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Raw Blame History

तफ़सील

एक तौसीअ शूदा इसतार उस वक़्त होता है जब किसी ऐसी सूरत-ए-हाल की बात करती है जो की एक मुख़्तलिफ़ सूरत-ए-हाल थी  I वो ऐसा इसलिए करने के लिए करता है कि ये मोस्सर तरीक़े से पहली सूरत-ए-हाल की वज़ाहत करने के ले-ए-कुछ ज़रूरी तरीक़े से ये बताये की ये दुसरे सुर्ताहाल से मिलती जुलती है I दूसरी सूरत-ए-हाल में कई , लोग, चीज़ें और आमाल की  * तसावीर * ऐसी होती है जो पहली सूरत-ए-हाल में उनकी नुमाइंदगी करते हैं I

ये तर्जुमा का मसला होने की वजूहात

  • हो सकता है , लोग ये नहीं समझें सकते कि तस्वीर दूसरी चीज़ों की नुमाइंदगी करती हैं
  • लोग इन चीज़ों से वाक़िफ़ नहीं हो सकते जो तसावीर के तौर पर इस्तिमाल होते है
  • तौसीअ शूदा इसतार अक्सर इतने गहिरी होते हैं कि तर्जुमान के लिए इसतार के तमाम मअनी को ज़ाहिर करना नामुमकिन हो जाएगा I

तर्जुमा के उसूल

  • हदफ़ सामईन को वाज़िह तौर पर तौसीअ शूदा इस्तिआरा का मअनी बताएँ , जैसे ये असल सामईन हों I
  • हदफ़ सामईन को मतलब उतना की वाज़िह बताएं जितना असल सामईन को पता हो I
  • जब कोई तौसीअ शूदा इसतार का इस्तिमाल करता है, तो तसावीर , वो जो कहने की कोशिश कर रहा है उसका एक जरूरी हिस्सा होता है I
  • अगर हदफ़ सामईन कुछ तसावीर से वाक़िफ़ नहीं हैं, तो आपको उन तसावीर को समझने में मदद करने का कोई तरीक़ा तलाश करना होगा  ताकि वो पूरे तौसीअ इसतार को समझे I

बाइबल की मिसाल

ज़बूर23: 1-4 मैं, मुसन्निफ़ का कहना है कि , खुदा की, अपने लोगों के लिए ख़दशात और देख-भाल को चरवाहे की अपनी भेड़ के देखभाल से दिखाया जा सकता है I चरवाहा , भेड़ को वो सब कुछ देता है जो उन्हें चाहिए , उन्हें महफूज़ जगह पे ले जाता है , उनकी रहनुमाई करता है , और उनकी हिफाज़त करता है I ख़ुदा उनके लोगों के लिए जो करता है वो इन आमाल की तरह है I

<सप> 1<सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I <सप> 2<सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I

वो <यु> मुझे ले जाता है </यु> आरामदेह और पुरसुकून पानी के साथ

<सप> 3<सप> वह <यु> मुझमें ज़िन्दगी वापस </यु> लेके आता है I

वो <यु> मुझे हिदायत देता है </यु> उसके नाम के लिए सही रास्ते पे चलने के लिए <सप> 4</सप> चाहे में अंधेरे की साय वाले वादी में चल रहा हूँ I जब आप मेरे साथ हो तो मुझे किसी बात का ख़ौफ़ नहीं है I आपकी राह और आपके अमले मुझे सुकून देते है Iयू एल टी )

यसईआह5: 1-7 मैं, यसईआह ने अपने लोगों के साथ ख़ुदा की मायूसी कुछ इस तरह पेश की है , वो अपने लोगों से ऐसे मायूस थे जैसे की एक किसान ये महसूस करे की उसके वाइन के बगीचे में केवल ख़राब अंगूर ही होते है ,आखिरकार किसान उसकी देखभाल करना बंद कर देता है I 1 से6 तक की आयतें जाहिर तौर पे बताती है की वो सिर्फ खुदा और उसके बन्दों के बारे में है I

<सप> 1</सप>...मेरे प्यारे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर एक अंगूर का बाग़ था I <सप> </सप>...उसने उसकी खुदाई की, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी पसंद के वाइन वहां लगायें

उसने बीचो बीच एक मीनार बनाया , और एक वाइन निकलने वाली मशीन बनाई I उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां जंगली अंगूर हुए I

<सप >3<सप/> अब , जेरूसलम के बाशिंदों और जिदाह के लोगों मेरे और अंगूर के खेत के बीच में फैसला करो <सप >4<सप/> में अपने अंगूर के खेतों लिए क्या कर सकता हूँ जो मैंने पहले नहीं किया हो ? जब मैं उनसे अंगूर उगने की उम्मीद करता हूँ , तब वो जंगली अंगूर क्यों दे रहे है ? <सप >5<सप/> में तुम्हे बताऊँगा की मैं अपने अंगूर के खेतों का क्या करूंगा ; मैं सरे झाड़ियों के बाद हटा दूंगा ; मैं इसे एक चारागाह बना दूंगा ; मैं इसके दीवार तोड़ दूंगा , मैं इसे रौंद दूंगा सप > 6</,सप> मैं इसे वीरान छोड़ दूंगा , मुझे कोई शक या शुबा नहीं है , लेकिन कटीली झाड़ियों और कांतों के बीच बहार आएगी I मैं बादलों को हुकुम दूंगा की बारिश ना करें I

सप > 7</,सप> , याह्वेह के अंगूर के बगीचों के लिए इजराइल का घर है I और जुदाहके लोग उसकी सुकून दर रोपाई हैं I उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर इसकी जगह वो मारा गया I नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के (यू एल टी )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

उसी तौसीअ शूदा इसतार का इस्तेमाल करें , अगर आपके क़ारईन इसे असल कराईन की तरह समझ पातें है I अगर नहीं, तो यहां कुछ और हिक्मत-ए-अमली हैं

  1. अगर हदफ़ के सामईन का ये ख़्याल है कि तसावीर को लफ़्ज़ी तौर पर समझना चाहीए, तो उसे "जैसे या "के तौर पर का इस्तिमाल करके संबल के तौर पर तर्जुमा करें I ये सिर्फ़ पहली दफ़ा या दो में करना काफ़ी हो सकता है I
  2. अगर हदफ़ के सामईन तस्वीर को नहीं जानते तो, इस का तर्जुमा करने का तरीक़ा ढूंढें ताकि वो समझ सकें कि तस्वीर किया है
  3. अगर हदफ़ के सामईन अब भी समझ नहीं पाएँगे तो फिर ये वाज़िह करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर हदफ़ के सामईन को लगता है कि तसावीर को लफ़्ज़ी तौर पर समझना चाहीए, तो उसे "जैसे या "के तौर पर इस्तिमाल करके एक संबल के तौर पर तर्जुमा करें I ये सिर्फ़ पहली दफ़ा या दो में करने के लिए काफ़ी हो सकता है ज़बूर23: 1-2 को मिसाल के तौर पर देखें

<सप> 1<सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I <सप> 2<सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I

वो <यु> मुझे ले जाता है </यु> आरामदेह और पुरसुकून पानी के साथ

तर्जुमा ऐसे किया जा सकता है

“ याह्वेह मेरे लिए चरवाहे <यु>जैसा है <यु> , तो मेरे पास सब कुछ है <यु> जैसे </यु> एक चरवाहा अपनी भेड़ों हो हरे हरे चारागाह में ले जाता है और उन्हें पुरअमन पानी की तरफ ले जाता है I याह्वेह ने मेरी सुकून से आराम करने में मदद की है I “

  1. अगर हदफ़ सामईन तस्वीर को नहीं जानते तो, इस का तर्जुमा करने का एक तरीक़ा ढूंढें ताकि वो समझ सकें कि तस्वीर किया है

मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु> बाग़ था<यु> उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के वाइन वहां लगायें उसने बीचो बीच एक <यु> मीनार <यु> बनाया , और <यु> एक वाइन निकलने वाली मशीन <यु> बनाई I उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां <यु> जंगली अंगूर<यु> हुए ,( यशायाह 5:1-2 यू एल टी )

इसका ऐसे तर्जुमा किया जा सकता है

मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु>अंगूर का बाग़ था<यु> उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के अंगूर के पौधे लगायें उसने बीचो बीच एक <यु> मीनार <यु> बनाया , और <यु> एक वाइन निकलने वाली मशीन <यु> बनाई , जहाँ वो अंगूर का रस निकल सके I उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां <यु> जंगली अंगूर<यु> हुए जो की वाइन बनाने के लिए सही नहीं थे “

  1. अगर हदफ़ के सामईन अब भी समझ नहीं पाएँगे तो फिर ये वाज़िह करें

याह्वेह मेरा <यु> चरवाहा <यु> है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I ( प्साल्म 23 :1 यू एल टी )

  • “ याह्वेह <यु> मेरा ख्याल <यु> वैसे ही रखता है जैसे की एक चरवाहा भेड़ का रखता है , मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं है “

सप > 7</,सप> , याह्वेह के अंगूर के बगीचों के लिए इजराइल का घर है I और जुदाहके लोग उसकी सुकून दर रोपाई हैं I उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर इसकी जगह वो मारा गया I नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के (यू एल टी )

इसका तर्जुमान ऐसे करें याह्वेह के अंगूर के बगीचों इजराइल के घर की नुमायन्दगी करते है I और जुदाहके लोग ऐसे है जैसे की उसकी सुकून दर रोपाई हैं I

उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर इसकी जगह वो मारा गया I नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के

या

  • <यु>जैसे किसान उस अंगूर के बाग़ की देख रेख छोड़ देता है जो की ख़राब फसल पैदा करते है </यु>
  • <यु> याह्वेह उसी तरह , </यु> इजराइल और जुदाह को बचाना छोड़ देगा I
  • <यु> क्योंकि वो , वो नहीं कर रहे है जो की सही है I
  • उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर वो मारे गए I

नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के