diff --git a/52/03.txt b/52/03.txt index 896c284a..f49e2605 100644 --- a/52/03.txt +++ b/52/03.txt @@ -1,10 +1,10 @@ [ { "title": "जोड़ने वाला वाक्‍या", - "body": "दाऊद का वीर योध्‍दा के साथ बाते करना जारी है।" + "body": "दाऊद वीर योध्‍दा के साथ बातें करना जारी रखता है।" }, { "title": "तू धार्मिकता की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है। ", - "body": "“तुम सच्‍च बोलने से जयादा झूठ बोलने से प्रीती रखते हो”" + "body": "“तुम सच बोलने से ज्यादा झूठ बोलने से प्रीती रखते हो”" } ] \ No newline at end of file diff --git a/52/04.txt b/52/04.txt index 040eded6..941a5c40 100644 --- a/52/04.txt +++ b/52/04.txt @@ -1,7 +1,7 @@ [ { "title": "विनाश करनेवाली बातों से प्रसन्‍न रहती है। ", - "body": "“बोल जो दूसरे लोगो का नुकसान करते है”" + "body": "“बोल जो दूसरे लोगों का नुकसान करते है”" }, { "title": "हे छली जीभ, ", @@ -13,10 +13,10 @@ }, { "title": "जीवितों के लोक से तुझे उखाड़ डालेगा।", - "body": "“वह तुम्हे‍ जीवितो के देश से निकाल देगा”" + "body": "“वह तुम्हे‍ जीवितों के देश से निकाल देगा”" }, { "title": "(सेला)", - "body": "हो सकता है कि यह एक संगीतक‍ शब्‍द है जो लोगो को बताता है कि कैसे गाना और कैसे अपने साज को बजाना है। " + "body": "हो सकता है कि यह एक संगीतक‍ शब्‍द है जो लोगों को बताता है कि कैसे गाना और कैसे अपने साज को बजाना है। " } ] \ No newline at end of file diff --git a/52/06.txt b/52/06.txt index 2debf859..292b12c2 100644 --- a/52/06.txt +++ b/52/06.txt @@ -9,6 +9,6 @@ }, { "title": "परमेश्‍वर को अपनी शरण नहीं माना, ", - "body": "“उन्‍होने परमेश्‍वर से सुरक्षा को नही मांगी”" + "body": "“उन्‍होने परमेश्‍वर से सुरक्षा को नहीं मांगी”" } ] \ No newline at end of file diff --git a/52/08.txt b/52/08.txt index d0c98f9b..7acd57ab 100644 --- a/52/08.txt +++ b/52/08.txt @@ -1,7 +1,7 @@ [ { "title": "हरे जैतून के वृक्ष।", - "body": "हरे जैतून के वृक्ष मजबूत और सुरक्षित है। वह गिरते नही है”" + "body": "हरे जैतून के वृक्ष मजबूत और सुरक्षित है। वह गिरते नहीं है”" }, { "title": "मैं तो परमेश्‍वर के भवन में हरे जैतून के \\q वृक्ष के समान हूँ*", diff --git a/53/01.txt b/53/01.txt index e6f95840..4d9248ce 100644 --- a/53/01.txt +++ b/53/01.txt @@ -1,7 +1,7 @@ [ { "title": "सामान्‍य जानकारी:", - "body": "इब्रानी कविता में समानांतरता आम है।" + "body": "इब्रानी कविताओं में समानांतरता आम है।" }, { "title": " मनुष्यों ", diff --git a/53/04.txt b/53/04.txt index 4e2a8270..4c295362 100644 --- a/53/04.txt +++ b/53/04.txt @@ -1,11 +1,11 @@ [ { "title": "उन सब अनर्थकारियों को कुछ भी ज्ञान नहीं, जो...परमेश्‍वर", - "body": "“जो अपराध करते है ऐसे दिखाते है जैसे कि वह कुछ जानते ही नही है, वह मेरे लोगो को रोटी के समान खा रहे है और वह परमेश्‍वर को सम्‍रण भी नही करते”" + "body": "“जो अपराध करते है ऐसे दिखाते है जैसे कि वह कुछ जानते ही नही है, वह मेरे लोगों को रोटी के समान खा रहे है और वह परमेश्‍वर को सम्‍रण भी नहीं करते”" }, { "title": "जो मेरे लोगों को रोटी के समान खाते है ", - "body": "“जिन्हो‍ने मेरे लोगो को नाश कर दिया वह ऐसे भोज कर रहे है जैसे कि कोई खुशी हो”" + "body": "“जिन्हो‍ने मेरे लोगों को नाश कर दिया वह ऐसे भोज कर रहे है जैसे कि कोई खुशी हो”" }, { "title": "यहोवा ने उनकी हड्डियों को, जो तेरे विरुद्ध छावनी डाले पड़े थे, तितर-बितर कर दिया;", diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 87de4434..f4a34685 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -443,6 +443,12 @@ "51-17", "52-title", "52-01", + "52-03", + "52-04", + "52-06", + "52-08", + "53-title", + "53-01", "91-title", "91-01", "91-03",