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@ -1,7 +1,7 @@
[
{
"title": "मैं परमेश्‍वर से जो मेरी चट्टान है कहूँगा,",
"body": "लेखक परमेशवर के विषय में कहता है जैसे कि वह एक बहुत बड़ा पहाड़ है जो कि दुसमनो के हमले से सुरक्षा प्रदान करता है।"
"body": "लेखक परमेश्‍वर के विषय में कहता है जैसे कि वह एक बहुत बड़ा पहाड़ है जो कि दुश्मनों के हमले से सुरक्षा प्रदान करता है।"
},
{
"title": "मैं क्यों शोक का पहरावा पहने हुए चलता-फिरता हूँ?",
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},
{
"title": "मेरी हड्डियाँ मानो कटार से छिदी जाती हैं",
"body": "लेखक अपने विरोधीयो की निंदा को इस तरह प्रकट करता है जैसे कि वह घातक जखमो को ले रहा है।"
"body": "लेखक अपने विरोधीयो की निंदा को इस तरह प्रकट करता है जैसे कि वह घातक जखमो को ले रहा है।"
},
{
"title": "वे दिन भर मुझसे कहते रहते हैं",
"body": "“उसके विरोधी उसको लगातार नही परंतू अकसर कहते रहते है”"
"body": "“उसके विरोधी उसको लगातार नहीं परँतू अकसर कहते रहते है”"
},
{
"title": " तेरा परमेश्‍वर कहाँ है?",
"body": "“यहा तुमहारा परमेशवर मदद के लिऐ नही है”"
"body": "“यहा तुमहारा परमेश्‍वर मदद के लिऐ नही है”"
}
]

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@ -1,7 +1,7 @@
[
{
"title": "हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? ",
"body": "“मुझे गिरना नही चाहीऐ था, मुझे चिंता नही करनी चाहीए थी”"
"body": "“मुझे गिरना नही चाही, मुझे चिंता नही करनी चाहीए ”"
},
{
"title": " गिरा जाता है",
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},
{
"title": " परमेश्‍वर पर भरोसा रख",
"body": "लेखक अपने प्राणो को परमेशवर पर भरोसा रखने को लगातार कहता और हुकम देता रहता है।"
"body": "लेखक अपने प्राणो को परमेश्‍वर पर भरोसा रखने को लगातार कहता और हुकम देता रहता है।"
}
]

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@ -9,7 +9,7 @@
},
{
"title": "तूने क्यों मुझे त्याग दिया है? मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ? ",
"body": "परमेश्‍वर से शिकायत करने के लिए लेखक यह प्रशन पूछता है और अपनी भावनाओ को प्रकट करता है, उतर प्राप्त करने को नही।"
"body": "परमेश्‍वर से शिकायत करने के लिए लेखक यह प्रशन पूछता है और अपनी भावनाओ को प्रकट करता है, उतर प्राप्त करने को नही।"
},
{
"title": " मैं शोक का पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ?",
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},
{
"title": "शत्रु के अत्याचार के मारे ",
"body": "“क्‍योकि मेरे विरोधी मुझ पर अत्‍याचार करते है”"
"body": "“क्‍योकि मेरे विरोधी मुझ पर अत्‍याचार करते है”"
}
]

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@ -367,6 +367,10 @@
"42-03",
"42-05",
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