Wed Apr 22 2020 16:05:25 GMT+0530 (India Standard Time)

This commit is contained in:
tsDesktop 2020-04-22 16:05:26 +05:30
parent d5f5f0e49b
commit 1fa9bf0be7
7 changed files with 16 additions and 10 deletions

View File

@ -1,10 +1,10 @@
[
{
"title": "जोड़ने वाला वाक्‍या",
"body": "दाऊद का वीर योध्‍दा के साथ बाते करना जारी है।"
"body": "दाऊद वीर योध्‍दा के साथ बाते करना जारी रखता है।"
},
{
"title": "तू धार्मिकता की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है। ",
"body": "“तुम सच्‍च बोलने से जयादा झूठ बोलने से प्रीती रखते हो”"
"body": "“तुम सच बोलने से जयादा झूठ बोलने से प्रीती रखते हो”"
}
]

View File

@ -1,7 +1,7 @@
[
{
"title": "विनाश करनेवाली बातों से प्रसन्‍न रहती है। ",
"body": "“बोल जो दूसरे लोगो का नुकसान करते है”"
"body": "“बोल जो दूसरे लोगो का नुकसान करते है”"
},
{
"title": "हे छली जीभ, ",
@ -13,10 +13,10 @@
},
{
"title": "जीवितों के लोक से तुझे उखाड़ डालेगा।",
"body": "“वह तुम्हे‍ जीवितो के देश से निकाल देगा”"
"body": "“वह तुम्हे‍ जीवितो के देश से निकाल देगा”"
},
{
"title": "(सेला)",
"body": "हो सकता है कि यह एक संगीतक‍ शब्‍द है जो लोगो को बताता है कि कैसे गाना और कैसे अपने साज को बजाना है। "
"body": "हो सकता है कि यह एक संगीतक‍ शब्‍द है जो लोगो को बताता है कि कैसे गाना और कैसे अपने साज को बजाना है। "
}
]

View File

@ -9,6 +9,6 @@
},
{
"title": "परमेश्‍वर को अपनी शरण नहीं माना, ",
"body": "“उन्‍होने परमेश्‍वर से सुरक्षा को नही मांगी”"
"body": "“उन्‍होने परमेश्‍वर से सुरक्षा को नही मांगी”"
}
]

View File

@ -1,7 +1,7 @@
[
{
"title": "हरे जैतून के वृक्ष।",
"body": "हरे जैतून के वृक्ष मजबूत और सुरक्षित है। वह गिरते नही है”"
"body": "हरे जैतून के वृक्ष मजबूत और सुरक्षित है। वह गिरते नही है”"
},
{
"title": "मैं तो परमेश्‍वर के भवन में हरे जैतून के \\q वृक्ष के समान हूँ*",

View File

@ -1,7 +1,7 @@
[
{
"title": "सामान्‍य जानकारी:",
"body": "इब्रानी कविता में समानांतरता आम है।"
"body": "इब्रानी कविताओं में समानांतरता आम है।"
},
{
"title": " मनुष्यों ",

View File

@ -1,11 +1,11 @@
[
{
"title": "उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं, जो...परमेश्‍वर",
"body": "“जो अपराध करते है ऐसे दिखाते है जैसे कि वह कुछ जानते ही नही है, वह मेरे लोगो को रोटी के समान खा रहे है और वह परमेश्‍वर को सम्‍रण भी नही करते”"
"body": "“जो अपराध करते है ऐसे दिखाते है जैसे कि वह कुछ जानते ही नही है, वह मेरे लोगो को रोटी के समान खा रहे है और वह परमेश्‍वर को सम्‍रण भी नही करते”"
},
{
"title": "जो मेरे लोगों को रोटी के समान खाते है ",
"body": "“जिन्हो‍ने मेरे लोगो को नाश कर दिया वह ऐसे भोज कर रहे है जैसे कि कोई खुशी हो”"
"body": "“जिन्हो‍ने मेरे लोगो को नाश कर दिया वह ऐसे भोज कर रहे है जैसे कि कोई खुशी हो”"
},
{
"title": "यहोवा ने उनकी हड्डियों को, जो तेरे विरुद्ध छावनी डाले पड़े थे, तितर-बितर कर दिया;",

View File

@ -443,6 +443,12 @@
"51-17",
"52-title",
"52-01",
"52-03",
"52-04",
"52-06",
"52-08",
"53-title",
"53-01",
"91-title",
"91-01",
"91-03",