969 B
969 B
वे आसमान की ओर देख रहे थे
“आसमान की ओर टकटकी लगाये थे” या “वे आसमान की ओर गौर से देख रहे थे”
तुम गलीली मर्दों
ख़ास कर “तुम शागिर्दों।” हालाँकि फ़रिश्तों ने बातचीत शागिर्दों से की थी,लेकिन और आयतों से इस बात का इशारा मिलता हैं कि इस हादसे के वक़्त दूसरे मर्द व'औरत भी मौजूद थे।
तुम क्यों खड़े आसमान की तरफ़ देख रहे हो?
इस अलग सवाल को एक वाक़िए के तौर में भी तर्जुमा किया जा सकता है।