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युएलटी से तर्जुमा करने के लिए

  • युएलटी पढ़ें. क्या आप मतन के मअनी को समझते हैं ताकि आप सही तरीक़े से, वाज़िह तौर पर और क़ुदरती तौर पर अपनी ज़बान में मअनी का तर्जुमा कर सकते हैं?
  • जी हाँ? तर्जुमा शुरू करें
  • नहीं? युएसटी को देखो. क्या युएसटी आपको युएलटी मतन के मअनी को समझने में मदद करता है?
  • जी हाँ? तर्जुमा शुरू करें
  • नहीं? मदद के लिए तर्जुमा नोट पढ़ें.

तर्जुमा नोट्स अलफ़ाज़ या जुमले जिनमें युएलटी  से कापी हुई है और फिर वज़ाहत की गई है. अंग्रेज़ी में, हर नोट जो वज़ाहत करता है कि यू उल्टी एक ही शुरू होता है. एक गोली प्वाईंट है, युएलटी मतन बोल्ड में इस के बाद डैश की तरफ़ से है, और इस के बाद तर्जुमे के तजावीज़ या मुतर्जिम के लिए मालूमात मौजूद हैं. नोटिस इस शक्ल की पैरवी करें:

  • युएलटी  मतन कॉपीराइट - तर्जुमा की तजवीज़ या मुतर्जिम के लिए मालूमात

नोट्स की इक़साम

तर्जुमा नोट में बहुत से मुख़्तलिफ़ किस्म के नोट हैं. हर किस्म का नोट मुख़्तलिफ़ तरीक़े से वज़ाहत करता है. नोट की क़सम को जानने वाला मुतर्जिम की मदद करेगा बाइबल मतनको अपनी ज़बान में तर्जुमा करने का बेहतरीन तरीक़ा पर फ़ैसला करे.

  • तारीफ़ात के साथ नोट्स - कभी कभी तुम नहीं जानते हो कि युएलटी में क्या लफ़्ज है. अलफ़ाज़ या जुमले की सादा तारीफ़ें बग़ैर हवाला या जमहूरीयत की शक्ल के बग़ैर शामिल है |
  • नोट्स बयान करते हैं - अलफ़ाज़ या जुमले के बारे में सादा वज़ाहतें जमली शक्ल में हैं.
  • नोट कि तजवीज़ करने के दूसरे तरीक़े - तजवीज़ करें क्योंकि क्योंकि इन नोट्ससों के बहुत से मुख़्तलिफ़ क़िस्म हैं, उन्हें जे़ल में मज़ीद तफ़सील से बयान किया जाता है.

तजवीज़ करदा तर्जुमा

तजवीज़ करदा तर्जुमा की कई इक़साम है

  • हम-आहंगी और मुसावात के साथ नोट्स - बाज़-औक़ात नोटों का तर्जुमा तजवीज़ फ़राहम करता है जो युएलटी मैं लफ़्ज या जुमले तबदील करसकता है. ये मुतबादिलसज़ा के मअनी को तबदील करने के बग़ैर सज़ा में फिट हो सकता है. ये हम-आहंगी और मुसाव जुमले हैं और दोहरी हवालाजात में लिखा जाता है. इस का मतलब युएलटी मैं मतन के तौर पर है .
  • मुतबादिल तर्जुमे के साथ नोट्स (एटी) - एक मुतबादिल तर्जुमा युएलटी  के फ़ार्म या मवाद में तजवीज़ करदा तबदील है क्योंकि हदफ़ ज़बान मुख़्तलिफ़ शक्ल को तर्जीह दे सकती है. मुतबादिल तर्जुमा सिर्फ उस वक़्त इस्तिमाल करना चाहीए जब युएलटी फ़ार्म या मवाद आपकी ज़बान में सही या क़ुदरती नहीं है
  • नोट है कि युएसटी तर्जुमा की वज़ाहत करें - जब युएसटी युएलटी के लिए एक अच्छा मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम करता है, तो वहां हो सकता है कि कोई मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम ना करें. ताहम, मौक़ा पर नोट एक युएसटी इससे मतन को मुतबादिल तर्जुमा के तौर पर पेश करेगा. इस सूरत में, नोट युएसटी से मतन के बाद "( युएसटी )"
  • नोटों में मुतबादिल  मअनी हैं - कुछ नोट मुतबादिल ज़रीया फ़राहम करती हैं जब एक लफ़्ज या फ़िक़रा एक से ज़्यादा तरीक़े से समझा जा सकता है. जब ये होता है, नोट सबसे पहले मुम्किना मअनी रखता है
  • काबिल-ए-ज़िक्र या मुम्किना मअनी के साथ - कभी कभी बाइबल के आलमगीर इस बात का यक़ीन नहीं जानते हैं, या इस बात पर मुत्तफ़िक़ नहीं हैं कि बाइबल में किसी ख़ास जुमल या सज़ा का मतलब है. इस में से बाअज़ वजूहात में शामिल हैं: क़दीम बाइबल के मतन में मामूली इख़तिलाफ़ात हैं, या एक लफ़्ज में से एक से ज़्यादा मअनी हो या इस्तिमाल हो सकते हैं, या शायद ये बात वाज़िह नहीं हो सकती कि ये लफ़्ज(जैसे एक ज़ात) एक मख़सूस फ़िक़रा में बयान करता है. इस सूरत में, नोट सबसे ज़्यादा मुम्किना मअनी देगा, या बहुत से मअनी मअनी देगा
  • नोट कि बयान के आदाद-ओ-शुमार की निशानदेही करें - जब यू उल्टी मतन में तक़रीर का एक शक्ल है, तो नोट इस बयान की वज़ाहत करेगी कि इस बात की शनाख़ती शक्ल कैसे की जाएगी. कभी कभी एक मुतबादिल तर्जुमा (एटी:) फ़राहम की जाती है. तर्जुमा अकैडमी का इज़ाफ़ा मालूमात और मुतर्जिम की मदद करने के लिए तर्जुमे की हिक्मत-ए-अमली के लिए भी एक लिंक होगा जिसमें दरुस्त तरीक़े से इस किस्म की तक़रीरकी शनाख़्त का तर्जुमा करें
  • याद रखें कि ग़ैर मुस्तक़ीम और बराह-ए-रास्त कोट की शनाख़्त - दो किस्म के कोटेशंज़ हैं: बराह-ए-रास्त कोटेशन और ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन. एक कोटेशन का तर्जुमा करते वक़्त, मित्र जमीन को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि उसे बराह-ए-रास्त कोटेशन या ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन के तौर पर तर्जुमा किया जाये. ये नोट्स मुतर्जिम को इस इंतिख़ाब को इंतिबाह करेगी जो बनाए जाने की ज़रूरत है
  • लॉंग युएलटी के जुमले के लिए नोट्स - कभी कभी ऐसे ऐसे नोटिस मौजूद हैं जो एक फ़िक़रा और अलैहद नोटिसों का हवाला देते हैं जो इस फ़िक़रा के हुसूल का हवाला देते हैं. इस सूरत में, बड़े फ़िक़रा का नोट पहला है, और इस के छोटे हिस्सों के लिए नोट बाद में अमल की जाती है. इस तरह, नोटों को हर एक हिस्सा के साथ साथ तर्जुमा की तजावीज़ या तशरीहात भी फ़राहम कर सकते है |