hi_psa_tn/53/04.txt

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Plaintext

[
{
"title": "उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं, जो...परमेश्‍वर",
"body": "“जो अपराध करते है ऐसे दिखाते है जैसे कि वह कुछ जानते ही नही है, वह मेरे लोगों को रोटी के समान खा रहे है और वह परमेश्‍वर को सम्‍रण भी नहीं करते”"
},
{
"title": "जो मेरे लोगों को रोटी के समान खाते है ",
"body": "“जिन्हो‍ने मेरे लोगों को नाश कर दिया वह ऐसे भोज कर रहे है जैसे कि कोई खुशी हो”"
},
{
"title": "यहोवा ने उनकी हड्डियों को, जो तेरे विरुद्ध छावनी डाले पड़े थे, तितर-बितर कर दिया;",
"body": "“परमेश्‍वर पूरी तरह नाश कर देगा जो कोई भी तेरे विरुध छावनी डालेगा”"
},
{
"title": "जो तेरे विरुद्ध छावनी डाले पड़े थे, ",
"body": "“जो कोई भी तुम पर हमला करेगा”"
}
]