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तअरीफ़ें
ये अल्फ़ाज़ की तअरीफ़ें हैं जो हम इस बारे में बात करने के लिए इस्तेमाल करते हैं के लोग इन आवाजों को कैसे अल्फ़ाज़ में तश्कील देते हैं, और उन अल्फ़ाज़ की तअरीफ़ें भी जो अल्फ़ाज़ के हिस्सों का हवाला देते हैं।
हरूफ़ ए सहीह
ये वो आवाजें हैं जब लोग ज़बान, दाँतों या होंटों की मक़ाम के ज़रिए अपने फेफड़ों से हवा के बहाव को ख़लल या महदूद करते हैं। हरूफ़ ए तहज्जी में हरूफ़ों की अक्सरियत हरूफ़ ए सहीह की है। ज़ियादातर हरूफ़ ए सहीह का सिर्फ़ एक ही आवाज़ होता है।
हरूफ़ ए इल्लत
दाँतों, ज़बान, या होटों से मसदूद होने के बगैर मुँह से साँसें निकलती हैं तो यह आवाजें मुँह से बनती हैं। (अंग्रेज़ी में, हरूफ़ ए इल्लत हैं a, e, i, o, u और बाज़ औक़ात y.)
हरकत ए लफ्ज़ (syl-ab-al)
लफ्ज़ का वह हिस्सा जिसमें उसके साथ या उसके आसपास के हरूफ़ ए सहीह के बगैर सिर्फ़ एक हरूफ़ ए इल्लत की आवाज़ होती है। बाज़ अल्फ़ाज़ में सिर्फ़ एक हरकत ए लफ्ज़ होती है।
इज़ाफ़ा
ऐसी चीज़ जो किसी लफ्ज़ में शामिल की गयी हो जो उसके मानी को बदल दे। यह शुरू, या आख़िर, या किसी लफ्ज़ की तश्कील में हो सकता है
जड़
किसी लफ्ज़ का सबसे बुनियादी हिस्सा; जो तमाम इज़ाफ़े हटाने के बाद रह जाता है।
सरफ़ीह
एक लफ्ज़ या किसी लफ्ज़ का हिस्सा जिसका कोई मानी हो और उसका कोई छोटा हिस्सा नहीं हो जिसका कोई मानी हो। (मिशाल के तौर पर, “syllable” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं, मगर सिर्फ़ 1 सरफ़ीह, जबके “syllables” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं और दो सरफ़ीह (syl-lab-le-स). (आख़िरी “s” एक सरफ़ीह है जिसके मानी है जमा”।))
हरकात ए लफ्ज़ किस तरह अल्फ़ाज़ बनाते हैं
हर ज़बान में आवाजें होती हैं जो मुत्तहिद होकर हरकात ए लफ्ज़ की सूरत लेती हैं। किसी लफ्ज़ के इज़ाफ़े या किसी लफ्ज़ के जड़ में वाहिद हरकत ए लफ्ज़ हो सकता है, या इसमें मुतद्दिद हरकत ए लफ्ज़ हो सकते हैं। आवाज़ें मुत्तहिद होकर हरकत ए लफ्ज़ बनती हैं जो फिर मुत्तहिद होकर सरफ़ीह बनती हैं। सरफ़ीह एक साथ मुत्तहिद होकर मानी ख़ेज़ अल्फ़ाज़ बनते हैं। यह समझना अहम है के किस तरह हरकात ए लफ्ज़ आपकी ज़बान में तश्कील लेते हैं और कैसे वो हरकात ए लफ्ज़ एक दूसरे को मुतासिर करते हैं ताके हिज्जे के क़वायद तश्कील पायें और लोग ज़ियादा आसानी से आपकी ज़बान को पढ़ना सीख सकें।
हरूफ़ ए इल्लत की आवाज़ें हरकात ए लफ्ज़ का बुनियादी हिस्सा हैं। अंग्रेज़ी में सिर्फ़ पाँच हरूफ़ ए इल्लत की अलामतें हैं, “a, e, i, o, u”, लेकिन इसके 11 हरूफ़ ए इल्लत की आवाजें हैं जो हरूफ़ ए इल्लत के इत्तहाद और दीगर बहुत से तरीक़ों से लिखे जाते हैं। इन्फ़िरादी अंग्रेज़ी हरूफ़ ए अल्लत की आवाजें इन अल्फ़ाज़ में मिल सकती है जैसे, “beat, bit, bait, bet, bat, but, body, bought, boat, book, boot.”
तलफ्फ़ुज़ की तस्वीर शामिल करें
अंग्रेज़ी की हरूफ़ ए इल्लत
........मुँह के सामने जगह - दरमियानी -...पीछे ...घूमना (बगैर घूमा हुआ) (बगैर घूमा हुआ) (घूमा हुआ) ....ज़बान की ऊँचाई ऊँची i “beat” u “boot” दरमियानी- ऊँचा i “bit” u “book” दरमियानी e “bait” u “but” o “boat” नीचा-दरमियानी e “bet” o “bought” नीचा a “bat” a “body”
(बैन उल अक़वामी सौती हरूफ़ ए तहज्जी में इनमे से हर एक हरूफ़ ए इल्लत की अपनी अलामत होती है।)
हर एक हरकत ए लफ्ज़ के दरमियान से हरूफ़ ए इल्लत की आवाजें, और हरूफ़ ए सहीह की आवाजें हरूफ़ ए इल्लत के पहले और बाद में आती हैं
तलफ्फ़ुज़ इस बात का बयान है के हवा किस तरह मुँह या नाक से आती है उस आवाज़ को पैदा करने के लिए जिसे हम बोली के तौर पर शिनाख्त कर सकते हैं।
तलफ्फ़ुज़ के नुक़ते हलक़ या मुँह के साथ वो जगह हैं जहाँ हवा महदूद किया जाता है या इसका बहाव रोका जाता है। तलफ्फ़ुज़ के आम नुक़ते होटों, दाँतों, दाँतों की (ख़ानादार) रिज, तालू (मुँह की सख्त छत), नरम तालू (मुँह की नरम छत), हलक़ का कौव्वा, और आवाज़ की हड्डी (या हलक़ूम) को शामिल करते हैं।
तलफ्फ़ुज़ करने वाले मुँह के मुतहरिक हिस्से हैं, ख़ास तौर से ज़बान के हिस्से जो हवा के बहाव को सुस्त करते हैं। ज़बान का वह हिस्सा जो यह कर सकता है उसमें ज़बान की जड़, पुश्त, पत्ता, और नोक शामिल हैं। बगैर ज़बान का इस्तेमाल किये होंट भी मुँह के ज़रिये हवा के बहाव को सुस्त कर सकते हैं। होंटों से बने आवाजों में हरूफ़ ए सहीह शामिल हैं जैसे “b”, “v”, और “m”.
तलफ्फ़ुज़ करने का अन्दाज़ बयान करता है के हवा का बहाव किस तरह सुस्त किया जाता है। यह मुकम्मल तौर पर रुक सकता है (जैसा “p” या “b” के साथ, जो ठहरने वाले हरूफ़ ए सहीह या स्टॉप्स कहलाते हैं), भारी रगड़ होना (जैसे “f” या “v”, फ़िरकी कहलाते हैं), या सिर्फ़ थोड़ा सा महदूद होना (जैसे “w” या “y”, नीम हरूफ़ ए इल्लत कहलाते हैं, क्योंके वो तक़रीबन उतने आज़ाद हैं जितने के हरूफ़ ए इल्लत।)
आवाज़ करना ज़ाहिर करता है के आवाज़ की हड्डियाँ लरज़ती हैं या नहीं जब उनमे से हवा गुज़रती है। ज़ियादातर हरूफ़ ए इल्लत, जैसे, “a, e, i, u, o” बोलने वाली आवाजें हैं। हरूफ़ ए सहीह आवाज़ वाले (+v), जैसे “b,d,g,v”, या बेआवाज़ वाले (-v) जैसे “p,t,k,f” हो सकते हैं। ये तलफ्फ़ुज़ के उसी नुक़ते पर और उसी तलफ्फ़ुज़ करने वाले के साथ बनाए जाते हैं जिस तरह आवाज़ वाले हरूफ़ ए सहीह का ज़िक्र पहले किया गया है। “b,d,g,v”, और “p,t,k,f” के दरमियान फ़र्क सिर्फ़ आवाज़ करने (+v और –v) का है।
अंग्रेज़ी के हरूफ़ ए सहीह
तलफ्फ़ुज़ के नुक़ते होट दाँत रिज तालू नरम तालू हलक़ का कौव्वा आवाज़ की हड्डी आवाज़ करना -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v तलफ्फ़ुज़ करने वाला – अन्दाज़ होट – रुको p/b होट - फ़िरकी f/v ज़बान की नोक - रुको t/d रक़ीक़ /l /r ज़बान का पत्ता - फ़िरकी ch/dg ज़बान की पुश्त - रुको k/g ज़बान की जड़ - नीम-हरूफ़ ए इल्लत /w /y h/ नाक – हरूफ़ ए सहीह /m /n
आवाजों को नामज़द करना उनके ख़ुसूसियात को कहने के ज़रिये हो सकता है। “b” की आवाज़ को वोइसड बिलाबिअल (दो होट) स्टॉप कहा जाता है। “f” की आवाज़ को वोइसलेस लाबिओ-डेंटल (होट-दाँत) फ्रिकेटिव के तौर पर जाना जाता है। “n” की आवाज़ को वोइसड एलवेलोर (रिज) नसल कहा जाता है।
आवाजों की अलामत करना दो तरीक़ों में से एक में किया जा सकता है। या तो हम उस आवाज़ के लिए बैन उल अक़वामी सौती हरूफ़ ए तहज्जी में पाए जाने वाले अलामत का इस्तेमाल कर सकते हैं, या हम कारअीन के जाने हुए हरूफ़ ए तहज्जी से नामी अलामतें इस्तेमाल कर सकते हैं।
हरूफ़ ए सहीह का चार्ट - तल्फ्फुज़ करने वालों का ज़िक्र किये बगैर यहाँ एक हरूफ़ ए सहीह का अलामत चार्ट पेश किया गया है। जब आप अपने ज़बान की आवाजों को दरयाफ्त करेंगे, अपने ज़बान और होटों की जगह की आवाज़ और एहसास को सुनने के लिए जब आप आवाज़ करेंगे, तो आप उन आवाजों की नुमाइंदगी के लिए इस मज़मून के चार्ट को अलामतों से भर सकते है।
तलफ्फ़ुज़ के नुक़ते होट दाँत रिज तालू नरम तालू हलक़ का कौव्वा आवाज़ की हड्डी आवाज़ करना -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v अन्दाज़ रुकना p/b t/d k/g फ़िरकी f/v ch/dg रक़ीक़ /l /r नीम-हरूफ़ ए इल्लत /w /y h/ नाक /m /n