Wed Apr 22 2020 13:45:41 GMT+0530 (India Standard Time)

This commit is contained in:
tsDesktop 2020-04-22 13:45:41 +05:30
parent 60aea3cb4d
commit d35d9920cd
6 changed files with 13 additions and 6 deletions

View File

@ -13,6 +13,6 @@
},
{
"title": "परमेश्‍वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुण्ड है;",
"body": "“परमेश्‍वर जो कि मेरी महा खुशी है”"
"body": "“परमेश्‍वर जो कि मेरी महा खुशी है”"
}
]

View File

@ -1,7 +1,7 @@
[
{
"title": "हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है?",
"body": "“मुझे गिरना नही चाहीऐ था, मुझे चिंता नही करनी चाहीए थी”"
"body": "“मुझे गिरना नही चाहिए, मुझे चिंता नही करनी चाहिए ”"
},
{
"title": " गिरा जाता है",

View File

@ -21,6 +21,6 @@
},
{
"title": "इनको बसाया;",
"body": "“तूने हमारे लोगो को वहाँ रहने दिया।"
"body": "“तूने हमारे लोगो को वहाँ रहने दिया।"
}
]

View File

@ -13,7 +13,7 @@
},
{
"title": "तेरे दाहिने हाथ,तेरी भुजा ",
"body": "“तेरी महाशकती”"
"body": "“तेरी महाँ शक्ति”"
},
{
"title": " मुख के कारण जयवन्त हुए;",
@ -21,6 +21,6 @@
},
{
"title": "याकूब के उद्धार।",
"body": "“इस्राएल के लोग अपने पूरवज “याकूब” के नाम द्वारा दर्शाए गये है”"
"body": "“इस्राएल के लोग अपने पूरवज “याकूब” के नाम द्वारा दर्शाए गये है”"
}
]

View File

@ -5,7 +5,7 @@
},
{
"title": "गिरा देंगे....रौंदेंगे",
"body": "लेखक अपने विरोधियो की हार को इस तरह कह रहा है जैसे कि वह “गिरे हुए है” और उनकी जंग की तैयारी जैसे कि वह “खड़े है”।"
"body": "लेखक अपने विरोधियो की हार को इस तरह कह रहा है जैसे कि वह “गिरे हुए है” और उनकी जंग की तैयारी जैसे कि वह “खड़े है”।"
},
{
"title": "तेरे नाम के।",

View File

@ -371,6 +371,13 @@
"42-11",
"43-title",
"43-01",
"43-03",
"43-05",
"44-title",
"44-01",
"44-03",
"44-05",
"44-07",
"46-title",
"46-01",
"46-04",