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तर्जुमा की तकनीकी नौईयत

जबकि तर्जुमा का एक बड़ा हिस्सा ज़बान, अलफ़ाज़ और जुमले के साथ करना है, ये भी सच्च है कि तर्जुमा का एक बड़ा पहलू तकनीकी नौईयत है. हरूफ़-ए-तहज्जी, , टाइपिंग, फॉर्मेटिंग, पब्लिशिंग, और तक़सीम करने के अलवा भी , तर्जुमे के बहुत से तकनीकी पहलूओं हैं Iये सब मुम्किना बनाने के लिए, कुछ मयार हैं जो अपनाया गए है I

यू ऐस एफ़ ऐम: बाइबल तर्जुमा फ़ार्म

बहुत से सालों के लिए, बाइबल तर्जुमा के लिए मयारी शक्ल यू ऐस एफ़ ऐम है (जो मुत्तहिद मयारी फॉर्मेट मारकरज़ के लिए है). हमने भी इस मयार को अपनाया है.

यू ऐस एफ़ ऐम एक किस्म की मार्क अप ज़बान है जो कम्पयूटर प्रोग्राम को मतन की शक्ल में बताती है I मिसाल के तौर पर, हर बाब एस सी सी या सी 33 की तरह निशान लगा दिया गया है. आयात मारकर शायद वी 8 या वी 14 की तरह नज़र आसकते हैं. पैराग्राफ़ निशान \ p लगा दिया गया है I इस तरह के बहुत से दूसरे मारकरों के ऐसे मख़सूस मअनी होते हैं Iतो यू ऐस एफ़ ऐम में जान 1: 1-2 की तरह एक मंज़ूरी इस तरह नज़र आएगी I

c 1 p v 1 शुरुआत में एक लफ्ज़ था , और वो लफ्ज़ खुदा के साथ था , और लफ्ज़ खुदा था I v 2 ये लफ्ज़ शुरू में खुदा के साथ था I

जब एक computer प्रोग्राम , यू ऐस एफ़ ऐम  पढ़ पता है , तोह वो सारे बाब को तरतीब उसी तरह से कर पता है ( जैसे की बड़े अदाद के साथ ) और आयत के सभी अदाद एक तरीके से होते है ( जैसे की छोटे आतिया अदाद )

  • बाइबल तर्जुमाओं को इस के इस्तिमाल के काबिल होने के लिए हमारे लिए यू ऐस एफ़ ऐम में होना ज़रूरी है

USFM की इत्तिला के बारे में मज़ीद पढ़ने के लिए,http://paratext.org/about/usfm पढ़ीं

यू ऐस एफ़ ऐम में बाइबल तर्जुमा कैसे करें

ज़्यादा-तर लोग नहीं जानते किUSFM मैं कैसे लिखा जाता है I उएह एक वजूहात है की हमने तर्जुमा स्टूडियो बनाया है I जब आप तर्जुमा स्टूडियो में तर्जुमा करते है , जो आप देखते है वो एक बिना मार्क अप के आम वर्ड प्रोसेसर डॉक्यूमेंट की तरह दीखता है I हालाँकि तर्जुमा स्टूडियो आप जो कुछ देखते हैं उस के नीचे यू ऐस एफ़ ऐम में ब बाइबल तर्जुमा की तशकील कर रहे हैं I इस तरह, जब आप तर्जुमा स्टूडियो से अपना तर्जुमा अपलोड करते हैं  तो अपलोड किया जा रहा है, पहले से ही यू ऐस एफ़ ऐम में फॉर्मेट किया रहता है और मुख़्तलिफ़ फॉर्मेट्स में फ़ौरी तौर पर शाय किया जा सकता है I

एक तर्जुमा को यू ऐस एफ़ ऐम में तब्दील करना

वैसे तो सिर्फ़ यू ऐस एफ़ ऐम नोटीफ़ीकेशन का इस्तिमाल करते हुए तर्जुमा करने के लिए हौसला-अफ़ज़ाई की जाती है , पर कभी कभी ताजुमन बिना यू ऐस एफ़ ऐम मार्क up के भी किया जाता है I ऐसे तर्जुमा को अभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है , पर पहले यू ऐस एफ़ ऐम मार्कर जोड़ना जरूरी है I ऐसा करने का एक तरीक़ा ये है कि इस का तर्जुमा स्टूडीयो में कापी और पेस्ट करें, फिर आयत नंबर के मार्कर को सही जगह पर रखें  I जब ये किया जाये तो, तर्जुमा यू ऐस एफ़ ऐम के तौर पर बहार भेजने के काबिल हो जाएगा I ये एक बहुत मुश्किल काम है, लिहाज़ा हम मज़बूती से अपने बाइबल के तर्जुमा के काम को इबतिदाई तौर पर तर्जुमा स्टूडियो या कुछ दूसरे प्रोग्राम में इस्तिमाल करते हैं जो यू ऐस एफ़ ऐम इस्तिमाल करते हों I

दीगर मवाद के लिए मारकडाउन

मारकडाउन एक बहुत आम मार्क अप ज़बान है जो इंटरनैट पर बहुत से मुक़ामात पर इस्तिमाल किया जाता है I मार्क डाऊन का इस्तिमाल करते हुए मुख़्तलिफ़ किस्म के फॉर्मेट्स (जैसे वैब सफ़ा, मोबाइल पी डी एफ़, वग़ैरा ) मैं इस्तिमाल होने वाली एक ही मतन के लिए बहुत आसान होता है I

मारकडाउन * बोल्ड * और इटली की हिमायत करती है, इस तरह लिखा है

मारकडाउन बोल्ड और इटेलिक की हिमायत करता है

मारकडाउन इस तरह की उनवानात की भी हिमायत करता है

सुर्ख़ी1

सुर्ख़ी2

सुर्ख़ी3

मार्क डाउन लिनक्स की हिमायत करता है I लिनक्स इस तरह आते हैं और ऐसे लिखे जाते हैं I

https://unfoldingword.bible

लिंक के लिए रवाबित मर्ज़ी के मुताबिक़ अलफ़ाज़  की हिमायत ऐसे की जाती है :

uW Website

नोट करें कि ऐच टी ऐम ईल भी दरुस्त मारकडाउन है I मारकडाउन मुताबिक़त पज़ीरी की मुकम्मल लिस्टिंग के लिए मुलाहिज़ा करेंhttp://ufw.io/md.

इख़तताम

यू ऐस एफ़ ऐम या मार्क डाऊन के साथ निशान ज़दा मवाद हासिल करने का सबसे आसान तरीक़ा ऐसे एडिटर का इस्तेमाल करना है जो खास तौर पे इसी के लिए बनी हो I अगर वर्ड प्रोसैसर या टेक्स्ट ऐडीटर इस्तिमाल किया जाता है तो, ये निशान दस्ती तौर पर दाख़िल होना ज़रूरी है I

  • नोट : एक लफ़्ज़ प्रोसैसर में मतन बोल्ड, इतालवी, या ज़ेर-ए-बहस बनाने पर वो मार्क अप ज़बान में भी बोल्ड, इतालवी, या ज़ेर-ए-बहस नहीं हो जाता है I इस किस्म की फॉर्मेटिंग नामज़द अलामतों को लिख कर करना ज़रूरी है *

जब आप कोन सा सॉफ्टवेअर इस्तिमाल करने पर ग़ौर करते हो तो, बराए मेहरबानी ज़हन में रखू कि तर्जुमा सिर्फ़ अलफ़ाज़ के बारे में नहीं है; वहां बहुत से तकनीकी पहलू हैं जो ग़ौर में ले जाने की ज़रूरत है I जो भी सॉफ्टवेअर इस्तिमाल किया जाता है, इस को याद रखना कि बाइबल तर्जुमाओं को यू ऐस एफ़ ऐम में डालने की ज़रूरी है, और बंकि सब कुछ मार्क मार्ड में डालना होगा I