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- 'Acash Jacob'
- 'Cdr.Thomas Mathew'
- 'Dr.Bobby Chellappan'
- 'Dr. Joseph Jekab'
- 'Hind Prakash'
- 'Jinu Jacob'
- 'Shojo John'
- 'Sunny'
- 'Vipin'
- 'Vipin Bhadran'
creator: 'Door43 World Missions Community'
description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
format: 'text/markdown'
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@ -8,9 +8,9 @@
### रूपालंकार और उपमा में समान तथ्य
**रूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है, वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल।
ूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है, वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल।
**उपमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल <u> जैसा </u> है’’।
पमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल <u> जैसा </u> है’’।
‘‘रूपालंकार और उपमा को आपस में जोड़ने के कुछ आम तरीकों के लिंक को पाने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md)
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बाइबल में वर्णित कुछ सांस्कृतिक नमूनों को प्राचीन पूर्वी देशों के द्वारा अधिकतर उपयोग किया जाता था, केवल इस्राएल के द्वारा ही नही ।
‘‘बाइबल के सांस्कृतिक नमूनों की सूची के लिए see [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md) देखें’’

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@ -89,4 +89,3 @@
> और तब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियों को तोड़ दिया है। (यिर्मयाह 50:17 ULB)
<blockquote> देखो, मैं तुम्हें भेड़ों की नार्इ भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ, सो सांपों की नार्इ बुद्धिमान और कबूतरों की नार्इ भोले बनो । लोगों से सावधान रहो! वे तुम्हे कटघरों में खड़ा करेंगे और न्यायालयों में कोड़े लगवाएँगे। (मत्ती 10:16 ULB) <blockquote>

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@ -29,4 +29,3 @@
> धोखा न खाओ परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा (गलातियों 6:7-8 ULB)
#### गहाना एवं फटकना अच्छे लोगों का बुरे लोगों से अलग होने को दिखाता है

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@ -155,7 +155,7 @@
लोग तब तक परमेश्वर के राज को स्थायी तौर पर नही पा सकते हैं, जब तक वे अपने मरणहार शरीर में हैं
**मीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना
ीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना
>तू उन्हें पंहुचाकर अपने निज <u>भागवाले (निर्गमन 15:17 ULB)

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* [Biblical Imagery - Plants](../bita-plants/01.md) पेड़ पौधे
* [Biblical Imagery - Natural Phenomena](../bita-phenom/01.md) प्राकृतिक वस्तुएँ
* [Biblical Imagery - Man-made Objects](../bita-manmade/01.md) मानव निर्मित वस्तुएँ

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@ -73,4 +73,3 @@
>यहोवा ने हम सभों के <u>अधर्म</u> का बोझ उसी पर लाद दिया।
इसका अर्थ है कि उसने उस पर वह दण्ड लाद दिया जो हम सबको मिलना था।

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@ -231,4 +231,3 @@
‘‘अशुद्ध आत्मा’’ दुष्टात्मा होती है
>जब <u>अशुद्ध आत्मा</u> मनुष्य में से निकल जाती है, तो सूखी जगहों में विश्राम ढूंढ़ती फिरती है, और नही पाती है (मत्ती 12:43 ULB)

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@ -28,4 +28,4 @@
### जाँचकर्ता
अनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों।
चूँकि ये लोग बहुत व्यस्त रहते हैं, एक या कुछ व्यक्तियों पर अधिक भार डालने से बेहतर होगा कि अलग अलग पुस्तकों को अलग अलग व्यक्तियों के पास भेजा जाए।
चूँकि ये लोग बहुत व्यस्त रहते हैं, एक या कुछ व्यक्तियों पर अधिक भार डालने से बेहतर होगा कि अलग अलग पुस्तकों को अलग अलग व्यक्तियों के पास भेजा जाए।

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@ -57,4 +57,3 @@
* **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल <u>अपने</u> भार्इ को क्षमा न करे** (मती 18:35 ULB)
* इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल से <u>तुम्हारे</u> भार्इ को क्षमा न करे

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@ -71,4 +71,3 @@
* **वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की <u>मतियों</u> को प्रगट करेगा** (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB)
* वह अन्धकार की छिपी बातों को ज्योति में लाएगा, और उन <u>बातों को प्रकट करेगा जो लोग करना चाहते और कारणों को कि वे क्यों करना चाहते हैं</u>

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@ -1,75 +0,0 @@
कुछ भाषाओं में कर्तृवाच्य (एक्टिव वॉयस) एवं कर्मवाच्य (पैसिव वॉयस) दोनों का उपयोग होता हैं। कर्तृवाच्य में कर्ता कार्य करता है। कर्मवाच्य में कर्ता पर कार्य होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिनके कर्ताओं को रेखांकित किया गया है:
* कर्तृवाच्य: ***मेरे पिता***ने 2010 में घर बनाया
* कर्मवाच्य: ***घर***2010 में मेरे पिता के द्वारा बनाया गया
अनुवादक जिनकी भाषा में कर्मवाच्य वाक्य नही होते हैं, उन अनुवादकों को जानना जरूरी है कि वे किस प्रकार बाइबल में लिखे कर्मवाच्य वाक्यों का अनुवाद करें। अन्य अनुवादकों को पता होना चाहिए कि कर्मवाच्य का कब उपयोग करना है और कर्तृवाच्य का कब।
### विवरण
कुछ भाषाओं में वाक्य कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य दोनों रूप होते हैं
* **कर्तृवाच्य** वाक्य में, कर्ता कार्य करता है और उसका उल्लेख हमेशा होता है
* **कर्मवाच्य** वाक्य में, कर्ता पर कार्य किया जाता है और कार्य करने वाले का ‘हमेशा उल्लेख नही होता’’ है
नीचे लिखे, कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य वाक्यों के उदाहरणों में, हमने कर्ता को रेखांकित किया है
* **कर्तृवाच्य**: ***मेरे पिता***ने 2010 में घर बनाया
* **कर्मवाच्य**: ***घर***2010 में मेरे पिता के द्वारा बनाया गया
* **कर्मवाच्य**: ***घर***2010 में बनाया गया (इसमें नही लिखा कि किसने घर बनाया)
#### कारण यह अनुवाद की एक समस्या है
सब भाषाओं में कर्तृवाच्य वाक्य रूप होते हैं। कुछ भाषाओं में कर्मवाच्य वाक्य रूप होते हैं, कुछ में नही। कुछ भाषाएं केवल कुछ उद्देश्यों के लिए कर्मवाच्य रूपों का उपयोग करती हैं, और कर्मवाच्य रूप सभी भाषाओं में समान उद्देश्यों के लिए उपयोग नही किए जाते हैं।
#### कर्मवाच्य वाक्यों के उद्देश्य
* वक्ता एक व्यक्ति अथवा वस्तु पर किए गए कार्य को बताता है, न की उस व्यक्ति के बारे में जिसने कार्य किया है ।
* वक्ता नही बताना चाहता कि किसने कार्य किया
* वक्ता को नही पता कि किसने कार्य किया
#### कर्मवाच्य रूप से संबंधित अनुवाद के सिद्धांत
* जिन भाषाओं में कर्मवाच्य रूप नही होते हैं, उनके अनुवादकों को इन्हे अलग तरीके से बताने की जानकारी होनी चाहिए
* जिन भाषाओं में कर्मवाच्य रूप होते हैं, उन अनुवादकों को पता लगाना है कि बाइबल में इन्हे किस उद्देश्य से उपयोग किया गया है और फिर निर्धारित करना है कि कर्मवाच्य रूप का उपयोग किया जाए या नही
#### बाइबल से उदाहरण
>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए </u>, और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB)
इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर केंद्रित करना है।
> नगर के लोग सवेरे उठकर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी ***गिरी पड़ी***है (न्यायियों 6:28 ULB)
नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है।
>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता</u>, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB)
यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित करना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है।
### अनुवाद रणनीति
यदि आपकी भाषा उसी उद्देश्य के लिए एक कर्मवाच्य रूप का उपयोग करेगी जिस लेखांश में आप अनुवाद कर रहे हैं, तो एक कर्मवाच्य रूप का उपयोग करें। यदि आप तय करते हैं कि कर्मवाच्य रूप के बिना अनुवाद करना बेहतर है, तो यहां कुछ रणनीतियां हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं।
1. उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें और बताएँ कि किसने या क्या कार्य किया । यदि आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति पर केंद्रित रहें जिस पर यह कार्य किया गया।
1. उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने या क्या यह कार्य किया । इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें।
1. अलग क्रिया का उपयोग करें
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
1. उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें और बताएँ कि किसने यह कार्य किया । यदि आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति पर केंद्रित रहें जिस पर यह कार्य किया गया
> **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी ***दी जाती***थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB)
>>***राजा के सेवक***यिर्मयाह को रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी देते थे थी।
(2) उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें।
> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***** (लूका 17:2 ULB)
>>यह भला होता, कि ***वे***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देते***
>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता</u>
(3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें
> **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी ***दी जाती***थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB)
>> उसे रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी ***मिलती***थी

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@ -41,6 +41,4 @@
* उसने यह वेदी के बारे में कहा ‘‘यहोवा <u>वेदी के बारे</u> में यों कहता है, सुन, ... वे <u>इस पर</u> मनुष्यों की हड्डियाों को जलाएँगे’’
* **हे <u>गिलबो पहाड़ों</u>, <u>तुम</u> पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो,** (2 शमूएल 1:21 ULB)
* **<u>गिलबो पहाड़ों की बात करें</u>, तो </u>उन पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो**

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@ -24,7 +24,7 @@
### बाइबल से उदाहरण
**एक कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**:
क कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**:
ये आमतौर पर अनुवाद में समस्याएँ खड़ी नही करते हैं
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‘‘जनने’’ शब्द फर्क बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है
**किसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**:
िसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**:
ये उन भाषाओं के लिए अनुवाद के विषय हैं जो इनका उपयोग नही करते हैं

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@ -1,59 +0,0 @@
दोहरा  नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें।
### विवरण
नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोर्इ नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे ***ना***खुश, ***अ***संभव, ***अन*** कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"। ।
दो नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं।
> यह ***नही*** कि हमें अधिकार ***नही*** … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 ULB)
<blockquote>और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति ***बिना*** शपथ ***नहीं*** हुर्इ। (इब्रानियों 7:20 ULB)</blockquote>
> निश्‍चय जानो, बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 ULB)
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है:
* कुछ भाषाओं में, जैसे कि स्पैनिश, दुगुनी नकारात्मकता नकारात्मकता पर बल देती है। निम्न स्पैनिश कथन *No ví a nadie* का अर्थ है ‘‘मैने किसी को नही, नही देखा’’ इसमें क्रिया के बाद ‘‘नही’’ और nadie जिसका अर्थ है ‘‘किसी को नही’’, दोनों का उपयोग है। दोनो नकारात्मकताएँ एक दूसरे से सहमत हैं और वाक्य का अर्थ है, ‘‘मैंने किसी को नही देखा’’
* कुछ भाषाओं में, दूसरा नकारात्मक शब्द पहले को रद्द कर देता है जिससे वाक्य सकारात्मक बन जाता है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ होता है कि वह बुद्धिमान है।
* कुछ भाषाओं में, दो नकारात्मकताएँ मिलकर एक सकारात्मक वाक्य बनाते हैं, परंतु यह एक कमजोर वाक्य होता है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ होता है कि ‘‘उसमें थोड़ी बहुत बुद्धि है’’।
* कुछ भाषाओं में, जैसे कि बाइबल की भाषा, दो नकारात्मकता एक सकारात्मक वाक्य को बनाती और वाक्य को बल प्रदान करती है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ हो सकता है कि ‘‘वह बहुत बुद्धिमान है’’।
दोहरे नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में दोहरे नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें।
### बाइबल से उदाहरण
> .... ताकि ***नि***“ ष्फल ***न*** रहें (तीतुस 3:14 ULB)
इसका अर्थ है ‘‘कि वे फलवंत बनें’’
> सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से ***कोर्इ भी*** वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ (युहन्ना 1:3 ULB)
दोहरे नकारात्मकताओं का उपयोग कर, यूहन्ना बता रहा है कि परमेश्वर के पुत्र ने ही सब कुछ बनाया है, दोहरे नकारात्मक सरल सकारात्मक की तुलना में अधिक मजबूत बयान देते है।
### अनुवाद रणनीति
यदि दो नकारात्मकताएँ स्वाभाविक हैं और आपकी भाषा में यह सकारात्मकता को बताती है, तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं:
1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
> **क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक ***नहीं***, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी ***न*** हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB)
>> ’’क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक है जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है’’
> **.... ताकि वे ***नि*** ष्फल ***न*** रहें** (तीतुस 3:14 ULB)
>> .... ताकि वे फलदायक बनें’’
(2) यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
>** निश्‍चय जानो - बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB)
>>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य ***अवश्य*** दण्ड पाएगा
> **सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से ***कोर्इ*** भी वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB)
>> ‘‘सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ’’ जो कुछ बना है, वह सब उसके द्वारा बनाया गया है

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@ -1,51 +0,0 @@
### विवरण
हम ‘‘दोहरात्मक शब्द का उपयोग दो शब्दों या छोटे कथनों को करते हैं जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं और एक साथ उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। अक्सर उनका उपयोग दो शब्दों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुद परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोर्इ अर्थ नही निकलता है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है।
### बाइबल से उदाहरण
>दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** (1 राजा 1:1 ULB)
रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’
>... उसने ... अपने से ***अधिक धर्मी*** और ***भले*** दो पुरुषों पर, ... पर टूटकर.... (1 राजा 2:32 ULB)
इसका अर्थ है कि वे उससे ‘‘बहुत अधिक धर्मी’’ थे।
>तुमने... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें ....गोष्ठी की है (दानिय्येल 2:9 ULB)
इसका अर्थ है कि उन्होंने झूठ बोलने का फैसला किया था, जो यह कहने का एक और तरीका है कि उनका इरादा लोगों को धोखा देने का था।
>....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने (1 पतरस 1:19 ULB)
इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोर्इ दोष नही था - एक भी नही।
### अनुवाद रणनीति
यदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें ।
1. केवल एक शब्द का अनुवाद करें
1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें।
1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
### अनुवाद रणनीति प्रयुक्त
1. दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें
> **तुमने .... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB)
>> ‘‘तुमने ***झूठी*** बातें .... गोष्ठी की है’’
(2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें
> ** दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** ** (1 राजा 1:1 ULB)
>> ‘‘दाऊद राजा ***बहुत बूढ़ा*** हुआ’’
(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
> **....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में any एवं at all जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है
>> ...पर ***बिल्कुल निर्दोष*** मेम्ने...

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@ -1,41 +0,0 @@
### विवरण
पदन्यूनता उस समय होता है जब वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्दों को लिखते वक्त छोड़ देता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। छोड़ी गर्इ सूचना को पहले वाक्य में कहा जा चुका होता है।
> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, ***न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे*** (भजन संहिता 1:5)
यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा।
अपूर्ण वाक्यों य कथनों को देखने वाले पाठक छुटी सूचना को नही जान पाएँगे, यदि वे अपनी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग नही करते हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
मनुष्य ने अधूरा उत्तर दिया क्योंकि वह विनम्र रहना चाहता और प्रभु से सीधा चंगार्इ नही माँगना चाहता था। वह जानता था कि वह तभी देखने योग्य हो सकता था यदि यीशु उसे चंगा करते।
### बाइबल से उदाहरण
लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। उसने यह नही कहा कि यहोवा शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है, क्योंकि उसे पता है कि पाठक स्वयं इस जानकारी को समझ लेंगे।
>वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>शिर्योन को जंगली बछड़े के समान</u> (भजन संहिता 29:6 ULB)
यदि आपकी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, अन्य विकल्प निम्न हैं:
1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
* **.... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उसने कहा; हे प्रभु <u>यह कि मैं देखने लगूँ </u>** (लूका 18:40-41 ULB)
### अनुवाद रणनीति
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
> **इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** (भजन संहिता 1:5)
>> .... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** खड़े रह सकेंगे
> ..... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उसने कहा; हे प्रभु <u>यह कि मैं देखने लगूँ </u> (लूका 18:40-41 ULB)
>> ....जब अंधा निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उसने कहा; हे प्रभु <u>मैं चाहता हूँ तू मुझे चंगा कर</u> कि मैं देखने लगूँ’’
> **वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>शिर्योन को जंगली बछड़े के समान</u>** (भजन संहिता 29:6)
>> वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>वह</u> शिर्योन को जंगली बछड़े के समान<u>उछालता</u> है

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>मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं (लूका 1:34 ULB)
**विनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं।
िनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं।
### अनुवाद रणनीति

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बाइबल में घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में लिखा गया है। कर्इ बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बतार्इ जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं।
**कारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है।
ारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है।
### बाइबल से उदाहरण

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1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें। अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।
* **अरे मूर्ख!** (मत्ती 5:22 ULB)
* **आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान की गंभीरता!** (रोमियों 11:33 ULB)
* आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर <u>हैं!</u>

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* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही उसके श्रोता जानते हैं। वक्ता श्रोताओं को दो तरीके से सूचनाएँ देता है:
* **सुस्पष्ट** वक्ता अपनी बात सीधी बोलता है।
* **अंतर्निहित** वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें।
### विवरण
जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **
वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है **अनुमानित ज्ञान**
वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें। वे सूचनाएँ, जिनके बारे में वक्ता चाहता है कि लोग उसके द्वारा कही बातों के द्वारा समझें, यद्यपि उन्हे सीधे नही कहा गया हो, **अंतर्निहित सूचनाएँ** कहलाती हैं।
अक्सर, श्रोता पहले से ज्ञात (**अनुमानित सूचना**) एवं वक्ता के द्वारा सीधी बोली जाने वाली बातों को **सूस्पष्ट सूचना** के साथ जोड़कर ही, **अंतर्निहित सूचना** को समझ पाते हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
ये तीनों प्रकार की सूचनाएँ वक्ता के संदेश का हिस्सा हैं। यदि सूचना का एक भी प्रकार गायब है, तो श्रोता संदेश को नही समझ पाएँगे। चूँकि लक्षित अनुवाद एक ऐसी भाषा में हो रहा है जो बाइबल की भाषा से अलग है एवं श्रोतागण का समय एवं स्थान बाइबल के समय के लोगों से एकदम अलग है, कर्इ बार **अनुमानित सूचना** या **अंतर्निहित सूचना** संदेश से गायब रहती है। दूसरे शब्दों में, आधुनिक पाठक को उन बातों का बिलकुल भी ज्ञान नही है जो मूलभूत वक्ताओं एवं पाठकों को था। चूँकि ये सारी बातें संदेश को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं, आप इन्हे अपने लेख के बीच में या नीचे लिखी टिप्पणियों में लिख सकते हैं।
### बाइबल से उदाहरण
> तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा,  “लोमड़ियों ***के भट*** और आकाश के पक्षियों ***के बसेरे*** होते हैं; परन्तु  मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 ULB)
यीशु ने यह नही कहा कि लोमड़ी या पक्षी भट और बसेरे किसके लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उसका अनुमान था कि शास्त्री को यह पता होगा कि लोमड़ियाँ भट में और पक्षी बसेरों से रहते हैं। यह **अनुमानित ज्ञान** है
यीशु ने सीधे नही कहा कि ‘‘मैं मनुष्य का पुत्र हूँ’’ परंतु यदि शास्त्रियों को पहले से यह पता नही होता तो यह **अंतर्निहित सूचना** हो जाती और इसीलिए वह समझ पाया कि यीशु स्वयं की ओर इशारा कर रहे थे। और, यीशु ने स्पष्ट नही बताया कि वे बहुत अधिक यात्रा करते थे और हर रात को उन्हे सोने के लिए घर नही मिलता था।यह **अंतर्निहित सूचना** है जिससे शास्त्री यीशु की बात को जान सके कि उसके पास सिर धरने की जगह नही थी
>हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे ***सोर और सीदोन*** में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब से मन फिरा लेते। परन्तु मैं तुम से कहता हूँ; कि ***न्याय के दिन*** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। (मत्ती 11:21-22 ULB)
यीशु ने अनुमान लगाया कि जिनसे वह बात कर रहा था वे सोर और सीदोन के बारे में जानते थे कि वे बहुत दुष्ट थे और न्याय का दिन एक ऐसा दिन है जब परमेश्वर सब लोगों का न्याय करेगा । यीशु को यह भी पता था कि जिनसे वह बात कर रहा था, वे विश्वास करते थे कि वे लोग अच्छे थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी । यीशु को उन्हे यह सब बताने की जरूरत नही थी । ये सब **अनुमानित ज्ञान** है ।
यहाँ **अंतर्निहित सूचना** का एक महत्वपूर्ण कथन यह है कि **चूँकि** उन लोगों ने मन नही फिराया, जिनसे यीशु बात कर रहा था, उनका न्याय सोर और सीदोन के लोगों से भी अधिक कठिन होगा।
> तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं*** (मत्ती 15:2 ULB)
प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथों को धोया करते थे। लोगों का मानना था कि धर्मी बनने के लिए, प्राचीनों की परंपराओं का पालन करना जरूरी था । यह **अनुमानित ज्ञान** था कि फरीसी जिनसे यीशु बात कर रहे थे, वे ये बातें जानते थे। यह कहकर, वे चेलों पर परंपराओं का पालन नही करने एवं धर्मी नही होने का आरोप लगा रहे थे। **अंतर्निहित सूचना** थी कि वे चाहते थे कि वह उनकी बातों को समझें ।
### अनुवाद रणनीतियाँ
यदि पाठक के पास संदेश को पूरी तरह से समझने का अनुमानित ज्ञान है, या वे किसी भी अंतर्निहित एवं सुस्पष्ट सूचना को समझ सकते हैं तो उस ज्ञान को वैसा ही, एवं अंतर्निहित सूचना को अंतर्निहित ही रहने दें। यदि वे इन बातों की जानकारी नही होने के कारण, संदेश समझ नही पा रहे हैं तो निम्न रणनीतियों का पालन करें:
1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें
1. यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें
>**यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों के ***भट*** और आकाश के पक्षियों के ***बसेरे*** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं
>> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी ***भट में रहती*** और आकाश के पक्षी ***बसेरे में रहते*** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’
> ** मैं तुम से कहता हूँ; कि ***न्याय के दिन*** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है
>> .... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से *** सोर और सीदोन जिसके लोग बहुत दुष्ट थे*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
>> या:
>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं***** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा ।
>> तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि ***वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं*** जब वे रोटी खाते हैं
(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी
> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 ULB) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता।
>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु ***मनुष्य के पुत्र*** के लिये ***सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ ***
> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 ULT) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है।
>...> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम *** सोर और सीदोन को दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं
>> या:
>> न्याय के दिन परमेश्वर आपको *** सोर और सीदोन से अधिक दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं।
आधुनिक पाठक शायद कुछ बातों को न पहचानें जिन्हे प्रथम पाठक अथवा उस समय के लोग जानते हों। इससे उन्हे वक्ता अथवा लेखक की कही जाने वाली अथवा अंतर्निहित बातों को समझना मुश्किल हो सकता है। अनुवादकों को अपने अनुवाद में इन बातों को सुस्पष्ट तरीके से बतानी होंगीं जिन्हे लेखकों अथवा वक्ताओं ने अंतर्निहित तरीके से लिखा था

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अंग्रेजी में, सुबेदार के द्वारा कहे गए ‘‘कहा’’ क्रिया शब्द में ‘उत्तर दिया’ भी शामिल होता है और इसलिए उस क्रिया को अंतर्निहित रखा जा सकता है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘सुबेदार ने कैसे उत्तर दिया?
यदि वह उत्तर देता है कि ‘‘कहने के द्वारा’’ तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है।
यदि वह उत्तर देता है कि ‘‘कहने के द्वारा’’ तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है।

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@ -29,7 +29,7 @@
यहाँ यीशु केवल पुरूष की नही, वरन् **पुरूष एवं स्त्री** दोनों की बात कर रहे हैं
**चेतावनी** : कर्इ बार केवल पुरूष को दिखाने वाले शब्दों का उपयोग होता है । तो ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों के लिए भी है। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरूषां के लिए हैं।
ेतावनी** : कर्इ बार केवल पुरूष को दिखाने वाले शब्दों का उपयोग होता है । तो ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों के लिए भी है। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरूषां के लिए हैं।
मूसा ने कहा था, कि यदि <u>कोर्इ</u> बिना सन्तान मर जाए, तो <u>उसका</u> <u>भार्इ</u> <u>उसकी पत्नी</u> को ब्याह करके <u>अपने</u> भार्इ के लिये वंश उत्पé करे (मत्ती 22:24 ULB)
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1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका इस्तेमाल स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए हो सके
* **यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले’’** (मत्ती 16:24-26 ULB) - अंग्रेजी वक्ता ‘‘वह’’,’’उसका’’ और ‘‘वह स्वयं’’ जैसे एकवचन के सर्वनामों को बहुवचन ‘‘वे’’, ‘‘वे स्वयं’’ और ‘‘उनका’’ में बदल सकते हैं जिससे यह पता चले कि यह केवल पुरूष के लिए लागु नही हो रहा है।
* **यदि <u>लोग</u> मेरे पीछे आना चाहें, तो <u>वे</u> <u>स्वयं का</u> इन्कार करे और <u>अपना</u> क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले**

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@ -1,20 +1,19 @@
व्याकरण के दो भाग हैं: शब्द एवं संरचना। संरचना का अर्थ, किसी कथन, वाक्य अथवा कहावत को बनाने के लिए शब्दों को कैसे जोड़ा जाए।
**शब्द के भेद** - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें [Parts of Speech](../figs-partsofspeech/01.md))
ब्द के भेद** - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें [Parts of Speech](../figs-partsofspeech/01.md))
**वाक्य** - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md))
ाक्य** - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md))
* वाक्य में कथन, प्रश्न, आज्ञा या विष्मय हो सकता है (देखें [Exclamations](../figs-sentencetypes/01.md))
* वाक्य में एक से अधिक कथन हो सकते हैं (देखें [Sentence Structure](../figs-sentences/01.md))
* कुछ भाषाओं में, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष कथन दोनों होते हैं (देखें [Active or Passive](../figs-activepassive/01.md))
**संपत्ति** - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें [Possession](../figs-possession/01.md))
ंपत्ति** - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें [Possession](../figs-possession/01.md))
**उद्धरण** - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है।
द्धरण** - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है।
* अक्सर, उद्धरण के दो भाग होते हैं: यह सूचना के किसने कुछ कहा और क्या कहा (देखें [Quotations and Quote Margins](../writing-quotations/01.md))
* उद्धरण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भी हो सकते हैं (देखें [Direct and Indirect Quotations](../figs-quotations/01.md))
* उद्धरण के अंदर उद्धरण हो सकते हैं (देखें [Quotes within Quotes](../figs-quotesinquotes/01.md))
* उद्धरण को चिन्हित कर, इन्हे पाठक के लिए आसान बनाया जा सकता है कि किसने क्या कहा (देखें [Quotes Makings](../figs-quotemarks/01.md))

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### विवरण
एक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनार्इ हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है
* यहाँ हर रात बरसात होती है*
1. वक्ता एकदम सही बोल रहा है जैसा लिखा है कि यहाँ हर रात बरसात होती है
1. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ सामान्य तौर पर होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है
1. वक्ता इसे अतिशयोक्ति के रूप में यह कहना चाहता है कि यहाँ सामान्य तरीके से अधिक बरसात होती है जिससे वह बरसात की तादाद को अधिक बल देकर, खुशी या नाराजगी जाहिर करते हुए कहना चाहता है।
** अतिशयोक्ति** : यह एक अलंकार है जिसमें बढ़ा चढ़ाकर बताना अथवा **अत्युक्ति** वक्ता असामान्य या बड़े शब्दों में कुद कहना चाहता है, जिससे वह इसके बारे में, अपनी भावना या विचार को प्रकट कर सके। वह आशा करता है कि लोग उसकी अत्युक्ति को पहचान सकें।
>वे तुझमें <u>पत्थर पर पत्थर भी</u> न छोड़ेंगे (लूका 19:44 ULB)
* यह अत्युक्ति है* इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे
### कारण यह अनुवाद की समस्या है >और मूसा को मिस्रियों की <u>सारी विद्या</u> पढ़ार्इ गर्इ (प्रेरितों के काम 7:22 ULB)
* ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।*और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था।
** सामान्यीकरण:** एक कथन जो अक्सर सही होता है और जिसे हर परिस्थिति में लागु किया जा सकता है।
>जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह <u>निर्धन होता और अपमान पाता</u> है,
>परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी <u>महिमा होती</u> है (नीतिवचन 13:18)
* ये सामान्यीकरण उन लोगों के बारे में बताते हैं जो सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो निर्देश की उपेक्षा करते हैं और सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो सुधार से सीखते हैं। इन बयानों में कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन वे आम तौर पर सच हैं।
>प्रार्थना करते समय <u>अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी</u> (मत्ती 6:7)
* ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे* कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए।
कर्इ अन्यजातियों ने ऐसा किया होगा। यद्यपि सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ बिल्कुल वही होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’।
#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
1. पाठकों को ज्ञात होना चाहिए कि एक कथन पूरा सही है या नही
1. यदि पाठकों को लगता है कि कथन पूरा सही नही है, तो उन्हे यह पता होना चाहिए कि कहीं ये अतिशयोक्ति, सामान्यीकरण या झूठ तो नही है (यद्यपि बाइबल पूरी तौर पर सच है, यह उन लोगों के बारे में बताती है जो हमेशा सच नही बोलते थे)
### बाइबल से उदाहरण
### अत्युक्ति के उदाहरण
>यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे <u>काट डाल</u> टुंडा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है..... (मरकुस 9:43 ULB)
जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए <u>कुछ भी कठिन कार्य</u> करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं।
>और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और <u>समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान</u> बहुत से लोग इकट्ठे हुए (1 शमूएल 13:5 ULB)
उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ <u>बहुत सारे सैनिक</u> थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई *** सैनिक थे।
>वरन जैसे वह अभिषेक... तुम्हें <u>सब बातें</u> सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 ULB)
यह एक हाइपरबोले है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा हमें *** के बारे में सिखाती है जो हमें *** जानना आवश्यक है। परमेश्‍वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है।
>‘‘जब वह मिला, तो उससे कहा कि <u>सब लोग</u> तुझे ढूंढ रहे हैं’’ (मरकुस 1:37 ULB)
चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु <u>कर्इ लोग</u> अथवा घनिष्ठ मित्र उसे ढ़ूँढ़ रहे थे। यह भावना व्यक्त करने के उद्देश्य से एक अतिशयोक्ति है कि वे और कई अन्य लोग उसके बारे में चिंतित थे।
### सामान्यीकरण के उदाहरण
> *** क्या नाज़रथ से कुछ अच्छा निकल सकता है? *** (यूहन्ना 1:46 ULB)
यह अलंकारिक प्रश्न सामान्यीकरण को व्यक्त करने के लिए है कि नाज़रथ में कुछ भी अच्छा नहीं है। वहां के लोगों की प्रतिष्ठा अशिक्षित होने और कड़ाई से धार्मिक न होने के कारण थी। बेशक, अपवाद थे।
> उनमें से एक, अपने स्वयं के पैगंबरों में से एक ने कहा है, "*** क्रेते के लोग हमेशा झूठे, दुष्ट जानवर, आलसी घंटी हैं।" (तीतुस 1:12 ULB)
यह एक सामान्यीकरण है जिसका अर्थ है कि क्रेते के लोगों की प्रतिष्ठा इस तरह से थी क्योंकि सामान्य तौर पर, क्रेते के लोगों का व्यवहार कैसा होता है। यह संभव है कि यह अपवाद थे।
> *** एक आलसी हाथ गरीबी का कारण बनता है, लेकिन मेहनती का हाथ उसे अमीर बनाता है ***। (नीतिवचन 10: 4 ULB)
यह आम तौर पर सच है और अधिकांश लोगों के अनुभव को दर्शाता है। यह संभव है कि कुछ परिस्थितियों में अपवाद हो।
### चेतावनी
यह मत समझो कि कुछ अतिशयोक्ति है क्योंकि यह असंभव प्रतीत होता है। परमेश्वर आश्चर्यकर्म करते हैं।
>उन्होंने यीशु को <u>झील पर चलते</u>, और नाव के निकट आते देखा (युहन्ना 6:19 ULB)
यह अतिशयोक्ति नही है। यीशु वास्तव में जल पर चले थे। यह सच्चा कथन है ।
यह अनुमान न लगाएँ कि जहाँ भी ‘‘सब’’ आता है, उसका अर्थ हमेशा ‘‘अधिकतर’’ होता है।
>यहोवा अपनी सब गति में धर्मी
>और अपने सब कामों मे करूणामय है (भजन संहिता 145:17 ULB)
यहोवा सदा धर्मी है। यह पूरा सच्चा कथन है।
### अनुवाद रणनीतियाँ
यदि आपकी भाषा में सामान्यीकरण या अतिशयोक्ति स्वाभाविक है और लोगों को समझ आता है और इसे झूठ नही समझते हैं, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो दूसरे विकल्प निम्न हैं:
1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें।
1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है
1. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है
1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें
### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें।
* **पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और <u>समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान</u> बहुत से लोग इकट्ठे हुए** (1 शमूएल 13:5 ULB)
* पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और <u>एक बड़ी संख्या में</u> लोग इकट्ठे हुए
(2) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है
* **जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...** (नीतिवचन 13:18 ULB)
* <u>सामान्य तौर पर</u>, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...
* **प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी** (मत्ती 6:7 ULB)
* प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ, <u>जैसा वो अक्सर करते हैं</u> बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी
(3) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है
* और <u>सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए (मरकुस 1:5 ULB)
* और <u>करीब सारे के सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>करीब सब के सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए
>> या:
* और <u>लगभग सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>लगभग सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए
1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें
* **और <u>सारे</u> यहूदिया देश के, और यरूशलेम के <u>सब रहनेवाले</u> निकलकर उसके पास गए** (मरकुस 1:5 ULB)
* यहूदिया देश और यरूशलेम के लोग निकलकर उसके पास गए

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@ -79,4 +79,3 @@
इन चीजों को प्रकट करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों का इस्तेमाल करें।
आप ये वीडियो भी देख सकते हैं: http://ufw.io/figs_hypo ।

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@ -24,7 +24,7 @@
इस मुहावरे का अर्थ है ‘‘ध्यान से सुनें और मेरी बातों को याद रखें’’
**उद्देश्य**
द्देश्य**
एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोर्इ किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है

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@ -11,7 +11,7 @@
![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_exclusive.jpg)
**कारण यह अनुवाद की समस्या है** - बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा मे लिखा गया था। अंग्रेजी की तरह, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप नही हैं। जिन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप हैं, उनके अनुवादकों को समझना है कि वक्ता क्या कहना चाहता है जिससे कि वे उसके अनुसार ‘‘हम’’ के रूप को लिख सकें।
ारण यह अनुवाद की समस्या है** - बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा मे लिखा गया था। अंग्रेजी की तरह, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप नही हैं। जिन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग सम्मिलित अथवा विशिष्ट रूप हैं, उनके अनुवादकों को समझना है कि वक्ता क्या कहना चाहता है जिससे कि वे उसके अनुसार ‘‘हम’’ के रूप को लिख सकें।
### बाइबल से उदाहरण

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@ -13,7 +13,7 @@
‘‘बहुत ही धन्यवादी’’ कथन बहन के बाद में आता है जो हमें बताता है कि जब मरियम ने अपनी बहन को भोजन दिया तो उसकी प्रतिक्रिया कैसी रही। इस मामले में, यह इस बहन को मरियम की किसी और बहन से अलग नही करता है।
**लोग इसे क्यों उपयोग करते हैं?** लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग, किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान लगवाना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही
ोग इसे क्यों उपयोग करते हैं?** लोग इसका उपयोग अक्सर याद करवाने अथवा नर्इ जानकारी देने के हल्के तरीके के रूप में करते हैं। इसके द्वारा वे अपने श्रोताओं का ध्यान उनके द्वारा कही जाने वाली बातों से अलग, किसी और बात की ओर लगाने के लिए करते हैं। उपरोक्त उदाहरण में, वक्ता मरियम के कार्य पर ध्यान लगवाना चाहता है, उसकी बहन की प्रतिक्रिया पर नही
* **कारण यह अनुवाद की समस्या है** भाषाएँ विभिé तरीकों से अपनी बात को लोगों की ओर पहुँचाती है कि श्रोताओं का ध्यान खींच सके

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@ -3,17 +3,17 @@
विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। अंग्रेजी में, आम तौर पर, पहले संज्ञा, फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है।
**पतरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की**
तरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की**
कर्इ सारी भाषाएँ इस वाक्य को कर्इ तरीके से लिखती हैं, जैसे:
**रंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की**
ंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की**
यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के भागों के आम क्रम हैं, वक्ता के द्वारा दी जाने वाली सूचना के आधार पर यह क्रम बदल सकता है जिसे वक्ता अधिक जरूरी समझता है। मान लो कि कोर्इ ये प्रश्न पूछे? ‘‘पतरस ने कल क्या रंगार्इ की?
व्यक्ति उपर के कथन में लिखी हर सूचना को जानता है, एक को छोड़कर ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कह सकता है:
**अपने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)**
पने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)**
इसमें महत्वपूर्ण सूचना पहले स्थान पर है जो अंग्रेजी में आम तरीका है। दूसरी कुछ भाषाओं में शायद महत्वपूर्ण सूचना को अंत में डाला जाए। एक लेख के बहाव में, सबसे महत्वपूर्ण सूचना को अक्सर लेखक पाठकों के लिए नर्इ सूचना के रूप में लेता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण सूचना पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में डाला जाता है।

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@ -65,7 +65,7 @@
* ‘यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; अपनी मुरतों के लिए अपने प्रमाण लाओ, याकुब का राजा कहता है । तुम्हारी मूरतें <u>आगे आकर अपना मुकद्दमा नही लड़ सकतीं या नही बता सकतीं कि भविष्य में क्या होगा</u> कि हमें पता चले कि क्या होने वाला है। हम उन्हे नही सुन सकते क्योंकि <u>वे बोल नही सकतीं</u>, हमें अपने पूर्वकाल की घटनाओं को बता नही सकती, इससे हम जान नही सकते कि उनका क्या फल होगा या वे कैसे पूरी होंगी
* **क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?**
**क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?**
्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?**
**<u>निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू उस समय उत्पé हुआ था</u>**
**<u>और तू बहुत आयु का है</u>** (अय्यूब 38:20-21)

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@ -19,7 +19,7 @@
रूपक कर्इ प्रकार के होते हैं: ‘‘जीवित रूपक’’, ‘‘मृत रूपक’’ एवं ‘‘नमूना रूपक’’।
**जीवित रूपक**
ीवित रूपक**
ये रूपक वो होते हैं जिन्हे लोग एक तथ्य के लिए उपयोगी दूसरे तथ्य के तौर पर लेते हैं। लोग आसानी से पहचान सकते हैं कि ये संदेश को बल और गुण देते हैं। इसी कारण, लोग इन रूपकों पर लोग ध्यान देते हैं।
@ -35,7 +35,7 @@
यीशु को सुनने वाले समझ चुके थे कि यीशु हेरोदेश को दुष्ट, चालाक व्यक्ति और केवल खुद को महान दिखाने की कोशिश करना वाला राजा बता रहा है।
**मृत रूपक**
ृत रूपक**
मृत रूपक में लेखक एक तथ्य को दूसरे तथ्य के लिए उपयोग नही करता है।
@ -43,7 +43,7 @@
अंग्रेजी वक्ता इन शब्दों को एक से अधिक अर्थ वालों के रूप में लेते हैं। बाइबल की इब्री भाषा के उदाहरण, ‘‘चंगार्इ’’ का अर्थ ‘‘मरम्मत’’ और ‘‘बिमार’’ का अर्थ ‘‘पाप के कारण आत्मिक तौर पर कमजोर’’।
**रूपक के रूप में तथ्यों के नमूनेरत् युग्म**
ूपक के रूप में तथ्यों के नमूनेरत् युग्म**
रूपकों का उपयोग तथ्यों के युग्मों के आधार पर कर्इ प्रकार से किया जाता है, जहाँ एक महत्वपूर्ण तथ्य सदैव दूसरे तथ्य के स्थान पर कार्य करता है।
@ -88,7 +88,7 @@
इस रूपक में, यीशु स्वयं को जीवन की रोटी कहता है। ‘‘विषय’’ ‘‘मैं’’ और ‘‘तश्वीर’’ ‘‘रोटी’’ है। रोटी एक ऐसा भोजन है जिसे लोग हर समय में खाते आए हैं। रोटी और यीशु में तुलना का बिन्दु यह है कि लोगों को पोषण के लिए हर दिन रोटी की जरूरत होती है। इसी प्रकार, लोगों को आत्मिक तौर पर, हर दिन यीशु की जरूरत है। ध्यान दें कि यह रूपक वास्तव में कर्इ सारे रूपक हैं। पहला रूपक रोटी है जो यीशु को दिखाती है। दूसरा रूपक, पहले के अंदर है, अर्थात शारीरिक जीवन आत्मिक जीवन को दिखाता है जो परमेश्वर के साथ सदाकाल के जीवन को दिखाता है। तीसरा रूपक यह है कि यीशु से लाभ पाने को दिखाता है जो हमें परमेश्वर के साथ सदा जीवन जीने का बल देता है।
**रूपक के उद्देश्य**
ूपक के उद्देश्य**
* पहला उद्देश्य लोगों को वे बातें जो उन्हे पता नही (**विषय**), उस माध्यम के द्वारा (**तश्वीर**) सिखाना जिनके बारे में वे पहले से ही जानते हैं।
* दूसरा उद्देश्य यह दिखाना है कि उस वस्तु में एक विशेष गुण है अथवा यह बताना है कि इसमें वह गुण बहुत अधिक है

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@ -1,9 +1,9 @@
### वर्णन
**मेटोनिमी** एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है।
ेटोनिमी** एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है।
**मेटोनिमी** एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है।
ेटोनिमी** एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है।
> और उसके पुत्र यीशु मसीह का <u>लहू</u> हमें सब पापों से शुद्ध करता है (1 यूहन्ना 1:7 ULB)
@ -63,4 +63,3 @@
* तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले <u>परमेश्वर के दण्ड</u> से भागो?
आम तौर पर उपयोग होने वाले मेटोनिम की जानकारी के लिए, [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) देखें।

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@ -1,7 +1,7 @@
### वर्णन
**समरूपता** में संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। समरूपता कर्इ प्रकार के होती है।
मरूपता** में संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। समरूपता कर्इ प्रकार के होती है।
कुछ निम्नलिखित हैं:
@ -22,7 +22,7 @@
### बाइबल में से उदाहरण
**दूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है**
ूसरे कथन या वाक्य का अर्थ पहले जैसा होता है**
>तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक।
>और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है (भजन संहिता 119:105 ULB)
@ -34,21 +34,21 @@
दोनों वाक्य कहते हैं कि परमेश्वर ने मनुष्य को सबका शासक बनाया है।
**दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है**
ूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है**
>यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं
>वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं (नीतिवचन 15:3 ULB)
दूसरा वाक्य विशेष रूप से बताता है कि यहोवा नजर रखता है।
**दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है**
ूसरा पहले में कही गर्इ बात को पुरा करता है**
>मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ।
>और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है (भजन संहिता 3:4 ULB)
दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है, यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है।
**दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है**
ूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है**
>क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है।
>परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा (भजन संहिता 1:6 ULB)

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@ -5,20 +5,20 @@
अधिकतर भाषाओं में ये मूलभूत अलंकार के शब्द, कुछ बदलावों के साथ, होते हैं और कुछ भाषाओं में अधिक श्रेणियाँ होती हैं। यह अलंकार के शब्दों की संपूर्ण सूची नही है, परंतु ये सिर्फ मूलभूत श्रेणियों को दिखा रही है।
**क्रियाएँ** किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी [Verbs](../figs-verbs/01.md) में उपलब्ध है।
्रियाएँ** किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी [Verbs](../figs-verbs/01.md) में उपलब्ध है।
**संज्ञाएँ** एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें [How to Translate Names](../translate-names/01.md).
ंज्ञाएँ** एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें [How to Translate Names](../translate-names/01.md).
**सर्वनाम** संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है।
र्वनाम** संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी [Pronouns](../figs-pronouns/01.md) पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है।
**संयोजक** वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md) पर पा सकते हैं।
ंयोजक** वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी [Connecting Words](../writing-connectingwords/01.md) पर पा सकते हैं।
**उपसर्ग** वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की <u>अपने पिता की ओर</u> दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, <u>यीशु के चारों ओर</u> भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में।
पसर्ग** वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की <u>अपने पिता की ओर</u> दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, <u>यीशु के चारों ओर</u> भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में।
**आर्टिकल्स** ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। <u>ए (a), एन (an) और दि (the) <u/> इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं।
र्टिकल्स** ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। <u>ए (a), एन (an) और दि (the) <u/> इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं।
यदि एक वक्ता कहता है, </u>ए डोग</u> तो वह श्रोताओं को बताना चाहता है कि वह कुत्ते की बात बता रहा है, शायद वह पहली बार इस कुत्ते की बात कर रहा हो। यदि एक वक्ता कहता है, </u>दि डोग</u> तो वह एक विशेष कुत्ते की बात बता है और चाहता है कि श्रोता भी इस बात को पहचानें कि वह किस कुत्ते की बात बता रहा है। अंग्रेजी वक्ता </u>दि</u> का उपयोग यह बताने के लिए भी करते हैं वे किसी बात पर सामान्य राय दे रहे हैं। उदाहरण के तौतर पर, वे कहते हैं </u>दि</u> एलिफेंट इस ए लार्ज ऐनिमल (हाथी एक बड़ा जानवर होता है) तो वह हाथी के बारे में सामान्य जानकारी दे रहा है। इसके बारे में आप अधिक जानकारी [Generic Noun Phrases](../figs-genericnoun/01.md) पर पा सकते हैं।
**विशेषण** वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, <u>मेरे बुजुर्ग पिता</u>, </u>बुजुर्ग</u> विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु <u>मेरी सबसे बड़ी बहन</u> में <u>सबसे बड़ी</u> शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी [Distinguishing versus Informing or Reminding](../figs-distinguish/01.md) पर पा सकते हैं।
िशेषण** वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, <u>मेरे बुजुर्ग पिता</u>, </u>बुजुर्ग</u> विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु <u>मेरी सबसे बड़ी बहन</u> में <u>सबसे बड़ी</u> शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी [Distinguishing versus Informing or Reminding](../figs-distinguish/01.md) पर पा सकते हैं।
**क्रिया विशेषण** वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में <u>ly</u> होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) ।
्रिया विशेषण** वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में <u>ly</u> होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) ।

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@ -30,27 +30,27 @@
### बाइबल में से उदाहरण
**स्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था
्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था
> छुटका पुत्र ... वहाँ कुकर्म में <u>अपनी संपत्ति</u> उड़ा दी। (लूका 15:13 ULB)
**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा
ामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा
> तब <u>यूहéा के चेले</u> उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULB)
**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था
ामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था
> और उन टिड्डियों के आकार लड़ार्इ के लिये तैयार किए हुए घोड़ों के से थे, और उन के सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे; और उन के मुंह मनुष्यों के से थे। (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB)
**सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है
ामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है
> जो कोर्इ एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिये पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूं कि वह अपना प्रतिफल किसी रीति से न खोएगा। (मरकुस 9:41 ULB)
**संपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है
ंपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है
> परन्तु ऊरिय्याह अपने स्वामी के सब सेवकों के संग राजभवन के द्वार में लेट गया, और अपने घर न गया। (2 शमूएल 11:9 ULB)
**समूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है
मूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है
> पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। (इफिसियों 4:7 ULB)
@ -58,7 +58,7 @@
कर्इ बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञा है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती है। निम्नलिखित उदाहरण में, भाववाचक संज्ञाएँ गाढ़े रंग में दी गर्इ हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब एक किसी घटना की ओर इशारा करती है।
**कर्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, <u>यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है<u/>
र्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, <u>यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है<u/>
> <u>यूहéा का **बपतिस्मा**<u/> क्या यह स्वर्ग की ओर से था वा मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30 ULB)
@ -66,19 +66,19 @@
>कौन हमको <u>मसीह के प्रेम<u/> से अलग करेगा? (रोमियों 8:35 ULB)
**कर्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी।
र्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी।
निम्नलिखित उदाहरण में, <u>लोग धन से प्रेम करते हैं<u/>
>क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULB)
**उपकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी
पकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी
निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर <u>तलवार के द्वारा हमला करने के लिए दुश्मनों को भेजकर दण्ड देगा<u/>
> तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से <u>तलवार का दंड<u/> मिलता है (अय्यूब 19:29 ULB)
**प्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी
्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी
यह दिखाने के लिए वे मन फिरा रहे हैं, उन्होने बपतिस्मा लिया। उनका <u>बपतिस्मा उनके मनफिराव का चिन्ह था</u>

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@ -40,28 +40,24 @@
* यूहéा ने <u>स्वयं को</u> दर्पण में देखा** - ‘‘स्वयं’’ शब्द यूहéा को दिखाता है।
**प्रश्नवाचक सर्वनाम** ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: कौन, किसका, किसको, क्या, कहाँ, कब, क्यों, कैसे
्रश्नवाचक सर्वनाम** ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: कौन, किसका, किसको, क्या, कहाँ, कब, क्यों, कैसे
* <u>किसने</u> घर बनाया?
**संबंधवाचक** सर्वनाम एक संबंध के कथन को बताता है। वे वाक्य के मुख्य भाग में दी गर्इ संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं: जो, जिसने, जिसका, जहाँ, जब।
ंबंधवाचक** सर्वनाम एक संबंध के कथन को बताता है। वे वाक्य के मुख्य भाग में दी गर्इ संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं: जो, जिसने, जिसका, जहाँ, जब।
* **मैने वो घर देखा <u>जो</u> यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा
* **मैने उस व्यक्ति को देखा <u>जिसने</u> यूहéा ने बनाया है** ‘‘जो यूहéा ने बनाया’’ उक्त कथन बताता है कि मैने कौनसा घर देखा
**संकेतवाचक** सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचता एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाता है, जैसे यह, ये, वह, वे।
ंकेतवाचक** सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचता एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाता है, जैसे यह, ये, वह, वे।
* **क्या तुमने <u>ये</u> यहाँ देखा है?**
* **यहाँ <u>वह</u> कौन है?**
**अनिश्चयवाचक** सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति को बोध नही होता, जैसे कोर्इ, किसी, कुछ, कहीं। कर्इ बार ऐसा करने के लिए व्यक्तिवाचक सर्वनाम का भी उपयोग होता है: तुम, वे, वह या यह।
निश्चयवाचक** सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति को बोध नही होता, जैसे कोर्इ, किसी, कुछ, कहीं। कर्इ बार ऐसा करने के लिए व्यक्तिवाचक सर्वनाम का भी उपयोग होता है: तुम, वे, वह या यह।
* **वह <u>किसी से</u> बात नही करना चाहता**
* **<u>किसी ने</u> इसे सही कर दिया है, परंतु मुझे नही पता कि वह कौन है**
* **<u>वे</u> कहते हैं कि <u>तुम्हे</u> सोए हुए कुत्ते को जगाना नही चाहिए**
अंतिम उदाहरण में, ‘‘वे’’ एवं ‘‘तुम’’ सामान्य रूप में लोगों की ओर इशारा करते हैं।

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@ -3,11 +3,11 @@
उद्धरण दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण।
**प्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के नजरिए से पेश करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे के उदाहरण में, यूहéा ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहéा के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहéा की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहéा के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं।
्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के नजरिए से पेश करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे के उदाहरण में, यूहéा ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहéा के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहéा की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहéा के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं।
* यूहéा ने कहा, <u>मैं</u> नही जानता कि आप कब पहुँचोगे?
**अप्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस मामले में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक की बजाए, स्वयं के नजरिए से पेश करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे के उदाहरण में, वक्ता यूहéा का उल्लेख ‘‘वह’’ के रूप में उद्वरण के साथ करता है।
प्रत्यक्ष उद्धरण** तब होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस मामले में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक की बजाए, स्वयं के नजरिए से पेश करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे के उदाहरण में, वक्ता यूहéा का उल्लेख ‘‘वह’’ के रूप में उद्वरण के साथ करता है।
* यूहéा ने कहा कि <u>वह</u> नही जानता था कि <u>वह</u> कब पहुचेगा?
@ -52,4 +52,3 @@
* तब उसने उसे चिताया, कि <u>किसी से न कह, </u> परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।
आप http://ufw.io/figs_quotations पर भी वीडियो देख सकते हैं।

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@ -1,4 +1,3 @@
### विवरण
एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण हो सकता है, और उद्धरणों के भीतर जो उद्धरण होते हैं, उन भीतर भी उद्धरण हैं। जब एक उद्धरण के भीतर उद्धरण होता है, तो हम उद्धरण की परतों के बारे में बात कर सकते हैं, और प्रत्येक उद्धरण एक परत है। जब उद्धरणों के भीतर उद्धरणों की कई परतें होती हैं, तो श्रोताओं और पाठकों के लिए यह जानना कठिन हो सकता है कि कौन क्या कह रहा है6।कुछ भाषाएँ इसे आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं।
@ -42,7 +41,7 @@
कुछ भाषाएँ केवल प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग करती हैं। अन्य भाषाएँ प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं। उन भाषाओं में यदि प्रत्यक्ष उद्धरणों की कई परतें हैं तो यह असामान्य लग सकता है और कदाचित् भ्रमित भी कर सकता है।
1. सभी उद्धरणों का प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करें।
1. अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में एक या कुछ उद्धरणों का अनुवाद करें। (देखें [[प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-quotations/01.md))
1. अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में एक या कुछ उद्धरणों का अनुवाद करें। (देखें [प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण](../figs-quotations/01.md))
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

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@ -8,7 +8,6 @@
#### कर्ता
* **कर्ता** वह होता है कि वाक्य किसके बारे में है या क्या है। इन उदाहरणों में, कर्ता रेखांकित किया गया है:
* <u> लड़का </u> दौड़ रहा है।
* <u> वह </u> चल रहा है।
@ -48,7 +47,6 @@
* <u> जब मक्कई तैयार थी </u>, उसने उसे तोड़ लिया।
* <u> उसे तोड़ लेने के पश्चात् </u>, वह उस अपने घर ले गई और उसे पकाया।
* तब उसने और उसके पति ने इसे खा लिया, <u> क्योंकि यह स्वाद में बहुत अच्छा था </u>. निम्नलिखित वाक्यांश का प्रत्येक खण्ड एक पूर्ण वाक्य हो सकता है। वे उपरोक्त वाक्यों से स्वतंत्र खण्ड हैं।
* उसने उसे तोड़ा।
* वह उसे घर ले गई और उसे पकाया।
* तब उसने और उसके पति ने इसे खा लिया।

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@ -38,15 +38,15 @@
अनिवार्य वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ।
**आदेश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
देश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
> <u> उठ </u>, बालाक, और <u> सुन </u>. सिप्पोर के पुत्र, मेरी <u> सुन </u>. (गिनती 23:18 यूएलबी)
**निर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
िर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
> ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो <u> आज्ञाओं को मानो </u>. ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो <u> जा </u>, <u> बेच </u> जो कुछ तेरे पास है, और <u> उसे </u> गरीबों को बाँट दें, और तुझे स्वर्ग में धन प्राप्त होगा। (मत्ती 19:17, 21 यूएलबी)
**सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है।
ुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है।
> एक अन्धे व्यक्ति को दूसरे अन्धे व्यक्ति का मार्गदर्शन करने का प्रयास <u> नहीं करना चाहिए </u> यदि उसने किया, तो वे दोनों एक गड़हे में गिर जाएंगे! (लूका 6:39 यूडीबी)
@ -54,11 +54,11 @@
> उन्होंने एक-दूसरे से कहा, "आओ, <u> हम मिलकर </u> ईंटें बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से सेंक लें।" (उत्पत्ति 11:3 यूएलबी)
**आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा।
मंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा।
> <u> आओ </u> हमारे साथ और हम आपको साथ अच्छा करेंगे। (गिनती 10:29)
**अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
नुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
<blockquote> आज हमें प्रतिदिन की रोटी <u> हमें दें </u>. (मत्ती 6:11 यूएलबी) </blockquote>

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@ -1,7 +1,7 @@
### विवरण
**समान अर्थ के साथ समान्तरतावाद** एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है।
मान अर्थ के साथ समान्तरतावाद** एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है।
ध्यान दें: हम लम्बे वाक्यांशों या खण्डों के लिए "समान अर्थ वाले समान्तरतावादी" शब्द का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ समान है। हम शब्दों के लिए [युग्म](../figs-doublet/01.md) शब्दावली का उपयोग करते हैं या बहुत कम वाक्यांशों को जिनका अर्थ मूल रूप से एक ही वस्तु के अर्थ से और एक साथ उपयोग से होता है।

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@ -3,7 +3,7 @@
क्रियाएँ वे शब्द होते हैं जो किसी क्रिया या घटना का सन्दर्भ देते हैं या जिसका उपयोग वस्तुओं का वर्णन करने या पहचानने में किया जाता है।
**उदाहरण** नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ रेखांकित की गई हैं।
दाहरण** नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ रेखांकित की गई हैं।
* यूहन्ना <u> दौड़ा </u>. ("दौड़ना" एक गतिविधि है।)
* यूहन्ना <u> एक केला </u> खाया। ("खाना" एक गतिविधि है।)

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@ -3,7 +3,7 @@
कुछ भाषाओं में "आप" शब्द के आधार पर "आप" शब्द के लिए एक से अधिक शब्द हैं।
**एकवचन** रूप एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और **बहुवचन** रूप एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है।
कवचन** रूप एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और **बहुवचन** रूप एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है।
कुछ भाषाओं में एक **द्विवचन** रूप भी होता है, जो दो लोगों को सन्दर्भित करता है, और कुछ के अन्य रूप होते हैं जो तीन या चार लोगों को सन्दर्भित करते हैं।
@ -21,4 +21,3 @@
आप http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे। इनका अनुवाद करने में सहायता के लिए, हम आपको सुझाव देते हैं, जिन्हें पढ़ लें:
* ["आप" के रूप - औपचारिक या अनौपचारिक](../figs-youformal/01.md)

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@ -23,7 +23,7 @@
इसलिए यदि "आप" का कोई सर्वनाम नहीं है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था। अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि "आप" शब्द एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको वक्ता से बात करने वाले लोगों की सँख्या जानने में सहायता करेंगे। कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" एकवचन का उपयोग किया, चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे।
देखें [['आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन](../figs-youcrowd/01.md)
देखें ['आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन](../figs-youcrowd/01.md)
### बाइबल से उदाहरण

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@ -69,7 +69,7 @@
मानक प्रारूप या मार्कडाउन के साथ चिह्नित सामग्री प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका एक संपादक का उपयोग करना है, जिसे विशेष रूप से ऐसा करने के लिए निर्मित किया गया है। यदि एक वर्ड प्रोसेसर अर्थात् शब्द संसोधक या मूलपाठ संपादक का उपयोग किया जाता है, तो इन संकेतों को हस्तलिखित रूप से वर्णित किया जाना चाहिए।
*ध्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।*
्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।*
जब सॉफ्टवेयर का उपयोग करने पर विचार करते हैं, तो कृपया ध्यान रखें कि अनुवाद केवल शब्दों के बारे में नहीं है; ऐसे कई तकनीकी पहलू हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए।

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@ -1,78 +0,0 @@
## तार्किक संबंध
कुछ संयोजक मूलपाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच तार्किक संबंध स्थापित करते हैं।
### लक्ष्य (या उद्देश्य) संबंध
#### परिभाषा
लक्ष्य संबंध एक तार्किक संबंध है जिसमें दूसरी घटना पहली घटना का उद्देश्य या लक्ष्य है। किसी चीज के लक्ष्य संबंध होने के लिए, किसी को पहली घटना इस सोच से करनी चाहिए कि वह दूसरी घटना का कारण बने।
#### कारण यह एक अनुवाद विषय है
पवित्रशास्त्र में, लक्ष्य या उद्देश्य को प्रथम या द्वितीय कहा जा सकता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, उस तार्किक संबंध को समझने के लिए लक्ष्य या उद्देश्य सदैव एक ही स्थिति (या तो पहले या दूसरे) में होना चाहिए। आपको (अनुवादक) दो भागों के बीच के संबंध को समझने और अपनी भाषा में सटीक संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए दो घटनाओं के क्रम को परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। इसे इंगित करने के लिए विशेष शब्दों की भी आवश्यकता हो सकती है कि एक दूसरे का लक्ष्य या उद्देश्य है। सामान्य रूप से अंग्रेजी में एक लक्ष्य संबंध को इंगित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द "जिस कारण से", "जिससे कि" या "ताकि" हैं। यह महत्वपूर्ण है कि अनुवादक उन शब्दों को पहचानें जो एक लक्ष्य संबंध को इंगित करते हैं और स्वाभाविक रूप से उस संबंध का अनुवाद करे।
#### ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
> वह गुस्से में आ गई और युसुफ पर पर झूठा आरोप लगा दिया *** जिसके कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया और कैद में भेज दिया गया ***. (कहानी 8 खांचा 5 ओबीएस)
स्त्री के झूठे आरोप का लक्ष्य या उद्देश्य युसुफ को गिरफ्तार करवाना और जेल भेजना था।
> गिदोन, योआश का बेटा, शराब में, एक दाखरस के कुण्ड में गेहूँ इसलिए झाड़ रहा था - ***कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे***. (न्यायियों 6:11ब यूएलटी)
यहाँ पूर्वसर्ग वाक्यांश "कि" से शुरू होता है परन्तु "जिस कारण से" को समझा जाता है।
> और अब यदि मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, तो मुझे अपने तरीके समझा दे, ***ताकि जब मैं तेरा ज्ञान पाऊँ तब तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर बनी रहे***. स्मरण रख कि यह जाति तेरे लोग हैं।" (निर्गमन 33:13 यूएलटी)
मूसा चाहता है कि परमेश्वर उसे परमेश्वर के बारे में लक्ष्य या उद्देश्य के लिए परमेश्वर के तरीके को दिखाए और वह निरन्तर परमेश्वर की अनुग्रह की दृष्टि में बना रहे।
> "इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो ***उसके बीनने के लिये*** छोड़ दिया करो, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)
बोअज़ का लक्ष्य या उद्देश्य पुरुषों को मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा देने और इसे रूत को इक्ट्ठा (बीनने) करने के लिए छोड़े देने का निर्देश देने का था।
> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें ***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
बैतलहम जाने का उद्देश्य उस घटना को देखना था जो घटित हुई थी। यहाँ उद्देश्य चिह्नित नहीं है और इसे गलत समझा जा सकता है।
> "... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है ***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)
आज्ञाओं को पालन करने का लक्ष्य जीवन में प्रवेश करने के लिए है।
> इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना *** ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी)
मूसा ने इस्राएलियों को जो निर्देश दिए थे, उनसे मुँह न मोड़ने का उद्देश्य यही था कि वे सफल हों।
>परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें ***और उसकी विरासत ले लें***.' और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। (मत्ती 21:38-39 यूएलटी)
दाख की बारी के उत्पादको का वारिस को मारने का उद्देश्य यह था कि वे उसकी विरासत को ले सकें। वे दोनों घटनाओं को एक योजना के रूप में बताते हैं, उन्हें केवल शब्द "और" के साथ जोड़ देते हैं। तब शब्द "कि" पहली घटना को वर्णन को चिह्नित करता है, परन्तु दूसरी घटना (लक्ष्य या उद्देश्य) को नहीं बताया गया है।
#### अनुवाद रणनीतियाँ
यदि आपकी भाषा मूलपाठ में उसी तरह लक्ष्य या उद्देश्य संबंधों का उपयोग करती है, तो जैसे वे हैं वैसे ही उनका उपयोग करें।
1. यदि लक्ष्य कथन का निर्माण अस्पष्ट है, तो उसे उसमें परिवर्तित कर दें जो अधिक स्पष्ट है।
2. यदि कथनों का क्रम पाठक के लिए लक्ष्य कथन को अस्पष्ट या भ्रमित करता है, तो व्यवस्था क्रम को परिवर्तित कर दें।
#### अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण
1. यदि लक्ष्य कथन का निर्माण अस्पष्ट है, तो उसे उसमें परिवर्तित कर दें जो अधिक स्पष्ट है।
> "इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो ***उसके बीनने के लिये छोड़ दो***, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)
>> "इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो ***ताकि वह बीन सके ***, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)
> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें ***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
>> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** ताकि हम इस बात को देख सकें जो घटित हुई है ***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
(2) यदि कथनों का क्रम पाठक के लिए लक्ष्य कथन को अस्पष्ट या भ्रमित करता है, तो व्यवस्था क्रम को परिवर्तित कर दें।
> "... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है ***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)
>> "... आज्ञाओं का पालन कर यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है***." या: "... आज्ञाओं का पालन कर*** ताकि तू जीवन में प्रवेश कर सकें***."
>परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें ***और उसकी विरासत ले लें***.' और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। (मत्ती 21:38-39 यूएलटी)
(1) और (2)
>परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें ***और उसकी विरासत ले लें***.' और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। (मत्ती 21:38-39 यूएलटी)
>> परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें ***ताकि हम उसकी विरासत को ले सकें***.' इसलिए उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला***ताकि हम उसकी विरासत को ले सकें***.

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@ -8,4 +8,3 @@
* लेखक के सन्देश को ध्यान में रखते हुए अनुवाद करें।
#### अर्थ का पता लगाएँ

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@ -18,4 +18,3 @@
जब अनुवाद को मूल से दो या तीन चरणों तक दूर कर जाता है तो त्रुटियों को प्रस्तुत करना आसान होता है।
इस समस्या के समाधान में सहायता के लिए, अनुवाद समूह तीन बातें कर सकता है:

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@ -33,7 +33,7 @@
एक स्पष्ट अनुवाद** प्रतिभागियों ** की पहचान करेगा।
**प्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं।
्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं।
वह कर्ता जो कार्यवाही कर रहा है और जिस वस्तु पर कार्यवाही की गई है, वह मुख्य **प्रतिभागी** है।
@ -61,9 +61,9 @@
एक स्पष्ट अनुवाद को **निष्क्रिय** क्रियाओं से **सक्रिय** क्रियाओं में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। देखें [सक्रिय या निष्क्रिय](../figs-activepassive/01.md)
**क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है।
्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है।
**निष्क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है।
िष्क्रिय** रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है।
कई भाषाओं में**निष्क्रिय**रूप नहीं है, केवल**सक्रिय**रूप विद्यमान होता है।

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@ -3,9 +3,9 @@
#### मुहावरे
**परिभाषा** - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है।
रिभाषा** - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है।
**विवरण** - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है।
िवरण** - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है।
मुहावरे का अर्थ इस तरह से व्यक्त किया जाना चाहिए कि दूसरी भाषा में स्वभाविक हो। प्रेरितों 18:6 के एक जैसे अर्थों के साथ तीन अनुवाद यहाँ दिए गए हैं:
* "आपका खून आपके सिर पर हो! मैं निर्दोष हूँ।” (आरएसवी अनुवाद)
@ -16,9 +16,9 @@
#### अलंकार
**परिभाषा** - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है।
रिभाषा** - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है।
**विवरण** - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
िवरण** - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
* <u> मैं टूट गया था</u>! वक्ता सचमुच में नहीं टूटा था, परन्तु उसने बहुत बुरा महसूस किया।
* <u> मैं जो कह रहा था उसके प्रति उसने अपना कान बन्द कर लिए थे। </u> अर्थ, "मैं जो कह रहा था उसने सुनना नहीं चाहा।"
@ -35,9 +35,9 @@
#### भाषणगत प्रश्न
**परिभाषा** - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है।
रिभाषा** - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है।
**विवरण** - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है।
िवरण** - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, मत्ती 3:7 देखें
@ -49,15 +49,15 @@
#### विस्मयादिबोधक
**परिभाषा** - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: **हमारे ऊपर हाय**! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद)
रिभाषा** - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: **हमारे ऊपर हाय**! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद)
यहाँ "हाय" के रूप में अनुवादित इब्रानी शब्द कुछ बुरा होने के बारे में दृढ़ भाव को व्यक्त करता है। यदि सम्भव हो, तो अपनी भाषा में विस्मयादिबोधक की खोज करने का प्रयास करें जो इस जैसे ही भाव को संचारित करता है।
#### काव्य
**परिभाषा** - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है।
रिभाषा** - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है।
**विवरण** - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं।
िवरण** - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं।
इन तरीकों में अब तक चर्चा की गई सभी बातें सम्मिलित हो सकती हैं, जैसे अंलकार और विस्मयादिबोधक इत्यादि। काव्य साधारण कथन की तुलना में भिन्न तरह की व्याकरण का भी उपयोग कर सकती है, या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए समान ध्वनियों या कुछ ताल के साथ शब्दों की भूमिकाओं या शब्दों का उपयोग कर सकती है।
@ -65,6 +65,6 @@
काव्य के यह वचन दो पंक्तियों में एक जैसे विचार को दोहराते हैं, जो अच्छी इब्रानी की काव्य शैली है। इसके अतिरिक्त, मूल इब्रानी में कोई क्रिया नहीं होती है, जिसमें साधारण कथन की तुलना में व्याकरण का एक अलग तरह से उपयोग होता है। आपकी भाषा में काव्य में भिन्न बातें हो सकती हैं, जो इसे काव्य के रूप में चिह्नित करती हैं। जब आप काव्य का अनुवाद कर रहे होते हैं, तो अपनी भाषा के रूपों का उपयोग करने का प्रयास करें जो पाठक को संचारित करती हैं कि यह काव्य साहित्य है, और यह उसी भावनाओं को संचारित करता है, जिसमें स्रोत काव्य संचारित करने की प्रयास कर रही है।
**स्मरण रखें:** मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं।
्मरण रखें:** मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं।
इस बात पर विचार करें कि इसका अर्थ कैसे **सटीक**, **स्पष्ट**, **एक जैसा**, और लक्षित भाषा में**स्वाभाविक रूप से व्यक्त** हो सकता है।

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@ -8,4 +8,3 @@
बाइबल अनुवादक के रूप में आपका लक्ष्य उसी सन्देश को संचारित करना है, जिसकी मंशा बाइबल के मूल लेखक ने संचारित करने की थी। इसका अर्थ है कि आपको अपने सन्देश, या सन्देश जो आपको लगता है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, या आपकी चर्च सोचती है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, संचारित करने की प्रयास नहीं करना चाहिए।
किसी भी बाइबल सन्दर्भ के लिए, आपको वही संचारित करना चाहिए, और केवल वही कहना चाहिए, जो यह कहता है। आपको बाइबल में अपनी कोई भी व्याख्या या सन्देश डालने या उस सन्देश में कोई अर्थ जोड़ने के परीक्षा का विरोध करना चाहिए जो बाइबल सन्दर्भ में नहीं है। (बाइबल सन्दर्भ के सन्देश में अन्तर्निहित जानकारी सम्मिलित होती है। देखें [कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी](../figs-explicit/01.md))

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@ -30,4 +30,4 @@
यह खण्ड यूएलबी और यूडीबी अनुवादों अनुवाद वाली गेटवे भाषा के अनुवादों के लिए नहीं है। ये वे बाइबल हैं, जिन्हें विशेष गुणों के साथ तैयार किया गया है, जो उन्हें लक्षित भाषा में स्वभाविक होने से रोकती हैं। वे बाइबल अनुवाद संसाधन हैं, अंग्रेजी की एण्ड-यूजर बाइबल नहीं है।
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे भाषा निर्देशिका पुस्तक में "यूएलबी अनुवाद करना" और "यूडीबी अनुवाद करना" को देखें।
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे भाषा निर्देशिका पुस्तक में "यूएलबी अनुवाद करना" और "यूडीबी अनुवाद करना" को देखें।

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@ -37,7 +37,7 @@ Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन
### मानवीय सम्बन्ध
**मानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे <u> पिता </u> और <u> पुत्र </u> के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।**
ानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे <u> पिता </u> और <u> पुत्र </u> के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।**
आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है।

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@ -7,7 +7,7 @@
"AT:" इंगित करता है कि यह एक वैकल्पिक अनुवाद है। कुछ उदाहरण निम्न दिए गए हैं:
**अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना**
स्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना**
> यह मादियों और फारसियों का कानून है, कि <u> ऐसा कोई राजाज्ञा या विधान नहीं है, जिस से राजा के राजपत्र को बदला जा सकता है </u>. (दानिय्येल 6:15 यूएलबी)
@ -17,7 +17,7 @@
अतिरिक्त वाक्य दिखाता है कि वक्ता चाहता था कि राजा अपने स्मरणपत्र से समझ प्राप्त कर सके कि राजा की राजाज्ञा और विधानों को नहीं बदला जा सकता है। अनुवादकों को अनुवाद में स्पष्ट रूप से कुछ बातों को बताने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे मूल वक्ता या लेखक बिना कहे हुए या अस्पष्ट छोड़ देता है।
**कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना**
र्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना**
> जो पवित्र आत्मा की निन्दा करता है, <u> उसे क्षमा नहीं किया जाएगा </u>. (लूका 12:10 यूएलबी)
@ -33,7 +33,7 @@
यह नोट उदाहरण देता है कि अनुवादक कैसे इस कर्म वाची वाक्य का अनुवाद कर सकते हैं, यदि उनकी भाषा कर्म वाची वाक्य का उपयोग नहीं करती है।
**भाषणगत प्रश्न**
ाषणगत प्रश्न**
> हे शाऊल, हे शाऊल, <u> तू मुझे क्यों सता रहा है? </u> (प्रेरितों 9:4 यूएलबी)

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@ -11,7 +11,6 @@
वैकल्पिक अनुवाद
"ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: [रूपक](../figs-metaphor/01.md) और [उपलक्ष्य अलंकार])
"ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: [रूपक](../figs-metaphor/01.md) और [उपलक्ष्य अलंकार)
* **कठोरता और अपश्चातापी मन** - वाक्यांश "अपश्चातापी मन" शब्द "कठोरता" की व्याख्या करता है (देखें: [दोहराव](../figs-metonymy/01.md)] इस उदाहरण में पहला नोट रूपक और उपलक्ष्य अलंकार की व्याख्या करता है, और दूसरा उसी सन्दर्भ में दोहराव को बताता है।

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@ -24,13 +24,13 @@ Sometimes a word refers to a thing or custom that is unknown in the target langu
One kind of unknown idea are words that refer to Jewish and Christian religious customs and beliefs. Some common unknown ideas are:
**Names of places** such as:
ames of places** such as:
* Temple (a building where the Israelites offered sacrifices to God)
* Synagogue (a building where Jewish people assemble to worship God)
* Sacrificial altar (a raised structure on which sacrifices were burned as gifts, or offerings, to God.)
**Titles of people who hold an office** such as:
itles of people who hold an office** such as:
* Priest (someone who is chosen to offer sacrifices to God on behalf of his people)
* Pharisee (important group of Israels religious leaders in Jesus time)
@ -39,7 +39,7 @@ One kind of unknown idea are words that refer to Jewish and Christian reli
* Son of God
* King (ruler of an independent city, state or country).
**Key Biblical Concepts** such as:
ey Biblical Concepts** such as:
* Forgiveness (to not resent that person and not be angry at him for doing something hurtful)
* Salvation (being saved or rescued from evil, enemies, or from danger)
@ -49,4 +49,4 @@ One kind of unknown idea are words that refer to Jewish and Christian reli
Notice that all of these are nouns, but they represent events, so they may need to be translated by verb (action) clauses.
You may need to discuss the definitions of these unfoldingWord® Translation Words with other members of the translation team or people from your church or village in order to discover the best way to translate them.
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@ -24,4 +24,3 @@
यह सबसे अच्छा है यदि आप प्रतीकों को उन तरीकों से चिह्नित कर सकते हैं, जिन्हें कंप्यूटर पर पुन: उत्पन्न किया जा सकता है। (आप वर्ड प्रोसेसर में या पद्धति के कीबोर्ड में लिखने वाले पद्धति के साथ प्रयोग कर सकते हैं। http://ufw.io/tk/) यदि आपको कीबोर्ड बनाने में सहायता की आवश्यकता है, तो <help@door43.org> पर एक ईमेल अनुरोध भेजें ।
जब आप कंप्यूटर कीबोर्ड पर टाइप किए जा सकने वाले प्रतीकों का उपयोग करते हैं, तो आपका अनुवाद इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत, प्रतिलिपित और वितरित किया जा सकता है, और तत्पश्चात् लोग इसे बिना किसी मूल्य को दिए प्राप्त कर सकते हैं और इसे टेबलेट या सेल फ़ोन इत्यादि पर पढ़ सकते हैं।

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@ -33,7 +33,7 @@
अंग्रेजी में केवल पाँच स्वर प्रतीक हैं, "ए, ई, आई, ओ, यू", परन्तु इसमें 11 स्वर ध्वनियाँ निलकती हैं, जो स्वर संयोजनों और कई अन्य तरीकों से लिखी गई हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक स्वर की ध्वनियाँ "बीट, बिट, बाएट, बैट, बट, बॉडी, बऔट, बौट, बुक, बूट" जैसे शब्दों में मिल सकती हैं। [उच्चारण चित्र को जोड़ें]
**अंग्रेजी के स्वर**
ंग्रेजी के स्वर**
मुँह में स्थिति{MQ}फ्रंट{MQ}-{MQ}मिड{MQ} -{MQ} बैक
गोलाई {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (अनराऊन्डिड) {MQ} (राऊन्डिड)
@ -45,12 +45,12 @@
(इन स्वरों में से प्रत्येक का वर्णमाला में अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी अपना-अपना प्रतीक होता है।) स्वर की ध्वनि प्रत्येक अक्षर के बीच में से गठित होती है, और व्यंजन ध्वनि स्वरों के पहले और बाद में आते हैं।
**उच्चारण** यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें।
**उच्चारण के मुख्य बिन्दु** उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं।
**उच्चारक** मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।"
**उच्चारण का तरीका** वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं।
**आवाज निर्धारण** दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है।
**अंग्रेजी के व्यंजन** उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु
च्चारण** यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें।
च्चारण के मुख्य बिन्दु** उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं।
च्चारक** मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।"
च्चारण का तरीका** वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं।
वाज निर्धारण** दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है।
ंग्रेजी के व्यंजन** उच्चारण के बिन्दु {MQ}होंठ{MQ}दांत{MQ}छत{MQ}कोठर तालू{MQ}कोमल तालू{MQ}अलिजिह्वा{MQ}स्वर-रज्जु
आवाज निर्धारण करना{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-वी/+वी{MQ}-v/+v
उच्चारक पद्घति
होंठ - रोकें{MQ}पी/बी
@ -65,9 +65,9 @@
जीभ का मूल -
अर्ध-स्वर{MQ} /डब्ल्यू{MQ} / वाई{MQ} एच/
नाक - दीर्घोच्चारणीय{MQ} / एम{MQ}/ एन
**ध्वनियों का नामकरण** उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है।
**ध्वनियों को प्रतीक बनाना** दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं।
**व्यंजन तालिका** - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु
्वनियों का नामकरण** उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है।
्वनियों को प्रतीक बनाना** दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं।
्यंजन तालिका** - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु
आवाज -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी
पद्घति रोकें पी/बी टी/डी के/जी
संघर्ष एफ/वी च/डीजी

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@ -45,7 +45,7 @@
### अनुवाद की रणनीतियाँ
1. यूएलबी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूएलबी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
@ -61,7 +61,7 @@
* **उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।** (निर्गमन 25:10 यूएलबी)
1. यूएलबी में दिए गए माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जो मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूएलबी में दिए गए माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जो मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
* "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई <u> ढाई हाथ </u> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई <u> डेढ़ हाथ </u> होगी; और इसकी ऊँचाई <u> डेढ़ हाथ </u> होगी।”
@ -85,4 +85,3 @@
* <sup> [1] </ sup> ढाई हाथ
* <sup> [2] </ sup> डेढ़ हाथ

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@ -29,7 +29,7 @@
पुराने नियम में अधिकांश समय पैसे का मूल्य उसके वजन पर आधारित था। इस कारण जब पुराने नियम में इन वजनों का अनुवाद करते हैं, तो [बाइबल के वजन](../translate-bweight/01.md) को देखें। नीचे दी गई रणनीतियाँ नए नियम में पैसे के मूल्य का अनुवाद करने के लिए हैं
1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे।
1. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में पैसे के मूल्य का वर्णन करें।
1. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें।
@ -41,7 +41,7 @@
* **एक पर पाँच सौ दिनार, और अन्य पर पचास दिनार की देन थी।** (लूका 7:41 यूएलबी)
1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे इस उसे तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
* "एक पर <u> पाँच सौ दिनार </u>, और दूसरा पर <u> पचास दिनार </u> की देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी)
@ -64,4 +64,3 @@
* "एक पर <u> पाँच सौ दिनार की </u> <sup> 1 </ sup>, और दूसरे पर <u> पचास दिनार की </u> देन थी।" (लूका 7:41 यूएलबी)
* <sup> [1] </ sup> एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे।

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@ -29,7 +29,7 @@
#### अनुवाद की रणनीतियाँ
1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक मापों का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
1. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग की जा रही हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और प्रत्येक मापों को समझते हैं
1. यूएलबी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
@ -41,7 +41,7 @@
* **चार हेक्टेयर दाख की बारी के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज का एक होमेर केवल एक एपा को उत्पन्न करेगा।** (यशायाह 5:10 यूएलबी)
1. यूएलबी अनुवाद से मापोंम का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूएलबी अनुवाद से मापोंम का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
* "अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक <u> बत </u> मिलेगा, और बीज के एक <u> होमेर </u> से केवल एक <u> एपा </u> उत्पन्न होगा।"
@ -104,4 +104,3 @@
1. उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।
* जब भी कोई अनाज के <u> बीस लीटर </u> के लिए आया, तो उसने केवल <u> दस </u> को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास <u> पचास लीटर </ की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल <u> बीस </u> को ही पाया था।

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@ -23,7 +23,7 @@
### अनुवाद की रणनीतियाँ
1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूडीबी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशमलव माप का प्रयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
1. यूएलबी से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
@ -35,7 +35,7 @@
* **भेंट का कांस्य <u> सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल </u> वजनी था।** (निर्गमन 38:29 यूएलबी)
1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [[प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
1. यूएलबी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य है। (देखें [प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें](../translate-transliterate/01.md))
* "भेंट का कांस्य <u> सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल </u> वजनी था।"

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@ -42,7 +42,7 @@
<sup> 1 </sup> **हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं!**
**कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।**
ई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।**
<sup> 2 </ sup> **कई मेरे बारे में कहते हैं,**
@ -53,4 +53,3 @@
<sup> 2 </sup> हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं! कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।
<sup> 3 </sup> कई मेरे बारे में कहते हैं, "परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" *सेला*

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@ -63,4 +63,3 @@
* **<u> लगभग 6.5 लीटर </u> > जैतून के तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का <u> एक तिहाई लीटर</u>.** (लैव्यव्यवस्था 14 :10 यूडीबी)
* "लगभग साढ़े छह लीटर </u> जैतून के तेल के साथ अनाज की भेंट बलि के रूप में मिलाया हुआ मैदा, और तेल का लगभग <u> एक तिहाई लीटर</u>.**

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@ -11,4 +11,3 @@
* एक संस्करण जो मूल भाषा के रूप अर्थात् ढ़ाचें की बहुत अधिक निकटता में हो, जैसे अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी)।
* एक अर्थ-आधारित संस्करण, जैसे *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी)।

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@ -11,7 +11,7 @@
अर्थ-आधारित अनुवादों की मुख्य विशेषता यह है कि वे स्रोत मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को पुन: उत्पन्न करने के लिए अर्थ को अनुवाद करने के लिए प्राथमिकता देते हैं। अर्थात्, वे स्पष्ट रूप से अर्थ स्पष्ट करने के लिए आवश्यक मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करती हैं।
**अर्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं**:
र्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं**:
* लक्षित भाषा की व्याकरण के अनुरूप शब्द व्यवस्था को परिवर्तित करें
* स्वभाविक व्याकरण के साथ विदेशी व्याकरण संरचनाओं को प्रतिस्थापित करें
@ -64,4 +64,3 @@
ध्यान दें कि इन अनुवादों ने शब्द व्यवस्था को अंग्रेजी में और अधिक स्वभाविक बनाने के लिए परिवर्तित दिया है। इसके अतिरिक्त, शब्द "फल" अब प्रकट नहीं होता है। वास्तव में, लिविंग बाइबल अनुवाद यूएलबी अनुवाद के लगभग किसी भी शब्द को उपयोग नहीं करता है। इसकी अपेक्षा, "फल" के स्थान पर, अर्थ-आधारित अनुवाद "कामों" या "जिस तरह से तुम जीवन व्यतीत करते हो" को सन्दर्भित करता है। इस वचन में "फल" एक रूपक के रूप में प्रयोग किया गया है। इस रूपक में "फल" का अर्थ "काम जो एक व्यक्ति करता है।" (देखें [रूपक](../figs-metaphor/01.md)।)
इसलिए इन अनुवादों ने केवल शब्दों की अपेक्षा सन्दर्भ में रहते हुए अर्थ का अनुवाद किया। उन्होंने एक कठिन शब्द "पश्चाताप" की अपेक्षा "पाप से मुड़ना" या "अपने पापपूर्ण व्यवहार से दूर रहना" जैसे अधिक समझे जाने वाले वाक्यांशों का भी उपयोग किया है, या उन्होंने यह कहते हुए शब्द समझाया, "आपने पापों से पश्चाताप किया और परमेश्वर की ओर मुड़ गए।” उनमें सभी का अर्थ समान है, परन्तु रूप अर्थात् ढ़ांचा बहुत अधिक भिन्न है। अर्थ-आधारित अनुवादों में, अर्थ बहुत अधिक स्पष्ट होता है।

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@ -1,12 +1,12 @@
### विवरण
*अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है।
नलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है।
#### पदलोप चिन्ह
**परिभाषा** - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है।
रिभाषा** - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है।
मत्ती 9:4-6 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि यीशु ने अपने वाक्य को शास्त्रियों के साथ पूरा नहीं किया जब उसने लकवा ग्रसित व्यक्ति पर अपना ध्यान दिया और उससे बात की:
@ -23,7 +23,7 @@
#### लम्बे पदलोप चिन्ह अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह
**परिभाषा** - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है।
रिभाषा** - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है।
उदाहरण के लिए:
@ -31,7 +31,7 @@
#### कोष्टक
**परिभाषा** - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके।
रिभाषा** - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके।
यूहन्ना 6:6 में, यूहन्ना ने उस कहानी को हस्तक्षेप कर दिया, जिसे वह लिख रहा था कि यीशु पहले से ही जानता था कि वह क्या करने जा रहा है।
@ -45,7 +45,7 @@
#### अभिस्थापन
**परिभाषा** - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं।
रिभाषा** - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं।
उदाहरण के लिए:

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@ -26,7 +26,7 @@
| तीन | तीसरा |
| पाँच | पाँचवाँ |
**इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं।
सका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं।
### बाइबल से उदाहरण

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@ -14,18 +14,18 @@
यहाँ इब्रानी महीनों की एक सूची है, जो उनके बारे में जानकारी देती है, जो अनुवाद में सहायक हो सकती है।
**अबीब** - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद **नीसान** कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह तब चिन्हित करता है, जब परमेश्वर इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ हुआ, अखमीरी रोटी का त्योहार उसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद था।
**जीव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है।
**शीवान** - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है।
**तम्मूज** - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है।
**अब** - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है।
**एलुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है।
**इथानीम** - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है।
**बुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है।
**कीस्लेव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है।
**टीबेथ** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है।
**शेबत** - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है।
**अदार** - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है।
बीब** - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद **नीसान** कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह तब चिन्हित करता है, जब परमेश्वर इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ हुआ, अखमीरी रोटी का त्योहार उसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद था।
ीव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है।
ीवान** - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है।
म्मूज** - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है।
ब** - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है।
लुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है।
थानीम** - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है।
ुल** - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है।
ीस्लेव** - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है।
ीबेथ** - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है।
ेबत** - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है।
दार** - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है।
#### बाइबल से उदाहरण
@ -49,7 +49,6 @@
नीचे दिए गए उदाहरण इन दो वचनों का उपयोग करते हैं।
* **उस समय, तुम मेरे सामने <u> अबीब के महीने </u> में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में ही हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।** (निर्गमन 23:15 यूएलबी)
* **यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि <u> सातवें महीने में, महीने के दसवें दिन में, </u> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।** (लैव्यव्यवस्था 16:29 यूएलबी)
1. इब्रानी महीने की सँख्या बताओ।

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@ -1,3 +1,2 @@
### अनुवाद-सहायता का उपयोग करना

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@ -25,4 +25,3 @@
पुराने नियम की भविष्यद्वाणी पुस्तक को पढ़ते समय, पाठक तनाव में वृद्धि को महसूस कर सकता है, क्योंकि भविष्यद्वक्ता लोगों के पापों की निन्दा करता है, या वह उन्हें परमेश्वर के पास जाने की चेतावनी देता है। भविष्य के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा के बारे में पढ़ते समय भी तनाव महसूस किया जा सकता है, जैसा कि कोई विश्वास करता है कि कब परमेश्वर ने उन प्रतिज्ञाओं को पूरा किया, या वह उन्हें कब पूरा करेगा। अच्छे अनुवादक स्रोत दस्तावेज़ों में पाए जाने वाले तनाव के प्रकार का अध्ययन करते हैं, और वे लक्षित भाषा में उन तनावों को पुन: निर्मित करने का प्रयास करते हैं।
स्रोत मूलपाठ में तनावों को पुननिर्मित करने के बारे में बात करने का एक और तरीका यह कहना है कि अनुवाद को लक्षित दर्शकों पर उस तरह के प्रभाव को डालना चाहिए जैसा कि स्रोत मूलपाठ के मूल दर्शकों के ऊपर था। उदाहरण के लिए, यदि स्रोत मूलपाठ मूल श्रोताओं के लिए एक ताड़ना है, तो लक्षित दर्शकों को भी एक ताड़ना के रूप में अनुवाद को महसूस करना चाहिए। एक अनुवादक को यह सोचने की आवश्यकता होगी कि लक्षित भाषा कैसे ताड़ना और अन्य प्रकार के संचार को व्यक्त करती है, ताकि अनुवाद का लक्षित दर्शकों के ऊपर सही तरह का प्रभाव डाले।

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@ -13,7 +13,7 @@
यहाँ सँख्या तीन हजार एक पूर्णांक सँख्या है। यह उससे थोड़ा अधिक या उससे थोड़ा कम हो सकती है। शब्द "लगभग" दिखाता है कि यह एक सटीक सँख्या नहीं है।
**इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है**: कुछ भाषाओं में इनमें से कुछ सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं।
सका कारण यह अनुवाद का एक विषय है**: कुछ भाषाओं में इनमें से कुछ सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं।
#### अनुवाद के सिद्धान्त
@ -78,7 +78,7 @@
#### यूएलबी और यूडीबी अनुवादों में सुगंतता
*अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं।
नलॉक्ड शाब्दिक बाइबल* (यूएलबी) और *अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल* (यूडीबी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं।
ये सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करती हैं, जिनमें दो से अधिक शब्द होते हैं ("एक सौ तीस" की अपेक्षा अंक "130")।

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@ -1,9 +1,9 @@
### मूल भाषा में मूलपाठ सबसे सटीक होता है
**परिभाषा** - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था।
रिभाषा** - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था।
**विवरण** - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है।
िवरण** - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है।
पुराने नियम के अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा की पुस्तकों के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद किया जाता है। स्रोत भाषा वह भाषा होती है, जहाँ से अनुवाद किया जा रहा है।

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@ -7,5 +7,4 @@
1. लक्षित भाषा के अनुवाद में अर्थ पुन: बताएँ (देखें: [अर्थ को पुन: बताएँ](../translate-retell/01.md))
अनुवाद के लिए निर्देश कभी-कभी इन दोनों बातों को छोटे चरणों में विभाजित करती हैं। नीचे चित्र दिखाते हैं कि ये दोनों अनुवाद प्रक्रिया में कैसे उपयुक्त रूप से आते हैं।
! [](Https://cdn.door43.org/ta/jpg/translation_process.png)
! [](https://cdn.door43.org/ta/jpg/translation_process.png)

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@ -13,4 +13,4 @@
1. अब, आपने जो लिखा है, उसे पढ़ें। मूल्यांकन करें कि आप इसे समझते हैं या नहीं। उन भागों को ठीक करें, जिनमें सुधार चाहिए।
1. अगले खण्ड पर जाएँ। इसे स्रोत भाषा में पढ़ें। कठोरता से चरण 2 से 8 का पालन करें।
*आभार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.*
भार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.*

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@ -26,10 +26,9 @@
अनुवाद कार्य में उठने वाले अन्य सभी प्रश्नों के लिए, कृपया <help@door43.org> से सम्पर्क करें।
**ध्यान दें:**
्यान दें:**
* ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो में स्रोत मूलपाठों के रूप में दिखाई देने वाले सभी स्रोत मूलपाठों की समीक्षा की गई है और किसी भी स्रोत किसी के द्वारा उपयोग के लिए वैद्यता प्राप्त हैं।
* अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित की गई सारी साम्रगी से पहले, स्रोत मूलपाठ की समीक्षा की जानी चाहिए और वे ऊपर सूचीबद्ध लाइसेंसों में से एक के अधीन उपलब्ध हैं।
अपना अनुवाद प्रकाशित करने में असमर्थ होने से बचने के लिए अनुवाद आरम्भ करने से पहले कृपया अपने स्रोत मूलपाठ को देखें।

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@ -11,7 +11,7 @@
संस्करण सँख्या केवल तभी दी जाती है, जब किसी लेखन कार्य को प्रकाशित किया जाता है, न कि जब उन्हें संपादित किया जाता है। संशोधन इतिहास Door43 में डाला गया है, परन्तु यह उस लेखन कार्य से भिन्न है, जिसकी सँख्या दी गई है।
![](Https://cdn.door43.org/ta/jpg/versioning.jpg)
![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/versioning.jpg)
प्रत्येक स्रोत के मूलपाठ को प्रत्येक प्रकाशन (संस्करण 1, 2, 3, आदि) के लिए एक पूर्ण सँख्या दी जाती है। उस स्रोत मूलपाठ पर आधारित कोई भी अनुवाद स्रोत मूलपाठ की संस्करण सँख्या को लेगा और .1 को जोड़ देगा (अंग्रेजी ओबीएस संस्करण 4 का अनुवाद संस्करण 4.1 बन जाएगा)।
@ -21,4 +21,4 @@
https://unfoldingword.bible में सदैव प्रत्येक संसाधन का नवीनतम प्रकाशित संस्करण उपलब्ध होता रहता है। प्रत्येक संसाधन के संस्करण इतिहास पृष्ठ को http://ufw.io/dashboard पर दिए डैशबोर्ड अर्थात् नियंत्रण-पट्ट पृष्ठ को देखें।
*नोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।*
ोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।*

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@ -64,7 +64,6 @@
1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है।
* **याईर यीशु के चरणों में गिर गया।** (लूका 8:41 यूएलबी) - क्योंकि याईर ने वास्तव में ऐसा किया था, इसलिए हम अपनी संस्कृति से इसके लिए कोई विकल्प नहीं देंगे।
* **देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ।** (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - यीशु एक वास्तविक दरवाजे पर नहीं खड़ा था। अपितु वह लोगों के साथ सम्बन्ध बनाने के बारे में बात कर रहा था। इस कारण ऐसी संस्कृतियाँ जहाँ एक घर में भीतर जाने की इच्छा रखते समय किसी के द्वारा गले से हुंकार भरना विनम्र तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं।
* देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ।

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@ -1,56 +1,56 @@
### महत्वपूर्ण शब्दों को जानना
*ध्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।*
्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।*
**शब्दावली** - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं।
ब्दावली** - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं।
**मूलपाठ** - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है।
ूलपाठ** - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है।
**सन्दर्भ** - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं।
न्दर्भ** - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं।
**रूप** - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं।
ूप** - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं।
**व्याकरण** - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है।
्याकरण** - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है।
**संज्ञा** - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं।
ंज्ञा** - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं।
**क्रिया** - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"।
्रिया** - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"।
**संशोधक** - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं।
ंशोधक** - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं।
**विशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। *मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ*
िशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। *मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ*
**क्रियाविशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। *उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की*
्रियाविशेषण** - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। *उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की*
**मुहावरा** - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है।
ुहावरा** - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है।
**अर्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है।
र्थ** - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है।
**अनुवाद** - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है।
नुवाद** - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है।
**स्रोत भाषा** - भाषा जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है।
्रोत भाषा** - भाषा जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है।
**स्रोत मूलपाठ** - मूलपाठ जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है।
्रोत मूलपाठ** - मूलपाठ जहाँ *से* अनुवाद को किया जा रहा है।
**लक्षित भाषा** - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है।
क्षित भाषा** - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है।
**लक्षित मूलपाठ** - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है।
क्षित मूलपाठ** - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है।
**मूल भाषा** - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है।
ूल भाषा** - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है।
**संचार की व्यापक भाषा** - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा।
ंचार की व्यापक भाषा** - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा।
**शाब्दिक अनुवाद** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए।
ाब्दिक अनुवाद** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए।
**अर्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद)** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए।
र्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद)** - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए।
**अनुच्छेद** - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है।
नुच्छेद** - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है।
**गेटवे भाषा** - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है।
ेटवे भाषा** - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है।
**दूसरी भाषा** - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें।
ूसरी भाषा** - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें।
**एण्ड-यूजर बाइबल** - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है।
ण्ड-यूजर बाइबल** - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है।
**प्रतिभागी** - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: <u> यूहन्ना </u> और <u> मरियम </u> <u> एक पत्र </u> को <u> अन्द्रियास </u> को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी *निहित* है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: <u> अन्द्रियास </u> को एक पत्र <u> प्राप्त हुआ </u>. प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए।
्रतिभागी** - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: <u> यूहन्ना </u> और <u> मरियम </u> <u> एक पत्र </u> को <u> अन्द्रियास </u> को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी *निहित* है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: <u> अन्द्रियास </u> को एक पत्र <u> प्राप्त हुआ </u>. प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए।

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@ -17,7 +17,7 @@
यूहन्ना 7:53-8:11 सबसे पुरानी पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे यूएलबी अनुवाद में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([ ]) के साथ चिह्नित किया गया है, और वचन 11 के बाद एक फुटनोट दिया गया है।
> <sup> 53 </sup> तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... <sup> 11 </sup> उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तेरी निन्दा नहीं करता हूँ। अपने रास्ते पर चली जा; अब से फिर पाप न करना।”] <sup> [2] </ sup>
> <sup> 53 </sup> तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... <sup> 11 </sup> उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तेरी निन्दा नहीं करता हूँ। अपने रास्ते पर चली जा; अब से फिर पाप न करना।” <sup> [2] </ sup>
<sup> [2] </ sup> सबसे पुरानी पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 नहीं मिलता है
@ -35,7 +35,6 @@
अनुवाद रणनीतियों को मरकुस 7:14-16 यूएलबी पर लागू किया गया है, जिसमें वचन 16 के बारे में एक फुटनोट है।
* <sup> 14 </ sup> **उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी मेरी सुनो, और समझो। <sup> 15 </ sup> किसी व्यक्ति के पास बाहर से कुछ भी नहीं है जो जब उसमें प्रवेश करता है तो उसे अशुद्ध कर सकता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है।”** <sup> 16 [1] </ sup>
* **<sup> [1] </ sup> सबसे प्राचीन प्रतियाँ वचन 16. को छोड़ देती हैं *यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें*.**
1. यूएलबी अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद के द्वारा प्रदान किए वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।

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@ -12,4 +12,4 @@
आप देख सकते हैं कि वाक्यों की प्रत्येक जोड़ी का अर्थ समान है, चाहे वे भिन्न शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा ही एक अच्छे अनुवाद में होता है। हम स्रोत मूलपाठ की तुलना में भिन्न शब्दों का उपयोग करेंगे, परन्तु हम इसका अर्थ भी बनाए रखेंगे। हम उन शब्दों का उपयोग करेंगे, जो हमारे लोग समझते हैं और उन्हें अपनी भाषा के लिए स्वभाविक तरीके से उपयोग करते हैं। एक स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से स्रोत मूलपाठ के जैसे ही अर्थ को संचार करना अनुवाद का लक्ष्य होता है।
*आभार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।*
भार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।*

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@ -2,4 +2,3 @@
मैं सिंह, अंजीर के पेड़, पर्वत, याजक या मन्दिर जैसे शब्दों का अनुवाद कैसे करूँ क्योंकि मेरी संस्कृति में लोगों ने इन चीजों को कभी नहीं देखा है और हमारे पास उनके लिए कोई शब्द नहीं है?
### विवरण

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@ -41,7 +41,7 @@
### प्रतीकात्मक क्रियाएँ
**परिभाषा** - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
रिभाषा** - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
यूएलबी अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही को बिना किसी व्याख्या के प्रस्तुत करता है, कि इसका क्या अर्थ है। यूडीबी अनुवाद अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही के द्वारा व्यक्त अर्थ को प्रस्तुत करता है।
@ -83,7 +83,7 @@
### रूपक और अंलकार
**परिभाषा** - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है।
रिभाषा** - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है।
यूडीबी अनुवाद अक्सर इन विचारों का अर्थ अन्य तरीकों से प्रस्तुत करता है।
@ -113,7 +113,7 @@
यूडीबी इस तरह की अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करने की प्रयास करता है, क्योंकि कई भाषाएँ अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करती हैं।
जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा इन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए किसे प्राथमिकता देती है। (देखें [अमूर्त संज्ञाएँ](../figs-abstractnouns/01.md)]
जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा इन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए किसे प्राथमिकता देती है। (देखें [अमूर्त संज्ञाएँ](../figs-abstractnouns/01.md)
> उसने तुम्हें <u> सारी बातों </u> और <u> सारे ज्ञान </u> में हर तरह से समृद्ध बना दिया है।(1 कुरिन्थियों 1:5 यूएलबी)

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@ -9,7 +9,7 @@
इन सभी प्रश्नों के उत्तर महत्वपूर्ण हैं। परन्तु इसे स्मरण रखें:
**अनुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।**
नुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।**
क्योंकि अनुवाद एक कौशल है, जो बढ़ता है, ऐसी सामग्री को अनुवाद करना प्रारम्भ करना बुद्धिमान है, जो कम जटिल होती है, ताकि कुछ सरल अनुवाद करते समय अनुवादक कौशल सीख सकें।

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@ -5,7 +5,7 @@
इस प्रकार की जानकारी को **पृष्ठभूमि की जानकारी कहा जाता है।** पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी।
**उदाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं। पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि <u> उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था </u>. <u> पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था। </u> <u> उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! </u> वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया <u> जिसे वे अपने साथ लाए थे </u>, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।
दाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं। पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि <u> उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था </u>. <u> पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था। </u> <u> उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! </u> वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया <u> जिसे वे अपने साथ लाए थे </u>, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।
जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि <u> यह उसका स्वयं का सुअर था </u>. <u> पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था </u>. पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था।
@ -57,7 +57,6 @@
1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है। नीचे दिए गए उदाहरण बताते हैं कि यह यूएलबी अंग्रेजी अनुवादों में इसे कैसे किया गया था।
* **</u>अब </u>स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का </u> था</u>। वह हेली के पुत्र यूसुफ के पुत्र <u> था </u> (जैसा माना जाता था)।** (लूका 3:23 यूएलबी) अंग्रेजी "अब" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए करता है कि कहानी में किसी प्रकार का परिवर्तन है। क्रिया "था" दिखाती है कि यह पृष्ठभूमि की जानकारी है।
* **कई अन्य उपदेशों के साथ, उसने लोगों को शुभ समाचार का प्रचार किया। यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी </u>उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और <u> हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए <u> भी ताडना दी </u>. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।** (लूका 3:18-20 यूएलबी) यूहन्ना के द्वारा हेरोदेस को ताड़ना देने से पहले रेखांकित वाक्यांश घटित हुए हैं। अंग्रेजी में, सहायता करने वाले क्रिया शब्द "किए थे" में "करना" से पता चलता है कि हेरोदेस ने उन बातों को यूहन्ना के द्वारा ताड़ना देने से पहले किया था।
1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके।

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@ -1,7 +1,7 @@
### विवरण
**सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द** दिखाते हैं कि विचार अन्य विचारों से कैसे सम्बन्धित हैं।
म्पर्क स्थापित करने वाले शब्द** दिखाते हैं कि विचार अन्य विचारों से कैसे सम्बन्धित हैं।
उन्हें **समुच्चय बोधक** भी कहा जाता है।

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@ -58,7 +58,6 @@
* एक <u> व्यक्ति जिसका नाम निकुदेमुस था। वह एक फरीसी और यहूदी महसभा का सदस्य था </u>. एक रात वह यीशु के पास आया और उससे कहा ...
* एक रात <u> निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य </u>, यीशु के पास आया और कहा ...
* **जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, <u> उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर </u> हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा ...** (मरकुस 2:14 यूएलबी)
* जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, <u> उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर </u> हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ...

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@ -6,7 +6,7 @@
#### काव्य में कुछ बातें सामान्य रूप से पाई जाती हैं
* कई अंलकार जैसे [सम्बोधन](../figs-apostrophe/01.md)।
* समान्तर रेखाएँ (देखें [समान्तरतावाद](../figs-parallelism/01.md) और [एक ही अर्थ के साथ समान्तरतावाद])
* समान्तर रेखाएँ (देखें [समान्तरतावाद](../figs-parallelism/01.md) और एक ही अर्थ के साथ समान्तरतावाद])
* कुछ या सभी पंक्तियों की पुनरावृत्ति
* **उसके सभी स्वर्गदूतों उसकी स्तुति करें; उसके सारे स्वर्गदूतों की सेनाएँ उसकी स्तुति करें। उसकी स्तुति करो, सूर्य और चंद्रमा; सारे चमकते हुए सितारें, उसकी स्तुति करें।** (भजन 148:2-3 यूएलबी)
* एक जैसी लम्बाई वाली पंक्तियाँ।
@ -87,7 +87,7 @@
निम्नलिखित उदाहरण हैं कि लोग कैसे भजन 1:1,2 का अनुवाद कर सकते हैं।
1) काव्य की अपनी शैलियों का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। (इस उदाहरण में शैली में ऐसे शब्द होते हैं, जो प्रत्येक पंक्ति के अन्त में एक जैसे ही होते हैं।)
1. काव्य की अपनी शैलियों का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। (इस उदाहरण में शैली में ऐसे शब्द होते हैं, जो प्रत्येक पंक्ति के अन्त में एक जैसे ही होते हैं।)
> "धन्य है वह व्यक्ति जो </u>पाप </u>करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है
> परमेश्वर के लिए अपमान क कार्य वह <u> आरम्भ </u> नहीं करेगा
@ -96,13 +96,13 @@
> वह वही करता है, जिसे परमेश्वर कहता है कि <u> सही है </u>
> वह इसके विषय में पूरे दिन <u> और रात </u> सोचता है
1) सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें।
1. सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें।
* यह वही व्यक्ति है, जो वास्तव में धन्य है: वह जो दुष्ट लोगों के परामर्श का पालन नहीं करता है, या पापियों से बात करने के लिए सड़क के किनारे नहीं रुकता है, या उन लोगों की सभा में सम्मिलित नहीं होता है, जो परमेश्वर का ठट्ठा करते हैं।
इसकी अपेक्षा वह यहोवा के नियम में बहुत अधिक आनन्द लेता है, और वह दिन-रात उस ही पर ध्यान करता रहता है।
1) सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें।
1. सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें।
* जो लोग बुरे लोगों का परामर्श नहीं सुनते वे वास्तव में आनन्दित होते हैं।

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* कुछ भाषाओं में पहली बार किसी अनुच्छेद या अध्याय में कुछ सन्दर्भित किया जाता है, तो इसे सर्वनाम की अपेक्षा संज्ञा के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
* **मुख्य पात्र** वह व्यक्ति होता है, जिसके बारे में एक कहानी होती है। कुछ भाषाओं में, एक कहानी में एक मुख्य चरित्र को प्रस्तुत किए जाने के बाद, उसे सामान्य रूप से सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है। कुछ भाषाओं में विशेष सर्वनाम होते हैं, जो केवल मुख्य चरित्र को सन्दर्भित करते हैं।
* कुछ भाषाओं में, क्रिया को चिन्ह्ति करने से लोगों को पता चलता है कि कर्ता कौन है। (देखें [[क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md)) इनमें से कुछ भाषाओं में, श्रोतागण इस चिन्ह के ऊपर भरोसा करते हैं कि उन्हें यह समझने में सहायता मिलती है कि कर्ता कौन है, और वक्तागण केवल सर्वनाम, संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं, जब वे जोर देना चाहते हैं या स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्ता कौन है।
* कुछ भाषाओं में, क्रिया को चिन्ह्ति करने से लोगों को पता चलता है कि कर्ता कौन है। (देखें [क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md)) इनमें से कुछ भाषाओं में, श्रोतागण इस चिन्ह के ऊपर भरोसा करते हैं कि उन्हें यह समझने में सहायता मिलती है कि कर्ता कौन है, और वक्तागण केवल सर्वनाम, संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं, जब वे जोर देना चाहते हैं या स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्ता कौन है।
#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें।
* **उस समय <u> यीशु </u> सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था।<u>उसके </u> शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, "यीशु> </u>," देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।”**
* **परन्तु <u> यीशु </u> ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?...**
* **फिर <u> यीशु </u> वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया।**
इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है:

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* **बड़े धन की तुलना में अच्छे नाम का चुनाव करना भला है,,**
**और चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है।** (नीतिवचन 22:1 यूएलबी)
र चाँदी और सोने की तुलना में कृपा सर्वोत्तम है।** (नीतिवचन 22:1 यूएलबी)
यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं, जिनके उपयोग से लोग अपनी भाषा में एक नीतिवचन कह सकते हैं।
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* **जैसे<u> गर्मियों में बर्फ </u> या फसल में वर्षा,**
**वैसे ही मूर्ख सम्मान के योग्य नहीं है।** (नीतिवचन 26:1 यूएलबी)
ैसे ही मूर्ख सम्मान के योग्य नहीं है।** (नीतिवचन 26:1 यूएलबी)
* ठण्डी हवा के लिए <u>गर्मी की ऋतु में बहना स्वभाविक नहीं है </u> या फसल की ऋतु में वर्षा का होना स्वभाविक नहीं है; और वैसे ही मूर्ख व्यक्ति का सम्मान करना स्वाभाविक नहीं होता है।
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* **एक पीढ़ी जो अपने पिता को श्राप देती है और अपनी माता को आशीष नहीं देती है,**
**यह एक ऐसी पीढ़ी है जो अपनी आंखों में शुद्ध है,**
ह एक ऐसी पीढ़ी है जो अपनी आंखों में शुद्ध है,**
**परन्तु वे अपनी गन्दगी से नहीं धोए गई है।** (नीतिवचन 30:11-12 यूएलबी)
रन्तु वे अपनी गन्दगी से नहीं धोए गई है।** (नीतिवचन 30:11-12 यूएलबी)
* जो लोग अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते वे सोचते हैं कि वे धर्मी हैं, और वे अपने पाप से मुड़ने नहीं हैं।