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सिफत
हफ्जी एक तकरीरे-हालत हे जिसमें तकरीर करने वाला ,अपने तावाजः को अपने सुनने वालों से door ले जाता है , और वो किसी ऐसे से या ऐसी चीज़ से बात करता है जो उसे पता है की , उसको नहीं सुन सकता है
तफसील
वो ये , अपने सुनने वालों को , उसका पैगाम या एहसास , उस शख्श के बारे में बताने या किसी चीज़ को मज्त्बूत तौर पर बताने के लिए करता है I
वजह ये एक तर्जुमा का मसला है
कई जबाने हाफ्ज़ी का इस्तमाल नहीं करती है , जिससे पढने वालों को उलझन हो सकती है I वो ये सोच सकते है की तक़रीर करने वाला किस से बात कर रहा है , या सोच सकते है की तक्रिरीदार पागल है , जो की ऐसी चीज़ों से बात कर रहा है जो उसे सुन नहीं सकती है I
बाइबल से मिसालें
गिल्बोया की पहाड़ियां अपने ऊपर बारिश या ओस ना पड़ने दो I
शाह शाऊल , गिल्बोला की पहाड़ियों पे मारा गया , और डेविड ने इसपे एक उदास गाना गया I उसने गाते हुए बताया की वो चाहता था की , इन पहाड़ों को ओस और बारिश ना मिले , उसने दिखाया की वो कितना दुखी है I
यरूशलम, यरूशलम , जिसने प्रोफेट को मारा और तेरे पास भेजे गए लोगों को पत्थर से मरता है I
जीसस, अपने शागिर्दों और फ़रीसयों के एक गिरोह के सामने यरूशलम के लोगों के लिए अपने जज़बात का इज़हार कर रहे थे I यरूशलमपे सीधे तौर पे बात करके , जैसे की उसके लोग उसको सुन रहे हो , जीसस ने ज़ाहिर किया कि उन्हें उन लोगो की कितनी गहिरी परवाह है I
याह्वेह के कलाम के साथ ,वो कुर्बान गIह के सामने रोया , <यु> कुर्बान गाह <यु> कुर्बान गह <यु> ! यही यह्वें कहते है ,’ देखो ....तुम पे वो इंसानी हड्डियाँ जलाएंगे .’ (1 बादशाह13: 2 यू एल टी )
खुदा का बाँदा ऐसे बोलता है जैसे की कुर्बान गआह उसे सुन रहा हो , पर असल में वो चाहता था की सामने खड़ा बादशाह उसे सुने I
तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली
अगर इफ़राती क़ुदरती होगी और अपनी ज़बान में सही मअनी दे तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां एक और इख़तियार है
- अगर बोलने का ये तरीका आपके अवाम के लिए ,उलझन पैदा करने वाला हो तो ,तक़रीर करने वाले को बोलते रहने चाहिए , जैसे की वो <यु> उन्हें <यु> उन लोगों के बारे में ,अपना पैगाम या एहसास बता रहा है , जो उन्हें सुन नहीं सकते है I ,
तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की लागू मिसालें
1 . अगर बोलने का ये तरीका आपके अवाम के लिए ,उलझन पैदा करने वाला हो तो ,तक़रीर करने वाले को बोलते रहने चाहिए , जैसे की वो <यु> उन्हें <यु> उन लोगों के बारे में ,अपना पैगाम या एहसास बता रहा है , जो उन्हें सुन नहीं सकते है I
याह्वेह के कलाम के साथ ,वो कुर्बान गIह के सामने रोया , <यु> कुर्बान गाह <यु> कुर्बान गह <यु> ! यही यह्वें कहते है ,’ देखो ....तुम पे वो इंसानी हड्डियाँ जलाएंगे .’ (1 बादशाह13: 2 यू एल टी )
- उसने यह किर्बन गह के बारे में कहा ,” यही याह्वेह ने <यु>कुर्बान गाह <यु> के बारे में कहा , देखो ...वो लोग <यु> इस पे <यु> लोगों की हड्डियाँ जलांगे
<यु> गिबोला की पहाड़ियों <यु> यहाँ <यु>तुमपे <यु> कोई ओस या बारिश नहीं होगी (2 समोयल1:21 यू एल टी )
- <यु> इन गिबोला की पहाड़ियों के लिए <यु> , उनपे कोई ओस या बारिश नहीं होने दो <यु>