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254f057bed
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584fd80313
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# हमेशा ख़ुशरहो, रोज़ानादू'आ में लगे रहो,हर बात में ता'रीफ़ करो।
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पौलुस ईमानदारों को ता'लीम दे रहा है कि सब बातों में सादमान रहने का रूहानी मिजाज़ बनाए रखो,दु'आ में ख़बरदार रहो और सब बातों में शुकुरिया दो।
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# रोशनी
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यहां “ रोशनी” का मतलब है,सच्चाई
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# क्योंकि जब मैं कमज़ोर होता हूं,तभी ताक़तवर होता हूं॥
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इख़्तियारी तर्जुमा: "क्योंकि मेरी कमज़ोरी में मसीह का क़ुव्वत बहुत ज़्यादा हो जाती है"
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“तुम” लफ्ज़ आम तौर पर सभी ईमानदारों को ख़िताब करता हो। (देखें:
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# 'ईसा हमारा ख़ुदावन्द
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<b>'ईसा हमारा ख़ुदावन्द<b> – 'ईसा सभी ईमानदारों और रसूलों का ख़ुदावन्द।
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# हमें
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हमें "हमें या पौलुस, सिलवानुस और तीमुथियुस
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के बारे में
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# तुम
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# 'इता'अत की रूह
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मुमकिन मतलब हैं1)ख़ुदावन्द की रूह ख़ुद पर क़ाबू पाने में क़ादिर बनाती है।(यू.डी.बी.) 2)ख़ुदावन्द की रूह हमें भटकने वालों को बेहतर करने के क़ाबिल बनाता है।
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“आसमान की ओर टकटकी लगाये थे” या “वे आसमान की ओर गौर से देख रहे थे”
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# तुम गलीली मर्दों
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ख़ास कर “तुम शागिर्दों।” हालाँकि फ़रिश्तों ने बातचीत शागिर्दों से की थी,लेकिन और आयतों से इस बात का इशारा मिलता हैं कि इस हादसे के वक़्त दूसरे मर्द व'औरत भी मौजूद थे।
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पतरस यहाँ बतानेवाला है कि ज़बूर की किताब की उन आयतों के बारे में उसने क्यों बताया था और उसके बारे में अब उन्हें क्या करना चाहिए।
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# जो लोग बराबर हमारे साथ रहे,जायज़ है कि उनमें से एक आदमी हमारे साथ उसके जी उठने का गवाह हो जाए
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पतरस यहाँ यहूदाह की जगह पर रसूल मुक़र्रर होनेवाले आदमी की बेहतर क़ाबिलियत के बारे में कह रहा है।
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# उन्होंने बपतिस्मा लिया
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'ईसा के शागिर्दों ने उन्हेंबपतिस्मादिया
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बहुत से रास्तबाज़ों ने ऐसा एक बार नहीं,बल्कि बार
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बार ऐसा किया
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# रसूलों के सामने रखते थे
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ऐसा करने के ज़रिए रास्तबाज़ यह महसूस करते थे कि: 1)उनका दिल
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# और वह मर गई
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यह “और वह मर गयी” के लिए ख़ुशी की बात है।
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# उनके पैरों पर
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यह अलग ज़बान है। वह हनन्याह को दफ़न करने वाले के पैरों पर गिर पड़ी।
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# तुमने....भर दिया है
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तुमने....भर दिया हैतुमने(जमा’)
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इस्राईलियों को तौबा कराया कि उनसे हुए गुनाहों की मु'आफ़ी हासिल करें तर्जुमा करते वक़्त ऐसे भी लिख सकते हैं,कि “इस्राईलियों को अपने गुनाहों से तौबा करने और अपने गुनाहों की मु'आफ़ी हासिल करने का मौक़ा'दिया।”
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# और रूह
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उल
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# हम चुन लें
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मुनासिब जगह में अपनी ज़बान में जमा'के लिए बोले जानेवाले लफ़्ज़ों का इस्तिमाल करें
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मुनासिब जगह में अपनी ज़बान के ख़ास बयान को इस्तिमाल करें
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यहूदी रास्तबाज़ों में से थे।
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# लक़ब
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“लोग जिन्हें अच्छा मानते हों” या'नी “लोग जिन पर यक़ीन करते थे”
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# उसका चेहरा फ़रिश्ते के जैसा देखा
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यहाँ मिसाल के तौर पर इस्तिमाल है जिससे मुराद चमकता देखा है,जो कि यहाँ लिखा नहीं है। तर्जुमा करते वक़्त ऐसे भी लिख सकते हैं कि उसका चेहरा फ़रिश्ता के चेहरे की तरह चमक रहा था”
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# क्या तुम.... जानवर की क़ुर्बानीऔर अनाज मुझ ही को चढ़ाते रहे
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यह एक अलग सवाल है जो यह कह रहा है कि वे सारी बालियाँ ख़ुदावन्द को नहीं चढ़ाई गयी थीं। तर्जुमा करते वक़्त हम ऐसे भी लिख सकते हैं कि “वो जानवरों की क़ुर्बानी व गल्ले की नज्र तुमने मुझे नहीं चढ़ाई।”
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# मैं तुम्हें बाबुल से दूर ले जाकर
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“मैं तुम्हें बाबुल से हटा दूंगा”
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# याकूब के ख़ुदा के लिए रहने का घर बनाऊं
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दाऊद चाहता था कि अहद का संदूक यरुशलीम में रहे,न कि इस्राईल का चक्कर लगाते ख़ेमा में।
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# उन्हीं दिनों में
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या'नी कि जिन दिनों पतरस लुदिया में था। यह उसी वक़्त की जानकारी है।
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# कि तुझे अपने घर बुलाकर
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“तुझे” या'नी कि पतरस को।
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“यहूदी के लिए ग़लत है|
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# तुम जानते हो
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पतरस यहाँ कुरनेलियुस और बुलाए गए लोगों को ख़िताब कर रहा है।
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# उसका फ़रिश्ता होगा
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“तुमने पतरस का फ़रिश्ता देखा होगा।” कुछ यहूदी हिफ़ाज़त करने वाले फ़रिश्तों पर यक़ीन करते थे और शायद सोंचते होंगे कि पतरस का फ़रिश्ता उनसे मिलने आया है।
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@ -17,9 +17,6 @@
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# चतुराई से भरे
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यहाँ इससे मुराद ख़ुदावन्द की शरी'अत का बिना झिझक के मानने में सुस्ती करना और उसे झिझक नहीं करने से है।
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कामयाब ईमान के दुश्मन
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# क्या तू ख़ुदा के सीधे रास्तों को टेढ़ा करना न छोड़ेगा?
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# ख़ुदा के सीधे रास्तों को
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“ख़ुदावन्द के बारे में जो सच है” को अलग ज़बान के इस्तिमाल के ज़रिए बयान किया गया है। ख़ुदावन्द के बारे में जो सच है,उन्हें झूठा बताने के लिए पौलुस उस जादूगर को डांट रहा है।
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# मार डालना चाहा
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“मार डालना चाहा।” कैदियों के भागने की सजा लेने के बजाए दरोगा ख़ुदकशी करना चाहता था।
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@ -46,6 +46,3 @@
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# यासोन ने उन्हें अपने यहाँ उतारा
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यहाँ पर इशारा मिलता है कि रसूलों की ता'लीम से यासोन राज़ी था..
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@ -35,6 +35,3 @@
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# बांधकर यरूशलीम वापिस ले आऊं
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“मुझे हुक्म था कि मैं उन्हें कड़ियों में बाँध कर यरुशलीम वापिस ले आऊँ”
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“लेकिन अगर मुझ पर लगाए गए इल्ज़ाम सच न निकलें”
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# तो कोई मुझे उनके हाथ नहीं सौंप सकता
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फेस्तुस के पास पौलुस को इन झूठे इल्जामों को लगानेवालों को सौंपने का क़ानूनी इख़्तियार नहीं है,या'नी2)पौलुस कह रहा था कि उसने कोई ग़लत काम नहीं किया है,और हाकिम को उसे यहूदियों के हाथों नहीं सौंपना चाहिए।
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@ -17,9 +17,3 @@
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# गुनाहों की मु’आफ़ी
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“उसका बेटा हमारे गुनाह मु'आफ़ करता है ”
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यूनानी में इस लफ़्ज़ का मतलब है राह जिससे ज़ाहिर होता है कि ख़ुदा इन्सानों के लिए इत्मिनान और मेल
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मिलाप सलीब पर बहे मसीह के ख़ून की राह से इंतज़ाम करवाता है। आयत20में यह लफ़्ज़ दो बार आया है।
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# जिसका'एलान आसमान के नीचे सारी मख़लूक़ में किया गया और जिसका मैं पौलुस ख़ादिम बना।
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“इन्सानों ने आसमान के नीचे सारी मख़लूक़ में ख़ुशख़बरी सुना दी है। यह वही ख़ुशख़बरी है जिसकी बात मैं पौलुस ख़ुदा की ख़िदमत की ख़ातिर कर चुका हूं”।
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# उस ताक़त के मुताबिक़ जो मुझ में क़ुदरत के काम के साथ असर डालती है।
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मसीह के मकसद जो मुझ में काम करते है।
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कुलुस्से के क़रीब का शहर। वहां की कलीसिया के लिए भी वह दु'आ करता था।
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# जिन्होंने मेरा जिस्मानी मुंह नहीं देखा।
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“मैंने उन्हें इंसानी तौर से नहीं देखा” या “उन्होंने मुझ से मुलाक़ात नहीं की”
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# अच्छे तरीक़े से
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उनकी इत्तेहाद और ईमान की मज़बूती के लिए पौलुस या मसीह में ईमान के लिए पौलुस उनकी ता'रीफ़ करता है।
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# हमारे गुनाहों के लिए
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“हमारे गुनाहों की जो सज़ा हमारे लिए थी उसे बर्दाश्त करने के लिए”
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इस मौजूदा बुरी दुनिया से छुड़ाए कि वह हमें आज की दुनिया में काम करने वाली बुरी ताक़तों से बचाए”।
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# हमारे ख़ुदावन्द और बाप
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# जैसे दिल रूह के बिना मरी हुई है वैसे ही ईमान भी 'आमाल बिना मरा हुआ है।
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याकूब ज़ोर देकर कहता है कि जो इन्सान ईमान के साथ काम नहीं करता है वह रूह से महरूम जिस्म के जैसा है। दोनों ही मर्दा और बेकार है।
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अब 'ईसा के जि उठने का कहानी शुरू' होता है
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दूसरी मरियम
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"मरियम नाम की एक और 'औरत" या "याक़ुब और यूसुफ़ और यूसुफ़ की माँ मरियम"([MAT 27:56](../27/54.md))
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# मसीह ईसा की सी मुहब्बत यह एक कहावत है जो हमारे अन्दर एक जगह के बारे में है जहां से हमारे जज़बातों का 'उरूज़ होता है। इस का तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है, “मसीह 'ईसा ने मुझे जो मुहब्बत दी उसकी मा'मूरी में” |
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# तुम्हें वैसा ही मेहनत करना है जैसा तुम ने मुझे करते देखा और अब भी सुनते हो कि मैं वैसा ही करता हूं।
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“तुम भी वैसे ही मुसीबत उठाते हो जैसे तुमने मुझे उठाते देखा है और तुम सुनते भी हो कि मैं इस वक़्त भी मुसीबत उठा रहा हूं”।
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php/02/03.md
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# अपने ही फ़ायदे की नहीं
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या' नी अपनी ही फ़िक्र नहीं या अपनी ख़ुदग़र्जी कामिल नही, इसका तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है, अपनी ही ज़रूरतों पर ग़ौर न करो ” |
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php/02/05.md
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php/02/05.md
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@ -1,24 +1,3 @@
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# जैसा मसीह का मिज़ाज था वैसा ही तुम्हारा मिज़ाज भी हो
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“यहां” मिज़ाज से मुराद है, सुलूक या सोंचने और ख़याल करने की क़ुदरत। इसका तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है, 'ईसा के जैसा मिज़ाज या जिस तरह ईसा काम करता था तरह उस पर ग़ौर करो ।
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# हर एक ज़बान
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यहां ज़बान का मतलब भी पूरी मख़लूक है, इसका तर्जुमा, हर एक इन्सान या हर एक जानदर किया जा सकता है। (देखें: [[rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-synecdoche]])
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php/02/19.md
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@ -5,21 +5,3 @@
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# सब
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या'नी वे ईमानदार जिन पर पौलुस को भरोसा नहीं कि उन्हें फ़िलिप्पी की कलीसिया में भेजे पौलुस अपनी नाइत्तेफ़ाक़ी भी ज़ाहिर कर रहा है कि आने वालों को ख़िदमत के लिए वह ईमान के लायक़ नहीं समझता था।
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php/02/22.md
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# मुझे ख़ुदावन्द में भरोसा है कि मैं आप भी ज़ल्दी आऊंगा
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इसका तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है,“मुझे पूरा ईमान है कि ख़ुदावन्द की ख़्वाहिश हुई तो मैं जल्दी ही आऊंगा”।
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# मातम पर मातम
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इस जुमले का मतलब साफ़ किया जा सकता है। “मेरे क़ैदख़ाने के दुःख पर और ज़्यादा दुःख।
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php/02/28.md
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php/02/28.md
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@ -13,15 +13,3 @@
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# मेरी ख़िदमत में
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“मुझे जो ज़रूरत है उसे पूरी करे”
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php/03/06.md
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php/03/06.md
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# नुक़सान समझ लिया है
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“पौलुस अपने सब दीनी 'आमाल को मसीह के सामने नुक़सान मानता है।
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# जहां तक हम पहुंचे हैं उसी के मुताबिक़ चलें
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“हमने जो सच्चाई सुना है उसी का ता'मील करें” (देखें: [[rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-inclusive]])
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# अपनी ताक़त के उस असर के मुताबिक़
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“इसका तर्जुमा एक नए मुख़्तसर जुमले में किया जा सकता है, “वह हमारी जिस्म की शक्ल बदलकर उसी क़ुदरत से करेगा जिसके ज़रिए' वह सब चीज़ों को अपने क़ाबू में रखता है । (
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# तुम्हारे दिल और तुम्हारे ख़यालों को मसीह 'ईसा में महफ़ूज़ रखेगी।
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यहाँ ख़ुदा की शान्ति को एक मुहाफ़िज़ फ़ौजी से तुल्य माना गया है जो हमारी भावना और ख़यालों को फ़िक्र से महफ़ूज़ रखती है। इसका पूर्ण मतलब साफ़ ज़ाहिर किया जा सकता है, “वह एक फ़ौजी के जैसे इस ज़िन्दगी की फ़िक्रओं ओर परेशानियों से तुम्हारे दिल मस्तिष्क को महफ़ूज़ रखेगी”। (देखें: [[rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-personification]] and [[rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-explicit]])
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# जो बातें तुम ने मुझ से सीखी, और क़ुबूल की और सुनी और मुझ में देखी”
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“जो मैंने सिखाई और दिखाई”
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php/04/14.md
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# मैं ऐसा फल चाहता हूं जो तुम्हारे फ़ायदे के लिए बढ़ता जाए।
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पौलुस कलीसियाई मुलाक़ात का मुक़ाबला उस इन्सान की दौलत से कर रहा है जो ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ती जाती है। पौलुस चाहता है कि फ़िलिप्पी की कलीसिया ज़्यादा से ज़्यादा नज्र करे वह रूहानी बरकत पाए। मैं देखना चाहता हूं कि ख़ुदा तुम्हें ज़्यादा से ज़्यादा रूहानी बरकतें ।
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# हमारे ख़ुदा
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यह आख़िरी दु'आ और आख़िरत है
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# सुबह का तारा
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यह एक चमकदार तारा है जो एकदम सुबह से पहले आता है.
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# चारों जानदारों
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इन चार जानदारों का [REV 4:6](../04/06.md)
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8]]. में बयान है.
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इन चार जानदारों का [REV 4:6-8](../04/07.md). में बयान है.
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# हमारे ख़ुदा की ...तारीफ़, जलाल हो
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"और एक बड़ा तारा जो मशाल की तरह जलता था आसमान से टूटा ." बड़े तारे की आंच मशाल की आंच से मिलती
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जुलती थी.
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# मशाल
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एक छड़ी जिसके एक और आग लगी होती है ताकि रौशनी मिल सके
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# फिर मैंने आसमान को खुला हुआ देखा
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इस ख़्याल का इस्तिमाल एक नए रोया के शुरू को ज़ाहिर करने के लिए किया गया है. देखो इस ख़्याल का तर्जुमा तुमने [rev:04:01|4:1]], [:rev:11:19|11:19]], और [:rev:15:05|15:5]] में किस तरह किया था।
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वह ख़ून छिड़का हुआ लिबास पहने है
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इख़्तियारी तर्जुमा: "वह ऐसा लिबास पहने है जिस पर खू़न के धब्बे हैं" या "उसने ऐसे लिबास पहने हैं जिनसे खू़न टपक रहा है"
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