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मुझे ख़ुदावन्द 'ईसा में उम्मीद है

इसका तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है,“अगर ख़ुदावन्द की मर्ज़ी हो तो मैं उम्मीद करता हूं”।

सब

या'नी वे ईमानदार जिन पर पौलुस को भरोसा नहीं कि उन्हें फ़िलिप्पी की कलीसिया में भेजे पौलुस अपनी नाइत्तेफ़ाक़ी भी ज़ाहिर कर रहा है कि आने वालों को ख़िदमत के लिए वह ईमान के लायक़ नहीं समझता था।