ur-deva_tn/act/13/09.md

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तब शाऊल ने जिसका नाम पौलुस भी है

“जिसे लोग पौलुस भी बुलाते थे” या फिर “जो ख़ुद को पौलुस भी कहता था”

उसकी ओर टकटकी लगाकर कहा

“शाऊल ने इलिमास जादूगर को घूर कर देखा”

ऐ..शैतान की औलाद

यहाँ अलग ख़िताब है। तर्जुमा करते वक़्त आप1) “शैतान के बच्चे” या फिर2) “शैतान की तरह” या'नी3) “ऐ शैतान जैसे काम करनेवाले” भी लिख सकते हैं।

सारी बुराई और सब चतुराई से भरे हुए

“मक्कारी और हमेशा गलत काम करने के ज़रिए तू हमेशा दूसरों को झूठी बातों पर यक़ीन दिलाना चाहता है”

चतुराई से भरे

यहाँ इससे मुराद ख़ुदावन्द की शरी'अत का बिना झिझक के मानने में सुस्ती करना और उसे झिझक नहीं करने से है। कामयाब ईमान के दुश्मन

क्या तू ख़ुदा के सीधे रास्तों को टेढ़ा करना न छोड़ेगा?

शैतान पर'अमल करने को लेकर पौलुस उस जादूगर को डांट दे रहा है। तर्जुमा करते वक़्त हम इसे “तू यह कहना बंद कर दें कि ख़ुदावन्द ख़ुदावन्द की सच्चाई झूठी है”।(देखें अलग सवाल)

ख़ुदा के सीधे रास्तों को

“ख़ुदावन्द के बारे में जो सच है” को अलग ज़बान के इस्तिमाल के ज़रिए बयान किया गया है। ख़ुदावन्द के बारे में जो सच है,उन्हें झूठा बताने के लिए पौलुस उस जादूगर को डांट रहा है।