ur-deva_tn/act/07/41.md

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शुरू किये गए मजलिस के ख़िताब और अपने जैसे में आगे कहता है कि

उन्होंने एक बछड़ा बना कर

“उन्होंने बछड़े की एक मूरत बनायी”

आसमान की रौशनी को पूजे

“आसमान की रोशनियों को पूजते ”

ऐ इस्राईल के घराने

यहाँ कई तरह का इस्तिमाल है,और मुराद इस्राईल के बारे में क़ौम/मुल्क से है।

क्या तुम.... जानवर की क़ुर्बानीऔर अनाज मुझ ही को चढ़ाते रहे

यह एक अलग सवाल है जो यह कह रहा है कि वे सारी बालियाँ ख़ुदावन्द को नहीं चढ़ाई गयी थीं। तर्जुमा करते वक़्त हम ऐसे भी लिख सकते हैं कि “वो जानवरों की क़ुर्बानी व गल्ले की नज्र तुमने मुझे नहीं चढ़ाई।”