय जो पैदा हुआ है बिल्कुल उसी ने पैदा कीं”