Thr_reg/66-JUD.usfm

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Plaintext

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\h यहुदाकी चिठ्ठी
\toc1 यहुदाकी चिठ्ठी
\toc2 यहुदाकी चिठ्ठी
\toc3 jud
\mt यहुदाकी चिठ्ठी
\c 1
\cl अध्याय 1
\p
\v 1 येशू ख्रीष्टको दास, याकूबको भैया यहूदासे बुलओ भव, औ परमेश्‍वर पितामे प्यारो और येशूके ताहिँ ख्रीष्टमे सुरक्षासे धरो भव,
\v 2 कृपा, शान्ति और प्रेम तुममे प्रसास् होत जाबए ।
\p
\v 3 प्रिय हो, हम सब सहभागी भए उध्दारके बारेमे लिखन ताही मए बहुत उत्साहीत भव हओ, ऐसिए सन्तके सदाकालके ताहिँ सौपो भव विश्‍वासके रक्षा करओ कहिके निबेदन करन तुमके लिखन मोके ठीक लागो ।
\v 4 काहेकी बहुत पहिलेसे दण्डको भागीदार भय, कोइ-कोइ आदमी गुप्त रुपमे तुमरे बीचमे घुसेहँए | जो ईश्‍वरहिन आदमी हँए, जौन हमर परमेश्‍वरको अनुग्रहके बिलासितामे बदल देत हँए, और हमर एक इकल्लो स्वामी और प्रभु येशू ख्रीष्टके इन्कार करत् हँए ।
\p
\v 5 तुम जे सब बात एक चोटी जाने रहौ, ताहु फिर अभए मए तुमके याद दिलान चाहत हओ, मिश्रदेशसे बचाएके लाय भए आदमी मैसे विश्‍वास ना करनबारेके परमप्रभु पच्छुसे खतम कदरी ।
\v 6 अपन अधिकारको मार्यदा कायम ना करके उचित वासस्थान त्यागनबारे स्वर्गदुतके बा पातालको अन्धकारमे न्यायको बा बणो दिनतके अनन्त बन्धनमे धरीहए।
\v 7 जैसी सदोम और गमोरा और बिनको आसपासके शहेर जौन व्यभिचार कर्के गलत काम वासनामें फसे रहँए, बे अगनी कुण्डको दण्ड भोगके उदाहरण बने हँए ।
\v 8 अइसीए करके सपना देखन बारे आदमी अपनो शरीर अशुध्द बनात हँए, अधिकार इन्कार करत हँए और स्वर्गीके प्राणीके निन्दा करत हँए ।
\p
\v 9 तव प्रधान दुत मिखायल फिर मोसाक लाहासके बारेमें शैतानसे विवाद करके बाके निन्दापूर्ण दोस लगान साहस ना करके, “तोके प्रभु डँटए” कहि रहए ।
\v 10 पर बे आदमीअपनए नासम्‍झी बातके निन्दा करत् हँए! “और निबुध्दि जनवार कता पाकृतिक ज्ञानसे जानन् बारि बातसे जे बिनास होतहए ।
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\v 11 बिनके धिक्कार है! काहेकी बे कयिनको चालमे नेगत् हँए, लोभके खातिर बालामके भुलमे फसत हँए और कोरहके बिद्रोहमे जैसो नास होत हए ।
\v 12 बिनके प्रेमभोजमे लुके भए कलङ्क् हँए । बे अपन इकल्लो ख्याल करके सरम ना मानके खात और पित हँए। बे आँधीसे उणएके लैजानबारो पानीबिनाको बादलके जैसे हँए, जाणोके समयके फल बिनाके रुखा कता, जो दुई चोटी मर गए, और जर समेत उखण गए हँए।
\v 13 बे समुन्द्रमे आनबारो लणूरा जैसे हँए, जौन बे अपनए निर्ज्लताको झाग उग्लत हँए, बे बुते भै औ हराने भए ताराके जैसे हए, जौनके ताहिँ पातालको अन्धकार अनन्तके ताहिँ बचाएके धरो हए ।
\p
\v 14 “आदमसे सातओ पुस्तको हनोक फिर जे आदमीके बारेमे अइसे अगमवाणी बोलिरहए,” “देखओ, परमप्रभु अपन असंख्या पवित्र जानके संग आए रहोहए,"
\v 15 सबको इन्साफ करन, सबै आदमीनके दण्ड देन, जौन अधर्मी रितिसे भक्तिहिन काम करी हए, और बे भक्तिहिन आदमीके दण्ड देन, जौन बाके बिरुध्दमे कठोर बात बोलि हँए ।”
\v 16 बे गनगन करन बारे, असन्तोषी, घमण्डी बात बोलन बारे और लोभके ताहिँ आदमीको चुगली करन बारे जेहि हँए ।
\p
\v 17 पर प्रिय हो, तुम त हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको प्रेरितनसे अग्गुए कहिँ बातके सम्झओ ।
\v 18 बे बिनसे काहिँ रहए, “आखिरी समय मे अपनाए भक्तिहिन बासनाके पिछु लागके खिल्ली उणान बारे हुइहँए ।”
\v 19 बे फुट लान बारे, संसारिक आदमी और पवित्र आत्मा ना भए आदमी जेहि हँए ।
\p
\v 20 पर प्रिय हो, तुम त अपन बहुत पवित्र विश्‍वसमे बनात लैजाओ और पवित्र आत्मामे प्रार्थना करओ ।
\v 21 अपनाएके परमेश्‍वरके प्रेममे धरओ और अनन्त जिवानके ताहिँ हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको कृपाके प्रतिक्षा करओ ।
\p
\v 22 दोधारमे होन बारेनके दया दिखओ ।
\v 23 औरनके आगीसे तानके निकरके बचाओ, कोइ कोइके दया दिखात होशियार रहिओं, पापमय स्वभावसे अपवित्र भए लत्ता समेतके घृण्ना करओ ।
\p
\v 24 अब, जौन तुमके पापमे फसनसे बचाए सक्त् हए, और जौन तुमके आनन्दसहित बाके महिमाके अग्गु निरदोस हुइके दिखाए सकन बारो के,
\v 25 “बहे एक इकल्लो परमेश्‍वर, हमर मुक्तिदाता" “येशू ख्रीष्ट हमर प्रभुसे महिमा, प्रभुत्व, पराक्रम और अधिकार युग-युग पहिलेसे आज और सदासर्बदा होत राहबए| आमेन |"