hi_tn/eph/04/25.md

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# झूठ बोलना छोड़कर
“तुम्हें झूठ का त्याग करना है”
# हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले
“विश्वासी अपने पड़ोसियों से सच बोलें”
# हम आपस में एक दूसरे के अंग हैं।
“हम सब परमेश्वर के परिवार के सदस्य हैं”
# क्रोध तो करो पर पाप मत करो
“तुम क्रोधित हो सकते हो परन्तु पाप नहीं करना”
# सूर्य अस्त होने तक तुम्हारा क्रोध न रहे
“रात आने से पूर्व तुम्हारा क्रोध समाप्त होना है”