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\h मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\toc1 मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\toc2 मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\toc3 mrk
\mt मर्कुससे लिखो भव सुसमाचार
\c 1
\cl अध्याय १
\p
\v 1 जा परमेश्‍वरको पुत्र येशू ख्रीष्टको सुसमाचारको सुरुवात हय।
\v 2 यशैया अगमबक्ताके किताबमे अइसो लिखो हए' “देख, मए मेरो दूतके तिर अग्गु-अग्गु पठामङ्गो, जौन तेरो डगर तयार करैगो।
\q
\v 3 उजाडस्थानमे एक जनी चिल्लान बारोको आवाज, परमप्रभुको डगर तयार करओ, बाको डगर सुध बनाओ।“
\p
\v 4 बप्तिस्मा देनबारो यूहन्ना पाप मिटानके ताहीं मन बदलनको बप्तिस्माको प्रचार करतय उजाडस्थानमे देखाइ दई।
\v 5 सबय यहूदिया देश और यरुशलेमके सबए बासिन्दा बिनके ठिन निकरके आइगए और बे अपन अपन पाप स्वीकार करतय बिनसे यर्दन नदियामे बप्तिस्मा लैं।
\v 6 यूहन्ना ऊँटको बारसे बिनो लत्ता पैंधत रहए, और करेहाँवमे खलरी को फेंटा बाँधत रहए, और टिंढा और बनको शहत खात रहए।
\v 7 बा अइसे कहातय प्रचार करी, “जौन मोसे पिच्छु आबैगो, बा मोसे शक्तिशाली हए, तव लोहोक्के बाको जूताको तनी खोलनको योग्यको मए न हऔं।
\v 8 मए तुमके पानी से बप्तिस्मा दओ हौं। पर बा तुमके पबित्र आत्मासे बप्तिस्मा देबैगो।
\p
\v 9 अब बे दिनमे येशू गालिलके नासरतसे आओ, और यूहन्नासे यर्दन नदियामे बप्तिस्मा लै ।
\v 10 पानीसे निकरके आतए खिना बा स्वर्ग उघरो, और पबित्रआत्मा कबुतरके रुपमे अपन ऊपर उतरत देखी।
\v 11 तव स्वर्ग से अइसो एक आवाज आओ, “तए मिर प्यारो लउँडा हए, तोसे मए गजब खुसी हौं।
\v 12 पबित्र आत्मा बाके तुरुन्त उजाडस्थानमे लैगौ।
\v 13 भूतद्वारा सतावट पाएके बा चालिस दिन उजाडस्थानमे रहो । बा जँगली जनावर संग रहो और स्वर्गदूत बाकी सेवा सत्कार करीं।
\p
\v 14 अब यूहन्ना पक्रडाव पड्के पिच्छु परमेश्‍वरको सुसमाचार प्रचार करतय येशू गालीलमे आओ।
\v 15 बा कही, “समय पूरा हुइगओ हए, परमेश्‍वरको राज जौंडे आईपुगो हए। पश्‍चाताप करौ, और सुसमाचारमे विश्‍वास करऔ।"
\p
\v 16 गालील समुन्दरके किनारे किनारे जातैपेती बा सिमोन और बाको भैया अन्द्रियास के समुन्द्र मे जार डारत् देखि काहेकि बे मछेरयहा रहयँ।
\v 17 येशू उनसे कही मेरे पिच्छु लागओ, और मए तुमके आदमिनको मछेरयहा बनामङ्गो।
\v 18 बे तुरन्त अपनी जार छोडीं और बाके पिच्छु लग्गै।
\v 19 और थोरी दूर जाएके पिच्छु बा जब्दियाके दुई लउँडा याकूब और यूहन्नाके नैयाँमे बैठो जार थिगरत देखी।
\v 20 बा तुरन्त उनके बुलाइलै, और बे अपनो दौवा जब्दिया के नैंयाँ चलान बारेन संग नैयाँमे छोडके बाके पिच्छु लग्गै।
\p
\v 21 तव बे कफर्नहुममे गए, और तुरन्त विश्रामदिनमे सभाघरमे जाएके सिकान लागे।
\v 22 और सब बाको शिक्षामे अचम्मो मानी काहेकि बा उनके शास्त्री जैसो नाय, पर अधिकार से सिखात रहए।
\v 23 बहे समय सभाघरमे अशुध्द आत्मा भव एक आदमी रहय।
\v 24 बा अइसो कहत् चिल्लान लागो, “हे नासरतको येशू हमसे तोसे का लेनदेन? का तए हमके सत्त्यानास करन आओ हए? मए तोके चीन्तहौं, तए परमेश्‍वरको पवित्र जन हय।"
\p
\v 25 तव येशू अइसो कहतय बाके डाँटी, “चुप लाग, और बक मैसे निकरजा।"
\v 26 बा आदमीके फत्फत्बाएके बा अशुध्द आत्मा बडो जोडसे चिल्लायके बा आदमी मैसे निकरगओ।
\p
\v 27 तव सब जनी अचम्मो मानी, और बे अइसे कहत अपनैमे सोधपुँछ करन् लागे, 'जा का हए? जत् नयाँ शिक्षा हए। जत् अधिकारके संग अशुध्द आत्मनके आज्ञा करत हए, और बे उनको आज्ञा मानत हएँ।"
\v 28 और जलदीय येशू को चर्चा गालीलके इलाकाके आसपास चारौ घेन फैल्गओ।
\p
\v 29 अब बा तुरन्त सभा घर से निकरके याकूब और युहन्ना के सँगमे सिमोन और अन्द्रियास के घरमे आइगओ।
\v 30 सिमोन की सास बुखारसे भरी रहय, और बे जल्दी बाके बारे में बाके बाताईं।
\v 31 बा ढिंगै आएके बक् हात पकड़के बाके उठाई, और बुखार बाके छोड्दै। तव बा बिनकी सेवा करन लागी ।
\p
\v 32 बहे संझाके दिन डुबनसे पच्छु, आदमी बाके जउणे बेमार और भुत लगेभए जम्मै के लिाआईं।
\v 33 पुरो शहरके घरके फाटक में जमा हुइगय रहयँ।
\v 34 अनेक किसिमके रोग से दुखीभय बहुत बिमारीन के बा अच्छो करी, और बहुत भुतनके निकारी, पर भुत बाके चिनन् के कारन से बा उनके बोलन नादै।
\p
\v 35 सुबेरे उजियारो होनसे बहुत अग्गु उठ्के बा बाहिर एकान्त ठाहोंमे गओ, और हुआँ प्रार्थना करी।
\v 36 सिमोन और बाके सँग होनबारे बाके ढुणतै गय।
\v 37 बाके पाएके पिच्छु बे कहनलगे, “सब तुमए ढुण रहे हएँ ।”
\p
\v 38 तव बा उनसे कही, “अव, हम जउडें के और सहरमे जामएँ, और हुआँ फिर मए प्रचार करन पामओं, काहेकि जहेक ताहीं मए आओ हौं।"
\v 39 और पुरो गालील में उनके सभाघर में प्रचार करतय और भुतनके निकारत रहो ।
\p
\v 40 और एक जनी कोढ रोग लगो आदमी बाके ठिन आएके घुँटो टेक्के अइसे बिन्ती करी, “तुम इच्छा करैगे तव मोके अच्छो कर सकत हौ।"
\p
\v 41 तव दयासे भरके बा अपनो हात बढाएके बाके छुई, और बासे कही, “मए इच्छा करत् हौं, तए अच्छो हुइजा।"
\v 42 बहे समयमे बाको कोढ रोग बासे हटीगओ, और बा अच्छो हुइगओ।
\v 43 और बा बाके कडो आज्ञा दैके अइसे कहिके तुरन्त पठाई,
\v 44 “देख तए कोइसे मत कहिए, तए जाएके अपनए पुजारी ठिन दिखा, और तए अच्छो भव तहींमारे आदमीनके प्रमाणके ताहीं मोसा को आज्ञा अनुसार भेंट चढा।”
\v 45 तव बा निकरके गओ, और बाके बारेमे खुल्लम खुल्ला प्रचार करन लागो, और येशू फिर सहेर में खुलेआम न जान पाई, और एकान्त ठाहोंमे रहो। तव आदमी चारौं घेनसे बाके ठिन आए।
\c 2
\cl अध्याय २
\p
\v 1 कुछ दिन पिच्छु बा कफर्नहुम घुमो, और आदमी बा घरमे हए करके सुनी ।
\v 2 और इतनो आदमी जम्मा भए की बे हुवाँ अपाने नाय, हिंयाँतक कि फाटक के बाहिर फिर ठाउँ ना भव, और येशू उनके परमेश्‍वरको बचन प्रचार करी।
\v 3 और चार जनी उठाएके एक जनी पुरो लुन्जा के लैके आदमी बाके ठिन आए ।
\v 4 भीड के कारन येशुके जौडे ना पुग पाइँ तओ बे, बा आदमिक बा होनबारो ठाउँको उपरको ठाउँको छानी उतकीं और उत्को ठाउँसे लुन्जाके बाको सोनबारी खटिया समेत तरे उतारदैं।
\v 5 येशू उनको विश्बास देखके बा लुन्जा से कही, ए लउँडा तेरो पाप क्षमा हुइगव ।
\p
\v 6 तव हुवाँ कुछ पण्डित बैठे रहयँ, और अपने मनमे अईसो बिचार करत रहयँ,
\v 7 “जा आदमी काहे अइसो मस्कत हय? जा त ईश्‍वर निन्दा हय केबल एक औ परमेश्‍वर बाहेक और कौन पाप क्षमा कर सकत हय?”
\p
\v 8 और बे आपसमे अइसे बिचार करत् हैं करके येशू तुरन्त अपने आत्मामे पता पाएके उनसे कही, काहे तुम अपने मनमे अइसो बिचार करत हौ?
\v 9 लुन्जा से तेरो पाप क्षमा भव, कि उठ, अपन खटिया उठाएके नेग काहन, कौन सहज हए ।
\v 10 पर आदमीको पुत्रके पृथ्वी में पाप क्षमा करनके अधिकार हए करके तुम जानौ ।“ तव बा लुन्जा से कही,
\v 11 मए तुमसे कहत हौं, उठ, अपनी खटिया उठा, और घरे जा ।
\p
\v 12 “बा उठो, और तुरन्त खटिया उठाएके सब के अग्गु से गैभव । हियाँ तक कि, सब जनी अचम्मो मानी, और “हम त अइसो कबहू ना देखे रहयँ “कहत बे परमेश्‍वरको महिमा करीं ।“
\p
\v 13 बा फिर एक चोटी समुन्द्रके किनारे गओ । और आदमी को एक गजब भारी भीड बाके ठिन आए, और बा उनके शिक्षा देन लागो ।
\v 14 तव पिच्छु जातए जात् बा अल्फयसको लउँडा लेबी के कर उठान बारोके ठाहोंमे देखी और बासे कही, मेरे पिच्छु लाग ।“ बा उठो और बाके पिच्छु लग गओ ।
\p
\v 15 बा लेबी के घरमे खानुखान बैठो रहय, कर उठान बारे गजब जनी और पापी फिर येशू और बाके चेलन के सँग बैठे रहएँ । काहेकि बाके पिच्छु लागन बारे बहुत रहएँ ।
\v 16 बाके पापिन सँग और कर उठान बारेन सँग खातदेखीं, फरिसी दलके शास्त्री बाके चेलन से कहीं, तुम काहे कर उठान बारे और पापीन् सँग बैठके खाथ हौ?
\p
\v 17 जा सुनके येशू उनसे कहि, “निरोगिनके बैदा को जरुरत न पडत हए, पर रोगिन के पडत हए । मए धर्मिन के ताहिं ना, पर पापिन के बुलानके आओ हौं ।“
\p
\v 18 युहन्नाके चेला और फरिसी उपबास बैठत रहएँ । आदमी आएके बासे कहिं, युहन्नाके चेला और फरिसीके चेला उपबास बैठत हएँ, पर तुमरे चेला काहे उपबास बैठत न हयँ?
\p
\v 19 येशू उनसे कही, का दुलहा उनके सँग होनतक बरैतिया उपबास बैठत हएँ? जब दुलहा उनके सँग हए तओ बे उपबास न बैठत हैं ।
\v 20 पर समय अएहए, जब दुलहा उनसे अलग करेहए तब बा दिन उपबास बैठङ्गे।
\p
\v 21 कोई फिर पुरानो कपडामे नयाँ कपडा को थिग्रा न लगात हएँ, औ नयाँ पुरानो से फटके निकरत हए, और फटो और बेकार हुईजात हए।
\v 22 कोइ फिर नयाँ दाखमध पुरानो खलरीके मश्कामे न डारत् हएँ, नत बा दाखमध खालको मश्काके फुटाए देहए, और दाखमध और मश्का खराब हुईजय हए । पर नयाँ दाखमध नयाँ बरतनमे डारन पडत हए ।“
\p
\v 23 एक बिश्रामको दिन बा अन्नको खेत हुइके जात रहए । बाके चेला नेगतै नेगत् अन्नक बाली तोडन लगे ।
\v 24 जा देखके फरिसी बासे कहीं, देख बिश्रामके दिन मे जो करन ठीक न हए बहे काहे करत हौ?
\p
\v 25 बा उनके बताई, “जब दाउद और उनके सँग होन बारे घटिकमी मे पडे भए और भोकाए भएन के ताहिं दाउद का करी? का तुम कबही न पढे हौ?
\v 26 प्रधान पुजारी अबियाथार के समयमेमे परमेश्‍वर के भवनमे बा घुसो, और परमेश्‍वरको चढाओ भव रोटी खाई, जो पुजारी से बाहेक औरन के खान ठीक न रहए और बा रोटी उनके सँग होन बारेनके फिर दई ।
\v 27 उनसे बा कहि, “बिश्राम दिन आदमिनके ताहीं बनो हए, आदमी बिश्राम दिनके ताहीं ना ।
\v 28 जहे कारन आदमिनको लउँडा बिश्रामदिनको फिर प्रभु हए ।“
\c 3
\cl अध्याय ३
\p
\v 1 पिच्छु फिर बा सभाघर में गव, हुवाँ सुखो हात भव एक आदमी रहय।
\v 2 बा बाके शबाथ-दिनमें अच्छो करेहए करके बाके दोष लगान आदमी बाको चूहा लेतरहएँ।
\v 3 तव बा सुखो हात भव आदमी से कहि, “यिताए आ।"
\v 4 बा उनसे कहि, बिश्रामदिनमे अच्छो करन् कि खराबी करन्, ज्यान बचान् कि नाश करन् कउन् ठीक हए?” तओ बे चुप् लागे रहे ।
\v 5 बिनको हृदय को कठोरता में दु: खी हुईके क्रोधित भव और बा उनके सबके देखी और बहे आदमी से कहि, “तेरो हात बढा।” बा हात बढाई और बाको हात अच्छो हुइगओ।
\v 6 तओ निकरके गए बाके कईसे नाश करएँ करके फरिसी तुरन्त हेरोदसँग बाके बिरोधमे सल्लाह करीं।
\p
\v 7 तओ पिच्छु येशू अपन् चेलन संग समुन्द्र घेन गओ, और गलिलसे आदमिन् की बहुत भारी भीड बाके पिच्छु लागी।
\v 8 यहूदिया, यरुशलेम, इदुमिआ, यर्दनपार और टुरोस और सिदोनक आसपासके आदमीन् को बहुत भारी भीड बाको अचम्मो काम के बारेमे सुनन् बाके ठिन आए।
\v 9 भीड बाके चिब्दाबय नाए करके बा अपन चेलन् से अपने ताहीं एक नैयाँ तयार करन लगाई।
\v 10 बा बहुतन्के अच्छो करी बहेमारे रोग लगे भए सब बाके छूइहएँ करके धकेला धकेल करत रहएँ।
\v 11 जब अशुध्द आत्मा बाके देखत रहएँ, घुप्टा पड्के अईसे चिल्लात रहएँ, “तए परमेश्‍वरको लउँडा हय।"
\v 12 तव बाके कोइन के पता न चलय करके बिनके बा कडो हुकम दै।
\p
\v 13 तओ पिच्छु येशू डँगामें चढो, और बा अपने चाहन बारे जीत्तोनके बुलाई, और बे बाके ठिन अाए।
\v 14 अपन् सँग रहन् और प्रचार करन पठानके बा बाहृओं जनीके नियुक्त करी,
\v 15 और उनके भुत निकारन के अधिकर फिर दै।
\v 16 और बाहृओं प्रेरित जेहि हएँ: सिमोन, जौंनको नाउँ बा पत्रुस धरिरहए,
\v 17 जब्दियाक लउँडा याकूब और याकुबको भईया युहन्ना। बा उनके बोअनर्गेश, औ गर्जनको लउँडा करके नाउँ दै।
\v 18 अन्द्रीयास, फिलिप, बारथोलोमाई, मत्ती, थोमा, अल्फयसको लउँडा याकूब, और थेदियस, सिमोन कनानी,
\v 19 और यहूदा इस्करियोत जौन बाके धोका दै।
\p
\v 20 तओ येशू फिर घर घेन फिर गओ। भीड़ जम्मा हुईगव, हियाँतक की बा खानु खान तक न पाईं।
\v 21 जब येशूके परिवारके जा सुनी, तव बाके लैजानके बे निकरे और बाको मन ठिगानामे न हय करके बे कहत रहयँ।
\p
\v 22 यरुशलेमसे आए भए व्यवस्थाके शास्त्री कहीं, “बामे बालजिबुलको भुत हए, और भुतक मालिकसे बा भुत निकारत हए।”
\p
\v 23 तओ बा उनके अपने ठिन बुलाए के कहानी कही, “शैतान शैतानके कैसे निकारैगो?
\v 24 कुई राजको आपसमे फुट हुईहए तव बा राज टिक न हए।
\v 25 कुई घरको आपसमें फुट भव तव बा घर टिक न पएहए।
\v 26 और शैतान शैतानके विरुद्दमें खड़ो हुइके फुट लीअए हए, तव बा न टीकैगो, तव बाको अन्त आएजय हए।
\v 27 कोई फिर बली आदमी के घरमे घुसके धनमाल लूट न पएहयँ, जबतक बा बली आदमी के न बाँधहए तओ बा बाको घर लुट न पएहए।
\v 28 नेहत्य, मै तुमसे कहत हौं, आदमीन को सब पाप और ईश्‍वर-निन्दा क्षमा करे जयहयँ,
\v 29 पर पबित्र आत्माके बिरुद्दमें निन्दा करन बारेनके कबहु क्षमा न हुइहए, तओ बा अनन्त पापकर्मको दोषी ठहारैगो।"
\p
\v 30 येशू जा वचन कहि, काहेकी ““बा अशुद आत्मा हए करके बे कहत रहएँ।"
\p
\v 31 बाकी अइया और बक भैइया बाके हुवाँ आए, और बाहिरय ठाड्के बाके बुलान पठाईं।
\v 32 भीड़ बाके आसपास बैठीरहए और बे बासे कहीं, “देख तुमर अईया और तुमर भैइया तुमके बाहिर ढुणत हएँ।”
\p
\v 33 बा उनके जबाफ दैके कही, मिर अईया और भैइया कौन हए?
\v 34 और अपने आसपास चारौंघेन देखके बा कही, “देखओ जेहि हएँ मिर अईया और भैइया।
\v 35 काहेकी जौन परमेश्‍वरको इच्छा पालन करत् हएँ बेहि मिर भैइया और मिर बहिनिया और मिर अईया हएँ।”
\c 4
\cl अध्याय ४
\p
\v 1 पिच्छुसे फिर के समुन्द्रके किनारे बा शिक्षा देनलागो। बाके चारौघेन भीड़ यितनो भरी रहए की बा समुन्द्र में भई एक नैयाँमे चढो और बामे बईठगव । आदमी समुन्द्र के किनारेके ढाहोमे बईठेरहयँ।
\v 2 और बा उनके कहानी में बहुत बात सिखाई। बा अपनो शिक्षामे उनसे आईसे कही:
\v 3 “सुनओ 'देखओ, एक आदमी बीज बोनके निकरो।"
\v 4 और बोत पेती कुछ बीज डगर में पडे और बे बीज चिरैचुरगनि आएके खाए डारीं।
\v 5 कुई बीज पत्थर बारे ठाँउमें पडे, जहाँ बहुत मट्टी न रहए, और मट्टीकी गहेराई न हुईके, बे जल्दी जमिगए।
\v 6 घामु एक्दम जोडसे नीकरो और पीछू पिङगा डुङ्गए, जर न हुइके बे अइल्याए गय।
\v 7 कुई बीज काँटोन के बिचमे पडे। काँटो बढो और पेंड बाँझे हुइगए, और बामे फरा न लगे।
\v 8 पर कोई बीज अच्छी जमिनमे पडे, और जमे और बढके तीस गुना, साठ गुना, और सय गुना फरा दईं।
\v 9 और बा कहि, “जौनको सुनन बारो कान हए, बा सुनए।”
\p
\v 10 जब बा इकल्लो भव, तओ बाहृ जनी चेला और बाके आसपास भए, बे बासे कहानीके बारेमे पूछीं।
\v 11 बा उनसे कहि, “परमेश्‍वरको राजको भेद तुमके दओगव हए, पर बाहिर बारेनसे सब कहानीमें कहोजात है।
\q
\v 12 कि बे देखन त देखत हएँ, पर देख न पात् हएँ, सुनन् त सुनत् हएँ, पर समझ न पातहएँ, नत् बे पश्‍चाताप करते, और बिनको पाप क्षमा हुईतो।”
\p
\v 13 बा उनसे कही, “तुम जा कहानीको अर्थ न समझे? तव और सब कहानीको अर्थ कईसे समझैगे?
\v 14 बीज बोनबारो वचन बोत् हय।
\v 15 कोई आदमी डगर में बोए भए बीज जइसे हएँ। जब बे वचन सुनत् हएँ, तव तुरन्त शैतान आत् हए और बिनमे बोओ भव वचन लैचलो जात् हए।
\v 16 अइसि करके पत्थर बारे ठाँउमे बोए भए जेहि हएँ, जौन जब वचन सुनत् हएँ, तव खुशीसे तुरन्तै बे ग्रहण करलेत् हयँ।
\v 17 तव उनको अपनो जर नलगनके कारन थोरी देर तक बे टिकत् हएँ। तव जब वचन को कारण संकट औ सताबट आत् हए, तओ बे तुरन्त गिर जात् हएँ।
\v 18 काँटोके बिचमे बोए भए जेहिं हएँ, जौन वचन सुनत् हयँ,
\v 19 पर जा संसारको चिन्ता और धनको लोभ और चीजको लालच आएके वचनके दबाए देत् हए, तव बे फरत न हयँ।
\v 20 तव अच्छी जमिनमें बोए भए जेहि हएँ, जौन वचन सुनत हएँ, और ग्रहण करत् हएँ, और फरा देत् हएँ तीस गुना, साठ गुना, और सय गुना।”
\p
\v 21 बा उनसे कहि, “का कुई दिया पजारके खटीया तरे धरन के ताँहि भीतर लात हएँ? का आरेम धारन ताहिं न?
\v 22 कुई चीज लुकाएके न धर पएहएँ, जौन जानि न जाबए, और कौन चीज है जौन उजियारोमे न लयहयँ।
\v 23 अगर कूई आदमीक सुननबारो कान हए, तव बा सुनए।”
\p
\v 24 बा उनसे फिर कहि, “तुम जो सुनत हौ, बामे ध्यान देओ। काहेकि जौन नापसे तूम देहौ, बहे नापसे तुम पैहौ। और तुमके और जद्धा दओ जएहए।
\v 25 काहेकी जौनके सँग हए, बाके दओ जएहय, और जौन सँग न हय, बाके सँग भव फिर छिनो जएहए।”
\p
\v 26 बा कहि, “परमेश्‍वरको राज अईसो हए- कोई एक आदमी जमीनमे बीज बोत हय,
\v 27 और बा सोए से फिर, जगे से फिर रातदिन बा बीज जमत हय और बढतहय, तव बा कईसे बढत है, बा न जानत हय।
\v 28 जमीन अपनए जमात् हय, पहिले पिङ्गा तव बाली, तव बालीमें पुरा दाना लागत हय।
\v 29 तव जब अन्न पकत् हए, तव तुरन्तए बा हँसिया लगात हए काहेकी फसलको बेरा आएजात हए।”
\p
\v 30 बा फिर कहि, “परमेश्‍वरको राजको तुलना का के सँग करयें? तव कौन कहानी से जाको बयान करयें?
\v 31 जा त भादीक दाना जैसो हए, जो जमीनमें बोत् हएँ | पृथ्वीभरमे सब बीजसे छोटो हए तहुँ फिर,
\v 32 जब बा बोत् हएँ, तव बा बढत् हए, और सब सागपातसे बड़ो, और बाके बडे बडे हाँगा होत हएँ, और आकाशके पन्छी बाके छाहींमे घरघुस्ला बनात् हँए।”
\p
\v 33 बिनके समझन बारी बा अईसी बहुत कहानी कहिके उनके वचन सुनाई।
\v 34 कहानी बिना बा उनसे न बोली, तव अपने चेलनके बा चुप्पए सबको अर्थ खोलदै।
\p
\v 35 “बा दिन सन्झाके बा चेलान से कहि, ““आबौ, हम बोपार जामएँ।”
\v 36 तव भीड़से बिदा लैके पीच्छू, बा जौन नैयाँमे बैठो रहए बहेमें चेला बाके अपने सँग लैगय। और फिर नैयाँ बाकेसँग रहयँ।
\v 37 और बहुत भारी आँधी चली, और लडुरा नैयाँमें लणन लगे, हियाँ तक कि नैयाँमें पानी भरन लागो।
\v 38 बा अपना नैयामें पिच्छुके भागमे एक सिरहींन लैके सोतरहए। बे बाके अइसे करके जगाईं, “गुरुज्यू हम डूबन लागे का तुमए चिन्ता न हय?”
\p
\v 39 तव बा जगो, और आँधीके डाँटी, और समुन्द्रको लडुरासे कही, “शान्त हो और थमिजा।“ और आँधी थमीगै और शान्त हुईगओ।
\v 40 बा उनसे कहि, “तुम अईसे काहे डरात् हौ? तुमर बिश्बास न हय?”
\p
\v 41 तव बे बहुत डराई गए और आपसमे कहन लागे, “जा कौन हए? आँधी और समुन्द्र फिर ईनको हुकुम मानत हएँ।”
\c 5
\cl अध्याय ५
\p
\v 1 और बा समुन्द्रके बोपार गेरासेनस के मुलुक मे आओ।
\v 2 येशू नैयाँसे बाहिर उतरके तुरन्तै मरघटसे अशुध्द आत्मा लगो भव एक आदमी बाके भेटी।
\v 3 और बा मरघटमे बैठत रहए। कोई फिर साँकरसे बाके बाँध् न पात रहयँ।
\v 4 काहेकी बाके बहुत चोटी किला और साँकरसे बाँधे रहैं, और बा साँकरके खण्डी-खण्डा करदेत रहै। कोई आदमी बाके बसमें कर न पात रहैं।
\v 5 बा रात और दिन सदामान मरघट और डाँगामें चिल्लात अपनए के पथरा से काटतै नेगत रहय।
\v 6 और जब बा येशू के दूरसे देखलै तव दौडके अओ, और बाके ढोक लागी।
\v 7 और गजब जोड़से चील्लाएके बा कही, “हे सर्बोच्च परमेश्‍वरको पुत्र येशू मोसे तुमके का पडी हए? मए परमेश्‍वरको कसम खाए के तुमसे बिन्ती करत् हौं, कि मोके दुःख मतदेबय।"
\v 8 काहेकी बा बासे कही, “ए अशुध्द आत्मा, बा आदमी मैसे निकरके अईजा।”
\p
\v 9 और बा बासे पूँछी, “तेरो नाउँ का हए?” तव बा कहि, “मेरो नाउँ फौज हए, काहेकी हम बहुत हयँ।"
\v 10 तव भुतात्माके बा ईलाका से बाहिर न निकारय करके बे बासे नहोरा पणन लागे।
\v 11 हुवाँ जाउँडेको डाँगामे सोराको एक बहुत भारी बगाल चुगत् रहय।
\v 12 तव भूतात्मा अइसे कहिके बासे बिन्ती करीं, हमए सोरन के ठिन् जानदे, और हम बा भितर कुचङ्गे।"
\v 13 बा उनके अनुमति दै, और अशुध्द आत्मा बाहिर निकरके सोरनके भीतर घुसिगए, और लगभग दुई हजार सोरनको बा बगाल ढाहों मैसे समुन्द्र घेन हुरे, और समुन्द्रमे डूबके मरीगए।
\p
\v 14 तव सोरा चुगानबारे भाजे, और सहर और गाउँ- गाउँमे खबर दैं । और का भव हए, सो देखन आदमी हुँवा आय।
\v 15 तव बे येशू ठिन आए, और देखिं की भुत लागो आदमी अच्छो मनसे कपड़ा लगाए बैठो रहै। बाके देखके बे डराईगए।
\v 16 और जौन जे देखि रहैं, बे भुत लगो आदमी और सोरनके का भव रहै, बा बतायदैं।
\v 17 और उनको इलाकासे चलो जा कहिके आदमी येशूसे बिन्ती करन लागे।
\p
\v 18 बा नैयाँमे घुसन् लागो तव भुत लागो आदमी बाके संग रहन ताहिं बिन्ती करी।
\p
\v 19 तव बा बाके अनुमति न दै, तव बासे कहि, “तए अपने घरमे जाएके तेरे संगीनके प्रभू तेरे ताहीं करो भव महान् काम और तोके दिखाव भव बडो दया के बारेमें बिनके बतायदे।"
\v 20 और बा आदमी नेगिदै, और येशू बाके ताहीं कितनो बड़ो काम करीरहै बा डेकापुलिस भर प्रचार करन लागो, और सब आदमी अचम्मो मानी।
\p
\v 21 जब येशू फिर नैयाँमे समुन्द्र के बोपार गओ, तव एक गजब भारी भीड़ बाके आसपास जम्मा हुईगै। बा त समुन्द्र के किनारे ेहय।
\v 22 सभाघरके शासक के बीचसे याइरस नाउँको एक जनी बाके ठिन आओ, और बाके देखके बाके पावमे घुप्टा पडिगओ,
\v 23 और अइसे करके बिन्ती करी, “मेरी छोटी लौणिया मरन् लगी हए, आएके बाके ऊपर तुम हात धरदेबऔ, तव अच्छी हुईजाए हए और बचीजए हए।"
\v 24 तव येशू उनके संग गव। एक बडी भीड बाके पिच्छु लागी और आदमी बाके आसपास ढकेला ढकेली करनलागे।
\p
\v 25 और बाहृ वर्ष से रगत बहन बारो रोग बारी एक बैईयर बहुँआ रहय।
\v 26 बा बहुत बैदनके हातसे बहुत कष्ट पाएके, अपन सँग भव सारा धनसम्पति खर्च करके अच्छि न भई बलुक और खराब हालतमे पुग्गई।
\v 27 पर बा येशूके बारेमे सुनी रहए, और भीड़के पीच्छूसे आएके बाको कुरता बा छुई।
\v 28 काहेकी बा मनए मनमें कहि मए बाको कुरता छुइलेहौं तव मए अच्छो हुईजाए हौं।
\v 29 और तुरन्त बाको रगत बहन बन्द हुईगओ और अपनो शरीरको रोग अच्छो भव करके पता पाएगई।
\p
\v 30 अपने मैसे शक्ति बाहिर निकरो झट्टए येशू पता पाएके भीड़में पिच्छु घूमके पूछीं, “कौन मेरो लत्ता छुइहए?”
\p
\v 31 चेला बासे कहिं, “भीड़ ढकेला ढकेली करत तुम देख्तै हौ। और तहूँ फिर तुम कहत् हौ, “कौन मोके छूओ?”
\v 32 बाके छुन बारो कौन हए, करके बा चारऔघेन देखन लागो।
\p
\v 33 तव अपनक जो भव रहए, बा पता पाएके बा बैइयर डराएके थर थरत आएके येशूके अग्गू घोप्टा पडिगै, और बा सबै सच्ची बात बताई दै।
\v 34 “तव बा बासे कही “ए लौणिया, तिर बिश्‍वास तोके अच्छो करी हए। शान्तीसे जा। तेरो रोग अच्छो हुईगव हए।”
\p
\v 35 तव बा बोलतपेती, शासकके घरसे आदमी आएके कहिं, तुमरी लौणिया त मरिगै। गुरुजीके अब कष्ट काहे देत हौ?”
\p
\v 36 तव बे करि भई बातमे ध्यान न दैइके येशू सभाघरके अगुवासे कही, “मत डराबै, बिश्‍वास इकल्लो कर।"
\v 37 और बा पत्रुस, याकूब और याकूबको भाईया युहन्नासे बाहेक और कोईके अपने सँग आनके अनुमति न दई।
\v 38 बे सभाघरके शासकके घरमे आए, और बा खैला बैला करनबारे, और रोनबारे और बहुत जोड्से बिलकात देखी ।
\v 39 भीतर कुच्के बा उनसे कही, “तुम काहे खैला बैला करत् हौ और रोतहौ? लौणिया मरी न हय, बा सोए रहि हय।"
\v 40 तव बे बाकी बात सुन्के हसीं। तव बा उनके सबके बाहिर निकारी, और लौणियाक दौवा और अईया और बाके सँग होन बारेनके सँगमे लैके लौणियाके ठाउँमे भीतर गव।
\v 41 और लौणियाक हात पकडके बा बासे कही, “तलिता कूमी, “जौनको अर्थ हए, “ए बालिका, मए तुस काहत् हौं उठ्।"
\v 42 और लौणिया तुरन्त उठीगै और नेगन् लागी। बो बह्रा बर्षकी रहए। और बहे समय बे अचम्मो मानी।
\v 43 बा उनसे कहि जा कोई पता न पामएँ कहिके कडो आज्ञा दै। और बालिकाके कुछ खान देओ करके बिनसे कही।
\c 6
\cl अध्याय ६
\p
\v 1 बाहुना से निकरके बा अपने गाऊँमे घुमो। बाके चेला बक् पीच्छू लागे।
\v 2 बिश्रामदिनमे बा सभाघरमे सिकान लागो। बहुत जनी सुननबारे अचम्मो मानके कहिं, “जा आदमी जा सब कहाँसे पाई? जाको दव जा ज्ञान कईसो हए? जाके हातसे करे भए काम कित्तो शक्तिशाली?
\v 3 का जा बहे बडही न हए? का जा मरियमको लौंडा और याकूब, योसेफ, यहूदा और सिमोनको ददा न हय? का जक बहिनिया फिर हमरी सँग न हयँ?” और बे बासे चिरक पडे।
\p
\v 4 तव येशु उनसे कहि, “अगमवक्तन के अपनो देश और अपने नातेदारनके बीचमे और अपने घरमे बाहेक अन्तै कहूँ अनादर न होत् हय।
\p
\v 5 और बा हुआँ कोई कोई रोगीन ऊपर अपने हात धरके उनके अच्छो करनके अलाबा और कोई शक्तिशाली काम न करन पाई।
\v 6 उनको अबिश्‍वास देखके बा अचम्मो पडिगव। और बा गाउँ गाउँमे सिखातै चलो गव।
\p
\v 7 बा बाहृ जनीके अपने ठीन बुलाई और बिनके दुई दुई करके पठाई । बिनके अशुध्द आत्मा उपर अधिकार फिर दई।
\v 8 उनके बा अइसो आज्ञा दै: “यात्राके ताहीं सँगमे कुछ मत लियौ, न त रोटी, न झोला, न गोझामें पैसा, पर एक लट्ठी जारुर लियौ,
\v 9 जुता लागैओ, पर और जद्धा लत्ता मतलिओ।”
\v 10 बा उनसे कहि, “जब कोई घरमे घुसैगे, जबतक बा गाउँसे न निकरैगे तबतक हुवएँ बैठियो।
\v 11 अगर कोई ठाउँमें तुमए स्वागत न हुईहय तव और आदमी तुमरो वचन सुनन् ईन्कार करहएँ तव, बा ठाउँसे तुम निकरके उनके बिरुध्दमें गबाहीके ताहिं अपने पाँवको धुधर झराए दिओ।"
\v 12 तव बे निकरके गए आदमीनके पश्‍चाताप करएँ कहिके प्रचार करीं ।
\v 13 बे बहुत भुतनके निकारीं, और बहुत रोगीनके तेलसे अभिषेक करके अच्छो करीं।
\p
\v 14 हेरोद राजा येशूके बारेमे सुनी, काहेकी बाको नाउँ प्रचलित हुईगव रहए। कितनो कहात रहयँ, “बप्तिस्मा-देनबारो युहन्ना मरके जिन्दा हुईगव हय, जहेमारे त उनसे अइसो शक्तिके काम हुइ रहो हय।
\v 15 “तव और कहीं, “जा एलिया हए।” तव और जद्धा कहिं, “जा त पुरानो समयके अगमवक्ता हानी एक अगमवक्ता हए।"
\p
\v 16 तव जब हेरोद जा सुनी तव उनसे कहि, “युहन्ना, जौनको मुड मए काटनके लगाव, बहे जिन्दा हुईगव है।"
\p
\v 17 काहेकि हेरोद अपने भईया फिलिपकी बैइयर हेरोदियासके कारन युहन्नाके पकणन लगाएके बाके बाँधके जेलमें डारिरहए, काहेकि बा हेरोदियाससे बेहा करीरहय।
\v 18 काहेकि युहन्ना हेरोदसे अईसे कहिरहए, “अपनी भईयाकी बैइयर के अपनी बैइयर बनान तोके ठीक न हय”।
\v 19 जहेमारे हेरोदियास बाके ऊपर रीस धरेरहए, और बाके मारन चाहत रहय, पर मारन न सिकी रहय।
\v 20 काहेकि युहन्नाके एक धर्मात्मा और पबित्र आदमी कहत रहयँ, हेरोद बासे डरात रहय, और बाके सुरक्षीत करे रहय। युहन्नाको शिक्षा सुनके बा बहुत अचम्मो मानत रहय, और खुशीसे सुनत रहय।
\p
\v 21 तव अच्छो मौका बा समय आईगव, जब हेरोद अपनो जनम दिनमे अपने ऊँचेपदके पदाधिकारिन, अधिकृतनके, और गालीलके मुखिया-मुखिया आदमीनके बहुत भारी पाटीदै।
\v 22 काहेकि जब हेरोदियासकी अपनी लौंडिया भीतर आएके नाची, तव बा हेरोद और उनके पाहुनन्के खुशी करदै । तव राजा बा लौंडियासे कहि, “तोके जो इच्छा लागत हय बो माग, और मए तोके देहौं।”
\v 23 बा कसम खाएके बासे कहि, तय मोसे जो मागैगो मय मेरो आधो राजतक तोके देमङ्गो।
\p
\v 24 और बा बाहिर निकरके अपनी आईयासे पूँछी, “मए का माँगओं?” बा कहि, “बप्तिस्मा-देनबारो युहन्नाको मुँड।"
\p
\v 25 तव बा दौरके जल्दीसे भीतर राजा ठीन आई, और आइसे करके माँगी, “तुम मोके हबाए बप्तिस्मा-देनबारो युहन्नाक मुँड थारीयामे देबओ करके मए ईच्छा करत हौं |”
\v 26 राजा बहुत दुखी हुईगव, तव बा अपनो कसम और पाटीमे बैईठन बारे पाहुनन्के कारन बा लौंडियाके दव बचन तोड़ नपाई।
\v 27 राजा तुरन्त गारदको एक जनी सिपाहीके पठाई और युहन्नाको मुँड़ लानके हुकम दै। और बा जेलमे गव युहन्नाक मुँड़ काटी,
\v 28 और बाको मुड़ थरीयाम लाएके लौंडियाके दै, और बा लौंडिया अपनी आईयाके दै।
\v 29 युहन्नाक चेला जब जा बात सुनी तव बे आएके बाको लहास उठाएके मरघटमे लैजाएके गाणी।
\p
\v 30 और प्रेरित येशुके ठिन जमा भय, और बे जो जो करी रहयँ और सिकाई रहयँ, बे सब बाके बताइ दईं।
\v 31 बा उनसे कहि, “तुम अपनए मिरसँग एकान्त ठाउँमें आओ, और कुछ थकाई मारौ।” काहेकि हुवाँ आनजानबारे बहुत रहयँ, और बाके खान तक फुर्सत न रहय।
\v 32 और बा नैयाँमें चुप्पए एकान्त ठाउँमें गव।
\v 33 बहुत आदमी बाके जात देखिं, और बहुत चिन्लै, और सब सहेरसे पैदर दौडत उतै गए, और बाके अग्लेछा अग्गु पुगे।
\v 34 जब बा किनारे उतरो तव बा एक बहुत भारी भीड़ देखि, और बा उनके डहा करी। काहेकि बे बक्रेराह बिनाके भेडा कता रहयँ। और बा बिनके बहुत बात सिकान लागो ।
\p
\v 35 और जब दिन बहुत ढरको तव बाके चेला बाके ठीन आएके कहीं, “जा एकान्त ठाउँ हय, और अब दिन बहुत ढरक गओ।
\v 36 आदमीनके बिदा देव, और बे आसपासके बस्ती और गाँवमें जाएके अपने ताहिं कुछ खानबारो चीज किनलें मय।”
\p
\v 37 तव बा उनसे कहि, “तुमही बिनके कुछ खानक देव।” तव बे बासे कहीं, “का हम जाएके दुई सय दीनारको रोटी किनके बिनके खान देमायँ का?”
\p
\v 38 बा उनसे कहि, “तुमर सँग कित्तो रोटी हए? जाएके देखओ।” और पत्ता लगाएके पीछु बे कहिं, “पाँच रोटी और दुई मछरी।”
\v 39 और बा आदमीनके हरो चउरमें दल बाँधके बैठन हुकुम करी।
\v 40 बिनके सय सय और पचास-पचासके लईन लगाएके बैठाई।
\v 41 तव बा पाँच रोटी और दुई मछ्री लैके स्वर्ग घेन देखके आशीर्वाद दै, और बा रोटी तोड़ी और आदमिनके आगु धरदै और चेलनके दै, और बे दुई मछ्री फिर बा बाँटन दई।
\v 42 और सब खाईं और तृप्त हुईगय।
\v 43 पीछु चेला रोटी और मछ्रीके उबरे ख़ुदरा खुदरी बाहृ डलैया भरके उठाईं।
\v 44 रोटी खानबारे लोग पाँच हजार रहयँ।
\p
\v 45 और बा तुरन्त अपनो चेलन सँग नैयाँमे चढ्के बोपार बेथसेदामें बा अपनेसे अग्गु जानके कही, और उतिय खिन बा भीड़के बिदा दई।
\v 46 उनसे बिदा हुईके बा डाँगामें प्रार्थना करन गओ।
\v 47 सन्झा हुईगव नैयाँ समुन्द्रके बिचमें रहय, और बा इकल्लो पखामे रहय।
\v 48 चेलनके नैयाँ चलान कर्रो होत रहय, बा देखि, काहेकी आँधी चलत रहय। तीन बजे सुबेरे बा उनके ठीन समुन्द्र में नेगत आओ, और उनसे अग्गु जान लागो रहय।
\v 49 बे बाके समुन्द्र उपर नेगत देखके प्रेत हए कहिके, और चिल्लान लागो।
\v 50 काहेकि बाके देखके सब डराईगय रहयँ। तव झट बा उनसे कहि, “ढाड्स करओ, मएँ हौं, मत डरओ।”
\v 51 और बा उनके सँग नैयाँ भीतर चढिगव, और आँधी थमिगै। और बे एकदम अचम्मित भय,
\v 52 काहेकि बे रोटीके बारेमे बात सम्झी न रहयँ, तव बिनको हृदय कठोर हुईगव रहय।
\p
\v 53 समुन्द्र पार करके पीछु बे गनेसरेतके मुलुकमे आय पुगे, और बे नैयाँके किनारे लगाईं।
\v 54 जब बा नैयाँसे निकरन भव खिनक आदमी येशूके चिन्लैं,
\v 55 और आसपास के जम्मा गाउँके बे दौरत, और जहाँ येशू हय करके सुनी बा हुवाँ बेमारिनके बिछौनामें धरके लान्लागे।
\v 56 और गाउँमे, सहरमे और बस्तीमें जहाँ जहाँ बा घुसो, आदमी रोगिन के बजार बजार धरदैं, और बक कुरतक किनारे खाली छुन पामयँ करके बे बासे बिन्ती करीं, और जीत्तो छुईं बे सब अच्छे हुइगय ।
\c 7
\cl अध्याय ७
\p
\v 1 यरूशलेमसे आए भए फरिसी और शास्त्री येशूके चारओ तरफ जम्मा हुईगए।
\v 2 येशूके कित्तो चेला अशुध्द हात और न धोएके हातसे खात बे देखिं।
\v 3 फरिसी और सब यहूदीनके पुर्खान दओ परम्परा अनुसार हात न धोए के खानु खात न रहएँ।
\v 4 बजारसे आएके हँदाएके शुध्द न भय तक बे खानु न खात रहएँ । इतकय इकल्लो नायकि, बे आईसे बहुत परम्परा मानत रहएँ। कटोरा, भाणा और काँसोक वर्तन धोनक परम्परा।
\p
\v 5 तव फरिसी और शास्त्री बासे पूछीं, “तुमर चेला पिता-पुर्खाको धरो परम्परामे काहेना चलतहएँ, और अशुध्द हातसे खातहएँ?”
\p
\v 6 तव बा उनसे कही, “यशैया तुमय कपटीनके बारेमे ठिक अइसे अगमवाणी करी, अइसो लिखो हए, “जा जाति मोके ओठसे इकल्लो आदर करत् हए, और उनको हृदय मोसे दूर हय।
\q
\v 7 बे व्यर्थमें मेरो उपासना करत् हएँ, और उनको शिक्षा आदमीक सिकाओ बिधी इकल्लो हए।”
\p
\v 8 तुम परमेश्‍वरको आज्ञाके छोडके आदमीनको परम्परा मानत् हौ।"
\v 9 बा उनसे कहि, “तुम अपन परम्परा मानन् ताहिं कित्तो अच्छेसे परमेश्‍वरको आज्ञाके टारदेत हौ।"
\v 10 काहेकि मोसा कहि हए, “अपन आईया-दौवाके आदर करओ, और जो अईया-दौवाके बिरुध्दमे खराब बोलैगो बा मरनए पडैगो।”
\v 11 “यदि कुई आदमी दौवा औ अईया “मोसे जो-जीत्तो मदृत तुमाए मिलन पणैगो बा कुर्बान हए, { औ परमेश्‍वरके चढऔ } कहात हएँ,"
\v 12 और तुम उनके अपन अईया-दौवाके ताहिं फिर कुछ करन न देत हौ।
\v 13 अइसे तुम अपनो चलिअव परम्पराके कायम रखके परमेश्‍वरको वचन के रद्ध करत् हौ। और आइसे अनेक काम तुम करत् हौ।”
\p
\v 14 बा आदमिनके फिर अपन ठीन बुलाएके उनसे कहि, “तुम सब मेरी बात सुनओ और समझओ।
\v 15 अइसी कोई बात न हय जो बाहिरसे आदमिनके भीतर घुसके अशुध्द करपए हय, पर आदमीसे बाहिर निकरत हय बेहि बात आदमीके अशुध्द करत हय।
\v 16 जौनको सुनन कान हय बा सुनय।”
\p
\v 17 आदमीन छोडके घर भीतर घुसके पीछू बाके चेला बासे कहानीके बारेमे पूछीं ।
\v 18 बा उनसे कहि, “क तुम हबाए और न सम्झे हौ? जो बाहिरसे आदमीके भीतर घुसत् हय बा बाके अशुध्द न करत् हय करके तुम न जानत् हौ?
\v 19 काहेकि बा बाके हृदयमे न, पर पेटभितर घुसत, और बाहिर निकरत हय। आइसे बा सब खानु शुध्द हए करके बताएदै।
\v 20 बा कहि, “आदमीसे जो बाहिर निकरत हय बा आदमीनके अशुध्द करत हय।
\v 21 काहेकि भीतरसे औ आदमीक हृदयसे खराब बिचार, व्यभिचार, चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन,
\v 22 लोभ, दुष्टता, छल, छाडापन, ईष्या, निन्दा, घमण्ड, मुर्खता निकरत हय।
\v 23 जे सब दुष्ट बात भीतरसे निकरत हयँ, और आदमीके अशुध्द करत हयँ।
\p
\v 24 हुवाँ से उठके बा टुरोस और सिदोनके सीमा घेन जाएके एक घरके भीतर घुसो। जा बात कुई पता न पामए करके बा चाँहत रहय, तव बा लुकाय न पाई।
\v 25 बहे बेरा एक बैयर बाके बारेमे सुनी और आएके बाके पाउमे पडी। बा बैयरकी लौणिया के अशुध्द आत्मा लगो रहय।
\v 26 बा सिरिया फोनिकेमे जन्मी एक ग्रीक बैयर रहय। बा बैयर अपन लौणियाक भुत निकारदे करके बासे बिन्ति करी।
\v 27 बा बासे कहि, “पहिले लौणा-लौणियान के खान देओ, काहेकी लौडालौंडीयक रोटी लैके कुत्तनके अग्गु फेक्नो ठीक न हय।"
\p
\v 28 तव बा बासे कहि, “हे प्रभु, तव कुत्तओ ता फिर लौणालौंणियाक टेबुल तरेके डुठो बिनके खातहएँ।”
\p
\v 29 बा बासे कहि, “तय अइसो कहोके कारन तय घरे जा । तिर लौणियासे भुत निकर गवहय।
\v 30 तव बा अपन घर लौटके गई और लौणियाक खटीयामे सोत पाई और भुत बासे निकरगव रहय।
\p
\v 31 टुरोसको इलाका से निकरके बा सिदोन हुईके डेकापोलिसको सिमानाके बिच हुईके गालील-समुन्द्रमे गओ।
\v 32 हुवाँ आदमी एक बहिरा और लाटा आदमीके बाके ठीन लियाईं, और बाके ऊपर हात धरदे करके बासे बिन्ती करीं ।
\v 33 बाके भिडसे अलग एकन्तमे लैगओ येशू अपन उङ्गरी बाके कानमें लगाई। तव पीछु थुक्के बाकी जीबमें छुई।
\v 34 “और स्वर्ग घेन देखके लम्मी सास लैके बासे कहि, “ईफ्फाता,”औ “खुलिजा।”
\v 35 उतियखिन बक कान खुलिगव, और बाकि जीबको बन्धन खुलीगव, और बा सफासे बोलन लगो।
\p
\v 36 “जा कोईसे मत कहिओ,” करके बा उनके आज्ञा दै। तव जित्तो-जित्तो बा आदमिनके आज्ञा देतरहय, और जद्धा उत्साहसाथ बे जाको प्रचार करत रहयँ |"
\v 37 आदमी अचम्मो मानके छक्क पडत रहयँ, और कहन लागे, “बा सब चीज अच्छो करीहय। बा बहिरन सुनन और लाटन मसकन बारो फिर बनाई।”
\c 8
\cl अध्याय ८
\p
\v 1 बे दिनमें फिर एक भारी भीड़ जम्मा हुईगव, तव उनके ठिन खानबारो चीज कुछ न रहए। तव येशु चेलनके अपने ठिन बुलाएके कही,
\v 2 “जा भीड़के मोए डहा लागत हए, काहेकि जे मीर सँग रहत् तीन दिन हुईगव, और यिनकेसँग खानबारो चीज कुछ न हए।"
\v 3 और अगर इनके भूखे घर पठाएहएँ, तव जे डगरमें बेहोस हुईजए हएँ । इन्मैसे कुई-कुई दुरसे अएहएँ।"
\p
\v 4 बाके चेला बासे कहिं, “जा सुनसान ठाउँमे यिनके कहाँ से रोटी खबामएँ?”
\p
\v 5 “बा उनसे कहि, “तुमरे ठिन कय रोटी हएँ?” बे कहि, “सात हयँ।"
\p
\v 6 बा भिणके भिमे बैठन हुकुम दै, सात रोटी हातमे लै और धन्यबाद दैके रोटी तोरी और आदमीन अग्गु धरनके चेलनके दै, और बे आदमीक अग्गु धरदैं।
\v 7 बिनके ठिन कुछ छोटी छोटी मछरी फिर रहएँ, और बा आशीर्बाद दईके बहु फिर उनके अग्गु धरन लगाई।
\v 8 और आदमी खाएके अघाए गए। और उबरो खुदरा बे सात डालैय बटोरीं।
\v 9 बहुवाँ लगभग चार हजार आदमी रहएँ।
\v 10 बा उनके बिदा करके पठाई, और बा फिर अपन चेलन सँग तुरन्त नैयाँमे चढ्के दलमनुथाके क्षेत्रमे गव।
\p
\v 11 फरिसी बाके ठिन आएके बासे बहस करन लगे, और बाके परीक्षा करन ताहिं स्वर्गसे एक चिन्ह मागीं।
\v 12 अपन आत्मामें लम्मो सास लैके बा कहि, “जा पुस्ता काहे चिन्‍ह ढुणत है? पक्कय, मए तुमसे कहत हौं जा पुस्ताके कुई चिन्‍ह न मिलेहय।"
\v 13 और उनके छोडके बा फिर नैयाँमें चढ्के बोपार गव।
\v 14 चेला अपन सँगमे रोटी लैजान भूलगए, और नैयाँमे बिनके सँग एकय रोटी रहय।
\v 15 “येशू चेलन के अईसे करके चेताबनी दै, “तुम फरिसीनको खमीर और हेरोदके खमीरसे होशियार रहिओ।"
\p
\v 16 तव बे सँगमे रोटी न हए बहेमारे येशु कही हए, करके बे आपसमे बहस करन लगे।
\p
\v 17 येशु जा पता पाए के बिनसे कहि, “तुमर सँग रोटी न हए, तव काहे तुम बहस करत हौ? का तुम हबाए फिर देख्त न हौ और जानतउ न हौ? का तुमरो मन कठोर हुईगव हए?
\v 18 आँखी हए तहूँ फिर देखत न हओ? कान हए तहूँ फिर सुनत न हओ? का तुमए याद न हए।
\v 19 “जब मै पाँच रोटी बे पाँच हजारके बीचमे तोरो रहौं, तव कित्तो डलैया खुदरा खुदरी तुम बटोरे रहौ?” बे बासे कहिं, “बाहृ।”
\p
\v 20 और जब मै सात रोटी चार हजारके बीचमे तोरो रहौं, तव कित्तो डलैया बटोरे रहौ?” बे बासे कहिं, “सात डलैया।"
\v 21 बा उनसे कहि, “का तुम हबए भी न समझत हओ?
\p
\v 22 तव पीछु बा बेथसेदामे आओ, और आदमी एक अन्धरा आदमीके बाके ठिन लाईं, और बाके छुइदे करके बासे बिन्ती करीं।
\v 23 बो, बा अन्धरा आदमीक हात पकड के, बाके गाउँसे बाहिर ल्याई, और बाके आँखीमे थुकके, बक उपर अपन हात धरी, बासे पूँछी, “क तए कुछ देखत हए?”
\p
\v 24 और उपर देखके बा कहि, “मए आदमीनके रुखा कता नेगत देखत हौ।"
\v 25 तव बा फिर बक आँखीमे हात धरी, और एक टक लागएके देखी बा अपन दृष्टि पाईगव और सब चीज सफा देखन लागो।
\p
\v 26 तव बा बाके गाउँ हुईके न जानके हुकुम करके बाके घर पठाई।
\p
\v 27 येशू और बाके चेला कैसरिया फिलिप्पीक गाउँमे गए। डगरमें जातैजात बा अपन चेलनसे अइसे करके पूँछी, “आदमी का कहत् हएँ, मए कौन हौ?”
\v 28 बे बासे कहिं, “कोई कहत हए 'बप्तिस्मा-देनबारो युहन्ना।” और कोई 'एलिया, और कित्तो कहत हएँ, अगमवक्ता मैसे एक जनी।”
\p
\v 29 तव बा उनसे पूँछी, “पर तुम का कहत हौ, “मए कौन हौं?” पत्रुस उत्तर दैके बासे कहि, “तुम ख्रीष्ट हौ।"
\p
\v 30 बा उनसे कहि बाके बारेमे कोईके मत कहिओ करके आज्ञा दै।
\p
\v 31 “आदमीक लौणा बहुत दुःख भोगन, और धर्म-गुरुसे, मुख्य पुजारीसे और शास्त्रीसे इन्कार करनो और मरनो और तीन दिन पीछु जिन्दा हुईके उठ्नो आबश्यक हए “करके बा उनके सिकान लागो।"
\v 32 अइसे बा जा बात साफ साफ कहन लागो। तव जा सुनके पत्रुस बाके एकघेन लैजाएके झड्कन लागो।
\v 33 तव घूमके अपन चेलनके देख्के पत्रुसके बा अइसे करके डाँटी, “शैतान मिर ठीनसे हटीजा, काहेकी तेरो मन परमेश्‍वर घेन न हय, आदमी घेन हय।"
\p
\v 34 तव बा अपन चेलनके सँगमे भीण के अपने ठिन बुलाएके उनसे कही, “कुई आदमी मिर पीछु लागन इच्छा करत हए, तव अपनएके इन्कार करए, और अपनो क्रूस उठाएके मेरे पिछु लागए।
\v 35 काहेकि जौन अपन प्राण बचानके इच्छा करत हए, बा बाके खोबईगो, पर मेरे और सुसामाचारके ताहिं अपन प्राण गुमएहए बा बाके बचाबैगो।
\v 36 काहेकि आदमी सबय संसार पाएके अपनो प्राण गुमाएके बाके का फाईदा हुईहै?
\v 37 और आदमी अपनो प्राणके बदलामे का देन सिकैगो?
\v 38 और जा व्यभिचारी और पापी पुस्ता जो मोए देखके और मिर वचनसे शर्माए हए, आदमीको पुत्र फिर अपन पिताके महिमामे पवित्र दूतके सँग आत बासे शर्माबैगो।”
\c 9
\cl अध्याय ९
\p
\v 1 “और बा उनसे कहि, “नेहत्य, मए तुमसे कहत हौं, हिंया ठाढे भए मैसे कुई-कुई हएँ, जौन परमेश्‍वरके राज शक्तिमे आओ न देखेतक् कुई किसिमसे मृत्यु न चखाङ्‍गे।"
\p
\v 2 बाको छय दिन पीछु येशू पत्रुस, याकुब और युहन्नाके बा अपन सँग लई और एक उँचे पहाड़में लईगव। हुवाँ बेही इकल्ले रहएँ, और बिनके अग्गु बाको रूप बदलगव।
\v 3 और बाको कपडा चमकन लागो और इत्तो सेतो भव, की पृथ्वीमें कोई फिर धोएके इत्तो सेतो न करपएँ हएँ।
\v 4 हुवाँ बिनके ठिन एलिया और मोशा दिखाइदैं, और बे येशूसे बातचीत करत रहयँ।
\v 5 “पत्रुस येशूसे कहि, “गुरुज्यू, हम हियाँ हएँ तव अच्छो भव। हम हियाँ तीन बासस्थान बनामएँ, एक तेरे ताहिं, एक मोशाके ताहिं और एक एलियाके ताहीं।
\v 6 बे गजब डरके मारे बे का कहाँमै तव बे न जानी।
\p
\v 7 “और एक बादर आएके बिनके तोपदै, और बादरसे एक आबाज निकरो, “जा मिर प्यारो पुत्र हए, तुम बाको वचन सुनिओ।"
\v 8 और झट आसपास देखके बे अपन सँगमे येशूके अलाबा और कोइके न देखीं।
\p
\v 9 बे पहाड़से उतरतपेती येशू उनसे कहि, “जबतक आदमीक पुत्र मरके जिन्दा न हुईहए तवतक, तुम जा कोइके मत बातैओ।
\v 10 बे जा बात अपन मनमे धरीं, तव मरके जिन्दा होनो कहोको का हए कहिके एक दुसरे से बातचीत करन लागे।
\p
\v 11 और बे बासे आइसे करके पुछीं, “पहिले एलिया आन पडईगो करके व्यवास्थाक शास्त्री काहे कहत हैं?”
\p
\v 12 “येशू कहि “नेहत्य, एलिया पहिले से आईगव है, और सब बातक सुधारैगो। तव आदमीक पुत्र बहुत कष्ट भोगैगो, औरन्से तुच्छ होबैगो, करके धर्मशास्त्रमे लिखोहए त ।"
\v 13 तव मए तुमसे कहत हौं, एलिया आईगाव हए, और उनके बारेमे लिखो अनुसार उनके सँग जो मन लागो बे उईसीए करीं।”
\p
\v 14 और चेलनके ठिन घूमके आत बे एक बहुत भारी भीड घेरत और बिनके संग शास्त्री बहस (बादबिबाद) करत बे देखीं ।
\v 15 जम्मए भीड बाके देखतए गजब अचम्मो मानी और बाके ठिन दौडके जाएके बाके अभिवादन करीं ।
\v 16 बा उनसे पुछीं, तुम उनसे का को बहस करत हौ?
\p
\v 17 भीडसे एक जनी बाके जवाफ दै, गुरुज्यू मिर लौंड़ाक गुँगो करन बारो आत्मा लगो हए, और तुमर ठिन लाओ हौं ।
\v 18 जब जा मिर लौड़ाक पकडत् हए, तव बाके भिमें गिरात हए, और बक मुहुसे फुफ्ना काढत हए, और बा दाँत किट किटात हए, और बा अईंठ जातहए। मए तुमरे चेलन से भुत निकार देओ करके बिन्ती करो, तव बे न सिकीं ।”
\p
\v 19 तव बा उनके जबाफ दै, “ए अविश्‍बासी पुस्ता, मए कहाँ तक तुमरे सँग रहौं? मए तुमके कित्तो सहमौ? बाके मिर ठिन लियाबओ।”
\v 20 बे बा लौणा के बाके ठिन ल्याईं । येशुके देखि खिनक बा आत्मा लौंडाके फत्फत्बाई, और बा भुईमें गिरके फूफ्ना काढ्तय नेभन लागो।
\v 21 बा बाके दौवासे पूँछी, “कब से जक अइसो भव रहए?” बा कही, बच्चयसे।
\v 22 जाके नाश करन बारो आत्मा घरीघरी आगी और पानीमें गिरात रहए। अगर तुम कुछ करपत हौ तव, दया करके हमके मद्दत कर देव।”
\p
\v 23 तव येशु बासे कहि, “तुम सिकडारैगे!' कहिके का कहत् हौ? विश्‍बास करन् बारेक ताहिं सबए बात सम्भब है।"
\p
\v 24 और झट लौंड़ाक दौवा चिल्लाएके कहि, “मए विश्‍बास करत हौं । मिर कमजोर बिश्‍बासमे मोके सहायता करओ।
\p
\v 25 तव भीड़ एकसँग दौडके आत देखके बो बा अशुध्द आत्माके अइसे करके डाँटी, “ए गुँगो और बहिरा आत्मा, मए तोके हुकम करत् हौं, बासे निकरके अएजा, और फिर कबहू बा भितर मत घुसीए।”
\p
\v 26 और चिल्लाएके बा लौड़ाके बेढब् जोडसे फत्फत्बाएके बा आत्मा निकरगई, और बा बच्चा मुर्दा कता हुईगव, हियाँ तक्की बहुत आदमी कहिं कि जा मरिगव हए।
\v 27 तव येशु बाको हात पकडके बाके तुरन्त उठाई, और बा उठि गव।
\p
\v 28 और जब बा घरमें गव, तव बाके चेला चुप्पए से पूछीं, “हम बाके काहे न निकार पाए?”
\p
\v 29 बा बिनसे कहि, “जा किसिमको त प्रार्थना बाहेक और कोई उपाय से न भजाए पय हौ ।”
\p
\v 30 और बा हुवाँ से निकरके बे गालील हुइके गए। जा बात कोई पता न पामए कहिके बाको इच्छा रहय,
\v 31 काहेकि बा अपन चेलनके शिक्षा देत रहए। बा उनसे कहि, आदमीको लौंड़ा आदमीनके हातमें सौंपो जाए हए, और बे बाके मारङ्गे, और बा मरके तीन दिन पिच्छु फिर जिन्दा हुईके उठ्जाए हय।"
\v 32 तव बा कही बात बे समझ न पाइँ, और बासे पुँछन् डरई गए।
\p
\v 33 बे कफर्नहुममे आए, और घरमें रहएँ तबही बा उनसे पुछीं, “डगरमें तुम का बहस करत रहौ?”
\v 34 “तव बे चुप रहे, डगरमें बे कहिं “हम मै से सबसे बड़ो कौन हए?” कहिके आपसमे बहस करीरहएँ ।
\v 35 तव बा बैठो, और बाह्रौं जनिक बुलाई, और उनसे कहि, “कुई आदमी पहिलो होन इच्छा करेहए तव, बा सबसे पीच्छु और सबको सेबक होन पडैगो।”
\v 36 और एक छोटो बच्चा लैके, बा बाके उनके बिचमे धरी, और बाके गोदिमे लैके बा उनसे कहि,
\v 37 “जौन अईसो छोटो बच्चा मैसे एक जनीके मेरे नाउँमे ग्रहण करेहए, बा मोके ग्रहण करेहए, और जौन मोके ग्रहण करहए बा मोए नाय, पर मोके पठान बारेके ग्रहण करहए।”
\p
\v 38 यूहन्ना बासे कहि, “गुरुज्यू, एक आदमी तुमर नाउँमे भुत निकारतय हम देखे, हम बाके अईसे करन मनाही करे, काहेकि बा हमर पीच्छु लागन बरो आदमी न हय।"
\p
\v 39 तव येशू कहि, “बाके मनाही मत करओ, काहेकि मेरे नाउँमे शक्तिके काम करन बारो तुरन्त मेरे विरुध्दमें खराब ना बोलैगो ।
\v 40 काहेकि जौन हमरे विरोधमें न हय, बा हमरे घेन हय।
\v 41 काहेकि जौन तुम ख्रीष्टके हौ, कहिके उनके मेरे नाउँमें एक कटोरा पानी पिन देहौ, नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, बा कोई किसिमसे अपन इनाम न गुमाबैगो ।
\p
\v 42 “जौन् मिर ऊपर विश्‍बास करन् बारे जे छोटे मैसे एक जनीके बाधा देबैगो, बासे भलो त एक बड़ो चकियाको पटा बाके घेंटमे बाँधके समुन्द्रमे फेकदेन अच्छो रयहए।
\v 43 अगर् तुमर हात तुमके बाधा देत् हए कहेसे बाके काटदेव। दुई हात हुईके नरक कि नबुतन् बारी आगी मे जानसे लुलो हुइके जीवन बितान् अच्छो हय।
\v 44 (नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।)
\v 45 औ तुमर् टाँग तुमके बाधा देत् हए तव बाके काटदेव। दुई टाँग हुईके नरकमे फेकदेन् से अच्छो लँगडा हुईके जीवन बितान् अच्छो हय।
\v 46 (नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए ।)
\v 47 अगर तुमर् आँखी तुमके बाधा देहए कहेसे बाके निकारके फेंकदेव दुई आँखी हुईके नरकमे फेकन्से अच्छो त एक आँखी हुईके परमेश्‍वरको राजमे घुसन् तुमर ताहीं अच्छो हय।
\v 48 नरकमे न त् किरा मरत हएँ, न आगी बुतत् हए।
\p
\v 49 काहेकि सबएके आगीयए नुनाइन बनात हय।
\v 50 नून अच्छो हए, पर अगर नूनको स्वाद चलोगव तौ बाके कासे स्वादिष्ट करैगे? अपनेमे नून धरओ, और आपस मे मेलमिलाप से रहबओ।
\c 10
\cl अध्याय १०
\p
\v 1 बा ठाउँके छोडके यर्दन नदीयाके पार यहुदियाके इलाकामें येशू गव और भीड़ बाके ठिन इकट्ठा भए, और बाको रीति अनुसार बिनके फिर शिक्षा दै।
\v 2 फरिसी बाके ठिन आए बाके परिक्षा करके पुँछी, “का कुई आदमी अपनी बैयरके सँग छुटपत्तर करन ठीक हए कि ना?
\p
\v 3 बा उनके जबाफ दैके कहि, “मोशा तुमके का आज्ञा दै हए?”
\p
\v 4 बे कहिं, “एक छुटपत्तर लिखके आदमी अपनी बैयर छोड्न मिलत् हए करके मोशा अनुमति दै हए ।”
\p
\v 5 तव येशू उनसे कहि, “तुमरो मनको कठोरता के करन बा तुमरे ताहिं जा आज्ञा लिख्दै।
\v 6 तव सृष्टिके सुरुसे परमेश्‍वर उनके नर और नारी करके बनाई हए।
\v 7 जहे कारन आदमी अपन दौवा-अईया छोडके अपनी बैयर सँग मिले रहत हयँ,
\v 8 और बे दुई जनी एक शरीर हुईहएँ । बे फिर दुई नाए, पर एक शरीर होत् हएँ ।
\v 9 जहेमारे परमेश्‍वर जौनके एकसँग जोड़ी हए, आदमी बाके न छुटामएँ ।”
\p
\v 10 घरमें होत चेला फिर जाके बारेमें येशूसे पुछिं।
\v 11 बा उनसे कहि, “जौन अपनी बैयर सँग छुटपत्र करके दुसरे सँग बिहा करेहए, बा उनके बिरुध्दमें व्यभिचार करेहय।
\v 12 और अगर बैयर अपनो लोगासँग छुटपत्र करके दुसरे से बिहा करहए, बा व्यभिचार करेहए।”
\p
\v 13 “आदमी" “छोटे बाल बालिकन के येशू छुई देबए कहिके बाके ठिन ल्याइँ, तव चेला बिनके डाँटी।"
\v 14 तव जा देखके येशु दिक्कइ गव, और उनसे कहि, “छोटे बाल बालिकनके मेरे ठिन आनदेव, बिनके मत रोकओ, काहेकि परमेश्‍वरको राज अईसिनको हए।
\v 15 नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, जौन परमेश्‍वरको राजके एक छोटो बालक जैसो ग्रहण न करेहए बा कतै भीतर घुसन न पयहय।"
\v 16 और बा उनके गोदिमे लैके बिनके उपर अपन हात धरके आशीर्वाद दै।
\p
\v 17 येशू डगरमे जात रहए, एक आदमी दौड़के आएके बाके अग्गु घुप्टा पड्के, और बासे पुँछी, “हे अच्छो गुरु, अनन्त जीबन पानके ताहिं मोके का करन पडैगो?”
\p
\v 18 येशू बासे कहि, “तए मोके काहे अच्छो कहत हए? एकय परमेश्‍वर बाहेक और कोई अच्छो न हय।
\v 19 तए आज्ञा त जानत् हए, तए हत्या मत् करए, व्यभिचार मत् करए, मत चूरैये, झुटो गबाही मत दिए, मत ठग्गिए, अपन दौवा और अईयाके आदर करिए।”
\p
\v 20 और बा बासे कहि, “गुरुज्यू जा त सब मए मेरे जमानीय अबस्थासे पालन करो हौं ।"
\p
\v 21 येशु बाके देखि, और माया करके कहि, “तिरमे हबए एक बात और कमी हए। जा, और जो जीत्तो हए बेचके और गरीबनके दे, और तोके स्वर्गमे सम्पति मिलैगो। और आएके मिर पीच्छु लाग।"
\v 22 तव जा बातसे बाको चेहेरा उदास हुईगव, और बा दुखित हुईके गईभव, काहेकि बाकेसँग बहुत धन-सम्पति रहए।
\v 23 और आसपास देखके येशु अपन चेलनसे कहि, “धनीके परमेश्‍वरके राजमे घुसन कित्तो अग्ठो हय।"
\v 24 बाकी कहि भई बातमें चेला अचम्मो मानी। तव येशू फिर उनसे कहि, बालक रेऔ, धन-सम्पति उपर भरोसा करन बारेनके परमेश्‍वरको राज भीतर घुसन कित्तो अग्ठो हय।
\v 25 धनी आदमीके परमेश्‍वरके राज भीतर घुसनसेत बलुक सुईंके भारसे ऊँटके छिरन सहज हए।”
\p
\v 26 बे गजब अचम्मो मानी और बासे कहिं, “तव अईसे कौन बच्पय हय?”
\p
\v 27 येशू उनके देखके कहि, “आदमीके ताहिं जा असम्भब हए, और परमेश्‍वरके ताहिं न हय, काहेकि परमेश्‍वरके ताहिं सब बात सम्भब हय।"
\p
\v 28 पत्रुस बासे कहि, “देख, हम त सब छोडेहएँ, और तुमर पीच्छु लागेहएँ ।”
\p
\v 29 येशू कहि, “नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, जौन मीर ताहिं और सुसमाचारके ताहीं घर और ददा-भैया, दीदि-बहिनिया, औ अईया दौवा, औ लौंड़ा-लौंड़िया और जगहा जमीन छोडैगो,
\v 30 बा सतावट के सँगैसँग सय गुणा जद्धा घर, ददाभैया, बहिनिया, अईया, लौंड़ा-लौंड़िया और जगहा जमीन जहे समयमे पाबैगो, और आनबारो समयमे अनन्त जीबन
\v 31 तव बहुत अग्गु होनबारे पिच्छु, और पिच्छु होनबारे अग्गु हुईहएँ ।”
\p
\v 32 बा यरुशलेम घेन जात रहए, और येशू उनके अग्गु अग्गु नेग्त रहए । चेला अचम्मो मानी, और पिच्छु पिच्छु आनबारे घबराइ गय रहएँ, तव बा बाह्रओं चेलनके फिर एकघेन लैजाएके अपने उपर पड्नबारी बात सुनाई।
\v 33 बा कहि, “देखओ, हम यरुशलेम घेन जात हएँ । हुवाँ आदमीक पुत्रके मुखिया पुजारी और शास्त्रीके ठिन सौंप देहएँ, और बे बाके मृत्युदण्ड देहएँ, और अन्यजातिनके हातमें सौंप देहएँ ।
\v 34 औ बे बाके मजाक उडाए हएँ और बाके थुकङ्गे और बाके कोर्रा लगाए हएँ और बाके मर हएँ और तीन दिन पिच्छु बा फिर जिन्दा हुई जयहए।
\p
\v 35 जब्दियाके दुई लौंड़ा, याकूब और युहन्ना बाके ठिन आएके कहिं, “गुरुज्यू, हम तुमसे जो मागंगे तुम हमर ताहिं करदीओ कहिके हमर इच्छा हय।"
\p
\v 36 बा उनसे पूँछी, “तुमरे ताहिं मए का करदेऔं तुमर का इच्छा हए?”
\p
\v 37 बे बासे कहिं, “तुमर महिमामे हम मैसे एक जनीके, तुमर दहिना घेन, और दुसरेक, तुमर दिबरा घेन, बैठन पामएँ करके मँजूरी हमके देबओ।”
\p
\v 38 तव येशू उनसे कहि, “तुमका मागत हौ बा तुम ना जानत् हौ। का जौन कटोरा मए पिहौं, बा तुम पी पैहौ?” और जौन बप्तिस्मा मए लओ हौं, बा बप्तिस्मा तुम लएपय हौ?”
\p
\v 39 बे उनसे कहिं, “हम सिक्डारंगे।” येशु उनसे कहि, “जौन कटोरा मए पीत हौं बा तुम पिबैगे, और जौन बप्तिस्मा मए लओ हौं। बा बप्तिस्मा तुम लेबैगे।
\v 40 पर मिर दहिना घेन और मिर दिब्रा घेन बईठन त मए ना देहौं, जा त जौन-जौनके ताहिं तयार हुइरहो हए बिन्ही के ताहिं हए।”
\p
\v 41 जा सुनके दशौं जनी चेला याकुब और युहन्ना से दिक्काए गय।
\v 42 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कहि, “तुम जानत् हौ कि अन्यजातिनके उपर शासन करन बारे उनके उपर अख्तियार चलात हएँ। और उनके बड़े बड़े बिनके उपर अधिकार चलात हएँ ।
\v 43 तव तुमरमें अईसो ना हुईहए। तव तुमरमे जौन बड़े होन इच्छा करत हए बा उनको सेवक होन पडैगो।
\v 44 और तुमरमे जौन पहिलो होन इच्छा करत हए, बा सबको कमैया होन पडैगो।
\v 45 काहेकी आदमीको लौंड़ा सेवा पानके ना, पर सेवा करन और बहुतनको छुटकाराको मोलके ताहिं अपन प्राण देनके आव हए।
\p
\v 46 तव पिच्छु बा यरीहोमें आव, और बा अपन चेलन और भारी भीडसहित यरीहोसे निकरतत पेति, तिमैक लौंडा बारतिमै, एक अन्धरा भिखारी रहए, डगर किनारे बैठो रहय।
\v 47 जब बा नासरतको येशू हए कहिके सुनी, तव चिल्लाएके बा कहन लागो, “हे येशू दाऊदको पुत्र, मिर उपर दया कर।"
\v 48 तव बहुत बाके चुप लाग कहिके डाँटी। तव बा और गजब जोडके चिल्लान लागो, “हे येशू दाऊदको पुत्र, मिर उपर दया कर।”
\p
\v 49 तव येशु ठौंड रुकिगव और कही, “बाके बुलओ।” और बे बा अन्धराके अइसे कहिके बुलाईं, “हिम्मत कर, उठ्, बा तोके बुलात हय।"
\v 50 और अपनो चाद्दर फेंक्के बा तुरन्त उठीगव और येशूके ठिन गव।
\p
\v 51 येशू बासे कही, “तए का चाँहत हए, मए तीर ताहिं का करौं?” बा अन्धरा आदमी बासे कही, “रब्बी, [गुरुज्यु] मए देख पामौ।"
\p
\v 52 और येशू बासे कही, “तए अपन डगर लाग। तिर विश्‍वास तोके अच्छो करीहए।” तव बा तुरन्त देखन लागो, और डगरमें येशूके पीच्छु पीच्छु हुइलैई।
\c 11
\cl अध्याय ११
\p
\v 1 जब बे यरूशलेमके जौने जैतून डाँगाके ढिंगई बेथफागे और बेथानिया कहन बारो ठाउँमें आएपुगे, तव बा अपन चेला मैसे दुई जनीसे अईसे कहिके पठाई,
\v 2 तुम जौनेको गाउँमें जाओ, और जातै जात तुम हबए तक कोई आदमी न चढो एक गधाहक बच्चा पैहौ। बाके खोलके हियाँ लाबओ।
\v 3 “कोई तुमसे' जा का करत् हौ कहिके 'कुई कहए, 'प्रभुके जाकि जरूरत हए, और बा जल्दी घुमाए दिबैया हए' कहीओ।”
\p
\v 4 तव बे गए, और बा बच्चा खुल्ला गल्लीमे एक घरके बाहिर घेन फाटक ठिन बँधो पाईगए, और बाके खोलीं।
\v 5 बा हुवाँ ठाडे मैसे कोई-कोई उनसे पूछीं, “बच्चाके खोलके तुम का करत् हौ?
\v 6 येशू उनके अढाई बहे कता बे कहीं, और बे उनके जन्दाईं ।
\p
\v 7 बे बच्चाके येशूके ठिन ल्याइँ, और अपन लत्ता बाके उपर धरदैं, और बा बाके उपर बैठगव।
\v 8 बहुत आदमी अपन कपडा और पत्ता काट्के डगरमें बिछाईं।
\v 9 और बाके अग्गु अग्गु नेगनबारे और पिच्छु पीच्छु आनबारे अईसे कहत जयध्वनी लगाइँ, “होसन्ना! धन्य बा, जो परमप्रभुके नाउँमें आबैगो!
\v 10 धन्य हए, हमर पिता दाऊदके बा अनबारो राज, परमधाम्मे होसन्ना!”
\p
\v 11 बा यरूशूलेममे आएके मन्दिर भीतर कुचो। और बाके आसपास सबके उपर नजर करके पीच्छु कुइबेरा भव के कारन बाह्रै जनिक सँगमे बा बेथानियाँ चलोगौ ।
\p
\v 12 कल बे बेथानिया से आतपेती बाके भुख लाग्गै ।
\v 13 और दुरमे पत्तासे भारो एक अँजीरको रुखा देखके जमकुछ फारा पएहौंकी कहिके बा गव, तव हुवाँ पुग्के बा पत्ता से अलाबा कुछ ना पाई, काहेकि बा समय अँजीरके फरा फरनको समय ना भव रहय।
\v 14 तव बा बो रुखासे कहि, “अब उईसो कोई फिर तेरो फरा ना खामएँ ।” और जा कहत बक चेला सुनत रहएँ ।
\p
\v 15 और यरूशलेममे पुग्के पीच्छु बा मन्दिर भीतर घुसो, और मन्दिरमें खरिदन बारे और बेचन बारेनके बाहिर निकारी और रुपैया बदलन बारेनके टेबुल और परेवा बेचन बारे ठाउँ सब पलट दै।
\v 16 बा मन्दिरसे कोईके कुछ चीज लैजान ना दै।
\v 17 और बा शिक्षा देतय कहि, “का आइसो ना लिखो हए, मिर घर सब जातिनके ताहिं प्रार्थनाको घर कहोजय हए?” तव तुम त जाके डाकुँको अड्डा बनाए हौ।
\v 18 और मुखिया पुजारी और शास्त्री जा सुनके बाके कैसे नाश करएँ कहिके उपाय निकारन लागे । काहेकि बे बासे डरात रहएँ, काहेकि सबय भीड बाके शिक्षामें अचम्मो मानत रहएँ ।
\v 19 सँझा भव बा सहेर से बाहिर निकरके गव।
\p
\v 20 सुबेरे हुवाँ से पहिलीएकी डगर जात रहए बे बा अञ्‍जीरको रुखाके जरसे सुखो देखीं।
\v 21 और पत्रुसके जा याद आई, और बा बासे कहि, रब्बी, [गुरुज्यू] देखओ, तुम सराप दौभव अञ्‍जीरको रुखा ता सुखो हए।”
\p
\v 22 येशू उनके जबाफ दैके कहि, “परमेश्‍वरमे विश्‍बास करओ।
\v 23 नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, अगर कुई अपन हृदयमे शंखा ना करेहए, और अपनो कहो बात पूरा हुईहए कहिके विश्‍बास करके, जा पहाड' उखड्के तए समुन्द्रमे गिरजा,'कएहौ तव, बाके ताहिं उईसी हुई जएहए।
\v 24 जहेमारे मए तुमसे कहत् हौं, तुम प्रार्थनामे जो मागे हौ, सो पाए हौ, कहिके विश्‍बास करौ, तव तुमर ताहिं हुईजाए हय।
\v 25 जब तुम प्रार्थना करके ठाढत् हौ, तव कोईके विरुध्दमे तुमर कुछ हए तव क्षमा करिओ, तव स्वर्गमे होन बारो तुमरो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा करदे हए।
\v 26 और क्षमा ना करेहौ, स्वर्गमे होनबारो पिता फिर तुमरो अपराधके क्षमा ना करैगो।”
\p
\v 27 बे फिर यरूशलेममें आए। और येशू मन्दिरमे इतए उतए नेगत समयमे मुखीया पुजारी, शास्त्री, धर्म-गुरु बाके ठिन आय।
\v 28 बे बासे प्रशन करीं, “कौन अधिकारसे तुम जा काम करत् हौ? जा काम करन के अधिकार तुमए कौन दव?”
\p
\v 29 येशू बिनसे कहि, “मए तुमसे एक प्रश्‍न पुँछत हौं, और तुम बाको जबाफ देव, और कौन अधिकारसे मए काम करत हौं, सो महूँ बताए हौं।
\v 30 यूहन्नासे दओ बप्तिस्मा स्वर्गसे हए की आदमीसे, मोके जबाफ देओ।”
\p
\v 31 तव बे अईसे कहत अपनैमे बहस करन लागे, “स्वर्गसे' कएहएँ तव 'तुम बाके ऊपर काहे विश्‍बास ना करे' करके बा कए हय।
\v 32 “आदमीनसे कएहएँ कि” पर अईसे कहन बे जनतन से डराई गए। काहेकि सबए यूहन्नाके सच्चो अगमबक्ता कहत रहयँ।
\v 33 तव बे येशूके जबाफ दैके कहिं, “हमके पता न हय।” येशू उनसे कहि, मए फिर कौन अधिकारसे जा काम करत् हौं, सो तुमए महूँ ना बताए हौं ।”-
\c 12
\cl अध्याय १२
\p
\v 1 बा उनसे कहानीमे कहन लागो: “एक आदमी अंगुरकी बगिया लगाएके बाके आसपास बेढा लगाई, और कोलू के ताहिं एक गड्डा खोदी। और एक मचान बनाएके बा अँगुरकी बागियामे किसानके कमानके दैगओ, और अपना प्रदेश गओ।
\v 2 फसलके समयमे बा, बे किसानके ठिन कुछ फसल लेनके एक टाहलुवाके पठाई।
\v 3 तव बे बाके पकडके माँरिं और खाली हात पठाईं।
\v 4 फिर बा बिनके ठिन दुसरो टाहलुवाके पठाई, तव बे बाके मुणमें मारीं और बाकी बेइज्जत करीं ।
\v 5 मालिक और दुसरेके पठाई, तव बे बहुके मारीं, तव और बहुतनके फिर पठाई, तव बे कुइके पिटीं और कुइके मारडारीं ।
\v 6 “बक अब एक जनी रहए बक प्यारो लौंड़ा।' बा कहि, बे मिर लौंड़ाक त आदर करङ्गे', कहिके सबसे पीच्छु बा अपन लौंड़ाक उनके ठिन पठाई।"
\v 7 “तव बे किसान आपसमे कहिं, “ओहो जत उत्तराधिकारी हए। आओ, हम जक मराएँ, और हक़ हमरियए हुईहए।”
\v 8 और बे बाके पकडके मारीं, और अंगुरकी बगियाके बाहिर फेंक दैं।
\v 9 “तव अंगुरकी बगियाको मालिक का करैगो? बा अबैगो्, और बे किसानके नाश करैगो, और अँगुरकी बगिया और दुसरेक देहए।"
\v 10 का तुम धर्मशास्त्र को जा वचन पढे ना हौ? “जौन पत्थरके घर बनान बारे रद्द करी रहएँ बहे कुनैठोक खास-पत्थर बनिगओ (कोनेको मुल पत्थर),
\v 11 जा परमप्रभुसे भव हए, और हमरी देखाईमे जा अचम्मो हय।"
\p
\v 12 तव पिच्छु बे बाके पकड़न ढुड्त रहएँ, काहेकी जा कहानी बा उनके बिरुदमें कही हए कहिके बे सम्झीं । तव बे भीडसे डराएके कारनसे बाके छोड़के गै भए।
\p
\v 13 पिच्छुसे बाके कौन बातमें फसामए कहिके बे फरिसी और हेरोदी मैसे कोइ आदमी बाके ठिन पठाईं।
\v 14 बे आएके बासे कहीं, “गुरुजी, हम जानत हएँ, तुम सच्चे हौ, और कोइको ख्याल ना करत हौ, काहेकि तुम मुहुँ देखके काम ना करत हौ और परमेश्‍वरको डगर सच्चो तरिकासे सिखात हौ। तव बताबऔ, कैसरके कर तीरन ठीक हए कि ना?
\p
\v 15 हम कर तिरएँ की ना तिरएँ? येशू उनको कप्टीपन पता पाएके उनसे कही, “तुम काहे मोके परीक्षा करत हौ? एक रुपैया लाओ।”
\v 16 बे एक रुपैया लाईं । बा उनसे कही, “जा फोटु और छाप का को हए?” बे बासे कहीं, “कैसरको"
\v 17 तव येशू उनसे कही, “कैसरको चीज कैसरके देओ, और परमेश्‍वरको चीज परमेश्‍वरके।” बे बासे अचम्मो मानी।
\p
\v 18 मरके जिन्दा न होत हएँ, कहिके सदुकी (एक प्रकारको जाति) बाके ठिन आए, और बासे पुछीं,
\v 19 “गुरुजी, मोशा हमरे ताहिं लिखीहए कि कोइको ददा मरीगओ और बिना सन्तान बैयर छोड़ीगव तव बक भैयाके बा बैयर लैजान पडैगो और अपन ददाके ताहिं सन्तान जन्मान पडैगो।””
\v 20 एक परिवारमें सात भईया रहएँ । जेठो एक बैयर लाई तव बा आदमी बिना सन्तान हुइके मरिगौ।
\v 21 अब मझला भैया बा बैयर से बेहा करी, और फिर बिना सन्तान हुइके मरीगव। तव सँझला फिर उइसी करी,
\v 22 तव सातओ भैयनके सन्तान ना भव। सबसे पीच्छु बा बैयर फिर मरी।
\v 23 अब मरके पुनरुथानमे बिन मैसे बा कौन की बैयर हुईहए? काहेकि बे सातओ जनी बासे बेहा करीरहएँ ।”
\p
\v 24 येशू उनसे कही, “का तुम भूलमे पडे के कारन से ना हए, न त तुम धर्मशास्त्र जनत हौ, ना परमेश्‍वरके शक्तिके जानत हौ?
\v 25 काहेकि जब मरके बे पुनरुथान हुईहएँ, बे न त बेहा करत हएँ, न उनको बेहा हुईहए, पर बे त स्वर्गमे भए दूत कता हुईहएँ ।
\v 26 मरे भए जिन्दा हुइके उठन बारो बातके बारेमे का तुम मोशा के किताब पढे ना हौ? कि कैसे भिथ्राके बारेमे लिखो भव खण्डमे परमेश्‍वर मोशासे कही, 'मए अब्राहामको परमेश्‍वर, इसहाकको परमेश्‍वर और याकूबको परमेश्‍वर हौं ।"
\v 27 बा मुर्दाको परमेश्‍वर न हय, बो त जिन्दाको हए। तुम पक्कय भुलमे पड़े हौ।”
\p
\v 28 शास्त्री मैसे एक जनी आओ, और बिनके आपसमे बिबाद करत सुनी। येशू आदमीनके ठीक जबाफ दई, देखके बे बासे पुँछीं, “सब आज्ञामे मुख्य कौन हए?”
\p
\v 29 येशू जबाफ दै, “सबसे मुख्य जा हए: हे इस्राएल सुन्, परमप्रभु हमर परमेश्‍वर एकै परमप्रभु हय।
\v 30 तए परमप्रभु अपन परमेश्‍वरके तेरो सारे हृदयसे, तेरो सारे प्राणसे, तेरो सारे समझसे, और तेरो सारे शक्तिसे प्रेम करीये।"
\v 31 दुसरो जा हए, “तए अपन परोसीके अपने क ता प्रेम कर । 'जा से बडो आज्ञा दुसरो कोई न हय।”
\p
\v 32 तव शास्त्री बासे कहिं, “गुरुजी, तुम ठीक कहत हौ, परमेश्‍वर ता एकए हए, बा बाहेक कोई न हय।
\v 33 बाके सारे हृदय से, सारे समझ से, सारे शक्ति से प्रेम करनो, और परोसीके अपनाए क ता प्रेम करनो सब होमबलि और बलिदानसे उत्तम हय।"
\p
\v 34 बिनके बुध्दिमानीसे जबाफ देत देखि, येशू बिनसे कहि, “तुम परमेश्‍वरको राजसे दूर ना हऔ।” तब बा समयसे लैके बासे प्रश्‍न करनके कोईकी हिम्मत ना भई।
\p
\v 35 तव मन्दिरसे निकरत पेति येशू कहि, “कैसे ख्रीष्ट दाउदको लौंड़ा हए कहिके व्यवस्थाको शास्त्री कहत हएँ?
\v 36 काहेकि दाऊद अपनए पबित्र आत्मासे कहि हए, परमप्रभु मेरो प्रभुसे कही, 'तुम मिर दहिना हात घेन बैठओ, जब तक मए तिर दुश्मनके तिर पाँव तरे न लए हौं।"
\v 37 जब दाउद अपनए उनसे 'प्रभु' कहत हए, तव कहाँ से बा उनको लौंड़ा भव?” और हुवाँ की भारी भीड बाको वचन खुशीसे सुनी।
\p
\v 38 तव शिक्षा देत येशू कही, “शास्त्रीन से होशियार रहिओ। बे लम्बो कुर्ता लगाएके इतए उतए घुमन और बजारमे आदर पान,
\v 39 औ सभाघरमे बडो स्थान और भोजमे आदरको स्थान पानके चाँहत हएँ।
\v 40 बे बिधुवानके घर लूटत हएँ, और दिखानके ताहिं लम्बो लम्बो प्रार्थना करत हएँ । अइसे आदमी बहुत बडो दण्ड पामङ्गे।”
\p
\v 41 और बा मन्दिरको भेटी चढान बारे ठाउँके अग्गु बैठो, और भीडके भेटी बक्सा मे भेटी चढात बा देखी। बहुत धनी आदमी गजब गजब रकम चढाइँ।
\v 42 और एक गरीब बिधुवा आएके तामाके दुई सिक्का या एक पैसा चढाई।
\v 43 अपने चेलन के अपन ठिन बुलाएके बा कही, “नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, भेटी बक्सामे चढान बारे मैंसे जा गरीब बिधुवा सबसे जद्धा चढाई।
\v 44 काहेकि सब अपन अपन भरपुरी मैंसे चढाईं, पर जा बैयर त अपन गरिबी मैसे अपनो सारा जीबिका सौंपदै ।
\c 13
\cl अध्याय १३
\p
\v 1 जब बा मन्दिरसे निकरत रहए, तव बाको चेला मैसे एकजनी बासे कहि, “देखओ गुरुजी, कित्तो बडे बडे पत्थर और कित्तो भारि भवन ।"
\v 2 येशू उनसे कही, “हियाँ ता पत्थर उपर दुसरो पत्थर ना रय हए सब बिगाड दे हएँ।”
\p
\v 3 जब बा मन्दिरके अग्गु जैतुन डाँगामे बैठो रहए पत्रुस, याकुब, यूहन्ना और अन्द्रियास बासे चुप्पैसे पुछीं?”
\v 4 “हमके बता कि जे सब बात कब हुइहएँ? और जा सब बात होनके का चिन्हा हुइहए?”
\p
\v 5 येशू उनसे कही, “होसियार रहबओ, कोई तुमके ना भरमबए।
\v 6 बहुत मेरे नाउँमे 'महि हौं' कहत अमंगे, ओर बहुतन के भरममंगे।
\v 7 जब तुम लडाईं और लडाईन् के हल्ला सुनैगे, तव मत डरैओ। अईसे घटना होन जरुरि हए। पर अन्तको दिन आन् अभे फिर बाँकी हए ।
\v 8 काहेकि जातिके बिरुद्धमे जाति, और राज्यके बिरुद्ध मे राज्य ठाड़ङ्गे, ठाउँ-ठाउँमे हालाचाला जाबैगो, सुखा होबैगो। जब बैयर् जतकाल (प्रसववेदना) सुरु होन जैसो सङ्कटको सुरु हए।
\p
\v 9 “तुम अपन बारेमे होसियार होबओ। बे तुमए अदालतमे सौपंगे। तुमके सभा घरमे मार खाबएँ हएँ । तव हाकिम और राजनके ठिन् मिर ताहीं बिनके गवाही देन तुम ठाड़ैगे।"
\v 10 और सुरुमे सबै जातिनके सुसमाचार प्रचार करन् पडैगो।
\v 11 जब आदमी तुमके पकड़के मुद्दा चलामंगे, तब का बोलौं कहिके अग्गुसे चिन्ता मत करओ। पर बहे समय जो तुमके दौ जाबैगो, बहे समय बोलन बारे तुम ना हौ पर पबित्र आत्मा होबैगो ।
\v 12 एक भैया दुसरे भैयाक मारन् के ताहीं सौंपैगो, और अईसीय करके दौवा लौड़ा लौड़ियाके, अईया दौवाके बिरुदमे लडङ्गे, और उनके मारन लगबामङ्गे।
\v 13 तव मिर नाउँके ताँही तुम सबसे घृणित हुइहौ, और जौन अन्त तक अटल रयहए बाको उद्दार हुइहए।
\p
\v 14 “जब तुम बिनाशकरी घृणित चिज जहाँ होनके ना रहए, हुवाँ ठाड़ो देखैगे {पढनबारे बुझएँ} तव यहुदियामे होनबारे पहाड घेन भाजएँ ।"
\v 15 घरके पाँणमे होनबारे तरे न उतरएँ, न अपन घरसे कुछ निकारन भितर कुचएँ ।
\v 16 खेतमे होनबारो अपन चद्दर लेन पिच्छु ना घुमएँ ।
\v 17 पर हाय, बे दिनमे गर्भबती और दुध खाबन बारी अईयनके!
\v 18 बा जाडोमे न होबए करके प्रार्थना करओ ।
\v 19 काहेकि बे दिनमे अईसो महासंकट अएहए कि परमेश्‍वर सृष्टिमे सुरुसे लैके ह्बाए तक न त अइसो भव रहए ना कबहु हुइहए ।
\v 20 औ परमेश्‍वर बे दिन ना घटइतो तव कोई आदमी ना बच्तो, पर बा चुनेभएनके ताहीं बे दिन घटाई हए।
\v 21 तव बा समय कोई तुमसे 'देखओ, ख्रीष्ट हियाँ हए' बा' हुवाँ हए' कयहएँ तव, तुम विश्‍बास मत करीओ ।
\v 22 काहेकि झुठे ख्रीष्ट और झुठे अगमवक्ता ठाड़े होमंगे, और चुने भएनके भ्रममे पाणन बे चिन्ह और अचम्मेके काम करङ्गे ।
\v 23 तव तुम फिर होसियार रहीओ। मए तुमके सब बात अग्गुसे कही दओ हौं ।
\p
\v 24 तव बे दिनमे महासंकट पिच्छु दिनमे अँध्यारो हुई हए और जोनी अपनो चम्क ना देहए,
\v 25 तारा बादरसे गिरंगे, और बादरमे भए शक्ति डगमगाङ्गे ।
\v 26 और बा समयमे आदमी, आदमीके पुत्रके शक्ति और महिमासे बादरमे आत देखङ्गे ।
\v 27 तव बा स्वर्गदुतके पठाए हए, और पृथ्वीके छोरसे बादरके छोरतक चारऔं घेनसे अपन छँटे भयनके इकठ्ठा करेहए।
\p
\v 28 “अञ्‍जीरके रुखासे पाठ सिखओ: बाको हाँगा नरम हुइके पत्ता होन खिनक ग्रीष्म ऋतु जौने हए कहिके तुमके पता हुइजात हय।"
\v 29 अइसीय तुम सब घटना होत देखैगे, तव बा जौने हय, फाटक ठिन हए कहिके जानौ।
\v 30 नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, जबतक जा बात ना होनतक तबतक जा पुस्ता ना बितैगो ।
\v 31 स्वर्ग और पृथ्वी बीत जयहए पर मिर वचन कबहि ना बितैगो ।
\v 32 “पर बा दिन और बा समयके बिषयके बारेमे पिता से बाहेक और कोई न जानत हए, न त स्वर्गमे होनबारे स्वर्गदुत न पुत्र।"
\v 33 हौसियार रहीओ, जागे बैठीओ और प्रार्थना करओ, काहेकि बा समय कब आतहय, सो तुम ना जानत हौ ।
\v 34 जा त मालिक अपन चाकरनके घरको सबय काम और अधिकारको जिम्मा दैके, और चौकीदार के जगो रहन कहिके आज्ञा दैके परदेश गइभव जइसो हए।
\v 35 जहेमारे तुम फिर जगे रहीओ, काहेकि घरको मालिक संझाके, कि आधी रातमे, कि मुर्गा बासन बेरा, कि सुबेरे, कब अयहए, सो तुम ना जानत हौ ।
\v 36 न त बा एकबरी अबैगो तव बा तुमके सोत पयहए ।
\v 37 जो मए तुमसे कहत हौं बा मए सबै से कहत हौं, 'जगे रहौ'।”
\c 14
\cl अध्याय १५
\p
\v 1 जक दुई दिन पिच्छु निस्तार और अखमिरी रोटीको तिवहार रहए। मुखिया पुजारी और शास्त्री बाके कैसे छलके पकडके मर हएँ करके दावमे रहएँ ।
\v 2 काहेकी बे कही रहएँ, “तिवहरके समयमे ना, नत् आदमीको हुलदङगा मचइगो ।
\p
\v 3 बा बेथानियामे सिमोन कोढ रोग लागो आदमीके घरमे खान बैठो एक बैयर बेढम महेंगो कोरो महकुवा तेल सिङ्गमरमरको शीशीम लैके आई और बा शीशी कि कुप्पी खोलके बा महकुवा तेल बाके मुणमे अखनाए दै ।
\v 4 तव कोई कोई दिक्काएके आपसमे कहन लगे, “जा महकुवा तेल काहे अईसे नुक्सान करत हौ?
\v 5 काहेकि जा महकुवा तेल तीन सय चाँदीके सिक्कासे जद्धामे बेचके गरीबनके बा पैसा दए दित्ते।” और बे बा बैयरके झपाणी।
\p
\v 6 पर येशू उनसे कही, “छोडदेव, काहे तुम इनके सतात् हौ? जा मिर ताहीं अच्छो काम करीहए ।
\v 7 काहेकी गरीब त तुमर सँग सबदिन हुइहएँ, और इच्छा लागो जौन समयमे फिर तुम उनके भलाई करसकत् हौ। और मए त सबदिन तुमरे सँग ना हुईहौं ।
\v 8 जा बैयर जो करपाई बहेकरी हए। जा मिर शरीरके दफनके ताहीं अग्गुसे महकुवा तेल मिसलके तयार करीहए ।
\v 9 नेहत्य मए तुमसे कहत् हौं, सारा संसारमे जहाँ जहाँ जा सुसामाचर प्रचार करङ्गे जा बैयर जो करी है यिनके सम्झनाके ताहीं जा कामको बारेमे बयान करो जयहए।”
\p
\v 10 तव बाहृ चेलन मैसे एक जनी यहूदा इस्करियोत त येशूके बिनके हात पक्णानके ताहीं मुखिया पुजारी ठिन गओ ।
\v 11 बे जा सुनके खुशी भए, और बाके पैसा देहएँ करके कबुल करीं। और बाके कैसे पकणए करके बा अच्छो मौका ढुणन लागो।
\p
\v 12 अखमिरी रोटीको तेवहरको पहिलो दिनमे जब बे निस्तार-तेवहरमे थुमाको बलिदान चढात रहएँ, बाके चेला बासे पुछी, “तुमर इच्छा का हए? हम कहाँ जाएके तुमर ताहिं निस्तार-तेवहरको भोज तयार करएँ?
\p
\v 13 और बा अपन चेला मैसे दुई जनी अईसे करके पठाई, “सहेरमे जाओ, और घल्ला मे पानी लैजात एक आदमी तुमके मिलेहए। बाके पिच्छु जैइयो ।
\v 14 बा आदमी जहाँ घुसेहए बाके मालिकसे कहीओ, “गुरुज्यू कहात हए, मिर चेलनके निस्तारको तेवहरको हटकना खान बारो पाहुनाको कोनो कहाँ हए?
\v 15 और बा उनके सजो सजाओ तयार करो भव उपरको छतको एक कोनो दिखाबैगो, और हुवएँ तुम हमर ताहीं खानु तयार करिओ ।
\v 16 तव चेला गए, और सहेरमे घुसे, और बा उनसे कही अनुसार पाईं, और बे निस्तार तेवहरक खानु तयार करीं ।
\v 17 सँझा भव बा बाह्रओ जनी सँग आओ ।
\p
\v 18 बे लेटके खातपेती येशू उनसे कही, “नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, तुमर सँग खान बारो मैसे एक जनी मोके धोखा देहए ।
\p
\v 19 बे दुखी हुइगए और पालो पालो करके बासे पुछन लागे “का बा मै हुँ?” करके पुछन लागे ।
\p
\v 20 बा उनसे कही, “बाह्रओ मैसे एक जनी, जौन मिर सँग थरियम रोटी बोर रहो हए ।
\v 21 काहेकी आदमीको लौणक बारेमे लिखो अनुसार हुईहए, पर धिक्कार बाके जौनसे आदमीक लौंणाके धोखा हुईहए। बा आदमिक त जन्मए न हुइतो त ठिक रहए।”
\p
\v 22 और खातपेती येशू रोटी लैके आशीर्बाद दै और तोडी और बिनसे कही, “लेओ, जा मिर शरीर हए ।"
\v 23 तव कटोरा लैके धन्यवाद दैके बा बिनके दै दै, और बे सबै बा मैसे पिईं ।
\v 24 और बा बिनसे कही, “जा नयाँ करार को मेरो खुन हए, जो गजबन के ताहीं बहाव जात् हए ।
\v 25 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौं, मए अँगुरके रसा से बा दिन तक न पिहौं, जब तक परमेश्‍वरको राजमे बा नयाँ करके न पिहएँ।”
\v 26 और एक भजन गाएके बा निकरके जैतुन डाँगा घेन गओ ।
\p
\v 27 येशू उनसे कही, “तुम सब पिच्छु हटजए हौ, काहेकि अईसो लिखो हए, मए बकरेहेराके मारङ्गो भेडा तितर बितर हुइ जएहएँ।
\v 28 तव मए जिन्दा हुईके उठके तुमसे पहिले गालीलमे जामङ्गो ।
\p
\v 29 पत्रुस बासे कही, “सब जनी पिच्छु हटे से फिर पर मए न हटङ्गो।”
\p
\v 30 तव येशू उन्से कही, नेहत्य मए तुमसे कहत हौं, आजए रातके मुर्गा दुई चोटी बास्‍नेस अग्गु तय तीन चोटी इन्कार करैगो ।
\p
\v 31 पर बा और जोडसे कही, “तेरेसँग मोके मरन पणेहए, मए तुमके इन्कार न करङ्गो ।” और बे सब अईसीए कहीं।
\p
\v 32 तव पिच्छु बा गेतसमनी नाउँ भव ठाउँमे गव, और अपन चेलनसे कही, “मए प्रार्थना करन तक तुम हियाँ बैठीओ ।"
\v 33 तव बा पत्रुस, याकुब और यूहन्नाके सँगमे लैगओ, और बा बहुत घबणान और बहुत उदास होन लागो ।
\v 34 बा उनसे कही, “मेरो आत्मा मरन तक शोकसे ब्याकुल हुइगव हए। तुम हियाँ बैठौ, और जगे रहीओ।”
\v 35 और थुर दुर जाएके बा भिमे घुप्टियाए गव और हुइसक्तहए तव जा घडी मोसे दुर हुइजाए करके प्रार्थना करी ।
\v 36 और बा उन्से कही, “अब्बा, पिता, तुमरे ताहीं सब बात सम्भव हए। जा कटोरा मोसे हटाएदेव तहुँ फिर मिर इच्छा अनुसार नाय पर तुमर इच्छा अनुसार होबाए।”
\v 37 बा फिर अओ तव उनके सोत पाई। बा पत्रुससे कही, सिमोन, का तए सोन डटो हए? का एक घण्टा फिर जगो वैठ न पातहए?
\v 38 जगे रहौ, और प्रार्थना करौ, और तुम परीक्षामे मत पडओ आत्मा ता नेहत्य तयार हए, पर शरीर दुर्बल हए ।
\v 39 फिर गव बा दोहोरयके हुवएँ प्रार्थना करी।
\v 40 फिर आएके बा उनके सोत पाई, काहेकी उनकी आँखी नींदसे बहुत घुँघरियाए गइरहएँ, और बाके का जबाफ देमए, सो न जानी ।
\v 41 बा तीन चोटी आओ, और उनसे कही, “का तुम और सुइ हौ और आराम करे रहौ? अब हुइगओ, बेरा आइगौ। देखओ आदमीको लौणा पापिनके हातमे पक्डाव परन लगोहए ।
\v 42 उठओ, चलैं । देखओ, मोके पक्डान बारो जौने हए।
\p
\v 43 येशू बोलत रहए तव बाह्रओं चेला मैसे एक जनी यहूदा अचानक हुवाँ देखाइ पडो। मुखिया पुजारी, शास्त्री और धर्म-गुरु पठाओ एक दल तरवार और लट्ठी लैके बाके सँग हुवाँ आए ।
\v 44 बाके धोखा देन बारो उन्से अईसे करके संकेत दै, “जौनके मए चुम्मा खएँ हौं बहे आदमी हए, बाके पकडीओ और घेरके लाएजईओ ।"
\v 45 और सिधे येशू ठिन जाएके यहूदा कही, “हे रब्बी,”और बाके चुम्मा खाई ।
\v 46 तव बे येशूके पकणी और गिरफ्तार करीं ।
\v 47 हुवाँ जौने ठाढे मैसे कोई एक तरवार निकारके प्रधान पुजारीको कामैयाके चलाई और बाको कान च्वाट्ट से काट्दै ।
\p
\v 48 येशू उनसे कही, “का तुम एक डाकु कता तरवार और लट्ठी लैके मोके पकणन आए हौ?
\v 49 हर दिन मन्दिरमे सिखात मए तुमरे सँग रहौं, तव तुम मोके गिरफ्तार न करे पर धर्मशास्त्र पुरा होबाए" ।
\p
\v 50 और सब चेला बाके छोड्के भाजे।
\v 51 अपन शरीरके सुती लत्तासे लपेटो भव एक जनी जवान बक् पिच्छु गओ। बे बा जवानके पक्डीँ,
\v 52 तव लत्ता छोड्के बा नङ्गो भाजो।
\p
\v 53 तव बे येशूके प्रधान पुजारी ठिन लैगए, और हुवाँ सब मुखिया पुजारी, धर्म-गुरु और शास्त्री जम्मा भए रहएँ।
\v 54 पत्रुस त दुरसे प्रधान पुजारीके आँगन भितर बाके पिच्छु पिच्छु लागो, और हुवाँ सिपाइएन सँग बैठके आगी तापन लागो।
\v 55 अब मुखिया पुजारी और जम्मए महासभाके येशूके मारनके ताहिं बाके बिरुद्दमे गवाही ढुणी, तव कुछु न पाइँ ।
\v 56 बहुत बाके बिरुदमे झुटी गवाही दैं। पर उनकि दै भै गवाही कोई मेल ना खाइँ।
\v 57 कोई कोई उठ्के बाके बिरुद्दमे अईसे कहत गवाही दै ।
\v 58 जाके अईसे कहत हम सुने, 'आदमीको हातसे बनाव भौ जा मन्दिर मए उजाडङ्गो, और हात बिनाको बनाओ दुसरो मन्दिर मए तीन दिनमे बनामङ्गो ।"
\v 59 तव जामे फिर उनको गवाही एक मनको न रहए।
\p
\v 60 तव प्रधान पुजारी बीचमे ठाडके येशूसे पुँछी, “का तिर ठिन कुइ जबाफ न हय? जे आदमी तिर बिरुद्दमे गवाही दैं का हए?”
\v 61 तव येशू चुप लगो, और कोई जबाफ ना दै। फिर प्रधान पुजारी बासे पुछीं, “का तए परमधन्यको पुत्र ख्रिस्ट हए?”
\p
\v 62 येशू कही, “मए हौं, और तुम आदमीके पुत्रके सर्वशक्तिमानको दहिना हातघेन बैठो और आकासमे बादरके सँग आत देखैगे।”
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\v 63 तव प्रधान पुजारी अपन कुर्ता फारके कही, “हमके और साँची से का पडोह?
\v 64 तुम ईश्‍वरनिन्दा ता सुनी रहेहौ। तुमर का बिचार हए?” और बे सब बाके मृत्युदण्डको भागी ठहराइँ ।
\p
\v 65 और कोई कोई बाके थुकन लागे, और बक मुहू तोपके बाके थप्पड मारके कहीं, अगमवाणी बोल् |” तव पिच्छु पहारेदार बाके अपन जिम्मामे लैं, और बाके मुक्का मारीं।
\p
\v 66 पत्रुस तरे आँगनमे रहय तव प्रधान पुजारीको नोकर्नी मैसे एक जनी हुवाँ आई,
\v 67 और पत्रुसके आगी तापत् देख्के बाके निहारके देखी और कही, तुम फिर येशू नासरी सँग रहौ ।"
\p
\v 68 तव बा आइसे कहत् इन्कार करी, “तुम का कहत हौ बा ना जान्तहौं न सम्झत हौं।” और बा बाहिरको मूल फाटक घेन गव और मुर्गा बासी।
\p
\v 69 बा नोकरनी ऊनमैसे जो जौने थाडे रहयँ फिर कहन लागि, “जहुत उन्मैसे एक हए ।"
\p
\v 70 तव पत्रुस फिर इन्कार करी, पर कुछ देरमे आसपास ठाढे मैसे फिर पत्रुससे कहीं, “पक्कए तुम उन्मैसे एक हौ।”
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\v 71 तव बा अपनएके सरापके और कसम खाएके कहन लागो, “जौनके बारेमे तुम कहत हौ, बा आदमिक मए चिन्त न हअौं ।"
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\v 72 और तुरन्त दुसरो चोटी मुर्गा बास्दै, और पत्रुससे येशू उनसे कहि बात समझलै, मुर्गा दुई चोटी बासन से अग्गु तुम मोके तीन चोटी इन्कार करेहौ।” और जा बात समझके बा धरधरहुँस रोई ।
\c 15
\cl अध्याय १५
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\v 1 सुबेरे भव खिनक मुखिया पुजारी, धर्म-गुरु, शास्त्री और जम्मए महासभाके आपसमे सल्लाह करके येशूके बाँधके लैगए, और पिलातस ठिन सौंप दैं ।
\v 2 पिलातस बासे पुँछी, “का तुम यहूदीक राजा हौ?” बा उनके जबाफ दै, “तुम्हीय अईसे कहत हौं ।"
\v 3 मुखिया पुजारी बाके उपर बहुत बातकी दोष लगाई ।
\v 4 पिलातस बासे फिरके पुँछी, “का तुमर ठिन कुछ बात ना हए? देख, तुमर बिरुद्दमे बे कित्तो बातकी दोष लगात हएँ ।"
\v 5 तव येशू फिर कुछु जबाफ न दै, हियाँ तक कि पिलातस फिर अचम्मो मानी गओ।
\p
\v 6 निस्तार-तेवहरके बेरा आदमीनको मागो एक जनी कैदीके उनके ताहीं पिलातस छोडत् रहए।
\v 7 बिद्रोहीके समयमे हत्या करन बारे बिद्रोही जेलमे रहएँ। हुवाँ मैसे बारब्बा नाउँको एक जनी हुवाँ रहए ।
\v 8 भीड़ आएगई और पिलातससे उनको चलन अनुसार बिनके ताहीं बिन्ती करन लागे।
\v 9 पिलातस अईसे करके उन्से पुँछी, “का मए तुमर ताहीं यहूदीनको राजाके छोड देमओ करके तुम चाहत हौ?”
\v 10 काहेकी दिक्क के मारे से मुखिया पुजारीनके ठिन येशूके सौंपी रहएँ, करके बाके पता रहए ।
\v 11 पर बलुक बारब्बाके उनके ताहीं छोडदेबै करके मुखिया पुजारी उनके सिखाई
\v 12 पिलातस फिर उन्से पुँछी, “तव जौनके तुम यहुदीनके राजा कहत हौ, बाके मए का करओं?”
\p
\v 13 बे फिर चिल्लाइँ, “बाके क्रुसमे टाँगौं।”
\p
\v 14 पिलातस उन्से कहि, “काहे? बा का अपराध करी हए?” तव और जोड्से चिल्लाएके बासे कहिं, “बाके क्रुसमे टाँगौ ।"
\v 15 पर पिलातस भीड़के सन्तुष्ट करन इच्छा से उनके ताहीं बारब्बाके छोड्दै, और बा येशूके कोर्रा लगाएके क्रुसमे टाँगनके ताहीं सौंपदै।
\p
\v 16 सिपईया बाके प्रेटोरियन औ महल भितर लैगए, और जम्मा पल्टनके इकट्ठा कराईं ।
\v 17 और बे बाके बैगनी (सुरमाहों) रङ्गको लत्ता पैंधाएदैं, और काँटोको मुकुट बे बाके मुड़मे लगाए दैं ।
\v 18 “और “यहूदीनको राजाको जय" कहत् बे खिल्ली उडान लागे।
\v 19 और बे बाके मुड़मे निगाली मारीं और थुँकी, और घुप्टा हुइके बाके दण्डवत् करीं ।
\v 20 और येशूके गिल्ला करके पिच्छु बे बैगनी (सुरमाहों) लत्ता खोलदैं, और बाको अपनो लत्ता लागएदैं। तव पिच्छु बे बाके क्रुसमे टाँगन बाहिर लैगए ।
\p
\v 21 और अलेक्जेन्डर और रुफसक दौवा, कुरेनी बासिन्दा सिमोनके गाउँसे आत बाके भेटीं, और येशूके क्रुस ऊठाएके लैजान बाके कर लगाइँ।
\v 22 तव पिच्छु बे येशूके गलगथा कहन बारो ठाउँमे ल्याइँ । गलगथा नाउँको अर्थ खोपडीको ठाउँ हए ।
\v 23 और बे बाके मुर्र मिलो दाखमध दैं। तव बा ग्रहण न करी ।
\v 24 बे बाके क्रुसमे टाँगी। और कौन्छो हिस्सा लेमओ करके चिट्टा डारके बाके लत्ता आपसमे बाँटी।
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\v 25 बे बाके क्रुसमे टाँगत् सुबेरेको नौ बजो रहए ।
\v 26 “बाको दोष-पत्रमे “यहुदीको राजा" कहिके लिखो रहए।"
\v 27 बे बाके सँग दुई जनी डाँकु क्रुसमे टाँगीं-एक दहिना घेन और दुसरो बाके दिबरा घेन ।
\v 28 धर्मशास्त्रको वचन आइसिय पुरो भव, “बा अपराधीन सँग गिनो।”
\v 29 हुँवासे जान बारे आदमी अपन मुँड़ हलात अइसी करके बासे कहिके गिल्ला करिं, “बा त मन्दिर उजाडके तीन दिनमे बनान बारो,
\v 30 क्रुससे उतरके आएजा, और अपनैक बचा।”
\p
\v 31 उइसी करके मुखिया पुजारी फिर शास्त्रीसे अईसो कहतय आपसमे बाको ठट्टा करीं, “जा औरनके बचाई, पर अपनएके न बचाए पातहए ।
\v 32 जा इस्राएलको राजा ख्रीष्ट, अब क्रुससे उतरके आबए, और हम देखेहएँ और विश्‍बास करङ्गे।” बाकेसंग क्रुसमे टँगे भए फिर बाको निन्दा करीं।
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\v 33 बाहृ बजेसे लैके तीन बजे तक पुरो देशमे अन्धयारो छै गओ।
\v 34 तीन बजे घेन येशू जोडसे चिल्लाई, “इलोई, इलोई लामा सबखथनी?” जाको अर्थ हए, “हे मेरो परमेश्‍वर, हे मेरो परमेश्‍वर तुम मोके काहे छोड्दए?”
\p
\v 35 आसपास ठाड़न बारे मैसे कोई कोई जा सुनके कहीं, “सुनओ, बा एलिया के बुलात हए।”
\p
\v 36 और एक जनी दौडके गव एक सोकता के सिर्का (रसा) मे पुरा डुबाएके एक निगालीमे अइसे कहिके बाके पिन दैं, “देखौ, कहुँ एलिया बाके उतारन आतहए कि ।"
\v 37 तव येशू गजब जोडसे चिल्लाए के प्राण छोड दै ।
\v 38 और मन्दिरको पर्दा ऊपर से लैके तरे तक दुई खण्डा हुइके फटिगओ।
\p
\v 39 येशू अइसो प्राण छोडी देखके बाके ठिन ठाड़ो भव कप्तान कही, “नेहत्य जा आदमी परमेश्‍वरको पुत्र रहए ।"
\v 40 हुँवा दुरसे देखनबारी बैयर फिर रहएँ। बे मैसे मरियम मग्दलिनी और छोटो याकुब और योसेफकी अईया मरियम और सलोमी रहएँ ।
\v 41 बा गालिलमे रहए तव बे बाके पिच्छु चलत रहएँ, और बक सेवा सत्कार करत रहएँ। येशूक सँग यरुशलेममे आई भई बहुत बैयर फिर हुँवा रहएँ।
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\v 42 तयारीको दिन, औ शबाथ-दिनके अग्गु को दिन, सँझा होत रहए ।
\v 43 महासभाके माने भए सदस्य अरिमाथियाक योसेफ, जौन परमेश्‍वरको राजको डगर देखत रहए, बा हिम्मत से पिलातस ठिन जाएके येशूकी लहास मागीं ।
\v 44 येशू अग्गु से मरिगव हए करके सुन्तय पिलातस अचम्मो मानी । और कप्तान के अपन ठिन बुलाएके बा मरो हए कि ना कहिके सोधपुछ करी।
\v 45 बा मरीगओ हय कहिके कप्तानसे पता पाएके पिच्छु पिलातस येशुको लास योसेफके लैजानके अनुमति दै ।
\v 46 और योसेफ मलमलको कपडा किनी, और लास तरे उतारके कपडामे लपेंटी, और पत्थरमे भारबनो एक गड्डामे धरीं। तव पिच्छु गड्डाके मोखो (मोहट्) मे बे एक पत्थर धरदैं ।
\v 47 मरियम मग्दलिनी और योसेफकी अईया मरियम बाके धरो भव ठाउँ देखन डटी रहएँ।
\c 16
\cl अध्याय १६
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\v 1 शबाथ-दिन खतम हुइके पिच्छु मरियम मग्दलिनी और याकुबकी अईया मरियम और सलोमी महकन बारो मलम येशूके शरीरमे लगान ताहीं मोल लईं ।
\v 2 हप्ताको पहिलो दिनमे सुबेरे घामु निकरत् बे येशूके शर् मे पुगिंगईं |
\v 3 और बे आपसमे कहीं, “हमर ताहीं कब्रको मोखो (मोहट्) को पत्थर कौन हटाए देबाए?”
\v 4 और उपर देखिं तव कब्र को गड्डा से बा पत्थर हटो देखीं । और बा पत्थर बहुत भारी रहए।
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\v 5 और गड्डा भितर बे सेतो कुर्त्ता लगाओ भव एक आदमीके दहिना घेन बैठो देखिं, और बे अचम्मो हुइगई ।
\v 6 पर बा उन्से कही, “अचम्मो मत मानओ । तुम नासरतको येशूके ढुणत हौ जो क्रुसमे टँगो रहए। बा जिन्दा हुइके उठिगओ हय बा हियाँ न हय। बाके धरो भव ठाउँ देखओ ।
\v 7 जाओ और बाके चेलनके और पत्रुस से कहीदेओ कि बा तुमरे अग्गु अग्गु गालीलमे जाए रहो हए। बा तुमसे कहो अनुसार तुम बाके हुवाँ दिख हौ।
\v 8 बे निकरके शर् ठिनसे दौडीं काहेकि डर औ अचम्मोसे बे थरथरान डटिरहएँ और बे कोईसे कछु न कहिं काहेकि बे डरानी रहएँ ।
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\v 9 हप्ताको शुरु दिनके सुबेरे बा जिन्दा हुइके पिच्छु बा पहिले मरियम मग्दलिनी ठिन दिखानो बक् मैसे येशू सात भुत निकारी रहए ।
\v 10 मरियम जाएके चेलनके जा खबर दै। बे बिल्काए बिल्काए रोत रहएँ ।
\v 11 पर जब येशू जिन्दा हुइगओ और मरियमके ठिन दिखानो कहिके जा बात बे सुनी, तव बे न पतियाने।
\v 12 तव पिच्छु दुई चेला गाउँ घेन जात पेती उनके ठिन बा दुसरो रुपमे दिखाई पडो ।
\v 13 तव बे लौटके जाईके औरन के बताईं। पर बे उनके उपर फिर बिश्‍बास न करीं।
\v 14 पिच्छु बा एघार चेलन ठिन बे खानुखान बेरा बैठो देखानो। और उनको अविश्‍बास और हृदयको कठोरताके कारन बा उनके डाँटी। काहेकि बा मरके जिन्दा हुइके उठीगओ करके बाके देखन बारेन कि बातमे बे विश्‍बास न करि रहएँ ।
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\v 15 और बा उनसे कही, “सारा संसारमे जाएके सारा सृष्टिके सुसमाचार प्रचार करौ ।
\v 16 विश्‍बास करन बारो और बप्तिस्मा लेन बारो उध्दार पयहए, पर विश्‍बास न करन बारो दोषी ठहरैगो।
\v 17 विश्‍बास करन बारेन सँग जे चिन्ह हुईहएँ।-मिर नाउँमे बे भुत भजामङ्गे, बे नयाँ भाषामे बोलङ्गे ।
\v 18 बे साँप पकड़ङ्गे और कुई बिषालु चिज पिहएँ तहुँ कुई उनके नोकसानी न करेहए बे रोगिनके उपर अपन हात धरङ्गे और बे अच्छे हुईजय हयँ।
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\v 19 तव अईसी उनसे मसक्के पिच्छु प्रभु येशू स्वर्गमे चलोगऔ, और परमेश्‍वरको दहिना हातघेन बईठगओ ।
\v 20 और बे चेला जाएके सब ठाउँमे प्रचार करीं। प्रभु उनके सँगमे काम करत रहो, और चिन्हन से वचनके मज्बुत करत गओ। आमेन।