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वर्णन

व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। कर्इ बार एक व्यक्ति और किसी के शब्दों के उपयोग कर इसका इस्तेमाल करता है, परंतु एक ऐसे तरीके से बताता है जिससे वह स्वयं सहमत नही है। लोग यह दिखाने के लिए ऐसा करते हैं कि कोर्इ वस्तु जैसे उसको होना था, उससे अलग क्यों है या किसी के प्रति किसी का विश्वास गलत या मूर्खतापूर्ण क्यों है। यह अक्सर हास्यप्रद लगता है।

यीशु ने उनको उत्तर दिया; ‘‘कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है । मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ’’ (लूका 5:31-32 ULB)

जब यीशु धर्मी लोगों की बात की तो उनकी बात नही कर रहे थे जो वास्तव में धर्मी थे। परंतु उन्होने गलत तरीके से विश्वास कर रखा था कि वे धर्मी हैं। व्यंग्य के उपयोग से, यीशु ने बताया कि उनका यह विश्वास गलत था कि वे दूसरों से बेहतर थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • यदि किसी को पता न चले कि लेखक व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो पाठक समझेगा कि लेखक लिखी हुर्इ बात पर वास्तव में विश्वास करता है।

वह आयत के वास्तविक उद्देश्य के विपरीत उल्टा समझ बैठेगा

बाइबल से उदाहरण

तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो (मरकुस 7:9 ULB)

यहाँ यीशु फरीसियों को सराह रहे हैं, उनके द्वारा किए गए गलत काम के लिए। व्यंग्य के द्वारा, वह सराहना के विपरीत का अर्थ बताते हैं। वे बताते हैं कि फरीसी जो आज्ञाओं को मानने में गर्व महसूस करते हैं, परमेश्वर के इतने दूर हैं कि उन्हे ज्ञात तक नही है कि उनका रिवाज परमेश्वर की आज्ञाएँ तोड़ रहा है। व्यंग्य का उपयोग फरीसियों के पाप को और दिखने वाला और गंभीर जताता है।

यहोवा कहता है, ‘‘अपना मुकद्दमा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, जिस से हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो’’ (यशायाह 41:21-22 ULB)

लोग मुरतों की ऐसे उपासना करते थे जैसे कि उनमें ज्ञान और ताकत थी, और यहोवा उनके काम की वजह से उनसे नाराज था। अत: वह व्यंग्य का उपयोग कर, मुरतों को वो बातें बताकर चुनौती देता है जो भविष्य में होने वाली हैं। वह जानता था कि मूरतें कुछ नही कर सकती हैं परंतु ऐसे बोलकर जैसे कि वे कर सकती हों, वह मूरतों का उपहास कर रहा था, जिससे उनकी अयोग्यता सबके सामने आर्इ और उनकी आराधना करने के लिए लोगों को भी डाँटा ।

क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा ! क्योंकि तू तो उस समय उत्पé हुआ था और तू बहुत आयु का है (अय्यूब 38:20-21)

अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म कर्इ कर्इ सालों बाद हुआ था ।

तुम तो तृप्त हो चुके हो! तुम धनी हो चुके हो! तुमने हमारे बिना राज्य किया! (1 कुरिन्थियों 4:8 ULB)

कोरिन्थवासियों ने खुद को बहुत ही बुद्धिमान, स्व-आश्रित और ऐसा समझा कि उन्हे पौलुस के उपदेशों की जरूरत नही थी । पौलुस व्यंग्य का उपयोग करता है, लगता है कि वह उनसे सहमत है कि वे यह सब करते हुए गर्व महसूस कर रहे थे परंतु वास्तव में, वे कितनी दूर थे ।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में व्यंग्य को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है, तो इसका अनुवाद ठीक इसी प्रकार करें। यदि नही, तो कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं:

  1. इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जो श्रोता मानते या विश्वास करते हैं
  2. व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें। व्यंग्य का सही अर्थ वक्ता के शब्दों में नही मिलेगा परंतु वक्ता के शब्दों का विपरीत अर्थ ही उसका सही अर्थ होगा।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जो श्रोता मानते या विश्वास करते हैं
  • तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो (मरकुस 7:9 ULB)

    • आपका मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त आप अच्छा कर रहे हो जिससे कि आप अपनी रीतियों को मान सको!
    • आप ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है, बस अपनी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए
  • मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ (लूका 5:31-32 ULB)

    • मैं उन लोगो को पश्चाताप के लिए बुलाने नही आया जो खुद को धर्मी समझते हैं, परंतु पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ
  1. व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें
  • तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो (मरकुस 7:9 ULB)

    • जब तुम परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ते हो तो खतरनाक काम करते हो जिससे तुम अपनी रीतियों को पूरा कर सको!
  • ’’यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; याकूब का राजा कहता है, अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हमको बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएं बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, जिससे हम उन्हें सोचकर जान सकें कि भविष्य में उनका क्या फल होगा; वा होनेवाली घटनाएं हम को सुना दो’’ (यशायाह 41:21-22 ULB)

    • ‘यहोवा कहता है, अपना मुकद्दमा लड़ो; अपनी मुरतों के लिए अपने प्रमाण लाओ, याकुब का राजा कहता है । तुम्हारी मूरतें आगे आकर अपना मुकद्दमा नही लड़ सकतीं या नही बता सकतीं कि भविष्य में क्या होगा कि हमें पता चले कि क्या होने वाला है। हम उन्हे नही सुन सकते क्योंकि वे बोल नही सकतीं, हमें अपने पूर्वकाल की घटनाओं को बता नही सकती, इससे हम जान नही सकते कि उनका क्या फल होगा या वे कैसे पूरी होंगी
  • क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? ्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?** निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू उस समय उत्पé हुआ था और तू बहुत आयु का है (अय्यूब 38:20-21)

    • क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?

क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? तेरे बर्ताव से लगता है कि तुझे रोशनी और अंधेरे के सिवानों का पता है, कि तू वहाँ था, कि तेरी उम्र सृष्टि के समान है, परंतु तु उतनी उम्र का नही है!