“मै मसीही ईमानदारों को नुक़सान की ख़ातिर मज़बूत इरादा था”
“ पूरी शरी'अत का अमल' करने वाला”
“पौलुस अपने सब दीनी 'आमाल को मसीह के सामने नुक़सान मानता है।