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\id MAT
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\h मत्ती
\toc1 मत्ती
\toc2 मत्ती
\toc3 mat
\mt मत्ती
\c 1
\cl अध्याय १
\p
\v 1 अब्राहमको लौड़ा, दाउदको लौड़ा येशू ख्रीष्टको वंशावली।
\v 2 अब्राहम इसाहकको पिता रहए, और इसाहक याकूबके पिता रहए, और याकूब यहुदा और बिनको ददा भैयनको पिता रहए।
\v 3 यहूदा फारेस और जाहेरको पिता रहए, बिनकि अइया तामार रहए। फारेस हेस्रोनको पिता, और हेस्रोन आरामको पिता रहए।
\v 4 आराम अम्मिनादाबको पिता, अम्मीनादाब नहसोनको पिता और नहशोन सल्मोनको पिता रहए,
\v 5 सल्मोन राहाबसे बोआजको पिता ।बोअजस रुथसे ओबेदको पिता, ओबेद यिशैको पिता रहए,
\v 6 यिशै दाऊद राजाको पिता रहए। दाऊद सोलोमनको पिता रहए। बाकि अइया उरियाहकि बैयर रहए।
\v 7 सोलोमन रहबामको पिता, रहबाम अबियाको पिता, अबिया आसाको पिता रहए।
\v 8 आसा यहोशापातको पिता, यहोशापात यहोरामको पिता, और यहोराम उज्जियाहको पिता रहए ।
\v 9 उज्जियाह योतामको पिता, योताम आहाजको पिता, आहाज हिजकियाको पिता रहए ।,
\v 10 हिजकिया मनश्शेको पिता, मनश्शे अमोनको पिता, अमोन योशियाहको पिता रहए ।,
\v 11 बेबिलोनमे बन्दि बनाएके लैजान समयमे योशियाह यकोनियास और बिनके ददाभाइययनके पिता भए।
\p
\v 12 बेबिलोनमे बन्दी बनाएके पिच्छुःयकोनियास शालतिएलको पिता भओ, शालतिएल यरुबाबेलको पुर्खा रहए ।,
\v 13 यरुबाबेल अबिउदको पिता, अबिउद एल्याकीमको पिता, और एल्याकीम आजोरको पिता, रहए।
\v 14 आजोर सादोकको पिता, सादोक आखिमको पिता, और आखिम एलिउदको पिता रहए ।
\v 15 एलिउद एलाजारको पिता, एलाजार मत्तानको पिता, और मत्तान याकूबको पिता रहए।
\v 16 याकूब बहे मरियमको लोगा योसेफको पिता रहए, जौनसे येशूको जनम भव, जो ख्रिष्ट कहलाइगो।
\p
\v 17 अब्राहामसे दाऊद तक चौध पुस्ता, दाऊदके समयसे बेबिलोनसे बन्दी बनान समयतक चौध पुस्ता, और बेबिलोनसे बन्दी बनानसे ख्रिष्टको समयतक चौध पुस्ता भए ।
\p
\v 18 येशू ख्रिष्टको जनम जा प्रकारसे भओ । बाकी अइया मरियमकी योसेफके संग विहाके ताहिँ मगनी भव रहए, पर बिनको एक-दुस्रेसे सम्बन्ध होनसे अग्गु मरियम पवित्र आत्मासे गर्भवति हुइगइ करके पता चलो।
\v 19 पर बकलोगा योसेफ धर्मी अदमि रहए और बा बक शर्ममे ना होन देनके चाहत रहए । जहे मारे बाके चुप्पेसे छोडनको इच्छा करी।
\v 20 पर जब बा जे बातनके सोंचत रहए, सपनेमै परमप्रभुको दुत दिखाएदै, और बासे जा कहि,’’योसेफ, दाऊदको लौड़ा, मरियामके अपनि बैयरके रुपमेअपनानके तांहि मत डराबै, काहेकि जौन बाके गर्भमे हैं, बा पवित्र आत्मासे हैं।
\v 21 बा एक लौड़ा जनमा बैगि और तुम बाको नाउ येशू धरैगे, काहेकि बा अपने अदमिनके बिनके पापसे बचाबैगो।
\v 22 अगमवक्तासे परमप्रभुक कहो भव वचन पुरो होनताहि जा सब भवः
\v 23 ”देखओ कन्या गर्भवति होबैगि, और एक लौड़ा जनमा बैगि और बाको नांउ इम्मानुएल धरोजाएगो,”जौनको अर्थ होत है,”परमेश्वर हम सबैके संग।
\v 24 योसेफ निद से उठो, और परमप्रभुको दूत जो कहि बहे तरिकासे करी और बा मरियमके अपनि बैयरके रुपमे स्विकार करी।
\v 25 पर बाको लौड़ा ना जन्मन तक बाके संग सहबास नाकरी । योसेफ बाको नाउँ येशू धरी।
\c 2
\cl अध्याय 2
\p
\v 1-3 १अब्राहमको लौड़ा, दाउदको लौड़ा येशू ख्रिष्टको वंशावलीः २ अब्राहम इसाहकको पिता रहए। इसाहक याकूबके पिता रहए, याकूब यहुदा और बिनको ददा भैयनको पिता रहए, ३ यहूदा फारेस और जाहेरको पिता रहए। बिनकि अइया तामार रहए। फारेस हेस्रोनको पिता, हेस्रोन आरामको पिता
\v 4 हेरोद सबौ मुखिय पुजारी और जनताके शास्त्रिनके जमा करि और “ख्रिष्टको जलम काहं होबैगो? कहेके पुछपाछ करी।
\v 5 बे बासे कहि यहुदियाको बेतलेहेम मै काहेकि अगमवक्तासे ऐसिए लिखि हैः
\v 6 और यहुदाको देशमे, ए बेथलेहम, यहुदाको शासकनके बिचमे कोइसे फिर निच (तुच्छ) नाहए, कहेकि तोसे एक शासक निकरके अबैगो जैन मिर आदमि इस्राएलको रेखदेख करैगो’।“
\p
\v 7 तब हेरोद बे ज्योतिषिनके चुप्पेसे बुलाएके तारा कौन समयमे देखानो है, सो बिनसे पता लगान बुलाई।
\v 8 बा बिनके अइसो कहिके बेथलेहेममै पठाइ “जाओ, और अच्छेसे बा बच्चाके ढुणिओ। बाके पाएके मोके खबर करिओ, और मै फिर बाके ढोक करङ्गो।
\p
\v 9 “बे राजाको बात सुनके बे अपने ढगर चलेगै जौन तारा अगारमे देखि रहैं, बा तारा उनके अग्गु-अग्गु गओ, और बच्चाभै जगाहामै पुगके बा तारा हुंए रुक्गऔ।
\v 10 जब बे बा तारा देखि, तब बे गजब आनन्दित हुइके खुशी भैं।
\v 11 और बे घर भितर घुसके और बे छोटो बच्चाके बाकि अइया मरियमके संग देखि और घुँटो टेकके बाके ढोक लागीं और फिर बे बाकी आराधना करीं ।बे अपनि बहु मुल्या चीज निकारके बाके सोनो, सुगन्धीत धुप और मुर्रकी भेटी चणाई।
\v 12 और हेरोदके झैने घुमके नाजान ताहिं परमेश्वरसे सपनामे चेताबनि पएके बे दुसरी डगर हुइके अपने देशमे चलेगैं।
\p
\v 13 बे जाएके पच्छु, सपनेमै परमप्रभुको एक दुत योसेफ ठिन दिखानोऔर बासे अइसो कहि “उठ छोटोसनो बच्चा और बाकि अइयाके संगै लैके मिस्र दोशमे भाजके जा, और मै तुमसे नाकहान तक हुंअए रहिइयो, काहेकि हेरोद छोटोसनो बच्चाके मारनताहिं ढुणरहो है।
\v 14 बा रात उठे और छोटोसनो बच्चाके और बाकि अइयाके संगै लैके औ मिस्र देशमे गइभए।
\v 15 हेरोद नामरन तक हुंए बैठे रहए। अगमवक्तासे परमप्रभुको कहोभै बचनअइसो पुरो भै,”मै अपन लैणाके मिस्रदोशसे बुलाओ हौ ।
\v 16 तब ज्योतिषि बाके छक्काइ है कहेके हेरोद पतापाइ, और बा दिक्कसे चूर हुइगै ।बे ज्योतीषिसे पता पावओ भै समयमे बेथलेहम और बा ठांवओ भितरके दुइ वर्ष और बासे तरेके और बेथलेहेम मे सबै बच्चनके मारन लगाई।
\v 17 तब यरमिया अगमवक्ताको कहोभै बचन पुरो भव,
\v 18 रामामे एक शब्द सुनाइदै, दाहार छोण-छोणके रोइभए और विलखावभै बणो अबाज, राहेल अपन बच्चनके ताहि रोइ रहीहै, और सान्त्वना बा इनकार करि, काहेकि बिनके बच्चा अब ना रहे।“
\p
\v 19 तव हेरोद मरो देखौ, परमप्रभुको एक दुत सपनेमे योसोफके झैने मिस्रमे दिखानो और अइसो कहि,
\v 20 उठ बच्चा और बाकि अइयाके संगमे लैके इस्राएल दोशमे जा, काहेकि बच्चाके ज्यान लेन बारो मरगै है ।
\v 21 “बा उठो बच्चा और बाकि अइयाके लैके इस्राएल देशमे लौट गओ।
\p
\v 22 पर यहुदियामे अपन दैउव हेरोदके सट्टामे आर्खिलाउस राज करन डटो हए कहेके सुनि बा उतया जान डराएगव । परमप्रभुसे सपनेमे चेतउनि पाएके बा गालीलके प्रदेश घेन गव।
\v 23 और जाएके नासरथ कहन बारो नगरमे बैठो। ऐसिए अगमवक्ताको कहोभैव बचन पुरो भव,” बासे नासरि काहामंगे।“
\c 3
\cl आध्याय ३
\p
\v 1 बहए समय वाप्तिमा देन बारो युहन्ना यहुदियाको उजाड स्थान मे आओ, और अइसो काहतय प्रचार करन लागो,”
\v 2 पश्चाताप करऔ, काहेकि स्वर्गको राज्य जौने आएगव हए।“
\v 3 काहेकि जा बहए हए, जौन के बारेमे यशैया अगमवक्ता अइसो कहि रहए।“ खण्डहर जगाहमे एक जनिको चिल्लानकी अवाज, परमप्रभुकी डगर तयार करऔ, बाकि डगर शुधो बनाऔ ।"
\p
\v 4 यहुन्ना उटको बारको कपण लगात रहए और कंरह्यंओमे चमड़ाको फेटा बंधत् रहए।बा सलह और जङ्गली भैरको साहत खात रहए।
\v 5 यरुशलेम और सबए, यहुदिया और यर्अदन नदियाके वरपारके सबै घेनके आदमि बाके जौने आए ।
\v 6 औरअपने पापके मानतय यर्दन नदियामे बा से वप्तीस्मा लई।
\p
\v 7 पर फरिसी और सदुकि मैसे बहुत जनी वप्तिस्मा लेन आत देखके बा उनसे कही,”ए संपके बच्चा, आन बारो क्रोद से भाजन कैन तुमके चेतावनि दई?
\v 8 पश्चातओ औेर सुहान बारो फल फरावओ!
\v 9 और अब्राहम हमरो पिता हए कहेके आपसमे मत काहाबओ।काहेकि मै तुमसे काहात हओं, परमेशवर जे पत्थरनसे फिर अब्राहमके ताहि सन्तान उत्पन्न कर सकत हए।
\v 10 अभए रुखाके जर मै कुणाहरी पणगइ हए।जा कारनसे अच्छो फल ना फरान बारो सबए रुखा काट्के गिराए जैहंए, और आगि मै फेक देहंए।
\p
\v 11 ”मै ता तुमके पश्चतापके ताहि पानीसे वप्तिस्मा देत हव, पर मिर पिच्छु आनबारो मोसे बहुत शक्ति-शालि हए, जैनको जुता बोकनको योग्य मै ना हओ।बा तुमके पवित्र आत्मा और आगिसे बप्तिस्मा देबएगो।
\v 12 बा को सुपो बहेके हात मै हए, और बा अपने आगनके पुरो सफा करएगो और अपनो गेहुं बखारी मै जमा करएगो, पर भुसाके त नाबुझनबारी आगीमे पजार देहए ।
\p
\v 13 तव येशु गालीलमे युहन्ना जौने बासे वप्तिस्मा लेन यर्दनमे आओ।
\v 14 पर युहन्ना एइसो कहिके बाके रोकन चाहत रहए,” पर मोके त तुमसे वप्तिस्मा लेन जरुरि हए, और का तुम मेरे जौने आए?
\v 15 पर येशु बासे कही”अभे अइसियए होन देओ काहेकि अइसियए हमके सबए धर्मीक्ता पुरो करन पणत हए। तव यहुन्ना राजी हुइगओ।
\p
\v 16 और येशु वप्तिस्मा लइके तुरन्तए पानी से बाहेर निकरो और स्वर्ग खुल्गओ, और बा परमेश्वरको आत्माके कबुतरके जैसो तरे आत भव और अपने ऊपर आत भओ देखी ।
\v 17 तब स्वर्गसे जा बाणी आइ, “जा मेरो प्यारो पुत्र हए, जासे मए गजब खुशी हओ।“
\c 4
\cl आध्याय 4
\p
\v 1 जब दियाबलससे (शैतान) परिक्षा करनके ताहि पवित्र आत्मासे येशु उजाड स्थानमे लइगओ।
\v 2 बा चालिस दीन और चालीस रात तक उपवास (ब्रत) बैठनके पिछु गजब भुकाए गओ।
\v 3 तब परिक्षा करन बारो बाके जौनेआएके कही,”तुम परमेश्वरके लौणा हव तव जा पत्थरसे रोटि होवए कहिके आज्ञा देवओ।
\v 4 “पर येशु जवाफ दई,” “लिखो हए,” आदमि रोटिसे इकल्लो नाए पर परमेश्वरके मुहसे निकरो भव हरेक वचनसे जिन्दा राहत हए।“
\v 5 तब दियाबलस बा के पवित्र नगरमे लैजाएके मान्दिर कि छतमे धरि ।
\v 6 और बा कहि “तुम परमेश्वरके लौणा हओ तव, हिना से तरे कुद जाओ, काहेकि अइसो लिखो हए, बा अपने दुतनके जिम्मामे तुमके देबएगो और वे तुमके अपने हातए-हात थामङ्गे नित तुमरो टाङ पतथरमे ठुकएगो।, ठणबा
\v 7 “येशु बासे कही,” लिखो हए, तए अपनो परमपभु अपने परमेश्वरकी परिक्षा मत कर।,
\p
\v 8 फिर दियाबलस बाके एक उचो पर्वतमे लैजाएके संसारको सबै वैभब बा के राज्याके दिखाइ,
\v 9 और बा से कहि “तय घुप्टा पणके मोके ढोक लगएगो तव, जे सबै चीज मै तुमके देमङ्गो।
\v 10 तब येशु बा से कहि,”शैतान दुर हुइजा! काहेकी लिखो हए, तए परमप्रभु अपने परमेश्वेरके ढोक लग, और वहेकि इकल्लो सेवा कर।“
\v 11 तब दियबलस बा के छोडके चलोगओ और स्वर्गदुत आएके बाकी सेबा टाहल करी।
\p
\v 12 युहन्ना झेलमे पणगओ हए कहेके येशु सुनी गलील घेन जान लागो,
\v 13 और नासरत छोडके कफर्नर हुम मे जाएके हुंआ वैठन लागो। जा सहर जबुलुन और नप्तलिके क्षेत्रमे, गालील समुन्द्रके किनारे पणत् हए।
\v 14 यशैया अगमवक्तासे कहो भव वचन अइसो पुरो भवः
\v 15 ”जचुलुनको मुलुक और नप्तालिको मुलुक यर्दन पार, समुन्द्र घैन अन्य जातिनको गालिल,
\v 16 अन्धकारमे वैठन बारे आदमि एक बणो ज्योति देखी हए मृत्युकि छायाको देशमे बैठन बारेनके उपर एक ज्योति दिखाइ हए।
\p
\v 17 “बा समयसे प्रचार करतए येशु कहीन लागो,” पश्चताप करओ, काहेकि स्वर्गको राज्य जौने आए गओ हए।
\p
\v 18 गालिल देशमे समुन्द्रके कीनारे नेगतए बा पत्रुस कहिन बारो सिमोन और बाको भैया अन्द्रियास, दोनो भइयाके समुन्द्रमे जार डारत देखी। बे मछुवारे रहए।
\v 19 येशू बिनसे कहि,”मिर पिच्छु लागओ, और मै तुम के आदमी को मछुवारो बनामङ्गो।“
\v 20 तब बहे समयमे जार छोणके बे बाके पिच्छु लागे।
\p
\v 21 जब येशू हुवा से जातै-जात बा दुइ भइयानके देखी। जबदियाको लौणा याकुब और बक भइया युहन्ना बिनको दउव जबदिया संग नैंयामे अप्नो जार बिनत रहए ।, और बा बिन्के बुलाइ,
\v 22 तब बहे समय नैंया और अपने दउवाके छोणके बे बा के पिच्छु लग्गए।
\p
\v 23 और येशु बिनके सभाघर मे सिकातए, राज्य को सु-समाचार प्रचार करतए, और आदमिनमे बे सबए प्रकारके रोग और शरिरकी कमजोरी अच्छो करतय सबए गालील भर घुमी।
\v 24 बा को काम सबै सिरीया भर फैल गओ, और बिमारि और तमान प्रकारके रोग और दुःखसे सताय भए, भुत लागे, और मिर्गि लागे भए और अपङ् ग (पक्षघाति) भए सबए आदमि बक जौने लाई। बा बिनके अच्छो करी।
\v 25 और गालील, डेकापोलिस, यरुश्लेम, यहुदिया और यर्दन पारसे बहुत बणि भीण बाके पिच्छु लागी।
\c 5
\cl अध्याय 5
\p
\v 1 जब येशु भिड़ के देखके बा उचो डंगामे चड़गओ, और बा बैठनसे पिच्छु, चेला बाके जौनेआए।
\v 2 वा मुंहु खोलि और शिक्षा देन लागो।
\q
\v 3 ”धन्य आत्मामे दीन होनबारे, काहेकि स्वर्गको राज्य बिनही को हए।
\q
\v 4 धन्य शोक करन बारे, काहेकी बे सानत्वना पामङ्गे।
\q
\v 5 धन्य नम्र होनबारे, काहेकी बे पृथ्वीको राज्य पमङ्गे।
\q
\v 6 ६ धन्य धार्मीक्ताके ताही भुके और प्यासे, काहेकी बे तृप्त होमङ्गे।
\q
\v 7 धन्य दया दीखान बारे, काहेकी बे दया पामङ्गे ।
\q
\v 8 धन्य शुद्ध हृदय होनबारे, काहेकी बे परमेश्वरके देखङ्गे।
\q
\v 9 धन्य मेलमिलाप करानबारे, काहेकि बे परमेश्रके लऊड़ा कहेलामङ्गे।
\q
\v 10 धन्य धार्मिक्ताके ताहि सताएभए, काहेकी स्वर्गको राज्य बिनहीको हए।
\q
\v 11 धन्य हव तुम, जब आदमी मिर्ताही तुमरि बदनाम करऐ और सतामए और झुट बोलके तुमर बिरुद्धमे सबै तरिकाको खराब बात काहामए।
\v 12 तव रमाबओ और खुशि होबओ, काहेकि स्वर्गमे तुमरो बहुत बणो इनाम हए। काहेकि ऐसिए तुमसे अग्गु आएभए अगम बक्तानके बे सताइ रहऐ।
\p
\v 13 ”तुम पृथवीके नुन हओ, पर नुनको स्वद चलो जाएगो तओ बा कासे नुनान होबएगो? बा त बाहेर फेकन और अदमिनके टाङसे रौउदन बाहेक और कछु काम को ना राहाबइगो।
\v 14 ”तुम संसारकि ज्योति हओ। डंगामे बैठो भओ सहर कबहु ना लुक सकत् हए।
\v 15 आदमी दिआ पजारके छपरियसे नातोपत हए, पर सामदानि मे धरत हए, ताकि घरमे होन बारे सबै के ताहिं ऊज्यारो देबै।
\v 16 ऐसिए तुमर ज्योति आदमीनके अग्गु चम्कए, और बे तुमरो अच्छो काम देखऐं और तुमरो स्वर्ग मे होनबारो पिताकि महिमा करऐं।
\p
\v 17 ”व्यावस्ता औ आगमवक्तकनके मै रद्द करन आओ हओ, करके मत सम्जै।मै रद्द करन नाए, पर पुरो करन आओ हओ।
\v 18 काहेकि मै सचमुच तुमसे काहात हओ, जब तक स्वर्ग और पृथ्वी खतम नाहुइ हए तबतक सब बात पुरि नाहोनतक, कोइ किसमको एक बिन्दु फिर नाहटैगो।
\v 19 जहए कारनसे जैन जे आज्ञानके सबसे छोटोके उलङघन करहए, और आदमीनके ऐसिए सीकाबैगो, स्वर्गके राज्य मे बा सबसे छोटो कहेलाबैगो।पर जे आज्ञनके पालन करन सीकावैगो, स्वर्गके राज्य मे बा सबसे बड़ो कहलावैगो।
\v 20 काहेकि मै तुमसे काहात हओ, तुमरो धार्मीक्ता शास्त्री और फरिसीसे बड़ो नाहोबैगो तओ तु कोइभी तरिकासे परमेश्वरके राज्यमे प्रवेस ना कर पाबैगे।
\p
\v 21 तुम सुनेरओ, प्राचीन समयके अदमीनसे ऐसो काहि रहए ‘तुम हत्या मतकरिओ ‘और जो हत्या करएगो बा दण्डके योग्या होबैगो’।
\v 22 पर मै तुम से अऐसो काहात हओ, जैन कोइ अपने भाइया से क्रोध करइगो बा दण्ड के योग्या हएऔर जैन कोइ अपने भइया को अपमान करइगो, बा माहा शभा मै जवाफ देही होबइगो। पर जो अपने भइयाके ‘तए मुर्ख’ हए काहाबइगो, बा नर्कके आगीमे पड़नके खतरामे होबएगो।
\v 23 जहए करन से तुम बेदी मे अपनी भेटी चणान जानसे पहीले, तुमरे भइया के बिरुद्धमे कछु हए तओ, तुमके याद हुइगओ हए तव,
\v 24 अपनी भेटीके हुंए बेदी के अग्गु छोणके, और जा । पहीले अपने भइया से मेलमीलाप कर, और बाकेबाद आएके अपनि भेटी चढा।
\v 25 ”अपने बिपक्ष संग अदालत मे जात डगरएमै मिलाप करले, नत बादी (बिपक्ष) तुमके न्यायाधीश के हातमे संउप देहए और न्यायाधीश हाकीम के हातमे संउप देहए, और तुम झेलमे पणजैहओ।
\v 26 न्याहत्ए, मए तुमसे काहत हओ तुम एक-एक पइसा ना तीरन तक, तुम हुंआसे छुट्ना पइहओ।
\p
\v 27 ”तुम ऐसो काहात सुने हओ,” तुम व्याभिचार मत करओ।
\v 28 पर मै तुमसे काहात हओ, जो कोइ दुसरी स्त्रिरीके कूइच्छासे देखइगो, बा पहीलेसे अपने हृदय मे व्याभिचार कर लईहए।
\v 29 काहेकि तुमरी दहिनी आंखी तुमके पाप करन लगात हए तव बाके निकार के फेक देबओ, काहेकी तुमरो सबै शरीर नर्कमे फेकनसे अच्छो त तुमर शरीरको एक अंग गुमानो अच्छो होबईगो।
\v 30 तुमरो दहीना हात तुमके पाप करन लगात हए, त बा के काट् के फेक देओ।काहेकी तुमर सबए शरीर नर्क मे जानसे त शरीरको एक अंग गुमानो अच्छो हुईहए।
\p
\v 31 ३१ “ऐइसो फिर काहात हए, की जउन कोई अपनी बईयर के छोणन चाहत हए, बा बाके त्याग पत्र लीख्देबए"।
\v 32 पर मै तुमसे काहात हओ, जउन कोई अपनी बइयरके व्याभिचारके करनसे बाहेक औरकोइ कारनसे छोणएगो, बा बाके व्याभिचारी बना बईगो, और जो कोई अइसी छुटी भई बइयरनसे विहा करएगो बा व्याभिचार करइगो।
\p
\v 33 ”फिर तुम जहओ सुने हओ, की प्रचीन समयके अदमी से कही रहए,” तया झुटी कसम मत खाबए, पर परमप्रभुके ताहि खाइ भइ कसम तए पुरि कर ।
\v 34 “पर मै तुम से काहात हओ, कसम मत खाबओ। स्वर्ग के नाउँ मे कसम मत खा बओ, काहेकी बा परमेस्वरको सींहासन हए,
\v 35 ना पृथ्वीको, काहेकी बा परमेस्वरको पाउँ दान हए, ना यरुशलेमको काहेकी, बा माहाराजाको शहेर हए।
\p
\v 36 अपने मुणकी कसम मत खाओ, काहेकी तुम अपने बारके कारो की सेतो ना बना सकत् हओ।
\v 37 तुमरो कहो भओ बचन’ हं त हं , ना त ना ‘इकल्लो होबए।जासे अलाबा दुस्ट से अत हए।
\p
\v 38 तुमसब सुने हओ, अइसो कहि रहए, अंखी को बदला अंखी, दंत को बदला दंत”।
\v 39 पर मै तुमसे काहत हओ, दुष्टको मुकाबला मत करओ।जउन तुमरे दहीना गलउवा मे मारत हए बाके ताही दुस्रो गलउवा रोक देबओ।
\v 40 जउन आदमी तुमर उपर मुद्दा चलाएके कपड़ा लेन दाबी करत हए तओ बा केअपने पिछउण फिर दइ देबओ।
\v 41 यदी कोइ तुमके एक कीलो मिटर दुर लइजान मजबुर करत हए, बा के संग दुई किलो मिटर जाएदेओ।
\v 42 तुम से मागन बारे के देओ और तुम से कर्जा लेन बारेके मिनाहा मत करओ।
\p
\v 43 ”तुम अइसो काहात सुने हओ, तुमरे पणोसी से प्रेम करओ, और दुस्मनसे घृरणा करओ।
\v 44 ‘पर मै तुमसे काहात हओ, तुमरे सत्रुसे प्रेम करओ, और तुमके सतान बारेनके तांही प्रार्थना करओ, तुमके सरापन बारेनके आशीष देओ
\v 45 और तुम स्वर्गमे होन बारो अपने पिताके लउड़ा होबओ गे। बा खराब अच्छे दोनेन्के दीनको घामु देत हए, और धार्मी और पापी दोनेन्के बर्खा देत हए।
\v 46 काहेकी तुम प्रेम करन बारेनसे इकल्लो प्रेम करत हओ तव तुमके का इनाम हए? काहेकी महसुल उठान बारे फिर त अइसीए ना करत हए?
\v 47 तुम अपने ददा भइयनके इकल्लो अभीवादन करत हओ तव औरन से जद्धा का करे? का अन्य जातिफिर अइसो नाकरत हए का?
\v 48 जहे कारन से जैसो तुमरो स्वर्गमे होन बारो पिता सिद्ध हए, उइसिए तुम फिर सिद्ध हो बओ।“
\c 6
\cl अध्याय 6
\p
\v 1 “तुम अदमीनके दिखान तांही धर्म के काम मत करओ। नित स्वर्गमे होन बारो पिता से तुम कछु इनाम ना पाबइगे।
\v 2 ”जहे कारन से तुम दान देत हओ, तव अपने अग्गु तुरही मत बजाओ। जइसेकी पाखण्डी सभाघरमे और सडकमे आदमीसे प्रशंसा पान तांही करत हए। सचमुच मए तुम से कहत हओ की बे अपनो इनाम पाएडारी हए।
\v 3 पर जब तुम दान देत हओ, तव तुमरो दाहीना हात का करत हए, जा बात डीबरा हात पता न पाबए ।
\v 4 तुमरो दान गुप्तमे होबए, और गुप्पमे देखन बारो तुमरो पिता तुमके इनाम देबएगो।
\p
\v 5 ”जब तुम प्रार्थना करत हओ तव पखण्डीन के जइसो मत होबओ, काहेकी बे सभाघरमे और सणकके कुनइठेमे आदमी देखऐ कहीके प्रार्थना करन मन पणात हए। सचसच मए तुम से काहत बे अपनो इनाम पए लइ हऐ।
\v 6 पर जब तुम प्रार्थना करत हओ तव अपने भितरके कोने मए जाइके और फाटक बन्द करके गुप्त मए देन बारो तुमरो पिता से प्रार्थना करओ, और गुप्त मए देखन बारो तुमरो पिता तुमके इनाम देबइगो।
\v 7 और प्रार्थना करत अन्या जातिनके जइसे मत बरबराओ। काहेकी गजब शब्द मए बोलङ्गे तव हमरी सुनवाइ होबएगी कहीके बे बिचार करत हए।
\v 8 जाकमारे बिनके जइसे मत होबओ ।काहेकी तुमके मागन से पहीले तुमके का-का चीजकी अबस्सेक्ता हए, जा सब तुमरो पिता जानत हए।
\v 9 ”पर तुम जा परकार से प्रार्थना करओः हे हमरो पिता, तए जे स्वर्ग मे हए, तेरो नवउ पवित्र होबए,
\v 10 तेरो राज्य आबए, तेरि इच्छा स्वर्ग मए जइसे पुरि होत हऐ। बइसेइ जा पृथ्वी मए पुरि होबऐ
\v 11 हम के आज हमरी दीन भरकी रोटी दे।
\q2
\v 12 हमरे अपराद के क्षमा कर, जइसे की हम अपने अपराधीन के क्षमा करे हए।
\q2
\v 13 हमके परीक्षा मए पणन मत दे, और दुष्ट से बचा। काहेकी राज्य, पराक्रम और महीमा सदासर्वदा तेरी होबए।
\p
\v 14 काहेकी तुम आदमीन के अपराध क्षमा करइगे तव तुमर स्वर्गमे होन बारो पिता तुमके क्षमा करएगो।
\v 15 पर तुम आदमीनको अपराध के क्षमा ना करइगे तव तुमर पिता तुमर अपराध क्षमा ना करइगो।
\p
\v 16 “जब तुम उपवास बइठत हओ, तव पखण्डीन के जइसे उदासी चेहेरा मत दीखाओ। काहेकी आदमीन के अग्गु उपवास उदास बइठो हओ दीखान तांही वे अपनो मोहोके अँध्यारो बनात हए। सचमुच मए तुम से काहात हओ, वे अपनो इनाम पएलइ हए।
\v 17 पर तुम उपवास बइठे हओ, तव अपने मुणमे तेल लगाओ, और अपने मुहुके धोबओ।
\v 18 और तुमरो उपवास आदमी ना पर गुप्त मे बइठन बारो तुमरो पिता देखऐ, और गुप्तमए बइठन बारो तुमरो पिता तुम के इनाम देबएगो
\v 19 ‘अपने ताही पृथ्वीमे धन सम्पति मत इघट्टा करओ, जहँ कीरा और काई लागके खतम होत हए और जहँ चुट्टा घर काट के बा चुरात हए।
\v 20 पर अपने ताहँ स्वर्ग मए धन, सम्पति धरओ, जाहँ किरा और काई खतम ना करत हए, और चुट्टा फिर ना चुरात हए।
\v 21 काहेकी जाहँ तुमरो धन होबइगो, हुँवा तुमरो मन होबइगो।
\p
\v 22 “अँखी शरीरकी बत्ति हए।अगर तुमरी अँखी स्वस्थ्या हए कहेसे, तुमरी सबए शरीर उज्यारो मे हए।
\v 23 पर तुमरी अँखी खराब हऐ, कहेसे तुमर सबए शरीर अँध्यारोमै हऐ। अगर तुमर भीतरको उज्यारो अँध्यारो हुइजए हऐ कहेसे, बा अँध्यारो कितनो घोर हुइहए।
\p
\v 24 “कोइ भी दुई मालीकको सेवा ना कर पए हए।काहेकी बा एक के खराब मानएगो, और दुसरे के प्रेम करइगो। अथवा बा एकके भक्तीदीखा बइगो, और दुसरेके तुच्छ मानएगो। तुम परमेश्वर और धनकी सेवा ना कर पाबइगे।
\p
\v 25 “जहे कारन से मए तुमसे काहात हओ, का खामङ्गे, का पिमङ्गे कहीके अपने प्राणके ताही और का लगामङ्गे’ कहीके अपने शरीरके ताही चिन्ता मत करओ। का जीवन खानबारी चिज से और शरीर लत्ताकपणा से उत्तम नाहए?
\v 26 अकाशके चिरइ चुरगनीन के देखओ। बे नत बिज बोत हऐ, नात अन्न कटनी करत हऐ, ना भकारी मए धरत हए, पर स्वर्गको पिता बिनके खबात हए। का तुम बिनसे बहुत मुल्याबान नाहओ?
\v 27 तुम मैसे कौन फिक्री करके अपन आयुमे एक घणी फिर थप सकत हए का?
\p
\v 28 “और लत्त कपडा के ताहिँ तुम काहे फिक्री करत् हौ? मैदानके लिली फुलाके देखौ, बे कैसे बढत् हए| बे ना परिश्रम करत् हए, ना डोरा बटत् हए|"
\v 29 पर मए तुमसे कहत् हौ, सोलोमन राजा फिर अपने साबै गौरबमे इनहीके जैसो एक सम्पन्न रहए
\v 30 आज होनबारो और कल आगीमे फ्याकन बारो घाँसके परमेश्वर अइसे पैधात् हए तव, ए अल्पबिस्वासी हो, का तुमके औरजद्धा बा ना पैधाबैए गो?
\v 31 जहेमारे का खाएहौ?' कि 'का पिहौ?' करके चिन्ता मतकरौ|
\v 32 काहेकि जे सब बात अन्याजाती ढुणत हए और जे बात तुमके जरुरत हए कहेन बारि बात तुमर स्वर्गिया पिता जानत हए |
\v 33 पर पहिले बाको दार्मिक्ता और बाको राज्यके डुणओ औ जे सब चिज तुमके दौजाएगो ।
\v 34 जहेक मारे कलके ताहि चिन्ता मत करओ, काहेकिकल्लकि चीन्ता बा अपनए करएगो ।प्रतेक दिनको अपनिए बहुत चीन्ता हए।
\c 7
\cl अध्याय 7
\p
\v 1 औरनके दोषी मत ठहरओ, और तुम फिर दोषीनए ठहरैगे,
\v 2 कहेकी जैसी तुम औरके दोषीबनात हओ, उइसिए, तुमके फिर दोषी बने जएहओ | जौन नापसे तुम नापत हओ, बाहे नापसे क तुमर ताही फिर नपेजए हए ।
\v 3 और कहे तुम अपन भैयाके आँखीमे भव पैराको कुराके देखतहौ, पर तुम अपनी आँखीमे भव बुँटा फिर पत्ता ना पातहौ?
\v 4 तुमर अपनी आँखीमे बुँटा हए, तव कैसे तुम अपन भैयासे कहए, 'मोके तुमर आँखीसे कुरा निकारन् देओ|'
\v 5 ए ढोगी, पहिले अपने आँखीमे भव बुँटाके निकर, और तुम अपन भैयाके आँखीमे भव कुराके निकारन ताही तुम सफासे देख पैहौ|
\v 6 “जो पवित्र हए बा कुत्तानके मत देओ| अपन मोती सोराके अग्गु मतफेकौ, नत बे अपन टाँगसे बाके कुचलडारङ्गे और घुमके तुमके अफत करेहए|"
\v 7 “मागौ और तुमके दव जाएगो, ढुणओ और तुम पाबएगे, ढकढक्बओ और तुमरे ताहिँ फाटक खुलोजाबइगो |"
\v 8 कहेकी मागन बारे सबए, पामङ्गे ।, और ढुणन बारे सबए पए हए । और खटखटान बारेनके ताहिँ खुलोजाबएगो ।
\p
\v 9 “तुमर मैसे कौन यैसो आदमी हए, जौनको लौणा रोटी माग्तहए औ बाके पत्थर देहए?”
\v 10 कि मछ्री मगइगो तव बा सँप देहए?
\v 11 जकमारे तुम दुष्ट हुइके फिरअपन लौणा-लौणीयाके अच्छो चिज देन जानत् हौ कहिसे स्वर्गमे होनबारो तुमर पिता बासे मागन बारेनके कितो जद्धा करके अच्छि चीज ना देहए का?
\p
\v 12 जा कारनसेआदमी तुमरसंग जैसी व्यबहार करत् हए, तुम फिर बिनके संग उइसी व्यवहार करओ। कहेकी जहे व्यवस्था और अगमवक्ताको शिक्षा हए ।
\p
\v 13 “पतरो फाटकसे भितर कुचओ, कहेकी बिनासमे पुगन बारो फाटक सहज होतहए और बासे भितर घुसन बारे बहुत होतहए|"
\v 14 कहेकी जीवनमे पुगानबारो फाटक पतरो होतहए और डगर कठिन होतहए, और बा पानबारे थोडी होतहए|
\v 15 “झुठो अगमवक्तासे होशियार बैठीओ, जो तुमरे ठिन भेडाके भेषमे अतहए, और भितर डरलागन् बारो गुल्हा कता होतहए|
\v 16 बिनके फरासे तुम बिनके चिनइगे| का आदमी काँटोके पेणसे अंगुर औ सिउँडसे गुलर तोरत हए का?
\v 17 ऐइसीए करके हरेक अच्छो रुखा अच्छो फरा फलाबैगो| और खराब रुखा खराब फरा फलए हए|
\v 18 अच्छो रुखा खराब फरा नए फर सकत हए, न ता खराब रुखा अच्छो फरा फारए सकत हए।
\v 19 अच्छो फरा ना फरानबारो हरेक रुखा काटके उजाणो जएहए, और आगीमे फेको जएहए ।
\v 20 अइसीय बिनके फरासे हि तुम बिनके चिनैगे|
\v 21 “मोके 'प्रभु, प्रभु' कहान बारे सब स्वर्गके राजमे प्रवेश नएकर पए ह ।| स्वर्गमे होनबारो मिर पिताको इच्छा पालन करन् बारे आदमी इकल्लो स्वर्गके राजमे प्रवेश करन पए हए ।"
\v 22 बा दिन बहुत आदमी मोसे कए हए, 'हे प्रभु, हे प्रभु, का हम तुमरे नाउँमे अगमवाणी बोले ना हए का? तुमरे नाउँमे भुत भजए ना हए का? और तुमरे नाउँमे अनेक शाक्तिशाली काम करे ना हए का?”
\v 23 और मए बिनसे सफासे काहमङ्गो, मए तुमके कब्हु ना चिनत हओ| ए खराब काम करन् बारे मोसे दुर हुइजाओ ।
\p
\v 24 “जहेमारे कि जौन मिर जा बचन सुन्तहए और पालन करत् हए, मए एक बुध्दिमान आदमीसे बाको तुलना करत् हौ, जौन अपन घर चट्टान उपर बनाइ ।"
\v 25 और पानी पणो, और बैहिया अई, और आँधी चली और बा घर उपर ठुको, ताहु फिर बा घर ना उज्णो| कहेकी बा चट्टान के ऊपर बनाइँ रहए ।
\v 26 पर जौन मिर जा वचन सुनके फिर पालन ना करत हए, बाको तुलना एक मुर्ख आदमीसे करत् हओ, जौन अपन घर रेता उपर बनाई ।
\v 27 पानी पणो, और बहिया अई, और आँधी चली और बा घर उपर ठुकी, और बा घर उजाड गओ, और बाको बणो बिनास भव।”
\p
\v 28 जब येशु जा बचन कहे डारी पिछु भीड बाकि शिक्षा सुनके बहुत अचम्मो पणिगए ।
\v 29 कहेकी बा बिनके शास्त्रीन के जइसो ना कि, बल्कि अधिकार पाव भव आदमी जैसो सिकत रहए ।
\c 8
\cl अध्याय ८
\p
\v 1 जब येशु बा डाँगासे उतरके पिछु बणी भीड बाके पिछु लाग् गई ।
\v 2 एक कोढी बाके ठिन अओ, और बाके अग्गु घुँटो टेकके कही, “हे प्रभु, तुमर इच्छा हए कहेसे मोके अच्छो करसक्त हौओ”।
\p
\v 3 बा अपन हात पसारके बाके छूई और कहि, “मए इच्छा करत् हौ, तुम अच्छे हुइजाओ|” तुरन्त बाको कोढरोग अच्छो हुइगओ।
\v 4 तव येशू बासे कहि, “कोइके मत बताबए ।तए जा और अपनएके पुजाहाके ठिन दिखा, और मोशा आज्ञा करी जैसो भेटी चढा, और आदमीके तही गबाही होबए ।”
\p
\v 5 “जब येशू कफर्नहुमके घुसत एक जनी कप्तान बाके ठिन आएके बिन्ती करन् लागो बा कही,
\v 6 “हे प्रभु, मिर नोकर पक्षाघातसे बहुत दु: ख पाएके घरमे पणो हए ।”
\p
\v 7 “येशु बिनसे कहि, “मए आएके बाके अच्छो करंगो ।”
\p
\v 8 तव कप्तान कहि, “हे प्रभु, तुमके मेरे घरमे स्वागत करन् को योग्य मए ना हओ ।| बल्कि तुम वचन इकल्लो बोलदेओ, और मेरो नोकर अच्छो हुइजए हए ।
\v 9 कहेकी मए फिर अधिकारीके अधिनमे हौ, और मिर अधिनमे सिपाही हए । मए एक जनीसे 'जा' कहतहौ, तव बा जातहए, और दुसरे से कहतहौ 'अएजा' तव बा आतहए । मेरो कमैयासे 'अइसो कर' कहतहौ, तव उइसी करत् ह ।|”
\p
\v 10 बिनको बात सुनके येशू अचम्मो मानि, और बाके पिछु आन बारेंनसे कहि, “नेहत्व, मए तुमसे कहत् हौ, इस्राएलमे फिर इतनो भारी बिश्वास मए ना पाओ हओ ।
\v 11 मए तुम कहतहौ, बहुत जनी पुर्व और पश्चिमसेअमङ्गो, और अब्राहाम, इसहाक और याकुबके संग स्वर्गके राज्यको भोजमे वैठंङ्गे ।
\v 12 पर राज्यके सन्तान बाहिर अन्धकारमे फेकेजए हए| हुवाँ आदमी रोमंङ्गे और दाँत किटकिटए हए ।”
\v 13 तव येशू कप्तानसे कही, “जाओ जैसो तुम बिश्वास करेहौ, उइसी तुमके होबए ।” तव बाको नोकर बहे घणी अच्छो हुइगओ|
\v 14 जब येशु पत्रुसके घरमे अओ बा पत्रुसकी सास बुखारसे खटीयमे पणी देखी ।
\v 15 येशु बिनको हात छूई, और बुखार बिनके छोडदै। और बे उठके उनकी सेवा करन लगी ।
\p
\v 16 जब संन्झा भओ, अदमी भुत लागे बहुत जनी बिमारीनके येशु ठिन लाइ | और बा वचनसे भुतनके बाहेर निकारी, और जित्तो बिमार रहए, सबके अच्छो करी ।
\v 17 “यशैया अगमवक्ताक बोलो भव ऐसो बचन पुरो भव, “बा “अपनए हमर बिमारके लैइ, और हमर रोग उठाएके लैगओ ।”
\p
\v 18 जब येशू अपन आसपिस बणी भारी भीड देखि, बा गालील समुद्रके बापार जानके आज्ञा दै ।
\v 19 एक जनि शास्त्री बाके ठिन अओ, और बासे कहि, “गुरुज्यु, तुम जहाँ-जहाँ जातहौ, मए तुमर पिछु आमङ्गो”
\v 20 येशू बासे कहि, “सेराके भार और आकाशके चिरैचुरंगिनके घुरघुसला होतहए, पर आदमी पुत्रके ताहिँ ता मुण धरन ठाउँ फिर ना हए ।”
\p
\v 21 चेला मैसे एक जनि कहि, “प्रभु, पहिले मोके मिर दौवाके गणन देओ ।”
\p
\v 22 तव येशू कहि, “मिर पिछु आ, मुर्दाके बिनको आपनो मुर्दा गाणन छोणदे ।”
\p
\v 23 जब येशु नैयामे चढो तव बाके चेला फिर बाके पिछु लागे|
\v 24 आचानक समुद्रमे बणी भारी आँधी आएगै, और लाणुरासे नैयाँ तुपन् लागी । येशू सोत् रहए ।
\v 25 चेला आएके अइसे कहत जगई, “बाचाओ प्रभु! हम नष्ट होन लागे ।”
\p
\v 26 येशू बिनसे कहि, “अल्पबिश्वासी आदमी, तुम कहे डरात् हौ?” तव उठके आँधी और समुन्द्रके डँटी । और बा हुँव बिलकुल सन्त हुइगओ ।
\p
\v 27 “जा त कैसो आदमी हए, कहेकी आँधी और समुन्द्र फिर जाकि कहिना मन्तहए" कहिके बे आदमी छक्क पणीगए ।
\p
\v 28 जब येशु बापारसे गदरिनीके मुलुकमे आए रहए, तव भुत लागे दुई आदमी गड्डासे निकारके बाके भेटि| बे इत्तो डरौने रहए, कि कोइ फिर हुँवासे आन-जान ना कर पात रहए ।
\v 29 देखओ बे अइसे कहत चिल्लाई, हे परमेश्वरको पुत्र, तुमसे हमर का मतलब हए? का कहोभओ समयसे पहीले हि तुम हमर ठिन दुःख देन आए हओ?
\v 30 बिनसे कुछ दुर सोराको एक बगाल चुगत् रहए ।
\p
\v 31 भुत बोसे बिन्ती करी, “अगर तुम हमके निकारत् हौ कहेसे, हमके बा सोराके बगालमे पठए देओ ।”
\p
\v 32 “और बा बिनसे कहि, “जाओ" तव बे निकारके सोराके भितर घुसिगए, और सोराको जाम्मए बगाल समुन्द्र घेन हुरतएगए, और पानीमे डूबके मरिगए ।"
\v 33 सोरा चुगान बारे अदमी बा हुँवसे भाजेके सहेरमे गए, बे सब बात औरखास करके बे भुत लगेन् के का भव सो सुनाएदैं ।
\v 34 तव जम्मए सहेरके येशूके भेट करनके आए ।, और बाके देखके आदमी बिनको इलाकासे छोणके चलो जाए करके बासे बिन्ती करीँ ।
\c 9
\cl अध्याय 9
\p
\v 1 येशु एक नैयामे चढके बापार गओ, और बा अपनो सहेरमे अओ|
\v 2 आदमी खटियामे पणो एक जनी पक्षाघातीके बाके ठिन लाइ । येशू बिनको बिश्वास देखके पक्षाघातीसे कहि, “लौणा, साहस कर| तेरो पाप क्षमा हुइगए हए ।”
\p
\v 3 देखओ शास्त्री मैसे कित्तो आपसमे कहन लागे, “जा परमेश्वरके निन्दा करत् हए ।”
\v 4 येशू उनको बिचार जानके कहि, “तुम कहे अपन हृदयमे दुष्ट बिचार करत् हौ?
\v 5 का कहन सजिलो हए, तुम्रो पाप क्षमा भव' कि 'उठा और नेग' काहन?
\v 6 पर आदमीक पुत्रके पृथ्बीमे पाप क्षमा करनको अधिकार हए कहिके तुम जान सकओ ।” तव बा पक्षाघातीसे कहि, “उठ, अपनी खटिया बोक, और घरए जा ।”
\v 7 तव बा आदमी उठो, और अपने घरघेन गव| ।
\v 8 जब भीड जा देखि बे अचम्मो मानी आदमीनके ऐसो अदिकार देनबारो परमेश्वरको प्रशंसा करी ।
\p
\v 9 येशू हुवाँसे जातपेती मत्ती कहन बारो एक आदमीके कर उठन बारो अड्डामे बैठो देखि, और बिनसे कहि, “मिर पिछु लाग ।” तव बा उठो और बाके पिछु लागो ।
\v 10 जब खानु खान बैठो देखओ, बहुत जनी कर उठनबारे और पापी आए येशू और बाके चेलासंग खान बैठे|
\v 11 जब फरिसी जा देखी, तव बाके चेलानसे कहिँ, “कहे तुमरो गुरु कर उठानबारे और पापीसंग खातहए?”
\p
\v 12 जब येशु जा सुनी बा कहि, “निरोगीँके बैदाको जरुरत ना होतहए, पर रोगीनके होतहए ।
\v 13 तव जाएके जाको अर्थ का हए तुम सिकौ: मए बलिदान नए, दया चाहतहौ ।” कहेकी मए धार्मिनके नए, पर पापीनके बुलान अओ ।”
\p
\v 14 तव बप्तिस्मादेन बारो यूहन्नाके चेला बाके ठिन आए, और बासे पुछी, “काहे हम और फरिसी उपवास बैठतहए, और तुमरे चेला उपवास नए बैठतहए?”
\p
\v 15 येशू बिनसे कहि, “जब दुलहा संग अएभए बरैतियासंग शोक मनातहए? पर बे दिन आमंगे जब दुलहा बिनसे अलग होबएगो । और बे उपवास बैठंगे,
\v 16 “कोइ फिर पुरानो लत्तामे नयाँ कपणाको थिग्रा नए लगात हए । कहेकी नयाँ थिग्रा पुरानो लत्ताके फारदेतहए, लत्ता और जाद्धा फटजातहए ।"
\v 17 “कोइ पुरानो खालको मशकमे नयाँ दाखमध ना, धरतहए नित मशक फुटजाबैगो, और दाखमध गिरजएहए, और मशक नष्ट हुइजएहए । कहेकी नयाँ दाखमध नयाँ खालको मशकमे धरत हए और दोनो बच जएहए ।”
\p
\v 18 जब येशु बिनसे जा बात कहत रहए, देखओ त एक जनी शासक अओ, और येशुके दण्डवत करके कहि, मिर लौणीया भर्खर मरीहए, और आएके बाके मुण उपर तुम हात धरदेओ, और बा जीन्दा हुइजएहए ।”
\v 19 येशू उठो और अपन बिनके पिछु लागो चेलानके फिर बिनके पिछु गए ।
\v 20 देखओ बाहृ वर्षासे बहुत रगत बहनबारी एक बैयए येशुके पिछुसे आएके बाको कुर्ताको कुन्छ छुई ।
\p
\v 21 कहेकी बा मनए मन सोचिरहए, “मए बाको कुर्ताक् कुन्छ छुइहओ खिनक् मए अच्छो हुइजएहओ ।”
\p
\v 22 पर येशु घुमक देखके बा बैयरके देखी, और कहि, “लौणीया, सहास कर, तेरो बिश्वाससे तोके अच्छो करी हए ।” बा बैयर बहे घणी अच्छी हुइगइ
\v 23 जब येशू शासकके घरमे अएपुगो, बा बसुली बजानबारे और भीडसे खैलाबैला मचोदेखी, ।
\v 24 बा बिनसे कहि, “बाहिर जाओ, कहेकी लौणीया मरी ना हए, लेकिन सोतहए|” बे बाको खिल्ली ऊणाइ ।
\v 25 जब भीड के बाहिर निकरके बा घर भितर घुसो, और बा लौणीयाको हात पकणी, और बा लौणीया उठगइ ।
\v 26 जा बातके बारेमे मुलुक भर हल्ला उणिगओ|
\v 27 “येशू हुवाँसे जातपेती दुई जनि अन्धा" “हे दाउदको पुत्र ह्मरे उपर दया कर" “कर्के चिल्लात बाके पिछुपिछु लागे ।"
\v 28 बा घरमे कुचो तव अन्धा आदमी बाके ठिन आए । येशू बिनसे कहि, “मए जा कर सकङ्गो कहिके तुम बिश्वास करत् हौ?” बे बासे कहि, “हँ प्रभु ।”
\p
\v 29 तव बा बिनको आँखी छुइके कहि, “तुमरो बिश्वासके जैसो तुमके होबए ।”
\v 30 और उनकी आँखी खुलिगई| येशू अइसे करके बिनके मिनाहा करी, “जा बात कोइके पता ना होबए|”
\v 31 तव बे गए, और बा इलाका भर बाको चर्चा फइलाए दई ।
\p
\v 32 जब बे दुइ जनी आदमी निकरके जात रहए, तव भुत लागो एक जनि गुँगा आदमी बाके ठिन ल्याई ।
\v 33 जब “भुत निकरके गओ बा गुँगा बोली । और" “इस्राएलमे कबहू अइसो ना देखे रहए, कहत भीड अडम्मो पणीगए ।"
\p
\v 34 और फरिसी ऐसो कहन लागे, “भुतके मालिकसे जा भुत निकरत् हए ।”
\p
\v 35 येशू सबए सहेर और गाउँघेन बिनको सभाघरमे शिक्षा देत और हरेक किसिमके रोग और कमजोरनके अच्छो करत् जान लागो|
\v 36 पर भीडके देखके बाको हृदय बिनके ताहिँ दयासे भरगओ । कहेकी बे बक्रेहेरा बिनके भेडा जैसे हैरान और बेसहराके रहए ।
\v 37 तव बा अपन चेलनसे कहि, “फसल त बहुत हए, पर खितहारा थोरी हए ।
\v 38 जहेमारे फसलके प्रभुसे प्रार्थना कराओ, की बे अपनो फसलके ताही खितहारानके पठाएदेबए ।”
\c 10
\cl अध्याय 10
\p
\v 1 येशू अपन बाहृ चेलान् के बुलाएके अशुध्द आत्मा निकारन् और हर प्रकारके रोग और दुर्बलता अच्छो करन् अधिकार बिनके दै।
\v 2 बाह्र प्रेरितके नाउँ जेही हए, पहिलोको पत्रुस कहन बारो सिमोन और बिनको भैया अन्द्रियास, जब्दियाक लौणा याकुब और बिनको भैया यूहन्ना,
\v 3 फिलिप और बारथोलोमाइ, थोमा और कर उठानबारो मत्ती, अल्फयसको लौणा याकुब और थेदियस,
\v 4 सिमोन कनानी और यहूदा इस्करियोत, जौन येशूके पक्णए दैरहए।
\p
\v 5 येशू जे बाह्र चेलनके अइसो आज्ञा दैके पठाई, “अन्यजातिंनके बीचमे मत जाओ, और सामरीनके सहेरमे मत घुसओ।
\v 6 पर इस्राएल जातिके हराए भए भेणाके ठिन जाओ।
\v 7 “स्वर्गको राज जौने आएपुगो हए,' कहतय प्रचार करओ।
\v 8 “बेमर के अच्छो करओ, मरेन्के जिन्दा करओ, कोढीनके शुध्द करऔ, भुतन्के निकारओ। तुम सेंतएमे पाएहौ, सेंतएमे देओ।
\v 9 तुम अपन फेंटामे सोनो चाँदी और तामाके लोटा मत बोकओ,
\v 10 यात्राके ताहिँ झोला, दुई जोण कुर्ता, जुता, लकणी मतलेओ। काहेकी खितहाराके बाको खानु पानपणात् हए।
\v 11 “जौन सहेर कि वा गाउँमे तुम घुसेहौ, हुँवा जानोमानो कौन हए बोके ढुणओ, और हुँवासे बिदा न होन तक हुवाँए बैठओ।"
\v 12 तव घर भितर कुचके अभिबादन करीओ।
\v 13 बा घरमे जानन् बुझन बारे हएँ तव, तुमर शान्ति बा घरमे अबैगो। जौन बा घरमे जानन् बुझन बारे नैयाँ तव, तुमर शान्ति तुमरी संग घुमके आएजाए हए।
\v 14 अगर कोइ तुमके ग्रहण न करी और तुमरो बचन न सुनी तव बा घरसे निकरतय अपन टाँगको भुवा झारदिओ।
\v 15 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, न्यायके दिनमे बा सहेरको दशा सदोम और गमोराको हालतसे फिर जद्धा हुइहए।
\p
\v 16 “देखओ, मए तुमके गुलहाके बीचमे भेणा कता पठएहौ, जहेमारे तुम साँप कता चलाक और कबुतर कता निर्दोष होबओ।"
\v 17 पर आदमीनसे होशियार हुइयो, कहेकी बे तुमके अदालतमे सौपदेहँए, और बे सभाघरमे तुमके कोणा लगए हँए।
\v 18 तुम मेरे खातिर हाकिम और शासकके जौने ठाडे जएहऔ, तव बे और अन्य जातिनके ताहिँ साक्षी हुइहऔ।
\v 19 पर जब बे तुमके पकणए देहएँ, तव कैसे का बोलंगो कहिके चिन्ता मतकरऔ काहेकी तुम का मसकङ्गो, बहे घडी तुमके बताओ जएहए।
\v 20 काहेकी बोलन् बारे तुम अपनए न हुइहौ। पर तुमर पिताको आत्मा तुमसे बोलैगो।
\v 21 “भैया भैयाके मरनके ताहि पकणए देहएँ, और दौवा लौणा-लौणियाके, और लौणा-लौणिया अइया- दौवाके बिरुध्दमे उठंगे और बिनके मारन लगाएहएँ।"
\v 22 मिर नाउँके खातिर सबसे तुम घृणित हुइहौ पर जो अन्त तक स्थिर रयहए, बाको उध्दार हुइहए।
\v 23 जब बे तुमके एक सहेरमे सताएहएँ तव दुसरेमे भजिओ। काहेकी नेहत्य मए तुमसे कहतहौं, आदमीको पुत्र आनसे अग्गु तुम कोइ रीतिसे इस्राएलके सब सहेर घुम न पएहऔ।
\p
\v 24 “चेला अपन गुरुसे और कमैया अपन मालिकसे बणो न होत् हए।"
\v 25 चेला अपन गुरु और अपन मालिक जैसो होनो बकताहीं काफी हय।यदि बे घरके मालिक से भुत काहिं तव बे बाके घारानेके और जद्धा बदनामी करङ्गे।
\p
\v 26 “जहेमारे बिनसे मत डराओ। काहेकी तोपके प्रघट न होनबारो और लुकाएके पत्ता होनबारो कोइ नैयाँ।"
\v 27 जो मए अन्धकारमे कहत् हौ, बा तुम उजियारेमे कहिदेओ और जो तुम कानसे सुनतहौ, बा घरकी चुरीसे प्रचार करओ।
\v 28 बिनसे मतडरओ जो शरीरके मारत हएँ, पर आत्माके न मारपात हएँ। पर, आत्मा और शरीर दोनाएके नरकमे नाश करन् बारेसे डरओ।
\v 29 का एक पैसामे दुई गरगौटा न बिकत हएँ? बे मैसे एक फिर तुमर पिताके इच्छाबिना भिमे न गिर हयँ।
\v 30 तुमर मुणके बार फिर सब गिन्ती भए हएँ।
\v 31 जहेमारे तुम मतडरओ, तुम बहुत गरगौटासे मुल्यवान हौं।
\v 32 “जहेमारे जौन आदमीके अग्गु मोके स्वीकार करेहए, मए फिर बोके स्वर्गमे होनबारो मिर पिताके अग्गु स्वीकार करेहऔं।"
\v 33 पर जौन मोके आदमीके सामने इन्कार करेहए, मए फिर बाके स्वर्गमे होनबारो मिर पिताके सामने इन्कार करेहऔं।
\p
\v 34 “मए पृथ्बीमे शान्ति लान अओ हौं करके मतसमझौ। शान्ति लान न अओ हौं, बल्कुन तरवार चलान मए अओ हऔं।"
\v 35 काहेकी मए आदमीके बक दौवाके बिरुध्द, और लौणियानके बिनकी अइयाके बिरुध्द और बहुके बिनकी सासके बिरुध्द करन अओ हऔं।
\v 36 आदमीनको दुस्मन बाको परिवार भितरको हुइ हएँ।
\v 37 “जौन मोसे जद्धा अपन दौवा और अइयाके प्रेम करेहए, बा मेरो योग्यको नए हुइहए। जौन मोसे जद्धा अपन लौणा और लौणियाके प्रेम करेहए, बा मिर योग्यको नए हुइ हए।"
\v 38 जौन अपन क्रुस उठाएके मिर पिछु नए लगेहए, बा मिर योग्यको न हुइहए।
\v 39 जौन अपन प्राण बचाए हए, बा बाके खोबैगो, और जोअपन प्राण मिर ताहिं खोबैगो बा जीवन पाबैगो।
\p
\v 40 “तुमके ग्रहण करन् बारो मोके ग्रहण करत् हए, और मोके ग्रहण करन् बारो मोके पठान बारेके ग्रहण करत् हए।"
\v 41 अगमवक्ताके अगमवक्ताए मानके ग्रहण करन् बारो अगमवक्ताको इनाम पएहए।धर्मी जनके धर्मी जन मानके ग्रहण करन् बारो धर्मी जनको इनाम पएहए।
\v 42 जौन जे छोटे मैसे एकके मिर चेला मानके एक गिलास पानी पिन देहए, नेहत्य मए तुमसे कहत् हऔं, बो अपन इनाम कबहु न खोबैगो।”
\c 11
\cl अध्याय 11
\p
\v 1 अपन बाह्र चेलनके आदेश दैके पिछु येशू हुवाँसे बिनके सहेरमे सिखान और सुसमाचार प्रचार करन गओ।
\p
\v 2 यूहन्ना ख्रीष्टक कामको चर्चा जेलमे सुनी, और अपन चेलनके बाके ठिन जा बात पुछ्न पठाई,
\v 3 “आनबारे त, तुमही हौ, कि हम और कोइकी प्रतिक्षा करयें?”
\p
\v 4 येशू बिनसे कहि, “तुम सुने और देखीबात यूहन्नासे कहेदेओ,
\v 5 अन्धा देखत हएँ, और लँगणा नेगत हएँ। कोढी रोगबारे शुध्द होतहएँ। बहिरा सुनत हएँ। मरे जिन्दा हुइके उठेहएँ, और दरिद्रनके सुसमाचार प्रचार हुइरहो हए।
\v 6 धन्य हए बा, जौनके मोसे बाधा न होतहए।
\p
\v 7 और बे गाएके पिछु येशू यूहन्नाके बारेमे भिडसे कहन लागो, “तुम उजाड-स्थानमे का देखान निकरे रहौ? का हलनबरो कटीलाके?
\v 8 तव तुम काहे निकरे? का नरम कुर्ता लगान बारे आदमीके देखन? नरम कुर्ता लगान बारे ता राजाके भवनमे बैठतहएँ ।
\v 9 तुम काहे निकरे तव? का अगमवक्ताके देखन? हाँ, मए तुमसे कहत् हऔं, अगमवक्तासे फिर महान आदमीके।
\v 10 “बा बहे हय जौनके बारेके धर्मशास्त्रमे लिखो हए, “देखओ, मए अपन दुत तुमरे अग्गुअग्गु पठामङ्गो, जौन तुमरे अग्गु तुमर ताहीं डगर तयार करैगो ।"
\p
\v 11 “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हऔं, बैयरसे जन्मो मैसे बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नासे महान और कोइ नैयाँ। ताहुँ फिर स्वर्गके राजमे जो सबसे छोटो हए, बा इनसे महान हए।"
\v 12 बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नाके समयसे हबए तक स्वर्गको राज जोडसे अग्गु बढरहो हए, और शाक्तिशाली आदमी जबरजस्तिसे जाके पाक्णत् हएँ।
\v 13 काहेकी यूहन्नाके समय तक सबय अगमवक्ता व्यवस्थासे अगमवाणी करिरहएँ।
\v 14 तुम ग्रहण करन् राजी हुइहौ तव, आन बारे एलिया जेही हएँ।
\v 15 जौनको सुनन कान हए, बा सुनए।
\p
\v 16 “अब जा पुस्ताको तुलना मए कासे करौं? जा ता बजारमे खेलन बारे छोटे-छोटे लौणा-लौणिया हानि हएँ, जौन अपन संगीनके बुलातहए और कहतहए,"
\v 17 “हम तुमरे ताहिं बसुली बजाए, तव तुम न नाचे। हम बिलाप करे, और तुम न रोए ।'
\v 18 काहेकि यूहन्ना खात और पित न आओ, और बे बोके भुत लागोहए कहिके कहत् हएँ ।
\v 19 आदमीक पुत्र खात और पित अओ, और बे कहत् हए, “देखओ, घिचुवा, दारोहा, कर उठानबारे, और पापीनको संगी!'पर बुध्दि त ठीक हए तव बाके कामसे प्रमाणित हुइहए।"
\p
\v 20 तव येशू जौन-जौन सहेरमे बहुत शाक्तिशाली काम करिरहए, बा बिनके डाँटन लागो, काहेकी बे पश्चाताप न करीँ रहयँ।
\v 21 “धिक्कार तोके, ए खोराजीन! धिक्कार तोके, ए बेथसेदा! काहेकी तुमरे मे करेभओ शाक्तिशाली काम टुरोस और सीदोनमे करेभओ होते बे पहिलीए से बोरा लगाएके और भुवा लगाएके पश्चाताप कर डरते ।"
\v 22 पर मए तुमसे कहत् हऔं, न्यायके दिनमे तुमसे जद्धा ता टुरोस और सीदोनको हालत तुमसे बहुत सहरानो हुइहए ।
\v 23 ए कफर्नहुम, का तए बादरसे उचोहुइहए का? तय पातालमे गिरैइगो । कहेकी तिरमे करेभए शाक्तिशाली काम सदोममे करेहोते तव बे आजके दिन तक रही रहतो ।
\v 24 पर मए तुमसे कहत् हौ, न्यायके दिनमे तोसे ता सदोम मुलुकके सहाज हुइहए ।
\p
\v 25 ब बेरा येशू कहि, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्बीक प्रभु, मए तुमके धन्यबाद चणत् हौ, कहेकी तुम जा बात बुध्दीमान और समझदारसे गुप्तमे धरे, पर बालकके बे प्रगट करे ।
\v 26 हे, पिता, कहेकी तुमके जहे अच्छो लगो ।
\p
\v 27 “मिर पिता सब चिज मोके सौप दै हए । पिता बाहेक पुत्रके कोइ चिनत नाहए, और पुत्र बाहेक पिताके कोइ चिनत नाहए, और बे फिर चिनत हए जौनके पुत्र पिता प्रकट करन् इच्छा करत् हए ।
\v 28 “हे सब थके भए और बोझसे दबे भए, मिर ठिन अओ, मए तुमके बिश्राम देहऔं"
\v 29 मिर जुवा अपने उपर लेओ, और मोसे सिखओ, कहेकी मए नम्र और कोमल ह्रदयको हऔं, और तुम अपन आत्मामे बिश्राम पाबैगे।
\v 30 कहेकी मिर जुवा सहज हए, और मिर बोझ हलुको हए।”
\c 12
\cl अध्याय 12
\p
\v 1 बा समय येशू शाबाथमे* अन्नके खेत हुइके जात रहए। बाके चेला भुखाने रहएँ और अन्नके बाली तोरके खान लागे।
\v 2 पर जब फरिसी जा देखके बासे कहिं, देखओ, तुमरे चेला शबाथमे जो करन् उचित न हए, बहे करत् हएँ।”
\p
\v 3 तव बा बिनसे कहि, “दाउद, और उनके संग होनबारे भुखाने रहएँ तव बे करी रहएँ, का तुम पढे नैयाँ?
\v 4 कैसे बे परमेश्‍वर भवनमे घुसके चढाओ भव रोटी खाई रहएँ, जौन बा और उनके सँग रहनबारेनके खान त न रहय, पर बा पुजाहारीनके ताहीं इकल्लो उचित रहए।
\v 5 और का तुम व्यवस्था पढे नैयाँ, कैसे शबाथमे पुजारी मन्दिरमे शबाथके अपवित्र बनात हएँ, और फिर निर्दोष ठहिरत् हँए?
\v 6 पर मए तुमसे कहत् हऔं, मन्दिरसे महान एक जनी हिँया हए।
\v 7 पर मए बलिदान नए, दया चाहत् हौ' जाको अर्थ का हए सो तुम जनते तव तुम निर्दोषके दोष न लगइते।
\v 8 काहेकी आदमीको पुत्र शबाथको प्रभु हए।”
\p
\v 9 हुँवासे निकरके बा बिनको सभाघरमे गओ।
\v 10 देखऔ हुँवा पर एक हात सुखो भव आदमी रहए। बे येशूके दोष लगान ताहिँ बोसे पुछीं, “का शबाथमे कोइके अच्छो करनके ठीक हए?”
\p
\v 11 येशू उनसे कहि, “तुम मैसे कोइको एक भेडा हए, और शबाथमे बो गड्डामे घुसिगव तव, का तुम बोके पकणके बाहिर न निकारैगे?
\v 12 भेडासे आदमी कित्तो मुल्यवान हए? जहेमारे शबाथमे भलो करन् ठीक हए।”
\v 13 तव येशू बा आदमीसे कहि, “तय अपनो हात बढा” बा हात पसारी, और बा हात दुसरो हातहानी अच्छो हुइगओ।
\v 14 पर फरिसी बाहिर जाएके बाके कैसे नाश करएँ करके बाके बिरुध्दमे सल्लाह करन् लागे।
\p
\v 15 तव बा जा बात पता पाएके येशू हुँवासे गइभव, और बहुत जनी बाके पिछु लागे, और बा उनके सबनके अच्छो करी,
\v 16 और बा कौन हए सो कोइके न बतानके चेताउनी बिनके दै।
\v 17 यशैया अगमवक्तासे कहो बचन पुरा होनके ताहिं जा भव रहए,
\v 18 “मिर दास जौनके मए चुनो हौ, मिर प्रिय जौनसंग मए प्रसन्न हौ, मए मेरो आत्मा बिनमे धरदेहऔं, और बे जाति जातिनके न्यायको घोषणा करङ्गे।"
\q
\v 19 बे न त झगडा करेहएँ, न त बहुत जोडसे चिल्लाय हएँ, न त कोइ उनको सोर गल्लीमे सुनेहए।
\q
\v 20 बे कोई फुटो बेत न तोरङ्गे, न्यायके बिजयमे नपुगान तक बा कोई फिर धिपधिप होत दियाके बे न बुतामंगे,
\v 21 और बहेक नाउँमे जाति-जातिके विश्‍वास करङ्गे।"
\p
\v 22 तव बाके ठिन भुत लागो एक अन्धा और गुँगा आदमीके लाईं। येशू बाके अच्छो करी, यहाँ तक, गुँगो आदमी बोलन और देखन लागो।
\v 23 और सब भिड देखके अचम्मो मानके कहिं, “का जा दाउद पुत्र हुइ सकत हए?”
\p
\v 24 तव जा सुनके फरिसी कहिँ, “जा आदमी भुतको मालिक बालजिबुलसे भुत भजात हए।”
\p
\v 25 तव बो बिनको बिचार पता पाएके बिनसे कहि, “आपसमे फुट भव हरेक राज्य उजाड हुइ जय हए, और अपनय मे बटो भऔ हरेक सहेर औ परिवार न टिक पएहए।
\v 26 अगर शैतान शैतानके निकरेहए तव, बा अपनाए बिध्दमे विभाजन हुइ जाएहए, तव अइसी बक राज्य कैसे टिकैगो?
\v 27 अगर मए भुत के मालिकसे भुत भजात् हौं कहेसे तुमरे लौणा कासे बे निकारत हएँ त? जहेमारे बे तुमर न्यायकर्ता हुइहयँ।
\v 28 अगर मए परमेश्‍वारको आत्मासे भुत भजात् हौं तव परमेश्‍वर राज तुमैमे आइगव हय।
\p
\v 29 “पहिले बलि आदमीके न बाँधके बक घर भितरको धन सम्पति कैसे लैजए पएँहएँ? बा बलि आदमीके बाँधके बक घर लुट पएँहएँ।"
\p
\v 30 “जौन मिर संग नैयाँ, बा मिर बिरुध्दमे हए, और जौन मिरसंग बटोरत नैयाँ, बा बिग्दाबैगो।"
\p
\v 31 बहेमारे मए तुमसे कहत् हौं आदमीनके करो पाप और ईश्‍वरको-निन्दा क्षमा हुइहए, पर पवित्र आत्माके बिरुध्दमे करो निन्दा क्षमा ना हुइहए।
\v 32 और कोइ परमेश्‍वरको पुत्रके बिरुध्दमे कुछ कहि तव बो क्षमा हुइहए, पर कोइ पवित्र आत्माके बिरुध्दमे बोलैगो तव बोके ना जा युगमे और आनबारो युगमे फिर क्षमा ना हुइहए।
\p
\v 33 “कि रुखाके अच्छो बनाओ, और बाको फरा अच्छो हुइहए। कि रुखाके खराब बनाओ और बाको फरा फिर खराब हुइहए। काहेकी फरासे रुखा चिनत हँए।"
\v 34 ए साँपके बच्चाओ! तुम अपनए दुष्ट हौ, अच्छी बात कैसे बोल पैहौ? काहेकी ह्रदयमे जो भरी बात बहि मुँहुसे निकरत हए।
\v 35 अच्छो आदमी अपन भितर भरी अच्छो चिजसे अच्छो चिज निकरत् हए, दुष्ट आदमी अपन ह्रदयमे रहो भौ दुष्ट बातसे दुष्टए बात बाहिर निकारत् हए।
\v 36 औ मए तुमसे कहत् हौं, सबए व्यर्थकी बात जो आदमी बोलतहएँ, न्यायके दिनमे बिनको बो लेखा देन पणैगो।'
\v 37 काहेकी तुमर वचनसे तुमर न्याय हुइ हए, औ तुमरी बचनसे तुम दोषी ठहीरैगे।”
\p
\v 38 तव शास्त्री और फरिसी मैसे कोइ-कोइ बोसे कहिँ, “गुरुज्यु, हम तुमसे एक चिन्ह देखन चाहतहँए |”
\v 39 बो बिनके जबाफ दै, “दुष्ट और व्यभिचारी पुस्ता चिन्ह ढुणत् हए। पर जा पुस्ताके योना अगमवक्ताक चिन्ह बाहेक और कोइ चिन्ह ना देहए।
\v 40 काहेकी जैसी योना बहुत बणी मछ्रीके पेट भितर तीन दिन और तीन रात रहो, उइसी ना आदमीको पुत्र फिर पृथ्बीके गर्भमे तीन दिन और तीन रात रएहए।
\v 41 निनबेके आदमी न्यायके दिनमे जा पुस्ता संग ठाडहएँ।, और जाके दोषी ठहेरयहएँ, काहेकी बे योनाके प्रचार सुनके बे परमेश्‍वर करीरहँए, पर देखओ, योनासे महान कोइ हियाँ हए।
\v 42 दक्खिनकी महारानी न्यायके दिनमे जा पुस्ताके संग ठाडैगी, काहेकी बे पृथ्वीके छोरसे सोलोमनकी बुध्दीक् बात सुनन् आई पर देखौ, सोलोमनसे महान कोई हिंयाँ हए।
\p
\v 43 जब कोइ दुष्ट आत्मा आदमीसे निकरके जात् हए, बा विश्राम ढुणत् सुखो ठाउँ घेन घुमत् हए, पर कहु ना पात हए।
\v 44 तव बा कहतहए, 'जहाँसे मए निकरके अओ हौं, हुवाँए अपन घरमे मए घुमके जएहौं।' घुमके आतपेति बा घर खालि, सफा करो, और सजो पात् हए।
\v 45 तव बा जात् हए और अपनसे जद्धा दुष्ट और सात भुतात्मा ल्यातहए, और भितर घुसके बे हुवाँ बैठतहए, और बा आदमीको पिछुको दशा अग्गुसे और खराब होतहए। जा दुष्ट पुस्ताके फिर अईसी हुइहए।”
\p
\v 46 जब येशू भिडसंग बोलत रहए बहेबेरा बक अइया और भैया बाहिर ठाणे रहँए, और बोसे बात करन् चाहत रहँए।
\v 47 “तव एक जनै येशूसे कहि,” “देखओ, तुमरी अइया और तुमर भैया बाहिर ठाणे हँए, तुमसे बात करन् चाहतहएँ।"
\p
\v 48 “पर बासे बोलन बारेसे येशू कहि, “मिर अइया कौन हए? मिर भैया कौन हए?”
\v 49 और बा अपन हातसे चेलनके दिखत कहि, “देखओ मिर अइया और मिर भैया जेहीँ हँए |
\v 50 काहेकी जौन स्वर्गमे होनबारो मिर पिताको इच्छा पालन करत् हए, बेहि मिर भैया, और मिर बहिनिया, और मिर अइया हँए।”
\c 13
\cl अध्याय 13
\p
\v 1 बहे दिन येशू घरसे निकरके समुन्द्रके किनारे बैठो।
\v 2 और बहुत भारी भिड बाके ठिन इक्कठा भव, कि बा नैयाँमे बैठो, और सब आदमी ढाहो किनारे ठाडे रहे।
\v 3 तव येशू काहनीयमे बिनसे बहुत बात कहि | बा अइसे कहि, “देखाओ एक जनी बिज बोन बारो बिज बोन निकरो।
\v 4 और बोत पेति कोइ बिज डगर घेन पणे, और चिरैचुरंगी आएके बे खाए डरीँ।
\v 5 कोइ बिज पत्थर बारी जमिनमे पणे, जहाँ बहुत मट्टी नाए रहए, और गहीरो मट्टी नाए हुइके बे हल्दी जमे।
\v 6 तव घामु लागो बे अईलियाय गए, और जर न हुईके बे सुखिगए।
\v 7 और त काँटोके बीचमे पणे, तव काँटो बढे और बिनके दबएदैँ।
\v 8 और बिज अच्छी जमिनमे पणे, और कोइ सौव गुण, साठ गुण, कोइ तीस गुण फरा दैँ।
\v 9 जौनक कान हए, बा सुनए।”
\p
\v 10 और चेला आएके बासे कहिँ, “तुम बिनसे काहे कहानीमे बोलत् हौ?”
\p
\v 11 येशू बिनसे जबाफ दैके कहि, तुमके ता स्वर्ग-राजको रहस्यको ज्ञान दओ गव हए, पर बिनके ना दै हए।
\v 12 काहेकी जौन के संग हए, बिनके और दओ जए हए, और बाकेसंग बहुत हुइहए। पर जौनसंग नैयाँ, बाकेसंग भव फिर बासे छिनजए हए।
\v 13 जहेमारे मए बिनसे कहानीमे बोलत् हौं: काहेकी बे देखन त् देखत् हँए, पर देख ना पातहँए, सुनन् ता सुन्तहँए, तव सुनके समझ ना पातहएँ।
\v 14 बिनके ताँहि यशैया अगमवक्ताको अगमवाणी बिनमे पुरा हुइ हए: 'सुनन् त बे सुन्तहए, पर कबहू समझत नैयाँ, देखन त देखतहए, पर कबहू देख न पातहएँ।
\p
\v 15 काहेकी जे आदमीके ह्रदय कमजोर हुइगव हए, और बिनके कान बहिरा हुइगए हँए, और बे अपनी आँखी बन्द करेहँए, नत बे दिखते, और कानसे सुनते, ह्रदयसे समझते, और घुमते, और बे अच्छे हुइते।”
\p
\v 16 पर तुमरी आँखी धन्य हंए, काहेकी बे देखतहँए। तुमरे कान धन्य हए, कहेकी बे सुन्तहँए।
\v 17 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, तुम देखिबात बहुत अगमवक्ता और धर्मी जनी देखन उत्कट इच्छा करत् रहएँ, पर देखना पँई, और बे सुनि बात सुनन् उत्कट इच्छा करत् रहँए, पर सुन ना पँई।
\p
\v 18 “बिज बोनकी कहानी सुनओ।"
\v 19 जब कोइ राज्यको बचन सुन्तहए, और सो समझत नैयाँ, तव दुष्ट अतहए और बक ह्रदयमे जो बुओ रहए सो छिनके लैजातहए। डगर घेन बुए बीज त बेहि हएँ।
\v 20 पत्थरबारी जमिनमे बुए ता बेहि हँए, जौन बचन सुनके तुरन्त खुशीसे हल्दी बा स्वीकार करलेत हएँ।
\v 21 पर बाको अपन जर नाहुइके बा थोरी देर तक टिकत् हए, और बचनके करण कष्ट और सतावट हुइके तुरन्त बा पिछु हट्जतहए।
\v 22 काँटोमे बुए भए ता बेहि हँए, जौन बचन सुनत् हएँ, पर जा संसारको चिन्ता और धन-सम्पतिको कपट वचनके दाबय देतहए, और बा फरा ना देत हए।
\v 23 पर अच्छी जमिनमे बुए ता बेहि हँए, जौन वचन सुनत् हँए, और समझत हँए, और सितमओके फरा फरात् हँए। बे बुए भए बीजसे सौव गुणा, साठ गुणा, और तीस गुणा, फरा फरात् हँए।”
\p
\v 24 येशू फिर बिनके दुसrI कहानी सुनाई: “स्वर्गक राज एक आदमी जैसो हए, जौन अपन खेतमे अच्छो बीज बोइ।
\v 25 तव बा आदमी सोत बेरा बाको शत्रु अओ, और गेहुँके बीच-बीचमे उवाजव बोएके गैभव।
\v 26 जब पेण निकरो तव बामे दाना लागे, तव उवाजव फिर दिखानो।
\v 27 बा जगहाकी मालिकसे कमैया आएके बासे कहिँ, 'मालिक, का तुम अपन खेतमे अच्छी बीज ना बोए रहओ का? हुवाँ उवाजव कहाँसे अईगव?'”
\p
\v 28 “घरको मालिक बिनसे कहि, 'कोइ दुश्मन अइसो करी हुइहए।” कमैया बासे कहिँ, 'का हम जाएके छाटएँ?
\p
\v 29 “तव बा जमिनको मालिक कहि, 'अइसे मत करओ, नत तुम उवाजव नोचत पेति गेहुँसमेत नोचैगे।"
\v 30 फसलके समयतक दोनएके संगएसंग बढन देओ। फसलके समयमे मए काटन बारेनसे कएहौं, 'पहिले उवाजव नोचओ जलानके ताहीँ पुरा बाँधौ, और गेहुँ ता मिर बक्खारीमे धरओ।”
\p
\v 31 जाके पिच्छु येशू बिनसे दुसरी कहानी कहि, “स्वर्गको राज भादीक् दाना जैसो हए, जो एक आदमी लैजाएके अपन बारीमे लगाई।
\v 32 बा सब बीजमे सबसे छोटो हए, पर जब बढत् हए, तव बा सब सागसे बणो होतहए । बा एक रुखा हुइजातहए। आकाशके चिरैचुरगूनी आएके बाके हाँगामे ठाँठ बनात् हँए।”
\p
\v 33 येशू बिनके दुसरी कहानी कहि, “स्वर्गको राज सोडा जैसो हए, जो एक बैयर पच्चीस किलोग्राम चुनमे मिलाइ, और बा जम्मा सोडासे फुलके ठीक ना होन तक बाके एक ठाउँमे धरेरही।”
\p
\v 34 येशू जा सब बात आदमीनके कहानीमे कहि। बिना कहानीसे बिनके कुछ फिर ना कहि।
\v 35 अगमवक्तासे आइसे कहो भव बचन पुरा भव: “मए अपनो मुहूँ कहानीमे खुलेहौँ, संसारक उत्पतिसे लुकीधरी बात मए जाहेर करंगो।”
\p
\v 36 जब येशू भीडके छोडके घरमे गव, और बाके चेला बाके ठिन आएके कहिँ, “खेतके उवाजवके बारेमे हमके काहनीमे बतए देओ।”
\p
\v 37 येशू बिनसे कहि, “जौन बारीमे अच्छी बीज बोन बारो आदमीको पुत्र हए।
\v 38 बारी ता संसार हए; औ अच्छो बीज राज्यको सन्तान हए। और उवाजव ता दुष्टके लौणा हँए।
\v 39 उवाजव लगान बारो शत्रु त दियाबलस हए। फसलको समय ता युगको अन्त हए। खितहारा स्वर्गदुत हँए।
\v 40 “जैसी उवाजव नोचके आगीमे भस्म करत् हए, युगके अन्तमे फिर उइसी हुइहए,"
\v 41 आदमीको पुत्र अपन दुत पठाबैगो, और पाप करन् लगान बारेन् प्रत्येक चिज और दुष्ट काम करन् बारेक सबके बे बाको राजसे बटोरंगे,
\v 42 और बे आगीकी भट्टीमे फेंकदेहए। हुवाँ आदमी रोमंगे और दाँत किटकिटंगे।
\v 43 तव धर्मी जन अपन पिताके राजमे दिनकत्ता चहाकिले हुइहएँ। जौनक कान हए, बा सुनए।
\p
\v 44 “स्वर्गको राज कोइ जमिनमे लुकाव भौ धन जैसो हए। जो एक आदमी पाएके लुकाए रहातहए, और आनन्दित हुइके बा जात् हए और अपने ठिन भव सब बेचतहए और बा खेत किनत् हए।"
\p
\v 45 “फिर स्वर्गको राज अच्छो मोती ढुणन बारो एक जनी व्यापारी जैसो हए।"
\v 46 बा एक बहुमुल्य मोती पाएके अपनसंग भव सब बेचके बा मोतो किनी।
\p
\v 47 “स्वर्गको राज समुन्द्रमे एक जार जैसो फिर हए, जोमे हरेक किसिमके मछ्री पणत् हएँ।"
\v 48 और जार भरजात हए तव माछेरहा बाके किनारे तानके निकारत् हएँ, और बैठके अच्छेनके लौकामे जम्मा करत् हँए और खराबनके बाहिर फेकदेतहँए।
\v 49 फिर युगके अन्तमे अइसीया हुइहए, स्वर्गदुत आएके दुष्टनके धर्मीनके बीचसे अलग करेहँए
\v 50 और उनके आगीकी भट्टीमे फेकदेहँए। हुवाँ आदमी रोइहँए और दाँत किटकिटएहँए।”
\p
\v 51 “का तुम सब बात समझत् हौ?” चेला बाके जवाफ दैके कहिँ, “समझत हँए।”
\p
\v 52 और बा बिनसे कहि, “जहेमारे स्वर्गको राज्यको शिक्षा पाव भव हरेक शास्त्री एक घरको मालिक जैसो हए, जौन अपन बक्खारीसे नयाँ और पुरानो मुल्यवान सामान बाहिर निकारत् हएँ”
\v 53 जा कहानी बताएके पिच्छु येशू हुवाँसे गैभव।
\v 54 तव येशू अपन सहेरमे अइगव बा उनके सभाघरमे बिनके अइसो शिक्षा दै, कि छक्क पणके बे कहिं, “इनके जा बुध्दी और अचम्मो काम करन् शाक्ति कहाँ से पाई हँए?
\v 55 का बा मिस्तरिक लौणा का नैयाँ? का इनकी अइयाको नाउँ मरियम, और यिनको भैया याकुब, योसेफ, सिमोन और यहूदा का नैयाँ?
\v 56 जक बहिनीया सब हमर संगसंगए नैयाँ का? तव जा जे सब बात कहाँसे पात हए?”
\p
\v 57 और बे बासे चिरक पणे, “पर येशू बिनसे कहि अगमवक्ता को आदर ना होनबारो ठाऊँ काहोको अपनी परिवार और अपनी देशमे ईकल्लो हए ।”
\v 58 और बिनको अविश्‍वासके कारन बा हुवाँ शाक्तिके बहुत काम ना करी।
\c 14
\cl अध्याय 14
\p
\v 1 बा बेरा गालील प्रदेशक शासक हेरोद येशूको चर्चा सुनी।
\v 2 बा अपन कर्मचारिनसे कहि, “बा बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्ना हए। बा मरके जिन्दा भव हए। जहेमारे शाक्तिमे जा काम उनसे हुइरहो हए।”
\p
\v 3 काहेकी हेरोद अपन भैया, फिलिपकी बैयर हेरोदियासके कारण यूहन्नाके पकडके बाँधके कारागारमे डारदै रहए।
\v 4 यूहन्ना हेरोदसे अइसे करके कहिरहए, “तुमए बिनके बैयरके रुपमे धरन उचित नैयाँ।”
\v 5 जहेमारे हेरोद उनके मारनके इच्छा करीरहए, पर जनतासे बा डरात् रहए, काहेकी बे उनके अगमवक्ता बतात् रहएँ।
\p
\v 6 तव जब हेरोदको जन्म दिन अओ, तव हेरोदियासकी लौणीया बिनके बीचमे नाचके हेरोदके खुशी करीरहए।
\v 7 बहेमारे बिनसे कहि तए जो मागैगो बहे देन कसम खाएके प्रतिज्ञा करीरहए।
\v 8 “पर बाकी अइया सिखाई रहए, ऊइसी कहि, ““बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नाको मुण मोके जहे थारियामे देओ।"
\v 9 तव राजा शोकीत् भव ताहुँ फिर अपन कसम और पहुँननके कारण हुवाँ हुकुम दै,
\v 10 और बा कारागारमे यूहन्नाको मुण कटान लगाई।
\v 11 और उनको मुण थरियामे ल्याएके बा लौणियाके दै। तव बा अपन अइयाके ठिन ल्याई।
\v 12 तव पिछु यूहन्नाके चेला आएके उनको मरी शरीर लैजाएके गाणीँ। और बे जाएके येशूके खबर दैं।
\v 13 जब येशू जा बात सुनी बा नैयाँमे चढ्के हुवाँसे अलग एकान्त ठाउँमे गव। जा सुनके पिछु भीड सहेरसे पैदर बाके पिछु गए।
\v 14 किनारे पुगे तव भारी भीड देखके बा बिनके दया करी, और बा बिमारीनके अच्छो करी।
\p
\v 15 सन्झा हुइगव तव चेला अइसे कहत बाके ठिन आए, “जा निर्जल ठाउँ हए, और दिन ढरकगव। भीडके बिदा देओ, और जे गाउँ-गाउँमे जाएके अपन तही खानबारी चिज किनए।”
\p
\v 16 तव येशू बिनसे कहि, “बिनके जानके जरुरी नैयाँ। तुम बिनके खानके देओ।”
\p
\v 17 बे बासे कहिँ, “हियाँ हमरसंग पाँच रोटी और दुई मछ्री इकल्लो हए।”
\p
\v 18 तव येशू बिनसे कहि, “बे मिर ठिन ल्याओ।”
\v 19 येशू भीडके चौरमे बैठनके आज्ञा दै, और बे पाँच रोटी और दुई मछ्री लैके स्वर्ग घेन देखके परमेश्‍वरके धन्यवाद दै, और रोटी तोरके चेलनके दै, और चेला आदमीनके दईं।
\v 20 बे सब खाएके अघाइ गए, और उब्रे खुद्रा बे बाह्र डालैया भरके उठाइँ।
\v 21 बैयर और लौणा लौणिया बाहेक लागभाग: पाँच हजार लोग रहँए।
\p
\v 22 बा भीडके बिदा देतपेति चेला नैयाँमे चढके बासे पहिले बोपार जान लागे।
\v 23 भीडके बिदा करके पिछु बा इकल्लो प्रार्थना करन् डाँगामे चढो। सन्झा हुइगव बा इक्ल्लो हुवाँ रहए।
\v 24 तव नैयाँ हुवाँसे बा समय किनारेसे समुन्द्रसे बहुत दुर पुगीगै रहए। और हबा उल्टा चलत रहए बहेमारे नैयाँ लणुराके चपेटमे पणिरहए।
\v 25 सुबेरे तीन बजेघेन बा समुन्द्रके उपर नेगत बिनके ठिन अओ।
\v 26 जब चेला बाके समुन्द्रके उपर नेगत् देखिँ, तव डराएके बे कहिँ, “जा त भुत हए!” और बे जोणसे चिल्लाने।
\v 27 तव येशू झट बिनसे अइसे कहि, “साहस करओ, मए हौं, मतडराबौ।”
\p
\v 28 पत्रुस बा के जवाफ दै औ कहि' “प्रभु तुमहिँ हौ, कहेसे मोके पानीमे आनके आज्ञा देबाओ”
\v 29 “येशू कहि, “आएजा" पत्रुस नैयाँसे उत्रो येशूके ठिन जानके ताहिँ पानी उपर नेगन लागो।"
\v 30 तव आँधी जोणसे चली देखके बा डराएगओ, और जब डुबनलागो तव बा चिल्लाएके कहि, “हे प्रभु, मोके बचाएले।”
\p
\v 31 तव येशू झट हात पसारके बिनके पकणलै, और उनसे कहि, “ए अल्पबिश्‍वासी काहे संखा करो?”
\v 32 जब येशू औ पत्रुस नैयाँमे गए तव आँधी थमिगै।
\p
\v 33 नैयाँमे होनबारे बाके दण्डवत् करीं, और कहिँ, “नेहत्य तुम परमेश्‍वरके पुत्र हौ ।”
\p
\v 34 बापार पुगके पिछु बा गनेसरेतको इलाकामे आएपुगो।
\v 35 जब बा ठाउँके आदमी बाके चिनी तव बिनके इलाकामे खबर पठाइँ, और आदमी रोगीनके सब बाके ठिन ल्याइँ।
\p
\v 36 बे बाको कुर्ताको कुन्छ इकल्लो छुन पमाएँ करके बासे बिन्ती करीँ, और जित्तो छुईं बे अच्छे भए।
\c 15
\cl अध्याय 15
\p
\v 1 यरुशलेमसे आए भए फरिसी और शास्त्री येशू ठिन आए, और कहिँ,
\v 2 “तुमरे चेला पुर्खानको परम्परा काहे भङ्ग करतहँए? काहेकी बे खानसे अग्गु अपन हात ना धोत हँए।”
\p
\v 3 बा बिनसे कहि, “तुम फिर काहे पराम्पराके खातिर परमेश्‍वरको आज्ञा भङ्ग करत् हौ?
\v 4 काहेकी परमेश्वर कहि हए, 'अपन दौवा और अइयाके आदर करओ, और दौवा और अइयाके बिरुध्दमे दुष्ट बात बोलैगो, बा पक्कए मरैगो |
\v 5 तव तुम कहत् हौ, जौन अपन दौवा और अइयाके जो जितनो सहयोग, 'तुम मोसे पाएरहौ, बा त परमेश्‍वरके ताँहि उपहार हए कहिके कहात हँए कहेसे' बा आदमी अपन दौवाकी आदर ना करन पणैगो।
\v 6 अइसी तुम अपन परम्पराके ताँहि परमेश्‍वरको बचनके बिना कामको बनाए हौ |
\v 7 ढोगीओ, यशैया तुमरे बारेमे ठीक अगमवाणी बोलिहए,
\v 8 जा जाति मोके ओठसे इक्ल्लो आदर करत् हए, पर बिनको ह्रदय मोसे दुर हए,
\v 9 बे व्यर्थमे मिर आराधना करत् हँए, काहेकि बे अपन सिद्धान्तनके आदमीनके आज्ञा करी अनुसार सिखात हँएं ।”
\p
\v 10 बा आदमीनके अपने ठिन बुलाई और बिनसे कहि, “सुनओ और समझओ।
\v 11 जो मुहुँसे भितर कुचत् हए, बा आदमीके अशुध्द ना करत् हए। पर जो मुहुँसे बाहिर निकरत् हए, बा आदमीके अशुध्द करत् हए।”
\p
\v 12 ”तव पिछु आएके चेला बासे कहिँ, “का तुमके पता हए, फरिसी तुमरी बात सुनके दिक्काने हँए?”
\v 13 तव बा कहि, “स्वर्गमे होनबारो मिर पिता ना लगओ हरेक पेण नोचैगो।
\v 14 बिनके छोडदेओ, बे अन्धा अगुवा हँएँ। अन्धा अन्धाके डुर्यबैगो तव, बे दोनए गड्डामे गिरेहँए।”
\p
\v 15 पत्रुस उत्तर दै औ येशूसे कहि, “हमके जा कहानीको अर्थ बताए देओ।”
\p
\v 16 बा कहि, “का तुम फिर हबए अबुझ हौ?
\v 17 का तुमके पता नैयाँ, जो मुहुँसे भितर घुसत हए बा पेटमे चलोजात हए, और बाहिर निकर जातहए?
\v 18 पर जो बात मुहुसे बाहिर अतहए, बे ह्रदयसे निकरत् हए, और बेहि आदमीनके अशुध्द करत् हएँ।
\v 19 काहेकी ह्रदयसे खराब विचार, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झुटो गवाही, और निन्दा बाहिर निकरत् हए।
\v 20 जे बात त आदमीनके अशुध्द करत् हए। पर हात ना धोएके खानेसे बाके अशुध्द ना करत् हए।”
\p
\v 21 तव येशू हुवाँसे निकरगौ, और टुरोस और सीदोनके इलाका घेन गव।
\v 22 बा इलाकासे एक बैयर आएके चिल्लात कहान लागी, 'हे प्रभु, दाउदको पुत्र, मिर उपर दया कर। मिर लौणियाके बहुत भुत सताए हए।”
\p
\v 23 येशू बाके कुछु जबाफ नादै। बाके चेला आएके बासे बिन्ती करीँ, “जाके बिदा करदे, काहेकी बा चिल्लात हमर पिछु लागिहए।”
\p
\v 24 बा कही, “मए इस्राएल जातिके हराने भेडाके ताहिँ इकल्लो पठाओ भव हौं।”
\p
\v 25 तव बा बैयर आएके बाके अग्गु घुप्टा पणके और कहि, “हे प्रभु, मोके सहायता करओ।”
\p
\v 26 बा कहि, “बच्चाकी रोटी लैके कुत्ताके अग्गु फेकदेनो ठीक नैयाँ।”
\p
\v 27 बा बैयर कहि, “हे प्रभु, तव कुत्ता फिर ता अपन मालिकके टेबुलसे झरे डुठो खतहँए।”
\p
\v 28 तव येशू बासे कहि, “ए नारी, तेरो बिश्‍वास बणो हए। तिर इच्छा करो अनुसार तिरताहीं होबए।” और बाकि लौणिया बहे बेरा अच्छी हुइगै।
\p
\v 29 येशू हुवाँसे निकरके गालील समुन्द्रके किनारे हुइके गव,
\v 30 तव बहुत भारी-भारी भीड बाके ठिन आईं, और बिनके संगमे लंगडा, लुला, अन्धरा, गुँगा और बहुतनके बाके चरणमे ल्याइँ, और बा बिनके सबके अच्छो करी,
\v 31 हियाँ तक्की, गुँगा बोलिँ, लुला अच्छे भए, लंगडा नेगीँ, और अन्धनकी आँखी खुली देखके आदमी अचम्मो मानी, और बे इस्राएलको परमेश्‍वरको महिमा करीँ।
\p
\v 32 तव येशू अपन चेलनके अपने घेन बुलाएके कहि, “मए जा भीडके देखके डहा लागत हए, काहेकी जे मिरसंग रहे आज तीन दिन हुइगव, और यिनके संग खानबारो चिज कुछु नैयाँ। जिनके भुखो पठान मए ना चाहत् हौं। नत जे डगरमे अएपन् हुइजएहएँ।”
\p
\v 33 चेला बासे कहिँ, “यित्तो भारी भीडके जा निर्जल ठाउँमे खानु खबान हम कहाँसे यित्तो रोटी पैहएँ?
\v 34 येशू बिनसे कहि, “तुमरे ठिन कए रोटी हँए?” बे कहिँ, “सात रोटी और कुछ छोटी-छोटी मछ्री हँए |”
\v 35 बा भीडके भुइँमे बैठनके आज्ञा दै।
\v 36 बा बे सात रोटी और मछ्री लैके धन्यवाद चढाएके तोरी और चेलनके दै। और चेला आदमीनके दैं।
\v 37 बे सब खाई और अघाए गए। और उबरे खुद्रा बे सात डलैया उठाइँ।
\v 38 बैयर और लौणा लौणिया बाहेक खानबारे चार हजार लोग रहँए।
\p
\v 39 तव भीडके बिदा करके पिछु बा नैयाँमे चढो, और मगादानको इलाका घेन गओ।
\c 16
\cl अध्याय 16
\p
\v 1 फरिसी और सदुकी आए, और बाको जाँच करन् स्वर्गके एक चिन्ह दिखाएदे करके बासे माग धरीँ ।
\p
\v 2 तव बा बिनसे जबाफ दै, “सन्झा होतहए तुम कहत् हौ, 'कल दिन अच्छो होनबारो हए, काहेकी बादर लाल हए।”
\v 3 और सुबेरे कहत् हौ, 'बादर लाल और तोपे हए, आज आँधी आनबारी हए।” तुम बादरको अवस्था देखके दिन कैसो हुइहए अर्थ लगान जानत् हौ, तव समयको चिन्हको अर्थ खोलन ना जानत् हौ।
\v 4 दुष्ट और व्यभिचारी पुस्ता चिनह मागत् हए, पर योनाको चिन्ह बाहेक और चिन्ह बिनके ना दओ जाबएगो” और बिनके छोडके बा दुर चलो गओ ।
\p
\v 5 चेला बापार जाएके बे अपने संग रोटी लान भुलगए ।
\v 6 येशू बिनसे कहि, “ध्यान देबओ, “फरिसी और सदुकीको खमीर से होसियार रहिओ ।”
\p
\v 7 चेला एक दुसरेसे बात करतय अइसो काहान लागे, “हम रोटी ना लानके कारन बा अइसो कहत हए ।”
\p
\v 8 येशू जा बात पता पाएके कहि, “ए अविश्‍वासीऔ! तुमरे संग रोटी ना हए काहेके आपसमे बहस काहे करत् हऔ?
\v 9 का तुम ह्बाए ना समझे हओ? पाँच हजारके तहीँ पाँच रोटीकी बात तुमके ह्बाए याद ना हए? तुम कित्‍नो डलैया बटोरे रहऔ?
\v 10 और चार हजारके तहीँ सात रोटी रहए तव कित्तो डलैया तुम बटोरे रहऔ?
\v 11 मए तुमके रोटीके बारेमे कहो नैयाँ करके तुम काहे ना सम्झत हऔ?” ध्यान देओ फरिसी और सदुकीनके खमिरसे होसियार रहिओ ।”
\v 12 तव बे सम्झी, कि बे रोटीको खमिरसे नए पर फरिसी और सदुकीको शिक्षासे होसियार रहान् कहिहए ।
\p
\v 13 येशू कैसरिया फिलिप्पीके मुलुकमे अओ, बा अपन चेलनसे पुछी, “आदमी आदमीक पुत्रसे कौन हए करके कहत् हए?”
\p
\v 14 बे जबाफ दै, “कोइ बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍ना, कोइ एलिया, और कोइ यर्मिया अथबा और कोइ अगमवक्ता मैसे कोइ एक हए कहिके कहत हए ।”
\p
\v 15 बा बिनसे पुछी, “तुम मोसे का कहत् हौ मए कौन हौँ?”
\p
\v 16 सिमोन पत्रुस जबाफ दै, तुम ख्रीष्ट हऔ, जीवित परमेश्‍वरके पुत्र ।”
\p
\v 17 येशू बिनसे कहि, “योनाको लौड़ा सिमोन, तुम धन्य हऔ । कहेकी आदमीसे तुमके जा प्रघट नए भव हए, पर स्वर्गमे होनबारो मिर पितासे प्रघट भव हए ।
\v 18 मए तुमसे कहत् हौ, कि तुम पत्रुस हऔ । मए मिर मण्डली जा चट्टान उपर स्थापित करेहऔ, और नरकके फट्क बा उपर बिजय ना हुइहए ।
\v 19 मए तुमके स्वर्गको राजको चाभी देमँगो । जो तुम पृथ्बीमे बाँधैगे, सो स्वर्गमे बाँधजएगो, और जो तुम पृथ्बीमे खोलैगे, सो स्वर्गमे खुलजए हए ।”
\v 20 बा ख्रीष्ट हए करके कोइके मत कहिओ करके येशू चेलनके आज्ञा दै ।
\p
\v 21 बा कैसे यरुशलेममे जान पणैगो, और धर्म-गुरु और मुखिया पुजारी और शास्त्रीसे बहुत कष्ट भोगन पणैगो, मरन् पणैगो और तीन दिनमे जिन्दा होबैगो करके बा समयसे अपन चेलनके बतान लागो ।
\v 22 पत्रुस बाके एक घेन लैजाएके ह्पकान लागो, “परमेश्‍वर अइसे ना करए, प्रभु, तुमर उपर अइसो कबहु नए हुइहए ।”
\p
\v 23 तव घुमके बा पत्रुससे कहि, “ए शैतान, मिर समनेसे हटीजा तए मिर तही बाधा होतहए, काहेकि तए परमेश्‍वरकि बातमे ध्यान ना देत हए पर आदमीक बातमे ध्यान देत् हए ।”
\p
\v 24 तव येशू अपन चेलनसे कहि, “कोइ मिर पिछु आनके इच्छा करत् हए तव, बा अपने के इन्कार करए और अपन क्रुस उठाएके मिर पिच्छु लागए ।
\v 25 काहेकी जौन अपन प्राण बचान चाहत हए, बा बाके गुमाबैगो, और जौन अपन प्राण मिर तही गुमाबैगो, बा बाके पाबैगो ।
\v 26 काहेकी सारा जगत् प्राप्त करके फिर अपन प्राण गुमाबैगो तव, आदमीके का फाईदा हुइहए? अथबा आदमी अपन प्राणके सट्टामे का दएपए हए?
\v 27 कहेकी आदमीक पुत्र अपन पिताके महिमामे अपन स्वर्गदुतसंग अएहए, और बा बेरा बा हरेक आदमीनके बाके काम अनुसार प्रतिफल देबैगो ।
\v 28 नेहत्व, मए तुमसे कहत् हऔ, हियाँ ठाडे भए मैसे कित्तो आदमी पुत्रके अपन राजमे आत नादेखनतक मृत्यु ना चाखंगे ।”
\c 17
\cl अध्याय 17
\p
\v 1 जाको छय दिन पिछु येशू पत्रुस, याकुब और बिनको भैया यूहन्नाके अपने संग एक उचे पहाड उपर अलग लै गओं।
\v 2 बिनके अग्गु बाको रुप बदलिगव। बाको चेहेरा दिन हानी चम्किलो भव, और बाको कुरता ज्योति कता उजियारो भव।
\v 3 देखऔ मोशा और एलिया बाके संग बातचित करत् दिखाने।
\v 4 पत्रुस येशूसे कहि, “हे प्रभु, हम हियाँ रहन अच्छो हए। तुमर इच्छा हुइहए तव हियाँ तीन वासस्थान बनामंगे, एक तुमरे ताहीँ, एक मोशाके ताहीँ और एक एलियाके ताहिँ।”
\p
\v 5 बा मस्कतपेति, चम्किलो बादर बिनके तोपदै, और बादरसे एक आवाज आओ, “जा मिर प्रिय पुत्र हए, जासे मए बहुत खुशी हौ, जिन्की बात सुनौ।”
\v 6 जब चेला जा सुनी, तव बे बहुत डराएके घुप्टा पणिगए।
\p
\v 7 तव येशू आएके बिनके छुएके कहि, “उठओ, मतडराओ।”
\v 8 जब बे अपनी आँखी उठाएके, येशू बाहेक बे और कोइके न देखिं।
\p
\v 9 जब बा पहाडसे उतरत् रहए, येशू बिनसे कहि, जब तक आदमीको पुत्र मरके जिन्दा हुइके न उठेहए, तव तक जा दर्शनकी बात कोइके मतबतैओ।”
\p
\v 10 और चेला बासे अइसे करके पुछीं, “तव काहे शास्त्री पहिले एलिया आन पडैगो करके कहत् हएँ?”
\p
\v 11 येशू बिनसे कहि, “एलिया नेहत्य आबैगो, और सब बातके फिर सच्याए हए।
\v 12 पर मए तुमसे कहत् हौं, 'एलिया अग्गुए अईगव हए, और आदमी बाके न चिनी, तव बाके बे मनमानी करीं। उइसीए आदमीको पुत्र फिर बिनके हातसे कष्ट भोगैगो।”
\v 13 तव बे बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्नाके बारेमे बा कहि हए करके चेला समझीं।
\p
\v 14 तव बा भीणके ठाउँमे आओ एक आदमी बाके अग्गु आएके घुँटो टेकके कहि,
\v 15 “प्रभु, मिर लौणाके उपर दया करओ, काहेकी बाके मिर्गीरोग लागो हए, और बहुत कष्ट भोग रहोहए। बा कबहु आगीमे पणत् हए, कबहु पानीमे घुसतहए।"
\v 16 मए तुमरे चेलाके ठिन लाओ, पर बे बाके अच्छो न करपाइँ।”
\p
\v 17 तव येशू कहि, “ए अविश्‍बासी और भ्रष्ट पुस्ता, कहाँ तक मए तुमरे संग रएँहौं? कहाँ तक मए तुमके सहामौ? बाके मेरे ठिन लाओ।”
\v 18 येशू बाके डाँटी, और भुतात्मा बासे निकरिगव। बा लौणा बहे समय अच्छो हुइगव।
\p
\v 19 तव चेला येशूके ठिन चुप्पय से आएके कहिँ, “हम बाके काहे न निकार पाए?”
\p
\v 20 येशू बिनसे कहि, “तुमरो कमजोर विश्‍वास के कारण । नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, कि तुमर एक भादिको दाना बरोबार बिश्‍वास हए तव जा पहाड 'हियाँसे हटीजा' कएहौ तव बा हटीजाए हए। और तुमरे ताहि कोइ असम्भव नए हुइहए।
\v 21 पर जा किसिमको भुत त प्रार्थना और उपवास बिना न निकरत् हए।”
\p
\v 22 बा गालीलमे इकठ्ठा होत येशू बिनसे कहि, “आदमीको पुत्र आदमीनके हातमे सौंपो जएहए।
\v 23 और बे बाके मारंगे, और बा तिसरे दिनमे जिन्दा हुइ हुईजएहए। और चेला गजब दु: खित भए।
\p
\v 24 जब बा कफर्नहममे आओ, मन्दिरको कर उठान बारे पत्रुसके ठिन आएके कहिं, “का तुमर गुरु कर न तिरत् हए?”
\v 25 बे कहिँ, “हाँ तिरत् हए।” पत्रुस घर भितर गव, येशू बासे पहिले कहि, “सिमोन, तुमर बिचार का हए? पृथ्बीके राजा महसुल और कर कासे उठातहएँ? अपन प्रजन से कि परदेशिनसे?”
\p
\v 26 “परदेशीनसे,” कहिके पत्रुस जबाफ दै। येशू बिनसे कहि, “तव त प्रजा कर तिरनसे छुट पइँ हए।"
\v 27 पर बे हमसे न दिक्कामए करके समुन्द्रमे जाएके बन्सी लगाबओ, और पहिली पडी मछ्री लाओ। बाको मुहू खुलेहौ तुम एक चाँदीक सिक्का रुपैया पएहौ। बा लैजाएके तुमर और मिर ताहिं कर उठान बारेनके देओ।"
\c 18
\cl अध्याय 18
\p
\v 1 बहे समय चेला येशूके ठिन आएके पुछीं, “स्वर्गके राजमे सबसे महान कौन हए?”
\p
\v 2 बा एक बालकाके नजिक बुलाएके बिनके बीचमे ठणबाइ,
\v 3 और कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, मन बदलके तुम छोटो बालका कता न हुइहौ तव कबहू स्वर्गके राजमे न जान पएहऔ ।
\v 4 जौन जा छोटो बालक जैसो अपनाएके नम्र बनाए हए, बहे स्वर्ग राजमे सबसे महान हुइहए।
\v 5 जौन मिर नाउँमे एक अइसी बालकाके ग्रहण करेहए, बा मोके ग्रहण करेहए।
\p
\v 6 तव जौन मिर उपर बिश्‍वास करेहए जा छोटे मैसे एक जनैके पाप करन् लगए हए, बासेत् बाके घेंटमे बणो चकियाको पटा बाँधके बाके गहिरो समुन्द्रमे डुबाए देनो अच्छो हुइहए ।
\v 7 “पाप करन् लगान बारो परीक्षाके ताहिँ जा संसारके धिक्कार! पाप करबान बारो परीक्षा त आतहए, पर धिक्कार, बा आदमीके जौनसे पाप करबान बारो परीक्षा आतहए!”
\v 8 तुमरो हात और टाँग तुमके पाप करन् लगातहए तव बाके काटके फेंक देओ। दोनाए हात और टाँगके संग आगीमे पणनेसे त बलुक लुलो और लंगणा हुइके जीवनमे घुसनो तुमरे ताहिँ अच्छो हुइहए ।
\v 9 तुमरी आँखी तुमके पाप करबातहए तव बाके निकारके फेकदेओ। दोनाए आँखी हुइके नरककी आगीमे फेकनेसे त बरु काना हुइ के जीवनमे घुसन तुमरे ताहिँ अच्छो हुइहए।
\p
\v 10 होसियार रहौ, तुम जे छोटे मैसे एक जनीके फिर हेला मत करौ। काहेकी मए तुमसे कहत् हौं, स्वर्गमे बिनके दुत स्वर्गमे मिर पिताके दर्शन सब दिन करत् रहत हएँ"
\v 11 काहेकी आदमीको पुत्र हराए भएनके बचान आओ हौ।
\v 12 “तुमका बिचार करत् हौ? कोइ आदमीके सव भेणा मैसे एक हराएगव तव, बा उनान्सयके छोडके डाँगा हुइके गव तव हरानो भवके ढुडनके न जाए का?”
\v 13 अगर बा बाके पाइगव तव, नेहत्य मए तुमसे कहत् हौं, बे हरानो भव पाएके उनान्सयसे बा एकके ताहिँ बहुत खुशी होतहए।
\v 14 अइसीए स्वर्गमे होनबारो तुमरे पिताकी इच्छा हए, कि बे छोटे मैसे एक जनी फिर नष्ट न होबए कहिके स्वर्गमे होनबारो तुमर पिता ईच्छा करत हय।
\p
\v 15 “तुमर भैया तुमर बिरुध्दमे अपराध करैगो तव, जाएके तुम ईकल्ले मिल्के बाको दोष दिखाए देओ। बा तुमर बात सुनी तव, तुमरो भैया अपनो भव।"
\v 16 पर बा तुमर बात न सुनेहए तव अपन संग एक दुई जनैके लैजाओ और दुई औ तीन साँचीके बोलीसे सबय बात सच्ची ठहरै।
\v 17 अगर बा बिनकी बात फिर सुनन इन्कार करी तव, मण्डलीसे कहओ । बा मण्डलीको बात फिर सुनन इन्कार करेहए तव, बो तुमरे ताहीँ गैर यहूदी और कर उठानबारो कता होबए ।
\v 18 “नेहत्व, मए तुमसे कहत् हौ, तुम पृथ्बीमे जो बँधेहऔ, बा स्वर्गमे फिर बँधैगो । और तुम पृथ्बीमे जो खुलेहौ बा स्वर्गमे खुलजए हए ।"
\v 19 “फिर मए तुमसे कहत् हऔ, पृथ्बीमे तुमर मैसे दुई जनै कोई बातमे सहमत हुइके कुछ मगैगे तव, बा स्वर्गको पितासे तुमरे ताहिँ हुइजए हए ।"
\v 20 कहेकी जहाँ दुई कि तीन जनै मिर नाउँमे इकठ्ठा हुइहौ, हुवाँ मए बिनके बीचमे हुइहऔ ।”
\p
\v 21 तव बाके ठिन आएके पत्रुस कहि, “प्रभु, मिर भैया कित्तो दावँ मिर बिरुध्दमे अपराध करेहए तव मए बाके क्षमा करऔ? का सात दावँ तक?”
\p
\v 22 येशू बिनसे कहि, “मए तुमसे कहत् हऔ, सात दावँ नए, बल्कि सत्तरी गुणा सात दावँ ।
\v 23 “जहेमारे स्वर्गको राज एक राजासंग दाजन सकत हए, जौन अपन नोकरसे हिसाब लेनके इच्छा करी ।"
\v 24 जब बिनसे हिसाब लेन लागो, एक नोकर बिनके ठिन ल्याई जौन बिनके दश हजार सुनको सिक्का तिरन रहए ।
\v 25 तव बा आदमी तिर नए पाई तव मालिक बासे बाकी बैयर और लौड़ा-लौड़िया और बाको सब चिज बेचके ॠण चुकानके हुकम दै ।
\v 26 “तव बा नोकर घुटो टेकके बिनके पाउ पडके कहान लागो, 'मालिक, मिर उपर धिरज करओ, मए तुमरो सब ॠण चुकामंगो ।”
\v 27 तव बाको नोकरको मालिक डाहासे भरके बाके छोडके, और बाको ॠण माफ करदै ।
\v 28 “तव बा नोकर निकरके जातपेति अपन संगी-नोकर मैसे एक जनैके पाई, जो बाको एक सय चाँदीक सिक्काको ॠणी रहए । बा गला पकाडके बासे कहि, “तेरी ॠण तिर डार ।”
\p
\v 29 “तव बाको संगी-नोकर घुप्टा पडके बासे बिन्ती करी, 'मिर उपर धिरज कर, मए तुमर सब तिरदेहऔ ।'
\v 30 “तव बा ना मानि, और ॠण नएतिरन तक बाके जेलमे डारदै ।
\v 31 बाको संगी नोकर जा सब देखके बहुत दु: खित हुइगव । बे जाएके सब घटना अपन मालिकके बताएदैँ ।
\p
\v 32 “तव मालिक बा नोकरके अपन ठिन बुलाएके कहि, “ए दुष्ट नोकर, तए मोसे बिन्ती करो, और मए तिर ॠण माफी करदऔ ।"
\v 33 मए तिर उपर दया करो कता तए फिर तेरी संगी-नोकरके उपर दया करनके ना रहए?'
\v 34 तव बाको मालिक दिक्काएके सब ॠण नए तिरन् तक दण्ड देन बारेनके हातमे सौपदै ।
\v 35 तुम अपने भैयाके ह्रदयसे क्षमा ना करेहऔ तव, स्वर्गमे होनबारो मिर पिता फिर तुमरेसंग उइसीए करैगो ।”
\c 19
\cl अध्याय 19
\p
\v 1 जा बात कहिके येशू गालीलसे यर्दन पार यहूदाके मुलुक घेन गव ।
\v 2 बहुत भारि भीड बाके पिछु लागगै और बा बे आदमीनके अच्छो करी ।
\p
\v 3 फरिसी बाके ठिन आए बाकी जाँच करन् के ताहीँ बासे पुँछी, “कोइ लोग कुछ कारनसे अपनी बैयरके छोडन का अच्छो हए?”
\p
\v 4 तव येशू कहि, “का तुम पढे नैयाँ कि सृष्टिकर्ता बिनके सुरुसे हि नर और नारी बनाई हए?”
\v 5 और कहि, 'जहेमारे आदमी अपन दौवा और अइया छोड्के अपनी बैयरसंग मिले रहत हएँ, और बे दुई जनी एक शरीर होमंगे ।”
\v 6 बे अब दुई न हयँ पर एक शरीर हएँ। जहेमारे परमेश्‍वर जौनके एकसंग जोडी हए, बिनके कोइ फिर अलग न करए ।”
\p
\v 7 बे बासे कहिं, “मोशा काहे छुटपत्रुर दैके बैयरके छोडनके आज्ञा दै?”
\p
\v 8 बा बिनसे कहि, “तुमर ह्रदयको कठोरताके कारन मोशा बैयरके छोडनके हुकम तुमके दै पर सुरुसे अइसो न रहए ।
\v 9 मए तुमसे कहत् हौं, जौन व्यभिचारके कारन बाहेक अपनी बैयर छोडके दुसरे संग विहा करैगो, बा व्यभिचार करत् हए, और जौन छुटिभइके विहा करेहए, बा फिर व्यभिचार करत् हए ।”
\p
\v 10 चेला येशू से कहिं, “लोगा-बैयरको अइसो सम्बंध हए तव त विहा न करनो ठीक हुइहए ।”
\p
\v 11 येशू बिनके जवाफ दैके कहि, “सब आदमी जा शिक्षा ग्रहण न करपए हँए, केवल बेहि इकल्ले करपए हँए जौनके जा दओ हए ।
\v 12 काहेकी कोइ जनमतए नपुंसक होतहएँ, कित्तो ता आदमीसे बनाए भए होत् हएँ । कित्तो ता अपनेआपके स्वर्गराजके ताहीँ नपूंसक बन्त हँए । जौन जा ग्रहण करपए हए बहे जा ग्रहण करए ।”
\p
\v 13 येशू बालकनके उपर हात धरके प्रार्थना करदेहए करके आदमी बाके ठिन लाईं । पर चेला बे आदमीनके डाँटी ।
\v 14 तव येशू कहि, “बालकनके मिर ठिन आन देओ, बिनके मत रोकौ । काहेकी स्वर्गको राज बिनहीको हए ।”
\v 15 और बालकनके उपर हात धरके बा हुवाँसे गव ।
\p
\v 16 बाके ठिन आएके एक जनी कहि, “हे गुरु, मए अनन्त जीवन पानके ताहिँ का अच्छो काम करन् पणैगो?”
\p
\v 17 बा बिनसे कहि, “अच्छो का हए बाके बारेमे तुम मोसे काहे पुछत् हौ? अच्छो ता एकय हए। पर तुम जीवनमे कुचन इच्छा करत् हौ तव, आज्ञा पालन करओ।”
\p
\v 18 “बे बासे कहिँ “कौन आज्ञा?” येशू कहि, “तए हत्या मत करीए, तए व्यभिचार मत करीए, तए चोरी मतकरीए, तए झुटो गवाही मतदिए ।"
\v 19 अपन अइया-दौवाक आदर करीए, और अपन परोसीके अपनए कता प्रेम करीए।”
\p
\v 20 बा जवान आदमी बासे कहि, “जा सब त मए पालन करोहौं अब मोए मे का कमी हए?”
\p
\v 21 येशू बिनसे कहि, “तुम सिध्द होनके चाँहत् हौ तव, जाएके सब बेचके गरिबनके देओ, और तुम स्वर्गमे धन पाय हौ, और आएके मिर पिच्छु लागओ।”
\v 22 जब बा जवान जा बात सुनी, बा दु: खित हुइके गैभओ, काहेकी बाकेठिन बहुत धन-सम्पति रहए।
\p
\v 23 और येशू अपन चेलनसे कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, स्वर्गके राजमे धनी आदमीके कुचन कर्रो पणैगो।
\v 24 फिर मए तुमसे कहत् हौं, धनी आदमीके परमेश्‍वरके राज भितर कुचनसे त बलुक ऊँटके सुइके भारमे छिरन् सजिलो हुइहए।
\p
\v 25 जा सुनके चेला गजब अचम्मो मानके पुँछी, “तव कौन उध्दार पएहए?”
\p
\v 26 येशू बिनके उपर नजर लगाएके कहि, “आदमीक ताहिँ जो असम्भव हए, तव परमेश्‍वर ताहिँ सब बात सम्भव हए।”
\p
\v 27 तव पत्रुस बासे कहि, “देखौ त हम सब चीज छोड्के तुमर पिच्छु लागे हएँ। तव हम का पए हएँ?”
\p
\v 28 येशू बिनसे कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, तुम जो मिर पिच्छु लागेहौ, नयाँ सृष्टिमे जब आदमीको पुत्र अपन महिमाके सिंहासनमे बैठैगो, तव तुम फिर बाह्र सिंहासनमे बैठैगे, और इस्राएलके बाह्र कुल उपर न्याय करेहौ।
\v 29 हरेक जौन मिर नाउँके कारनसे घर, ददा- भैया और दिदी-बहिनिया औ दौवा और अइया और लौणा-लौणिया और जग्गा जमिन छुणेहए, बा सव गुना पएहए, और अनन्त जीवनको अधिकार पाबैगो।
\p
\v 30 तव बहुत जनी जो शुरुके हयँ, बे पिछु हुई जयहयँ, और बहुत जनी जो पिछु होनबारे बे अग्गु हुइ जयहएँ।
\c 20
\cl अध्याय 20
\p
\v 1 “स्वर्गको राज जमिनको एक मालिक जैसो हए, जो भुकभुको सुबेरे अपन दाखबारीमे खितहरानके देहणीमे काम लगान बाहिर निकरो।
\v 2 खितहरानके एक दिनमे पानबारो देहाणी तोकके बा अपन दाखबारीमे पठाई।
\v 3 “जब बा नौ बजे घेन बाहिर निकरो, बा और कामदारनके बजारमे खालिमुली ठाढे देखी,"
\v 4 और बा उनसे कहि, 'तुम फिर दाखबारीमे जाओ, और जो ठीक हए बा मए तुमके देमंगो।' तव बे काम करन गय।
\v 5 तव बे गए। “फिर बे बाह्र बजे और तीन बजेघेन बाहिर निकरके उइसी करीँ|
\v 6 बा पाँच बजेघेन बाहिर निकरके औरनके ठाढो पाई, और बिनसे कहि, 'तुम काहे बिना कामके ठाढेहौ?”
\p
\v 7 “बे बासे कहिं, 'कोइफिर हमके देहणीमे न लगाईं हयँ। “बा बिनसे कहि, “तुम फिर दाखबारीमे जाओ।”
\p
\v 8 “जब संझा हुइगव, तव दाखबारीको मालिका अपन कर्मचारीनसे कहि, 'खितहरानके बुलाएके पच्छु आनबारेनसे लैके अग्गु आनबारेनके सबके बिनकी देहणी देओ।"
\v 9 “पाँच बजेा काममे लागन बारे आए, और बे सबय पुरा दिनको देहणी पाईं।"
\v 10 जब पहिलिसे देहणीमे लागनबारे आए, तव बे जद्धा पाएहएँ करके सोचीं, पर बे सबय फिर एक दिनकी बारबर देहाणी पाईं।
\v 11 देहणी पाएके पिछु जमिनको मालिकके विरुध्दमे बे बरबरान लागे।
\p
\v 12 बे कहन लागे, जे पिच्छु बारे एक घण्टा काम करीं, पर हम दिन भर काम करे, पर तुम ऊनके हमरी कता बनाय हओ, हम त सारा दिन काम करके घामु मरे।'
\p
\v 13 “तव बा बिन मैसे एक जनीके जबाफ दै, “संगी, मए तुमरे उपर कुछु अन्याय न करोहौं। का तुम मिरसंग पुरा एक दिनकी देाहणीमे काम करेहौ करके कबुल न करे रहौ?”
\v 14 तुमरी पानबारी देहाणी लैकेजाओ। जे पिच्छु आनबारेनके फिर तुमके दओ बरोबार देन चाँहत् हौं।
\p
\v 15 का अपन सम्पत्तिके मए चाहो जैसो न करपए हौ? मिर उदारतामे तुमरी आँखी काहे जरत हए?
\v 16 “अइसीय पिच्छु बारे अग्गु हुइहँए और अग्गु बारे पिच्छु हुइहँए। बुलाय भय बेढम हयँ पर चुने भय कमय हयँ।”
\p
\v 17 जब येशू यरुशलेम घेन जात रहए बा बाह्र चेलनके अलग लैजाएके डगरमे बिनसे कहि,
\v 18 “हम यरुशलेम घेन जात हँएँ अब आदमीक पुत्र मुखिया पुजारीनके हातमे सौपो जएहए, और बे बाके मृत्युदण्डको दोषी ठहेरयँहएँ|"
\v 19 बाके गिल्ला करेहए, कोर्रा लगाएँहएँ, और क्रुसमे टाँगनके ताहीं बे अन्यजातिनके हातमे सौपंगे, और तीन दिनमे बा जिन्दा हुइके उठजएहए।”
\p
\v 20 तव जब्दियाक लौणाकी अइया अपन दुई लौणाक संगमे लैके येशूके जौने आएके घुँटो टेक्के बासे बिन्ती करी।
\v 21 बा बिनसे पुँछी, “तुम का चहत् हौ?” बे बासे कहिँ, “आज्ञा करओ और तुमरे राजमे मिर जे दुई लौणा मैसे एक जनी तुमरे दहिना हातघेन, और दुसरो तुमरे दिबरा हातघेन बैठन पामएँ।”
\p
\v 22 तव येशू बिनसे कहि, “तुम का मगत् हौ सो न जानत् हओ, जौन कटोरा मए पिनलागो हौ, का बा तुम पि पएहौ।”
\p
\v 23 बा कहि, “मिर कटोरा तुम पिहौ, पर मिर दहिना और दिबरा बैठन देनबारी बात मिर हातमे नैयाँ। जा ठाउँ बिनके ताहीँ हए, जौनके ताहीँ मिर पिता तयार करडरी हए।”
\p
\v 24 जा सुनके दसओं जनी बे दुई भैयासे दिक्काए गए।
\v 25 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कहि, “तुमके पता हए, कि अन्यजातिके शासक बिनके अधीनमे रखातहएँ, और बणेबणे बिनके उपर अधिकार जमाएहँए।
\v 26 तुमरे बीचमे अइसो नएहुइहए, पर जौन तुमर बीचमे बणो होनके इच्छा करत् हए, बा तुमरो सेवक होनपणैगो।
\v 27 जौन तुमर मैसे पहिलो होन इच्छा करत् हए, बा तुमरो कमैया होनपणैगो,
\v 28 जैसी आदमीक पुत्र फिर सेवा पानके नाए पर सेवा करन् और बहुतनको छुटकाराको मोल स्वरूप अपन प्राण देन अओ।”
\p
\v 29 बा यरिहोसे जातपेती, एक बहुत भारी भीड बोके पिछु लागी।
\v 30 डगरके किनारे दुई जनी अन्धरा बैठें रहयँ। येशू बा डगरसे जात बे जा बात सुनके अइसे करके चिल्लान लागे, “हे प्रभु, दाउदको पुत्र, हमरे उपर दया करओ।”
\v 31 भीड बिनके चुप लागएँ करके डाटीं, तव बे अइसे करके और जोणके चिल्लाइँ, “हे प्रभु, दाउदको पुत्र, हमरे उपर दया करओ।
\p
\v 32 तव येशू रुकिगव और बिनके बुलाएके कहि, “तुम का चाँहत् हौ? मए तुमरे तहीँ का करदेओं?”
\v 33 बे बासे कहिँ, “हे प्रभु, हमर आँखी खोलदेओ?”
\v 34 येशू डहा करके बिनकी आँखी छुइदै और तुरन्त बे देखन लागे और बे बाके पिच्छु लाग गय।
\c 21
\cl अध्याय 21
\p
\v 1 जब येशू और बाके चेला यरुशलेमके ढिंगई जैतुन डाँगाको बेथफागेमे आए पुगे, तव येशू दुई चेलनके अइसे करके पठाई,
\v 2 “तुम ढिंगईके गाउँमे जाओ। हुवाँ पुगतए तुम एक गद्हा और बाके बच्छ्रा बाँधो पएहौ। बाके खोलके मिर ठिन लाओ।"
\v 3 कोइ तुमसे कुछ कएहए तव, “प्रभुके जाकि जरुरत हए' कहिओ और बा तुरुन्त तुमरसंग बाके पठाएदेहए।”
\p
\v 4 अगमवक्ता बोलो बचन पुरो होबए करके जा भव रहए,
\v 5 सियोनकी लौणिया कहओ, देखओ, तुमर राजा तुमरे ठिन अए रहोहए, बिनम्र हुइके गदहक उपर सबार हुइके, गद्हाक बच्चा औ एक बछ्ररा उपर।”
\p
\v 6 तव चेला गए, और येशू बिनसे कही अनुसार करीँ।
\v 7 बे गद्हा और बच्चा लाई. और बाके उपर अपन लत्ता कपणा बिछाई, और बा बाके उपर बैठो।
\v 8 भीड बहुत अपन लत्ता डगरमे बिछाइँ, और रुखाको हाँगा काटके डगरमे बिछाएदैं।
\v 9 बाके अग्गु और पिच्छु लागि भीड अइसे करके चिल्लात रहए, “दाउदको पुत्र होसन्ना! धन्य हए बो, जो परमप्रभुके नाउँमे आओहए! परमधाममे होसन्ना!”
\p
\v 10 जब बा यरुशलेममे घुसो सारा सहेरमे हलचल मचिगव। आदमी पुछन लागे, “जा कौन हँए?”
\p
\v 11 भीडके आदमी जबाफ दैं, “जे गालीलके नासरतसे अओ भव अगमवक्ता, येशू हँए।”
\p
\v 12 येशू मन्दिरमे घुसो। और बा मन्दिरमे किनबेच करन् बारेक सबके भजाएदै, और पैसा बद्लन बारेक टेबुल, और परेबा बेचन बारेक आसन पल्टाएदै।
\v 13 बा बिनसे कहि, “अइसो लिखोहए, 'मिर घर प्रार्थनाको घर होबैगो।' पर तुम जाके डाँकुको अड्डा बनाएहौ।'
\p
\v 14 अन्धरा और लंगणा मन्दिरमे बाके ठिन आए, और बा बिनके अच्छो करी।
\p
\v 15 “तव जब मुखिया पुजारी और शास्त्री बाको अचम्मो काम देखीँ और लौणा लौणिया मन्दिरमे" “दाउदको पुत्र होसन्ना" “करत् चिल्लात सुनी, तव बे क्रोधित भए,"
\v 16 और बे बासे कहिँ, “सुन्तहौ, जा का कहेरहो हए?” तव येशू बिनसे कहि, “हाँ, सुन्तहौं, का तुम पढे नैयाँ, शिशु और दुध-खानबारेनके ओठसे बा पुरा प्रशंसा लई हय'?”
\p
\v 17 तव बिनके छोणके बा सहेरसे निकरके बेथानियामे गओ हुवाँ बास बैठो।
\p
\v 18 सुवेरे सहेरसे घुमत पेती बा भुखानो रहए ।
\v 19 “डगर किनारे बा एक अन्जीरको पेडके देखी । बा बो पेडके ढिगै अओ, तव बामे पत्तासे अलावा और कुछु नएपाई । तव बा बासे कहि, “अब तोए मे कबहू फरा नए फराए" तव बा अन्जीरको रुखा तुरन्त सुखगओ|
\v 20 “जा देखके चेला अचम्मो मानके कहि, “जा अन्जीरको रुखा कैसे तुरन्त सुखिगओ?”
\p
\v 21 येशू जबाफ दैके बिनसे कहि, “नेहत्व, मए तुमसे कहत् हौं, तुमरेमे विश्‍वास हए और कबहू शंका न करेहौ तव, अन्जीरको रुखा जो करो यित्कए इकल्लो न हय, पर जा डाँगा फिर उखणके समुन्द्रमे गिर' कएहौ बहे हुइजए हए ।
\v 22 विश्‍वास करके प्रार्थनामे जो मगेहौ बा तुम पाबैगे ।”
\p
\v 23 बा मन्दिरमे घुसो, और बा शिक्षा देतपेती मुखिया पुजारी और जनताके धर्म-गुरु बाके ठिन आए, और कहिँ, “कौन अधिकारसे तुम जा काम कर रहेहौ, और कौन तुमके जा अधिकार दओ?”
\p
\v 24 येशू बिनके जबाफ दैके कहि, “मए फिर तुमसे एक प्रश्न पुछ्तहौं । मोके बाको उत्तर देहौ तव, मए कौन अधिकारसे जा काम करत् हौ, सो तुमके बातएहौं ।
\v 25 यूहन्‍नाको बाप्तिस्मा कहाँ से भव? स्वर्गसे कि आदमीसे?” बे आपसमे अइसो कहत बहास करन् लागे, “स्वर्गसे कएहँए तव, बे कएहँए तुम उनके काहे विश्‍वास न करे?' कए हँए।
\v 26 तव आदमीसे कएहँए तव, हमके आदमीसे डर हए । काहेकी सब यूहन्‍नाके अगमवक्ता हए करके कहतहएँ ।
\v 27 जहेमारे बे येशूके जबाफ दै, “हमके पत्ता न हयँ ।” बा बिनसे कहि, “मए फिर कौन अधिकारसे जा काम करत् हौं, सो तुमके ना बतएहौं ।”
\p
\v 28 ““तुम क बिचार करत् हौ? एक आदमीके दुई लौणा रहएँ बा पहिलो लौणासे कहि, 'लौणा, जाएके आज दाखबारीमे काम कर।'”
\p
\v 29 बा जबाफ दै, 'मए ना जए हौं।' तव पिच्छु पछताएके गओ।,
\p
\v 30 दुसरो लौणा ठिन जाएके बासे बहे बात कहि, बा जबाफ दै, 'मए जामंगो।' पर न गओ।
\v 31 “अब जे दुईमे कौन तव दौवाको इच्छाके पालन करीँ?” बे जबाफ दैं, “शुरुबारो”। येशू बिनसे कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, कर उठानबारे और वेश्या तुमसे अग्गु परमेश्‍वरके राजमे प्रवेस करेहएँ।"
\v 32 काहेकी यूहन्ना तुमरे ठिन धार्मिकताको डगर दिखानके आओ, पर तुम बाके उपर विश्‍वास न करे। पर कर उठानबारे और वेश्या बाके उपर विश्‍वास करीँ। तुम जा देखके फिर पश्‍चात्ताप न करे, और उनके उपर विश्‍वास न करे।”
\p
\v 33 “दुसरो कहानी सुनओ। कोइ एक जनी घरबारो रहए, जौन एक दाखबारी लगाई, और बाके आसपास बेढा लगाएके हुवाँ दाख पेरानके एक कोलु धरीँ, और एक मचान बनाई औेर किसाननके ठेंका दैके बा परदेश गव।"
\v 34 जब फसलको समय आओ, बा किसाननके ठिन अपन हिस्सा मागन नोकरनके पठाई।
\v 35 “तव किसान बाके नोकरके पकणके एकके पिटीँ, दुसरेक मारडारीं, और तीसरेक पत्थरसे मारीँ"
\v 36 फिरके बा अग्गुसे जद्धि नोकर पठाई, और बे यिनके संग फिर उइसीय व्यवहार करीँ
\v 37 मिर लौणाके त बे आदर करेहएँ करके सोचके अन्तमे बा अपन लौणाके बिनके ठिन पठाई|
\v 38 “तव किसान लौणाके देखके आपसमे कहिँ, जा त उत्तरधिकारी हए। आओ, बाके मराएँ, और बाको उत्तरधिकारके लेमै।'”
\v 39 तव बे बाके पकणके दाखबारीसे बाहिर लैजाएके और बाके मारडारीं।
\v 40 अगर जब दाखबारीक मालिक आएहए, तव बा बे किसानके का करेहए?”
\p
\v 41 बे बासे कहिँ, “बे दुष्टनके सर्वनाश करेहए, और दाखबारी दुसरे किसानके ठेकामे देहए, जौन बाके फलको हिस्सा समयमे बुझाए हएँँ।”
\p
\v 42 जौन पथराके भवन बनान बारे रद्द करि रहयँ बहे कुनैठोको मुलपत्थर बनो, जा परमप्रभुसे भव हए, और हमरे नजरमे जा अचम्मो हए। येशू बिनसे कहि, “का तुम कबहु धर्मशास्त्रमे पढे न हओ?'
\p
\v 43 “जहेमारे मए तुमसे कहत् हौं, परमेश्‍वरको राज तुमसे छिनो जएहए, और एक अइसो जातिके दओ जएहए, जौन बाको फरा फराबैगो।"
\v 44 जा पत्थर उपर गिरनबारो खुद्रा-खुद्रा हुइजएहए, पर जौन उपर बा पत्थर गिरैगो, बा बासे चिबदजयहय।”
\p
\v 45 जब मुखिया पुजारी और फरिसी बाकी कहानी सुनी, तव बे जा हमर बारेमे कहि हय करके समझीं।
\v 46 बे बाके पकणन ढुँडी, तव बे भीडसे डराईगए, काहेकी आदमी बाके एक अगमवक्ता हए करके मानत् रहएँ।
\c 22
\cl अध्याय 22
\p
\v 1 येशू फिर बिनसे कहानीमे कहि,
\v 2 “स्वर्गको राज एक आईसो राजा कता हए, जौन अपनो लौंड़ाको विहा-पाटी तयार करी"
\v 3 और पाटीमे निऊताहारनके बुलान अपन नोकरके पठाई, पर बे आन मन ना करीँ ।
\v 4 “फिर बा और नोकरनके अइसे कहिके पठाई, “निऊताहारनके आईसे कहिओ, देखओ, “मए मिर भोज तयार करो हौं, मिर मोटो पशु मारोहौं, और सब चीज तयार हएँ। विहा-पाटीमे आबओ ।”
\v 5 तव बे मतलबै न करके एक अपनो खेतघेन, दुसरो व्यापारघेन लागो ।
\v 6 बाँकी त बिनके नोकरके पकडीं और खराब व्यहार करीं और बिनके मारीँ ।
\v 7 तव राजा दिक्काय गव, और अपन फौज पठाएके बे हत्यारेनके नाश करीँ, और बिनके सहेर जराएदैं ।
\v 8 “तव बे अपन नोकरसे कहिँ, विहा-पाटी तयार हए, तव जौनके निऊतो दए बे न आय ।"
\v 9 जहेमारे तुम अब डगरमे जाओ, और जित्तोनके पाबओ बिनके विहा-पाटीमे निउतो देओ।'
\v 10 तव बे नोकर डगरमे गए पाएभए सबके अच्छे और खराब दोनोनके जम्मा करीँ, और विहा-घर पहुनासे भरिगओ।
\v 11 “तव जब राजा पहुननके देखन करके भितरसे आओ, तव विहाको कुर्ता नलागय एक आदमीके देखी ।"
\v 12 बासे बा पुँछी, “संगी, बेहाको कुर्ता न पैंधके तुम कैसे हियाँ भितर आइगए?' बा आदमी कछु न मसक पाई ।
\v 13 “तव राजा नोकरसे कहिँ, 'हात-टाँग बाँधके बाके बाहिर अन्धकारमे फेंकदेओ, जहाँ आदमी रुइँ हँए और दाँत किटकिटए हँए ।'
\v 14 काहेकी बुलाए भए बहुत हँए, पर चुने भए कमए हँए ।”
\p
\v 15 तव फरिसी गए बाकी बातमे बाके कैसे फसामए करके सल्लाह करन् लागे ।
\v 16 अपन चेला हेरोदी दलके आदमीन संग बाके ठिन पठाई । बे कहिँ, “गुरुजी, हम जानत् हए, तुम सत्य हौ, और परमेश्‍वरको डगर सच्चो करके तुम सिखात हऔ, और तुम कुइसे न डारत हौ, काहेकी तुम आदमीके मुहुँ देखके काम न करत् हऔ ।
\v 17 जहेमारे हमके बताओ, कैसरके कर तिरन ठीक हए कि न हय?”
\p
\v 18 तव येशू बिनको चतुराई पता पाएके कहि, “पाखण्डीओ तुम मोके काहे जाँचत् हौ?
\v 19 कर तिरन बारो सिक्का मोके दिखाओ ।” और बे बाके ठिन एक सिक्का लाईं ।
\v 20 बा बिनसे कहि, “जा चित्रमे कौनको छाप, और कौनको नाउँ लिखोहए?”
\p
\v 21 बे बासे कहिँ, “कैसरको ।” तव बा बिनसे कहि, “जहेमारे जो कैसरको हए, बा कैसरके देओ, और जो परमेश्‍वरको हए बा परमेश्‍वरके देओ ।”
\v 22 जा सुनके बे अचम्मो मानि, और बाके छोड्के गईभए ।
\p
\v 23 मरके जिन्दा न होत हँए करके सदुकी बहे दिन बाके ठिन आए, और बे बासे जा प्रश्‍न करीँ,
\v 24 “गुरुज्यू, मोशा त कहि रहय, कोइ आदमी निसन्तान मरो तव बाको भैया ता ददाकी बैयरके विहा करके ददाक सन्तान खडा करन् पडत् हए ।"
\v 25 हमर बीचमे सात ददाभैया रहँए । जेठो विहा करके बा मरीगव, और कोई फिर सन्तान न भव तव अपन भैयाके ताहिँ बैयर छोडके गव ।
\v 26 अइसी करके मझला ओर सँझला फिर और सातओ आइसी करीँ ।
\v 27 बे सब मरके पिछु बा बैयर फिर मरीगै
\v 28 अगर मरके जिन्दा हुइके बे सात जनी मैसे बा बैयर कौनकी बैयर हुइहए? काहेकी बे सबय बासे बिहा कर डारी रहएँ ।”
\p
\v 29 येशू बिनके जबाफ दैके कहि, “तुम भ्रममे पणेहौ, काहेकी तुम धर्मशास्त्र और परमेश्‍वरको शक्ति न जन्तहौ।
\v 30 काहेकी मरके जिन्दाहुइके आदमीनको विहा न होत हय। न विहा करत् हँए, पर बे स्वर्गमे स्वर्गदूत जैसे होतहएँ।
\v 31 तव मरके जिन्दा होतहए बाके बारेमे परमेश्‍वर तुमसे कहि हए, बा तुम न पढे हव?
\v 32 'मए अब्राहामको परमेश्‍वर, इसहाकको परमेश्‍वर और याकुबको परमेश्‍वर हौं।' परमेश्‍वर मरेनको परमेश्‍वर न हय, पर जिन्दनको परमेश्‍वर हए।”
\p
\v 33 जा सुनके भीड बाको शिक्षामे अचम्मो मानी।
\p
\v 34 बा सदुकीनके चुप लगाएके जब फरिसी सुनी तब बे इकट्ठा भय।
\v 35 बिन मैसे एक जनी व्यवस्थाक गुरु बाकी परीक्षा करन् के बिचारसे बासे पुँछी,
\v 36 “गुरुजी, व्यवस्थामे बणो आज्ञा कौन सो हए?”
\p
\v 37 येशू बिनसे कहि, “तुम परमप्रभु अपन परमेश्‍वरके अपन सारे ह्रदयसे, और अपन सारे प्राणसे, और अपन सारे समझसे प्रेम करीओ।
\v 38 महान और पहिलो आज्ञा जहे हए।
\v 39 दुसरो आज्ञा फिर उइसी हए, तुम अपन पणोसीके अपनए जैसो प्रेम करीयो।
\v 40 सबय व्यवस्था और अगमवक्ताक शिक्षाको आधार जे दुई आज्ञा हएँ।”
\p
\v 41 जब फरिसी इकट्ठा भए रहएँ, तव येशू बिनसे एक प्रश्‍न पुछीं,
\v 42 “ख्रीष्टके बारेमे तुम का काहत हौ? बा कौनको पुत्र हए?” बे बासे कहिँ, “दाउदको पुत्र।”
\p
\v 43 येशू बिनसे कही, “कैसे दाउद आत्मामे प्रेरणा पाएके बाके प्रभु करके कैसे पुकारी? बे कहत हएँ,
\v 44 “परमप्रभु मिर प्रभुसे कहि, “तुम मिर दहिना हातघेन बैठओ जबतक मए तुमरे शत्रुनके तुमरे टाँगके पाउँ तरे न धरेहौं"|' बा कैसे बिनको पुत्र हुइहए तव?”
\v 45 अगर दाऊद बासे प्रभु कहत हए तव, बा कैसे बिनको पुत्र हुइहए त?”
\v 46 और कोइ फिर जवाफमे एक बचन न बोल पाई। बा दिनसे कोइ बासे प्रश्‍न पुछ्नके हिम्मत न करीं।
\c 23
\cl अध्याय 23
\p
\v 1 तव येशू भीडसे और अपन चेलनसे अइसो कहि:
\v 2 “शास्त्री और फरिसी मोशाके आसनमे बैठत् हएँ"
\v 3 जहेमारे बे कहिँ बात करओ और मानओ, पर बिनके जैसो मत करीओ, काहेकी बे शिक्षा त देतहएँ, पर बा अनुसार बे न करत् हयँ।
\v 4 बे बहुत भारि बोझ और न सिकनबारो बोझ बाँधके आदमीके कँधामे लाद देतहँए। पर बे अपना त बा उठानके एक उङगरीसे फिर न छुत हयँ।
\v 5 “तव बे अपन सबय काम आदमीनके दिखानके करत् हँए। काहेकी बे अपन माथेमे व्यवस्थाक पत्री बडी बनात हएँ, और अपन कुर्तामे झुम्का लगातहएँ।
\v 6 पाटीमे बे सम्मानको ठाउँ और सभाघरमे प्रमुख आसन मन पणातहएँ,
\v 7 बजारमे अभिवादन ढुणतहएँ और आदमीनसे गुरु कहावान चाँहत हयँ।
\v 8 “पर तुमसे कोइ 'गुरुजी' न कहामए, काहेकी तुमरो शिक्षक एकए हए, और तुम सब ददाभैया हौ।"
\v 9 तुम पृथ्बीमे कोइके अपन पिता मत कहिओ, काहेकी स्वर्गमे तुमरो एकए पिता हए।
\v 10 तुम कोइसे 'मालिक' मतकहिओ, काहेकी तुमरो एकय मालिक ख्रीष्ट इकल्लो हए।
\v 11 तुमैमे जो सबसे बडो हए, बा तुमरो सेवक हुइहए।
\v 12 जौन अपनएके बडो बनए हए, बा छोटो हुइहए, और जौन अपनैके छोटो बनएहए, बा बडो बनओ जयहए।
\p
\v 13 “धिक्कार, तुमके, शास्त्री और फरिसी, तुम पखण्डी! काहेकी तुम आदमीनके जौने स्वर्गक राजको फाटक बन्द करत् हौ। तुम न त अपनाए घुसतहौ, न घुसन चाहन बारेक घुसन देतहौ।"
\v 14 “धिक्कार तुमके शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी! काहेकी तुम विधवनके घर खाएदेतहौ, और लम्मो-लम्मो प्रार्थना करन् के मन पणातहौ। जहेमारे औरसे तुम जद्धा दण्ड पएहौ।
\p
\v 15 धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी! काहेकी तुम एक जनीके अपने मतमे लान समुन्द्र और जमिन देखत हौ, और बा तुमरे मतमे आएजत हए बाके अपनेसे दोबर नरकके लौणा बनात् हौ।
\p
\v 16 “धिक्कार तुमके, अन्धरा अगुवा तुम, कहात् हौ, 'कोइ मन्दिरको कसम खात कुछ न होत हय, पर मन्दिरको सोनोको कसम खात बा कसमसे बाँधिजात हए।'”
\v 17 मुरख और अन्धरा तुम, कौन तव बणो हए? सोनो कि सोनोके पवित्र बनान बारो मन्दिर?
\v 18 कोइ बेदीको कसम खात कुछ न होतहए, पर बा उपर धरो भेटीको कसम खात बा बाँधिजात हए।'
\v 19 ए अन्धरा तुम, कौन तव बडो हए? भेटी कि पवित्र करन् बारो बेदी?
\v 20 जहेमारे बेदीको कसम खानबारो बेदी और बेदीके उपर सब चीजको कसम खातहए।
\v 21 मन्दिरको कसम खानबारो मन्दिर और बा भितर बैठन बारेको कसम खातहए।
\v 22 स्वर्गको कसम खानबारो परमेश्‍वरको सिंहासनको और बा उपर बिराजमान होनबारेको कसम खातहए।
\p
\v 23 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी! काहेकी तुम पुदिना और सोंप और जीराको दशांश देत् हौ, पर व्यवस्थाक गहिरो बिषयके बारेमे, औ न्याय, दया और विश्‍वासके वास्ता न करेहौ। तुमके दशांश देनबारो काम करन् रहए, और बे गहकिले बिषयको खिलवाड न करन रहए।"
\v 24 अन्धरा अगुवाओ, तुम भुसनाके छानत् हौ, पर ऊँटके त घिंचडारत् हौ।
\p
\v 25 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम पाखण्डी! काहेकी तुम कटोरा और थरियाके बाहिर इकल्लो मजातहौ, पर भितर घेन त बे लोभ और लालचसे भरे होतहएँ।"
\v 26 अन्धरा फरिसी तुम, पहिले कटोरा और थरियाके भितर सफा करओ, तव बिनके बाहिर घेन फिर सफा होबए।
\p
\v 27 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी! काहेकी तुम चुना लगाए भए सरकेगड्डा (चिहान) कता हौ, जो बाहिर सुन्दर दिखात हए, पर भितर घेन मरे आदमीनके हड्डा और सब अशुध्दसे भरेहोतहँए।"
\v 28 अइसी तुम फिर बाहिर आदमीनके अग्गु धर्मी दिखात् हौ, पर भितर कपट और दुष्टतासे भरेहौ।
\p
\v 29 “धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, ढोंगी! काहेकी तुम अगमवक्तानके सरकोगड्डा बनातहौ, और धर्मीनके सरके समारत हौ,"
\v 30 और कहत् हौ, हम अपन पुर्खानके समयमे होते तव हम अगमवक्तानको रगत बहानमे उनके संग सहभागी न होते।”
\v 31 अइसी तुम अगमवक्तानके हत्या करन् बारेनके सन्तान हौ करके प्रमाण तुम अपनाए देतहौ।
\v 32 तुमरे पुर्खानको करो काम पुरा करत हओ।
\v 33 ए “साँप और साँपके बच्चाओ, तुम नरकके दण्डसे कैसे बचैगे?”
\v 34 जेहेमारे मए तुमरे ठिन अगमवक्ता, और बुध्दीमान आदमी और शास्त्रीनके पठात् हौं। बिनमैसे कित्तो जनीके तुम मारेहौ और क्रुसमे टाँगे, और कित्तो जनीके अपन सभाघरमे कोर्रा लगएहौ, और सहेर-सहेरमे जाएके सताएहौ।
\v 35 पृथ्बीमे बहाओ भव सब धर्मी जनको रगत-निर्दोष हाबिलको रगतसे लैके बेरेक्याहको लौणा जकरियाको रगततक, जौनके तुम पवित्रस्थान और बेदीक बीचमे हत्या करे सो तुमरे मुणमे पणैगो।
\v 36 नेहत्य, मए तुमसे कहात् हौं, जा सब बात जहे पुस्ताके उपर आएपडैगो।
\p
\v 37 “ए यरुशलेम, तए जौन अगमवक्तानके मारन् और तेरे ठिन पठाएभएके पत्थरसे मारे! जैसी मुर्गी अपन चिगनाके डख्मा तरे बटोरत् हए, उइसी मए बहुत चोटी तिर बालकनके बटोरनके इच्छा करो, पर तए न मानो।"
\v 38 देखओ, तुमरो घर उजणो पडोहए।
\v 39 काहेकी मए तुमसे कहत् हौ, 'परमप्रभुके नाउँमे आनबारे धन्यके हँए' न कहन तक् तुम मोके न दिखेहौ ।”
\c 24
\cl अध्याय 24
\p
\v 1 तव पिछु येशू मन्दिरसे निकरके जात पेती बाके चेला मन्दिरको भवन दिखानके ताहिँ बाके ठिन आए ।
\v 2 तव बा बिनसे कहि, 'तुम जा सब देखत् हौ, कि नए? नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, 'एक पत्थरके उपर दुसरो पत्थर न रयहए, सब उजाडके फिको जएहए ।”
\p
\v 3 येशू जैतुन डाँगामे बैठो चेला एकघेन बाके ठिन आएके पुँछी, “हमके बता, जा बात कब हुइहए, और तुमरो आगमन और जा युगको चिन्ह का हुइहए?”
\p
\v 4 तव येशू बिनके जबाफ दै, “होशियार रहिओ, कोइ तुमके न भर्माबय।
\v 5 काहेकी बहुत जनी मिर नाउँमे मए ख्रीष्ट हौं काहत् अमंगे, और बहुतनके बहकामंगे।
\v 6 तुम युध्द और युध्दके हल्ला सुनैगे। मतघबणैओ, काहेकी जा सब बात होनके आवशयक हए, पर अन्त त बहे समयमे न हुइहए।
\v 7 काहेकी जातिके बिरुध्दमे जाति, और राज्यके बिरुध्दमे राज्य उठेहएँ, और ठाउँ-ठाउँमे अनिकाल और हालाचाला आबइगो।
\v 8 पर जा सब दुखकि सुरुवात इक्ल्लो हुइहए।
\p
\v 9 “तव बे तुमके संकटके ताँहि सौंपदेहएँ, और तुमके मरेहएँ, और मिर नाउँके खातिर सब जाति तुमके घिणना करेहएँ।"
\v 10 तव बहुत जनी भटक जएहँए, और ठेस खामंगे, और एक दुसरेके विश्‍वासघात करके सौंपदेहएँ और हेला करेहएँ
\v 11 बहुत झुटे अगमवक्ता ठाणे हुइहएँ, और बहुतनके बहकएहएँ।
\v 12 दुष्टता बढे हए और बहुतनको प्रेम सिलाएके जएहए।
\v 13 पर आखिरीतक स्थिर रहानबारो बचाओ जएहए।
\v 14 और राज्यको जा सुसमाचार सारा संसारमे सब जातिके ताहिँ गवाहीके ताहिँ प्रचार करो जएहए, तव पिछु अन्त अबैगो।
\p
\v 15 जहेमारे जब तुमके दानिएल अगमवक्तासे बोलो बिनासकरी घृणित चीज पवित्रस्थानमे ठाणो दिखेहौ{पाठ पढान बारो बुझाए}"
\v 16 तव यहूदीयामे होनबारे पहाडघेन भाजएँ।
\v 17 घरकेछानी ऊपर रहनबारे अपन घरमे भव समान निकारनके तरे न उत्राएँ।
\v 18 खेतमे काम करन् बारे अपन कम्मर लेन न घुमएँ।
\v 19 हाय! गर्भवती और दुध खबानबारी बे दिनमे।
\v 20 तव जाडो (हिउँद) समयमे और शबाथमे तुमके भाजन न पणए करके प्रार्थना करओ।
\v 21 काहेकी बा समयमे अइसो महासंकट हुइहए, जो जगत् को सुरुसे हबए तक न भवहए, न त कबहू हुइहए।
\v 22 बे दिन न घटनतक कोइ आदमी न बच्पईते, पर चुनेभएनके ताहिँ बे दिन घटेहँए।
\p
\v 23 तव तुमसे कोइ कएहएँ 'देखौ, ख्रीष्ट हिँया हए, कि हुवाँ हए' कहिके विश्‍वास मत करिओ।
\v 24 काहेकी झुठे ख्रीष्ट, और झुठे अगमवक्ता ठाणे हुइहएं, और हुइसक्त चुने भएनके फिर भड्कानके ताहिँ बणे-बणे चिन्ह और अचम्मो काम दिखाएहएँ।
\v 25 याद करओ, मए तुमसे अग्गुसे कहेरहो हौं।
\v 26 “अगर बे तुमके 'देखौ, बा उजाड-स्थानमे हए' कहिके कएहएँ तव बाहिर निकरके मतजाओ। और 'देखओ, बा कोनेमे हए' कएहएँ फिर विश्‍वास मतकरिओ।"
\v 27 काहेकी जैसी बिजुली अगारसे चमकत हए पछार तक उजियारो होतहए, उइसीय आदमीको पुत्रको आगमन हुइहए।
\v 28 जहाँ डोगर हुइहएँ हुवाँ गिद्धा फिर इकट्ठा होतहएँ।
\p
\v 29 “बे संकटके दिनके पिछु, दिन अँध्यारो हुइहए, और जोन्ही अपनो चमक न देहए, और तारा बादरसे गिरंगे, और स्वर्गकी शाक्ति डगमगाबाइगी।
\v 30 तव आदमीको पुत्रको चिन्ह बादरमे दिखए हए, और पृथ्बीके सब जाति बिलाप करेहएँ, और बे आदमीके पुत्रके आकाशको बादरमे शक्ति और बणो महिमासाथ आत देखंगे।
\v 31 बा अपन स्वर्गदुत तुरहीको बणो आबाजके साथ पठाबैगो, और बादरको एक किनारेसे लैके दुस्रो किनारेतक जम्मएके चारौ दिशासे बाके चुने भएनके इकट्ठा करेहएँ।
\p
\v 32 “पर अञ्‍जीरको रुखासे एक शिक्षा लेओ: जब बाको हाँगा कलिलो होतहए और रुखामे नयाँ पत्ता आत हएँ, तव ग्रीष्म ॠतु आतहए करके तुम पता पातहौ।"
\v 33 उइसीय, तुम फिर जब जा सब बात भव देखत् हौ, तव बा ढिगै औ फाटकमे हए करके जानओ।
\v 34 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, कि जा सब पुरा न होनतक जा पुस्ता खतम न हुइहए।
\v 35 स्वर्ग और पृथ्बी खतम हुइजएहए, पर मिर वचन खतम न न हुइहए।
\p
\v 36 पर बा दिन और बा घडीके बारेमे कोइ न जानत् हए, न त स्वर्गके दुत, न पुत्र।
\v 37 आदमीको पुत्रको आगमन नोआको दिन जैसो हुइहए।
\v 38 काहेकी जैसी जलप्रलयसे अग्गु नोआ जहाज भितर घुसनके दिनतक, आदमी खात, पितरहएँ और विहाबारी करत् रहएँ,
\v 39 और जलप्रलय आएके बिनके सबके सट्टै पुहायके न लएजानतक बे पता न पाई। आदमीको पुत्रको आगमन फिर उइसी हुइहए।
\v 40 बा बेरा दुई जनी खेतमे हुइहएँ, एक जनी चलो जएहए, दुस्रो छुटजएहए।
\v 41 दुई बैयर चकिया पिसत हुुईहएँ, एक चलीजएहए, दुस्री छुटजएहए।
\v 42 “जहेमारे जगे रहओ, काहेकी कौन दिन तुमरो प्रभु आएहए, सो तुम न जानत् हौ।
\v 43 पर जा जानौ, कि घरको मालिक चोर रातके कौन पहरमे आएहए करके जन्तो तव बा जगो रहतो, और अपन घर फोरन न दित्तो।
\v 44 जहेमारे तुम फिर तयार रहिओ, काहेकी आदमीको पुत्र तुम नचिताएके समयमे अबैगो।
\p
\v 45 “विश्‍वासी और बुध्दीमान नोकर कौन हए, जौनके बाको मालिक अपन परिवारको चाकरके ठीक-ठीक समयमे खान देबाए करके खटाए होतहए?”
\v 46 बा नोकर धन्य हए, जौनको मालिक आत उइसी करत् पएहए।
\v 47 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, मालिक बाके अपनो सारा सम्पतिके उपर जिम्मेबार नियुक्त करेहए।
\v 48 पर अगर बा दुष्ट नोकर 'मिर मालिक सुबेरे आएहए करके मनमे सोचाइगो,
\v 49 अपनसंग काम करन् बारे नोकरके पिटन और मतवाला (नशिले) संग खान और पिन लागो तव,
\v 50 बा नोकरको मालिक बा नए चिताओ दिन और न जानो समयमे आए पुगेहए।
\v 51 और मालिक बाके कठोर दण्ड देहए और बाके ढोंगीनके बीचमे फेंकदेहए, जहाँ आदमी रुइँहए और दाँत किटकिटए हँए।”
\c 25
\cl अध्याय 25
\p
\v 1 तव स्वर्गको राज दश कन्यानकेसंग तुलन करन सिकत् हँए। बे अपन दिया लैके दुलाहके भेटन निकरीं।"
\v 2 बे मैसे पाँच जनी मूर्ख और पाँच बुध्दीमान रहएँ।
\v 3 काहेकी जब मूर्ख कन्या अपन दिया लैगैं, तव बे संगमे तेल त नए लैगैं।
\v 4 पर बुध्दीमान कन्या त अपन दियाके संग संगए कटोरामे तेल फिर लैगैं रहएँ।
\v 5 दुल्हा आसरा करत् बे सब निंद से और निधाए गइँ।
\p
\v 6 “तव आधिरातमे 'देखओ दुलहा! बाहिर जाओ और बाके भेटओ', करके आवाज आओ।
\v 7 “तव बे सब कन्या जगिँ, और अ-अपन दियाके ठीकठाक करी।"
\p
\v 8 निर्बुध्दी कन्या बुध्दीमानसे कहिँ, “तुमरो तेलसे हमके थोरी देबओ, काहेकी हमर दिया त बुतन लागी।”
\v 9 “तव बुध्दीमान अइसे करके जबाफ दैं, 'हमर और तुमरे दोनाएके पुगनके ताहिं इत्तो तेल न हुईहए, बलुक दुकान बारे ठिन जाओ और अपन ताहीं किनओ।'
\v 10 “बे किनन गइँ तव दुलहा आएपुगो, और तयार होनबारे उनके संग विहाके पाटीमे भितर घुसे और फाटक बन्द हुइगव।"
\p
\v 11 “पिछुसे बे और कन्या आएपुगिँ और अइसो कहान लागिँ, प्रभु, प्रभु हमर ताहिं खोलदेओ!”
\v 12 ““तव बा जबाफ दैके कहि, नेहत्य मए तुमसे कहातहऔं, मए तुमके न चिन्त हओं।"
\p
\v 13 “जहेमारे जगे रहाओ, कहेाकी बा दिन और बा घडी तुम पता न पएहौ।"
\p
\v 14 “काहेकी जा परदेश जानबारो आदमी जैसो हए, जौन परदेश जात पेती अपन नोकरके बुलाएके अपन धन-सम्पत्ति बिनके जुम्मा दै।"
\v 15 बा सबयके बिनके अपन क्षमता अनुसार एकके पाँच सोनोको सिक्का, दुसरेके दुई और फिर दुसरेके एक दैके गैभव।
\v 16 तव पाँच सोनोको सिक्का पानबारो तुरन्तए जाएके बा व्यापारमे लागएके और पाँच सिक्का कमाईं।
\v 17 उइसीय दुई सिक्का पानबारो फिर और दुई सिक्का कमाइ।
\v 18 पर एक सिक्का पानबारो त जाएके भिमे खोदके अपन मालिकको धन लुकाएरहो।
\p
\v 19 “बहुत दिन पिछु बा नोकरको मालिक आओ, और बा बिनसे हिसाब मागी।"
\v 20 तव पाँच सोनोको सिक्का पानबारो नोकर और पाँच सिक्का लायके अग्गु आएके अइसे कहि, 'हजुर, तुम मोके पाँच सिक्काको जुम्मा दए रहओ, देखौ मए और पाँच सिक्का कमओ हौं।
\p
\v 21 “मालिक बासे कहि, 'स्याबास, अच्छो और विश्‍वासी नोकर! तए थोरी बातमे ईमान्दार भव, अब मए तोके बहुत बातको जुम्मा देहौं। तए अपन मालिकको खुशीमे सहभागी हो।
\p
\v 22 “दुई सिक्का पानबारो फिर आएके कहि, 'हजुर, तुम मोके दुई सिक्का दएरहओ। देखओ, मए और दुई सिक्का कमओ हौं।'”
\p
\v 23 बा मालिक बासे कहि, 'स्याबास, अच्छो और विश्‍वासी नोकर, तए थोरी बातमे ईमान्दार रहो, अब मए तोके बहुत बातको जुम्मा देहौं। तए अपन मालिकको खुशीमे सहभागी हो।'
\p
\v 24 “एक सोनोक सिक्का पानबारो फिर आएके कहि, 'हजुर, न लगाओ जग्गासे कटात हओ और न बोन बारो ठाउँसे बटोर लेतहौ, तुम कठोर आदमी हौ करके मोके पता रहए।"
\v 25 बहे मारे मोके डर लागो, और जाएके तुमरो सिक्का मए मट्टीमे गाडके लुकाओ रहओं। देखओ, जा तुमरो सिक्का लेओ।'
\p
\v 26 “बाको मालिक बाके जबाफ दै, “ए दुष्ट, अल्छी नोकर, न लागाओ ठाउँमे कटात् हए, और न बोनबारो ठाउँसे बटोरत् हए करके तए जनत रहए तव,"
\v 27 तए मिर पैसाके साहुके ठिन धरन् रहए, और आएके मए मेरो पैसा व्याज समेत फिर्ता पातो।
\v 28 जहेमारे बासे जा सिक्का छिनलेओ, और जौनके संग दश सिक्का हए बाके देओ।
\v 29 काहेकी जौनके संग हए बाके और मिलैगो, और बाके संग गजब हुइहए। पर जौनके संग न हय बाके संग भव फिर बासे छिनोजएहए।
\v 30 बा बेकामको नोकरके बाहिर अन्धकारमे फेकदेओ, जहाँ आदमी रुइहएँ और दाँत किटकिटए हएँ।'
\p
\v 31 'जब आदमीको पुत्र सबय स्वर्गदुतकेसंग अपन महिमामे अबैगो, तव बा अपन महिमामय सिँहासनमे बैठैगो।"
\v 32 और बाके अग्गु सब जाति इकठ्ठा हुइहएँ, और जैसी बकरेहेरा भेडा और बकरीयाके छुटेयात् हए, उइसीय बा बिनके एक दुसरेसे अलग करेहए।
\v 33 बा भेडाके अपन दाहिनाघेन, और बकरीयानके दिब्राघेन धरैगो।
\p
\v 34 “तव राजा अपन दाहिनघेनबारेनसे कएहए, 'आओ, मेरे पिताके तुम धन्यके हौ! संसारको उत्पतिसे तुमरे ताहीँ तयार करो राज्यमे अधिकार करओ।"
\v 35 काहेकी मए भुखानो रहौं, तुम मोके खानके दय। मए प्यासो रहौं, तुम मोके पिन दय, मए परदेशी रहौं, तुम मोके बैठन दय।
\v 36 मय नङ्गो रहौं, तुम मोके लत्ता पैंधन दय, मय बिमार रहौं, तुम मोके ख्याल करे, मय जेलमे रहौं, तुम मेरे ठिन आए।'
\p
\v 37 “तव धर्मीजन उनके जबाफ देहएँ, 'हे प्रभु, कब हम तुमके भुखो देखे, और खानके दय, औ कब प्यासो देखे, और पिनके दय?”
\v 38 कब हम तुमके परदेशी देखे, और तुमके बैठन दय? औ नङ्गो देखे और लत्ता पैंधन दय?
\v 39 और कब हम तुमके बिमार और जेलमे देखे, और तुमरे ठिन आए?'
\p
\v 40 तव राजा बिनके जबाफ दैके कयहय, 'नेहत्य, मए तुमसे कहत हऔं, तुम जा मिर भैयन मैसे सबसे छोटेक् एक जनीके जो जित्तो करे, बा तुम मिर ताहीं करे।
\p
\v 41 तव पिछु बा दिब्राघेनके आदमीनसे कहि, 'ए श्रापित आदमीओ! मोसे दुर हुइजाओ, और दियाबलस और बाके दूतके ताहीँ तयार करो अनन्तकी आगीमे जाओ”
\v 42 काहेकी मए भुखानो रहौं, तुम मोके खान न दय, मय प्यासो रहौं, तुम मोके पिन न दय।
\v 43 मए परदेशी रहौं, तुम मोके बैठन न दय। नङ्गो रहौं, और तुम मोके लत्ता न पैंधाय। बिमार और जेलमे रहौं, और तुम मोके खयाल न करे।'
\p
\v 44 बे फिर अइसे करके जबाफ देहएँ, 'प्रभु, कब हम तुमके भुखों और प्यासो देखे, परदेशी और नङ्गो और बिमार देखे, और जेलमे देखे, और तुमरो सेवा न करे?'
\p
\v 45 “तव बा बिनके जबाफ देहए, 'नेहत्व, मए तुमसे कहत् हौं, जा सबसे छोटे मैसे एक जनीके जो जित्तो न करे, बा तुम मेरे तहीँ न करे।"
\p
\v 46 “तव बे अनन्त दण्डके भागी हुइहएँ, पर धर्मी त अनन्त जीवनमे घुसहँए।"
\c 26
\cl अध्याय 26
\p
\v 1 येशू जा सब बात करके अपन चेलनसे कही,
\v 2 “तुमके पता न हय, कि दुई दिन पिछु निस्तार-तेवहर आतहए, और आदमीको पुत्र क्रूसमे टाँगनके ताहीँ पकणो जाएहए।"
\p
\v 3 तव कैयाफा नाउँको प्रधान पुजारीक दरबारमे मुखिया पुजारी और जनताके धर्मगुरु इकठ्ठा भए।
\v 4 और बे येशूके कैसे पकणाए और मराएँ करके सल्लाह करन् लागे।
\v 5 तव बे कहीँ, “तेवहरमे नए। नत आदमीमे हलचल हुइजएहए।”
\p
\v 6 येशू बेथानियामे सिमोन कोढीके घरमे रहए,
\v 7 एक बैयर सिङ्गर मरमरको एक शीशीमे किमती अत्तर लैके बाके ठीन आई, और बा खान बैठो रहए तव बाके मुणमे अखनाएदै।
\v 8 जा देखके चेला दिक्काए गए, और बे कहिँ, “काके ताँही जा इत्तो नोक्सान करीहए?
\v 9 काहेकी जा अत्तर बहुत दाममे बेचके बा पैसा गरीबके दैसकत रहए।”
\p
\v 10 तव येशू जा बात पत्ता पाएके बिनसे कहि, “तुम जा बैयरके काहे दु: ख देतहौ? बा त मिर ताहीँ एक अच्छो काम करीहए।
\v 11 काहेकी गरीब तुमरे संग सब दिन हुइहएँ। पर मए तुमरे संग सब दिन न हुइहौं।
\v 12 बा जा अत्तर मिर शरीरमे अखनाएके दफनके ताहीँ मोके तयार करीहए।
\v 13 नेहत्य, मए तुमसे कहतहौं, सारा संसारमे जहाँ जा सुसमाचार प्रचार हुइहए, जा बैयर जो करीहए बाको चर्चा बिनके सम्झनाके ताहीँ करेहएँ।”
\p
\v 14 “तव बाह्र मैसे एक जनी यहूदा इस्करियोत कहन बारो त मुखिया पुजारी ठिन गव,"
\v 15 और कहि, “अगर मए बाके तुमरे हातमे सौप देहौं तव, मोके का देहौ?” बे बाके चाँदीके तीस सिक्का दैं।
\v 16 बहे बेरासे यहूदा बाके पकणानके मौका ढुँडन लागो।
\p
\v 17 जब अखमिरी रोटीको तेवहरको पहिलो दिन चेला येशू ठिन आएके कहिँ, “तुमर ताहीँ निस्तार-तेवहरको पाटीमे खानको प्रबन्ध हम कहाँ कराएँ?”
\p
\v 18 बा कहि, “सहेरमे एक आदमी ठिन जाओ, और बिनसे कहओ, 'गुरुजी कहिहए, मिर समय ढिंगई आए गओ हए। मए अपन चेलासंग तुमरे घरमे निस्तार-तेवहर मनएहौं।”
\v 19 तव येशूको आदेश अनुसार चेला करीं और बे निस्तार-तेवहरको प्रबन्ध मिलाईं।
\p
\v 20 सांझ भव बा बाह्रओ चेला संग बैठो।
\v 21 बा खातपेती कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, तुम मैसे एक जनी मोके पकणए देहए।”
\p
\v 22 तव बे बहुत दु: खित हुइके सब बासे पुछ्न लागे, “प्रभु, का बा मए हौं?”
\p
\v 23 और बा कहि, “जौन मिर थरियामे रोटी बोरैगो, बा मोके पकणाए देहए।
\v 24 आदमीको पुत्रके त बाके बारेम धर्मशास्त्रमे लिखो अनुसार हुइहए। पर धिक्कार बा आदमीके जौनसे आदमीक पुत्र पकणो जएहए। बा आदमीके त न जल्मनो बाके ताँही अच्छो हुईतो।”
\v 25 “तव बाके पकणाए देनबारो यहूदा पुछी, “गुरुजी, का बा मए हौं?” बा बासे कहि, “तै अपनाए बा काहो हय।”
\p
\v 26 बे खानु खातपेती येशू रोटी लै और आशिर्बाद दैके पिछु बो तोरी और चेलनके दैके कहि, “लेओ, खाओ, जा मिर शारीर हए।”
\v 27 तव कटोरा फिर लैके धन्याबाद दैके बा बिनसे अइसे करके दै, “तुम सब जा मैसे पिबओ।
\v 28 काहेकी जा नयाँ करारको मेरो रगत हए, जा बहुतनके ताहीं पापको प्रायश्चितके ताहीं बहो हए।
\v 29 पर मए तुमसे कहत् हौं, कि दाखको जा फरासे मए जब तक न पिहौं, जब तक अपन पिताको राज्यमे तुमरे संग नयाँ करके न पिहौं।”
\p
\v 30 एक भजन गाएके पिछु बा जैतुन डाँगाघेन निकरके गओ।
\p
\v 31 तव येशू बिनसे कहि, “आज मिर करनसे तुम पिछु हटेहौ। काहेकी अइसो लिखो हए, 'मए बकरेहेराके मारंगो, और बगालके भेडा तितरबितर हुइके छरपष्ट हुइजएहए।'
\v 32 पर मए मरके जिन्दा हुइके तुमसे अग्गु गालीलमे जाएहौं।”
\p
\v 33 पत्रुस बासे जबाफ दैके कहि, “तुमरे कारन सब जनी पिछु हटेहएँ फिर मए कबहू पिछु न हटंगो।”
\p
\v 34 येशू बिनसे कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहात हौं, आज रातके मुर्गा बास्‍नेस अग्गु तए मोके तीन चोटी इन्कार करेहय।”
\p
\v 35 पत्रुस बासे कहि, “मोए तुमरे संग मरन पणेहए तहुँ फिर मए तुमके इन्कार नकरंगो।” और सब चेला अइसिय कहिँ।
\p
\v 36 तव येशू गेतसममी कहन बारो ठाउँमे बिनके संग गव, और चेलनसे कहि, “तुम हियाँ बैठओ, मए त थुर दुर जाएके प्रार्थना करेहौं।”
\v 37 और अपने संग पत्रुस और जब्दियाक दुई लौणनके लैके बा शोकित और व्याकुल होन लागो।
\v 38 तव बा बिनसे कहि, “मिर प्राण गहिरो शोकमे मए अध्मरा कता हुइगव हौं। तुम हियाँ बैठीओ, और मिर संग जगे रहिओ।”
\v 39 और बा थुर दुर जाएके लम्पसार पणके प्रार्थना करी, “हे मिर पिता, हुइसक्तहए तव, जा कटोरा मोसे हटए देओ। तहुँ फिर मए इच्छा करेअनुसार न, पर तुमरी इच्छा करे अनुसार होबाए।”
\v 40 तव बा चेला ठिन आओ बिनके सोत पाई, और पत्रुससे कहि, “का तुम मिरसंग एक घण्टा फिर जगे बैठ न पाए?
\v 41 जगे रहओ, प्रार्थना करओ और परीक्षामे मतपणाओ। आत्मा त नेहत्य तयार हए, पर शरीर दुर्बल हए।”
\p
\v 42 फिर दुस्रो चोटी बा प्रार्थना करन् गव, “हे मिर पिता, यदि मए न पिनसे न हुइहए कहेसे तुमरी इच्छा पुरा होबए।”
\p
\v 43 बा फिर आएके उनके सोत पाई, काहेकी बे बहुत निधाने रहएँ।
\v 44 जहेमारे बा फिर बिनके छोडके गव, और जाएके बेही बात दोहोरयाएके तिस्रो चोटी प्रार्थना करी।
\v 45 तव बा चेलाके ठिन आएके बिनसे कहि, “तुम हबाएतक सोए रहेहौ और अराम कर रहेहौ? देखओ, समय नजिक अइगव हए। आदमीको पुत्र पापीनके हातमे पणन लागो हए।
\v 46 उठ, जाओ, देखओ, पकणन देनबारो ढिंगै हए।”
\p
\v 47 बा मसक्तय बहे मैसे एक जनी यहूदा आओ। बाके संग मुखिया पुजारी और जनताके धर्मगुरु पठाई भै एक बणी भीड तलवार और लठु लैके आए।
\v 48 बाके पकणबानके बा एक संकेत दैरहए, “जौन आदमीके मए चुमेहौ, बहे हुईहए, बहेके पकणीओ।”
\v 49 तुरन्त येशू ठिन जाएके बा कहि, “हे गुरु प्रणाम! और बा बाके चुमी।
\p
\v 50 येशू बासे कहि, “संगी, तुम जो करन् आए हौ, बा करीडारओ।” तव बे अग्गु आएके येशूके गिफ्तार करीं।
\v 51 येशूके संगमे होनबारो मैसे एक हात बढाएक अपनो तरवार निकारके, मुखिया पुजारीको कमैयाके बा कान काटके अलग करदै।
\v 52 तव येशू बिनसे कहि, “तुमरो तरवार खोलमे डार, काहेकी तरवार लेनबारे सब तरवारसे नष्ट हुइहएँ |
\v 53 तुम का बिचार करत हौ, का मए अपन पिताके बिन्ती कर न पएहौं, और बा तुरन्त स्वर्गदूतके बाह्र पल्टनसे जद्धा मिर ताहीं पठाए का न देहए?”
\v 54 पर जा बात अइसी होनाएके हए करके धर्मशास्त्रमे लिखि बात कैसे पुरी हुइहए?”
\p
\v 55 बा समय येशू भीणसे कहि, “डाँकुके पकणान कता मोके पकणान तरवार और लठु लैके तुम काहे आए? मए सब दिन मन्दिरमे शिक्षा देत बैठो रहौं, तव तुम मोके न पकणे।
\v 56 पर अगमवक्ताक धर्मशास्त्र पुरा होन ताहीं जा सब होन आओ हए।” तव सब चेला बाके छोडके भाजे।
\p
\v 57 येशूके पकणके बाके प्रधान पुजारी कैयाफाके ठिन लैगए। हुवाँ शास्त्री और धर्मगुरु इक्ठ्ठा भए रहएँ।
\v 58 तव पत्रुस दुरसे प्रधान पुजारीक भवनके आँगन तक बाके पिछुपिछु गव, और अन्तमे का हुईहए, सो देखनके ताहीं भितर घुसके चौकीदार संग बैठो।
\p
\v 59 अब मुखिया पुजारी और जम्मए महासभाके येशूके दण्ड देनके बाके बिरुध्दमे झुठी गवाही ढुणन लागे।
\v 60 बहुत झुठी गवाही देनबारे आए, और बे कोइ प्रमाण न पाईं। आखिरमे दुई जनी अग्गु आए,
\v 61 और कहिँ, “जा आदमी 'मए परमेश्‍वरके मन्दिरके उजाडके तीन दिनमे जा बनाए देहौं करके कही हए।”
\p
\v 62 तव प्रधान पुजारी उठके कही, “का तए कुछ जवाफ ना देहए? जा आदमी तेरे बिरुध्दमे दओ गवाही का हए?”
\v 63 तव येशू चुप रहो। प्रधान पुजारी बासे कही, “जीवित परमेश्‍वरको नाउँमे कसम खाएके कहो, हमके बता, का तए परमेश्‍वरको पुत्र ख्रीष्ट हए?”
\p
\v 64 येशू बिनसे कही, “तुम्ही कहेरहेहौ। तहुँ फिर मए तुमसे कहत् हौं, अब पर तुम आदमीको पुत्रके सर्वशक्तिमानके दाहिना हातघेन बैठो देखेहौ।”
\p
\v 65 व प्रधान पुजारी अपन कुर्ता फारी और कही, “जा त ईश्‍वर-निन्दा करके बोलि। हमके अब और साक्षीको का जरुरत पणिहए? तुम हबाए जा बोलि ईश्‍वर-निन्दा सुनलएहौ।
\v 66 तुमर का बिचार हए?” बे जवाफ दैं, “जा प्राणदण्डको योग्य हए।”
\v 67 तव बे बाके मुहुमे थुक्के मुक्का लगाइँ, और कोइ-कोइ अइसे कहत थप्पण लगाइँ,
\v 68 “हे ख्रीष्ट अगमवाणी कहो! तोके मारन बारो कौन हए?”
\p
\v 69 पत्रुस बाहिर आँगनमे बैठो रहए। एक नोकर्नी बाके ठिन आएके कहि, “तुम फिर गालीलके निवासी येशूसंग रहौ।”
\p
\v 70 पर बा उनके सबके अग्गु इन्कार करके कही, “तए का कहत हए, मए न जन्तहौ।”
\p
\v 71 बा बाहिर दलानमे निकरके पिछु दुस्री दासी बाके देखी, और हुवाँ बैठन बाले कहीं, “जा आदमी फिर येशू नासरीसंग रहए”
\v 72 बा फिर कसम खाएके कही, “मए बा आदमीके नए चिनत्हौ।”
\p
\v 73 थोरी देरमे हुवाँ भए आदमी फिर पत्रुससे कहीं, “नेहत्व, तुम फिर बिनमैसे एक हौ, काहेकी तुमर बोलि न तुमके जाहेर करत् हए।”
\p
\v 74 “तव पत्रुस अपनाएके सरापत् कसम खान लागो “मए बा आदमीके चिन्तए नैयाँ।” और तुरन्त मुर्गा बासदै।"
\p
\v 75 तव पत्रुससे येशू कही जा बात याद हुइगओ, “मुर्गा बास्नेस अग्गु तए मोके तीन चोटी इन्कार करेहए।” तव बा बाहिर जाएके धरधरहुँसे रोइ।
\c 27
\cl अध्याय 27
\p
\v 1 भुक्भुको सुबेरे, सब मुखिया पुजारी और जनताके धर्मगुरु येशूके मृत्युदण्ड देन करके बाके बिरुद्ध योजना बनाई।
\v 2 और बे बाके बाँधके लैगए, और हाकिम पिलातस ठीन सौपदैं।
\p
\v 3 तव बाके पकणन बारो यहूदा बाके उपर दण्डदेत देखके पछताइ, और मुखिया पुजारी और धर्मगुरुके चाँदीके तीस सिक्का घुमानके आओ,
\v 4 और कही, “मए निर्दोष आदमीके धोखा दैके पाप करोहौं।” तव बे कहीं, “हमके का मतलब? तए अपनाए जान्।”
\v 5 तव चाँदीके बे सिक्का मन्दिरमे फेंकके बा गओ, और फाँसि लगायके आत्महत्या करी।
\p
\v 6 तव मुखिया पुजारी चाँदीक सिक्का लैके कही, “ढुकुटीमे जा धरनके ठीक न हय, काहेकी जा रगतको मोल हए।”
\v 7 बे आपसमे सल्लाह करके बा पैसासे परदेशीनके दफनके ताहीं कुम्णाक जमिन किनी।
\v 8 जहेमारे बा जमिनसे आज तक फिर रगतको जमिन कहत हएँ।
\p
\v 9 तव यर्मिया अगमवक्ता कहीबात पुरी भै, बे चाँदीक तीस सिक्का लैके, बा मोलके रुपमे, जौन इस्राएलको लौणके बे तोकी रहएँ,
\v 10 और परमप्रभु मोके आदेश दओअनुसार कुम्णाक जमिनके ताहीं बे दैं।”
\p
\v 11 येशू हाकिमके जौने ठाणो, और बे येशूसे पुछीं, “का तए यहूदीक् राजा है?” येशू बिनसे कही, “तुम्ही त अइसो कहत् हौ”
\v 12 तव मुखिया पुजारी और धर्म-गुरु बाके उपर दोष लगाईं, तव बा कोइ जवाफ नदै।
\p
\v 13 तव पिलातस बासे कही, “तुमरे विरुध्दमे अनेक बातको गवाही देतहएँ, का तुम सुन्त नैयाँ?”
\v 14 पर बा बिनके एकु बातक फिर जवाफ नदै | हाकिम फिर जा बातमे गजब छक्क पणिगव।
\p
\v 15 निस्तार-तेवहारमे भीड चाहो बमोजिम हाकिमके एक जनि कैदी छोणनके रिति रहए।
\v 16 बा समय बारब्बा नाउँको एक प्रख्यात कैदी रहए।
\p
\v 17 जब आदमी इक्ठ्ठा भए, पिलातस बिनसे पुछी, “तुम का चाहत हौ? मए तुमरे ताहीं कौनके छोणदेओं? बारब्बा कि ख्रीष्ट कहन बारो येशूके?”
\v 18 काहेकी बे येशूके गुस्सा से सौंपी रहएँ करके बिनके पता रहए।
\p
\v 19 जब बे न्याय-आसनमे बैठेरहएँ बहे समयमे बिनकी बैयर अइसे करके खबर पठाइँ, “बा निर्दोष आदमीके कुछु मतकरीओ, काहेकी आज सपनामे बाके कारन मए बहुत दु: ख भोगो हौं।”
\p
\v 20 तव मुखिया पुजारी और धर्म-गुरु बारब्बाके छोणदेन और येशूके मृत्युदण्ड देनके माग करन् आदमीके फुल्साई।
\v 21 हाकिम फिर बिनसे पुछी, “दुई मैसे कौनके त मए तुमरे ताहीं मुक्त करदेऊँ करके तुम चाहत् हौ?” बे कहिं, “बारब्बाके।”
\p
\v 22 पिलातस बिनसे कहि, “तव ख्रीष्ट कहन बारो येशूके मए का करओं?” बे बासे जवाफ दैके कहिँ, “बाके क्रुसमे टाँगओ।”
\v 23 बा कहि, “काहे? बा का अपराध करी हए?” तव बे और जोणसे चिल्लाइँ, “बाके क्रुसमे टाँगओ।”
\p
\v 24 तव कोइ सीप न लागो देखके, और हलचल मचि जएहए करके डारएके पिलातस पानी लैके भीणके अग्गु अपन हात धोएके कहि, “तुम अपनाए जानओ, मए जा आदमीको रगतसे निर्दोष हौं।”
\p
\v 25 सब आदमी जबाफ दैं, “बाको रगत हमके और हमर सन्तानके उपर पणए।”
\v 26 तव बा बिनके ताहीँ बारब्बाके छोणदै, और येशूके कोर्रा लागएके क्रुसमे टाँगन के सौपदै।
\p
\v 27 तव हाकिमके सिपाही येशूके महलमे लैगए, और जम्मए पल्टान बाके जौने इक्ठ्ठा हुइगए।
\v 28 बे बाको कुर्ता खोलके बाके लाल कुर्ता लगाएदैं।
\v 29 बे काँटोको मुकुट गुहिके बाके मुणमे लगाएदैं, और बाके दहिना हातमे डन्डा दैं, और बाके अग्गु घुँटो टेकके बासे अइसे कहिके बाको गिल्ला करीं, “हे यहूदियाको राजा, प्रणाम।”
\v 30 तव बे बाके थुकीं, और बा डन्डा लैके बाको मुणमे मारीं।
\v 31 बाके गिल्ला करके पिछु बे बाको कुर्ता खोलदैं और बाके अपनो कुर्ता पैंधाएके बाके क्रुसमे लटकानके ताहीं लैगए।
\p
\v 32 जातैजात बे सिमोन नाउँको कुरेनीके एक आदमीके पाइँ, और बे बाके बाको क्रुस बोकन कर लगाइँ।
\v 33 जब बे गलगथा कहन बारो ठाउँमे आएपुगे, जौनके खोपणीको ठाउँ कहत हएँ,
\v 34 तव बे बाके पित मिलो भौ दाखमध पिनके दै, तव बा चाखके बा न पिई।
\v 35 बे बाके क्रुसमे टाँगके पिछु, चिट्टा डारके बाको कुर्ता आपसमे बाँटीँ।
\v 36 तव हुवाँ बैठके बे बाके पहरा देन लागे।
\v 37 “येशू, यहूदीको राजा “करके बाके विरुध्दमे दोष-पत्र बे बाके मुणके उपर टाँगदै।"
\v 38 बाके संग दुई जनी डाँकु क्रुसमे टाल्गे रहएं, एक बाके दहिना घेन और दुस्रो दिब्रा घेन
\v 39 हुवाँसे आनबारे जानबारे अपन मुण हलाएके बाको गिल्ला करीँ,
\v 40 और कहिँ, “ए मन्दिर उजाणनबारो और तीन दिनमे निर्माण करनबारो, अपनाएके बचा, और परमेश्‍वरको पुत्र हए तव, क्रुससे उतरके तरे आएजा।”
\p
\v 41 मुखिया पुजारी फिर शास्त्री और धर्म-गुरु संगए मिल्के बाको गिल्ला करत् कहिँ,
\v 42 “जा औरनके त बचाई, अपनाएके त बचाए न पाई। जा इस्राएलको राजा हए । हबए क्रुससे तरे उतरके आएजा, तव हम विश्‍वास करेहएँ।"
\v 43 जा परमेश्‍वरमे भरोसा करत् रहए। परमेश्‍वर बाके चाहत रहए तव बहे बाके बचाबय, काहेकी जा त 'मए परमेश्‍वरको पुत्र हौं,' करके कहत रहए।”
\v 44 और बाके संग क्रुसमे टँगे बे डाँकु फिर बहे किसिमसे बाको अपमान करीँ।
\p
\v 45 अब दुपहर से लैके तीन बजे तक सारे देशमे अन्धकार हुइगव।
\v 46 तीन बजे घेन येशू अइसे करके बणो जोणसे चिल्लाई, “इलोई, इलोई, लामा सबखथनी?” जौनको अर्थ हय, “हे मिर परमेश्‍वर, हे मिर परमेश्‍वर, तुम मोके काहे त्यागे दय हौ?”
\v 47 हुवाँ ठाढेभए मैसे कित्तो जनी जा सुनके कहिँ, “जा आदमी एलियाके बुलातहए।”
\v 48 बिनमैसे एक जनी झट् दौरके गव एक स्पन्ज लैके सिर्कामे डुबाएके डन्डामे धरके बाके पिनदै।
\p
\v 49 तव बाँकी कहिँ, “देखओ, कहुँ एलिया यिनके बचान आत हए कि?”
\v 50 तव येशू फिर बणो जोणसे चिल्लाई और अपन आत्मा त्यागदै।
\v 51 तव बा समयमे मन्दिरको पर्दा चुटियासे लैके जरसे दुई खुद्रा हुइगव और जमिन काँपन लागी और चट्टान फुटे।
\v 52 सरके ढक्कन खुलिगय, और मरेभए बहुत सन्तानके मृत शरीर जिन्दा हुइके उठे,
\v 53 और बे गड्डासे निकारके, और मरके येशूके पुनरुत्थानमे बे पवित्र सहेरमे प्रबेश करीँ और बहुत ठिन दिखाने।
\p
\v 54 जब कप्तान और बिनके संग येशूके देखन बारे हालाचाला और हुवाँ भव घटना देखीं, तव बहुत झस्के बे अइसे कहिँ, “नेहत्य, जा परमेश्‍वरको पुत्र रहए।”
\p
\v 55 हुवाँ गालीलसे आए भए बहुत बैयर फिर रहएँ, बे दुरसे सब जा देखत रहएँ। बे बाको सेवा-सत्कर करत गालीलसे येशूके पिछुपिछु आईरहएँ।
\v 56 बे मैसे मरियम मग्दलिनी, और याकूब और योसुफकी अइया मरियम, और जब्दियाक लौणाकी अइया रहएँ।
\p
\v 57 संझा हुइगव अरिमाथियाक योसुफ नाउँ भव एक जनी धनी आदमी अओ। बा स्वयम् येशूके चेला रहए।
\v 58 बे पिलातसके ठिन जाएके येशूक मृत शरीर मागीँ, और पिलातस सो बिनके देनके हुकम करी।
\v 59 योसेफ मृत शरीर लैजाएके सफा मलमलको लत्तामे लबेटी,
\v 60 और बे चट्टानमे खोदके बनाए अपनो नयाँ गड्डामे बाके धरीँ, और गड्डाके मुहुँमे एक बहुत भारी पत्थर लुणकाएदैं, और बे हुँवा से गए।
\v 61 गड्डाके जौने मरियम मग्दलिनी और दुस्री मरियम फिर बैठी रहए।
\p
\v 62 कल औ तयारीक दिन मुखिया पुजारी और फरिसी पिलातसके ठिन इकट्ठा भए,
\v 63 और कहिँ, “हजुर, हमके याद हए, कि बा ठगहा जिन्दा रहए, तबही 'तीन दिन पिछु मए फिर जिन्दा उठंगो' कही रहए।
\v 64 बहेमारे तिस्रो दिनतक बा गड्डामे सुरक्षित रहनके हुकुम करी, नत बाके चेला आएके बाके चुराएके लैजामंगे, और 'बा मरो भव जिन्दा हुइके उठाईगो' कहिके आदमी कहामंगे, और बा पिछुको धोखासे पहिलो और खराब हुइहए।”
\p
\v 65 “पिलातस बिनसे कहि“ “तुमरो अपनो पहरा हैइए हए। जाओ, तुम बाके सकभर सुरक्षित रखौ।”
\v 66 तव बे गए और पत्थरमे मोहर लगाईं, और पहरेदार खटाए भए गड्डा सुरक्षित रखाइँ।
\c 28
\cl अध्याय 28
\p
\v 1 शबाथपिछु, हप्ताको पहिलो दिन भुक्भुको उजियारो होत मरियम मग्दलिनी और दुस्री मरियम सरमे देखन आइँ।
\v 2 बहुत भारि हालाचाला गओ। काहेकी परमप्रभुक एक दूत स्वर्गसे तरे उतरके, पत्थर हटाएके बहे उपर बैठो।
\v 3 बाको रुप बिजुली जैसो और कुर्ता बरफ जैसो सेतो रहए।
\v 4 बाके डरके मारे बे पहरेदार थरथर काँपी, और अधमरा जैसे हुइगए।
\p
\v 5 तव स्वर्गदूत बे बैयरनसे कहिँ, “तुम मतडराओ, काहेकी मोके पता हए, तुम क्रुसमे टँगो येशूके ढुणत् हौ।
\v 6 बा हियाँ न हय, काहेकी बा कही अनुसार बा जिन्दा हुइके उठिगओ हए। आओ, बाके धरो ठाउँ देखौ।
\p
\v 7 और जल्दी जाएके बाके चेलनके खबर देओ, कि बा मरके जिन्दा हुइके उठीगओ हए, और बा तुमसे अग्गु गालीलमे जातहए। तुम हुवाँ बाके देखैगे। मए तुमसे कहिदौ हौं।”
\p
\v 8 और बे डर और बहुत आनन्दसे झट सरको गड्डासे निकरके गए, और बाके चेलनके खबर देन दौरे।
\v 9 अचानक येशू बिनके भेटके कहि, “शान्ति!” बे ढिंगै आएके बाको पाउ पकणके बाके दण्डवत करीं।
\v 10 तव येशू बिनसे कहि, “मतडरओ, जाएके मिर भैयनसे गालीलमे जान कहीदेओ, और हुवाँ बे मोके देखंगे।”
\p
\v 11 जब बे बैयर डगरमे रहएँ, कोइ-कोइ पहरेदार सहेरमे जाएके मुखिया पुजारीनके हुवाँभव घटनाके बारेमे खबर दैं।
\v 12 जब मुखिया पुजारी धर्म-गुरुन से भेटी और बिनसे सल्लाह करीं, और बे सिपाइनके अइसे करके बहुत पैसा दैं,
\v 13 “तुम कहिओ, कि 'हम सोत समयमे बाके चेला आएके बाके चुराएके लैगए हएँ।'
\v 14 “अगर हाकिमके कानमे जा बात पुगीगई तव, हम बाके मनाएके तुमके बचाय देहएँ।”
\v 15 तव बे सो पैसा लैं, और सिखाए अनुसार करीँ, और यहूदीमे आजके दिनतक जहे बात फैलीहए।
\p
\v 16 बे एघार जनी चेला गालीलके बा डँगामे गए, जहाँ येशू बिनके जानके आदेश दै रहए।
\v 17 बे बाके देखके दण्डवत् करीँ, तव कितनो त शँका करीँ।
\v 18 तव येशू बिनके ठिन आएके कहि, “स्वर्ग और पृथ्वीमे सबय अधिकार मोके दौ हए।
\v 19 जहेमारे जाओ, और सब देशके जातिनके चेला बनाओ, पिता और पुत्र और पवित्र आत्माके नाउँमे बिनके बप्तिस्मा देओ।
\v 20 मए तुमके आज्ञा करो सब बात पालन करन् बिनके सिखाओ। देखौ, मए युगको अन्त तक सब दिन तुमरे सँगमे हौं।”

945
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\id MRK
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\h मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\toc1 मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\toc2 मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\toc3 mrk
\mt मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\c 1
\cl अध्याय १
\p
\v 1 जा परमेश्‍वरको पुत्र येशू ख्रीष्टको सुसमाचारको सुरुवात हय।
\v 2 यशैया अगमबक्ताके किताबमे अइसो लिखो हए' “देख, मए मेरो दूतके तिर अग्गु-अग्गु पठामङ्गो, जौन तेरो डगर तयार करैगो।
\q
\v 3 उजाडस्थानमे एक जनी चिल्लान बारोको आवाज, परमप्रभुको डगर तयार करओ, बाको डगर सुध बनाओ।“
\p
\v 4 बप्तिस्मा देनबारो यूहन्ना पाप मिटानके ताहीं मन बदलनको बप्तिस्माको प्रचार करतय उजाडस्थानमे देखाइ दई।
\v 5 सबय यहूदिया देश और यरुशलेमके सबए बासिन्दा बिनके ठिन निकरके आइगए और बे अपन अपन पाप स्वीकार करतय बिनसे यर्दन नदियामे बप्तिस्मा लैं।
\v 6 यूहन्ना ऊँटको बारसे बिनो लत्ता पैंधत रहए, और करेहाँवमे खलरी को फेंटा बाँधत रहए, और टिंढा और बनको शहत खात रहए।
\v 7 बा अइसे कहातय प्रचार करी, “जौन मोसे पिच्छु आबैगो, बा मोसे शक्तिशाली हए, तव लोहोक्के बाको जूताको तनी खोलनको योग्यको मए न हऔं।
\v 8 मए तुमके पानी से बप्तिस्मा दओ हौं। पर बा तुमके पबित्र आत्मासे बप्तिस्मा देबैगो।
\p
\v 9 अब बे दिनमे येशू गालिलके नासरतसे आओ, और यूहन्नासे यर्दन नदियामे बप्तिस्मा लै ।
\v 10 पानीसे निकरके आतए खिना बा स्वर्ग उघरो, और पबित्रआत्मा कबुतरके रुपमे अपन ऊपर उतरत देखी।
\v 11 तव स्वर्ग से अइसो एक आवाज आओ, “तए मिर प्यारो लउँडा हए, तोसे मए गजब खुसी हौं।
\v 12 पबित्र आत्मा बाके तुरुन्त उजाडस्थानमे लैगौ।
\v 13 भूतद्वारा सतावट पाएके बा चालिस दिन उजाडस्थानमे रहो । बा जँगली जनावर संग रहो और स्वर्गदूत बाकी सेवा सत्कार करीं।
\p
\v 14 अब यूहन्ना पक्रडाव पड्के पिच्छु परमेश्‍वरको सुसमाचार प्रचार करतय येशू गालीलमे आओ।
\v 15 बा कही, “समय पूरा हुइगओ हए, परमेश्‍वरको राज जौंडे आईपुगो हए। पश्‍चाताप करौ, और सुसमाचारमे विश्‍वास करऔ।"
\p
\v 16 गालील समुन्दरके किनारे किनारे जातैपेती बा सिमोन और बाको भैया अन्द्रियास के समुन्द्र मे जार डारत् देखि काहेकि बे मछेरयहा रहयँ।
\v 17 येशू उनसे कही मेरे पिच्छु लागओ, और मए तुमके आदमिनको मछेरयहा बनामङ्गो।
\v 18 बे तुरन्त अपनी जार छोडीं और बाके पिच्छु लग्गै।
\v 19 और थोरी दूर जाएके पिच्छु बा जब्दियाके दुई लउँडा याकूब और यूहन्नाके नैयाँमे बैठो जार थिगरत देखी।
\v 20 बा तुरन्त उनके बुलाइलै, और बे अपनो दौवा जब्दिया के नैंयाँ चलान बारेन संग नैयाँमे छोडके बाके पिच्छु लग्गै।
\p
\v 21 तव बे कफर्नहुममे गए, और तुरन्त विश्रामदिनमे सभाघरमे जाएके सिकान लागे।
\v 22 और सब बाको शिक्षामे अचम्मो मानी काहेकि बा उनके शास्त्री जैसो नाय, पर अधिकार से सिखात रहए।
\v 23 बहे समय सभाघरमे अशुध्द आत्मा भव एक आदमी रहय।
\v 24 बा अइसो कहत् चिल्लान लागो, “हे नासरतको येशू हमसे तोसे का लेनदेन? का तए हमके सत्त्यानास करन आओ हए? मए तोके चीन्तहौं, तए परमेश्‍वरको पवित्र जन हय।"
\p
\v 25 तव येशू अइसो कहतय बाके डाँटी, “चुप लाग, और बक मैसे निकरजा।"
\v 26 बा आदमीके फत्फत्बाएके बा अशुध्द आत्मा बडो जोडसे चिल्लायके बा आदमी मैसे निकरगओ।
\p
\v 27 तव सब जनी अचम्मो मानी, और बे अइसे कहत अपनैमे सोधपुँछ करन् लागे, 'जा का हए? जत् नयाँ शिक्षा हए। जत् अधिकारके संग अशुध्द आत्मनके आज्ञा करत हए, और बे उनको आज्ञा मानत हएँ।"
\v 28 और जलदीय येशू को चर्चा गालीलके इलाकाके आसपास चारौ घेन फैल्गओ।
\p
\v 29 अब बा तुरन्त सभा घर से निकरके याकूब और युहन्ना के सँगमे सिमोन और अन्द्रियास के घरमे आइगओ।
\v 30 सिमोन की सास बुखारसे भरी रहय, और बे जल्दी बाके बारे में बाके बाताईं।
\v 31 बा ढिंगै आएके बक् हात पकड़के बाके उठाई, और बुखार बाके छोड्दै। तव बा बिनकी सेवा करन लागी ।
\p
\v 32 बहे संझाके दिन डुबनसे पच्छु, आदमी बाके जउणे बेमार और भुत लगेभए जम्मै के लिाआईं।
\v 33 पुरो शहरके घरके फाटक में जमा हुइगय रहयँ।
\v 34 अनेक किसिमके रोग से दुखीभय बहुत बिमारीन के बा अच्छो करी, और बहुत भुतनके निकारी, पर भुत बाके चिनन् के कारन से बा उनके बोलन नादै।
\p
\v 35 सुबेरे उजियारो होनसे बहुत अग्गु उठ्के बा बाहिर एकान्त ठाहोंमे गओ, और हुआँ प्रार्थना करी।
\v 36 सिमोन और बाके सँग होनबारे बाके ढुणतै गय।
\v 37 बाके पाएके पिच्छु बे कहनलगे, “सब तुमए ढुण रहे हएँ ।”
\p
\v 38 तव बा उनसे कही, “अव, हम जउडें के और सहरमे जामएँ, और हुआँ फिर मए प्रचार करन पामओं, काहेकि जहेक ताहीं मए आओ हौं।"
\v 39 और पुरो गालील में उनके सभाघर में प्रचार करतय और भुतनके निकारत रहो ।
\p
\v 40 और एक जनी कोढ रोग लगो आदमी बाके ठिन आएके घुँटो टेक्के अइसे बिन्ती करी, “तुम इच्छा करैगे तव मोके अच्छो कर सकत हौ।"
\p
\v 41 तव दयासे भरके बा अपनो हात बढाएके बाके छुई, और बासे कही, “मए इच्छा करत् हौं, तए अच्छो हुइजा।"
\v 42 बहे समयमे बाको कोढ रोग बासे हटीगओ, और बा अच्छो हुइगओ।
\v 43 और बा बाके कडो आज्ञा दैके अइसे कहिके तुरन्त पठाई,
\v 44 “देख तए कोइसे मत कहिए, तए जाएके अपनए पुजारी ठिन दिखा, और तए अच्छो भव तहींमारे आदमीनके प्रमाणके ताहीं मोसा को आज्ञा अनुसार भेंट चढा।”
\v 45 तव बा निकरके गओ, और बाके बारेमे खुल्लम खुल्ला प्रचार करन लागो, और येशू फिर सहेर में खुलेआम न जान पाई, और एकान्त ठाहोंमे रहो। तव आदमी चारौं घेनसे बाके ठिन आए।
\c 2
\cl अध्याय २
\p
\v 1 कुछ दिन पिच्छु बा कफर्नहुम घुमो, और आदमी बा घरमे हए करके सुनी ।
\v 2 और इतनो आदमी जम्मा भए की बे हुवाँ अपाने नाय, हिंयाँतक कि फाटक के बाहिर फिर ठाउँ ना भव, और येशू उनके परमेश्‍वरको बचन प्रचार करी।
\v 3 और चार जनी उठाएके एक जनी पुरो लुन्जा के लैके आदमी बाके ठिन आए ।
\v 4 भीड के कारन येशुके जौडे ना पुग पाइँ तओ बे, बा आदमिक बा होनबारो ठाउँको उपरको ठाउँको छानी उतकीं और उत्को ठाउँसे लुन्जाके बाको सोनबारी खटिया समेत तरे उतारदैं।
\v 5 येशू उनको विश्बास देखके बा लुन्जा से कही, ए लउँडा तेरो पाप क्षमा हुइगव ।
\p
\v 6 तव हुवाँ कुछ पण्डित बैठे रहयँ, और अपने मनमे अईसो बिचार करत रहयँ,
\v 7 “जा आदमी काहे अइसो मस्कत हय? जा त ईश्‍वर निन्दा हय केबल एक औ परमेश्‍वर बाहेक और कौन पाप क्षमा कर सकत हय?”
\p
\v 8 और बे आपसमे अइसे बिचार करत् हैं करके येशू तुरन्त अपने आत्मामे पता पाएके उनसे कही, काहे तुम अपने मनमे अइसो बिचार करत हौ?
\v 9 लुन्जा से तेरो पाप क्षमा भव, कि उठ, अपन खटिया उठाएके नेग काहन, कौन सहज हए ।
\v 10 पर आदमीको पुत्रके पृथ्वी में पाप क्षमा करनके अधिकार हए करके तुम जानौ ।“ तव बा लुन्जा से कही,
\v 11 मए तुमसे कहत हौं, उठ, अपनी खटिया उठा, और घरे जा ।
\p
\v 12 “बा उठो, और तुरन्त खटिया उठाएके सब के अग्गु से गैभव । हियाँ तक कि, सब जनी अचम्मो मानी, और “हम त अइसो कबहू ना देखे रहयँ “कहत बे परमेश्‍वरको महिमा करीं ।“
\p
\v 13 बा फिर एक चोटी समुन्द्रके किनारे गओ । और आदमी को एक गजब भारी भीड बाके ठिन आए, और बा उनके शिक्षा देन लागो ।
\v 14 तव पिच्छु जातए जात् बा अल्फयसको लउँडा लेबी के कर उठान बारोके ठाहोंमे देखी और बासे कही, मेरे पिच्छु लाग ।“ बा उठो और बाके पिच्छु लग गओ ।
\p
\v 15 बा लेबी के घरमे खानुखान बैठो रहय, कर उठान बारे गजब जनी और पापी फिर येशू और बाके चेलन के सँग बैठे रहएँ । काहेकि बाके पिच्छु लागन बारे बहुत रहएँ ।
\v 16 बाके पापिन सँग और कर उठान बारेन सँग खातदेखीं, फरिसी दलके शास्त्री बाके चेलन से कहीं, तुम काहे कर उठान बारे और पापीन् सँग बैठके खाथ हौ?
\p
\v 17 जा सुनके येशू उनसे कहि, “निरोगिनके बैदा को जरुरत न पडत हए, पर रोगिन के पडत हए । मए धर्मिन के ताहिं ना, पर पापिन के बुलानके आओ हौं ।“
\p
\v 18 युहन्नाके चेला और फरिसी उपबास बैठत रहएँ । आदमी आएके बासे कहिं, युहन्नाके चेला और फरिसीके चेला उपबास बैठत हएँ, पर तुमरे चेला काहे उपबास बैठत न हयँ?
\p
\v 19 येशू उनसे कही, का दुलहा उनके सँग होनतक बरैतिया उपबास बैठत हएँ? जब दुलहा उनके सँग हए तओ बे उपबास न बैठत हैं ।
\v 20 पर समय अएहए, जब दुलहा उनसे अलग करेहए तब बा दिन उपबास बैठङ्गे।
\p
\v 21 कोई फिर पुरानो कपडामे नयाँ कपडा को थिग्रा न लगात हएँ, औ नयाँ पुरानो से फटके निकरत हए, और फटो और बेकार हुईजात हए।
\v 22 कोइ फिर नयाँ दाखमध पुरानो खलरीके मश्कामे न डारत् हएँ, नत बा दाखमध खालको मश्काके फुटाए देहए, और दाखमध और मश्का खराब हुईजय हए । पर नयाँ दाखमध नयाँ बरतनमे डारन पडत हए ।“
\p
\v 23 एक बिश्रामको दिन बा अन्नको खेत हुइके जात रहए । बाके चेला नेगतै नेगत् अन्नक बाली तोडन लगे ।
\v 24 जा देखके फरिसी बासे कहीं, देख बिश्रामके दिन मे जो करन ठीक न हए बहे काहे करत हौ?
\p
\v 25 बा उनके बताई, “जब दाउद और उनके सँग होन बारे घटिकमी मे पडे भए और भोकाए भएन के ताहिं दाउद का करी? का तुम कबही न पढे हौ?
\v 26 प्रधान पुजारी अबियाथार के समयमेमे परमेश्‍वर के भवनमे बा घुसो, और परमेश्‍वरको चढाओ भव रोटी खाई, जो पुजारी से बाहेक औरन के खान ठीक न रहए और बा रोटी उनके सँग होन बारेनके फिर दई ।
\v 27 उनसे बा कहि, “बिश्राम दिन आदमिनके ताहीं बनो हए, आदमी बिश्राम दिनके ताहीं ना ।
\v 28 जहे कारन आदमिनको लउँडा बिश्रामदिनको फिर प्रभु हए ।“
\c 3
\cl अध्याय ३
\p
\v 1 पिच्छु फिर बा सभाघर में गव, हुवाँ सुखो हात भव एक आदमी रहय।
\v 2 बा बाके शबाथ-दिनमें अच्छो करेहए करके बाके दोष लगान आदमी बाको चूहा लेतरहएँ।
\v 3 तव बा सुखो हात भव आदमी से कहि, “यिताए आ।"
\v 4 बा उनसे कहि, बिश्रामदिनमे अच्छो करन् कि खराबी करन्, ज्यान बचान् कि नाश करन् कउन् ठीक हए?” तओ बे चुप् लागे रहे ।
\v 5 बिनको हृदय को कठोरता में दु: खी हुईके क्रोधित भव और बा उनके सबके देखी और बहे आदमी से कहि, “तेरो हात बढा।” बा हात बढाई और बाको हात अच्छो हुइगओ।
\v 6 तओ निकरके गए बाके कईसे नाश करएँ करके फरिसी तुरन्त हेरोदसँग बाके बिरोधमे सल्लाह करीं।
\p
\v 7 तओ पिच्छु येशू अपन् चेलन संग समुन्द्र घेन गओ, और गलिलसे आदमिन् की बहुत भारी भीड बाके पिच्छु लागी।
\v 8 यहूदिया, यरुशलेम, इदुमिआ, यर्दनपार और टुरोस और सिदोनक आसपासके आदमीन् को बहुत भारी भीड बाको अचम्मो काम के बारेमे सुनन् बाके ठिन आए।
\v 9 भीड बाके चिब्दाबय नाए करके बा अपन चेलन् से अपने ताहीं एक नैयाँ तयार करन लगाई।
\v 10 बा बहुतन्के अच्छो करी बहेमारे रोग लगे भए सब बाके छूइहएँ करके धकेला धकेल करत रहएँ।
\v 11 जब अशुध्द आत्मा बाके देखत रहएँ, घुप्टा पड्के अईसे चिल्लात रहएँ, “तए परमेश्‍वरको लउँडा हय।"
\v 12 तव बाके कोइन के पता न चलय करके बिनके बा कडो हुकम दै।
\p
\v 13 तओ पिच्छु येशू डँगामें चढो, और बा अपने चाहन बारे जीत्तोनके बुलाई, और बे बाके ठिन अाए।
\v 14 अपन् सँग रहन् और प्रचार करन पठानके बा बाहृओं जनीके नियुक्त करी,
\v 15 और उनके भुत निकारन के अधिकर फिर दै।
\v 16 और बाहृओं प्रेरित जेहि हएँ: सिमोन, जौंनको नाउँ बा पत्रुस धरिरहए,
\v 17 जब्दियाक लउँडा याकूब और याकुबको भईया युहन्ना। बा उनके बोअनर्गेश, औ गर्जनको लउँडा करके नाउँ दै।
\v 18 अन्द्रीयास, फिलिप, बारथोलोमाई, मत्ती, थोमा, अल्फयसको लउँडा याकूब, और थेदियस, सिमोन कनानी,
\v 19 और यहूदा इस्करियोत जौन बाके धोका दै।
\p
\v 20 तओ येशू फिर घर घेन फिर गओ। भीड़ जम्मा हुईगव, हियाँतक की बा खानु खान तक न पाईं।
\v 21 जब येशूके परिवारके जा सुनी, तव बाके लैजानके बे निकरे और बाको मन ठिगानामे न हय करके बे कहत रहयँ।
\p
\v 22 यरुशलेमसे आए भए व्यवस्थाके शास्त्री कहीं, “बामे बालजिबुलको भुत हए, और भुतक मालिकसे बा भुत निकारत हए।”
\p
\v 23 तओ बा उनके अपने ठिन बुलाए के कहानी कही, “शैतान शैतानके कैसे निकारैगो?
\v 24 कुई राजको आपसमे फुट हुईहए तव बा राज टिक न हए।
\v 25 कुई घरको आपसमें फुट भव तव बा घर टिक न पएहए।
\v 26 और शैतान शैतानके विरुद्दमें खड़ो हुइके फुट लीअए हए, तव बा न टीकैगो, तव बाको अन्त आएजय हए।
\v 27 कोई फिर बली आदमी के घरमे घुसके धनमाल लूट न पएहयँ, जबतक बा बली आदमी के न बाँधहए तओ बा बाको घर लुट न पएहए।
\v 28 नेहत्य, मै तुमसे कहत हौं, आदमीन को सब पाप और ईश्‍वर-निन्दा क्षमा करे जयहयँ,
\v 29 पर पबित्र आत्माके बिरुद्दमें निन्दा करन बारेनके कबहु क्षमा न हुइहए, तओ बा अनन्त पापकर्मको दोषी ठहारैगो।"
\p
\v 30 येशू जा वचन कहि, काहेकी ““बा अशुद आत्मा हए करके बे कहत रहएँ।"
\p
\v 31 बाकी अइया और बक भैइया बाके हुवाँ आए, और बाहिरय ठाड्के बाके बुलान पठाईं।
\v 32 भीड़ बाके आसपास बैठीरहए और बे बासे कहीं, “देख तुमर अईया और तुमर भैइया तुमके बाहिर ढुणत हएँ।”
\p
\v 33 बा उनके जबाफ दैके कही, मिर अईया और भैइया कौन हए?
\v 34 और अपने आसपास चारौंघेन देखके बा कही, “देखओ जेहि हएँ मिर अईया और भैइया।
\v 35 काहेकी जौन परमेश्‍वरको इच्छा पालन करत् हएँ बेहि मिर भैइया और मिर बहिनिया और मिर अईया हएँ।”
\c 4
\cl अध्याय ४
\p
\v 1 पिच्छुसे फिर के समुन्द्रके किनारे बा शिक्षा देनलागो। बाके चारौघेन भीड़ यितनो भरी रहए की बा समुन्द्र में भई एक नैयाँमे चढो और बामे बईठगव । आदमी समुन्द्र के किनारेके ढाहोमे बईठेरहयँ।
\v 2 और बा उनके कहानी में बहुत बात सिखाई। बा अपनो शिक्षामे उनसे आईसे कही:
\v 3 “सुनओ 'देखओ, एक आदमी बीज बोनके निकरो।"
\v 4 और बोत पेती कुछ बीज डगर में पडे और बे बीज चिरैचुरगनि आएके खाए डारीं।
\v 5 कुई बीज पत्थर बारे ठाँउमें पडे, जहाँ बहुत मट्टी न रहए, और मट्टीकी गहेराई न हुईके, बे जल्दी जमिगए।
\v 6 घामु एक्दम जोडसे नीकरो और पीछू पिङगा डुङ्गए, जर न हुइके बे अइल्याए गय।
\v 7 कुई बीज काँटोन के बिचमे पडे। काँटो बढो और पेंड बाँझे हुइगए, और बामे फरा न लगे।
\v 8 पर कोई बीज अच्छी जमिनमे पडे, और जमे और बढके तीस गुना, साठ गुना, और सय गुना फरा दईं।
\v 9 और बा कहि, “जौनको सुनन बारो कान हए, बा सुनए।”
\p
\v 10 जब बा इकल्लो भव, तओ बाहृ जनी चेला और बाके आसपास भए, बे बासे कहानीके बारेमे पूछीं।
\v 11 बा उनसे कहि, “परमेश्‍वरको राजको भेद तुमके दओगव हए, पर बाहिर बारेनसे सब कहानीमें कहोजात है।
\q
\v 12 कि बे देखन त देखत हएँ, पर देख न पात् हएँ, सुनन् त सुनत् हएँ, पर समझ न पातहएँ, नत् बे पश्‍चाताप करते, और बिनको पाप क्षमा हुईतो।”
\p
\v 13 बा उनसे कही, “तुम जा कहानीको अर्थ न समझे? तव और सब कहानीको अर्थ कईसे समझैगे?
\v 14 बीज बोनबारो वचन बोत् हय।
\v 15 कोई आदमी डगर में बोए भए बीज जइसे हएँ। जब बे वचन सुनत् हएँ, तव तुरन्त शैतान आत् हए और बिनमे बोओ भव वचन लैचलो जात् हए।
\v 16 अइसि करके पत्थर बारे ठाँउमे बोए भए जेहि हएँ, जौन जब वचन सुनत् हएँ, तव खुशीसे तुरन्तै बे ग्रहण करलेत् हयँ।
\v 17 तव उनको अपनो जर नलगनके कारन थोरी देर तक बे टिकत् हएँ। तव जब वचन को कारण संकट औ सताबट आत् हए, तओ बे तुरन्त गिर जात् हएँ।
\v 18 काँटोके बिचमे बोए भए जेहिं हएँ, जौन वचन सुनत् हयँ,
\v 19 पर जा संसारको चिन्ता और धनको लोभ और चीजको लालच आएके वचनके दबाए देत् हए, तव बे फरत न हयँ।
\v 20 तव अच्छी जमिनमें बोए भए जेहि हएँ, जौन वचन सुनत हएँ, और ग्रहण करत् हएँ, और फरा देत् हएँ तीस गुना, साठ गुना, और सय गुना।”
\p
\v 21 बा उनसे कहि, “का कुई दिया पजारके खटीया तरे धरन के ताँहि भीतर लात हएँ? का आरेम धारन ताहिं न?
\v 22 कुई चीज लुकाएके न धर पएहएँ, जौन जानि न जाबए, और कौन चीज है जौन उजियारोमे न लयहयँ।
\v 23 अगर कूई आदमीक सुननबारो कान हए, तव बा सुनए।”
\p
\v 24 बा उनसे फिर कहि, “तुम जो सुनत हौ, बामे ध्यान देओ। काहेकि जौन नापसे तूम देहौ, बहे नापसे तुम पैहौ। और तुमके और जद्धा दओ जएहए।
\v 25 काहेकी जौनके सँग हए, बाके दओ जएहय, और जौन सँग न हय, बाके सँग भव फिर छिनो जएहए।”
\p
\v 26 बा कहि, “परमेश्‍वरको राज अईसो हए- कोई एक आदमी जमीनमे बीज बोत हय,
\v 27 और बा सोए से फिर, जगे से फिर रातदिन बा बीज जमत हय और बढतहय, तव बा कईसे बढत है, बा न जानत हय।
\v 28 जमीन अपनए जमात् हय, पहिले पिङ्गा तव बाली, तव बालीमें पुरा दाना लागत हय।
\v 29 तव जब अन्न पकत् हए, तव तुरन्तए बा हँसिया लगात हए काहेकी फसलको बेरा आएजात हए।”
\p
\v 30 बा फिर कहि, “परमेश्‍वरको राजको तुलना का के सँग करयें? तव कौन कहानी से जाको बयान करयें?
\v 31 जा त भादीक दाना जैसो हए, जो जमीनमें बोत् हएँ | पृथ्वीभरमे सब बीजसे छोटो हए तहुँ फिर,
\v 32 जब बा बोत् हएँ, तव बा बढत् हए, और सब सागपातसे बड़ो, और बाके बडे बडे हाँगा होत हएँ, और आकाशके पन्छी बाके छाहींमे घरघुस्ला बनात् हँए।”
\p
\v 33 बिनके समझन बारी बा अईसी बहुत कहानी कहिके उनके वचन सुनाई।
\v 34 कहानी बिना बा उनसे न बोली, तव अपने चेलनके बा चुप्पए सबको अर्थ खोलदै।
\p
\v 35 “बा दिन सन्झाके बा चेलान से कहि, ““आबौ, हम बोपार जामएँ।”
\v 36 तव भीड़से बिदा लैके पीच्छू, बा जौन नैयाँमे बैठो रहए बहेमें चेला बाके अपने सँग लैगय। और फिर नैयाँ बाकेसँग रहयँ।
\v 37 और बहुत भारी आँधी चली, और लडुरा नैयाँमें लणन लगे, हियाँ तक कि नैयाँमें पानी भरन लागो।
\v 38 बा अपना नैयामें पिच्छुके भागमे एक सिरहींन लैके सोतरहए। बे बाके अइसे करके जगाईं, “गुरुज्यू हम डूबन लागे का तुमए चिन्ता न हय?”
\p
\v 39 तव बा जगो, और आँधीके डाँटी, और समुन्द्रको लडुरासे कही, “शान्त हो और थमिजा।“ और आँधी थमीगै और शान्त हुईगओ।
\v 40 बा उनसे कहि, “तुम अईसे काहे डरात् हौ? तुमर बिश्बास न हय?”
\p
\v 41 तव बे बहुत डराई गए और आपसमे कहन लागे, “जा कौन हए? आँधी और समुन्द्र फिर ईनको हुकुम मानत हएँ।”
\c 5
\cl अध्याय ५
\p
\v 1 और बा समुन्द्रके बोपार गेरासेनस के मुलुक मे आओ।
\v 2 येशू नैयाँसे बाहिर उतरके तुरन्तै मरघटसे अशुध्द आत्मा लगो भव एक आदमी बाके भेटी।
\v 3 और बा मरघटमे बैठत रहए। कोई फिर साँकरसे बाके बाँध् न पात रहयँ।
\v 4 काहेकी बाके बहुत चोटी किला और साँकरसे बाँधे रहैं, और बा साँकरके खण्डी-खण्डा करदेत रहै। कोई आदमी बाके बसमें कर न पात रहैं।
\v 5 बा रात और दिन सदामान मरघट और डाँगामें चिल्लात अपनए के पथरा से काटतै नेगत रहय।
\v 6 और जब बा येशू के दूरसे देखलै तव दौडके अओ, और बाके ढोक लागी।
\v 7 और गजब जोड़से चील्लाएके बा कही, “हे सर्बोच्च परमेश्‍वरको पुत्र येशू मोसे तुमके का पडी हए? मए परमेश्‍वरको कसम खाए के तुमसे बिन्ती करत् हौं, कि मोके दुःख मतदेबय।"
\v 8 काहेकी बा बासे कही, “ए अशुध्द आत्मा, बा आदमी मैसे निकरके अईजा।”
\p
\v 9 और बा बासे पूँछी, “तेरो नाउँ का हए?” तव बा कहि, “मेरो नाउँ फौज हए, काहेकी हम बहुत हयँ।"
\v 10 तव भुतात्माके बा ईलाका से बाहिर न निकारय करके बे बासे नहोरा पणन लागे।
\v 11 हुवाँ जाउँडेको डाँगामे सोराको एक बहुत भारी बगाल चुगत् रहय।
\v 12 तव भूतात्मा अइसे कहिके बासे बिन्ती करीं, हमए सोरन के ठिन् जानदे, और हम बा भितर कुचङ्गे।"
\v 13 बा उनके अनुमति दै, और अशुध्द आत्मा बाहिर निकरके सोरनके भीतर घुसिगए, और लगभग दुई हजार सोरनको बा बगाल ढाहों मैसे समुन्द्र घेन हुरे, और समुन्द्रमे डूबके मरीगए।
\p
\v 14 तव सोरा चुगानबारे भाजे, और सहर और गाउँ- गाउँमे खबर दैं । और का भव हए, सो देखन आदमी हुँवा आय।
\v 15 तव बे येशू ठिन आए, और देखिं की भुत लागो आदमी अच्छो मनसे कपड़ा लगाए बैठो रहै। बाके देखके बे डराईगए।
\v 16 और जौन जे देखि रहैं, बे भुत लगो आदमी और सोरनके का भव रहै, बा बतायदैं।
\v 17 और उनको इलाकासे चलो जा कहिके आदमी येशूसे बिन्ती करन लागे।
\p
\v 18 बा नैयाँमे घुसन् लागो तव भुत लागो आदमी बाके संग रहन ताहिं बिन्ती करी।
\p
\v 19 तव बा बाके अनुमति न दै, तव बासे कहि, “तए अपने घरमे जाएके तेरे संगीनके प्रभू तेरे ताहीं करो भव महान् काम और तोके दिखाव भव बडो दया के बारेमें बिनके बतायदे।"
\v 20 और बा आदमी नेगिदै, और येशू बाके ताहीं कितनो बड़ो काम करीरहै बा डेकापुलिस भर प्रचार करन लागो, और सब आदमी अचम्मो मानी।
\p
\v 21 जब येशू फिर नैयाँमे समुन्द्र के बोपार गओ, तव एक गजब भारी भीड़ बाके आसपास जम्मा हुईगै। बा त समुन्द्र के किनारे ेहय।
\v 22 सभाघरके शासक के बीचसे याइरस नाउँको एक जनी बाके ठिन आओ, और बाके देखके बाके पावमे घुप्टा पडिगओ,
\v 23 और अइसे करके बिन्ती करी, “मेरी छोटी लौणिया मरन् लगी हए, आएके बाके ऊपर तुम हात धरदेबऔ, तव अच्छी हुईजाए हए और बचीजए हए।"
\v 24 तव येशू उनके संग गव। एक बडी भीड बाके पिच्छु लागी और आदमी बाके आसपास ढकेला ढकेली करनलागे।
\p
\v 25 और बाहृ वर्ष से रगत बहन बारो रोग बारी एक बैईयर बहुँआ रहय।
\v 26 बा बहुत बैदनके हातसे बहुत कष्ट पाएके, अपन सँग भव सारा धनसम्पति खर्च करके अच्छि न भई बलुक और खराब हालतमे पुग्गई।
\v 27 पर बा येशूके बारेमे सुनी रहए, और भीड़के पीच्छूसे आएके बाको कुरता बा छुई।
\v 28 काहेकी बा मनए मनमें कहि मए बाको कुरता छुइलेहौं तव मए अच्छो हुईजाए हौं।
\v 29 और तुरन्त बाको रगत बहन बन्द हुईगओ और अपनो शरीरको रोग अच्छो भव करके पता पाएगई।
\p
\v 30 अपने मैसे शक्ति बाहिर निकरो झट्टए येशू पता पाएके भीड़में पिच्छु घूमके पूछीं, “कौन मेरो लत्ता छुइहए?”
\p
\v 31 चेला बासे कहिं, “भीड़ ढकेला ढकेली करत तुम देख्तै हौ। और तहूँ फिर तुम कहत् हौ, “कौन मोके छूओ?”
\v 32 बाके छुन बारो कौन हए, करके बा चारऔघेन देखन लागो।
\p
\v 33 तव अपनक जो भव रहए, बा पता पाएके बा बैइयर डराएके थर थरत आएके येशूके अग्गू घोप्टा पडिगै, और बा सबै सच्ची बात बताई दै।
\v 34 “तव बा बासे कही “ए लौणिया, तिर बिश्‍वास तोके अच्छो करी हए। शान्तीसे जा। तेरो रोग अच्छो हुईगव हए।”
\p
\v 35 तव बा बोलतपेती, शासकके घरसे आदमी आएके कहिं, तुमरी लौणिया त मरिगै। गुरुजीके अब कष्ट काहे देत हौ?”
\p
\v 36 तव बे करि भई बातमे ध्यान न दैइके येशू सभाघरके अगुवासे कही, “मत डराबै, बिश्‍वास इकल्लो कर।"
\v 37 और बा पत्रुस, याकूब और याकूबको भाईया युहन्नासे बाहेक और कोईके अपने सँग आनके अनुमति न दई।
\v 38 बे सभाघरके शासकके घरमे आए, और बा खैला बैला करनबारे, और रोनबारे और बहुत जोड्से बिलकात देखी ।
\v 39 भीतर कुच्के बा उनसे कही, “तुम काहे खैला बैला करत् हौ और रोतहौ? लौणिया मरी न हय, बा सोए रहि हय।"
\v 40 तव बे बाकी बात सुन्के हसीं। तव बा उनके सबके बाहिर निकारी, और लौणियाक दौवा और अईया और बाके सँग होन बारेनके सँगमे लैके लौणियाके ठाउँमे भीतर गव।
\v 41 और लौणियाक हात पकडके बा बासे कही, “तलिता कूमी, “जौनको अर्थ हए, “ए बालिका, मए तुस काहत् हौं उठ्।"
\v 42 और लौणिया तुरन्त उठीगै और नेगन् लागी। बो बह्रा बर्षकी रहए। और बहे समय बे अचम्मो मानी।
\v 43 बा उनसे कहि जा कोई पता न पामएँ कहिके कडो आज्ञा दै। और बालिकाके कुछ खान देओ करके बिनसे कही।
\c 6
\cl अध्याय ६
\p
\v 1 बाहुना से निकरके बा अपने गाऊँमे घुमो। बाके चेला बक् पीच्छू लागे।
\v 2 बिश्रामदिनमे बा सभाघरमे सिकान लागो। बहुत जनी सुननबारे अचम्मो मानके कहिं, “जा आदमी जा सब कहाँसे पाई? जाको दव जा ज्ञान कईसो हए? जाके हातसे करे भए काम कित्तो शक्तिशाली?
\v 3 का जा बहे बडही न हए? का जा मरियमको लौंडा और याकूब, योसेफ, यहूदा और सिमोनको ददा न हय? का जक बहिनिया फिर हमरी सँग न हयँ?” और बे बासे चिरक पडे।
\p
\v 4 तव येशु उनसे कहि, “अगमवक्तन के अपनो देश और अपने नातेदारनके बीचमे और अपने घरमे बाहेक अन्तै कहूँ अनादर न होत् हय।
\p
\v 5 और बा हुआँ कोई कोई रोगीन ऊपर अपने हात धरके उनके अच्छो करनके अलाबा और कोई शक्तिशाली काम न करन पाई।
\v 6 उनको अबिश्‍वास देखके बा अचम्मो पडिगव। और बा गाउँ गाउँमे सिखातै चलो गव।
\p
\v 7 बा बाहृ जनीके अपने ठीन बुलाई और बिनके दुई दुई करके पठाई । बिनके अशुध्द आत्मा उपर अधिकार फिर दई।
\v 8 उनके बा अइसो आज्ञा दै: “यात्राके ताहीं सँगमे कुछ मत लियौ, न त रोटी, न झोला, न गोझामें पैसा, पर एक लट्ठी जारुर लियौ,
\v 9 जुता लागैओ, पर और जद्धा लत्ता मतलिओ।”
\v 10 बा उनसे कहि, “जब कोई घरमे घुसैगे, जबतक बा गाउँसे न निकरैगे तबतक हुवएँ बैठियो।
\v 11 अगर कोई ठाउँमें तुमए स्वागत न हुईहय तव और आदमी तुमरो वचन सुनन् ईन्कार करहएँ तव, बा ठाउँसे तुम निकरके उनके बिरुध्दमें गबाहीके ताहिं अपने पाँवको धुधर झराए दिओ।"
\v 12 तव बे निकरके गए आदमीनके पश्‍चाताप करएँ कहिके प्रचार करीं ।
\v 13 बे बहुत भुतनके निकारीं, और बहुत रोगीनके तेलसे अभिषेक करके अच्छो करीं।
\p
\v 14 हेरोद राजा येशूके बारेमे सुनी, काहेकी बाको नाउँ प्रचलित हुईगव रहए। कितनो कहात रहयँ, “बप्तिस्मा-देनबारो युहन्ना मरके जिन्दा हुईगव हय, जहेमारे त उनसे अइसो शक्तिके काम हुइ रहो हय।
\v 15 “तव और कहीं, “जा एलिया हए।” तव और जद्धा कहिं, “जा त पुरानो समयके अगमवक्ता हानी एक अगमवक्ता हए।"
\p
\v 16 तव जब हेरोद जा सुनी तव उनसे कहि, “युहन्ना, जौनको मुड मए काटनके लगाव, बहे जिन्दा हुईगव है।"
\p
\v 17 काहेकि हेरोद अपने भईया फिलिपकी बैइयर हेरोदियासके कारन युहन्नाके पकणन लगाएके बाके बाँधके जेलमें डारिरहए, काहेकि बा हेरोदियाससे बेहा करीरहय।
\v 18 काहेकि युहन्ना हेरोदसे अईसे कहिरहए, “अपनी भईयाकी बैइयर के अपनी बैइयर बनान तोके ठीक न हय”।
\v 19 जहेमारे हेरोदियास बाके ऊपर रीस धरेरहए, और बाके मारन चाहत रहय, पर मारन न सिकी रहय।
\v 20 काहेकि युहन्नाके एक धर्मात्मा और पबित्र आदमी कहत रहयँ, हेरोद बासे डरात रहय, और बाके सुरक्षीत करे रहय। युहन्नाको शिक्षा सुनके बा बहुत अचम्मो मानत रहय, और खुशीसे सुनत रहय।
\p
\v 21 तव अच्छो मौका बा समय आईगव, जब हेरोद अपनो जनम दिनमे अपने ऊँचेपदके पदाधिकारिन, अधिकृतनके, और गालीलके मुखिया-मुखिया आदमीनके बहुत भारी पाटीदै।
\v 22 काहेकि जब हेरोदियासकी अपनी लौंडिया भीतर आएके नाची, तव बा हेरोद और उनके पाहुनन्के खुशी करदै । तव राजा बा लौंडियासे कहि, “तोके जो इच्छा लागत हय बो माग, और मए तोके देहौं।”
\v 23 बा कसम खाएके बासे कहि, तय मोसे जो मागैगो मय मेरो आधो राजतक तोके देमङ्गो।
\p
\v 24 और बा बाहिर निकरके अपनी आईयासे पूँछी, “मए का माँगओं?” बा कहि, “बप्तिस्मा-देनबारो युहन्नाको मुँड।"
\p
\v 25 तव बा दौरके जल्दीसे भीतर राजा ठीन आई, और आइसे करके माँगी, “तुम मोके हबाए बप्तिस्मा-देनबारो युहन्नाक मुँड थारीयामे देबओ करके मए ईच्छा करत हौं |”
\v 26 राजा बहुत दुखी हुईगव, तव बा अपनो कसम और पाटीमे बैईठन बारे पाहुनन्के कारन बा लौंडियाके दव बचन तोड़ नपाई।
\v 27 राजा तुरन्त गारदको एक जनी सिपाहीके पठाई और युहन्नाको मुँड़ लानके हुकम दै। और बा जेलमे गव युहन्नाक मुँड़ काटी,
\v 28 और बाको मुड़ थरीयाम लाएके लौंडियाके दै, और बा लौंडिया अपनी आईयाके दै।
\v 29 युहन्नाक चेला जब जा बात सुनी तव बे आएके बाको लहास उठाएके मरघटमे लैजाएके गाणी।
\p
\v 30 और प्रेरित येशुके ठिन जमा भय, और बे जो जो करी रहयँ और सिकाई रहयँ, बे सब बाके बताइ दईं।
\v 31 बा उनसे कहि, “तुम अपनए मिरसँग एकान्त ठाउँमें आओ, और कुछ थकाई मारौ।” काहेकि हुवाँ आनजानबारे बहुत रहयँ, और बाके खान तक फुर्सत न रहय।
\v 32 और बा नैयाँमें चुप्पए एकान्त ठाउँमें गव।
\v 33 बहुत आदमी बाके जात देखिं, और बहुत चिन्लै, और सब सहेरसे पैदर दौडत उतै गए, और बाके अग्लेछा अग्गु पुगे।
\v 34 जब बा किनारे उतरो तव बा एक बहुत भारी भीड़ देखि, और बा उनके डहा करी। काहेकि बे बक्रेराह बिनाके भेडा कता रहयँ। और बा बिनके बहुत बात सिकान लागो ।
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\v 35 और जब दिन बहुत ढरको तव बाके चेला बाके ठीन आएके कहीं, “जा एकान्त ठाउँ हय, और अब दिन बहुत ढरक गओ।
\v 36 आदमीनके बिदा देव, और बे आसपासके बस्ती और गाँवमें जाएके अपने ताहिं कुछ खानबारो चीज किनलें मय।”
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\v 37 तव बा उनसे कहि, “तुमही बिनके कुछ खानक देव।” तव बे बासे कहीं, “का हम जाएके दुई सय दीनारको रोटी किनके बिनके खान देमायँ का?”
\p
\v 38 बा उनसे कहि, “तुमर सँग कित्तो रोटी हए? जाएके देखओ।” और पत्ता लगाएके पीछु बे कहिं, “पाँच रोटी और दुई मछरी।”
\v 39 और बा आदमीनके हरो चउरमें दल बाँधके बैठन हुकुम करी।
\v 40 बिनके सय सय और पचास-पचासके लईन लगाएके बैठाई।
\v 41 तव बा पाँच रोटी और दुई मछ्री लैके स्वर्ग घेन देखके आशीर्वाद दै, और बा रोटी तोड़ी और आदमिनके आगु धरदै और चेलनके दै, और बे दुई मछ्री फिर बा बाँटन दई।
\v 42 और सब खाईं और तृप्त हुईगय।
\v 43 पीछु चेला रोटी और मछ्रीके उबरे ख़ुदरा खुदरी बाहृ डलैया भरके उठाईं।
\v 44 रोटी खानबारे लोग पाँच हजार रहयँ।
\p
\v 45 और बा तुरन्त अपनो चेलन सँग नैयाँमे चढ्के बोपार बेथसेदामें बा अपनेसे अग्गु जानके कही, और उतिय खिन बा भीड़के बिदा दई।
\v 46 उनसे बिदा हुईके बा डाँगामें प्रार्थना करन गओ।
\v 47 सन्झा हुईगव नैयाँ समुन्द्रके बिचमें रहय, और बा इकल्लो पखामे रहय।
\v 48 चेलनके नैयाँ चलान कर्रो होत रहय, बा देखि, काहेकी आँधी चलत रहय। तीन बजे सुबेरे बा उनके ठीन समुन्द्र में नेगत आओ, और उनसे अग्गु जान लागो रहय।
\v 49 बे बाके समुन्द्र उपर नेगत देखके प्रेत हए कहिके, और चिल्लान लागो।
\v 50 काहेकि बाके देखके सब डराईगय रहयँ। तव झट बा उनसे कहि, “ढाड्स करओ, मएँ हौं, मत डरओ।”
\v 51 और बा उनके सँग नैयाँ भीतर चढिगव, और आँधी थमिगै। और बे एकदम अचम्मित भय,
\v 52 काहेकि बे रोटीके बारेमे बात सम्झी न रहयँ, तव बिनको हृदय कठोर हुईगव रहय।
\p
\v 53 समुन्द्र पार करके पीछु बे गनेसरेतके मुलुकमे आय पुगे, और बे नैयाँके किनारे लगाईं।
\v 54 जब बा नैयाँसे निकरन भव खिनक आदमी येशूके चिन्लैं,
\v 55 और आसपास के जम्मा गाउँके बे दौरत, और जहाँ येशू हय करके सुनी बा हुवाँ बेमारिनके बिछौनामें धरके लान्लागे।
\v 56 और गाउँमे, सहरमे और बस्तीमें जहाँ जहाँ बा घुसो, आदमी रोगिन के बजार बजार धरदैं, और बक कुरतक किनारे खाली छुन पामयँ करके बे बासे बिन्ती करीं, और जीत्तो छुईं बे सब अच्छे हुइगय ।
\c 7
\cl अध्याय ७
\p
\v 1 यरूशलेमसे आए भए फरिसी और शास्त्री येशूके चारओ तरफ जम्मा हुईगए।
\v 2 येशूके कित्तो चेला अशुध्द हात और न धोएके हातसे खात बे देखिं।
\v 3 फरिसी और सब यहूदीनके पुर्खान दओ परम्परा अनुसार हात न धोए के खानु खात न रहएँ।
\v 4 बजारसे आएके हँदाएके शुध्द न भय तक बे खानु न खात रहएँ । इतकय इकल्लो नायकि, बे आईसे बहुत परम्परा मानत रहएँ। कटोरा, भाणा और काँसोक वर्तन धोनक परम्परा।
\p
\v 5 तव फरिसी और शास्त्री बासे पूछीं, “तुमर चेला पिता-पुर्खाको धरो परम्परामे काहेना चलतहएँ, और अशुध्द हातसे खातहएँ?”
\p
\v 6 तव बा उनसे कही, “यशैया तुमय कपटीनके बारेमे ठिक अइसे अगमवाणी करी, अइसो लिखो हए, “जा जाति मोके ओठसे इकल्लो आदर करत् हए, और उनको हृदय मोसे दूर हय।
\q
\v 7 बे व्यर्थमें मेरो उपासना करत् हएँ, और उनको शिक्षा आदमीक सिकाओ बिधी इकल्लो हए।”
\p
\v 8 तुम परमेश्‍वरको आज्ञाके छोडके आदमीनको परम्परा मानत् हौ।"
\v 9 बा उनसे कहि, “तुम अपन परम्परा मानन् ताहिं कित्तो अच्छेसे परमेश्‍वरको आज्ञाके टारदेत हौ।"
\v 10 काहेकि मोसा कहि हए, “अपन आईया-दौवाके आदर करओ, और जो अईया-दौवाके बिरुध्दमे खराब बोलैगो बा मरनए पडैगो।”
\v 11 “यदि कुई आदमी दौवा औ अईया “मोसे जो-जीत्तो मदृत तुमाए मिलन पणैगो बा कुर्बान हए, { औ परमेश्‍वरके चढऔ } कहात हएँ,"
\v 12 और तुम उनके अपन अईया-दौवाके ताहिं फिर कुछ करन न देत हौ।
\v 13 अइसे तुम अपनो चलिअव परम्पराके कायम रखके परमेश्‍वरको वचन के रद्ध करत् हौ। और आइसे अनेक काम तुम करत् हौ।”
\p
\v 14 बा आदमिनके फिर अपन ठीन बुलाएके उनसे कहि, “तुम सब मेरी बात सुनओ और समझओ।
\v 15 अइसी कोई बात न हय जो बाहिरसे आदमिनके भीतर घुसके अशुध्द करपए हय, पर आदमीसे बाहिर निकरत हय बेहि बात आदमीके अशुध्द करत हय।
\v 16 जौनको सुनन कान हय बा सुनय।”
\p
\v 17 आदमीन छोडके घर भीतर घुसके पीछू बाके चेला बासे कहानीके बारेमे पूछीं ।
\v 18 बा उनसे कहि, “क तुम हबाए और न सम्झे हौ? जो बाहिरसे आदमीके भीतर घुसत् हय बा बाके अशुध्द न करत् हय करके तुम न जानत् हौ?
\v 19 काहेकि बा बाके हृदयमे न, पर पेटभितर घुसत, और बाहिर निकरत हय। आइसे बा सब खानु शुध्द हए करके बताएदै।
\v 20 बा कहि, “आदमीसे जो बाहिर निकरत हय बा आदमीनके अशुध्द करत हय।
\v 21 काहेकि भीतरसे औ आदमीक हृदयसे खराब बिचार, व्यभिचार, चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन,
\v 22 लोभ, दुष्टता, छल, छाडापन, ईष्या, निन्दा, घमण्ड, मुर्खता निकरत हय।
\v 23 जे सब दुष्ट बात भीतरसे निकरत हयँ, और आदमीके अशुध्द करत हयँ।
\p
\v 24 हुवाँ से उठके बा टुरोस और सिदोनके सीमा घेन जाएके एक घरके भीतर घुसो। जा बात कुई पता न पामए करके बा चाँहत रहय, तव बा लुकाय न पाई।
\v 25 बहे बेरा एक बैयर बाके बारेमे सुनी और आएके बाके पाउमे पडी। बा बैयरकी लौणिया के अशुध्द आत्मा लगो रहय।
\v 26 बा सिरिया फोनिकेमे जन्मी एक ग्रीक बैयर रहय। बा बैयर अपन लौणियाक भुत निकारदे करके बासे बिन्ति करी।
\v 27 बा बासे कहि, “पहिले लौणा-लौणियान के खान देओ, काहेकी लौडालौंडीयक रोटी लैके कुत्तनके अग्गु फेक्नो ठीक न हय।"
\p
\v 28 तव बा बासे कहि, “हे प्रभु, तव कुत्तओ ता फिर लौणालौंणियाक टेबुल तरेके डुठो बिनके खातहएँ।”
\p
\v 29 बा बासे कहि, “तय अइसो कहोके कारन तय घरे जा । तिर लौणियासे भुत निकर गवहय।
\v 30 तव बा अपन घर लौटके गई और लौणियाक खटीयामे सोत पाई और भुत बासे निकरगव रहय।
\p
\v 31 टुरोसको इलाका से निकरके बा सिदोन हुईके डेकापोलिसको सिमानाके बिच हुईके गालील-समुन्द्रमे गओ।
\v 32 हुवाँ आदमी एक बहिरा और लाटा आदमीके बाके ठीन लियाईं, और बाके ऊपर हात धरदे करके बासे बिन्ती करीं ।
\v 33 बाके भिडसे अलग एकन्तमे लैगओ येशू अपन उङ्गरी बाके कानमें लगाई। तव पीछु थुक्के बाकी जीबमें छुई।
\v 34 “और स्वर्ग घेन देखके लम्मी सास लैके बासे कहि, “ईफ्फाता,”औ “खुलिजा।”
\v 35 उतियखिन बक कान खुलिगव, और बाकि जीबको बन्धन खुलीगव, और बा सफासे बोलन लगो।
\p
\v 36 “जा कोईसे मत कहिओ,” करके बा उनके आज्ञा दै। तव जित्तो-जित्तो बा आदमिनके आज्ञा देतरहय, और जद्धा उत्साहसाथ बे जाको प्रचार करत रहयँ |"
\v 37 आदमी अचम्मो मानके छक्क पडत रहयँ, और कहन लागे, “बा सब चीज अच्छो करीहय। बा बहिरन सुनन और लाटन मसकन बारो फिर बनाई।”
\c 8
\cl अध्याय ८
\p
\v 1 बे दिनमें फिर एक भारी भीड़ जम्मा हुईगव, तव उनके ठिन खानबारो चीज कुछ न रहए। तव येशु चेलनके अपने ठिन बुलाएके कही,
\v 2 “जा भीड़के मोए डहा लागत हए, काहेकि जे मीर सँग रहत् तीन दिन हुईगव, और यिनकेसँग खानबारो चीज कुछ न हए।"
\v 3 और अगर इनके भूखे घर पठाएहएँ, तव जे डगरमें बेहोस हुईजए हएँ । इन्मैसे कुई-कुई दुरसे अएहएँ।"
\p
\v 4 बाके चेला बासे कहिं, “जा सुनसान ठाउँमे यिनके कहाँ से रोटी खबामएँ?”
\p
\v 5 “बा उनसे कहि, “तुमरे ठिन कय रोटी हएँ?” बे कहि, “सात हयँ।"
\p
\v 6 बा भिणके भिमे बैठन हुकुम दै, सात रोटी हातमे लै और धन्यबाद दैके रोटी तोरी और आदमीन अग्गु धरनके चेलनके दै, और बे आदमीक अग्गु धरदैं।
\v 7 बिनके ठिन कुछ छोटी छोटी मछरी फिर रहएँ, और बा आशीर्बाद दईके बहु फिर उनके अग्गु धरन लगाई।
\v 8 और आदमी खाएके अघाए गए। और उबरो खुदरा बे सात डालैय बटोरीं।
\v 9 बहुवाँ लगभग चार हजार आदमी रहएँ।
\v 10 बा उनके बिदा करके पठाई, और बा फिर अपन चेलन सँग तुरन्त नैयाँमे चढ्के दलमनुथाके क्षेत्रमे गव।
\p
\v 11 फरिसी बाके ठिन आएके बासे बहस करन लगे, और बाके परीक्षा करन ताहिं स्वर्गसे एक चिन्ह मागीं।
\v 12 अपन आत्मामें लम्मो सास लैके बा कहि, “जा पुस्ता काहे चिन्‍ह ढुणत है? पक्कय, मए तुमसे कहत हौं जा पुस्ताके कुई चिन्‍ह न मिलेहय।"
\v 13 और उनके छोडके बा फिर नैयाँमें चढ्के बोपार गव।
\v 14 चेला अपन सँगमे रोटी लैजान भूलगए, और नैयाँमे बिनके सँग एकय रोटी रहय।
\v 15 “येशू चेलन के अईसे करके चेताबनी दै, “तुम फरिसीनको खमीर और हेरोदके खमीरसे होशियार रहिओ।"
\p
\v 16 तव बे सँगमे रोटी न हए बहेमारे येशु कही हए, करके बे आपसमे बहस करन लगे।
\p
\v 17 येशु जा पता पाए के बिनसे कहि, “तुमर सँग रोटी न हए, तव काहे तुम बहस करत हौ? का तुम हबाए फिर देख्त न हौ और जानतउ न हौ? का तुमरो मन कठोर हुईगव हए?
\v 18 आँखी हए तहूँ फिर देखत न हओ? कान हए तहूँ फिर सुनत न हओ? का तुमए याद न हए।
\v 19 “जब मै पाँच रोटी बे पाँच हजारके बीचमे तोरो रहौं, तव कित्तो डलैया खुदरा खुदरी तुम बटोरे रहौ?” बे बासे कहिं, “बाहृ।”
\p
\v 20 और जब मै सात रोटी चार हजारके बीचमे तोरो रहौं, तव कित्तो डलैया बटोरे रहौ?” बे बासे कहिं, “सात डलैया।"
\v 21 बा उनसे कहि, “का तुम हबए भी न समझत हओ?
\p
\v 22 तव पीछु बा बेथसेदामे आओ, और आदमी एक अन्धरा आदमीके बाके ठिन लाईं, और बाके छुइदे करके बासे बिन्ती करीं।
\v 23 बो, बा अन्धरा आदमीक हात पकड के, बाके गाउँसे बाहिर ल्याई, और बाके आँखीमे थुकके, बक उपर अपन हात धरी, बासे पूँछी, “क तए कुछ देखत हए?”
\p
\v 24 और उपर देखके बा कहि, “मए आदमीनके रुखा कता नेगत देखत हौ।"
\v 25 तव बा फिर बक आँखीमे हात धरी, और एक टक लागएके देखी बा अपन दृष्टि पाईगव और सब चीज सफा देखन लागो।
\p
\v 26 तव बा बाके गाउँ हुईके न जानके हुकुम करके बाके घर पठाई।
\p
\v 27 येशू और बाके चेला कैसरिया फिलिप्पीक गाउँमे गए। डगरमें जातैजात बा अपन चेलनसे अइसे करके पूँछी, “आदमी का कहत् हएँ, मए कौन हौ?”
\v 28 बे बासे कहिं, “कोई कहत हए 'बप्तिस्मा-देनबारो युहन्ना।” और कोई 'एलिया, और कित्तो कहत हएँ, अगमवक्ता मैसे एक जनी।”
\p
\v 29 तव बा उनसे पूँछी, “पर तुम का कहत हौ, “मए कौन हौं?” पत्रुस उत्तर दैके बासे कहि, “तुम ख्रीष्ट हौ।"
\p
\v 30 बा उनसे कहि बाके बारेमे कोईके मत कहिओ करके आज्ञा दै।
\p
\v 31 “आदमीक लौणा बहुत दुःख भोगन, और धर्म-गुरुसे, मुख्य पुजारीसे और शास्त्रीसे इन्कार करनो और मरनो और तीन दिन पीछु जिन्दा हुईके उठ्नो आबश्यक हए “करके बा उनके सिकान लागो।"
\v 32 अइसे बा जा बात साफ साफ कहन लागो। तव जा सुनके पत्रुस बाके एकघेन लैजाएके झड्कन लागो।
\v 33 तव घूमके अपन चेलनके देख्के पत्रुसके बा अइसे करके डाँटी, “शैतान मिर ठीनसे हटीजा, काहेकी तेरो मन परमेश्‍वर घेन न हय, आदमी घेन हय।"
\p
\v 34 तव बा अपन चेलनके सँगमे भीण के अपने ठिन बुलाएके उनसे कही, “कुई आदमी मिर पीछु लागन इच्छा करत हए, तव अपनएके इन्कार करए, और अपनो क्रूस उठाएके मेरे पिछु लागए।
\v 35 काहेकि जौन अपन प्राण बचानके इच्छा करत हए, बा बाके खोबईगो, पर मेरे और सुसामाचारके ताहिं अपन प्राण गुमएहए बा बाके बचाबैगो।
\v 36 काहेकि आदमी सबय संसार पाएके अपनो प्राण गुमाएके बाके का फाईदा हुईहै?
\v 37 और आदमी अपनो प्राणके बदलामे का देन सिकैगो?
\v 38 और जा व्यभिचारी और पापी पुस्ता जो मोए देखके और मिर वचनसे शर्माए हए, आदमीको पुत्र फिर अपन पिताके महिमामे पवित्र दूतके सँग आत बासे शर्माबैगो।”
\c 9
\cl अध्याय ९
\p
\v 1 “और बा उनसे कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत हौं, हिंया ठाढे भए मैसे कुई-कुई हएँ, जौन परमेश्‍वरके राज शक्तिमे आओ न देखेतक् कुई किसिमसे मृत्यु न चखाङ्‍गे।"
\p
\v 2 बाको छय दिन पीछु येशू पत्रुस, याकुब और युहन्नाके बा अपन सँग लई और एक उँचे पहाड़में लईगव। हुवाँ बेही इकल्ले रहएँ, और बिनके अग्गु बाको रूप बदलगव।
\v 3 और बाको कपडा चमकन लागो और इत्तो सेतो भव, की पृथ्वीमें कोई फिर धोएके इत्तो सेतो न करपएँ हएँ।
\v 4 हुवाँ बिनके ठिन एलिया और मोशा दिखाइदैं, और बे येशूसे बातचीत करत रहयँ।
\v 5 “पत्रुस येशूसे कहि, “गुरुज्यू, हम हियाँ हएँ तव अच्छो भव। हम हियाँ तीन बासस्थान बनामएँ, एक तेरे ताहिं, एक मोशाके ताहिं और एक एलियाके ताहीं।
\v 6 बे गजब डरके मारे बे का कहाँमै तव बे न जानी।
\p
\v 7 “और एक बादर आएके बिनके तोपदै, और बादरसे एक आबाज निकरो, “जा मिर प्यारो पुत्र हए, तुम बाको वचन सुनिओ।"
\v 8 और झट आसपास देखके बे अपन सँगमे येशूके अलाबा और कोइके न देखीं।
\p
\v 9 बे पहाड़से उतरतपेती येशू उनसे कहि, “जबतक आदमीक पुत्र मरके जिन्दा न हुईहए तवतक, तुम जा कोइके मत बातैओ।
\v 10 बे जा बात अपन मनमे धरीं, तव मरके जिन्दा होनो कहोको का हए कहिके एक दुसरे से बातचीत करन लागे।
\p
\v 11 और बे बासे आइसे करके पुछीं, “पहिले एलिया आन पडईगो करके व्यवास्थाक शास्त्री काहे कहत हैं?”
\p
\v 12 “येशू कहि “नेहत्य, एलिया पहिले से आईगव है, और सब बातक सुधारैगो। तव आदमीक पुत्र बहुत कष्ट भोगैगो, औरन्से तुच्छ होबैगो, करके धर्मशास्त्रमे लिखोहए त ।"
\v 13 तव मए तुमसे कहत हौं, एलिया आईगाव हए, और उनके बारेमे लिखो अनुसार उनके सँग जो मन लागो बे उईसीए करीं।”
\p
\v 14 और चेलनके ठिन घूमके आत बे एक बहुत भारी भीड घेरत और बिनके संग शास्त्री बहस (बादबिबाद) करत बे देखीं ।
\v 15 जम्मए भीड बाके देखतए गजब अचम्मो मानी और बाके ठिन दौडके जाएके बाके अभिवादन करीं ।
\v 16 बा उनसे पुछीं, तुम उनसे का को बहस करत हौ?
\p
\v 17 भीडसे एक जनी बाके जवाफ दै, गुरुज्यू मिर लौंड़ाक गुँगो करन बारो आत्मा लगो हए, और तुमर ठिन लाओ हौं ।
\v 18 जब जा मिर लौड़ाक पकडत् हए, तव बाके भिमें गिरात हए, और बक मुहुसे फुफ्ना काढत हए, और बा दाँत किट किटात हए, और बा अईंठ जातहए। मए तुमरे चेलन से भुत निकार देओ करके बिन्ती करो, तव बे न सिकीं ।”
\p
\v 19 तव बा उनके जबाफ दै, “ए अविश्‍बासी पुस्ता, मए कहाँ तक तुमरे सँग रहौं? मए तुमके कित्तो सहमौ? बाके मिर ठिन लियाबओ।”
\v 20 बे बा लौणा के बाके ठिन ल्याईं । येशुके देखि खिनक बा आत्मा लौंडाके फत्फत्बाई, और बा भुईमें गिरके फूफ्ना काढ्तय नेभन लागो।
\v 21 बा बाके दौवासे पूँछी, “कब से जक अइसो भव रहए?” बा कही, बच्चयसे।
\v 22 जाके नाश करन बारो आत्मा घरीघरी आगी और पानीमें गिरात रहए। अगर तुम कुछ करपत हौ तव, दया करके हमके मद्दत कर देव।”
\p
\v 23 तव येशु बासे कहि, “तुम सिकडारैगे!' कहिके का कहत् हौ? विश्‍बास करन् बारेक ताहिं सबए बात सम्भब है।"
\p
\v 24 और झट लौंड़ाक दौवा चिल्लाएके कहि, “मए विश्‍बास करत हौं । मिर कमजोर बिश्‍बासमे मोके सहायता करओ।
\p
\v 25 तव भीड़ एकसँग दौडके आत देखके बो बा अशुध्द आत्माके अइसे करके डाँटी, “ए गुँगो और बहिरा आत्मा, मए तोके हुकम करत् हौं, बासे निकरके अएजा, और फिर कबहू बा भितर मत घुसीए।”
\p
\v 26 और चिल्लाएके बा लौड़ाके बेढब् जोडसे फत्फत्बाएके बा आत्मा निकरगई, और बा बच्चा मुर्दा कता हुईगव, हियाँ तक्की बहुत आदमी कहिं कि जा मरिगव हए।
\v 27 तव येशु बाको हात पकडके बाके तुरन्त उठाई, और बा उठि गव।
\p
\v 28 और जब बा घरमें गव, तव बाके चेला चुप्पए से पूछीं, “हम बाके काहे न निकार पाए?”
\p
\v 29 बा बिनसे कहि, “जा किसिमको त प्रार्थना बाहेक और कोई उपाय से न भजाए पय हौ ।”
\p
\v 30 और बा हुवाँ से निकरके बे गालील हुइके गए। जा बात कोई पता न पामए कहिके बाको इच्छा रहय,
\v 31 काहेकि बा अपन चेलनके शिक्षा देत रहए। बा उनसे कहि, आदमीको लौंड़ा आदमीनके हातमें सौंपो जाए हए, और बे बाके मारङ्गे, और बा मरके तीन दिन पिच्छु फिर जिन्दा हुईके उठ्जाए हय।"
\v 32 तव बा कही बात बे समझ न पाइँ, और बासे पुँछन् डरई गए।
\p
\v 33 बे कफर्नहुममे आए, और घरमें रहएँ तबही बा उनसे पुछीं, “डगरमें तुम का बहस करत रहौ?”
\v 34 “तव बे चुप रहे, डगरमें बे कहिं “हम मै से सबसे बड़ो कौन हए?” कहिके आपसमे बहस करीरहएँ ।
\v 35 तव बा बैठो, और बाह्रौं जनिक बुलाई, और उनसे कहि, “कुई आदमी पहिलो होन इच्छा करेहए तव, बा सबसे पीच्छु और सबको सेबक होन पडैगो।”
\v 36 और एक छोटो बच्चा लैके, बा बाके उनके बिचमे धरी, और बाके गोदिमे लैके बा उनसे कहि,
\v 37 “जौन अईसो छोटो बच्चा मैसे एक जनीके मेरे नाउँमे ग्रहण करेहए, बा मोके ग्रहण करेहए, और जौन मोके ग्रहण करहए बा मोए नाय, पर मोके पठान बारेके ग्रहण करहए।”
\p
\v 38 यूहन्ना बासे कहि, “गुरुज्यू, एक आदमी तुमर नाउँमे भुत निकारतय हम देखे, हम बाके अईसे करन मनाही करे, काहेकि बा हमर पीच्छु लागन बरो आदमी न हय।"
\p
\v 39 तव येशू कहि, “बाके मनाही मत करओ, काहेकि मेरे नाउँमे शक्तिके काम करन बारो तुरन्त मेरे विरुध्दमें खराब ना बोलैगो ।
\v 40 काहेकि जौन हमरे विरोधमें न हय, बा हमरे घेन हय।
\v 41 काहेकि जौन तुम ख्रीष्टके हौ, कहिके उनके मेरे नाउँमें एक कटोरा पानी पिन देहौ, नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, बा कोई किसिमसे अपन इनाम न गुमाबैगो ।
\p
\v 42 “जौन् मिर ऊपर विश्‍बास करन् बारे जे छोटे मैसे एक जनीके बाधा देबैगो, बासे भलो त एक बड़ो चकियाको पटा बाके घेंटमे बाँधके समुन्द्रमे फेकदेन अच्छो रयहए।
\v 43 अगर् तुमर हात तुमके बाधा देत् हए कहेसे बाके काटदेव। दुई हात हुईके नरक कि नबुतन् बारी आगी मे जानसे लुलो हुइके जीवन बितान् अच्छो हय।
\v 44 (नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।)
\v 45 औ तुमर् टाँग तुमके बाधा देत् हए तव बाके काटदेव। दुई टाँग हुईके नरकमे फेकदेन् से अच्छो लँगडा हुईके जीवन बितान् अच्छो हय।
\v 46 (नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।)
\v 47 अगर तुमर् आँखी तुमके बाधा देहए कहेसे बाके निकारके फेंकदेव दुई आँखी हुईके नरकमे फेकन्से अच्छो त एक आँखी हुईके परमेश्‍वरको राजमे घुसन् तुमर ताहीं अच्छो हय।
\v 48 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए।
\p
\v 49 काहेकि सबएके आगीयए नुनाइन बनात हय।
\v 50 नून अच्छो हए, पर अगर नूनको स्वाद चलोगव तौ बाके कासे स्वादिष्ट करैगे? अपनेमे नून धरओ, और आपस मे मेलमिलाप से रहबओ।
\c 10
\cl अध्याय १०
\p
\v 1 बा ठाउँके छोडके यर्दन नदीयाके पार यहुदियाके इलाकामें येशू गव और भीड़ बाके ठिन इकट्ठा भए, और बाको रीति अनुसार बिनके फिर शिक्षा दै।
\v 2 फरिसी बाके ठिन आए बाके परिक्षा करके पुँछी, “का कुई आदमी अपनी बैयरके सँग छुटपत्तर करन ठीक हए कि ना?
\p
\v 3 बा उनके जबाफ दैके कहि, “मोशा तुमके का आज्ञा दै हए?”
\p
\v 4 बे कहिं, “एक छुटपत्तर लिखके आदमी अपनी बैयर छोड्न मिलत् हए करके मोशा अनुमति दै हए ।”
\p
\v 5 तव येशू उनसे कहि, “तुमरो मनको कठोरता के करन बा तुमरे ताहिं जा आज्ञा लिख्दै।
\v 6 तव सृष्टिके सुरुसे परमेश्‍वर उनके नर और नारी करके बनाई हए।
\v 7 जहे कारन आदमी अपन दौवा-अईया छोडके अपनी बैयर सँग मिले रहत हयँ,
\v 8 और बे दुई जनी एक शरीर हुईहएँ । बे फिर दुई नाए, पर एक शरीर होत् हएँ ।
\v 9 जहेमारे परमेश्‍वर जौनके एकसँग जोड़ी हए, आदमी बाके न छुटामएँ ।”
\p
\v 10 घरमें होत चेला फिर जाके बारेमें येशूसे पुछिं।
\v 11 बा उनसे कहि, “जौन अपनी बैयर सँग छुटपत्र करके दुसरे सँग बिहा करेहए, बा उनके बिरुध्दमें व्यभिचार करेहय।
\v 12 और अगर बैयर अपनो लोगासँग छुटपत्र करके दुसरे से बिहा करहए, बा व्यभिचार करेहए।”
\p
\v 13 “आदमी" “छोटे बाल बालिकन के येशू छुई देबए कहिके बाके ठिन ल्याइँ, तव चेला बिनके डाँटी।"
\v 14 तव जा देखके येशु दिक्कइ गव, और उनसे कहि, “छोटे बाल बालिकनके मेरे ठिन आनदेव, बिनके मत रोकओ, काहेकि परमेश्‍वरको राज अईसिनको हए।
\v 15 नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, जौन परमेश्‍वरको राजके एक छोटो बालक जैसो ग्रहण न करेहए बा कतै भीतर घुसन न पयहय।"
\v 16 और बा उनके गोदिमे लैके बिनके उपर अपन हात धरके आशीर्वाद दै।
\p
\v 17 येशू डगरमे जात रहए, एक आदमी दौड़के आएके बाके अग्गु घुप्टा पड्के, और बासे पुँछी, “हे अच्छो गुरु, अनन्त जीबन पानके ताहिं मोके का करन पडैगो?”
\p
\v 18 येशू बासे कहि, “तए मोके काहे अच्छो कहत हए? एकय परमेश्‍वर बाहेक और कोई अच्छो न हय।
\v 19 तए आज्ञा त जानत् हए, तए हत्या मत् करए, व्यभिचार मत् करए, मत चूरैये, झुटो गबाही मत दिए, मत ठग्गिए, अपन दौवा और अईयाके आदर करिए।”
\p
\v 20 और बा बासे कहि, “गुरुज्यू जा त सब मए मेरे जमानीय अबस्थासे पालन करो हौं ।"
\p
\v 21 येशु बाके देखि, और माया करके कहि, “तिरमे हबए एक बात और कमी हए। जा, और जो जीत्तो हए बेचके और गरीबनके दे, और तोके स्वर्गमे सम्पति मिलैगो। और आएके मिर पीच्छु लाग।"
\v 22 तव जा बातसे बाको चेहेरा उदास हुईगव, और बा दुखित हुईके गईभव, काहेकि बाकेसँग बहुत धन-सम्पति रहए।
\v 23 और आसपास देखके येशु अपन चेलनसे कहि, “धनीके परमेश्‍वरके राजमे घुसन कित्तो अग्ठो हय।"
\v 24 बाकी कहि भई बातमें चेला अचम्मो मानी। तव येशू फिर उनसे कहि, बालक रेऔ, धन-सम्पति उपर भरोसा करन बारेनके परमेश्‍वरको राज भीतर घुसन कित्तो अग्ठो हय।
\v 25 धनी आदमीके परमेश्‍वरके राज भीतर घुसनसेत बलुक सुईंके भारसे ऊँटके छिरन सहज हए।”
\p
\v 26 बे गजब अचम्मो मानी और बासे कहिं, “तव अईसे कौन बच्पय हय?”
\p
\v 27 येशू उनके देखके कहि, “आदमीके ताहिं जा असम्भब हए, और परमेश्‍वरके ताहिं न हय, काहेकि परमेश्‍वरके ताहिं सब बात सम्भब हय।"
\p
\v 28 पत्रुस बासे कहि, “देख, हम त सब छोडेहएँ, और तुमर पीच्छु लागेहएँ ।”
\p
\v 29 येशू कहि, “नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, जौन मीर ताहिं और सुसमाचारके ताहीं घर और ददा-भैया, दीदि-बहिनिया, औ अईया दौवा, औ लौंड़ा-लौंड़िया और जगहा जमीन छोडैगो,
\v 30 बा सतावट के सँगैसँग सय गुणा जद्धा घर, ददाभैया, बहिनिया, अईया, लौंड़ा-लौंड़िया और जगहा जमीन जहे समयमे पाबैगो, और आनबारो समयमे अनन्त जीबन
\v 31 तव बहुत अग्गु होनबारे पिच्छु, और पिच्छु होनबारे अग्गु हुईहएँ ।”
\p
\v 32 बा यरुशलेम घेन जात रहए, और येशू उनके अग्गु अग्गु नेग्त रहए । चेला अचम्मो मानी, और पिच्छु पिच्छु आनबारे घबराइ गय रहएँ, तव बा बाह्रओं चेलनके फिर एकघेन लैजाएके अपने उपर पड्नबारी बात सुनाई।
\v 33 बा कहि, “देखओ, हम यरुशलेम घेन जात हएँ । हुवाँ आदमीक पुत्रके मुखिया पुजारी और शास्त्रीके ठिन सौंप देहएँ, और बे बाके मृत्युदण्ड देहएँ, और अन्यजातिनके हातमें सौंप देहएँ ।
\v 34 औ बे बाके मजाक उडाए हएँ और बाके थुकङ्गे और बाके कोर्रा लगाए हएँ और बाके मर हएँ और तीन दिन पिच्छु बा फिर जिन्दा हुई जयहए।
\p
\v 35 जब्दियाके दुई लौंड़ा, याकूब और युहन्ना बाके ठिन आएके कहिं, “गुरुज्यू, हम तुमसे जो मागंगे तुम हमर ताहिं करदीओ कहिके हमर इच्छा हय।"
\p
\v 36 बा उनसे पूँछी, “तुमरे ताहिं मए का करदेऔं तुमर का इच्छा हए?”
\p
\v 37 बे बासे कहिं, “तुमर महिमामे हम मैसे एक जनीके, तुमर दहिना घेन, और दुसरेक, तुमर दिबरा घेन, बैठन पामएँ करके मँजूरी हमके देबओ।”
\p
\v 38 तव येशू उनसे कहि, “तुमका मागत हौ बा तुम ना जानत् हौ। का जौन कटोरा मए पिहौं, बा तुम पी पैहौ?” और जौन बप्तिस्मा मए लओ हौं, बा बप्तिस्मा तुम लएपय हौ?”
\p
\v 39 बे उनसे कहिं, “हम सिक्डारंगे।” येशु उनसे कहि, “जौन कटोरा मए पीत हौं बा तुम पिबैगे, और जौन बप्तिस्मा मए लओ हौं। बा बप्तिस्मा तुम लेबैगे।
\v 40 पर मिर दहिना घेन और मिर दिब्रा घेन बईठन त मए ना देहौं, जा त जौन-जौनके ताहिं तयार हुइरहो हए बिन्ही के ताहिं हए।”
\p
\v 41 जा सुनके दशौं जनी चेला याकुब और युहन्ना से दिक्काए गय।
\v 42 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कहि, “तुम जानत् हौ कि अन्यजातिनके उपर शासन करन बारे उनके उपर अख्तियार चलात हएँ। और उनके बड़े बड़े बिनके उपर अधिकार चलात हएँ ।
\v 43 तव तुमरमें अईसो ना हुईहए। तव तुमरमे जौन बड़े होन इच्छा करत हए बा उनको सेवक होन पडैगो।
\v 44 और तुमरमे जौन पहिलो होन इच्छा करत हए, बा सबको कमैया होन पडैगो।
\v 45 काहेकी आदमीको लौंड़ा सेवा पानके ना, पर सेवा करन और बहुतनको छुटकाराको मोलके ताहिं अपन प्राण देनके आव हए।
\p
\v 46 तव पिच्छु बा यरीहोमें आव, और बा अपन चेलन और भारी भीडसहित यरीहोसे निकरतत पेति, तिमैक लौंडा बारतिमै, एक अन्धरा भिखारी रहए, डगर किनारे बैठो रहय।
\v 47 जब बा नासरतको येशू हए कहिके सुनी, तव चिल्लाएके बा कहन लागो, “हे येशू दाऊदको पुत्र, मिर उपर दया कर।"
\v 48 तव बहुत बाके चुप लाग कहिके डाँटी। तव बा और गजब जोडके चिल्लान लागो, “हे येशू दाऊदको पुत्र, मिर उपर दया कर।”
\p
\v 49 तव येशु ठौंड रुकिगव और कही, “बाके बुलओ।” और बे बा अन्धराके अइसे कहिके बुलाईं, “हिम्मत कर, उठ्, बा तोके बुलात हय।"
\v 50 और अपनो चाद्दर फेंक्के बा तुरन्त उठीगव और येशूके ठिन गव।
\p
\v 51 येशू बासे कही, “तए का चाँहत हए, मए तीर ताहिं का करौं?” बा अन्धरा आदमी बासे कही, “रब्बी, [गुरुज्यु] मए देख पामौ।"
\p
\v 52 और येशू बासे कही, “तए अपन डगर लाग। तिर विश्‍वास तोके अच्छो करीहए।” तव बा तुरन्त देखन लागो, और डगरमें येशूके पीच्छु पीच्छु हुइलैई।
\c 11
\cl अध्याय ११
\p
\v 1 जब बे यरूशलेमके जौने जैतून डाँगाके ढिंगई बेथफागे और बेथानिया कहन बारो ठाउँमें आएपुगे, तव बा अपन चेला मैसे दुई जनीसे अईसे कहिके पठाई,
\v 2 तुम जौनेको गाउँमें जाओ, और जातै जात तुम हबए तक कोई आदमी न चढो एक गधाहक बच्चा पैहौ। बाके खोलके हियाँ लाबओ।
\v 3 “कोई तुमसे' जा का करत् हौ कहिके 'कुई कहए, 'प्रभुके जाकि जरूरत हए, और बा जल्दी घुमाए दिबैया हए' कहीओ।”
\p
\v 4 तव बे गए, और बा बच्चा खुल्ला गल्लीमे एक घरके बाहिर घेन फाटक ठिन बँधो पाईगए, और बाके खोलीं।
\v 5 बा हुवाँ ठाडे मैसे कोई-कोई उनसे पूछीं, “बच्चाके खोलके तुम का करत् हौ?
\v 6 येशू उनके अढाई बहे कता बे कहीं, और बे उनके जन्दाईं ।
\p
\v 7 बे बच्चाके येशूके ठिन ल्याइँ, और अपन लत्ता बाके उपर धरदैं, और बा बाके उपर बैठगव।
\v 8 बहुत आदमी अपन कपडा और पत्ता काट्के डगरमें बिछाईं।
\v 9 और बाके अग्गु अग्गु नेगनबारे और पिच्छु पीच्छु आनबारे अईसे कहत जयध्वनी लगाइँ, “होसन्ना! धन्य बा, जो परमप्रभुके नाउँमें आबैगो!
\v 10 धन्य हए, हमर पिता दाऊदके बा अनबारो राज, परमधाम्मे होसन्ना!”
\p
\v 11 बा यरूशूलेममे आएके मन्दिर भीतर कुचो। और बाके आसपास सबके उपर नजर करके पीच्छु कुइबेरा भव के कारन बाह्रै जनिक सँगमे बा बेथानियाँ चलोगौ ।
\p
\v 12 कल बे बेथानिया से आतपेती बाके भुख लाग्गै ।
\v 13 और दुरमे पत्तासे भारो एक अँजीरको रुखा देखके जमकुछ फारा पएहौंकी कहिके बा गव, तव हुवाँ पुग्के बा पत्ता से अलाबा कुछ ना पाई, काहेकि बा समय अँजीरके फरा फरनको समय ना भव रहय।
\v 14 तव बा बो रुखासे कहि, “अब उईसो कोई फिर तेरो फरा ना खामएँ ।” और जा कहत बक चेला सुनत रहएँ ।
\p
\v 15 और यरूशलेममे पुग्के पीच्छु बा मन्दिर भीतर घुसो, और मन्दिरमें खरिदन बारे और बेचन बारेनके बाहिर निकारी और रुपैया बदलन बारेनके टेबुल और परेवा बेचन बारे ठाउँ सब पलट दै।
\v 16 बा मन्दिरसे कोईके कुछ चीज लैजान ना दै।
\v 17 और बा शिक्षा देतय कहि, “का आइसो ना लिखो हए, मिर घर सब जातिनके ताहिं प्रार्थनाको घर कहोजय हए?” तव तुम त जाके डाकुँको अड्डा बनाए हौ।
\v 18 और मुखिया पुजारी और शास्त्री जा सुनके बाके कैसे नाश करएँ कहिके उपाय निकारन लागे । काहेकि बे बासे डरात रहएँ, काहेकि सबय भीड बाके शिक्षामें अचम्मो मानत रहएँ ।
\v 19 सँझा भव बा सहेर से बाहिर निकरके गव।
\p
\v 20 सुबेरे हुवाँ से पहिलीएकी डगर जात रहए बे बा अञ्‍जीरको रुखाके जरसे सुखो देखीं।
\v 21 और पत्रुसके जा याद आई, और बा बासे कहि, रब्बी, [गुरुज्यू] देखओ, तुम सराप दौभव अञ्‍जीरको रुखा ता सुखो हए।”
\p
\v 22 येशू उनके जबाफ दैके कहि, “परमेश्‍वरमे विश्‍बास करओ।
\v 23 नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, अगर कुई अपन हृदयमे शंखा ना करेहए, और अपनो कहो बात पूरा हुईहए कहिके विश्‍बास करके, जा पहाड' उखड्के तए समुन्द्रमे गिरजा,'कएहौ तव, बाके ताहिं उईसी हुई जएहए।
\v 24 जहेमारे मए तुमसे कहत् हौं, तुम प्रार्थनामे जो मागे हौ, सो पाए हौ, कहिके विश्‍बास करौ, तव तुमर ताहिं हुईजाए हय।
\v 25 जब तुम प्रार्थना करके ठाढत् हौ, तव कोईके विरुध्दमे तुमर कुछ हए तव क्षमा करिओ, तव स्वर्गमे होन बारो तुमरो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा करदे हए।
\v 26 और क्षमा ना करेहौ, स्वर्गमे होनबारो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा ना करैगो।”
\p
\v 27 बे फिर यरूशलेममें आए। और येशू मन्दिरमे इतए उतए नेगत समयमे मुखीया पुजारी, शास्त्री, धर्म-गुरु बाके ठिन आय।
\v 28 बे बासे प्रशन करीं, “कौन अधिकारसे तुम जा काम करत् हौ? जा काम करन के अधिकार तुमए कौन दव?”
\p
\v 29 येशू बिनसे कहि, “मए तुमसे एक प्रश्‍न पुँछत हौं, और तुम बाको जबाफ देव, और कौन अधिकारसे मए काम करत हौं, सो महूँ बताए हौं।
\v 30 यूहन्नासे दओ बप्तिस्मा स्वर्गसे हए की आदमीसे, मोके जबाफ देओ।”
\p
\v 31 तव बे अईसे कहत अपनैमे बहस करन लागे, “स्वर्गसे' कएहएँ तव 'तुम बाके ऊपर काहे विश्‍बास ना करे' करके बा कए हय।
\v 32 “आदमीनसे कएहएँ कि” पर अईसे कहन बे जनतन से डराई गए। काहेकि सबए यूहन्नाके सच्चो अगमबक्ता कहत रहयँ।
\v 33 तव बे येशूके जबाफ दैके कहिं, “हमके पता न हय।” येशू उनसे कहि, मए फिर कौन अधिकारसे जा काम करत् हौं, सो तुमए महूँ ना बताए हौं ।”-
\c 12
\cl अध्याय १२
\p
\v 1 बा उनसे कहानीमे कहन लागो: “एक आदमी अंगुरकी बगिया लगाएके बाके आसपास बेढा लगाई, और कोलू के ताहिं एक गड्डा खोदी। और एक मचान बनाएके बा अँगुरकी बागियामे किसानके कमानके दैगओ, और अपना प्रदेश गओ।
\v 2 फसलके समयमे बा, बे किसानके ठिन कुछ फसल लेनके एक टाहलुवाके पठाई।
\v 3 तव बे बाके पकडके माँरिं और खाली हात पठाईं।
\v 4 फिर बा बिनके ठिन दुसरो टाहलुवाके पठाई, तव बे बाके मुणमें मारीं और बाकी बेइज्जत करीं ।
\v 5 मालिक और दुसरेके पठाई, तव बे बहुके मारीं, तव और बहुतनके फिर पठाई, तव बे कुइके पिटीं और कुइके मारडारीं ।
\v 6 “बक अब एक जनी रहए बक प्यारो लौंड़ा।' बा कहि, बे मिर लौंड़ाक त आदर करङ्गे', कहिके सबसे पीच्छु बा अपन लौंड़ाक उनके ठिन पठाई।"
\v 7 “तव बे किसान आपसमे कहिं, “ओहो जत उत्तराधिकारी हए। आओ, हम जक मराएँ, और हक़ हमरियए हुईहए।”
\v 8 और बे बाके पकडके मारीं, और अंगुरकी बगियाके बाहिर फेंक दैं।
\v 9 “तव अंगुरकी बगियाको मालिक का करैगो? बा अबैगो्, और बे किसानके नाश करैगो, और अँगुरकी बगिया और दुसरेक देहए।"
\v 10 का तुम धर्मशास्त्र को जा वचन पढे ना हौ? “जौन पत्थरके घर बनान बारे रद्द करी रहएँ बहे कुनैठोक खास-पत्थर बनिगओ (कोनेको मुल पत्थर),
\v 11 जा परमप्रभुसे भव हए, और हमरी देखाईमे जा अचम्मो हय।"
\p
\v 12 तव पिच्छु बे बाके पकड़न ढुड्त रहएँ, काहेकी जा कहानी बा उनके बिरुदमें कही हए कहिके बे सम्झीं । तव बे भीडसे डराएके कारनसे बाके छोड़के गै भए।
\p
\v 13 पिच्छुसे बाके कौन बातमें फसामए कहिके बे फरिसी और हेरोदी मैसे कोइ आदमी बाके ठिन पठाईं।
\v 14 बे आएके बासे कहीं, “गुरुजी, हम जानत हएँ, तुम सच्चे हौ, और कोइको ख्याल ना करत हौ, काहेकि तुम मुहुँ देखके काम ना करत हौ और परमेश्‍वरको डगर सच्चो तरिकासे सिखात हौ। तव बताबऔ, कैसरके कर तीरन ठीक हए कि ना?
\p
\v 15 हम कर तिरएँ की ना तिरएँ? येशू उनको कप्टीपन पता पाएके उनसे कही, “तुम काहे मोके परीक्षा करत हौ? एक रुपैया लाओ।”
\v 16 बे एक रुपैया लाईं । बा उनसे कही, “जा फोटु और छाप का को हए?” बे बासे कहीं, “कैसरको"
\v 17 तव येशू उनसे कही, “कैसरको चीज कैसरके देओ, और परमेश्‍वरको चीज परमेश्‍वरके।” बे बासे अचम्मो मानी।
\p
\v 18 मरके जिन्दा न होत हएँ, कहिके सदुकी (एक प्रकारको जाति) बाके ठिन आए, और बासे पुछीं,
\v 19 “गुरुजी, मोशा हमरे ताहिं लिखीहए कि कोइको ददा मरीगओ और बिना सन्तान बैयर छोड़ीगव तव बक भैयाके बा बैयर लैजान पडैगो और अपन ददाके ताहिं सन्तान जन्मान पडैगो।””
\v 20 एक परिवारमें सात भईया रहएँ । जेठो एक बैयर लाई तव बा आदमी बिना सन्तान हुइके मरिगौ।
\v 21 अब मझला भैया बा बैयर से बेहा करी, और फिर बिना सन्तान हुइके मरीगव। तव सँझला फिर उइसी करी,
\v 22 तव सातओ भैयनके सन्तान ना भव। सबसे पीच्छु बा बैयर फिर मरी।
\v 23 अब मरके पुनरुथानमे बिन मैसे बा कौन की बैयर हुईहए? काहेकि बे सातओ जनी बासे बेहा करीरहएँ ।”
\p
\v 24 येशू उनसे कही, “का तुम भूलमे पडे के कारन से ना हए, न त तुम धर्मशास्त्र जनत हौ, ना परमेश्‍वरके शक्तिके जानत हौ?
\v 25 काहेकि जब मरके बे पुनरुथान हुईहएँ, बे न त बेहा करत हएँ, न उनको बेहा हुईहए, पर बे त स्वर्गमे भए दूत कता हुईहएँ ।
\v 26 मरे भए जिन्दा हुइके उठन बारो बातके बारेमे का तुम मोशा के किताब पढे ना हौ? कि कैसे भिथ्राके बारेमे लिखो भव खण्डमे परमेश्‍वर मोशासे कही, 'मए अब्राहामको परमेश्‍वर, इसहाकको परमेश्‍वर और याकूबको परमेश्‍वर हौं ।"
\v 27 बा मुर्दाको परमेश्‍वर न हय, बो त जिन्दाको हए। तुम पक्कय भुलमे पड़े हौ।”
\p
\v 28 शास्त्री मैसे एक जनी आओ, और बिनके आपसमे बिबाद करत सुनी। येशू आदमीनके ठीक जबाफ दई, देखके बे बासे पुँछीं, “सब आज्ञामे मुख्य कौन हए?”
\p
\v 29 येशू जबाफ दै, “सबसे मुख्य जा हए: हे इस्राएल सुन्, परमप्रभु हमर परमेश्‍वर एकै परमप्रभु हय।
\v 30 तए परमप्रभु अपन परमेश्‍वरके तेरो सारे हृदयसे, तेरो सारे प्राणसे, तेरो सारे समझसे, और तेरो सारे शक्तिसे प्रेम करीये।"
\v 31 दुसरो जा हए, “तए अपन परोसीके अपने क ता प्रेम कर । 'जा से बडो आज्ञा दुसरो कोई न हय।”
\p
\v 32 तव शास्त्री बासे कहिं, “गुरुजी, तुम ठीक कहत हौ, परमेश्‍वर ता एकए हए, बा बाहेक कोई न हय।
\v 33 बाके सारे हृदय से, सारे समझ से, सारे शक्ति से प्रेम करनो, और परोसीके अपनाए क ता प्रेम करनो सब होमबलि और बलिदानसे उत्तम हय।"
\p
\v 34 बिनके बुध्दिमानीसे जबाफ देत देखि, येशू बिनसे कहि, “तुम परमेश्‍वरको राजसे दूर ना हऔ।” तब बा समयसे लैके बासे प्रश्‍न करनके कोईकी हिम्मत ना भई।
\p
\v 35 तव मन्दिरसे निकरत पेति येशू कहि, “कैसे ख्रीष्ट दाउदको लौंड़ा हए कहिके व्यवस्थाको शास्त्री कहत हएँ?
\v 36 काहेकि दाऊद अपनए पबित्र आत्मासे कहि हए, परमप्रभु मेरो प्रभुसे कही, 'तुम मिर दहिना हात घेन बैठओ, जब तक मए तिर दुश्मनके तिर पाँव तरे न लए हौं।"
\v 37 जब दाउद अपनए उनसे 'प्रभु' कहत हए, तव कहाँ से बा उनको लौंड़ा भव?” और हुवाँ की भारी भीड बाको वचन खुशीसे सुनी।
\p
\v 38 तव शिक्षा देत येशू कही, “शास्त्रीन से होशियार रहिओ। बे लम्बो कुर्ता लगाएके इतए उतए घुमन और बजारमे आदर पान,
\v 39 औ सभाघरमे बडो स्थान और भोजमे आदरको स्थान पानके चाँहत हएँ।
\v 40 बे बिधुवानके घर लूटत हएँ, और दिखानके ताहिं लम्बो लम्बो प्रार्थना करत हएँ । अइसे आदमी बहुत बडो दण्ड पामङ्गे।”
\p
\v 41 और बा मन्दिरको भेटी चढान बारे ठाउँके अग्गु बैठो, और भीडके भेटी बक्सा मे भेटी चढात बा देखी। बहुत धनी आदमी गजब गजब रकम चढाइँ।
\v 42 और एक गरीब बिधुवा आएके तामाके दुई सिक्का या एक पैसा चढाई।
\v 43 अपने चेलन के अपन ठिन बुलाएके बा कही, “नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, भेटी बक्सामे चढान बारे मैंसे जा गरीब बिधुवा सबसे जद्धा चढाई।
\v 44 काहेकि सब अपन अपन भरपुरी मैंसे चढाईं, पर जा बैयर त अपन गरिबी मैसे अपनो सारा जीबिका सौंपदै ।
\c 13
\cl अध्याय १३
\p
\v 1 जब बा मन्दिरसे निकरत रहए, तव बाको चेला मैसे एकजनी बासे कहि, “देखओ गुरुजी, कित्तो बडे बडे पत्थर और कित्तो भारि भवन ।"
\v 2 येशू उनसे कही, “हियाँ ता पत्थर उपर दुसरो पत्थर ना रय हए सब बिगाड दे हएँ।”
\p
\v 3 जब बा मन्दिरके अग्गु जैतुन डाँगामे बैठो रहए पत्रुस, याकुब, यूहन्ना और अन्द्रियास बासे चुप्पैसे पुछीं?”
\v 4 “हमके बता कि जे सब बात कब हुइहएँ? और जा सब बात होनके का चिन्हा हुइहए?”
\p
\v 5 येशू उनसे कही, “होसियार रहबओ, कोई तुमके ना भरमबए।
\v 6 बहुत मेरे नाउँमे 'महि हौं' कहत अमंगे, ओर बहुतन के भरममंगे।
\v 7 जब तुम लडाईं और लडाईन् के हल्ला सुनैगे, तव मत डरैओ। अईसे घटना होन जरुरि हए। पर अन्तको दिन आन् अभे फिर बाँकी हए ।
\v 8 काहेकि जातिके बिरुद्धमे जाति, और राज्यके बिरुद्ध मे राज्य ठाड़ङ्गे, ठाउँ-ठाउँमे हालाचाला जाबैगो, सुखा होबैगो। जब बैयर् जतकाल (प्रसववेदना) सुरु होन जैसो सङ्कटको सुरु हए।
\p
\v 9 “तुम अपन बारेमे होसियार होबओ। बे तुमए अदालतमे सौपंगे। तुमके सभा घरमे मार खाबएँ हएँ । तव हाकिम और राजनके ठिन् मिर ताहीं बिनके गवाही देन तुम ठाड़ैगे।"
\v 10 और सुरुमे सबै जातिनके सुसमाचार प्रचार करन् पडैगो।
\v 11 जब आदमी तुमके पकड़के मुद्दा चलामंगे, तब का बोलौं कहिके अग्गुसे चिन्ता मत करओ। पर बहे समय जो तुमके दौ जाबैगो, बहे समय बोलन बारे तुम ना हौ पर पबित्र आत्मा होबैगो ।
\v 12 एक भैया दुसरे भैयाक मारन् के ताहीं सौंपैगो, और अईसीय करके दौवा लौड़ा लौड़ियाके, अईया दौवाके बिरुदमे लडङ्गे, और उनके मारन लगबामङ्गे।
\v 13 तव मिर नाउँके ताँही तुम सबसे घृणित हुइहौ, और जौन अन्त तक अटल रयहए बाको उद्दार हुइहए।
\p
\v 14 “जब तुम बिनाशकरी घृणित चिज जहाँ होनके ना रहए, हुवाँ ठाड़ो देखैगे {पढनबारे बुझएँ} तव यहुदियामे होनबारे पहाड घेन भाजएँ ।"
\v 15 घरके पाँणमे होनबारे तरे न उतरएँ, न अपन घरसे कुछ निकारन भितर कुचएँ ।
\v 16 खेतमे होनबारो अपन चद्दर लेन पिच्छु ना घुमएँ ।
\v 17 पर हाय, बे दिनमे गर्भबती और दुध खाबन बारी अईयनके!
\v 18 बा जाडोमे न होबए करके प्रार्थना करओ ।
\v 19 काहेकि बे दिनमे अईसो महासंकट अएहए कि परमेश्‍वर सृष्टिमे सुरुसे लैके ह्बाए तक न त अइसो भव रहए ना कबहु हुइहए ।
\v 20 औ परमेश्‍वर बे दिन ना घटइतो तव कोई आदमी ना बच्तो, पर बा चुनेभएनके ताहीं बे दिन घटाई हए।
\v 21 तव बा समय कोई तुमसे 'देखओ, ख्रीष्ट हियाँ हए' बा' हुवाँ हए' कयहएँ तव, तुम विश्‍बास मत करीओ ।
\v 22 काहेकि झुठे ख्रीष्ट और झुठे अगमवक्ता ठाड़े होमंगे, और चुने भएनके भ्रममे पाणन बे चिन्ह और अचम्मेके काम करङ्गे ।
\v 23 तव तुम फिर होसियार रहीओ। मए तुमके सब बात अग्गुसे कही दओ हौं ।
\p
\v 24 तव बे दिनमे महासंकट पिच्छु दिनमे अँध्यारो हुई हए और जोनी अपनो चम्क ना देहए,
\v 25 तारा बादरसे गिरंगे, और बादरमे भए शक्ति डगमगाङ्गे ।
\v 26 और बा समयमे आदमी, आदमीके पुत्रके शक्ति और महिमासे बादरमे आत देखङ्गे ।
\v 27 तव बा स्वर्गदुतके पठाए हए, और पृथ्वीके छोरसे बादरके छोरतक चारऔं घेनसे अपन छँटे भयनके इकठ्ठा करेहए।
\p
\v 28 “अञ्‍जीरके रुखासे पाठ सिखओ: बाको हाँगा नरम हुइके पत्ता होन खिनक ग्रीष्म ऋतु जौने हए कहिके तुमके पता हुइजात हय।"
\v 29 अइसीय तुम सब घटना होत देखैगे, तव बा जौने हय, फाटक ठिन हए कहिके जानौ।
\v 30 नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, जबतक जा बात ना होनतक तबतक जा पुस्ता ना बितैगो ।
\v 31 स्वर्ग और पृथ्वी बीत जयहए पर मिर वचन कबहि ना बितैगो ।
\v 32 “पर बा दिन और बा समयके बिषयके बारेमे पिता से बाहेक और कोई न जानत हए, न त स्वर्गमे होनबारे स्वर्गदुत न पुत्र।"
\v 33 हौसियार रहीओ, जागे बैठीओ और प्रार्थना करओ, काहेकि बा समय कब आतहय, सो तुम ना जानत हौ ।
\v 34 जा त मालिक अपन चाकरनके घरको सबय काम और अधिकारको जिम्मा दैके, और चौकीदार के जगो रहन कहिके आज्ञा दैके परदेश गइभव जइसो हए।
\v 35 जहेमारे तुम फिर जगे रहीओ, काहेकि घरको मालिक संझाके, कि आधी रातमे, कि मुर्गा बासन बेरा, कि सुबेरे, कब अयहए, सो तुम ना जानत हौ ।
\v 36 न त बा एकबरी अबैगो तव बा तुमके सोत पयहए ।
\v 37 जो मए तुमसे कहत हौं बा मए सबै से कहत हौं, 'जगे रहौ'।”
\c 14
\cl अध्याय १५
\p
\v 1 जक दुई दिन पिच्छु निस्तार और अखमिरी रोटीको तिवहार रहए। मुखिया पुजारी और शास्त्री बाके कैसे छलके पकडके मर हएँ करके दावमे रहएँ ।
\v 2 काहेकी बे कही रहएँ, “तिवहरके समयमे ना, नत् आदमीको हुलदङगा मचइगो ।
\p
\v 3 बा बेथानियामे सिमोन कोढ रोग लागो आदमीके घरमे खान बैठो एक बैयर बेढम महेंगो कोरो महकुवा तेल सिङ्गमरमरको शीशीम लैके आई और बा शीशी कि कुप्पी खोलके बा महकुवा तेल बाके मुणमे अखनाए दै ।
\v 4 तव कोई कोई दिक्काएके आपसमे कहन लगे, “जा महकुवा तेल काहे अईसे नुक्सान करत हौ?
\v 5 काहेकि जा महकुवा तेल तीन सय चाँदीके सिक्कासे जद्धामे बेचके गरीबनके बा पैसा दए दित्ते।” और बे बा बैयरके झपाणी।
\p
\v 6 पर येशू उनसे कही, “छोडदेव, काहे तुम इनके सतात् हौ? जा मिर ताहीं अच्छो काम करीहए ।
\v 7 काहेकी गरीब त तुमर सँग सबदिन हुइहएँ, और इच्छा लागो जौन समयमे फिर तुम उनके भलाई करसकत् हौ। और मए त सबदिन तुमरे सँग ना हुईहौं ।
\v 8 जा बैयर जो करपाई बहेकरी हए। जा मिर शरीरके दफनके ताहीं अग्गुसे महकुवा तेल मिसलके तयार करीहए ।
\v 9 नेहत्य मए तुमसे कहत् हौं, सारा संसारमे जहाँ जहाँ जा सुसामाचर प्रचार करङ्गे जा बैयर जो करी है यिनके सम्झनाके ताहीं जा कामको बारेमे बयान करो जयहए।”
\p
\v 10 तव बाहृ चेलन मैसे एक जनी यहूदा इस्करियोत त येशूके बिनके हात पक्णानके ताहीं मुखिया पुजारी ठिन गओ ।
\v 11 बे जा सुनके खुशी भए, और बाके पैसा देहएँ करके कबुल करीं। और बाके कैसे पकणए करके बा अच्छो मौका ढुणन लागो।
\p
\v 12 अखमिरी रोटीको तेवहरको पहिलो दिनमे जब बे निस्तार-तेवहरमे थुमाको बलिदान चढात रहएँ, बाके चेला बासे पुछी, “तुमर इच्छा का हए? हम कहाँ जाएके तुमर ताहिं निस्तार-तेवहरको भोज तयार करएँ?
\p
\v 13 और बा अपन चेला मैसे दुई जनी अईसे करके पठाई, “सहेरमे जाओ, और घल्ला मे पानी लैजात एक आदमी तुमके मिलेहए। बाके पिच्छु जैइयो ।
\v 14 बा आदमी जहाँ घुसेहए बाके मालिकसे कहीओ, “गुरुज्यू कहात हए, मिर चेलनके निस्तारको तेवहरको हटकना खान बारो पाहुनाको कोनो कहाँ हए?
\v 15 और बा उनके सजो सजाओ तयार करो भव उपरको छतको एक कोनो दिखाबैगो, और हुवएँ तुम हमर ताहीं खानु तयार करिओ ।
\v 16 तव चेला गए, और सहेरमे घुसे, और बा उनसे कही अनुसार पाईं, और बे निस्तार तेवहरक खानु तयार करीं ।
\v 17 सँझा भव बा बाह्रओ जनी सँग आओ ।
\p
\v 18 बे लेटके खातपेती येशू उनसे कही, “नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, तुमर सँग खान बारो मैसे एक जनी मोके धोखा देहए ।
\p
\v 19 बे दुखी हुइगए और पालो पालो करके बासे पुछन लागे “का बा मै हुँ?” करके पुछन लागे ।
\p
\v 20 बा उनसे कही, “बाह्रओ मैसे एक जनी, जौन मिर सँग थरियम रोटी बोर रहो हए ।
\v 21 काहेकी आदमीको लौणक बारेमे लिखो अनुसार हुईहए, पर धिक्कार बाके जौनसे आदमीक लौंणाके धोखा हुईहए। बा आदमिक त जन्मए न हुइतो त ठिक रहए।”
\p
\v 22 और खातपेती येशू रोटी लैके आशीर्बाद दै और तोडी और बिनसे कही, “लेओ, जा मिर शरीर हए ।"
\v 23 तव कटोरा लैके धन्यवाद दैके बा बिनके दै दै, और बे सबै बा मैसे पिईं ।
\v 24 और बा बिनसे कही, “जा नयाँ करार को मेरो खुन हए, जो गजबन के ताहीं बहाव जात् हए ।
\v 25 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, मए अँगुरके रसा से बा दिन तक न पिहौं, जब तक परमेश्‍वरको राजमे बा नयाँ करके न पिहएँ।”
\v 26 और एक भजन गाएके बा निकरके जैतुन डाँगा घेन गओ ।
\p
\v 27 येशू उनसे कही, “तुम सब पिच्छु हटजए हौ, काहेकि अईसो लिखो हए, मए बकरेहेराके मारङ्गो भेडा तितर बितर हुइ जएहएँ।
\v 28 तव मए जिन्दा हुईके उठके तुमसे पहिले गालीलमे जामङ्गो ।
\p
\v 29 पत्रुस बासे कही, “सब जनी पिच्छु हटे से फिर पर मए न हटङ्गो।”
\p
\v 30 तव येशू उन्से कही, नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, आजए रातके मुर्गा दुई चोटी बास्‍नेस अग्गु तय तीन चोटी इन्कार करैगो ।
\p
\v 31 पर बा और जोडसे कही, “तेरेसँग मोके मरन पणेहए, मए तुमके इन्कार न करङ्गो ।” और बे सब अईसीए कहीं।
\p
\v 32 तव पिच्छु बा गेतसमनी नाउँ भव ठाउँमे गव, और अपन चेलनसे कही, “मए प्रार्थना करन तक तुम हियाँ बैठीओ ।"
\v 33 तव बा पत्रुस, याकुब और यूहन्नाके सँगमे लैगओ, और बा बहुत घबणान और बहुत उदास होन लागो ।
\v 34 बा उनसे कही, “मेरो आत्मा मरन तक शोकसे ब्याकुल हुइगव हए। तुम हियाँ बैठौ, और जगे रहीओ।”
\v 35 और थुर दुर जाएके बा भिमे घुप्टियाए गव और हुइसक्तहए तव जा घडी मोसे दुर हुइजाए करके प्रार्थना करी ।
\v 36 और बा उन्से कही, “अब्बा, पिता, तुमरे ताहीं सब बात सम्भव हए। जा कटोरा मोसे हटाएदेव तहुँ फिर मिर इच्छा अनुसार नाय पर तुमर इच्छा अनुसार होबाए।”
\v 37 बा फिर अओ तव उनके सोत पाई। बा पत्रुससे कही, सिमोन, का तए सोन डटो हए? का एक घण्टा फिर जगो वैठ न पातहए?
\v 38 जगे रहौ, और प्रार्थना करौ, और तुम परीक्षामे मत पडओ आत्मा ता नेहत्य तयार हए, पर शरीर दुर्बल हए ।
\v 39 फिर गव बा दोहोरयके हुवएँ प्रार्थना करी।
\v 40 फिर आएके बा उनके सोत पाई, काहेकी उनकी आँखी नींदसे बहुत घुँघरियाए गइरहएँ, और बाके का जबाफ देमए, सो न जानी ।
\v 41 बा तीन चोटी आओ, और उनसे कही, “का तुम और सुइ हौ और आराम करे रहौ? अब हुइगओ, बेरा आइगौ। देखओ आदमीको लौणा पापिनके हातमे पक्डाव परन लगोहए ।
\v 42 उठओ, चलैं । देखओ, मोके पक्डान बारो जौने हए।
\p
\v 43 येशू बोलत रहए तव बाह्रओं चेला मैसे एक जनी यहूदा अचानक हुवाँ देखाइ पडो। मुखिया पुजारी, शास्त्री और धर्म-गुरु पठाओ एक दल तरवार और लट्ठी लैके बाके सँग हुवाँ आए ।
\v 44 बाके धोखा देन बारो उन्से अईसे करके संकेत दै, “जौनके मए चुम्मा खएँ हौं बहे आदमी हए, बाके पकडीओ और घेरके लाएजईओ ।"
\v 45 और सिधे येशू ठिन जाएके यहूदा कही, “हे रब्बी,”और बाके चुम्मा खाई ।
\v 46 तव बे येशूके पकणी और गिरफ्तार करीं ।
\v 47 हुवाँ जौने ठाढे मैसे कोई एक तरवार निकारके प्रधान पुजारीको कामैयाके चलाई और बाको कान च्वाट्ट से काट्दै ।
\p
\v 48 येशू उनसे कही, “का तुम एक डाकु कता तरवार और लट्ठी लैके मोके पकणन आए हौ?
\v 49 हर दिन मन्दिरमे सिखात मए तुमरे सँग रहौं, तव तुम मोके गिरफ्तार न करे पर धर्मशास्त्र पुरा होबाए" ।
\p
\v 50 और सब चेला बाके छोड्के भाजे।
\v 51 अपन शरीरके सुती लत्तासे लपेटो भव एक जनी जवान बक् पिच्छु गओ। बे बा जवानके पक्डीँ,
\v 52 तव लत्ता छोड्के बा नङ्गो भाजो।
\p
\v 53 तव बे येशूके प्रधान पुजारी ठिन लैगए, और हुवाँ सब मुखिया पुजारी, धर्म-गुरु और शास्त्री जम्मा भए रहएँ।
\v 54 पत्रुस त दुरसे प्रधान पुजारीके आँगन भितर बाके पिच्छु पिच्छु लागो, और हुवाँ सिपाइएन सँग बैठके आगी तापन लागो।
\v 55 अब मुखिया पुजारी और जम्मए महासभाके येशूके मारनके ताहिं बाके बिरुद्दमे गवाही ढुणी, तव कुछु न पाइँ ।
\v 56 बहुत बाके बिरुदमे झुटी गवाही दैं। पर उनकि दै भै गवाही कोई मेल ना खाइँ।
\v 57 कोई कोई उठ्के बाके बिरुद्दमे अईसे कहत गवाही दै ।
\v 58 जाके अईसे कहत हम सुने, 'आदमीको हातसे बनाव भौ जा मन्दिर मए उजाडङ्गो, और हात बिनाको बनाओ दुसरो मन्दिर मए तीन दिनमे बनामङ्गो ।"
\v 59 तव जामे फिर उनको गवाही एक मनको न रहए।
\p
\v 60 तव प्रधान पुजारी बीचमे ठाडके येशूसे पुँछी, “का तिर ठिन कुइ जबाफ न हय? जे आदमी तिर बिरुद्दमे गवाही दैं का हए?”
\v 61 तव येशू चुप लगो, और कोई जबाफ ना दै। फिर प्रधान पुजारी बासे पुछीं, “का तए परमधन्यको पुत्र ख्रिस्ट हए?”
\p
\v 62 येशू कही, “मए हौं, और तुम आदमीके पुत्रके सर्वशक्तिमानको दहिना हातघेन बैठो और आकासमे बादरके सँग आत देखैगे।”
\p
\v 63 तव प्रधान पुजारी अपन कुर्ता फारके कही, “हमके और साँची से का पडोह?
\v 64 तुम ईश्‍वरनिन्दा ता सुनी रहेहौ। तुमर का बिचार हए?” और बे सब बाके मृत्युदण्डको भागी ठहराइँ ।
\p
\v 65 और कोई कोई बाके थुकन लागे, और बक मुहू तोपके बाके थप्पड मारके कहीं, अगमवाणी बोल् |” तव पिच्छु पहारेदार बाके अपन जिम्मामे लैं, और बाके मुक्का मारीं।
\p
\v 66 पत्रुस तरे आँगनमे रहय तव प्रधान पुजारीको नोकर्नी मैसे एक जनी हुवाँ आई,
\v 67 और पत्रुसके आगी तापत् देख्के बाके निहारके देखी और कही, तुम फिर येशू नासरी सँग रहौ ।"
\p
\v 68 तव बा आइसे कहत् इन्कार करी, “तुम का कहत हौ बा ना जान्तहौं न सम्झत हौं।” और बा बाहिरको मूल फाटक घेन गव और मुर्गा बासी।
\p
\v 69 बा नोकरनी ऊनमैसे जो जौने थाडे रहयँ फिर कहन लागि, “जहुत उन्मैसे एक हए ।"
\p
\v 70 तव पत्रुस फिर इन्कार करी, पर कुछ देरमे आसपास ठाढे मैसे फिर पत्रुससे कहीं, “पक्कए तुम उन्मैसे एक हौ।”
\p
\v 71 तव बा अपनएके सरापके और कसम खाएके कहन लागो, “जौनके बारेमे तुम कहत हौ, बा आदमिक मए चिन्त न हअौं ।"
\p
\v 72 और तुरन्त दुसरो चोटी मुर्गा बास्दै, और पत्रुससे येशू उनसे कहि बात समझलै, मुर्गा दुई चोटी बासन से अग्गु तुम मोके तीन चोटी इन्कार करेहौ।” और जा बात समझके बा धरधरहुँस रोई ।
\c 15
\cl अध्याय १५
\p
\v 1 सुबेरे भव खिनक मुखिया पुजारी, धर्म-गुरु, शास्त्री और जम्मए महासभाके आपसमे सल्लाह करके येशूके बाँधके लैगए, और पिलातस ठिन सौंप दैं ।
\v 2 पिलातस बासे पुँछी, “का तुम यहूदीक राजा हौ?” बा उनके जबाफ दै, “तुम्हीय अईसे कहत हौं ।"
\v 3 मुखिया पुजारी बाके उपर बहुत बातकी दोष लगाई ।
\v 4 पिलातस बासे फिरके पुँछी, “का तुमर ठिन कुछ बात ना हए? देख, तुमर बिरुद्दमे बे कित्तो बातकी दोष लगात हएँ ।"
\v 5 तव येशू फिर कुछु जबाफ न दै, हियाँ तक कि पिलातस फिर अचम्मो मानी गओ।
\p
\v 6 निस्तार-तेवहरके बेरा आदमीनको मागो एक जनी कैदीके उनके ताहीं पिलातस छोडत् रहए।
\v 7 बिद्रोहीके समयमे हत्या करन बारे बिद्रोही जेलमे रहएँ। हुवाँ मैसे बारब्बा नाउँको एक जनी हुवाँ रहए ।
\v 8 भीड़ आएगई और पिलातससे उनको चलन अनुसार बिनके ताहीं बिन्ती करन लागे।
\v 9 पिलातस अईसे करके उन्से पुँछी, “का मए तुमर ताहीं यहूदीनको राजाके छोड देमओ करके तुम चाहत हौ?”
\v 10 काहेकी दिक्क के मारे से मुखिया पुजारीनके ठिन येशूके सौंपी रहएँ, करके बाके पता रहए ।
\v 11 पर बलुक बारब्बाके उनके ताहीं छोडदेबै करके मुखिया पुजारी उनके सिखाई
\v 12 पिलातस फिर उन्से पुँछी, “तव जौनके तुम यहुदीनके राजा कहत हौ, बाके मए का करओं?”
\p
\v 13 बे फिर चिल्लाइँ, “बाके क्रुसमे टाँगौं।”
\p
\v 14 पिलातस उन्से कहि, “काहे? बा का अपराध करी हए?” तव और जोड्से चिल्लाएके बासे कहिं, “बाके क्रुसमे टाँगौ ।"
\v 15 पर पिलातस भीड़के सन्तुष्ट करन इच्छा से उनके ताहीं बारब्बाके छोड्दै, और बा येशूके कोर्रा लगाएके क्रुसमे टाँगनके ताहीं सौंपदै।
\p
\v 16 सिपईया बाके प्रेटोरियन औ महल भितर लैगए, और जम्मा पल्टनके इकट्ठा कराईं ।
\v 17 और बे बाके बैगनी (सुरमाहों) रङ्गको लत्ता पैंधाएदैं, और काँटोको मुकुट बे बाके मुड़मे लगाए दैं ।
\v 18 “और “यहूदीनको राजाको जय" कहत् बे खिल्ली उडान लागे।
\v 19 और बे बाके मुड़मे निगाली मारीं और थुँकी, और घुप्टा हुइके बाके दण्डवत् करीं ।
\v 20 और येशूके गिल्ला करके पिच्छु बे बैगनी (सुरमाहों) लत्ता खोलदैं, और बाको अपनो लत्ता लागएदैं। तव पिच्छु बे बाके क्रुसमे टाँगन बाहिर लैगए ।
\p
\v 21 और अलेक्जेन्डर और रुफसक दौवा, कुरेनी बासिन्दा सिमोनके गाउँसे आत बाके भेटीं, और येशूके क्रुस ऊठाएके लैजान बाके कर लगाइँ।
\v 22 तव पिच्छु बे येशूके गलगथा कहन बारो ठाउँमे ल्याइँ । गलगथा नाउँको अर्थ खोपडीको ठाउँ हए ।
\v 23 और बे बाके मुर्र मिलो दाखमध दैं। तव बा ग्रहण न करी ।
\v 24 बे बाके क्रुसमे टाँगी। और कौन्छो हिस्सा लेमओ करके चिट्टा डारके बाके लत्ता आपसमे बाँटी।
\p
\v 25 बे बाके क्रुसमे टाँगत् सुबेरेको नौ बजो रहए ।
\v 26 “बाको दोष-पत्रमे “यहुदीको राजा" कहिके लिखो रहए।"
\v 27 बे बाके सँग दुई जनी डाँकु क्रुसमे टाँगीं-एक दहिना घेन और दुसरो बाके दिबरा घेन ।
\v 28 धर्मशास्त्रको वचन आइसिय पुरो भव, “बा अपराधीन सँग गिनो।”
\v 29 हुँवासे जान बारे आदमी अपन मुँड़ हलात अइसी करके बासे कहिके गिल्ला करिं, “बा त मन्दिर उजाडके तीन दिनमे बनान बारो,
\v 30 क्रुससे उतरके आएजा, और अपनैक बचा।”
\p
\v 31 उइसी करके मुखिया पुजारी फिर शास्त्रीसे अईसो कहतय आपसमे बाको ठट्टा करीं, “जा औरनके बचाई, पर अपनएके न बचाए पातहए ।
\v 32 जा इस्राएलको राजा ख्रीष्ट, अब क्रुससे उतरके आबए, और हम देखेहएँ और विश्‍बास करङ्गे।” बाकेसंग क्रुसमे टँगे भए फिर बाको निन्दा करीं।
\p
\v 33 बाहृ बजेसे लैके तीन बजे तक पुरो देशमे अन्धयारो छै गओ।
\v 34 तीन बजे घेन येशू जोडसे चिल्लाई, “इलोई, इलोई लामा सबखथनी?” जाको अर्थ हए, “हे मेरो परमेश्‍वर, हे मेरो परमेश्‍वर तुम मोके काहे छोड्दए?”
\p
\v 35 आसपास ठाड़न बारे मैसे कोई कोई जा सुनके कहीं, “सुनओ, बा एलिया के बुलात हए।”
\p
\v 36 और एक जनी दौडके गव एक सोकता के सिर्का (रसा) मे पुरा डुबाएके एक निगालीमे अइसे कहिके बाके पिन दैं, “देखौ, कहुँ एलिया बाके उतारन आतहए कि ।"
\v 37 तव येशू गजब जोडसे चिल्लाए के प्राण छोड दै ।
\v 38 और मन्दिरको पर्दा ऊपर से लैके तरे तक दुई खण्डा हुइके फटिगओ।
\p
\v 39 येशू अइसो प्राण छोडी देखके बाके ठिन ठाड़ो भव कप्तान कही, “नेहत्य जा आदमी परमेश्‍वरको पुत्र रहए ।"
\v 40 हुँवा दुरसे देखनबारी बैयर फिर रहएँ। बे मैसे मरियम मग्दलिनी और छोटो याकुब और योसेफकी अईया मरियम और सलोमी रहएँ ।
\v 41 बा गालिलमे रहए तव बे बाके पिच्छु चलत रहएँ, और बक सेवा सत्कार करत रहएँ। येशूक सँग यरुशलेममे आई भई बहुत बैयर फिर हुँवा रहएँ।
\p
\v 42 तयारीको दिन, औ शबाथ-दिनके अग्गु को दिन, सँझा होत रहए ।
\v 43 महासभाके माने भए सदस्य अरिमाथियाक योसेफ, जौन परमेश्‍वरको राजको डगर देखत रहए, बा हिम्मत से पिलातस ठिन जाएके येशूकी लहास मागीं ।
\v 44 येशू अग्गु से मरिगव हए करके सुन्तय पिलातस अचम्मो मानी । और कप्तान के अपन ठिन बुलाएके बा मरो हए कि ना कहिके सोधपुछ करी।
\v 45 बा मरीगओ हय कहिके कप्तानसे पता पाएके पिच्छु पिलातस येशुको लास योसेफके लैजानके अनुमति दै ।
\v 46 और योसेफ मलमलको कपडा किनी, और लास तरे उतारके कपडामे लपेंटी, और पत्थरमे भारबनो एक गड्डामे धरीं। तव पिच्छु गड्डाके मोखो (मोहट्) मे बे एक पत्थर धरदैं ।
\v 47 मरियम मग्दलिनी और योसेफकी अईया मरियम बाके धरो भव ठाउँ देखन डटी रहएँ।
\c 16
\cl अध्याय १६
\p
\v 1 शबाथ-दिन खतम हुइके पिच्छु मरियम मग्दलिनी और याकुबकी अईया मरियम और सलोमी महकन बारो मलम येशूके शरीरमे लगान ताहीं मोल लईं ।
\v 2 हप्ताको पहिलो दिनमे सुबेरे घामु निकरत् बे येशूके शर् मे पुगिंगईं |
\v 3 और बे आपसमे कहीं, “हमर ताहीं कब्रको मोखो (मोहट्) को पत्थर कौन हटाए देबाए?”
\v 4 और उपर देखिं तव कब्र को गड्डा से बा पत्थर हटो देखीं । और बा पत्थर बहुत भारी रहए।
\p
\v 5 और गड्डा भितर बे सेतो कुर्त्ता लगाओ भव एक आदमीके दहिना घेन बैठो देखिं, और बे अचम्मो हुइगई ।
\v 6 पर बा उन्से कही, “अचम्मो मत मानओ । तुम नासरतको येशूके ढुणत हौ जो क्रुसमे टँगो रहए। बा जिन्दा हुइके उठिगओ हय बा हियाँ न हय। बाके धरो भव ठाउँ देखओ ।
\v 7 जाओ और बाके चेलनके और पत्रुस से कहीदेओ कि बा तुमरे अग्गु अग्गु गालीलमे जाए रहो हए। बा तुमसे कहो अनुसार तुम बाके हुवाँ दिख हौ।
\v 8 बे निकरके शर् ठिनसे दौडीं काहेकि डर औ अचम्मोसे बे थरथरान डटिरहएँ और बे कोईसे कछु न कहिं काहेकि बे डरानी रहएँ ।
\p
\v 9 हप्ताको शुरु दिनके सुबेरे बा जिन्दा हुइके पिच्छु बा पहिले मरियम मग्दलिनी ठिन दिखानो बक् मैसे येशू सात भुत निकारी रहए ।
\v 10 मरियम जाएके चेलनके जा खबर दै। बे बिल्काए बिल्काए रोत रहएँ ।
\v 11 पर जब येशू जिन्दा हुइगओ और मरियमके ठिन दिखानो कहिके जा बात बे सुनी, तव बे न पतियाने।
\v 12 तव पिच्छु दुई चेला गाउँ घेन जात पेती उनके ठिन बा दुसरो रुपमे दिखाई पडो ।
\v 13 तव बे लौटके जाईके औरन के बताईं। पर बे उनके उपर फिर बिश्‍बास न करीं।
\v 14 पिच्छु बा एघार चेलन ठिन बे खानुखान बेरा बैठो देखानो। और उनको अविश्‍बास और हृदयको कठोरताके कारन बा उनके डाँटी। काहेकि बा मरके जिन्दा हुइके उठीगओ करके बाके देखन बारेन कि बातमे बे विश्‍बास न करि रहएँ ।
\p
\v 15 और बा उनसे कही, “सारा संसारमे जाएके सारा सृष्टिके सुसमाचार प्रचार करौ ।
\v 16 विश्‍बास करन बारो और बप्तिस्मा लेन बारो उध्दार पयहए, पर विश्‍बास न करन बारो दोषी ठहरैगो।
\v 17 विश्‍बास करन बारेन सँग जे चिन्ह हुईहएँ।-मिर नाउँमे बे भुत भजामङ्गे, बे नयाँ भाषामे बोलङ्गे ।
\v 18 बे साँप पकड़ङ्गे और कुई बिषालु चिज पिहएँ तहुँ कुई उनके नोकसानी न करेहए बे रोगिनके उपर अपन हात धरङ्गे और बे अच्छे हुईजय हयँ।
\p
\v 19 तव अईसी उनसे मसक्के पिच्छु प्रभु येशू स्वर्गमे चलोगऔ, और परमेश्‍वरको दहिना हातघेन बईठगओ ।
\v 20 और बे चेला जाएके सब ठाउँमे प्रचार करीं। प्रभु उनके सँगमे काम करत रहो, और चिन्हन से वचनके मज्बुत करत गओ। आमेन।

86
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\h पत्रुसको दोस्रो चिठ्ठी
\toc1 पत्रुसको दोस्रो चिठ्ठी
\toc2 पत्रुसको दोस्रो चिठ्ठी
\toc3 2pe
\mt पत्रुसको दोस्रो चिठ्ठी
\c 1
\cl अध्याय 1
\p
\v 1 येशू ख्रीष्टको दास और प्रेरित सिमोन पत्रुससे, और हमर परमेश्‍वर और मुक्तिदाता येशू ख्रीष्टको धार्मिकतामे हमर जैसो अनमोल विश्‍वास पान बारेनके,
\v 2 परमेश्‍वर और येशू हमरो प्रभुको ज्ञानमे अनुग्रह और शान्ति तुमरमे प्रसस्तसे होतजबए ।
\p
\v 3 अपन महिमा और श्रेष्ठतासे हमके बुलान बारो हमके चिनोके बजेसे परमेश्‍वरको ईश्‍वरीय शक्तिसे जीवन और भक्तिनके ताहिँ हमके चाहन बारो हरेक चीज बा देतहए ।
\v 4 जहे से हमके बाको अनमोल और महान बादा करी हए, कि जा संसारको खराब इच्छासे आनबारो भ्रष्टतासे भाजके तुम इश्‍वरीय स्वभावमे सहभागी होबओ ।
\p
\v 5 जहेमारे सब किसिमको कोसीस् से तुमर विश्‍वासमे सद्गुण और सद्गुणमे ज्ञान थपौ,
\v 6 ज्ञानमे आत्मसंयम, आत्मसंयममे धैर्य, धैर्यमे भक्ति,
\v 7 भक्तिमे भाइचारा, भाइचारामे प्रेम थपौ ।
\v 8 कहेकी जे बात तुमरमे प्रशस्त हए कहेसे हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको ज्ञानमे जे बात तुमके बेकाम और फेल होनसे बचए हए ।
\v 9 कहेकी जे बातमे कमी भव आदमी त पुराने पापसे शुध्द भव बात भुलके अँन्धा और दुरकी बात न देखन बारो जैसो होतहए ।
\v 10 जहेमारे भैयओ, तुमरो बुलावट और चुनाओ के पक्को करके और जोसिलो होबओ, कहेकी जे चीज करन से तुम कबहू ना गिरैगे ।
\v 11 कहेकी अइसी हमर प्रभु मुक्तिदाता येशू ख्रीष्टको अनन्त राज्यभितर तुमरो भव्य स्वागतके संग प्रवेश मिलैगो ।
\p
\v 12 जहेमारे जे बात तुमके मए हरदिन सम्झात हओ, अगर तुम जे सब जनतहओ, और तुममे भव सत्यतामे तुम पक्के हौ ।
\v 13 जब तक मए जा शरीरमे हओ, तुमके याद करतए सचेत करन मए ठीक सम्झो ।
\v 14 कहेकी मए जनत हौ, हमर प्रभु येशू ख्रीष्ट मोके दिखाए दैहए कि मेरो जा शरीर छोणनको बेरा जौने अएगव हए ।
\v 15 मिर मृत्युके पिछु फिर तुम जे बात कोइ फिर समयमे सम्झ सकौ, कहिके मए प्रयास करङ्गो ।
\p
\v 16 कहेकी हम तुमके हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको महाशक्ति और आनको समाचार देत खराब बातसे रचे भए दन्त्यकथा कहानीके हम अनुकरण ना करे, पर बाको शक्ती प्रत्यक्ष देखन् बारे हम साक्षी हए ।
\v 17 बा परमेश्‍वर पितासे आदर और महिमा पाइ हए, जब बा तेजस्वी महिमासे एक वाणी निकरी, “जा मिर प्रिय पुत्र हए, जौनसे मए बहुत खुशी हओ ।”
\v 18 बा पवित्र डाँगामे हम बाके संग होत स्वर्गसे आओ बा वाणी हम अपनए सुने रहए ।
\v 19 हमरे संग भए अगमवक्तानको वचन और पक्को भव हए । भुक्भुको उजियारो ना होन तक और तुमरो ह्रदयमे सुबेरेको तारा ना निकरन तक अन्धकारमे पज्रो भव दिया कता तुम जा वचनके ध्यान देहौ तव अच्छो करेहओ ।
\v 20 सबसे पहिले त जा सम्झन पणैगो, कि पवित्र धर्मशास्त्रको कोइ अगमवाणी आदमीनको अपनी व्यक्तिगत व्याख्याके बारेमे नाहए ।
\v 21 कहेकी आदमीको इच्छासे कोइ अगमवाणी नाअई, पर पवित्र आत्मासे प्रेरणा पाएके आदमी परमेश्‍वरके घेनसे बोलिँ हए ।
\c 2
\cl अध्याय 2
\p
\v 1 जैसी इस्राएलीनके बीचमे झुठे अगमवक्ता फिर रहए, उइसी तुमर बीचमे झुठे शिक्षक ठाणे हुइहए । बे गुप्त रुपसे विनाशकारी झुठे शिक्षा लयहए, हियाँ तक कि बे उध्दार करनबारो स्वामीके फिर बे इन्कार करहए, और अपने उपर जल्दी बिनाश लयहए ।
\v 2 और बहुत जनी बिनको विलासीको स्वभाबके अनुकरण करहए, और बिनके बजेसे सत्यके डगर कि बदनामी हुइहए ।
\v 3 लोभके वशमे पणके बे झुठी बात बानएके तुमसे फाइदा उठामङ्गे, बिनको दण्ड अग्गुसे पक्का हुइगव हए, और बिनको विनाशकी बात जिन्दा हए ।
\p
\v 4 काहेकी प्रमेश्‍वर पाप करन बारे स्वर्ग दुतनके फिर ना छोणी, पर बिनके नरकमे फेकदै, और न्यायके दिनके ताहिँ पातालके अन्धकारमे कैद करके धरे हए ।
\v 5 बा प्रचीन संसारके बाँकी ना राखि, पर भक्तिहीनताके संसारमे जलप्रलय करत धार्मिकताको प्रचारक नोआ और सात जनीनके सुरक्षा करी ।
\v 6 बा सदोम और गमोरा शहेरनके भसम् करके बिनको नामनिसाना समेत मिटाए दै, और भक्तिहीनके अग्गु बिनके एक उदारहण बनाइ ।
\v 7 बा दुष्टनके कमुकतासे (व्याभिचारसे) बहुत दु: खी भव धर्मि लोतके बचाई ।
\v 8 {बे आदमीनके बीचमे बैठ्त, और दिन प्रतिदिन बिनके गलत कुकर्म देख्त सुन्त, बिनको धार्मिक आत्मामे व्याकुल होतरहए| ।}
\v 9 अइसी भग्तनके परीक्षासे बचान और भक्तिहिननके न्यायके दिनतक दण्डके ताही पकणके धरन प्रभु जनत हए ।,
\v 10 विशेष करके बिनके, जो अशुध्द करन बारे कामवासनामे डुबेरहतहए, और अधिकारको अवहेलना करत हए । जे हठी और अहकंरी होतहए, और स्वर्गीय प्राणीको निन्दा करन ना डरात हए ।
\v 11 पर स्वर्गदुत शक्ति और सामर्थ्यमे सबसे बणो होनसे फिर ताहु प्रभुके अग्गु बे प्राणीके निन्दापूर्ण दोष ना लगात हए ।
\v 12 पर जे आदमी अपनए ना सम्झी बातके निन्दा करत हए । जे विवेकहीन जनावर जैसे हए, और स्वाभाविक इच्छाके वशमे रहत हए । जे पकणके मरनके ताही जन्मे जैसे हए, और जे पशु जैसे नष्ट हुइहए ।
\v 13 अपनो करो खराबीके ताहिँ अपनए फिर खराबी भोगङ्गे, दिनमे भोग-विलासमे मग्‍न राहन ताहि जे खुशीको बात मानत हए । जे दागलागे भएऔर खोंटे सिक्का जैसे हए, और तुमरे संग भोजमे बैठत् जे बेढ़म खतपित मौज मस्तीमे मग्‍न रहत् हए ।
\v 14 बिनकी आँखी व्यभिचारसे भरिहए, और जित्तो पाप करत फिर बे ना घबणात हए । बे चंञ्‍चल मन भएनके फुल्सात हए । बिनके ह्रदय लोभमे तालीम पाए हए । बे श्रापितके सन्तान हए ।
\v 15 बे सिधि डगर छोणके बे कुकर्ममे लागे हए । अर्धमको कामको मजुरिलेन मन पणान बारे बओरको लौणा बालामके पिछु बे लागे हए ।
\v 16 बे अपन अपराधके ताहिँ हप्की पाई रहए- गुँगो गधह आदमीके बोलीमे बा अगमवक्ताको पागलपनाके रोकदै रहए| ।
\p
\v 17 बे पानी ना भए चोहा हए, जेआँधीसे उणान बारो धुवाँ जैसे हए । बिनके ताहिँ पातालको अन्धकार धरो पणो हए ।
\v 18 बे मूर्खतापूर्ण बणि-बणि घमण्डकी बात करत हए, और कु डगर से भाजके आए भएनके शरीरको मौजमस्तीके कामवासनाके बातमे फसात हए ।
\v 19 बिनके स्वतन्त्र करदेनको बादा करत् हए, पर बे अपनए भ्रष्टताके कमैया हए, काहेकी जौन चीज कोइके आदमीके जितत् हए बा चीजको बा कमैया बनाजात हए ।
\v 20 अगर बे हमर प्रभु और मुक्तिदाता येशू ख्रीष्टके चिनके फिर संसारको दूषित करनबारी चीजसे भाजके पिछु फिरसे बहे पापमे घुमत हए कहेसे बाको अवस्था अग्गुसे और खराब होतहए ।
\v 21 धार्मिकताको डगरके जानके बिनके दओ भओ पवित्र अज्ञासे घुमके आनसे त बे धार्मिकताको डगरके ना जानन् अच्छो हुइतो ।
\v 22 बिनके ताही जा काहानी सत्य हए, “कुत्ता अपन उल्टीमे घुमके आतहए,” और हदानो सोरा किचमे घुमके आत हए ।”
\c 3
\cl अध्याय 3
\p
\v 1 प्रिय, तुमके लिखो जा मेरो दोस्रो पत्र हए, और दोनो पत्रमे कित्तो बातको याद दिलाएके तुमके निष्कपट मनके उत्साहित करो हौ,
\v 2 कि पवित्र अगमवक्तानके अगमवाणी और तुमरे प्रेरितनसे दओ प्रभु और मुक्तिदाताको आज्ञाके तुम सम्झओ ।
\p
\v 3 सबसे पहिले तुम जा जानओ, कि अन्तीम दिनमे गिल्ला करन बारे गिल्ला करत, बे अपने अभिलाषामे अइसे कहत अमङ्गे, ।
\v 4 “बाको आगमनको प्रतिज्ञा कहाँ गव? काहेकी पिता-पुर्खा मरभए दिनसे सब बात सृष्टिको सुरुसे चलेआओ जैसो आज फिर उइसीए हए ।"
\v 5 जान-बुझके फिर बे जा बातको वास्ता ना करत् हए, कि परमेश्‍वरको वचनसे स्वर्ग अग्गुसे रहए, और पृथ्बी त पानीसे और पानीद्वारा बनो ।
\v 6 बहे पानीसे बा समयको संसार जलप्रलयसे डुबके नष्ट भए ।
\v 7 तव बहे वचनसे भक्तिहीन आदमीको इन्साफ और बिनाशको दिनके ताहिँ अबाएको आकाश और पृथ्बी आगीके ताहिँ समरो धरो हए ।
\v 8 पर प्रिय तुम, जा एक बात मत भुलओ, कि प्रभुके ताहिँ एक दिन हजार वर्ष कता और हजार वर्ष एक दिन कता हए |
\v 9 अपन प्रतिज्ञाके बारेमे प्रभु ढिलो ना करत हए, पर कोइ फिर नष्ट ना होमए, पर सब जनी पश्‍चाताप करए कहिके इच्छा करके प्रभु तुमरे प्रति धैर्यवान हए ।
\v 10 पर प्रभुके दिन त चोर जैसो करके आबैगो, जौनमे आकाश त बणो आवाजके संग बितके जए हए, तत्व आगीके लप्टसे पिग्ल जयहँए, और पृथ्बी और बामे भए सब चीज भस्म हुइहए ।औ जामए भए काम प्रघट हुइ हए ।
\p
\v 11 जा सब बात अइसी पिघ्लैगो कहिके जानके पवित्रता और भक्तिको जीवनमे तुम कैसो किसिमको आदमी होन पणैगो? तुमके र्धमीऔर पवित्र जिवन जिन पणैगो ।
\v 12 तुमके जल्दी परमेश्‍वरके आनको आसा करन पणत हए । बा दिन आकाश आगिकेद्वारा खतम करे जामङ्गे और तत्वके तेज घामु के तापसे पिगलङ्गी ।
\v 13 पर बाके प्रतिज्ञाके जैसो हम नयाँ स्वर्ग और नयाँ पृथ्बीको डगर देख्त हँए, जौनमे धार्मिकता वास करत हए ।
\p
\v 14 जहेमारे प्रिय हो, तुम जा बातको प्रतिक्षा करनके बजेसे, बाके दृष्टीमे तुम दाग वा खोट ना भए और शान्तिमे बैठनको प्रयस करओ ।
\v 15 हमर प्रभुको धैर्यके मुक्ति मनाके जैसो हमर प्रिय भैया पावल फिर उनके दै भइ ज्ञान जैसो तुमके जहे बात लिखी ।
\v 16 उनके सब चिठ्ठीनमे फिर जे बात लिखि हए, बिनमे कोइ-कोइ बात सम्झनके कठिन हए, और अशिक्षित और चञ्‍चल आदमी जा बातके और धर्मशास्त्रनके बे बचनके गलतअर्थ लगात, अपनो विनाश लामङ्गे ।
\v 17 जहेमारे प्रियहो, तुम जा बातके जानन् के बजैसे अपने आपके सुरक्षासे धरओ, ताकी व्यवस्था ना जानन् बारे आदमीको छलसे तुम अपने आपके दुर मत लैजाओ, और तुम अपने विश्‍वासके मत गुमाओ ।
\v 18 पर हमर प्रभु और मुक्तिदाता येशू ख्रीष्टको अनुग्रह और ज्ञानमे बढत् जाओ । बाके अभए और सदामान महिमा होबए! आमेन|

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\id 1JN
\ide UTF-8
\h युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\toc1 युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\toc2 युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\toc3 1jn
\mt युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\c 1
\cl अध्याय 1
\p
\v 1 जीवनको जा वचनके बारेमे, जो सुरुसे रहए जो हम सुने हए, जो हमर आखीसे देखे और हातसे छोए,
\v 2 बा जीवन प्रकट भव, और हम देखे, और हम गवाही देत हए और तुमके बा अनन्त जीवनको सन्देश शुनात हए, जो पिता सग रहए, और हमरे ठिन प्रकट भव,
\v 3 हम जो देखे और सुने हए, सो हम तुमके सुनात हए, ताकी हमर सग तुमर सँगती होवए । हमर सँगती पिता और बाको पुत्र येशु ख्रिष्ट सँग हए ।
\v 4 हम जा बात जा कारण से लिखेहए, कि हमर आनन्द पुरो होबए ।
\p
\v 5 जौन सँन्देश हम तुमसे सुने और बा हम तुमके सुनात हए, बा बहे हए, कि परमेश्वर ज्योती हए, और बामे कतै अध्यारो नाहए ।
\v 6 अगर बाकेसँग हमर सँगती हए कहिके हम काहत हए और अन्धकारमे नेगत हए, तव हम झुठ बोलत हए और सत्यमे नचलत हए ।
\v 7 पर वा जैसो ज्योतीमे हए उइसिए हम ज्योतीमे चलत हए तव एक दुसरे से हमर सँगती होत हए, और बाको पुत्र येशुको खुनसे हमके सब पापसे सुध्द करत हए ।
\v 8 अगर हममे पाप नाहए कहेके हम काहत हए तवहम अपने आपके धोका देत हए, और हममे सत्य नाहए ।
\v 9 अगर हम अपने पाप के स्वीकार करङ्गे तव हमर पापके क्षमा करैगो और सबै अर्धमसे हमके शुध्‍द कर देबैगो, काहेकी बा बिश्‍वास योग्यऔर धर्मी हए ।
\v 10 अगर हम पाप ना करे हए कहेसे हम काहत हए तव हम झुठ बोलत हए और बाको बचन हम मे नाहए ।
\c 2
\cl अध्याय २
\p
\v 1 मेरे छोटे बालकौ, तुम पाप मत करऔ जा बात मै लिखत हओ । पर कोइ आदमी पाप करलै है, तौ भी हमर ताही पितासँग हमर पक्षमे बोलन ताही एक जनी हए, औ धर्मी येशू ख्रीष्ट ।
\v 2 बा हमर पापके ताहि प्रायश्‍चीत हए, और हमर ताही इकल्लो ना, पर सारे संसारके पापके ताही फिर ।
\p
\v 3 अगर हम बाको आज्ञाके पालन करत हए, तव जहेमे हम जानत है कि हम बाके चिनत हए ।
\v 4 जैन मै बाके चिनत हओ काहत है, पर बक आज्ञाके उलङ्गन करत हए, कहेसे बा झुटो हए, और बामे सत्य ना होत हए ।
\v 5 पर जैन बक बचनके पालन करत है, बा मे परमेश्‍वार घेनको प्रेमसे नेहत्य शिद्ध भौ हए । हम बामे हए, कहेसे जहेसे पता चलत हए ।
\v 6 परमेश्‍वरमे हओ कहेन बारे आदमी अपनैके येशू ख्रीष्ट के जैसो चलन पड़त हए ।
\p
\v 7 प्रिय मै तुमके नयाँ आज्ञा ना, पर बहैए पुरानो आज्ञा लिखत हओ, जो सुरुसे ही तुमर सँग रहए, जा पुरानो आज्ञा तुमर सुनोभव बचन हए ।
\v 8 तहु फिर एक नयाँ आज्ञा मै तुमके लिखत हव जोबामे और तुममे सच्चो हैए, काहेकी अन्धकार बितरहोहए और सच्चो ज्योती अग्गु चमक रहोहए ।
\v 9 जौन मए ज्योतीमे हव कहीके काहत है और अपने भैयाके अच्छो ना मानत है तै बा अभए फिर अन्धकारमे हए ।
\v 10 जौन अपने भौइयाके प्यार करत हए बा ज्योतीमे राहत हए और बामे ठक्करको कारन ना होतहए ।
\v 11 पर जौन अपन भौइयाके अच्छो ना मानत है बा अन्धकारमे हए ।और अध्यारो मे नेगत हए । और मए काहं जाएरहो हओ बाके पता ना चलत हए । काहेकी अंध्यारो बाके अंधरा बनाए देत हए ।
\p
\v 12 मेरे छोटे बच्चा मए तुमके लिखत हओ, काहेकी येशू ख्रीष्टके नाऊँके बजेसे तुम्के पाप क्षमा भओ हए ।
\v 13 पिता मए तुमके लीखत हओ, काहकी सुरुसे जो रहए बाके तुम चिनत हओ । जवान, मए तुमके लिखत हओ, काहेकी तुम दुष्टके जिते हओ । मिर छोटे छोटे लौडीया, मए तुमके लिखत हव, काहेकी तुम पिताके चिनत हव।
\v 14 पिता, मए तुमके लिखत हव, काहेकी सुरुसे जो रहए बाके तुम चिनत हव । हे जवान मए तुमके लिखत हव, काहेकी तुम तागत बारे हव, और परमेश्वरको वचन तुम्मे राहत हए, और तुम दुष्टके जितलए हव ।
\p
\v 15 संसारके और संसारमे भए कोइ चिजके प्यार मत करऔ। अगर कोइ आदमी संसारके प्यार करत हए तौ बामे पिताको प्यार नाहोथहए ।
\v 16 काहेकी ससारमे भए सबए चीज औ शरीरको अभिलाषा, आँखीको अभिलाषा, जीवनको शेखी पितासे ना आओ, बल्की ससारसे आओ हए ।
\v 17 संसार बित जए हए और बाको अभिलाषा फीर बितजएहए, पर परमेश्‍वरको इच्छा पुरो करन बारे सदाके ताही राहामङ्गे ।
\p
\v 18 छोटे- छोटे लौडा लौडीया आखिरी घडीमे ख्रिष्ट विरोधी आए रहेहए तुम सुन्लएहव अब बहुत ख्रिष्ट विरोधी आएगए हए, जाके मारे हम जानत हए कि, जा आखिरी घडी हए ।
\v 19 बेए हमसे निकरके गएहए, काहेकी वेए हमरे नारहए अगर वेए हमरे होते तव वेए हमर संग रहेते । पर वेए सबए हमरे ना रहए जा बातके प्रकट करन ताहीँ वेए हमसे निकरके गए ।
\v 20 पर तुमरो अभिषेक महापवित्रसे भव हए और तुम सबए सत्यके जानत हव ।
\v 21 तुम सत्य के नजान्थओ कहीके मए नालिखो हव पर कोइ फिर झुट सत्यसे ना आतहए कहिके तुम जानत हव तभइ मए लिखो हव ।
\v 22 झुटो कौन हए? झुटो बा हए, जौन येशु ही ख्रिष्टकहिके इन्कार करतहए । पिता और पुत्रके इन्कार करन बारो ही, ख्रिष्ट विरोधी हए ।
\v 23 पुत्रके इन्कार करन बारो कोइ भी आदमीमे पिता नाहए । जौन पुत्रके स्वीकार करत हए, बाके सँग पिता हए ।
\v 24 जो बात तुम सुरुसे सुने हव, बा तुममे रहिराहाबए । अगर सुरुसे ही सुनिभइ बात तुमरमे रहो तओ तुम पुत्र और पितामे राहाबएगे ।
\v 25 बा हमसे जो प्रतिज्ञा करी बाअनन्त जीवन हए ।
\p
\v 26 तुमके छल करनबारेनके ताही जा बात मए लिखदौहोहव ।
\v 27 बासे पाव भव अभिषेक तुमके सबए बात के बारेमे सिकाथहए । और बा अभिषेक सत्य हए बा बनावटी नाहए। जा अभिषेक जो सिकात है, बा सत्य हए, बा झुटो ना हए । जहए जैसो ख्रिष्टमे बने राहावओ।
\p
\v 28 छोटे बच्चव बामे बने रहावओ ताकी बा प्रकट होबए तव तुमके हिम्मत मिलए और बाके आनमे बाके अग्गु हमे सरमान ना पणए ।
\v 29 बा धर्मी हए कहिके जा बात तुम जानत हओ, जा तुमसे पक्को होबए, की धार्मीक काम करन बारे हरेक परमेश्‍वरसे जन्मे हए तुम जानत हओ ।
\c 3
\cl अध्याय ३
\p
\v 1 देखओ, पिता हमके कैसो प्रकारको प्यार करी हए, कि हम परमेश्‍वरको सन्तान कहिलाए हए । और जा सच हए जहएकमारे त संसार हमके ना चिनत हए, काहेकी बे बाके ना चिनी ।
\v 2 प्रिय हबए हम परमेश्वरके सन्तान हए, और हम का हुइहए सो हबे प्रकट ना भव हए इतकए जानत हए, कि जब बा प्रकट हुइहए, तब हम बाके जैसो होइहए । काहेकी बा जैसो हुइहए हम बाके उइसी दिख्हए ।
\v 3 और बा जैसो पवित्र हए, बाके उपर जा आज्ञा धरनबारे हरेक आदमी अपने आपके पवित्र करतहए ।
\v 4 पाप करनबारे व्यवस्था भङ्ग करत हए ।
\v 5 पापहरण करन ताही बा प्रकट भओ रहए, जा बातके तुम जान्थओ। और बामे कोइ पाप नाहए ।
\v 6 बामे रहेन बारे कोइ पाप ना करतहए, पाप करन बारे कोइ भी नता बाके देखी हए ना चिनत हए ।
\v 7 छोटे बच्चव कोइ आदमी तुमके छलन नापाबए । जौन धर्मिकतामे चलतहए, बा धर्मी हए, जैसी बा धर्मी हए।
\v 8 जौन पाप कर्थए बा दियाबलस् हए । काहेकी दियावलस् त सुरुसे पाप करत आओ हए । दियावलसको काम खतम करनके परमेश्‍वरको लौणा प्रकट भव हए ।
\v 9 परमेश्‍वरसे जन्मो कोइ फिर पाप नाकरत राहाथए, काहेकी बाको स्वभाब बामे होथए और बा पाप करत ना राहथए, काहेकी बा परमेश्वरसे जन्मो हए ।
\v 10 परमेश्‍वरको सन्तान कौन हए और दियाबलस को सन्तान कौन हए जहएसे खास करके पता चलतहए जौन धर्मिकतामे नाचलत हए । और बा आदमी परमेश्‍वरको ना है जो अपने दादा भइयनके प्यार ना करतहए ।
\p
\v 11 तुम सुरुसे सुनोभओ सन्देश जहए हए,” हमके एक दुस्रेसे प्यार करन पणंत हए।
\v 12 कैइन जैसो मत होओ, जौन शैतानको रहए । बा अपने भइयाक हत्या करि । बा अपने भइयाक हत्या काहे करी? काहेकी बक शैतानीक काम रहए । और बाको भइयाको काम धार्मीक रहए ।
\v 13 भइया रेओ संसार तुमके घृणा करत हए अचम्मो मत मानओ ।
\v 14 हम जानत हए, कि हम मृत्युसे पार हुइके जीवनमे पहुच गए हए । काहेकी हम अपने दादा भइयनके प्यार करतहए । जौन प्यार ना करत हए बा मृत्युमे राहाथए ।
\v 15 अपनी दादा भइयानके घृणा करनबारे हरेक हत्यारे हए और कोइ हत्यारनके संग सदा (अनन्त) जीवन नाहोथहए काहेकि जा बात तुनके पतए हए ।
\v 16 जहएकारणसे प्यार का हए हमे पता चलत हए, कि बा हमर ताहि अपनो ज्यानके दएदई हमे फिर अपने दादा भइयानके ताहिँ अपनो ज्यान देन पणत हए ।
\v 17 कोइके झौने संसारको धन सम्पती है, तहु फिर अपने दादा भइयनके समस्या पडो मे देखत हए, तहु फिर अपनो मनके कठोर करत हए तब परमेश्‍वरको प्यार कैसे बामे राहावएगो ।
\v 18 मेरे छोटे वच्चओ वचन और बोलीसे इकल्लो हम प्यार नाकरए पर काम और सत्यतासे प्यार करए ।
\p
\v 19 जहएसे हम जान सकतहए की हम सत्यके हए, और अइसिए हम बाके अग्गु अपने ह्रदयमे हिम्मत दएसक्थहए ।
\v 20 जब हमरे ह्रदय हमके दोस देथहए हम जानतहए परमेश्‍वर हमरो ह्रदयसे माहान हए । और बा सब बात जानत हए।
\v 21 प्रियओ, हमर ह्रदय हमके दोष नलगात हए तव परमेश्‍वरके अग्गु हमरो हिम्मत बढ्थहए ।
\v 22 और हम जो मागत हए सो बासे पात हए, काहेकी हम बाकी आज्ञापालन करत हए । और बाके मन पडनबारो काम करत हए ।
\v 23 और बाको आज्ञा जहय हए कि हम बाको पुत्र येशु ख्रिष्टके नाउँमे विश्‍वस करन पडो । और बा हमके आज्ञा दइ जैसे हम एक दुस्रेसेप्यार करन पडथहए ।
\v 24 बाको आज्ञापालन करनबारे सबए बामे रहेथहए और बा बिनमे राहाथहए । बा हमके दवभव पवित्र आत्मासे हम जानत हए । कि बा हमरेमे बास करतहए ।
\c 4
\cl अध्याय ४
\p
\v 1 प्रित हो जोकोइ आत्माके विश्‍वास मत करओ पर आत्मा परमेश्‍वरसे आय हऐं कि ना आय हऐं कहिके विनके जाँच करओ । काहेकी वाहुत झुटे अगम्वक्ता जा संसारसे निकरके आए हऐं।
\v 2 जेहेसे तुम परमेश्‍वरकी आत्माके जानएगे । हरेक आत्मा जौन येशु ख्रिष्ट शरीरमे आओ हय पहिले स्वीकार करत हए वा परमेश्‍वरसे हय ।
\v 3 येशु के स्वीकार ना करन वारे हरेक आत्मा परमेश्‍वरसे ना हय पर वा ख्रिष्ट विरोधी हए । जौनके बारेमे “बा आथहए” कहिके तुम सुने हव । अब बा जा संसारमे आएगव हए ।
\p
\v 4 मेरे छौटे बच्चओ, तुम ता परमेश्‍वरके हव और विनके उपर विजय हुइगए हव । काहेकी जो तुममे हए, वा संसारमे भएसे महान हए ।
\v 5 वे संसारके हए जहयकारनसे बे संसारकी बात कर्थहए और संसार बिनकी वात सुन्थहए ।
\v 6 हम त परमेश्‍वरके हए। जौन परमेश्‍वरके जानतहए बा हमरी वातके सुन्थहए, और जौन परमेश्‍वरको ना हए, बा हमरी वातके ना सुन्थहए । जहएसे हम सत्यकी आत्मा और भ्रमको आत्माके जानत हए ।
\p
\v 7 प्रिय हो हम एक दुसरेसे प्रेम करए, काहेकी प्रेम परमेश्‍वर हए। जौन प्रेम करत हए वा परमेश्‍वरसे जन्मो हए, और परमेश्‍वरके चिन्थहए ।
\v 8 प्रेम नाकरन वारे परमेश्‍वर ना चिन्थहए काहेकी परमेश्वर प्रेम हए ।
\v 9 परमेश्‍वरको प्रेम हमर विचमे अइसो प्रकट भओ, कि बा अपनो एक इकल्लो पुत्र के संसारमे पठाइ ताकी पुत्रसे हम जी सकए ।
\v 10 प्रेम जहएमे हए, कि हम परमेश्‍वरके प्रेम ना करे, पर बा हमसे प्रेम करी, और हमरे पापसे छुटकराके ताही अपने पुत्रके पठाई ।
\v 11 प्रिय अगर परमेश्‍वर हमसे अइसो प्रेम करी हए कहेसे, हमऊ फिर एक दुसरेसे प्रेम करए ।
\p
\v 12 परमेश्‍वरके कोइ कभइ ना देखी हए । अगर हम एक दुसरेसे प्रेम करङ्गे कहसे परमेश्‍वर हमारे भितर राहथहए, और वाको प्रेम हमारेमे पुरो होथहए ।
\v 13 बा हमके अपनी आत्मासे दइहए, र जहएकारनसे हम जानत हए कि हम विनमे राहथहए, और बा हममे राहथहए ।
\v 14 हम देखे हय, और गवाही देथए, कि पिता अपने पुत्रके संसारमे मुक्तीदाता होनके पठाई हय ।
\v 15 जौन येशुके परमेश्‍वरको पुत्र हय कहिके स्वीकार करथहए, बामे परमेश्‍वरमे राहथहए, और बा परमेश्‍वरमे ।
\v 16 अइसिए हमरे उपर भओ परमेश्‍वरको प्रेमके हम जानथहए और विश्‍वास कर्थहए । परमेश्‍वर प्रेम हए, जो प्रेममे राहत हए वा परमेश्‍वरमे राहत हए, और परमेश्‍वर बामे राहत हए ।
\v 17 न्यायके दीनके ताही हम पुरो भरोसा साथ बैठ सकए । काहेकी प्रेम जहएमे हमरे उपर पुरो होथहए । काहेकी बा जैसो हए हम फिर जा संसारमे उइसिए हए ।
\v 18 प्रेममे कोइ डर ना होथए पर सच्चो प्रेम डरके दुर हटाथए काहेकी डरको सम्बन्ध दन्ढसे हए । पर, जो डरातहए प्रेममे बा पुरो ना भव हए ।
\v 19 हम प्रेम करथए, काहेकी पहिले बा हमसे प्रेम करी ।
\v 20 अगर कोई “मए परमेश्‍वरके प्रेम करथहओ” काहत हए पर अपने भइयासे घृणा करथहए कहिसे बा झुटो हए, काहेकी अपनो देखो भइयासे प्रेम ना करन बारो ना देखो भव परमेश्‍वरके प्रेम कैसे करसक्थहए ।
\v 21 हम बासे जा आज्ञा पाए हए कि जौन परमेश्‍वरके प्रेम करथहए बा अपन भइयाके फिर प्रेम करत हए ।
\c 5
\cl अध्याय 5
\p
\v 1 येशु ही ख्रिष्ट हय कहिके विश्‍वास करनबारे हरेक परमेश्‍वरके बालक हए । जौन दउवाके प्रेम करत हए वा बाको लउडाके फिर प्रेम कर्थहए ।
\v 2 जब हम परमेश्‍वरके प्रेम कर्थहए, और बाको आज्ञापालन कर्थहए, जहएसे पता पातहए की हम परमेश्‍वरके सन्तानके प्रेम कर्थहए ।
\v 3 परमेश्‍वरको प्रेम जहए हए की हम वाको आज्ञाके पालन कर्थहए और वाको आज्ञा कठीन नाहए ।
\v 4 काहेकी परमेश्‍वरसे जन्मो भओ हरेक संसारके उपर विजय पाथहए । औ संसारके जिवनको विजय हमर विश्‍वास हय ।
\v 5 संसारके उपर विजय पान बारो कौन हय बहय हए जो येशु ख्रिष्ट परमेश्‍वेको पुत्र हय, कहिके विश्‍वास करन बारो ।
\p
\v 6 बा वहए हए जो पानी और खुनसे आओ भओ, और येशु ख्रिष्ट जो पानीसे इकल्लो नाए पर पानी और खुनसे आओ भओ हय ।
\v 7 गवाही देन बारो त पवित्र आत्माही हय काहेकी पवित्र आत्मा सत्य हय । काहेकी गवाही देन वारे तीन हय
\v 8 पवित्र आत्मा, पानी और खुन सबए बातमे जे सहमत हथए ।
\v 9 यदि हम आदमीको गवाही ग्रहण कर्थहए कहेसे परमेश्‍वरको गवाही कित्तो महान हय । काहेकी जहए परमेश्‍वरको गवाही हय जौन गवाही वा अपन पुत्रके विषयमे दइ हए ।
\v 10 जौन परमेश्‍वरके पुत्रमे विश्‍वास कर्थहए बाके ह्रदयमे जा बातको गवाही होथहए । परमेश्‍वरमे विश्‍वास ना करन बारे बाके झुटो बनाथहए । काहेकी परमेश्‍वर बाके पुत्रके बारेमे दयीभइ गवाहीमे बा विश्‍वास ना करत होथहए ।
\v 11 गवाही त जहए हय की परमेश्‍वर हमके अनन्त जीवन दै, और जा जीवन वाके पुत्रमे हय ।
\v 12 जौनकेसंग पुत्र हय, बाकेसंग जीवन हय, जौनकेसंग परमेश्‍वरको पुत्र नाहए, वाकेसंग जीवन नाहए ।
\p
\v 13 तुम अनन्त जीवन पाय हओ कहिके बातके जानओ काहन ताही परमेश्‍वरको पुत्रके नाउमे विश्‍वास करनवारे तुमके मै जा पत्र लिखत हओ ।
\v 14 परमेश्‍वरमे हमर पुरो भरोसा हए की बाके इच्छा जैसो जो मागेसे फिर बा हमर बातके सुनत हए।
\v 15 हम प्रार्थनामे जो भी मागेसे फिर परमेश्‍वर सुनत हय कहिके हम जानत हय, कहिके जा फिर जानत हय की बा हमके जो मागत हय बा हम पाएगए हए ।
\p
\v 16 यदि कोई अपने भइयाके पाप करत देखत हय औ, बा पाप त मृत्युमे लैजान बारो नाहए कहिसे बा भइयाके ताही परमेश्‍वरसे प्रार्थना करदेन पडत हए, और जौनको पाप मृत्युमे लैजान बारो तरिकाको नाहए बाके परमेश्‍वर जीवन देथहए । पर अइसो पाप फिर होथहए, जो मृत्युमे लैजाथहए, जौनके ताही कोइ विन्ती करदेओ कहिके मए ना काहत हओ ।
\v 17 सबए अधर्म पाप हए, पर अइसो पाप फिर होथहए जो मृत्युमे नालैजाथहए ।
\v 18 हम जानत हए, की जो परमेश्वरसे जन्मे भए हरकोइ फिर पाप नाकरत हए । पर परमेश्‍वरको पुत्र विनके सुरक्षा करत हए, और दुष्ट बाके ना छुतहय ।
\v 19 हम जानत हय, हम परमेश्‍वरको हय, और सबए संसार बा दुष्टके अधीनमे पडो हय ।
\v 20 हम जानत हय, परमेश्‍वरको पुत्र आओ हए जो सत्य हय । बाके चीन सकए, कहिके बा हमके समझ दयी हए । जो सत्य हय हम बामे हय, औ बाके पुत्र येशु ख्रिष्टमे हए, औ बहय सच्चो परमेश्‍वर हय, और अनन्त जीवन हए ।
\p
\v 21 छोटे बालक, अपने आपके मुर्तीसे बचाएके धरओ ।

27
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\id 2JN
\ide UTF-8
\h युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\toc1 युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\toc2 युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\toc3 2jn
\mt युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\c 1
\cl अध्याय 1
\p
\v 1 एल्डरसे, चुनि भई मिहिला और बिनके लैणा लैणियनके जौनके मै सच्चो प्रेम करत हौ, और मै इकल्लो नाए, पर सत्याके चिनन् बारे सबै फिर बिनके प्रेम करत है ।
\v 2 जैन सत्या हमर भितर है और हर समय हमर सँग रहए, बहे के खातिर तुमके प्रेम करत हए ।
\v 3 परमेश्‍वर पिता और पिताको पुत्र येशु ख्रिष्टसे अनुग्रह, कृपा और शान्ती हमर सँग सत्यता और प्रेम रह बैगो ।
\p
\v 4 अइसिए तुमर लैणा लैणिया मैसे कोई कोईनके मए पितासे पाओ भओ आज्ञाके जैसो नेगत पएके गजबै अनन्दीत् हौ ।
\p
\v 5 अब हे महिला मै तुमके एक नयँ अज्ञा ना लिखो है, पर बहे लिखो है, जो सुरुसे हमर सँग है- हम एक दुसरेसे प्रेम करै कहेकी मै तुमसे बिनती करत हौ ।
\v 6 बाको इच्छा जैसो चल्नो ही प्रेम है । तुमके सुरुसे सुनोभओ आज्ञा जहे है, कि तुम प्रेम के अनुकरन करै ।
\p
\v 7 काहेकि भरम मे डारन बारे बहुत जा संसारमे आएगए है। जैन येशु ख्रिष्ट शरीरमे आओ हए कहेके स्विकार ना करत है। जहे छलि और ख्रीष्ट बिरोधी हए ।
\v 8 होसियार रहीओ, जौन बातके तहीं तुम काम कररहे हओ, बा के गुमान नापणए पर पुरो इनाम पान बारो बनओ ।
\v 9 ख्रिष्टके सिद्धान्तमे अटल ना रहन बारो, बाक सिमासे बाहिर जान बारो आदमीनके संग प्रमेश्‍वर ना है। पर बक सीद्धान्तमे अटल रहन बारेक सँग पिता और पुत्र दोनो होत है ।
\v 10 यदी तुमर जैने कोइ जा सिद्धान्त ना लाई है तै बाके अपन घरमे स्वगत मतकरओ ।
\v 11 काहेकि बक अभिबादन करन बारो, बक खराब कामके सँग सह भागी होत है ।
\p
\v 12 मै तुमर ताही बहुतसी बात लिखन चाहत है। पर कागज और मसीसे लिखन ना चाहत हौ । पर हमर अनन्त पुरो होबै, कहेके तुमर जैने आएके और आमने सामने बात चित करन ताहीं आसा करत हओ ।
\v 13 चुनी भई तुमर बहिनियाँ के लौणा लौणीया तुमके अभिवादन करत हए ।

30
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\id 3JN
\ide UTF-8
\h युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\toc1 युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\toc2 युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\toc3 3jn
\mt युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\c 1
\cl अध्याय 1
\p
\v 1 प्यारो एल्डरसे मिर सङ्गी गयासके जौनसे मए सच्चो प्रेम करत हओ ।
\v 2 प्रिय सङ्गी मए प्राथना करत हओ, की सबए बातमे तुमर भलो होबए और तुमरो स्वास्थ्य ठीक राहाबय तुमर आत्मीक जीवन ठीक हय कहिके मय जानत हओ ।
\v 3 कित्तो जनी आएके तुमर जीवनको सत्य गवाही दयी, मए वहुत अनन्दीत भओ । तुम निहात्यही सत्यको अनुकरण करत हओ ।
\v 4 मिर लौडा लौडीया सत्यको अनुकरण कर्थहए, कहिन बारी बात सुनन पानो और जादा अनन्दको मिर ताही का बात हुइसकथहए ।
\v 5 मिर प्रिय तुम विश्‍वास योग्यके काम करत हओ जब तुम अपने दादा भइयाको, विशेष करके परदेशीनको सेवा करत हओ ।
\v 6 वे मण्डलीके अग्गु तुमर प्रेमकी गवाही दयी हय । परमेश्‍वरके अग्गु मन पणन बारो करके विनके यात्रामे जान प्रवन्ध मिलाए दओ हओ, कहिके तुम अच्छो करत हओ ।
\p
\v 7 काहेकी अविश्‍वासीनसे कछु ना लइके वे बक नाउके ताही यात्रामे निकरे हय ।
\v 8 जहय कारन अइसे आदमीको सेवा सत्कार करन पडथहए, ताकी हम सत्यताके सहकर्मी बन सकए (हात वटानबारे) ।
\p
\v 9 मए मण्डलीके कछु बात लिखो रहओ, पर तुमरे विचमे बडो होन ढुडन बारे डियोत्रिफस मिर अधिकारके ना मानत हए ।
\v 10 जा कारन जब मए आमङ्गो वाकी करी भओ कामको बातके उठामङ्गो । हमर विरुद्धमे वा खराब वचन बोलत जात हय । इत्कामे सन्तुष्ट ना हुइके बा भइयनके स्वागत करन इन्कार कर्थहए, और विनके स्वागत करन बारेनके फिर रोकथहए, और विनके मण्डलीसे वाहेर निकार देथहए ।
\p
\v 11 मिर प्रियो खराबीके अनुकरण मत करओ पर भलाई को अनुकरण करओ जौन भलो कर्थहए, बा परमेश्‍वरको हय, जौन खराबी कर्थहए बा परमेश्‍वरके ना देखी हए ।
\p
\v 12 डेमोत्रियासके ताही त सबए आदमी गवाही दयी हय, और सत्य फिर जा गवाही देत हए । हम फिर गवाही देत हय, और तुम जानत हओ की हमरो गवाही सत्य हय ।
\p
\v 13 मोके वहुत बात लिखन रहए पर मसी और कलमसे वे तुमके लिखत ना हओ।
\v 14 पर तुमके बहुत जल्दी मिलनको आशा करत हओ और हम आमने सामने मिलके बात करङ्गे।
\v 15 तुमके शान्ती मिलए । सबए सङ्गीनसे तुमके अभिवादन। सङ्गीनके नाउ लैके अभिवादन देओ ।

44
66-JUD.usfm Normal file
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\id JUD
\ide UTF-8
\h यहुदाकी चिठ्ठी
\toc1 यहुदाकी चिठ्ठी
\toc2 यहुदाकी चिठ्ठी
\toc3 jud
\mt यहुदाकी चिठ्ठी
\c 1
\cl अध्याय 1
\p
\v 1 येशू ख्रीष्टको दास, याकूबको भैया यहूदासे बुलओ भव, औ परमेश्‍वर पितामे प्यारो और येशूके ताहिँ ख्रीष्टमे सुरक्षासे धरो भव,
\v 2 कृपा, शान्ति और प्रेम तुममे प्रसास् होत जाबए ।
\p
\v 3 प्रिय हो, हम सब सहभागी भए उध्दारके बारेमे लिखन ताही मए बहुत उत्साहीत भव हओ, ऐसिए सन्तके सदाकालके ताहिँ सौपो भव विश्‍वासके रक्षा करओ कहिके निबेदन करन तुमके लिखन मोके ठीक लागो ।
\v 4 काहेकी बहुत पहिलेसे दण्डको भागीदार भय, कोइ-कोइ आदमी गुप्त रुपमे तुमरे बीचमे घुसेहँए | जो ईश्‍वरहिन आदमी हँए, जौन हमर परमेश्‍वरको अनुग्रहके बिलासितामे बदल देत हँए, और हमर एक इकल्लो स्वामी और प्रभु येशू ख्रीष्टके इन्कार करत् हँए ।
\p
\v 5 तुम जे सब बात एक चोटी जाने रहौ, ताहु फिर अभए मए तुमके याद दिलान चाहत हओ, मिश्रदेशसे बचाएके लाय भए आदमी मैसे विश्‍वास ना करनबारेके परमप्रभु पच्छुसे खतम कदरी ।
\v 6 अपन अधिकारको मार्यदा कायम ना करके उचित वासस्थान त्यागनबारे स्वर्गदुतके बा पातालको अन्धकारमे न्यायको बा बणो दिनतके अनन्त बन्धनमे धरीहए।
\v 7 जैसी सदोम और गमोरा और बिनको आसपासके शहेर जौन व्यभिचार कर्के गलत काम वासनामें फसे रहँए, बे अगनी कुण्डको दण्ड भोगके उदाहरण बने हँए ।
\v 8 अइसीए करके सपना देखन बारे आदमी अपनो शरीर अशुध्द बनात हँए, अधिकार इन्कार करत हँए और स्वर्गीके प्राणीके निन्दा करत हँए ।
\p
\v 9 तव प्रधान दुत मिखायल फिर मोसाक लाहासके बारेमें शैतानसे विवाद करके बाके निन्दापूर्ण दोस लगान साहस ना करके, “तोके प्रभु डँटए” कहि रहए ।
\v 10 पर बे आदमीअपनए नासम्‍झी बातके निन्दा करत् हँए! “और निबुध्दि जनवार कता पाकृतिक ज्ञानसे जानन् बारि बातसे जे बिनास होतहए ।
\p
\v 11 बिनके धिक्कार है! काहेकी बे कयिनको चालमे नेगत् हँए, लोभके खातिर बालामके भुलमे फसत हँए और कोरहके बिद्रोहमे जैसो नास होत हए ।
\v 12 बिनके प्रेमभोजमे लुके भए कलङ्क् हँए । बे अपन इकल्लो ख्याल करके सरम ना मानके खात और पित हँए। बे आँधीसे उणएके लैजानबारो पानीबिनाको बादलके जैसे हँए, जाणोके समयके फल बिनाके रुखा कता, जो दुई चोटी मर गए, और जर समेत उखण गए हँए।
\v 13 बे समुन्द्रमे आनबारो लणूरा जैसे हँए, जौन बे अपनए निर्ज्लताको झाग उग्लत हँए, बे बुते भै औ हराने भए ताराके जैसे हए, जौनके ताहिँ पातालको अन्धकार अनन्तके ताहिँ बचाएके धरो हए ।
\p
\v 14 “आदमसे सातओ पुस्तको हनोक फिर जे आदमीके बारेमे अइसे अगमवाणी बोलिरहए,” “देखओ, परमप्रभु अपन असंख्या पवित्र जानके संग आए रहोहए,"
\v 15 सबको इन्साफ करन, सबै आदमीनके दण्ड देन, जौन अधर्मी रितिसे भक्तिहिन काम करी हए, और बे भक्तिहिन आदमीके दण्ड देन, जौन बाके बिरुध्दमे कठोर बात बोलि हँए ।”
\v 16 बे गनगन करन बारे, असन्तोषी, घमण्डी बात बोलन बारे और लोभके ताहिँ आदमीको चुगली करन बारे जेहि हँए ।
\p
\v 17 पर प्रिय हो, तुम त हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको प्रेरितनसे अग्गुए कहिँ बातके सम्झओ ।
\v 18 बे बिनसे काहिँ रहए, “आखिरी समय मे अपनाए भक्तिहिन बासनाके पिछु लागके खिल्ली उणान बारे हुइहँए ।”
\v 19 बे फुट लान बारे, संसारिक आदमी और पवित्र आत्मा ना भए आदमी जेहि हँए ।
\p
\v 20 पर प्रिय हो, तुम त अपन बहुत पवित्र विश्‍वसमे बनात लैजाओ और पवित्र आत्मामे प्रार्थना करओ ।
\v 21 अपनाएके परमेश्‍वरके प्रेममे धरओ और अनन्त जिवानके ताहिँ हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको कृपाके प्रतिक्षा करओ ।
\p
\v 22 दोधारमे होन बारेनके दया दिखओ ।
\v 23 औरनके आगीसे तानके निकरके बचाओ, कोइ कोइके दया दिखात होशियार रहिओं, पापमय स्वभावसे अपवित्र भए लत्ता समेतके घृण्ना करओ ।
\p
\v 24 अब, जौन तुमके पापमे फसनसे बचाए सक्त् हए, और जौन तुमके आनन्दसहित बाके महिमाके अग्गु निरदोस हुइके दिखाए सकन बारो के,
\v 25 “बहे एक इकल्लो परमेश्‍वर, हमर मुक्तिदाता" “येशू ख्रीष्ट हमर प्रभुसे महिमा, प्रभुत्व, पराक्रम और अधिकार युग-युग पहिलेसे आज और सदासर्बदा होत राहबए| आमेन |"

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# Thr_reg
## Rana Tharu Bible

370
issues.txt Normal file
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Issues generated 2023-12-15 from C:\wacs\Tharu\Thr_reg
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Free floating mark at LUK 19:22: हओ, ' मए
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Word medial punctuation in LUK 19:31: हओ?'कहेके
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Word medial punctuation in LUK 22:51: हुइगओ,"अब
Free floating mark at LUK 22:70: हौ । "
Space before phrase ending mark at LUK 23:18: ”
Free floating mark at LUK 23:21: टँगदेओ । "
Free floating mark at LUK 23:38: है " करके
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Space before phrase ending mark at LUK 24:34: ”
Free floating mark at LUK 24:34: कहि, ” प्रभु
Free floating mark at LUK 24:38: कहि, " तुम
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Inconsistent chapter titling: ['अध्याय', 'अध्धाय'] in LUK
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Free floating mark at JHN 17:25: हए । "
Free floating mark at JHN 18:37: त्?” “ येशू
Free floating mark at JHN 19:11: हए । "
Free floating mark at JHN 19:13: बैठो । "
Repeated quotes at JHN 19:13
Free floating mark at JHN 19:15: |” "
Verse number in text (probable): JHN 19:16
Space before phrase ending mark at JHN 21:5: ”
Free floating mark at JHN 21:5: ।” "
Free floating mark at JHN 21:12: रहए । "
Free floating mark at JHN 21:17: खबओ । "
Verse number in text (probable): JHN 21:19
Inconsistent chapter titling: ['अध्याय', 'अध्\u200dयाय'] in JHN
Low paragraph count (21) for JHN
Straight quotes found in 45-ACT.usfm: 134 doubles, 96 singles not counting 0 word-medial.
Word medial punctuation in ACT 1:16: 16"भैयारेओ,
Free floating mark at ACT 2:22: हए । "
Free floating mark at ACT 2:29: हैयाहए । "
Invalid USFM token (\unknown) near ACT 3:6
Possible verse number (7) in text at ACT 3:6
First word in sentence: (v) is not capitalized. ACT 3:6
Missing verse between: ACT 3:6 and ACT 3:8
Free floating mark at ACT 3:24: हएँ । "
Repeated quotes at ACT 4:18
Check the punctuation at ACT 5:14: ,।
Free floating mark at ACT 5:20: ।” "
Free floating mark at ACT 5:33: हए । "
Free floating mark at ACT 5:35: पठाई । "
Free floating mark at ACT 5:39: करीँ । "
Free floating mark at ACT 7:4: हौ । "
Free floating mark at ACT 7:9: रहँए । "
Free floating mark at ACT 7:17: बढिगई। "
Free floating mark at ACT 7:20: पालो । "
Free floating mark at ACT 7:23: उठो । "
Free floating mark at ACT 7:31: । " जब
Free floating mark at ACT 7:33: हए । "
Free floating mark at ACT 7:35: पठाई । "
Free floating mark at ACT 7:39: करीँ । "
Invalid USFM token (\unknown) near ACT 7:42
Possible verse number (43) in text at ACT 7:42
First word in sentence: (v) is not capitalized. ACT 7:42
Missing verse between: ACT 7:42 and ACT 7:44
Free floating mark at ACT 7:44: रहए । "
Free floating mark at ACT 7:48: हँए, "
Verse number in text (probable): ACT 7:50
Free floating mark at ACT 7:51: ' “ए
Verse number in text (probable): ACT 8:17
Free floating mark at ACT 8:20: " तव
Verse number in text (probable): ACT 8:23
Free floating mark at ACT 8:24: " तव
Missing verse between: ACT 8:31 and ACT 8:33
Verse out of order: ACT 8:32 after ACT 8:33
Check the punctuation at ACT 8:38: ,।
Free floating mark at ACT 8:38: “ रथ
Invalid USFM token (\unknown) near ACT 9:4
Possible verse number (5) in text at ACT 9:4
First word in sentence: (v) is not capitalized. ACT 9:4
Missing verse between: ACT 9:4 and ACT 9:6
Free floating mark at ACT 10:39: रहएं । "
Free floating mark at ACT 11:4: " तव
Free floating mark at ACT 11:8: ।” "
Free floating mark at ACT 11:9: ।' "
Free floating mark at ACT 11:15: ' “जब
Free floating mark at ACT 11:17: ' प्रभु
Free floating mark at ACT 12:18: " उजियारो
Free floating mark at ACT 12:22: लागे | "
Verse number in text (probable): ACT 12:22
Verse number in text (probable): ACT 12:23
Missing verse between: ACT 12:23 and ACT 12:25
Verse out of order: ACT 12:24 after ACT 12:25
Chapter 12 normally has 25 verses: ACT 12:24
Verse number in text (probable): ACT 13:3
Free floating mark at ACT 13:11: " अब
Free floating mark at ACT 13:21: " तव
Space before phrase ending mark at ACT 13:25: ”
Verse number in text (probable): ACT 13:25
Free floating mark at ACT 13:26: हय । "
Free floating mark at ACT 13:32: हएँ । "
Free floating mark at ACT 13:38: हए । "
Free floating mark at ACT 14:15: " आदमिओं,
Free floating mark at ACT 15:7: कहि " भइया
Free floating mark at ACT 15:13: सुनौ, "
Free floating mark at ACT 16:16: " जब
Repeated quotes at ACT 16:17
Free floating mark at ACT 16:19: " पर
Free floating mark at ACT 16:22: " तव
Free floating mark at ACT 16:29: " तव
Free floating mark at ACT 16:32: " बे
Free floating mark at ACT 17:3: करदै । "
Free floating mark at ACT 17:18: रहए । "
Free floating mark at ACT 17:23: हंव । "
Free floating mark at ACT 17:28: हँए । "
Free floating mark at ACT 19:2: हँए । "
Free floating mark at ACT 20:25: नए । "
Verse number in text (probable): ACT 20:30
Possible verse number (19) in text at ACT 21:19
Embedded number in word: रहंए।19बिनके at ACT 21:19
Invalid USFM token (\unknown) near ACT 21:38
Possible verse number (39) in text at ACT 21:38
First word in sentence: (v) is not capitalized. ACT 21:38
Missing verse between: ACT 21:38 and ACT 21:40
Verse number in text (probable): ACT 21:40
Free floating mark at ACT 22:2: " बाके
Free floating mark at ACT 22:7: " और
Check the punctuation at ACT 22:12: ,।
Free floating mark at ACT 22:12: रहए,। "
Free floating mark at ACT 23:1: हौं । "
Verse number in text (probable): ACT 23:3
Free floating mark at ACT 23:9: लगे, " जा
Free floating mark at ACT 23:17: हए । "
Free floating mark at ACT 23:22: बतैए । "
Verse number in text (probable): ACT 23:23
Free floating mark at ACT 23:26: ” मनानिय
Verse number in text (probable): ACT 24:3
Free floating mark at ACT 26:1: लागो: “
Free floating mark at ACT 26:28: कहि, " का
Invalid number suffix: 8क at ACT 27:8
Verse number in text (probable): ACT 27:9
Optional text or untagged footnote at ACT 27:37
Repeated quotes at ACT 28:6
Straight quotes found in 46-ROM.usfm: 22 doubles, 8 singles not counting 0 word-medial.
Missing verse between: ROM 3:26 and ROM 3:28
Empty verse: ROM 3:28
Verse out of order: ROM 3:27 after ROM 3:28
Free floating mark at ROM 4:7: दाईहए। "
Repeated quotes at ROM 7:7
Free floating mark at ROM 8:15: हएँ, "
Repeated quotes at ROM 8:15
Verse number in text (probable): ROM 9:2
Repeated quotes at ROM 10:8
Repeated quotes at ROM 11:8
Verse number in text (probable): ROM 11:31
Repeated quotes at ROM 12:19
Check the punctuation at ROM 13:1: ,।
Empty verse: ROM 14:16
Possible verse number (17) in text at ROM 14:17
Inconsistent chapter titling: ['Chapter', 'आध्याय', 'आध्यया', 'अध्याय'] in ROM
Straight quotes found in 47-1CO.usfm: 36 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Free floating mark at 1CO 1:12: रे । "
Repeated quotes at 1CO 1:12
Check the punctuation at 1CO 2:10: ,।
Free floating mark at 1CO 2:16: हए । "
Free floating mark at 1CO 6:12: हुइहौँ । "
Check the punctuation at 1CO 6:20: ,।
Free floating mark at 1CO 8:2: हए । "
Repeated quotes at 1CO 8:2
Repeated quotes at 1CO 8:5
Verse number in text (probable): 1CO 10:9
Free floating mark at 1CO 10:28: खाओ । "
Repeated quotes at 1CO 10:28
Repeated quotes at 1CO 12:16
Free floating mark at 1CO 12:21: नैयाँ " कहन
Repeated quotes at 1CO 14:25
Free floating mark at 1CO 15:27: हए । "
Inconsistent chapter titling: ['आध्याय', 'अध्यया'] in 1CO
Straight quotes found in 48-2CO.usfm: 13 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Free floating mark at 2CO 1:20: हए । "
Invalid USFM token (\unknown) near 2CO 2:2
Possible verse number (3) in text at 2CO 2:2
First word in sentence: (v) is not capitalized. 2CO 2:2
Missing verse between: 2CO 2:2 and 2CO 2:4
Possible verse number (16) in text at 2CO 5:16
Free floating mark at 2CO 10:17: ।” "
Straight quotes found in 49-GAL.usfm: 6 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Free floating mark at GAL 3:8: रहय। "
Free floating mark at GAL 3:16: हए। "
Verse number in text (probable): GAL 6:7
Straight quotes found in 50-EPH.usfm: 7 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Straight quotes found in 52-COL.usfm: 4 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Free floating mark at COL 2:21: मतछुबओ "
Verse number in text (probable): COL 4:1
Repeated quotes at COL 4:17
Verse number in text (probable): COL 4:18
Straight quotes found in 53-1TH.usfm: 2 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Invalid number suffix: 5प at 2TH 1:5
Verse number in text (probable): 2TH 1:6
Equals sign (=) in 2TH 1:9
Verse number in text (probable): 2TH 2:8
Verse number in text (probable): 2TH 2:9
Straight quotes found in 55-1TI.usfm: 4 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Check the punctuation at 1TI 1:2: :*
Verse number in text (probable): 1TI 3:2
Word medial punctuation in 1TI 3:16: होतहँए,"कि
Free floating mark at 1TI 5:18: पानपड्तहए । "
Missing verse between: 2TI 1:2 and 2TI 1:4
Verse out of order: 2TI 1:3 after 2TI 1:4
Inconsistent chapter titling: ['आध्याय', 'अध्याय'] in 2TI
Possible verse number (6) in text at TIT 1:6
Check the punctuation at TIT 1:13: ,।
Check the punctuation at TIT 2:9: ,।
Straight quotes found in 59-HEB.usfm: 24 doubles, 3 singles not counting 0 word-medial.
Check the punctuation at HEB 11:40: ,।
Check the punctuation at HEB 13:15: ,।
Straight quotes found in 60-JAS.usfm: 16 doubles, 4 singles not counting 0 word-medial.
Inconsistent chapter titling: ['याकुब', 'अध्याय'] in JAS
Verse number in text (probable): 1PE 1:5
Straight quotes found in 62-2PE.usfm: 1 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Straight quotes found in 66-JUD.usfm: 3 doubles, 0 singles not counting 0 word-medial.
Straight quotes found in 67-REV.usfm: 35 doubles, 8 singles not counting 0 word-medial.
Free floating mark at REV 5:13: सुनो, " बा
Free floating mark at REV 6:3: सुनो। "
Check the punctuation at REV 7:10: ,:
Space in number १, ४४ at REV 14:3
Space in number १, ६०० at REV 14:20
Free floating mark at REV 17:12: पामंगे। "
Free floating mark at REV 22:12: हए। "
Free floating mark at REV 22:14: हँए। "
SUMMARY:
Free floating mark at --- 147 occurrence(s).
Check the punctuation at --- 45 occurrence(s).
Verse number in text (probable): --- 28 occurrence(s).
Straight quotes found in --- 18 occurrence(s).
Repeated quotes at --- 17 occurrence(s).
Space before phrase ending mark at --- 15 occurrence(s).
Word medial punctuation in --- 9 occurrence(s).
Possible verse number ( --- 9 occurrence(s).
Missing verse between: --- 9 occurrence(s).
Inconsistent chapter titling: [' --- 7 occurrence(s).
Invalid USFM token (\ --- 6 occurrence(s).
First word in sentence: (v) is not capitalized. --- 5 occurrence(s).
Invalid number suffix: --- 4 occurrence(s).
Bracket or parens found in --- 4 occurrence(s).
Verse out of order: --- 4 occurrence(s).
Embedded number in word: --- 2 occurrence(s).
Optional text or untagged footnote at --- 2 occurrence(s).
Empty verse: ROM --- 2 occurrence(s).
Space in number १, --- 2 occurrence(s).
Probable chapter:verse reference (७: ५३) at JHN 7:53 belongs in a footnote --- 1 occurrence(s).
Invalid number prefix: -८ at JHN 7:53 --- 1 occurrence(s).
Low paragraph count (21) for JHN --- 1 occurrence(s).
Chapter 12 normally has 25 verses: ACT 12:24 --- 1 occurrence(s).
Equals sign (=) in 2TH 1:9 --- 1 occurrence(s).
340 issues found.

222
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-
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versification: ufw
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