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* क्या तर्जुमा ने किसी तरह से मानी को तब्दील कर दिया है?
1. बाईबल क़तआ के तर्जुमे को कई दफ़ा पढ़ना या सुनना मददगार साबित हो सकता है। हो सकता है के आप पहली दफा में एक क़तआ या आयत में हर चीज़ पर तवज्जो न दे सकें। यह ख़ास तौर से सच है अगर तर्जुमा नज़रियात या जुमले के हिस्सों को माख़ज़ से मुख्तलिफ़ तरतीब में रखता है। आपको जुमले के एक हिस्से को जाँचने की ज़रुरत हो सकती है, फिर जुमले के दूसरे हिस्से को जाँचने के लिए दोबारा पढ़ें या सुनें। जब आप क़तआ को उतनी दफ़ा पढ़ या सुन लेते हैं जितनी इसके सारे हिस्सों को पाने में लगता है, तब आप अगले क़तआ में जा सकते हैं। यह जाँचने के मज़ीद तरीक़ों के लिए के तर्जुमा मुकम्मल है, देखें [मुकम्मल](../complete/01.md).
1. जाँचने वाले को नोट्स बनाना चाहिए जहाँ उसे लगता है के कोई परेशानी हो सकती है या कुछ और बेहतर होना है। हर जाँचने वाला इन नोट्स को तर्जुमानी टीम के साथ गुफ़्तगू करेगा। ये नोट्स किसी छपे हुए तर्जुमा ख़ाका के हासिये में, या किसी स्प्रेडशीट में, या तर्जुमाकोर के तबसरे की ख़ुसूसियात में हो सकते हैं।
1. जाँचने वालों के इन्फ़िरादी तौर पर बाईबल की किसी बाब या किताब की जाँच के बाद, उन सब को मुतर्जिम या तर्जुमा टीम से मिलना चाहिए और साथ ही बाब या किताब का जायज़ा लेना चाहिए। अगर मुमकिन हो तो, तर्जुमा को दीवार पर प्रोजेक्ट करें ताके हर एक इसे देख सके। जैसा के टीम उन जगहों पर आती है जहाँ हर जाँचने वाले ने किसी मसअले या सवाल का नोट बनाया है, तो जाँचने वाले अपने सवालात पूछ सकते हैं या बेहतरी के लिए मशवरे दे सकते हैं। जैसा के जाँचने वाले और तर्जुमा की टीम सवालात और मशवरों पर गुफ़्तगू करती हैं, वो दीगर सवालात या बातें कहने के नए तरीक़ों के बारे में सोच सकते हैं। यह अच्छा है। जैसा के जाँचने वाले और तर्जुमा टीम एक साथ काम करते हैं, ख़ुदा बाईबल या क़तआ के मानी इत्तिला करने का बेहतरीन तरीक़ा दरयाफ्त करने में उनकी मदद करेगा।
1. जाँचने वाले और तर्जुमा टीम के इस फ़ैसले के बाद के उन्हें क्या तब्दील करने की ज़रुरत है, तर्जुमा टीम तर्जुमे की नज़र सानी करेगी। अगर वह सभी तब्दीली के बारे में इत्तफाक़ राय रखते हैं तो, मुलाक़ात के दौरान ही यह काम कर सकते हैं।
1. तर्जुमा टीम तर्जुमे की नज़र सानी करने के बाद, उन्हें इसे एक दूसरे को या ज़बान बिरादरी के दीगर अरकान को बुलन्द आवाज़ में पढ़ना चाहिए यह यक़ीनी बनाने के लिए के ये अभी भी उनकी ज़बान में क़ुदरती लगता है।
1. अगर कोई बाईबल क़तआ या आयात ऐसे हैं जो अभी भी समझना मुश्किल हैं तो, तर्जुमा टीम को मुश्किल का नोट बनाना चाहिए। तर्जुमा टीम इन मसाएल का जवाब तलाश करने के लिए बाईबल तर्जुमा इमदाद या तबसरे में मज़ीद तहक़ीक़ करने के लिए अरकान को तफ़वीज़ कर सकते है, या वो बाईबल के दूसरे जाँचने वालों या मुशीरों से इज़ाफ़ी मदद तलब कर सकते हैं। जब अरकान मानी ढूँढ लें तो तर्जुमा करने वाली टीम दोबारा मिल सकती है ताके इस बात का फ़ैसला करें के उनकी ज़बान में क़ुदरती और वाज़े तौर पर इस मानी को कैसे बयान किया जाए।
#### इज़ाफ़ी सवालात

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1. क्या ज़बान बिरादरी इस बात की तस्दीक़ करती है के तर्जुमा उनकी ज़बान में वाज़े और क़ुदरती तरीक़े से बोलता है?
1. क्या तर्जुमा [मुकम्मल](../complete/01.md) है (क्या इसमें सारी आयात, वाक़यात, और मालूमात माख़ज़ के तौर पर मौज़ूद हैं)?
1. मुतर्जमीन मुन्दर्जा जैल तर्जुमे के तरीकों में से किसकी पैरवी करते हुए नज़र आते हैं?
1. लफ्ज़ बा लफ्ज़ तर्जुमा, माख़ज़ तर्जुमे की सूरत के बिल्कुल क़रीब रहते हुए
1. जुमला बा जुमला तर्जुमा, क़ुदरती ज़बान के जुमले के साख्त का इस्तेमाल करते हुए
1. मानी पर मबनी तर्जुमा, मक़ामी ज़बान के इज़हार की आज़ादी को मक़सद बनाते हुए
1. क्या बिरादरी के रहनुमा महसूस करते हैं के मुतर्जमीन का पैरवी किया हुआ अन्दाज़ (जैसा के सवाल 4 में शिनाख्त किया गया है) बिरादरी के लिए मुनासिब है?
1. क्या बिरादरी के रहनुमा महसूस करते हैं के मुतर्जमीन की इस्तेमाल की गयी बोली वसीअ ज़बान बिरादरी को इत्तिला देने के लिए बेहतरीन है? मिशाल के तौर पर, क्या मुतर्जमीन ने तासरात, फ़िक़रे मुत्तसिल, और हिज्जे इस्तेमाल किये हैं जो ज़बान बिरादरी के ज़ियादातर लोगों के ज़रिये पहचाने जायेंगे? इस सवाल को दरयाफ्त करने के मज़ीद तरीक़ों के लिए, देखें [पसन्दीदा अन्दाज़](../acceptable/01.md).
1. जब आप तर्जुमा पढ़ते हैं तो, मक़ामी बिरादरी में तहज़ीबी मसाएल के बारे में सोचें जो किताब में बाज़ क़तआ के तर्जुमे को मुश्किल बना सकते हैं। क्या तर्जुमा टीम ने इन क़तआ का तर्जुमा उस तरीक़े से किया है जो माख़ज़ मतन के पैग़ाम को वाज़े बनाता है, और ऐसी किसी भी ग़लत फ़हमी से गुरेज़ करता है जो तहज़ीबी मसाएल की वजह से हो सकता था?

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सवालात पूछने के साथ साथ, दीगर जाँच के तरीक़े हैं जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं यह यक़ीनी बनाने के लिए के तर्जुमा [वाज़े](../clear/01.md), पढ़ने में आसान, और सुनने वालों के लिए [क़ुदरती](../natural/01.md) है। यहाँ बाज़ दीगर तरीक़े है जिनकी आप कोशिश करना पसन्द कर सकते हैं:
* **दोबारा बताने का तरीक़ा**: आप, मुतर्जिम या जाँचने वाला, एक क़तआ या कहानी पढ़ सकते हैं और किसी दूसरे से दोबारा बताने के लिए कहें जो कहा गया था। अगर वह शख्स आसानी से क़तआ को दोबारा बता सकता है, फिर क़तआ वाज़े था। किसी भी ऐसे जगह का बाब और आयत के साथ नोट बनाएँ जिसे वह शख्स छोड़ दिया हो या ग़लत बताया हो। उन्हें ज़ियादा वाज़े बनाने के लिए तर्जुमा टीम को तर्जुमे में उन जगहों की नज़रसानी करने की ज़रुरत हो सकती है। किसी भी मुख्तलिफ़ तरीक़ों का भी नोट बनाएँ जो चीज़ें उस शख्स ने कहीं जिसका मानी वही है जैसा के तर्जुमे में। यह हो सकता है के चीज़ों को कहने के ये तरीक़े तर्जुमे के तरीकों के मुक़ाबले ज़ियादा क़ुदरती हों। तर्जुमे को ज़ियादा क़ुदरती बनाने के लिए तर्जुमा टीम इन तरीक़ों का इस्तेमाल उसी चीज़ को कहने के लिए कर सकती है।
* **पढ़ने का तरीक़ा**: आपके अलावा दूसरा कोई, मुतर्जिम या जाँचने वाला, तर्जुमे का एक क़तआ पढ़ सकता है जबके आप सुनें और उन जगहों को नोट करें जहाँ वह शख्स रुकता है या गलतियाँ करता है। इससे यह ज़ाहिर होगा के तर्जुमे को पढ़ना और समझना कितना आसान या कितना मुश्किल है। तर्जुमे में उन जगहों पर नज़र करें जहाँ पढ़ने वाला रुका या गलतियाँ कीं और गौर करें के क्या है जो तर्जुमे के उस हिस्से को मुश्किल बनाया। तर्जुमा टीम को उन नुकतों पर तर्जुमे की नज़रसानी करने की ज़रुरत हो सकती है ताके पढ़ना और समझना आसान हो।
* **मुतबादिल तर्जुमा पेश करें**: तर्जुमे में कुछ जगहों पर तर्जुमा टीम को किसी माख़ज़ लफ्ज़ या फ़िक़रे को बयान करने के बेहतरीन तरीक़े का यक़ीन नहीं भी हो सकता है। इस सूरत में, दूसरे लोगों से पूछें के वो इसका तर्जुमा कैसे करेंगे। उनके लिए जो माख़ज़ ज़बान को नहीं समझते, बयान करें जो आप कहने की कोशिश कर रहे हैं और पूछें के वो इसे कैसे कहेंगे। अगर मुख्तलिफ़ तर्जुमे यकसां अच्छे लगते हैं तो, लोगों को एक ही ख़याल के दो तर्जुमों के दरमियान इन्तखाब पेश करें और उनसे पूछें के उनके ख़याल में कौन सा मुतबादिल तर्जुमा ज़ियादा वाज़े है।
* **जायज़ा लेने वाले का दरामद**: दूसरों को अपना तर्जुमा पढ़ने दें जिनका आप एहतराम करते हैं। उनसे कहें के नोट करें और बताएँ के कहाँ इसे बेहतर बनाया जा सकता है। बेहतर अल्फ़ाज़ के इन्तखाब, ज़ियादा क़ुदरती तासरात, और हिज्जे की तरतीब की भी तलाश करें।
* **मुज़ाकरा गिरोह**: लोगों से तर्जुमे को बुलन्द आवाज़ में एक गिरोह में पढ़ने के लिए कहें और लोगों को वज़ाहत के लिए सवालात पूछने की इजाज़त दें। उन अल्फ़ाज़ पर तवज्जो दें जो वह इस्तेमाल करते हैं, चूँकि मुतबादिल अल्फ़ाज़ और तासरात तभी आते है जब कोई एक मुश्किल नुक़ते को समझाने की कोशिश कर रहा हो, और ये मुतबादिल अल्फ़ाज़ और तासरात जो तर्जुमे में हैं उनसे बेहतर हो सकते हैं। उस बाब और आयत के साथ जिनके बारे में वो हैं, उन्हें लिखें। तर्जुमा टीम इनका इस्तेमाल तर्जुमे को बेहतर बनाने के लिए कर सकती है। उन जगहों का भी नोट बनाएँ जहाँ लोग तर्जुमे को नहीं समझते ताके तर्जुमा टीम उन जगहों को और वाज़े बना सके।

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### जाँच करने के लिए चीज़ों की क़िस्में
1. किसी भी चीज़ की बाबत पूछें जो आपको सहीह न लगती हो, ताके तर्जुमा टीम इसकी वज़ाहत कर सके। अगर यह उन्हें भी सहीह नहीं लगता, तो वो तर्जुमे को तरतीब दे सकते हैं। आम तौर पर:
1. ऐसी किसी भी चीज़ की जाँच करें जो इज़ाफ़ा किया हुआ लगता है, जो माख़ज़ मतन के मानी का हिस्सा नहीं था। (याद रख्खें, असल मानी में भी [मफ़हूम मालूमात](../../translate/figs-explicit/01.md).) शामिल होते हैं।
1. ऐसी किसी भी चीज़ के लिए जाँच करें जो ग़ायब हुआ लगता हो, जो माख़ज़ मतन के मानी का हिस्सा था मगर तर्जुमे में शामिल नहीं किया गया।
1. ऐसे किसी भी मानी के लिए जाँच करें जो माख़ज़ मतन के मानी के मुक़ाबले मुख्तलिफ़ लगता हो।
1. इस बात को यक़ीनी बनाने के लिए जाँच करें के मरकज़ी नुक़ता या क़तआ का मौज़ूअ वाज़े है। क़तआ जो कह रहा है या तालीम दे रहा है, तर्जुमा टीम को उसका ख़ुलासा करने के लिए कहें। अगर वो बुनियादी नुक़ते के तौर पर कोई मामूली नुक़ता चुनते हैं तो, हो सकता है उन्हें उस तरीक़े को तरतीब देने की ज़रुरत हो जिससे उन्होंने क़तआ को तर्जुमा किया है।
1. जाँच करें के क़तआ के मुख्तलिफ़ हिस्से सहीह तरीक़े से मुन्सलिक हैं यानी बाईबल क़तआ के वजूहात, इज़ाफ़े, नतीजे, आक़ीबतें, वगैरा हदफ़ ज़बान में मुनासिब मवासल के साथ निशानज़द किये गए हैं।
1. तर्जुमाअल्फ़ाज़ की यकसानियत के लिए जाँच करें, जिस तरह [तौसीक़ जाँच के लिए इक़दामात](../vol2-steps/01.md) के पिछले हिस्से में वज़ाहत किया गया है। पूछें के किस तरह उस तहज़ीब में हर शराअत इस्तेमाल किया जाता है शराअत का इस्तेमाल कौन करता है, और किस मौक़ों पर। यह भी पूछें के कौन से दीगर शराअत यकसां हैं और यकसां शराअत के दरमियान इख्तलाफात क्या हैं। ये मुतर्जिम को यह देखने में मदद करता है के क्या बाज़ शराअत के नापसन्दीदा मानी हो सकते हैं, और यह देखने में के कौन सी शराअत बेहतर हो सकती है, या क्या उन्हें मुख्तलिफ़ क़रीनों में मुख्तलिफ़ शराअत इस्तेमाल करने की ज़रुरत हो सकती है।

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### आजादी का लाइसेंस
* हर ज़बान में ग़ैर महिदूद बाइबल की मवाद * हासिल करने के लिए , एक लाइसेंस की जरूरत होती है , जो की अIलमगीर चर्च को * मवाद पे , अमायबंदत पहुँच देती हैं I हम ये मानते हैं की ये इन्कलाबी तबदीली हो जाएगी, जब चर्च के पास अमायबंदत पहुँच होगी I [Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License] बाइबल के मवाद की तर्जुमा और तक़सीम के लिए ज़रूरी ज़रूरीयात फ़राहम करता है और, अगर कोई और अलग नोटिस ना हो तो, इस बात की तामिल करता है की मवाद अवाम के पहुँच में हो I हमारे सारे मवाद CC BY-SA से लासेन्सयाफ्ता है I
* डोर 43 का ऑफिसियल लाइसेंस यहाँ है https://door43.org/en/legal/license.*
### क्रिएटिव कोमा आत्रिबुशन शेयर अलाईक4.0 इंटरनेशनल ((CC BY-SA 4.0)
### क्रिएटिव कोमा आत्रिबुशन शेयर अलाईक4.0 इंटरनेशनल ((CC BY-SA 4.0))
### आप आजाद है

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लाज़मी अक़ाएद वह हैं जो ईसा मसीह के पैरोकार की वजाहत करते हैं और जिनसे कभी भी समझौता नहीं किया जा सकता और नह ही उन्हें नज़र अंदाज़ किया जा सकता है.
* हम ईमान रखते हैं कि सिर्फ बाइबिल ही ग़ैबी, हर खता से पाक, किफ़ायत करने वाली, खुदा का मुस्तनद कलाम है (1 Thessalonians 2:13; 2 Timothy 3:16-17).
* हम ईमान रखते हैं कि खुदा एक है, अजली तौर पर तीन अफराद में मौजूद है: खुदा बाप, ईसा मसीह बेटे और रूहुलकुद्स (Matthew 28:19; John 10:30).
* हम ईसा मसीह की खुदाई पर यकीन रखते हैं (John 1:1-4; Philippians 2:5-11; 2 Peter 1:1).
* हम ईसा मसीह की इंसानियत, उनकी कुंवारी पैदाइश, उनकी मासूम ज़िन्दगी,उनके मोजज़ात, उनकी मजमूई और गैर आहंग बहते हुए खून के साथ मौत, उनके जिस्मानी तौर पर जिंदा होने, और उनके बाप के दाहिने तरफ आसमान पर उठा लिए जाने पर यकीन रखते हैं (Matthew 1:18,25; 1 Corinthians 15:1-8; Hebrews 4:15; Acts 1:9-11; Acts 2:22-24).
* हम यकीन रखते हैं कि हर आदमी खल्की तौर पर गुनहगार है और इसीलिए अब्दी जहन्नम का मुस्तहक है (Romans 3:23; Isaiah 64:6-7).
* हम यकीन रखते हैं कि गुनाह से निजात खुदा का एक तोहफा है, जो ईसा मसीह की क़ुरबानी वाली मौत और उनके दोबारा आने के ज़रियः अता किया गया है, इसे ईमान के ज़रियः पाया जाता है, कामों से नहीं (John 3:16; John 14:6; Ephesians 2:8-9, Titus 3:3-7).
* हम यकीन रखते हैं कि हकीकी ईमान हमेशा तौबा के ज़रियः और रूहुल्कुद्स के अहया से हासिल होता है (James 2:14-26; John 16:5-16; Romans 8:9).
* हम रूहुल्कुद्स की मौजूदा वज़ारत में यकीन रखते हैं जिसके ज़रियः ईसा मसीह के पैरोकार एक खुदाई ज़िन्दगी जीने के क़ाबिल हैं (John 14:15-26; Ephesians 2:10; Galatians 5:16-18).
* हम खुदा ईसा मसीह में तमाम ईमान वालों की रूहानी इत्तिहाद में यकीन रखते हैं, तमाम कौमों और ज़बानों और लोगों की जमात की जानिब से (Philippians 2:1-4; Ephesians 1:22-23; 1 Corinthians 12:12,27).
* हम ईसा मसीह की जाती और जिस्मानी वापसी पर यकीन रखते हैं (Matthew 24:30; Acts 1:10-11).
* हम नाजी और गैर नाजी दोनों के हश्र पर ईमान लाते हैं: जिनको निजात नहीं मिली उनका हश्र जहन्नम की दायिमी तबाही के साथ होगा और जिनको निजात मिल गई उनका हश्र खुदा के साथ जन्नत में अब्दी नेमत के साथ होगा (Hebrews 9:27-28; Matthew 16:27; John 14:1-3; Matthew 25:31-46).
#### नज़रीयाती अक़ाएद

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* ** वाज़िह ** - किसी भी ज़ुबानी ढांचे को इस्तमाल करके मवाद को काबिले फ़हम बनाये I इसमें शब्दों को अलग तरतीब देना शामिल है , पर कोशिश करें की तर्जुमा का असल मतलब ही मुन्ताकी हो I
* **क़ुदरती ** - वो जबान का तरीका इस्तिमाल करें जो मोस्सर हैं और आप की ज़बान में जिस मुफदत में इस्तमाल किया जाता हो I (मुलाहिज़ा करें [क़ुदरती तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-clear/01.md))
* **वफ़ादारी ** - किसी भी सयासी, मज़हबी, नज़रियाती,
समाजी, सक़ाफ़्ती, या मज़हबी तास्सुब से बचें. कलीदी
इस्तिलाहात का इस्तिमाल करें जो असल बाइबल की ज़बानों के अलफ़ाज़ के वफ़ादार रहे I खुदा और उसके बन्दों के बीच ताल्लुक़ात बयान करने के लिए बिबलिकल हम मैना लफ्ज़ इस्तेमाल करें I ये वाज़िह तौर पर, फ़वाइद या दूसरे ज़िमनी वसाइल में वाज़िह किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें [ईमान मंद तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-natural/01.md)
इस्तिलाहात का इस्तिमाल करें जो असल बाइबल की ज़बानों के अलफ़ाज़ के वफ़ादार रहे I खुदा और उसके बन्दों के बीच ताल्लुक़ात बयान करने के लिए बिबलिकल हम मैना लफ्ज़ इस्तेमाल करें I ये वाज़िह तौर पर, फ़वाइद या दूसरे ज़िमनी वसाइल में वाज़िह किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें [ईमान मंद तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-natural/01.md))
1.  ** मुस्तनद ** - बाइबल के मवाद की तर्जुमा के लिए
सबसे ज़्यादा अथार्टी के तौर पर असल ज़बान बाइबल
के मज़ामीन का इस्तिमाल करें. दूसरी ज़बानों में काबिल-ए-एतिमाद बाइबल मवाद वाज़िहऔर बक़ीया वसाइल के मतन के तौर पर इस्तिमाल किया जा सकता है. (मुलाहिज़ा करें [तख़लीक़ी तर्जुमे बनाएँ](../../translate/guidelines-faithful/01.md))
* ** तारीख़ी ** - तारीख़ी वाक़ियात और हक़ायक़ दरुस्त तरीक़े से मुवासलात करेंI असल मवाद के असल वसूल कुनुन्दगान के तौर पर ,एक ही सयाक़-ओ-सबॉक् और सक़ाफ़्त का इश्तिराक नहीं करने वाले अफ़राद को , सही पैग़ाम मतलाकरन केलिए इज़ाफ़ी मालूमात फ़राहम करना. (मुलाहिज़ा करें [तारीख़ी तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-authoritative/01.md)
* ** तारीख़ी ** - तारीख़ी वाक़ियात और हक़ायक़ दरुस्त तरीक़े से मुवासलात करेंI असल मवाद के असल वसूल कुनुन्दगान के तौर पर ,एक ही सयाक़-ओ-सबॉक् और सक़ाफ़्त का इश्तिराक नहीं करने वाले अफ़राद को , सही पैग़ाम मतलाकरन केलिए इज़ाफ़ी मालूमात फ़राहम करना. (मुलाहिज़ा करें [तारीख़ी तर्जुमा बनाएँ](../../translate/guidelines-authoritative/01.md))
* **बराबर** - ज़रीया मतन के इरादे को ही मुवासलात करें, इसमें बिशमोल एहसासातऔर के इज़हार शामिल है Iजितना हो सके अब्दियआत को बुन्याद ए- मातन में रखे I इसमें दास्तान, शेअर, तहरीर और पैशन गोई शामिल है I इनके मवाफिक तर्जुमा को , आपके जबान के तर्ज़ पर बदलें I
###  तर्जुमा की कैफ़ीयत की शनाख़्त और इंतिज़ाम करना
@ -35,4 +36,5 @@
* ** शराकत ** - जहां मुम्किन हो, दूसरे मोमिनों के साथ मिलकर काम करें ,जो तर्जुमा करने , उसे जाचने, और तक़सीम करने वाले मवाद  हो Iमवाद को अपनी ज़बान में तक़सीम करने के लिए , इस बात को जांच करें कि ये सबसे आला मयार और मुम्किना हद तक मुम्किना लोगों के लिए दस्तयाब है. (मुलाहिज़ा करें [तआवुन तआवुन तर्जुमा](../../translate/guidelines-equal/01.md))
* 1**.मुसलसल**- तर्जुमा का काम , मुकम्मल तौर पर कभी ख़त्म नहीं .ओता है I उन लोगों की हौसला-अफ़ज़ाई करें जो ज़बान के साथ माहिर हैं और तर्जुमा को बेहतर बनाने के तरीक़ों का मश्वरा देते हैं I
तर्जुमा में हुई कोई गलती को तलाश करके जल्द से जल्द उसे सही करना चाहिए I तर्जुमा के वक्तन फुकIतन जांच को बढ़ावा देI अन्फोल्डिंग वर्ड ऑनलाइन टूल की मदद से इन तब्दिलिओन को जल्दी और आसानी से किया जा सकता है I

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@ -47,5 +47,4 @@
* **तरजमहकी बोर्ड** एक वेब और मोबाइलअप्प है जो की इस्तेमाल करने वाले को , कस्टम की बोर्ड , बग़ैर ज़बान जाने , इस्तिमाल करने में मदद करता है (http://ufw.io/tk/ देखें )
* **अन्फोल्डिंग वर्ड एप** - एक मोबाइल एप जहाँ तर्जुमा तक़सीम किया जा सकता है (http://ufw.io/uw/) देखें.
* ** तर्जुमा ** - ये एक ऐसा प्रोग्राम है जो बाइबल तर्जुमाओं की वसीअ जांच पड़ताल के काबिल बनाता है (http://ufw.io/tc/ देखें).
* **ट्रेनिंग** - हम अपनी जबान में तर्जुमा करने के लिए वसाइल पैदा करते हैं. तर्जुमा अकैडमी में (ये वसाइल) हमारी बुनियादी तर्बीयत का आला है. हमारे पास आडीयो रिकार्डिंग और तर्बीयती वसाइल भी हैं. http://ufw.io/training/ तर्बीयत मवाद की मुकम्मल फ़हरिस्त के लिए देखें I

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@ -11,20 +11,20 @@ dublin_core:
description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
format: 'text/markdown'
identifier: 'ta'
issued: '2021-01-20'
issued: '2021-08-05'
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identifier: 'ur-deva'
title: 'Urdu Devanagari script'
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modified: '2021-01-20'
publisher: 'Door43'
modified: '2021-08-05'
publisher: 'BCS'
relation:
- 'ur-deva/irv'
- 'ur-deva/obs'
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- 'ur-deva/obs-tq'
- 'ur-deva/tn'
- 'ur-deva/tq'
- 'ur-deva/tn'
- 'ur-deva/tw'
- 'ur-deva/ulb'
rights: 'CC BY-SA 4.0'

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@ -31,7 +31,7 @@
#### फटकना और बिछना, अच्छे लोगों की बुरे लोगों से अलैहदगी की नुमाइंदगी करता है
किसान फसल की कटाई के बाद उसे किसी चपटे और सख्त सतह, बिछने के लिए आंगन में , लाते है I उनके पास बेलों से चलने वाली भारी पहिया गाडी होती है I या सिल्लियों के बग़ैर पहीयों वाले मशीन से से वो अनाज को भूसों से अलग कर देते है I वो उस बीचे हुए अनाज को बहार ले जाते है और हवा के रुख में गिरते है ,जिस से अनाज फटका जाता है I गीरे हुए अन्नाज को वो समेत लेते है , ये अब खाने लायक हो गया है ( फटकने और बेचने वाले तर्जुमा के पन्ने को देखें [ ट्रांसलेशन वर्ड्स ](https://unfoldingword.bible/tw/)
किसान फसल की कटाई के बाद उसे किसी चपटे और सख्त सतह, बिछने के लिए आंगन में , लाते है I उनके पास बेलों से चलने वाली भारी पहिया गाडी होती है I या सिल्लियों के बग़ैर पहीयों वाले मशीन से से वो अनाज को भूसों से अलग कर देते है I वो उस बीचे हुए अनाज को बहार ले जाते है और हवा के रुख में गिरते है ,जिस से अनाज फटका जाता है I गीरे हुए अन्नाज को वो समेत लेते है , ये अब खाने लायक हो गया है ( फटकने और बेचने वाले तर्जुमा के पन्ने को देखें [ ट्रांसलेशन वर्ड्स](https://unfoldingword.bible/tw/))
> लिहाज़ा में उन्हें ज़मीन के दरवाज़ों पर एक पचासगर के साथ जीत दूंगा मैं उन्हें बर्दाश्त करूँगा मैं अपने लोगों को तबाह करूँगा क्योंकि वो अपने तरीक़ों से नहीं निकलेंगे (यरमयाह15: 7 यू एल टी )

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@ -24,7 +24,6 @@
ये नमूने इन तीनों चैलेंजों को पेश करती हैं जो उन्हें शनाख़्त करना चाहते हैं
1. बाइबल में ख़ास अस्तीफ़ा को देखते वक़्त, ये हमेशा वाज़िह नहीं है कि एक दूसरे के साथ दो नज़रिए जोड़े जाते हैं मिसाल के तौर पर, ये फ़ौरी तौर पर वाज़िह नहीं हो सकता है कि ये ख़ुदा है जो मुझे एक बैलट की तरह ताक़त देता है (ज़बूर18:32 यू उल्टी अख़लाक़ी मयार के साथ लिबास जोड़ी पर मबनी है इस सूरत में, बैलट की तस्वीर ताक़त की नुमाइंदगी करता है (देखें "लिबास अख़लाक़ी मयार की नुमाइंदगी करता है [बाइबल की तस्वीर इन्सान साख़ता आब्जेक्ट](../figs-metaphor/01.md))
1. किसी मख़सूस इज़हार को देखते वक़्त, मुतर्जिम को ये जानना ज़रूरी है कि ये किसी चीज़ की नुमाइंदगी करता है I मिसाल के तौर पे , चीराग एक तेल वाले डब्बे और उजाला देने वाले बत्ती या ज़िन्दगी देने वाले मिसाल की नुमायन्दगी करता है I(../figs-simetaphor/01.md))
1 किंगज़7:50 में, एक चिराग़ ट्रेमर , बत्ती को पतला करने का औजार है I

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@ -13,7 +13,7 @@
### बाइबल की मिसाल
कभी कभी लोग,अपने आप का खिताब करने के लिए , “ में “ या “आप “ की जगह , तीसरे शख्स का इस्तेमाल करते है I
> पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34 यू एल टी )
> पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34 यू एल टी ))
डेविड अपने आक को तीसरे शख्स की तरह खिताब करता है जैसे” तुम्हारा खादीम “ . वो अपने आप को शाऊल का खादीम बता रहा था , जिससे वो सौ के लिए अपनी आजाजी देखा सके I
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1 इसमें ज़मीर “ में “ और “ तुम “ के साथ तीसरा शख्स इस्तमाल करे
* पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34  )
* पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34  ))
* > पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> मेरे <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था
1 1. तीसरे शख्स की जगह ,पहले शख्स के लिए “ मैं “ और दुसरे शख्स के लिए “ तुम” का इस्तमाल करे I

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@ -45,18 +45,14 @@
* **... u> बचपन से / u> आपने मुक़द्दस तहरीरों को मालूम किया ..** (2 तेमथीसि3:15 ULT)
* जब u> आप बच्चे थे / u> तभी से ,आपको मुक़द्दस तहरीर मालूम है
* लेकिन u> इतमीनान के साथ फ़लाह-ओ-बहबूद / मेंu> अज़ीम u> फ़ायदा / u> है * (1 तेमथीसि6: 6 यू उल्टी
* लेकिन u> ख़ुदाए / u> और u> मवाद / u> बहुत u> फ़ाइदामंद/ u> है
* लेकिन हम / u> फायदे में रहते है / u> जब हम खुदाए/ u> और u> मवाद / u> होते हैं
* लेकिन हम / u> फ़वाइद / u> जब हम />> ख़ुदा का एहतिराम करते हैं और इताअत करते हैं और जब हम />> हमारे साथ हैं / u>.
* **आज u> नजात / u> इस घर में आया है, क्योंकि वो भी इबराहीम का बेटा है** (लूका19: 9 यू उल्टी
* आज लोगों को इस घर में u> बचाया गया है / u> ...
* आज ख़ुदा ने इस घर में लोगों को बचाया है / u>
* **ख़ुदा अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता, जैसा कि कुछ हो सकता है** (2 पतरस3: 9 यू उल्टी
* ख़ुदावंद अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता है, जैसा कि बाअज़ लोग आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ते हैं
* **वो अंधेरे के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और दल के u> मक़ासिद / u> को ज़ाहिर करेगा** (1 कर नत्थियों4: 5 यू उल्टी
* वो अंधेरे के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और उन चीज़ों को ज़ाहिर करेगा जिन्हें लोगों को करना चाहते है और वो वजूहात जिनके साथ उनको करना चाहते हैं / u>.

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@ -57,13 +57,10 @@
* **मैं उनसे नफ़रत करता हूँ जो <u>बेकार</u> बुतों की ख़िदमत करते हैं** (ज़बूर 31:6 ULT) “बेकार बुतों” कहने के ज़रिए, दाऊद तमाम बुतों के बारे में तब्सरे कर रहा था और उनकी ख़िदमत करने वालों से नफ़रत करने की अपनी वजह बता रहा था। वह बेकार बुतों को क़ीमती बुतों से फ़र्क नहीं कर रहा था
* <u>क्योंके</u> बुत बेकार हैं, मैं उनसे नफ़रत करता हूँ जो उनकी ख़िदमत करते हैं।
* **... क्योंके तेरे <u>रास्त</u> फ़ैसले भले हैं।** (ज़बूर 119:39 ULT)
* ... तेरे फ़ैसले भले है <u>क्योंके</u> वो रास्त हैं।
* क्या सारा, <u>जो नब्बे बरस की है</u>, औलाद पैदा कर सकती है? पैदाइश 17:17-18 ULT) जुमला “जो नब्बे बरस की है” सारा के उमर की याद दहानी है। यह बताता है के अब्राहम सवाल क्यों पूछ रहा था। उसने उम्मीद नहीं की थी के एक औरत जो इतनी बूढ़ी थी, बच्चा पैदा कर सकती थी।
* क्या सारा औलाद पैदा कर सकती है <u>यहाँ तक के जब</u> वो नब्बे बरस की है?
* **मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा, <u>जो सिताइश के लाइक है</u>** (2 समुएल 22:4 ULT) ख़ुदावन्द सिर्फ़ एक है। जुमला “जो सिताइश के लाइक है” ख़ुदावन्द को पुकारने की वजह देता है।
मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा, <u>क्योंके</u> वह सिताइश के लाइक है

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@ -44,7 +44,6 @@
* **क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन <u>नहीं</u> जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द <u>न</u> हो सके।** (इब्रानियों 4:15 ULT)
* “क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन है जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द हो सकता है”।
* **...ताके वो <u>बे</u>फल<u></u>रहें।** (तितुस 3:14 ULT)
* “...ताके वो फलदार हो सकें”।
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* **यक़ीनन-बदकार <u>बे</u>सज़ा<u>न</u> छूटेगा...** (अम्साल11:21 ULT)
* “यक़ीनन-बदकार को सज़ा <u>ज़रूर</u> मिलेगी...”
* सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं, और जो कुछ पैदा हुआ है उसमे से कोई चीज़ भी उसके <u>बगैर</u>पैदा <u>नहीं</u> हुई। (यूहन्ना 1:3 ULT)
* “सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं। हर एक शय जो पैदा हुआ है <u>बिल्कुल</u> उसी ने पैदा कीं”

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@ -31,7 +31,6 @@
1. लापता अलफ़ाज़ को ना-मुकम्मल जुमला या सज़ा में शामिल करें
* ... शैतान फ़ैसले में खड़ा नहीं होगा, और ना नेकों के के लितमा में खता-कर होगा (ज़बूर1: 5)
* .. शैतान फ़ैसले में खड़ा नहीं होगा, और नेकों के के लितमा में खता-कर नहीं खड़ा होगा
> ... जब अंधे आदमी के क़रीब था, यसवा ने इस से पूछा, "तुम मुक्झ्से क्या चाहते हो ? उन्होंने कहा, "रब, में चाहता हु की मेरी आँखों की रौशनी वापस आ जाये . (लूका18: 40-41 यू उल्टी

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@ -37,8 +37,8 @@
... जहां ग़ार था साओल, वहां गड्ढा <यु> खोदने <यु> अन्दर गया<यु> I
... जहां ग़ार था साओल, वहां कुछ समय अकेले गुजरने गया . <यु>I
*** मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि मैं कभी किसी आदमी के साथ नहीं सोयी <यु> ? ***(लूका1:34 यू उल्टी )
* मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि<यु> में किसी आदमी को नहीं जानती हु <यु> ((ये असल यूनानी में इस्तिमाल किया जाता गया खुश कलामी , है )
* **मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि मैं कभी किसी आदमी के साथ नहीं सोयी <यु> ?** (लूका1:34 यू उल्टी )
* मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि<यु> में किसी आदमी को नहीं जानती हु <यु> ((ये असल यूनानी में इस्तिमाल किया जाता गया खुश कलामी , है ))
1. वाज़िह तौर पर बग़ैर किसी खुश कलामी के  मालूमात को पेश करे , बशर्ते वो जरीहाना ना हो I

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@ -10,7 +10,7 @@
ये सुसने में ऐसा लग सकता है की जॉन ने , जेल में कैद होने के बाद , जीसस को बेपताईज्द किया
>***<सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ ***(यशवा6: 8-10 यू उल्टी )
><सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ (यशवा6: 8-10 यू उल्टी )
ये ऐसा लग सकता है जैसे की जशुआ ने, जब फौज कुछ कर चुकी थी , तब हुक्म दिया हो की , चिल्लाओ नहीं , I पर असल में जसुआ ने ये हुक्म तब ही दिया जब तक फ़ौज ने कूच नहीं किया था I
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* <सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
* <सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की ,जॉन को जेल में डालने से पहले , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
* **किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
* **किताब खोलने के बाद इसकी मुहर तोड़ने के काबिल कोण है ?** ( रेवेलाशन 5:2 यु अल टी )
@ -43,7 +42,6 @@
* <सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I ( जोशुआ 6 : 8 -10 यु एल टी )
* <सप> 8 </सप> यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I तब जोशुआ ने ओगों से कहा ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे I
* **किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है** (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
* मुहर तोड़ने और किताब खोलने के काबिल कोण है ?

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@ -41,7 +41,6 @@
* **आप बेकार शख़्स है** (मथ्यु 5:22 यू एलटी )
* आप बिलकुल बेकार शख्स <यु> है <यु> !
* ओह ! दानाई अफरात और खुदा का शुरूर ! ( रोमन 11 : 33 यु एल टी )
1. अपनी जबान से एक अस्तिजाब का इस्तेमाल करें जो की मज़बूत एहसास को ज़ाहिर करती हो I जे़ल में, लफ्ज़ "वाह “ से पता चलता है कि वो हैरानकुन थे I Iइज़हार "ओह नहीं” से पता चलता है कि कुछ ख़ौफ़नाक हुआ है I

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@ -10,7 +10,7 @@
स्पीकर हमेशा हर चीज़ को बराह-ए-रास्त एहतिराम नहीं करता जिसे वो चाहता है की उसके समायीन समझे की वो क्या कह रहा है I वो मालूमात जो वो , अपने कहे बातों से ,चाहता है की लोग जाने , चाहे उसे सीधे तौर पे उसने कहा ही ना हो उसे **वाज़िह मालूमात** कहते है I
अक्सर, सामईन ऐसे * वाज़िह इत्तिलाआत को समझते हैं ** जो पहले से ही इलम रखते हैं (* समझ लिया * **) वाज़िह मालूमात के साथ कि स्पीकर उन्हें बराह-ए-रास्त बता रहा है I
अक्सर, सामईन ऐसे * वाज़िह इत्तिलाआत को समझते हैं जो पहले से ही इलम रखते हैं (**समझ लिया**) वाज़िह मालूमात के साथ कि स्पीकर उन्हें बराह-ए-रास्त बता रहा है I
### वजूहात ये तर्जुमा का मसला है
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यसवा ने इस पे कहा, "लोमड़ियों के पास <यु>सुराख़<यु> हैं, और आसमान के परिंदों के <यु>पास घोंसला<यु> हैं, लेकिन इन्सान का बेटा उस के सर पर क़ाबू नहीं रखता है. (मेथ्यु 8:20 यू एल टी ) यहाँ मोतबर मालूमात यह है की लोमड़ी अपने सुराख़ में और परिंदे अपने घोंसले में सोते है I
* यसवा ने उस से कहा ,” लौमादी के पास <यु> रहने के लिए सुराख़ है , और परिंदों के पास रहने के लिए <यु> घोंसला है , पर इंसान के बेटे के पास सर छुपाने और सोने की कोई जगह नहीं है I “
* ये, फैसले के दिन, <यु> टायर और सिडॉन<यु> के लिए, तुमसे ज्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा (मथ्यु 11:22 यू एल टी ) यहाँ फ़र्ज़ किया मालूमात यह है की , टायर और सिडॉन के लोग बहुत कबीस है I इसे वज़ह तौर पे बताया जा सकता है I
* ... ये आपके मुक़ाबले में, <यु> फ़ैसले के दिन, u> टायर और सिदोन <यु> शहरों <यु> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा , जिनके लोग बहुत शदीद </यु> थे I
* या फिर
* ... आपके मुक़ाबले में, फ़ैसले के दिन , उस बदतरीन शहर टायर और सीडोन / u> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा I
* **आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो खाते हैं तो वो अपने हाथों को नहीं धोते** (मथ्यु15: 2 यू एल टी ) - माक़ूल इलम ये था कि बुज़ुर्गों की रवायात में से एक तक़रीब यह थी, जिसमें लोग, खाने से पहले, अपना हाथ, रुहानी तौर पर साफ़ होने के लिए ,धो लेंगे , और उन्हें सालिह होना चाहीए I जैसा कि एक जदीद क़ारईन सोच सकता है की अगर गन्दगी नहीं साफ़ की गयी तो , वो बीमार हो जायेंगे I
* आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो <यु> खाते <यु> है तो सदाक़त के <यु> रस्मी <यु> वसूलों की तामील नहीं करते है I
1. अगर क़ारईन पैग़ाम को नहीं समझ पता है क्योंकि वो कुछ मोतबर मालूमात नहीं जानते हैं, फिर उस मालूमात को साफ़ साफ़ बताएं, लेकिन ऐसा इस तरह ना करें कि ये असल सामईन के लिए एक नयी मालूमात बन जाए I
@ -65,9 +61,7 @@
इस के बाद एक मुसानिफ उस के पास आए और कहा, "उस्ताद, में जहां भी जाऊँगा आपकी पैरवी करूँगा I यसवा ने इस पे कहा, "लोमड़ियों के पास <यु>सुराख़<यु> हैं, और आसमान के परिंदों के <यु>पास घोंसला<यु> हैं, लेकिन इन्सान का बेटा उस के सर पर क़ाबू नहीं रखता है. (मेथ्यु 8:20 यू एल टी ) यहाँ मुताबिर मालूमात यह है की जीसस खुद आदमी के बेटे है I दूसरा मुताबिर मालूमात यह है की मुसानिफ उनकी राह पर चलना चाहता है , उसे जीसस की तरह बिना घर के रहना होगा I
* यसवा ने उस से कहा ,” लौमादी के पास <यु> रहने के लिए सुराख़ है , और परिंदों के पास रहने के लिए <यु> घोंसला है , पर इंसान के बेटे के पास आराम करने के लिए कोई <यु>घर<यु> नहीं है I अगर तुम मेरी राह पे चलना कहते हो तो तुम वैसे ही रहोगे जैसे में रहता हूँ <यु>
* ... ये आपके मुक़ाबले में, फ़ैसले के दिन, टायर और सिदोन के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा I यहाँ मोतबर मालूमात यह है की , खुदा उन लोगो का सिर्फ फैसला ही नहीं करेगा पर उन्हें सजा भी देगा I यह एक वाजिह मालूमात हो सकती है I
* ... ये आपके मुक़ाबले में, <यु> फ़ैसले के दिन, u> टायर और सिदोन <यु> शहरों <यु> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा , जिनके लोग बहुत शदीद </यु> थे I
* फैसले के दिन , खुदा तुम्हे , टायर और सिदोन,ऐसे शहर जहाँ के लोग ज्यादा कबीस थे , से , ज्यादा शदीद <यु> सजा <यु> देगा I

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@ -45,7 +45,6 @@
1. नारैणों का इस्तिमाल करें जो मर्द और औरत दोनों के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
* **बेवक़ूफ़ / u> जैसे ही अक्लमंद आदमी भी मर जाता है** (कलीसिया2:16 यू एल टी )
* "अक्लमंद <यु> शख़्स <यु>व्वासे ही मर जाता है जैसे की बेवकूफ शख्स I
* “"अक्लमंद <यु> लोग <यु> वैसे ही मर जाते है जैसे की बेवकूफ शख्स मरते है .”

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@ -45,7 +45,6 @@
1. इस्म फिक्रेह में “ द “ का इस्तेमाल करें
* लोग उस <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I (मक्वाला 11:26 यू एल टी )
* " लोग उस <यु> वैसे आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I
1. इस्म फिक्रेह में “ किसी“ को “ किसी आदमी “ या “ कोई “ के लिए इस्तेमाल करें

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@ -15,4 +15,4 @@
* एक नाज़िर के दो हिस्से होते है : इस बात की मालूमात की किसने क्या कहा और किस शख्स ने क्या कहा I  [नाज़िर और इक़तिबास देखे](../writing-quotations/01.md))
* हवालाजात या तो बराह-ए-रास्त हवालाजात या ग़ैर मुस्तक़ीम हवालाजात हो सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [बराह-ए-रास्त और ग़ैर मुस्तक़ीम नाजीर](../figs-quotations/01.md))
* इक़तिबास उनके अंदर हवाला दे सकते हैं (मुलाहिज़ा करें [नाजीर के अंदर दर्जात](../figs-quotesinquotes/01.md))
* नाज़िर इसे निशानदेह करने में आसानी कर देता है की किसने क्या कहा ( देखे [ नाज़िर की निशानदेही ]( ../figs-quotemarks/01.md )
* नाज़िर इसे निशानदेह करने में आसानी कर देता है की किसने क्या कहा ( देखे [ नाज़िर की निशानदेही]( ../figs-quotemarks/01.md ))

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@ -36,7 +36,6 @@
* **मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u>**दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
* क्योंकि में आपको/> अलफ़ाज़ / u> दूंगा I
* **कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जो आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है** (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
* आपको ऐसे अंदाज़ में चलना चाहीए जो ख़ुदा के लायक़ है, जो आपको आपकी शानदार सलतनत / u> के लिए बुलाये
@ -44,7 +43,6 @@
* **मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u>**दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
* क्योंकि में आपको/> अलफ़ाज़ / u> दूंगा I
* **कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जिसने आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है** (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
* कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जिसने आपको <यु> उसकी<यु> बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है

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@ -58,10 +58,8 @@
* **इस वक़्त तमाम इसराईल दाऊद में हिब्रून में आया और कहा, "देखो, हम आपके गोश्त और हड्डी हैं. "** (1 तारीख़11: 1 यू एल टी )
* ... देखो, हम सब u> इसी मुल्क से ताल्लुक़ रखते हैं / u>.
* **वो यरूशलम जाना चाहता है** (लूका9: 51)
* उसने यरूशलेम के लिए सफ़र करना शुरू कर दिया, u> और वहां पहुँचने के लिए तेयेओन है / u>.
* **में इस काबिल नहीं हूँ की आप मेरे छत के <यु>नीचे <यु> आयें** ( लुक 7:6 यू एल टी )
में इस काबिल नहीं हूँ की आप मेरे घर के अन्दर <यु> आयें
@ -70,6 +68,5 @@
* **एन अल्फाजों को अपने कानो के भीतर जाने दो / u>** (लूका9:44 यू एल टी )
* <यु> इन अल्फाजों के लिए सारे कान बन जाओ जब में ये कहता हूँ I
* "मेरी <यु>आखें गम से धुंदली हो गयी है </यु> (प्साल्म 6:7 यू एल टी )
* में अपनी आखों को बहार करके रो रहा हूँ ( में बहुत दुखी हूँ )

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@ -55,10 +55,8 @@
* **साफ़ रहो** ( मथ्यु 8: 3 यू एल टी )
* ” अब आप साफ़ है .”
* ” मैंने तुम्हे साफ़ कर दिया है “
* खुदा ने कहा ,” <यु> वहां रौशनी होने दो,” और वहां रौशनी हो गयी ( जेनेसिस 1:3 यू एल टी )
* खुदा ने कहा ,” <यु> अब यहाँ रौशनी है,” और वहां रौशनी हो गयी I
* **खुदा ने उन्हें बरकत दी और कहा ,” <यु> तुम फूलो फलो <यु> और बढ़ो </यु> . ज़मीन को <यु> भर<यु> दो और <यु> तस्खीर <यु> करो I समुन्दर की मछलियों पे <यु> राज<यु> करो , आकाश के परिंदों पे और  हर ज़िंदा चीज़ पर जो ज़मीन पर चलता है ."** (जेनेसिस 1:3 ULT)"
* **खुदा ने उन्हें बरकत दी और कहा ,” <यु>में तुम्हारे लिए चाहता हूँ की तुम फूलो फलो <यु> और बढ़ो </यु> . ज़मीन को <यु> भर<यु> दो और <यु> तस्खीर <यु> करो I और में चाहता हूँ की तुम समुन्दर की मछलियों पे <यु> राज<यु> करो , आकाश के परिंदों पे और  हर ज़िंदा चीज़ पर जो ज़मीन पर चलता है ."**
@ -66,7 +64,6 @@
* **ख़ुदा ने कहा, "यहाँ रौशनी होने दो, और रोशनी थी** (पैदाइश1: 3 यू उल्टी )
* ख़ुदा ने कहा, 'रोशनी ना दो, तो / u> वहां रोशनी थी I
*
खुदा ने कहा ,” रौशनी होनी चाहिए </यु> और इसके नातिज़ं वह रौशनी थी I

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@ -58,10 +58,8 @@
>... तुम्हारे लिए यु> नेकी का फैसल यु> अच है I( प्साल्म 119 : 39 यू एल टी )
* ... आपके फैसले सही है <यु>क्योंकि <यु> आप नेक है I
* **क्या सारह <यु>जो की <यु> नब्बे साल का है उसे एक बेटा हो सकता है?** ( जेनेसिस 17:17 यू एल टी ) –यहाँ फिकरा की “ नब्बे साल का कौन है “ इस बात को याद दिअता है की सारह की उम्र क्या है ? ये बताता है की अब्राहम ये सवाल क्यों पुच रहा था I क्योंकि वो उम्मीद नहीं करता था की एक खातून जो की 90 साल की है बच्चा पैदा कर सकती है I
* " क्या सरह बच्चा पैदा कर सकई है <यु> चाहे वो <यु> नब्बे साल की ही क्यों ना हो ?”
* **में याह्वेह को बुलाऊंगा , <यु> जो काबिले तारीफ़ है <यु>...** ( 2 शमूएल यू एल टी ) याह्वेह सिर्फ एक है I यहाँ फिक्ररा “ जो काबिले तारीफ़ है “ याह्वेह को बुलाने की वजह देता है I
* " में याह्वेह को बुलाऊंगा , <यु> क्योंकि </यु> वो काबिले तारीफ़ है “

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@ -9,35 +9,19 @@
मुंदरजा बाला दर्ज जे़ल अलफ़ाज़ के मुख़्तलिफ़ किस्म के बयानात हैं अगर आप इज़ाफ़ी मालूमात चाहें तो रंग के लफ़्ज़ पर क्लिक करें ताकि इस सफ़े पर हिदायत की जाये जिसमें तारीफ़, मिसाल, और तक़रीर के हर आदाद-ओ-शुमार के लिए वीडीयोज़ शामिल हूँ
* **[अपोस्टरोपा](../figs-apostrophe/01.md)** - एक रिश्वत एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी स्पीकर को बराह-ए-रास्त किसी ऐसे शख़्स से पता चलता है जो वहां नहीं है, या किसी चीज़ से पता चलता है जो शख़्स नहीं है
* **[Doublet](../figs-doublet/01.md)** - एक दोपहर अलफ़ाज़ की एक जोड़ी या बहुत मुख़्तसर जुमले हैं जो इसी चीज़ का मतलब है और इसी जुमले में इस्तिमाल किया जाता है बाइबल में, अक्सर ख़्यालात पर-ज़ोर देने के लिए शेअर, पैशन गोई, और वाइज़ में दोपहर का इस्तिमाल होता है
* **[अख़लाक़ीयात](../figs-euphemism/01.md)** - एक शौक़ उल-शान नापसंदीदा या शर्मनाक चीज़ का हवाला देने का एक हल्का या पुतला रास्ता है इस का मक़सद ये है कि वो लोग जिनको सुनने या उसे पढ़ने से रोकने से बचें
* **[हैंड डैडीस](../figs-hendiadys/01.md)** - एक और ख़्याल में एक वाहिद ख़्याल " और "से मुंसलिक दो अलफ़ाज़ के साथ बयान किया जाता है जब एक लफ़्ज़ दूसरे में तरमीम करने के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
* **[Hyperbole](../figs-hyperbole/01.md)** - एक हाइपर बोबल एक जांबदार मुबालग़ा कारी है जो कुछ के बारे में स्पीकर की एहसास या राय को ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है
* **[अमेवम](../figs-idiom/01.md)** - एक महाज़ अलफ़ाज़ का एक गिरोह है जिसका मतलब ये है कि इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ के मअनी से किया फ़र्क़ होगा
* **[लोहाई](../figs-irony/01.md)** - लोहा एक तक़रीर का एक इशारा है जिसमें ये एहसास है कि स्पीकर बातचीत करना चाहता है असल में अलफ़ाज़ के लफ़्ज़ी मअनी के बरअक्स है
* **[लतटस](../figs-litotes/01.md)** - लताइफ़ एक वाज़िह इज़हार को नाराज़ करने की बिना पर किसी चीज़ के बारे में एक शदीद बयान है
* **[मरज़म](../figs-merism/01.md)** - मरज़म एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी शख़्स को कुछ हिस्सों की लिस्टिंग करके या उस के दो इंतिहाई हिस्सों की तरफ़ से कुछ करने की तरफ़ इशारा करता है
* **[Metaphor](../figs-metaphor/01.md)** - एक इसतार एक ऐसे आदाद-ओ-शुमार है जिसमें एक और, मुत्तफ़िक़ तसव्वुर की जगह एक तसव्वुर इस्तिमाल होता है ये सुनने को मदऊ करता है कि इस के बारे में सोचने वाले तसव्वुरात आम तौर पर क्या हो यही है, इस्ताफ़ार दो अलग अलग चीज़ों के दरमयान एक मुतवाज़िन मुक़ाबले है
* **[Metonymy](../figs-metonymy/01.md)** - Metonymy एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें किसी चीज़ या ख़्याल को अपने नाम से नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कुछ उस के नाम से जो इस से मुंसलिक है एक मअनी एक लफ़्ज़ या फ़िक़रा है जो उस के साथ मुंसलिक होता है इस के मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है
* **[मुतवाज़ी](../figs-parallelism/01.md)** - मुतवाज़ी तौर पर दो जुमले या अस्बाब जो साख़त या ख़्याल में मिलते-जुलते हैं ये तमाम इब्रानी इब्रानी बाइबल भर में पाया जाता है, जो आम तौर पर ज़बूरों और मुसल्लसों की किताबों की शायरी में है
* **[ज़ाती इत्तिला](../figs-personification/01.md)** - ज़ाती तौर पर एक ऐसी शख़्सियत है जिसमें एक ख़्याल या चीज़ जिसका इन्सान नहीं है, जैसा कि ये एक शख़्स था और वो चीज़ें कर सकते हैं जो लोग लोगों को करते हैं या उन लोगों को जो ख़सुसीआत रखते हैं
* **[पैशन गोई माज़ी](../figs-pastforfuture/01.md)** - पेशगोई माज़ी एक ऐसी शक्ल है जो कुछ ज़बान मुस्तक़बिल में होने वाले चीज़ों का हवाला देते हैं ये कभी कभी पेशगोई में किया जाता है कि ये ज़ाहिर होता है कि वाक़िया ज़रूर होगा
* **[बयान सवाल](../figs-rquestion/01.md)** - एक बयानात का एक सवाल ये है कि मालूमात हासिल करने के इलावा किसी चीज़ के लिए इस्तिमाल किया जाता है अक्सर ये मौज़ू या सुनने वाले की तरफ़ स्पीकर का रवैय्या ज़ाहिर करता है अक्सर उसे दुबारा मारने या ढेरने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, लेकिन कुछ ज़बानों में दीगर मक़ासिद भी हैं
* **[स्माइल](../figs-simile/01.md)** - एक समेली दो चीज़ों की एक मिसाल है जो आम तौर पर इसी तरह नहीं समझा जाता है ये एक मख़सूस ख़ासीयत पर तवज्जा मर्कूज़ करता है कि दो इश्याय आम तौर पर हैं, और इस में मुवाज़ना वाज़िह करने के लिए अलफ़ाज़ जैसे "जैसे "जैसे, या "से शामिल हैं
* **[Synecdoche](../figs-synecdoche/01.md)** - Synecdoche एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें1) किसी चीज़ का हिस्सा किसी चीज़ का हवाला करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, या2) पूरी चीज़ का नाम इस्तिमाल किया जाता है इस का सिर्फ एक हिस्सा का हवाला देते हैं

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@ -45,7 +45,6 @@
* **तुम अपनी रिवायतों के चलते ><u>खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो** </u>(Mark 7:9 ULT)
* <u> तुम सोचते हो कि तुमने खुदा के हुक्म को ठुकरा कर बहुत अच्छा किया</u> ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
* <u>तुम ऐसा करते हो जैसे खुदा के हुक्म को ठुकरा देना अच्छी बात है</u> ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
* **मैं बुलाने के लिए नहीं आया हूँ <u>नेक लोगों को</u> तौबा करने के लिए, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ.** (Luke 5:32 ULT)
* मैं बुलाने के लिए नहीं आया हूँ <u>उन लोगों को जो खुद को नेक समझते हैं</u> तौबा करने के लिए, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ.
@ -53,14 +52,10 @@
* **तुम अपनी रिवायतों के चलते ><u>खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो** </u>(Mark 7:9 ULT)
* <u>खुदा के हुक्म को ठुकरा कर तुम एक भयानक काम कर रहे हो</u> ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
* **”अपना दावा पेश करो,” यासयाह कहता है; “अपने बुतों के बदले मज़बूत दलीलें हाज़िर करो,” याकूब का बादशाह कहता है. <u> उन्हें हमारे सामने दलीलें पेश करने दो; उन्हें हमारे सामने लाओ और उन्हें बताने दो कि आगे क्या होने वाला है</u>, ताकि हम भी उन्हें अच्छी तरह समझ लें. <u>उन्हें आगे होने वाली बातें बताने दो, ताकि हम उन पर गौर करें और अंजाम को समझें</u>”** .(Isaiah 41:21-22 ULT)
* 'अपना दावा पेश करो, यासयाह कहता है; ‘अपने बुतों के बदले मज़बूत दलीलें हाज़िर करो, याकूब का बादशाह कहता है. तुम्हारे बुत <u> हमारे सामने अपनी दलीलें पेश नहीं कर सकते या हमारे सामने नहीं आ सकते यह बताने के लिए कि आगे क्या होने वाला है</u>, ताकि हम भी उन्हें अच्छी तरह समझ लें. हम उनसे कोई जवाब नहीं सुन सकते क्योंकि <u>वह बोल नहीं सकते</u>हमें यह बताने के लिए कि आगे क्या होने वाला है, ताकि हम उन पर गौर करें और अंजाम को समझें</u>” .(Isaiah 41:21-22 ULT)
* **क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो?**
* **क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो?**
* **<u> बिला शुबहा तुम जानते हो, कि तुम तब पैदा हुए थे; ;</u>**
* **<u>तुम्हारे दिनों की तादाद इतनी लम्बी है!</u>"** (Job 38:20, 21 ULT)
* क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो? क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो? <u> तुम ऐसा कर रहे हो मानो तुम जानते हो कि उजाले और अंधेरे को कैसे पैदा किया गया है, जैसे कि तुम वहां मौजूद थे; जैसे कि तुम्हारी उम्र उनसे भी ज्यादा है, लेकिन ऐसा नहीं है</u>!

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@ -36,7 +36,6 @@
* **आप अपने आपको जानते हैं, भाई, आपके पास आने वाले हमारे आपको बेकार नहीं था** (1 थसलनीकीयों2: 1 यू उल्टी
* "आप अपने आपको, भाईयों, आपके विज़िटर्ज़ का रिकार्ड रखा जाएगाu> बहुत अच्छा किया / u>."
* **जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान कोई छोटा सा हौसला-अफ़ज़ाई नहीं था, पीटर के साथ किया हुआ था** (आमाल12:18 यू उल्टी
* "जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान वहां बहुत बड़ा हौसला-अफ़ज़ाई हुआ था, जिसके बारे में पीटर हुआ था.
* "जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों ने पीटा हुआ किया हुआ था क्योंकि बहुत सारे लोग थे.

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@ -36,7 +36,6 @@ Merism एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार
* **मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन ..** (मति11:25 यू उल्टी
* मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, वालिद, रब का<सब कुछ / u> ...
* ** सूरज की बढ़ती हुई जगह से इस की तर्तीब में, ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ की जाये** (ज़बूर113: 3 यू उल्टी
*  तमाम मुक़ामात पर / u>، लोगों को ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ करना चाहीए
@ -44,7 +43,6 @@ Merism एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार
* **मैं आपकी पैरवी करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन** (मति11:25 यू उल्टी
* मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, वालिद, रब का<सब कुछ, िशम जन्नत में और ज़म पर है समेत
* **वो इस शख़्स को बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, दोनों u>नौजवान और पुराने / u>.** (ज़बूर115: 13 यू उल्टी
वो इन सबको बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, चाहे वो नौजवान या पुराने / u>हैं

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@ -160,7 +160,6 @@
* **ख़ुदावंद ही रहता है हो सकता है u>मेरी राक / u>तारीफ़ की जाये मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा** (ज़बूर18:46 यू उल्टी
* ख़ुदावंद ज़िंदा रहता है वो उस की तारीफ़ की जा सकती है क्योंकि वो पत्थर है जिसके तहत में अपने दुश्मनों से छिप सकता हूँ / u>. मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा
* **साओल, साओल, आप मुझे क्यों परेशान करते हो? आपके लिए मुश्किल है कि एक माला लेना / u>** (आमाल26:14 यू उल्टी
* साओल, साओल, आप मुझे क्यों तकलीफ़ देते हैं? आप u>मेरे ख़िलाफ़ लड़ें और अपने आपको एक ऐसे बैल की तरह तकलीफ़ दें जो उस के मालिक की निशानदेही की छड़ी के ख़िलाफ़ केक है

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@ -49,7 +49,6 @@
* **ख़ुदावंद ख़ुदा उसे उस के बाप, दाऊद का तख़्त तख़्ता देगा** (लूका1:32 यू उल्टी
* "ख़ुदावंद ख़ुदा उसे उस के वालिद, दाऊद की बादशाहत इख़तियार करेगा/ u>.
* "ख़ुदावंद ख़ुदा उस के मालिक, बादशाह दाऊद की तरह उसे बादशाह बनाएगा
* **जिसने आपको ग़ायब करने से ख़बरदार किया u>ग़ज़ब / u>؟** (लूका3: 7यू उल्टी
* "जिसने तुम्हें ख़ुदा के आने से फ़रार होने से मना किया है?

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@ -41,6 +41,5 @@
* **बदक़िस्मती का उश्र<ज़मीन मुल्कों में ज़मीन पर क़ाइल नहीं होना चाहीए** (ज़बूर125: 3 यू उल्टी
* बदसूरत के उश्र U>सालिह क़ौम / u>ज़मीन में हुकमरान नहीं होना चाहीए
* **मुबारक हो u>मक़्क / u> ...** (मति5: 5 यू उल्टी
* मुबारक हो u>लोग जो माईक हैं / u> ...

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@ -27,7 +27,6 @@
* **यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>चिराग़दान</u> पर रखते हो”।** (मरकुस 4:21 ULT) अगर लोग नहीं जानते के चिराग़दान क्या है, तो आप इसे किसी और चीज़ से मुतबादिल कर सकते हैं जिस पर लोग चिराग़ रखते हैं ताके यह घर को रोशन करे।
* यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>ऊँची ताक़</u> पर रखते हो”।
* फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश करके कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में <u>बो दिया</u>। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”। (मत्ती 13:31-32 ULT) बीज बोने का मतलब है उसे फेंकना ताके वो ज़मीन पर बिखर जाएँ। अगर लोग बुवाई से वाक़िफ़ नहीं हैं तो आप पौदे लगाने से मुतबादिल कर सकते है
* फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश करके कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में <u>लगाया</u>। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।
@ -35,6 +34,5 @@
* **<u>यिसू ने उनसे कहा</u>, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक <u>चिराग़दान</u> पर रखते हो”।** (मरकुस 4:21 ULT)
* <u>यिसू ने उनसे इस बाबत तम्सील कहा के उन्हें क्यों खुलकर गवाही देनी चाहिए।</u> “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक चिराग़दान पर रखते हो”। (मरकुस 4:21 ULT)
* **<u>फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश किया।</u> उसने कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।** (मत्ती 13:31-32 ULT)
* <u> फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने इस बाबत पेश किया के ख़ुदा की बादशाही किस तरह बढ़ती है।</u> उसने कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में <u>बो दिया</u>। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।

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@ -75,10 +75,8 @@
* **जब तक आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला** (जजिज़16:13، यू उल्टी - दलीला ने ये ख़्याल दो बार ज़ोर दिया कि वो बहुत परेशान हो
* "जब तक आपने मुझे अपने झूट से धोका दिया है.
* **ख़ुदावंद सब कुछ देखता है जो शख़्स किसी को करता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो लेता है** (इमसाल5:21 यू उल्टी - "तमाम रास्ते वो लेते हैं जिसका जुमला "वो सब करता है का एक इशारा है
* "ख़ुदावंद हर शख़्स को हर शख़्स पर तवज्जा देता है.
* **क्योंकि यहूवाह के लोगों के साथ एक मुक़द्दमा है, और वो इसराईल के ख़िलाफ़ अदालत में लड़ेगा** (मकाह6: 2 यू उल्टी - ये मुतवाज़ी एक संगीन इख़तिलाफ़ात की वज़ाहत करता है कि ख़ुदावंद ने लोगों के एक गिरोह के साथ किया था अगर ये वाज़िह नहीं है तो, जुमले को मुशतर्का किया जा सकता है
* "इसराईल के लिए इसराईल के लिए एक मुक़द्दमा है, इसराईल.
@ -91,6 +89,5 @@
* **आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला** (जजिज़16:13 यू उल्टी
* "आपने जो कुछ किया है वो मुझसे झूट बोलता है.
* **ख़ुदावंद हर चीज़ को देखता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो ले जाता है** (इमसाल5:21 यू उल्टी
* "ख़ुदावंद बिलकुल सब कुछ देखता है जो किसी शख़्स को करता है.

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@ -2,9 +2,9 @@
तक़रीर के हिस्सों अलफ़ाज़ की इक़साम हैं अलफ़ाज़ की मुख़्तलिफ़ इक़साम को एक जुमले में मुख़्तलिफ़ अफ़आल हैं तमाम ज़बानों में तक़रीर के हिस्से हैं, और ज़बान में तमाम अलफ़ाज़ तक़रीर के एक हिस्से से ताल्लुक़ रखते हैं ज़्यादा से ज़्यादा ज़बानें बोलने वाले के बुनियादी हिस्सों में हैं, कुछ मुख़्तलिफ़ हालतों के साथ, और कुछ ज़बानें इस से ज़्यादा इक़साम हैं ये तक़रीर के मुख़्तलिफ़ हिस्सों की एक मुकम्मल फ़हरिस्त नहीं है, लेकिन ये बुनियादी इक़साम को शामिल करता है
** VERBS ** वो अलफ़ाज़ हैं जो किसी भी कार्रवाई का इज़हार करते हैं (मसला आते हैं, जाना, खाते हैं या एक रियासत की हैसियत (जैसे कि, किया, था) मज़ीद अलफ़ाज़ पर Verbs](../figs-verbs/01.md) पर पाया जा सकता है
**VERBS** वो अलफ़ाज़ हैं जो किसी भी कार्रवाई का इज़हार करते हैं (मसला आते हैं, जाना, खाते हैं या एक रियासत की हैसियत (जैसे कि, किया, था) मज़ीद अलफ़ाज़ पर [Verbs](../figs-verbs/01.md) पर पाया जा सकता है
** नोंस ** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल की नुमाइंदगी करते हैं आम नामा आम हैं, ये है कि, वो किसी मख़सूस इदारे (आदमी, शहर, मलिक का हवाला नहीं देते हैं नाम, या मुनासिब मअनी, एक मख़सूस इदारे का हवाला देते हैं (पीटर, यरूशलेम, मिस्र) (मज़ीद मालूमात के लिए देखें [नामों का तर्जुमा कैसे करें (../translate-names/01.md).
**नोंस** ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल की नुमाइंदगी करते हैं आम नामा आम हैं, ये है कि, वो किसी मख़सूस इदारे (आदमी, शहर, मलिक का हवाला नहीं देते हैं नाम, या मुनासिब मअनी, एक मख़सूस इदारे का हवाला देते हैं (पीटर, यरूशलेम, मिस्र) (मज़ीद मालूमात के लिए देखें [नामों का तर्जुमा कैसे करें](../translate-names/01.md).
**PRONOUNS** इस्मों की जगह ले लू और इस तरह के अलफ़ाज़ में शामिल हैं, वो, वो, ये, आप, वो, और हम pronouns पर मज़ीद तफ़सीली सफ़हात [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पर पाया जा सकता है

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@ -101,18 +101,15 @@
* **... जो भी आपको<यू एक देत है उसे ने के ि .. इस अज्र नह ा** (र्क9:41 यू उल्ट
* ... जो भी आपको देता है u>एक कप है कि * इस में पानी है / u>पीने के लिए .. इस का अज्र खू नहीं करेगा
* **ग़रीब का दिन / u>** पर ग़ैर महिदूद है (इमसाल11: 4 यू उल्टी
* दौलत इस क़दर बेरोज़गारी है कि जिस दिन ख़ुदा अपने ग़ज़ब से ज़ाहिर होता है
* दौलत पर बेरोज़गारी बेरोज़गारी है जब ख़ुदा * इस के ग़ज़ब के सबब * लोगों को सज़ा देता है
1. अगर एक असैंबली में एक वाक़िया का ज़िक्र होता है, तो उसे फे़अल के तौर पर तर्जुमा करें जे़ल में मिसाल के तौर पर, ये फे़अल बोल्ड में है
* ** याद रखें कि मैं आपके बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ, जो आपके ख़ुदा के ख़ुदा की सज़ा नहीं जानता या नहीं देखा है * ** (Deuteronomy 11: 2 ULT)
* **याद रखें कि मैं आपके बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ, जो आपके ख़ुदा के ख़ुदा की सज़ा नहीं जानता या नहीं देखा है** (Deuteronomy 11: 2 ULT)
* याद रखें कि मैं अपने बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ जो नहीं जानता या नहीं देखा u>आपके ख़ुदा की किस तरह * सज़ा दी * मिस्र के लोगों
* **आप सिर्फ शैतानों की सज़ा देखेंगे और देखेंगे** (ज़बूर91: 8 यू उल्टी
* आप सिर्फ मुशाहिदा करेंगे और देखेंगे कि यहूवाह ख़ुदा की शरीयत * किस तरह सज़ा देता है
* **... आपको रूहुल-क़ुदुस की तोहफ़ा / u>मिल जाएगा** (आमाल2:38 यू उल्टी
* ... आपको रूहुल-क़ुदुस मिलेगा, जिसे ख़ुदा करेगा आपको दे

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@ -25,7 +25,6 @@
>फ़रीसयों से पूछा जा रहा है कि जब ख़ुदा की बादशाही आयेंगी तो यसवा ने जवाब दिया और कहा, "ख़ुदा की बादशाही ऐसी चीज़ नहीं है जिसे देखा जा सकता है ना वो कहेंगे, 'देखो देखो! या, 'देखो! क्योंकि ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमयान है " (लूका17: 20-21 यू उल्टी
* ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला फ़रीसयों से पूछा जा रहा है कि जब ख़ुदा की बादशाही आएगी तो / u>
*
* बराह-ए-रास्त इक़तिबास यसवा ने उनसे जवाब दिया और कहा, "आपके ख़ुदा की बादशाही ऐसी चीज़ नहीं है जिसे मुशाहिदा किया जा सकता है ना ही वो कहते हैं, 'देखो! या, 'देखो! क्योंकि ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमयान है "
* बराह-ए-रास्त हवालाजात ना वो कहेंगेu>यहां देखो 'या, 'u>वहां देखो '
@ -41,7 +40,6 @@
1. अगर बराह-ए-रास्त इक़तिबास आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा, तो उसे ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबास में तबदील करें
* **उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को ना बताए, लेकिन इस से कहा, "आप अपने रास्ते पर जाएं और अपने आपको इमाम के सामने पेश करें और आपकी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करो "** (लूका5:14 यू उल्टी
* उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को नहीं बल्कि उस के पास जाने के ले-ए-और अपने आपको पादरी को पेश करने और अपनी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करने के लिए, मौसी के हुक्म के मुताबिक़ उनकी गवाही के ले-ए-/ u> . "
1. अगर एक ग़ैर मुस्तक़ीम लफ़्ज़ आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा तो, बराह-ए-रास्त इक़तिबास में तबदील करें

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@ -53,6 +53,5 @@
* **फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “मैंने बनी-इस्राएल का बड़बड़ाना सुन लिया है। उनसे कह दे, ‘शाम को तुम गोश्त खाओगे, और सुबह को तुम रोटी से सेर होगे। तब तुम जान लोगे के मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।’ ”** (ख़ुरूज 16:11-12 ULT)
* फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “मैंने बनी-इस्राएल का बड़बड़ाना सुन लिया है। उनसे कह दे <u>के</u> शाम को <u>वो</u> गोश्त खाएंगे, और सुबह को <u>वो</u> रोटी से सेर होंगे। तब <u>वो</u> जान लेंगे के मैं ख़ुदावन्द <u>उनका</u> ख़ुदा हूँ।”
* **उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ”** (2 सलातीन 1:6 ULT)
* उन्होंने उससे कहा <u>के</u> एक शख्स <u>उनसे</u> मिलने को आया और <u>उनसे</u> कहने लगा, “उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो <u>के</u> ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ”

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@ -48,7 +48,6 @@
* **अगर मैं ख़ुद u>ख़ुद / u>के बारे में गवाही देना चाहूँ तो, मेरी गवाही सच्च नहीं होगी** (यूहना5:31)
* "अगर मुझे अकेले ख़ुद को गवाही देना चाहिए तो मेरी गवाही सच्च नहीं होगी.
* **अब यहूदीयों के फ़ुसह के क़रीब था, और फ़ुसह से पहले बहुत से लोग यरूशलेम के पास जा कर अपने आपको पाक करने के लिए गए थे** (यूहना11:55)
* "अब यहूदीयों के फ़ुसह के क़रीब था, और बहुत से फ़ुसह से पहले बहुत से मुल्क यरूशलेम के पास गए और ख़ुद को पाक करने के लिए.
@ -56,8 +55,7 @@
* ** उन्होंने ख़ुद को बीमार किया और हमारी बीमारीयों को बर्दाश्त किया** (मति8:17 यू उल्टी
* " ये वही था जो / u>हमारी बीमारी को ले ली और हमारी बीमारीयों को बर्दाश्त कर ली.
* ** यसवा ख़ुद / u>बपतिस्मा देने वाला नहीं था, लेकिन इस के शागिर्द थे * ** (यूहना4: 2)
* ** यसवा ख़ुद / u>बपतिस्मा देने वाला नहीं था, लेकिन इस के शागिर्द थे** (यूहना4: 2)
* " ये यसवा नहीं था जो / u>बपतिस्मा देने वाला था, लेकिन इस के शागिर्द थे.
1. कुछ ज़बानों में लोग किसी मख़सूस शख़्स या चीज़ को इस लफ़्ज़ में कुछ भी शामिल करके या उस के साथ किसी दूसरे लफ़्ज़ पर-ज़ोर देते हैं अंग्रेज़ी में रीफ़ेक्साईओ पैरौ वन शामिल है

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@ -67,7 +67,6 @@
* ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हनों को भूल जाये? / u>अभी तक मेरे लोगों ने मुझसे बेशुमार दिनों को भूल दिया है** (यरमयाह2:32 ULT)
* क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस के पर्दे की एक दुल्हन होगी? u>बिलकुल नहीं अभी तक मेरे लोगों ने मुझे बग़ैर किसी भी दिन के लिए भूल दिया है
* या आप में से किया आदमी है, जो इस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है, उसे एक पत्थर देगा (मति7: 9 यू उल्टी
* या आप में से कौन आदमी है, जो इस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है, उसे एक पत्थर देगाu>आप में से कोई ऐसा नहीं करेगा/ u>
@ -75,13 +74,10 @@
* ** ख़ुदा की बादशाही कैसा है, और में इस की क्या मुवाज़ना करसकता हूँ / u>ये एक सरवां बीज की तरह है ..** (लूका13: 18-19 यू उल्टी
*  ये वही है जो ख़ुदा की बादशाही की तरह है ये एक सरवां बीज की तरह है .. "
* ** क्या ये है कि आप किस तरह ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन करते हैं? / u>** (आमाल23: 4 यू उल्टी
*  आपको ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन नहीं करना चाहीए / u>
* ** जब मैंने पेट से बाहर निकाला तो मैं क्यों नहीं मरता? / u>** (मुलाज़मत3:11 यू उल्टी
*  ख़ाहिश है कि जब मैंने पैदाइश से बाहर निकाला तो मैं मर गया
* ** और ये मेरे साथ क्यों हुआ है कि मेरे रब की माँ मेरे पास आए? / u>** (लूका1:43 यू उल्टी
*  ये कितनी हैरत-अंगेज़ है कि मेरे रब की माँ मेरे पास आई है
@ -95,7 +91,6 @@
* **या u>आपके दरमयान कौन सा आदमी है जो / u>، अगर उस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है तो u>उसे उसे पत्थर देगा/ u>** (मति7: 9 यू उल्टी
* अगर आपका बेटा आपकी रोटी के लिए आपसे पूछता है तो u>आप उसे एक पत्थर देगा/ u>؟
* ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हन की एक दुल्हन / u>؟ फिर भी मेरे लोगों ने मुझे बग़ैर किसी दिन भूल दिया है** (यरमयाह2:32यू उल्टी
इस कुँवारी ने इस के जे़वरात को भूल जाएगा, और इस की दुल्हन को कौन सी दुल्हन भूल जाएगी? अभी तक मेरे झगड़े मुझे बग़ैर दिन के लिए भूल गए हैं

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@ -7,7 +7,6 @@
#### मज़मून
* **मौज़ू** वो कौन है या जिसकी सज़ा है इन मिसालों में, मौज़ू पर-ज़ोर दिया गया है
*  लड़का / u> चल रहा है
*  वो / u> चल रहा है

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@ -47,7 +47,6 @@
* **देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>** (मति10:16 यू उल्टी - ये इस ख़तरे का मुवाज़ना करता है कि यसवा के शागिर्द इस ख़तरे के साथ होंगे जो भेड़ हैं जब वो भेड़ीयों से घेरे हुए हैं
* मुलाहिज़ा करें, में आपको बदतरीन लोगों के दरमयान / u>भेजता हूँ और आप उनसे ख़तरा होंगे क्योंकि वो भेड़ीयों में मौजूद हैं जैसे भेड़ों भेड़ों में हैं
* **ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और तेज़ है किसी भी दो तरफ़ा तलवार से** (इब्रानियों4:12 यू उल्टी
* ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और बहुत तेज़ दो तरफ़ा तलवार से ज़्यादा ताक़तवर है / u>
@ -55,10 +54,8 @@
* **देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>،** (मति10:16यू उल्टी - अगर लोग नहीं जानते हैं कि भीड़ और भेड़ीयों के हैं, या भेड़ीयों को मारे जाऐंगे भेड़ों को खाओ, आप दूसरे जानवरों को इस्तिमाल कर सकते हैं जो किसी दूसरे को मारते हैं
* मुलाहिज़ा करें, मैं तुम्हें बाहर भेजता हूँ<>जंगली कुत्तों के दरमयान मुर्गी के तौर पर / u>
* **मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया * ** (मति23:37 यू उल्टी
* मैं कितनी बार आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करना चाहता हूँ, u>माँ की हैसियत से अपने बच्चों को क़रीबी देखता है, लेकिन आपने इनकार कर दिया
* **अगर आपके पास कुछ भी छोटा सा<र सरसों के अनाज के तौर पर है,** (मति17: 20)
* अगर आपको छोटे u>छोटे बीज के तौर पर भी यक़ीन है तो / u>
@ -66,6 +63,5 @@
* **मुलाहिज़ा करें, में आपको भेजा u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>،** (मति10:16यू उल्टी
* देखें, में आपको भेजता हूँ और u>लोग आपको नुक़्सान पहुंचाना चाहते हैं / u>.
* ** मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया * ** (मति23:37 यू उल्टी
* **मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया** (मति23:37 यू उल्टी
* मैं कितनी बार आप u>की हिफ़ाज़त करना चाहता हूँ / u>، लेकिन आपने इनकार कर दिया

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@ -31,9 +31,7 @@
* " मेरी रूह / u>परवरदिगार. (लूका1:46 यू उल्टी
* " में / u>रब को बढ़ाना.
* **... फ़रीसयों ने इस से कहा** (मर्कूज़2:24 यू उल्टी
* ... फ़रीसयों के एक नुमाइंदा ने उसे बताया ..
* **... मैंने इन तमाम कामों को देखा जो आपने अपने हाथों को पूरा किया ..** (कलीसिया2: 11 यू उल्टी
* मैंने इस कामों को देखा जो u>मैंने/ u>मुकम्मल किया था

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@ -61,6 +61,5 @@
* ... अभी तक तुमने मुझे <यु> धोखा <यु> दिया और <यु>झूठ बोला <यु> -(जजेस 16:13, यू एल टी )
* <u> तुमने </यु> सिर्फ मुझसे झूठ बोलेन है I
* **याह्वेह <यु> वह सब कुछ देखता है जो लोग करतें है <यु> और <यु> जो रस्ते चुनते है** ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
* याह्वेह <यु> सब </यु> कुछ देखता है की एक इंसान क्या कर रहा है I

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@ -1,6 +1,6 @@
एक , दो या अदद
कुछ ज़बानों में "आप के लिए एक से ज़्यादा लफ़्ज़ है, इस पर मबनी है कि "आप का लफ़्ज़ कितना हवाला देते हैं ** वाहिद * फ़ार्म एक शख़्स से मुराद है, और * ** एक से ज़्यादा अफ़राद को हवाला देता है कुछ ज़बानों में * डबल * फ़ार्म है जिसमें दो अफ़राद की तरफ़ इशारा है, और बाअज़ ऐसे दूसरे फ़ार्म हैं जो तीन या चार लोगों से इशारा करते हैं I
कुछ ज़बानों में "आप के लिए एक से ज़्यादा लफ़्ज़ है, इस पर मबनी है कि "आप का लफ़्ज़ कितना हवाला देते हैं **वाहिद फ़ार्म एक शख़्स से मुराद है, और** एक से ज़्यादा अफ़राद को हवाला देता है कुछ ज़बानों में * डबल * फ़ार्म है जिसमें दो अफ़राद की तरफ़ इशारा है, और बाअज़ ऐसे दूसरे फ़ार्म हैं जो तीन या चार लोगों से इशारा करते हैं I
आपhttp://ufw.io/figs_younum पर वीडीयो देख

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@ -39,7 +39,6 @@
1. मुक़र्ररीन के दरमयान ताल्लुक़ात पर तवज्जा दे
*
* क्या एक तक़रीर करने वाला दुसरे से उम्र में बड़ा है ?
* क्या तक़रीर करना वाले के रिश्तेदार, दोस्त , अजनबी या दुश्मन है ?

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@ -8,14 +8,14 @@
यू ऐस एफ़ ऐम एक किस्म की मार्क अप ज़बान है जो कम्पयूटर प्रोग्राम को मतन की शक्ल में बताती है I मिसाल के तौर पर, हर बाब एस सी सी या सी 33 की तरह निशान लगा दिया गया है. आयात मारकर शायद वी 8 या वी 14 की तरह नज़र आसकते हैं. पैराग्राफ़ निशान \ p लगा दिया गया है I इस तरह के बहुत से दूसरे मारकरों के ऐसे मख़सूस मअनी होते हैं Iतो यू ऐस एफ़ ऐम में जान 1: 1-2 की तरह एक मंज़ूरी इस तरह नज़र आएगी I
\c 1
\p
\v 1 शुरुआत में एक लफ्ज़ था , और वो लफ्ज़ खुदा के साथ था , और लफ्ज़ खुदा था I
\v 2 ये लफ्ज़ शुरू में खुदा के साथ था I
c 1
p
v 1 शुरुआत में एक लफ्ज़ था , और वो लफ्ज़ खुदा के साथ था , और लफ्ज़ खुदा था I
v 2 ये लफ्ज़ शुरू में खुदा के साथ था I
जब एक computer प्रोग्राम , यू ऐस एफ़ ऐम  पढ़ पता है , तोह वो सारे बाब को तरतीब उसी तरह से कर पता है ( जैसे की बड़े अदाद के साथ ) और आयत के सभी अदाद एक तरीके से होते है ( जैसे की छोटे आतिया अदाद )
*** बाइबल तर्जुमाओं को इस के इस्तिमाल के काबिल होने के लिए हमारे लिए यू ऐस एफ़ ऐम में होना ज़रूरी है ***
* **बाइबल तर्जुमाओं को इस के इस्तिमाल के काबिल होने के लिए हमारे लिए यू ऐस एफ़ ऐम में होना ज़रूरी है**
USFM की इत्तिला के बारे में मज़ीद पढ़ने के लिए,http://paratext.org/about/usfm पढ़ीं

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@ -45,4 +45,4 @@
१. अगर तुम्हारी ज़बान में “बेटे” के लिए एक से ज्यादा अल्फाज़ आहें तो जो “इकलौता बेटा” के सबसे करीब का अल्फाज़ हो उसे इस्तमाल करें (या “पहला बेटा” अगर ज़रुरत पड़े तो).
१. अगर तुम्हारी ज़बान में “बाप” के लिए एक से ज्यादा अल्फाज़ आहें तो जो “पैदाएशी बाप” के सबसे करीब का अल्फाज़ हो उसे इस्तमाल करें, ना के “ले पालू बाप.”
(देखें *खुदा एक बाप* और *खुदा एक बेटा* सफहों में[ट्रांसलेशनवर्ड्स]( https://unfoldingword.bible/ tw/“बाप” और “बेटे” के तरजुमे की मदद के लिए.)
(देखें *खुदा एक बाप* और *खुदा एक बेटा* सफहों में[ट्रांसलेशनवर्ड्स]( https://unfoldingword.bible/ tw/“बाप” और “बेटे” के तरजुमे की मदद के लिए.))

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@ -19,10 +19,8 @@
1. एक या ज़्यादा बिरादरी के अराकीन को बाइबल बाब का मुकम्मल तर्जुमा पढ़े |
1. सुनने वालों को इस तर्जुमा से सवालात का जवाब देना और बाइबल के दीगर तर्जुमाओं से किया जानने के ले-ए-जवाब देने का जवाब ना दें. ये तर्जुमा का एक टैस्ट है, ना लोगों के. इस की वजह से, बाइबल को अच्छी तरह से मालूम नहीं करने वालों के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल बहुत मुफ़ीद है.
1. सैक्शन को "सवालात" कहा जाता है.
1. इस बाब के लिए पहला सवाल इंदिराज पढ़े
1. सवाल का जवाब देने के लिए कम्यूनिटी के अरकान से पूछें. सिर्फ तर्जुमा से जवाब के बारे में सोचने के लिए याद रखें.
1. जवाब ज़ाहिर करने के लिए सवाल पर क्लिक करें. अगर कम्यूनिटी के रुकन का जवाब जवाब में बहुत ही इसी तरह है, तो तर्जुमा वाज़िह तौर पर सही बातचीत कर रहा है. अगर शख़्स सवाल या जवाबात ग़लत तौर पर जवाब नहीं दे सकता तो, तर्जुमा शायद अच्छी तरह से बातचीत नहीं की जा सकती और उसे तबदील करने की ज़रूरत हो सकती है |
1.  बाब के लिए बाक़ी सवालात के साथ जारी रखे |

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@ -15,9 +15,7 @@
तर्जुमा नोट में बहुत से मुख़्तलिफ़ किस्म के नोट हैं. हर किस्म का नोट मुख़्तलिफ़ तरीक़े से वज़ाहत करता है. नोट की क़सम को जानने वाला मुतर्जिम की मदद करेगा बाइबल मतनको अपनी ज़बान में तर्जुमा करने का बेहतरीन तरीक़ा पर फ़ैसला करे.
* **[तारीफ़ात के साथ नोट्स](../resources-def/01.md)** - कभी कभी तुम नहीं जानते हो कि युएलटी में क्या लफ़्ज है. अलफ़ाज़ या जुमले की सादा तारीफ़ें बग़ैर हवाला या जमहूरीयत की शक्ल के बग़ैर शामिल है |
* **[नोट्स बयान करते हैं](../resources-eplain/01.md)** - अलफ़ाज़ या जुमले के बारे में सादा वज़ाहतें जमली शक्ल में हैं.
* **नोट कि तजवीज़ करने के दूसरे तरीक़े** - तजवीज़ करें क्योंकि क्योंकि इन नोट्ससों के बहुत से मुख़्तलिफ़ क़िस्म हैं, उन्हें जे़ल में मज़ीद तफ़सील से बयान किया जाता है.
#### तजवीज़ करदा तर्जुमा
@ -25,17 +23,10 @@
तजवीज़ करदा तर्जुमा की कई इक़साम है
* **[हम-आहंगी और मुसावात के साथ नोट्स](../resources-synequi/01.md)** - बाज़-औक़ात नोटों का तर्जुमा तजवीज़ फ़राहम करता है जो युएलटी मैं लफ़्ज या जुमले तबदील करसकता है. ये मुतबादिलसज़ा के मअनी को तबदील करने के बग़ैर सज़ा में फिट हो सकता है. ये हम-आहंगी और मुसाव जुमले हैं और दोहरी हवालाजात में लिखा जाता है. इस का मतलब युएलटी मैं मतन के तौर पर है .
* **[मुतबादिल तर्जुमे के साथ नोट्स (एटी)](../resources-alter/01.md)** - एक मुतबादिल तर्जुमा युएलटी  के फ़ार्म या मवाद में तजवीज़ करदा तबदील है क्योंकि हदफ़ ज़बान मुख़्तलिफ़ शक्ल को तर्जीह दे सकती है. मुतबादिल तर्जुमा सिर्फ उस वक़्त इस्तिमाल करना चाहीए जब युएलटी फ़ार्म या मवाद आपकी ज़बान में सही या क़ुदरती नहीं है
* **[नोट है कि युएसटी तर्जुमा की वज़ाहत करें](../resources-clarify/01.md)** - जब युएसटी युएलटी के लिए एक अच्छा मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम करता है, तो वहां हो सकता है कि कोई मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम ना करें. ताहम, मौक़ा पर नोट एक युएसटी इससे मतन को मुतबादिल तर्जुमा के तौर पर पेश करेगा. इस सूरत में, नोट युएसटी से मतन के बाद "( युएसटी )"
* **[नोटों में मुतबादिल  मअनी हैं](../resources-alterm/01.md)** - कुछ नोट मुतबादिल ज़रीया फ़राहम करती हैं जब एक लफ़्ज या फ़िक़रा एक से ज़्यादा तरीक़े से समझा जा सकता है. जब ये होता है, नोट सबसे पहले मुम्किना मअनी रखता है
* **[काबिल-ए-ज़िक्र या मुम्किना मअनी के साथ](../resources-porp/01.md)** - कभी कभी बाइबल के आलमगीर इस बात का यक़ीन नहीं जानते हैं, या इस बात पर मुत्तफ़िक़ नहीं हैं कि बाइबल में किसी ख़ास जुमल या सज़ा का मतलब है. इस में से बाअज़ वजूहात में शामिल हैं: क़दीम बाइबल के मतन में मामूली इख़तिलाफ़ात हैं, या एक लफ़्ज में से एक से ज़्यादा मअनी हो या इस्तिमाल हो सकते हैं, या शायद ये बात वाज़िह नहीं हो सकती कि ये लफ़्ज(जैसे एक ज़ात) एक मख़सूस फ़िक़रा में बयान करता है. इस सूरत में, नोट सबसे ज़्यादा मुम्किना मअनी देगा, या बहुत से मअनी मअनी देगा
* **[नोट कि बयान के आदाद-ओ-शुमार की निशानदेही करें](../resources-fofs/01.md)** - जब यू उल्टी मतन में तक़रीर का एक शक्ल है, तो नोट इस बयान की वज़ाहत करेगी कि इस बात की शनाख़ती शक्ल कैसे की जाएगी. कभी कभी एक मुतबादिल तर्जुमा (एटी:) फ़राहम की जाती है. तर्जुमा अकैडमी का इज़ाफ़ा मालूमात और मुतर्जिम की मदद करने के लिए तर्जुमे की हिक्मत-ए-अमली के लिए भी एक लिंक होगा जिसमें दरुस्त तरीक़े से इस किस्म की तक़रीरकी शनाख़्त का तर्जुमा करें
* **[याद रखें कि ग़ैर मुस्तक़ीम और बराह-ए-रास्त कोट की शनाख़्त](../resources-iordquote/01.md)** - दो किस्म के कोटेशंज़ हैं: बराह-ए-रास्त कोटेशन और ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन. एक कोटेशन का तर्जुमा करते वक़्त, मित्र जमीन को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि उसे बराह-ए-रास्त कोटेशन या ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन के तौर पर तर्जुमा किया जाये. ये नोट्स मुतर्जिम को इस इंतिख़ाब को इंतिबाह करेगी जो बनाए जाने की ज़रूरत है
* **[लॉंग युएलटी के जुमले के लिए नोट्स](../resources-long/01.md)** - कभी कभी ऐसे ऐसे नोटिस मौजूद हैं जो एक फ़िक़रा और अलैहद नोटिसों का हवाला देते हैं जो इस फ़िक़रा के हुसूल का हवाला देते हैं. इस सूरत में, बड़े फ़िक़रा का नोट पहला है, और इस के छोटे हिस्सों के लिए नोट बाद में अमल की जाती है. इस तरह, नोटों को हर एक हिस्सा के साथ साथ तर्जुमा की तजावीज़ या तशरीहात भी फ़राहम कर सकते है |

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@ -43,7 +43,6 @@
* माफ़ी (उस शख़्स से नफ़रत ना करो और इस पर ग़ुस्सा  ना करो कुछ नुक़्सान पहुंचा)
*  नजात (बुराई, दुश्मनों, या ख़तरे से बचाया जा रहा है
* छुटकारा (उस चीज़ को वापिस ख़रीदने का एक फे़अल जो पहले ही मिल्कियत था या जो क़ैदी पर मुश्तमिल था)
* रहमत (मदद करने वाले अफ़राद की मदद)
* फ़ज़ल (उस की मदद या इस सिलसिले में जो किसी शख़्स को दिया गया है जिसने उसे हासिल नहीं किया है)

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@ -24,7 +24,7 @@
#### सरफ़ीह
एक लफ्ज़ या किसी लफ्ज़ का हिस्सा जिसका कोई मानी हो और उसका कोई छोटा हिस्सा नहीं हो जिसका कोई मानी हो। (मिशाल के तौर पर, “syllable” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं, मगर सिर्फ़ 1 सरफ़ीह, जबके “syllables” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं और दो सरफ़ीह (syl-lab-le-**स**). (आख़िरी “s” एक सरफ़ीह है जिसके मानी है जमा”।)
एक लफ्ज़ या किसी लफ्ज़ का हिस्सा जिसका कोई मानी हो और उसका कोई छोटा हिस्सा नहीं हो जिसका कोई मानी हो। (मिशाल के तौर पर, “syllable” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं, मगर सिर्फ़ 1 सरफ़ीह, जबके “syllables” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं और दो सरफ़ीह (syl-lab-le-**स**). (आख़िरी “s” एक सरफ़ीह है जिसके मानी है जमा”।))
### हरकात ए लफ्ज़ किस तरह अल्फ़ाज़ बनाते हैं

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@ -38,7 +38,7 @@
ज़बूर से पहले एक मिसाल है 3. कुछ बाइबल ज़बूर के आग़ाज़ में एक आयत के तौर पर वज़ाहत नहीं करते हैं, और दूसरें उसे आयत के तौर पर निशान ज़िद करते हैं. आप आयात नंबर को अपने दूसरे बाइबल के तौर पर निशान ज़िद कर सकते हैं.
*** दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया. ***
* ** दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया.**
<sup>1</sup> **ख़ुदावंद, मेरे दुश्मन कितने है**

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@ -18,7 +18,7 @@
**तारीफ़** - लंबी डैश (-)) मुतआरिफ़ कराने वाले मालूमात को फ़ौरी तौर पर इस से मुताल्लिक़ किया जा सकता है . मिसाल के तौर पर:
> फिर दो आदमी मैदान में होंगे ** - ** एक को ले जाया जाएगा, और एक पीछे रह जाएगा. दो ख़वातीन एक मिल के साथ पीसने लगेगी ** ** एक को ले जाया जाएगा, और एक को छोड़ दिया जाएगा. पस तुम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट जाओगे क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा रब क्या दिन आएगा (मति 24: 40-41 युएलटी )
> फिर दो आदमी मैदान में होंगे **-** एक को ले जाया जाएगा, और एक पीछे रह जाएगा. दो ख़वातीन एक मिल के साथ पीसने लगेगी एक को ले जाया जाएगा, और एक को छोड़ दिया जाएगा. पस तुम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट जाओगे क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा रब क्या दिन आएगा (मति 24: 40-41 युएलटी )
#### पीरनटीकस

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@ -53,7 +53,6 @@
* **<u>तिहाई</u> समुन्दर ख़ून की मानिन्द लाल हो गया** (मुकाश्फ़ा 8:8 ULT)
* यह ऐसा था के उन्होंने समुन्दर को <u>तीन हिस्सों में</u> <u>तक़सीम</u> किया, और समुन्दर का <u>एक हिस्सा</u> ख़ून हो गया।
* तू उस बछड़े के साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर ऐफ़ा के <u>तीन दहाई हिस्से</u> के बराबर मैदा जिसमें <u>निस्फ़ हीन</u> के बराबर तेल मिला हुआ हो चढ़ाए। (गिनती 15:9 ULT)
* ...तो तू एक ऐफ़ा मैदे को <u>दस हिस्सों में</u> <u>तक़सीम</u> कर और तेल के एक हीन को <u>दो हिस्सों में</u>तक़सीम</u> कर। फिर मैदे के <u>उन तीनों हिस्सों को</u> तेल के <u>उस एक हिस्से</u> के साथ मिलाना। तब तू उस बछड़े के साथ नज़्र की क़ुर्बानी चढ़ाना।
@ -61,7 +60,6 @@
* **<u>एक मिस्काल की दो तिहाई</u>** (1 समुएल 13:21 ULT)
* <u>आठ ग्राम</u> चाँदी (1 समुएल 13:21 UST)
* **<u>एफ़ा का तीन दहाई हिस्सा</u> मैदा <u>निस्फ़ हीन</u> तेल के साथ मिला हुआ।** (गिनती 15:9 ULT)
* <u>साढ़े छः लीटर</u> मैदा <u>दो लीटर</u> जैतून के तेल के साथ मिला हुआ। (गिनती 15:9 UST)

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@ -76,7 +76,6 @@
* ...<u> पाल</u> नामी एक जवान आदमी<sup>1</sup>
* फूटेज की तरह नज़र आएगा:
* <sup>[1]</sup>ज़्यादा से ज़्यादा वर्ज़न साओल कहते हैं, लेकिन बाइबल में ज़्यादा-तर वक़्त वो पाल कहते है |
* **लेकिन <u>साओल</u>, जो भी <u> पाल </u> कहा जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था** (आमाल 13: 9)
* लेकिन <u>साओल</u>, जो भी <u>पाल</u> बोला जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भर गया;
@ -86,10 +85,8 @@
* एक जवान आदमी >u>साओल</u> का नाम था
* फूटेज की तरह नज़र आएगा:
* <dup>[1]</sup> वही वही आदमी है जो पाल 13 को इब्तिदा-ए-में शुरू करता है.
* **लेकिन <u>साओल</u>, जो भी पोल कहा जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भर गया;** (आमाल 13: 9 युएलटी)
* लेकिन <u>साओल</u> , जो भी कहा जाता है <u> पाल</u>, रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था;
* **ये आइकनीमीम के बारे में आया था कि <u>पोल</u> और बरनबास एक दूसरे के साथ इबादत-गाह में दाख़िल हुआ** (आमाल 14: 1 युएलटी)
* ये आइकनीमीम के बारे में आया था कि <u>पोल</u><sup>1</sup> और बरनबास एक दूसरे के साथ कातिब में दाख़िल हुए
* फूटेज की तरह नज़र आएगा:

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@ -55,7 +55,6 @@
* **सबसे पहले यहूदा हब के पास, यदईआह का दूसरा, तीसरी हर्म, सूर्यम के चौथाई, ... बीस तीसरे दलीलयाह और चौथाई माज़याह.** (1 क्रोनिकल्स24: 7- 18 युएलटी )
* बीस चौड़ाई थे. एक बहुत यहवाबीर, दूसरा यदईआह, एक और हर्म के पास गया था ... एक और दलीला और आख़िर में माज़िया गया.
* बीस चौड़ाई थे. एक बहुत यहवाबीर, यदईआह के आगे, हर्म के आगे, डीलयाह के आगे
* **एक दरिया बाग़ पानी के लिए ईडन से बाहर गया. वहां से उसने तक़सीम किया और चार दरिया बन गए. पहला नाम पैशन है. ये वही है जो हीलोह के पूरे मुल्क में बेहती है, जहां सोने है. इस ज़मीन का सोने अच्छा है. वहां वहां भी बीडीलीम और सोनी पत्थर है. दूसरी दरिया का नाम गीहोनहै. ये एक कोष की पूरी ज़मीन में बेहती है. तीसरी दरिया का नाम तरीस है, जो असशोर के मशरिक़ में बेहती है. चौथी दरिया फुरात है** (पैदाइश 2:10-14 युएलटी )
*  बाग़ को पानी के लिए एक दरिया ईडन से बाहर चला गया. वहां से उसने तक़सीम किया और चार दरिया बन गए. एक का नाम पैशन है. ये वही है जो हीलोह के पूरे मुल्क में बेहती है, जहां सोने है. इस ज़मीन का सोने अच्छा है. वहां वहां भी बीडीलीम और सोनी पत्थर है. अगले दरिया का नाम गीहोन है. ये एक कोष की पूरी ज़मीन में बेहती है. अगली दरिया का नाम तरीस है, जो असशोर के मशरिक़ में बेहती है. आख़िरी दरिया फुरात है

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@ -2,7 +2,7 @@
तर्जुमा में दो चीज़ें हैं:
1. ज़रीया ज़बान मतन में मअनी दरयाफ़त करें (मुलाहिज़ा करें: [मतन के मअनी को तलाश करें](../translate-discover/01.md)
1. ज़रीया ज़बान मतन में मअनी दरयाफ़त करें (मुलाहिज़ा करें: [मतन के मअनी को तलाश करें](../translate-discover/01.md))
1.  हदफ़ ज़बान तर्जुमा में मअनी दुबारा दुबारा बताओ (मुलाहिज़ा करें: [मतलब दुबारा मअनी](../translate-retell/01.md))
तर्जुमा के लिए हिदायात कभी कभी इन दोनों चीज़ों को छोटे क़दमों में तक़सीम कर देते हैं. जे़ल में ग्राफ़िक से पता चलता है कि ये दो अलफ़ाज़ तर्जुमा अमल में कैसे फुट है |

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@ -3,7 +3,6 @@
एक ज़रीया टेक्स्ट का इंतिख़ाब करते वक़्त, कई अवामिल मौजूद हैं जो समझना ज़रूरी है:
* **[ईमान का बयान](../../intro/statement-of-faith/01.md)** - क्या ये अक़ीदा बयान के मुताबिक़ है?
* **[तर्जुमा के रहनुमाओं](../../intro/translation-guidelines/01.md)** - क्या ये मतन तर्जुमा के रहनुमाओं के मुताबिक़ है?
* **ज़बान** - क्या एक मुनासिब ज़बान में मतन है जो मित्र जमीन और चेकर्स अच्छी तरह समझते हैं?
* **[कापी राईट्स, लाईसैंसिंग, और माख़ज़ टैक्स](../translate-source-licensing/01.md)** - क्या ये एक लाईसैंस के तहत जारी है जो काफ़ी क़ानूनी आज़ादी देता है?

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@ -38,7 +38,6 @@
* **यसवा के पांव पर यारस गिर गया.** (लूक 8:41 युएलटी)
* यसवा के पांव पर यरूशलम गिर गया ताकि ज़ाहिर हो कि उसने उस का एहतिराम किया.
* **देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और दस्तक.** (मुकाशफ़ा 3:20 युएलटी)
* देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और इस पर दस्तक कर कहो कि तुम मुझे अंदर जाने दो
@ -46,13 +45,11 @@
* **यसवा के पांव पर यारस गिर गया.** (लूक 8:41)
* ययरस ने यसवा का एहतिराम किया.
* **देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और दस्तक.** (मुकाशफ़ा 3:20)
* देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और आपसे पूछना चाहता हूँ
1. अपनी अपनी सक़ाफ़्त से एक ऐसी कार्रवाई का इस्तिमाल करें जो इस का मतलब है.
* **यसवा के पांव पर यारस गिर गया.** (लूक 8:41 युएलटी) - जब से जीरस ने असल में ये काम किया, हम अपनी सक़ाफ़्त से एक कार्रवाई को नहीं बदलेंगे.
* **देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और दस्तक कर रहा हूँ** (मुकाशफ़ा 3:20 युएलटी) - यसवा एक हक़ीकी दरवाज़े पर नहीं खड़ा था. बल्कि वो लोगों के साथ ताल्लुक़ात रखने के बारे में बात कर रहे था | लिहाज़ा सक़ाफ़्तों में जहां ये एक गले को साफ़ करने के लिए संजीदा है जब घर में जाने की ख़ाहिश है, आप उस का इस्तिमाल कर सकते हैं.
* देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और अपने हलक को साफ़ करू .

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@ -7,11 +7,8 @@
नीचे के जुमले के जोड़ों को देखो.
* ये रात-भर में हुआ. रात / बारिश रात से गिर गई
* जब उसने ख़बरों को सुना तो जान बहुत हैरान था. / जब जान ने इस को सुना तो बहुत हैरान हुआ.
* ये एक गर्म दिन था. / दिन गर्म था.
* पीटर का घर / घर जो पीटर से ताल्लुक़ रखता है
आप देख सकते हैं कि हर जोड़ी के मअनी का मतलब वही है, अगरचे वो मुख़्तलिफ़ अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं. ये एक अच्छा तर्जुमा में है यही तरीका  है. हम ज़रीया मतन के मुक़ाबले में मुख़्तलिफ़ अलफ़ाज़ इस्तिमाल करेंगे, लेकिन हम उस का मअनी रखेंगे. हम ऐसे अलफ़ाज़ इस्तिमाल करेंगे जो हमारे लोगों को समझते हैं और उन्हें अपनी ज़बान के लिए क़ुदरती  तौर पर समझते हैं. वाज़िह और क़ुदरती  रास्ते में ज़रीया मतन के तौर पर इसी मअनी को मुवासलात का तर्जुमा का मक़सद है |

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@ -68,7 +68,6 @@
* **फिर उन्होंने ईसाई शराब देने की कोशिश की, जो मीरीरा के साथ मिला था. लेकिन उसने उसे पीने से इनकार कर दिया.** (मार्क 15:23 युएलटी ) - लोग बेहतर समझ सकते हैं कि इसरार किया है कि ये आम लफ़्ज़ "दवा" के साथ इस्तिमाल किया जाता है.
* फिर उन्होंने ईसाई शराब देने की कोशिश की जो मीरीरीर नामी एक दवा के साथ मिला था. लेकिन उसने उसे पीने से इनकार कर दिया
* **हमारे यहां सिर्फ पाँच रोटियों और दो मछली हैं** (मैथीयू 14:17 युएलटी ) - लोग बेहतर समझ सकते हैं कि क्या रोटी ये है कि ये एक फ़िक़रा के साथ इस्तिमाल किया जाता है जो बताता है कि ये क्या (बीजों) ये तैयार है (कुचल और पका हुआ).
* यहां हमारे पास सिर्फ बेक्ड कच्चा बीज की रोटी और दो मछली हैं
@ -76,7 +75,6 @@
* **मैं यरूशलेम को खंडरों के ढेरों में तबदील करता हूँ, जैकेटों के लिए एक पोशीदा जगह** (यरमयाह 9: 11 युएलटी )
* मैं यरूशलेम को खंडरों के ढेरों में तबदील करता हूँ, जंगली कुत्तों के लिए छिपा होगा
* **हमारे पास सिर्फ पाँच रोटी और दो मछली हैं** (मति 14:17 युएलटी )
* हमारे पास सिर्फ पाँच पका हुआ खाना और दो मछली हैं

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@ -20,7 +20,7 @@ ULT ख़्यालात पेश करने की कोशिश कर
युएसटी अक्सर उन दीगर ख़्यालात को वाज़िह करता है. युएसटी इस को याद दिलाने के लिए करता है कि आपको शायद आपकी तरजमी में ऐसा ही करना चाहीए अगर आप सोचते हैं कि आपके सामईन को मतन को समझने के लिए इस मालूमात को जानने की ज़रूरत होगी .
जब आप तर्जुमा करते हैं तो, आपको ये फ़ैसला करना चाहीए कि आपके सामईन की तरफ़ से उनमें से कौन सा तसव्वुर करदा नज़रियात शामिल किए जाऐंगे. अगर आपके सामईन को इन ख़्यालात को मतन के बग़ैर भी शामिल है, तो आपको उन ख़्यालात को वाज़िह करने की ज़रूरत नहीं है | (मुलाहिज़ा करें [बाहमी इलमऔर वाज़िह मालूमात](../figs-explicit/01.md)
जब आप तर्जुमा करते हैं तो, आपको ये फ़ैसला करना चाहीए कि आपके सामईन की तरफ़ से उनमें से कौन सा तसव्वुर करदा नज़रियात शामिल किए जाऐंगे. अगर आपके सामईन को इन ख़्यालात को मतन के बग़ैर भी शामिल है, तो आपको उन ख़्यालात को वाज़िह करने की ज़रूरत नहीं है | (मुलाहिज़ा करें [बाहमी इलमऔर वाज़िह मालूमात](../figs-explicit/01.md))
यसवा ने शमाउन से कहा, "मत डर मत, क्योंकि तुम <u>अब तक मर्दों को पकड़ोगे</u>." (लूक 5:10 युएलटी )

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@ -56,13 +56,11 @@
1. अपनी ज़बान का तरीक़ा इस्तिमाल करने का तरीक़ा इस्तिमाल करें कि कुछ मालूमात पस-ए-मंज़र की मालूमात हो जे़ल में मिसालें बयान करते हैं कि ये अंग्रेज़ी तर्जुमा में क्या तर्जुमा किया गया था
*  अब / u> यसवा ख़ुद, जब उसने सिखाया शुरू किया तो u> था / u> 30 साल के बारे में वो (यूसुफ़ का बेटा था जो यूसुफ़ का बेटा था, हैली का बेटा था (लूका3:23 यू उल्टी अंग्रेज़ी "अब का लफ़्ज़ इस्तिमाल करता है कि ये ज़ाहिर करने के लिए कि कुछ किस्म की तबदीली है कहानी फे़अल "था से पता चलता है कि ये पस-ए-मंज़र की मालूमात है
* **बहुत सी दीगर पेशकशों के साथ, उन्होंने लोगों को अच्छी ख़बर दी यूहना ने हीरो देस ने अपने बाप की बीवी, हीर विद्यास / u> और u> हैरोद ने किया-क्या दूसरी दूसरी बुराई चीज़ों के लिए शादी करने के लिए हीरो देस को टक्कर कर दिया लेकिन इस के बाद हैरोद ने एक और बहुत बुरी बात की थी उसने यूहना को जेल में बंद कर दिया था** (लूका3: 18-20 यू उल्टी यूहना ने हीरो देस को दुबारा मारने से क़बल उस का ज़िक्र किया अंग्रेज़ी में, "फे़अल की मदद से फे़अल फे़अल से पता चलता है कि इस के बाद हैरोद ने इन चीज़ों को क्या जो उसने उसे दुबारा बना दिया था
1. मालूमात को दुबारा तर्तीब दें ताकि पहले वाक़ियात का ज़िक्र किया जाये
* **हिज्र ने इबराम के बेटे को जन्म दिया, और इबराम ने अपने बेटे का नाम दिया, जिसमें हग्ऱ ईश्वरा बन गया जब इबराहीम ने इस्माईल इबराहीम को इबराम से बाँधा तो इबराम इतनी छः साल की उम्र थी** (इब्तिदा-ए-16:16 यू उल्टी )
* " जब इबराम इतनी छः साल की उम्र थी, हिज्र ने अपने बेटे को जन्म दिया और इबराहीम अपने बेटे इस्माईल का नाम दिया.
* **यूहना ने हीरो देस ने अपने शौहर की बीवी, हीर विद्यास / u> और u> हैरोद ने किया-क्या दूसरी दूसरी बुराई चीज़ों के लिए शादी करने के लिए हीरो देस को टयुटर उच्च भेजा लेकिन इस के बाद हैरोद ने एक और बहुत बुरी बात की थी उसने यूहना को जेल में बंद कर दिया था** (लूका3: 18-20) - रीडरज़ के नीचे तर्जुमा जान की बग़ावत और हैरोद के आमाल
* "हीरो देस ने अपने भाई की बीवी, हीर विद्यास से शादी की, और उसने बहुत सी बुरी चीज़ें कीं, इस लिए यूहना ने उसे मार डाला लेकिन इस के बावजूद हैरोद ने एक और बहुत बुरी बात की थी यहयय ने जेल में बंद कर दिया था.

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@ -1,7 +1,6 @@
### तफ़सील
* **मुंसलिक अलफ़ाज़** ज़ाहिर करें कि किस तरह ख़्यालात दूसरे ख़्यालात से मुताल्लिक़ हैं उन्हें * कुनैक्शन * भी कहा जाता है ये सफ़ा ऐसे अलफ़ाज़ को मुंसलिक करने के बारे में है जो बयानात और बयानात के गिरोहों को दूसरों से मुंसलिक करते हैं अलफ़ाज़ को मुंसलिक करने के कुछ मिसालें हैं और, लेकिन, लिहाज़ा, लिहाज़ा, अब, अगर, सिर्फ, उस के बाद, जब, जब, जब भी, क्योंकि, अभी तक, जब तक
* बारिश हो रही थी, u> तो / u> मैंने छत खोल दिया
* बारिश हो रही थी, u> लेकिन / u> मैं छत नहीं था तो / u> मैं बहुत गली हुई
@ -56,7 +55,6 @@
कुछ ज़बानें यहां तक कि मुंसलिक अलफ़ाज़ इस्तिमाल नहीं करना पसंद हैं, क्योंकि मअनी उनके बग़ैर वाज़िह है और उनका इस्तिमाल ग़ैरमामूली होगा वो शायद उस का तर्जुमा कर सकते हैं
* लिहाज़ा जो भी इन कमांडों में से एक कम से कम तोड़ता है, दूसरों को इस तरह करने के लिए भी सिखाया जाएगा, आसमान की बादशाही में कम अज़ कम कहा जाएगा जो भी उनको बरक़रार रखता है और उन्हें सिखा देता है वो आसमान की बादशाही में अज़ीम नाम दिया जाएगा
* **मैंने गोश्त और ख़ून से फ़ौरी तौर पर मश्वरा नहीं किया था, ना ही में यरूशलम को जो लोग मुझसे पहले रसूल बन गया था उस के बजाय में अरब चला गया और दमिशक़ में वापिस आया तीन साल बाद में यरूशलेम के पास गया जहां वो सफाह को दूर करने के लिए गए, और में उनके साथ पंद्रह दिन रह गया** (गलात1: 16-18 यू उल्टी
कुछ ज़बानों शायद "लेकिन या "फिर अलफ़ाज़ की ज़रूरत नहीं हो सकती हैं
@ -67,6 +65,5 @@
* ** लिहाज़ा / u> जो शख़्स उन कमांड में से एक कम अज़ कम तोड़ता है और दूसरों को ऐसा करने के लिए सिखा देता है तो उसे आसमान की बादशाही में कम अज़ कम कहा जाएगा लेकिन / u> जो कोई भी उनको बरक़रार रखता है और उन्हें सिखा देता है वो आसमान की बादशाही में बहुत अच्छा नाम दिया जाता है** (मति5: 1 9. यू उल्टी इस तरह के लफ़्ज़ "लिहाज़ा इस से क़बल एक सैक्शन था जिसने मुंदरजा ज़ैल हिस्से का सबब दिया इस के इलावा, लफ़्ज़ "लेकिन यहां इस्तिमाल किया जाता है क्योंकि उस के बरअक्स लोगों के दो ग्रुपों के दरमयान लेकिन कुछ ज़बानों में, लफ़्ज़ "लेकिन ये बताएगा कि हैरत-अंगेज़ बात करने के बाद जो इस से पहले आया था उस के बाद क्या आता है तो "और इन ज़बानों के लिए वाज़िह हो सकता है
*  इस की वजह से, जो भी इन कमांडों में से एक कम अज़ कम तोड़ता है और दूसरों को ऐसा करने के लिए सिखा देता है, कम अज़ कम आसमान की बादशाही में रखा जाएगा और / u> जो कोई उनको बरक़रार रखता है और उन्हें सिखाता है वो आसमान की बादशाही में बहुत अच्छा कहा जाएगा
* ** चूँकि कप्तान सब शोर की वजह से कुछ भी नहीं बता सका, उसने हुक्म दिया कि पाओल को क़िला में ले जाया जाये** (आमाल21:34 यू उल्टी - इस के बजाय पहला हिस्सा शुरू करने के बजाय "के बाद कुछ मित्र जमीन के साथ मिलकर इस रिश्ते का दूसरा हिस्सा शुरू करने की तर्जीह देती है
* "कप्तान हर शोर की वजह से कुछ नहीं कह सकता, u> तो / u> उन्होंने हुक्म दिया कि पाल क़िला में ले आए.

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@ -50,7 +50,6 @@
* **अब वहाँ एक <u>फ़रीसी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी अदालत का एक रुकन था</u>। यह आदमी यिसू के पास रात के वक़्त आया और उससे कहा ...**(यूहन्ना 3:1,2)
* एक <u>आदमी था जिसका नाम नीकुदेमुस था। वह एक फ़रीसी और यहूदी अदालत का रुकन था</u>। एक रात वह यिसू के पास आया और कहा...
* एक रात <u>एक आदमी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो एक फ़रीसी और यहूदी अदालत का रुकन था</u>, यिसू के पास आया और कहा...
* **जब वो जा रहा था, <u>तो उसने हलफ़ई के बेटे लावी को महसूल की चौकी पर बैठे देखा</u> और उसने उससे कहा...** (मरकुस 2:14 ULT)
* जब वो जा रहा था, <u> हलफ़ई का बेटा लावी महसूल की चौकी पर बैठा हुआ था। </u> यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
* जब वो जा रहा था, तो महसूल की चौकी पर <u>एक आदमी बैठा हुआ था</u> उसका नाम लावी था, और वह हलफ़ई का बेटा था। यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
@ -60,7 +59,6 @@
* **नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया।** (पैदाइश 7:6 ULT) अगर लोग नए वाक़ये के बारे में के यह कब हुआ कुछ सुनने की तवक्को रखते हैं, तो जुमला “उसके बाद” यह देखने में उनकी मदद कर सकता है के यह पहले से ज़िक्र किये गए वाक़यात के बाद हुआ।
* <u>उसके बाद</u>, जब नूह छ: सौ बरस का हुआ, सैलाब ज़मीन पर आया।
* **<u>वो फिर </u> झील के किनारे तालीम देने लगा।** (मरकुस 4:1 ULT) बाब 3 में यिसू किसी के घर पर तालीम दे रहा था। कारअीन को यह बताना ज़रूरी हो सकता है के यह नया वाक़या किसी दूसरे वक़्त में हुआ, या यह के यिसू झील पर गया।
* <u>किसी और वक़्त</u> यिसू फिर से लोगों को झील के किनारे तालीम देने लगा।
* यिसू झील पर गया और वहाँ <u>लोगों को फिर से तालीम देने</u> लगा।

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@ -11,7 +11,7 @@
* इसी लंबाई की लाईन्ज़
* **प्यार सब्र दार और दयालु है वो किसी का दुश्मन नहीं है वो घमंड नहीं करता है , हसद या फ़ख़र नहीं करता ये परेशान या बेहद नहीं है** (1 कर नत्थियों13: 4 यू उल्टी
* आख़िर में या दो या इस से ज़्यादा लाईनों की इबतिदा में इस्तिमाल की गई आवाज़
* चमकते हुए छोटे <यु> सितारे <यु> में कैसे समझूँ की तुम क्या हो ( (अंग्रेज़ी शायरी से )
* चमकते हुए छोटे <यु> सितारे <यु> में कैसे समझूँ की तुम क्या हो ( (अंग्रेज़ी शायरी से ))
* इसी धुन को कई मर्तबा दोहराया गया
* "पीटर, पीटर, कददो खाने (एक अंग्रेज़ी शायरी से
* पुराने अलफ़ाज़ और इज़हार

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@ -46,7 +46,6 @@
1. मालूम करें कि किस तरह लोगों को आपकी ज़बान में मुसल्लस कहते हैं, और उन तरीक़ों में से एक का इस्तिमाल करें
* **एक अच्छा नाम अज़ीम अमीर पर मुंतख़ब किया जाना चाहीए**
* और चांदी और सोने से बेहतर है (इमसाल22: 1 यू उल्टी
यहां कुछ ऐसे तरीक़े हैं जो लोगों को उनकी ज़बान में मुतग़य्यर कहते हैं
@ -59,9 +58,7 @@
1. अगर मुहासिरा में बाअज़ चीज़ों को आपके ज़बान के ग्रुप में बहुत से लोगों से मालूम नहीं होता है, तो उन पर ग़ौर करें कि लोगों को मालूम है और आपकी ज़बान में इसी तरह के काम करते हैं
* **जैसे मौसिम-ए-गर्मा में बर्फ़ / u> या फ़सल में बारिश,**
* **एक बेवक़ूफ़ इज़्ज़त का मुस्तहिक़ नहीं है** (इमसाल26: 1 यू उल्टी
* फ़सल के मौसम में मौसिम-ए-गर्मा में मौसिम-ए-गर्मा में फटने के लिए या उस के लिए क़ुदरती तौर पर नहीं है; और ये बेवक़ूफ़ शख़्स का एहतिराम करना क़ुदरती नहीं है
1. आपकी ज़बान में एक नबुव्वत का मुतबादिल है जिसमें बाइबल में नबुव्वत के तौर पर वही तालीम है
@ -72,8 +69,6 @@
1. इसी तालीम दे दो लेकिन नबुव्वत के किसी शक्ल में नहीं
* **एक नसल जो अपने बाप को लानत करता है और अपनी माँ को बरकत नहीं देता**
* **ये एक नसल है जो अपनी आँखों में ख़ालिस है**
* **लेकिन वो उनकी गंदी नहीं धोते हैं** (इमसाल30: 11-12 यू उल्टी
* जो लोग अपने वालदैन का एहतिराम नहीं करते वो सोचते हैं कि वो सालिह हैं, और वो अपने गुनाह से दूर नहीं होते हैं