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5.6 KiB

तफ्सील

तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार ऐसे चीज़ों का कहना है कि ग़ैर लफ़्ज़ तरीक़ों में अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं. यही है, तक़रीर की एक शक्ल का मतलब उस के अलफ़ाज़ के ज़्यादा बराह-ए-रास्त मअनी के तौर पर नहीं है. तक़रीर के बहुत से मुख़्तलिफ़ किस्म के आदाद-ओ-शुमार है |

तर्जुमा नोटों में वहां एक तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार के मअनी के बारे में एक वज़ाहत होगी जो गुज़रने में है. कभी कभी एक मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम की जाती है. ये "एटी," के तौर पर निशान लगा दिया गया है जिसमें "मुतबादिल तर्जुमा" के इबतिदाई ख़ुतूत हैं. एक तर्जुमा अकैडमी (टीए) के सफ़े का भी लिंक होगा जिसमें इज़ाफ़ा मालूमात और तर्जुमे की हिक्मत-ए- अमली बयान की गई है |

मअनी का तर्जुमा करने के लिए, आपको बोलने की शनाख़्त को तस्लीम करने और ज़रीया ज़बान में इस का क्या मतलब जानने के काबिल होना ज़रूरी है. इस के बाद आप या तो इस बात का इज़हार कर सकते हैं कि वो हदफ़ की एक निशानी या बराह-ए-रास्त रास्ता ज़बानमें इसी मअनी से बातचीत कर सकते हैं |

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

बहुत से लोग मेरे नाम में आएँगे और कहते हैं, मैं वही हूँ और वो बहुत गुमराह करेगी | (मार्क 13:6 युएलटी)

  • मेरे नाम - ममनूआ मअनी 1 हैं) ए: "मेरे इख़तियार का दावे" या 2) "दावे करता है कि ख़ुदा ने उनको भेजा.” (देखिये: मेटोनिमी और इडियम)

इस नोट में बयान की शनाख़्त एक मोतबर कहा जाता है. "मेरे नाम में" का जुमला स्पीकर का नाम (यसवा) का हवाला नहीं देता, लेकिन इस के शख़्स और इख़तियार में. नोट दो मुतबादिल तर्जुमा देने की तरफ़ से इस गुज़रने में मारूफ़ तशरीह बयान करता है. इस के बाद, मीटिंग के बारे में टी ए के सफ़े का एक लिंक है. मीटर नौमी और मुतर्जिम तर्जुमा करने के लिए आम हिक्मत-ए- अमली के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें. क्योंकि ये फ़िक़रा एक आम मुहासिरा है, नोट में टीए के सफ़े का एक लिंक भी शामिल है जो मुहासिरा बयान करता है |

आपके वीरों का बच्चा! कौन ने आपको ग़ुस्से से दूर आने के लिए ख़बरदार किया है जो आने वाला है? (लुक 3:7 युएलटी)

  • आपके वीरों का बच्चा - इस अस्तीफ़े में, जान भेड़ों से मुवाज़ना करता है, जो मोहलिक या ख़तरनाक साँप थे और बुरे की नुमाइंदगी करते थे. एटी: "आप बुरी ज़हरीला साँप" या "लोग आपसे दूर रहें जैसे जैसे वो ज़हरीला साँप से बचें. “(देखिये: मेटाफर)

इस नोट में बयान की शक्ल एक इसतार कहा जाता है. नोट इसतार की वज़ाहत करता है और दो मुतबादिल तर्जुमे देता है. इस के बाद, इस्तिआरों के बारे में टी ए के सफ़े का एक लिंक है. अस्तीफा और आम हिक्मत-ए- अमली के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें उन्हें तर्जुमा करने के लिए |