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\id 1jn Regular
\ide usfm
\h 1 John
\toc1 1 John
\toc2 1 John
\h युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\toc1 युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\toc2 युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\toc3 1jn
\mt 1 John
\mt युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
\c 1
युहन्‍नाकी पहीली चिठ्ठी
अध्याय 1
\p
\v 1 जीवनको जा वचनके बारेमे, जो सुरुसे रहए जो हम सुने हँए, जो हमर आँखीसे देखे और हातसे छोए,
\v 2 बा जीवन प्रकट भओ, और हम देखे, और हम गवाही देत हँए और तुमके बा अनन्त जीवनको सन्देश शुनात हँए, जो पिता सँग रहए, और हमरे ठिन प्रकट भओ,
\v 3 हम जो देखे और सुने हँए, सो हम तुमके सुनात हँए, ताकी हमर सँग तुमर सङ्गती होबए। हमर सङ्गती पिता और बाको पुत्र येशु ख्रिष्ट सँग हए।
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\v 9 अगर हम अपने पाप के स्वीकार करङ्गे तओ बा हमर पापके क्षमा करैगो और सबए अर्धमसे हमके शुध्‍द कर देबैगो, काहेकी बा बिश्‍वास योग्यऔर धर्मी हए।
\v 10 अगर हम पाप ना करे हँए कहेसे हम काहत हँए तव हम झुठ बोलत हए और बाको बचन हम मे ना हए।
\c 2
अध्याय २
\p
\v 1 मेरे छोटे बालकओ, तुम पाप मत करओ जा बात मए लिखत हऔं। पर कोइ आदमी पाप करलै हए, तओ भी हमर ताँही पितासँग हमर पक्षमे बोलन ताँही एक जनी हए, औ धर्मी येशू ख्रीष्ट।
\v 2 बा हमर पापके ताँहि प्रायश्‍चीत हए, और हमर ताँही इकल्लो ना, पर सारे संसारके पापके ताँही फिर।
\v 3 अगर हम बाको आज्ञाके पालन करत हँए, तओ जहेमे हम जानत हँए कि हम बाके चिनत हँए।
\v 4 जौन मए बाके चिनत हऔं काहत हए, पर बक आज्ञाके उलङ्गन करत हए ,कहेसे बा झुटो हए ,और बामे सत्य ना होत हए।
\v 4 जौन मए बाके चिनत हऔं काहत हए, पर बक आज्ञाके उलङ्गन करत हए, कहेसे बा झुटो हए, और बामे सत्य ना होत हए।
\v 5 पर जौन बक बचनके पालन करत हए, बा परमेश्‍वार घेनको प्रेमसे नेहत्य शिद्ध भऔं हए। हम बामे हँए, कहेसे जहेसे पता चलत हए।
\v 6 परमेश्‍वरमे हओं कहेन बारे आदमी अपनएके येशू ख्रीष्ट के जैसो चलन पड़त हए।
\v 7 प्रिय मए तुमके नयाँ आज्ञा ना ,पर बहए पुरानो आज्ञा लिखत हऔं, जो सुरुसे ही तुमर सँग रहए, जा पुरानो आज्ञा तुमर सुनोभओ बचन हए।
\v 7 प्रिय मए तुमके नयाँ आज्ञा ना, पर बहए पुरानो आज्ञा लिखत हऔं, जो सुरुसे ही तुमर सँग रहए, जा पुरानो आज्ञा तुमर सुनोभओ बचन हए।
\v 8 तहु फिर एक नयाँ आज्ञा मए तुमके लिखत हऔं जो ख्रीष्टमे और तुममे सच्चो हए, काहेकी अन्धकार बितरहो हए और सच्चो ज्योती अग्गु चमक रहोहए।
\v 9 जौन मए ज्योतीमे हओ कहीके काहत हए और अपने भइयाके अच्छो ना मानत हए तओ बा अभए फिर अन्धकारमे हए।
\v 10 जौन अपने भौइयाके प्यार करत हए बा ज्योतीमे राहत हए और बामे ठक्करको कारन ना होतहए।
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\v 19 बे हमसे निकरके गएहँए, काहेकी बे हमरे ना रहँए अगर बे हमरे होते तओ बे हमर सँग राहाते। पर बे सबए हमरे ना रहँए जा बातके प्रकट करन ताँही बे हमसे निकरके गए।
\v 20 पर तुमरो अभिषेक महापवित्रसे भओ हए और तुम सबए सत्यके जानत हओ।
\v 21 तुम सत्य के नजान्थओ कहीके मए नालिखो हऔं पर कोइ फिर झुट सत्यसे ना आतहए कहिके तुम जानत हओ तभइ मए लिखो हऔं।
\v 22 झुटो कौन हए ? झुटो बा हए, जौन येशु ही ख्रिष्ट कहिके इन्कार करतहए। पिता और पुत्रके इन्कार करन बारो ही, ख्रिष्ट विरोधी हए।
\v 22 झुटो कौन हए? झुटो बा हए, जौन येशु ही ख्रिष्ट कहिके इन्कार करतहए। पिता और पुत्रके इन्कार करन बारो ही, ख्रिष्ट विरोधी हए।
\v 23 पुत्रके इन्कार करन बारो कोइ भी आदमीमे पिता नाहए। जौन पुत्रके स्वीकार करत हए, बाके सँग पिता हए।
\v 24 जो बात तुम सुरुसे सुने हऔ, बा तुममे रही राहाबए। अगर सुरुसे ही सुनिभइ बात तुमरमे रहो तओ तुम पुत्र और पितामे राहाबैगे।
\v 25 बा हमसे जो प्रतिज्ञा करी बा अनन्त जीवन हए।
\v 26 तुमके छल करनबारेनके ताँही जा बात मए लिख्दओ हऔं।
\v 27 बासे पाओ भओ अभिषेक तुमके सबए बात के बारेमे सिकातहए। और बा अभिषेक सत्य हए बा बनावटी ना हए। जा अभिषेक जो सिकात हए, बा सत्य हए ,बा झुटो ना हए। जहए जैसो ख्रिष्टमे बने राहाबओ।
\v 27 बासे पाओ भओ अभिषेक तुमके सबए बात के बारेमे सिकातहए। और बा अभिषेक सत्य हए बा बनावटी ना हए। जा अभिषेक जो सिकात हए, बा सत्य हए, बा झुटो ना हए। जहए जैसो ख्रिष्टमे बने राहाबओ।
\v 28 छोटे बच्चव बामे बने रहाबओ ताकी बा प्रकट होबए तओ तुमके हिम्मत मिलए और बाके आनमे बाके अग्गु हमे सरमान ना पणए।
\v 29 बा धर्मी हए कहिके जा बात तुम जानत हओ, जा तुमसे पक्को होबए, की धार्मीक् काम करन बारे हरेक परमेश्‍वरसे जन्मे हँए तुम जानत हओ।
\c 3
अध्याय ३
\p
\v 1 देखओ, पिता हमके कैसो प्रकारको प्यार करी हए, कि हम परमेश्‍वरको सन्तान कहिलाए गए। और जा सच हए जहएकमारे त संसार हमके ना चिनत हए, काहेकी बे बाके ना चिनी।
\v 2 प्रिय अभए हम परमेश्‍वरके सन्तान हए, और हम का हुइहए सो अभए प्रकट ना भओ हए इतकए जानत हए, कि जब बा प्रकट हुइहए, तब हम बाके जैसो होई हँए। काहेकी बा जैसो हुइहए हम बाके उइसी दिख्हँए।
\v 3 और बा जैसो पवित्र हए, बाके उपर जा विश्‍वास धरनबारे हरेक आदमी अपने आपके पवित्र करहँए।
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\v 9 परमेश्‍वरसे जन्मो कोइ फिर पाप ना करत राहाथहए, काहेकी बाको स्वभाब बामे होथहए और बा पाप करत ना राहथहए, काहेकी बा परमेश्‍वरसे जन्मो हए।
\v 10 परमेश्‍वरको सन्तान कौन हए और दियाबलस को सन्तान कौन हए जहएसे खास करके पता चलतहए जौन धर्मिकतामे ना चलत हए। और बा आदमी परमेश्‍वरको ना हए जो अपने ददा भइयनके प्यार ना करत हए।
\v 11 तुम सुरुसे सुनेभओ सन्देश जहए हए,” हमके एक दुसरेसे प्यार करन पणंत हए।
\v 12 कैइन जैसो मत होबओ, जौन शैतानको रहए। बा अपने भइयक हत्या करी। बा अपने भइयक हत्या काहे करी ? काहेकी बाके शैतानीक काम रहँए। और बाको भइयाको काम धार्मीक रहँए।
\v 12 कैइन जैसो मत होबओ, जौन शैतानको रहए। बा अपने भइयक हत्या करी। बा अपने भइयक हत्या काहे करी? काहेकी बाके शैतानीक काम रहँए। और बाको भइयाको काम धार्मीक रहँए।
\v 13 भइया रेओ संसार तुमके घृणा करत हए अचम्मो मत मानओ।
\v 14 हम जानत हए, कि हम मृत्युसे पार हुइके जीवनमे पहुच गए हँए। काहेकी हम अपने ददा भइयनके प्यार करत हँए। जौन प्यार ना करत हए बा मृत्युमे राहाथ हए।
\v 15 अपनी ददा भइयनके घृणा करनबारे हरेक हत्यारे हए और कोइ हत्यारनके सँग सदा (अनन्त) जीवन ना होथहए ,काहेकि जा बात तुमके पतए हए।
\v 15 अपनी ददा भइयनके घृणा करनबारे हरेक हत्यारे हए और कोइ हत्यारनके सँग सदा (अनन्त) जीवन ना होथहए, काहेकि जा बात तुमके पतए हए।
\v 16 जहए कारणसे प्यार का हए हमे पता चलत हए, कि बा हमर ताँही अपनो ज्यानके दएदई हमके फिर अपने ददा भइयनके ताँही अपनो ज्यान देन पणत हए।
\v 17 कोइके जौने संसारको धन सम्पती हए, तहु फिर अपने ददा भइयनके समस्या पडो मे नादेखत हए , अपनो मनके कठोर करत हए तब परमेश्‍वरको प्यार कैसे बामे राहाबैगो।
\v 17 कोइके जौने संसारको धन सम्पती हए, तहु फिर अपने ददा भइयनके समस्या पडो मे नादेखत हए, अपनो मनके कठोर करत हए तब परमेश्‍वरको प्यार कैसे बामे राहाबैगो।
\v 18 मेरे छोटे वच्चओ वचन और बोलीसे इकल्लो हम प्यार ना करँए पर काम और सत्यतासे प्यार करँए।
\v 19 जहएसे हम जान सकत हँए की हम सत्यके हँए, और अइसिए हम बाके अग्गु अपने ह्रदयमे हिम्मत कर सकथ् हँए।
\v 20 जब हमरे ह्रदय हमके दोस देथहए हम जानत हँए परमेश्‍वर हमरो ह्रदयसे माहान हए। और बा सब बात जानत हए।
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\v 23 और बाको आज्ञा जहय हए कि हम बाको पुत्र येशु ख्रिष्टके नाउँमे विश्‍वस करन पडो। और बा हमके आज्ञा दइ जैसे हम एक दुसरेसे प्यार करन पडथहए।
\v 24 बाको आज्ञापालन करनबारे सबए बामे रहेथहँए और बा बिनमे राहाथहए। बा हमके दओभओ पवित्र आत्मासे हम जानत हँए। कि बा हमरेमे बास करत हए।
\c 4
अध्याय ४
\p
\v 1 प्रित हो जोकोइ आत्माके विश्‍वास मत करओ पर आत्मा परमेश्‍वरसे आओ हए कि ना आओ हए कहिके विनके जाँच करओ। काहेकी बहुत झुटे अगम्वक्ता जा संसारसे निकरके आए हँए।
\v 2 जेहेसे तुम परमेश्‍वरकी आत्माके जानैगे। हरेक आत्मा जौन येशु ख्रिष्ट शरीरमे आओ हए पहिले स्वीकार करत हए बा परमेश्‍वरसे हए।
\v 3 येशु के स्वीकार ना करन बारे हरेक आत्मा परमेश्‍वरसे ना हए पर बा ख्रिष्ट विरोधी हए। जौनके बारेमे “बा आतहए” कहिके तुम सुने हओ। अब बा जा संसारमे आए गओ हए।
\v 4 मेरे छोटे बच्चओ,तुम ता परमेश्‍वरके हओ और विनके उपर विजय हुइगए हओ। काहेकी जो तुममे हए, बा संसारसे माहान हए।
\v 4 मेरे छोटे बच्चओ, तुम ता परमेश्‍वरके हओ और विनके उपर विजय हुइगए हओ। काहेकी जो तुममे हए, बा संसारसे माहान हए।
\v 5 बे संसारके हँए जहय कारनसे बे संसारकी बात करथ हँए और संसार बिनकी वात सुन्थहए।
\v 6 हम त परमेश्‍वरके हँए। जौन परमेश्‍वरके जानत हए बा हमरी वातके सुन्थहए, और जौन परमेश्‍वरको ना जानत हए, बा हमरी वातके ना सुन्थहए। जहएसे हम सत्यकी आत्मा और भ्रमको आत्माके जानत हँए।
\v 7 प्रिय हो हम एक दुसरेसे प्रेम करए, काहेकी प्रेम परमेश्‍वर हए। जौन प्रेम करत हए बा परमेश्‍वरसे जन्मो हए, और परमेश्‍वरके चिन्थहए।
\v 8 प्रेम ना करन बारे परमेश्‍वरके ना चिन्थहए काहेकी परमेश्‍वर प्रेम हए।
\v 9 परमेश्‍वरको प्रेम हमर विचमे अइसो प्रकट भओ, कि बा अपनो एक इकल्लो पुत्र के संसारमे पठाइ ताकी पुत्रसे हम जी सकँए।
\v 10 प्रेम जहएमे हए, कि हम परमेश्‍वरके प्रेम ना करे, पर बा हमसे प्रेम करी,और हमरे पापसे छुटकाराके ताँही अपने पुत्रके पठाई।
\v 10 प्रेम जहएमे हए, कि हम परमेश्‍वरके प्रेम ना करे, पर बा हमसे प्रेम करी, और हमरे पापसे छुटकाराके ताँही अपने पुत्रके पठाई।
\v 11 प्रिय अगर परमेश्‍वर हमसे अइसो प्रेम करी हए कहेसे, हमऊ फिर एक दुसरेसे प्रेम करए।
\v 12 परमेश्‍वरके कोइ कभइ ना देखी हए। अगर हम एक दुसरेसे प्रेम करङ्गे कहसे परमेश्‍वर हमारे भितर राहत हए, और बाको प्रेम हमारेमे पुरो होथहए।
\v 13 बा हमके अपनी आत्मासे दइहए, और जहए कारनसे हम जानत हँए कि हम विनमे , और बा हममे राहत हए।
\v 13 बा हमके अपनी आत्मासे दइहए, और जहए कारनसे हम जानत हँए कि हम विनमे, और बा हममे राहत हए।
\v 14 हम देखे हँए, और गवाही देथहँए, कि पिता अपने पुत्रके संसारमे मुक्तीदाता होनके पठाई हए।
\v 15 जौन येशुके परमेश्‍वरको पुत्र हए कहिके स्वीकार करथहए, बामे परमेश्‍वर राहथहए, और बा परमेश्‍वरमे।
\v 16 अइसिए हमरे उपर भओ परमेश्‍वरको प्रेमके हम जानथहँए और विश्‍वास कर्थहँए। परमेश्‍वर प्रेम हए, जो प्रेममे राहत हए बा परमेश्‍वरमे राहत हए, और परमेश्‍वर बामे राहत हए।
\v 17 न्यायके दीनके ताँही हम पुरो भरोसा साथ बैठ सकए। काहेकी प्रेम जहएमे हमरे उपर पुरो होथहए। काहेकी बा जैसो हए हम फिर जा संसारमे उइसिए हँए।
\v 18 प्रेममे कोइ डर ना होथहए पर सच्चो प्रेम डरके दुर हटाथहए काहेकी डरको सम्बन्ध दण्डसे होत हए। पर, जो डरातहए प्रेममे बा पुरो ना भओ हए।
\v 19 हम प्रेम करथहँए, काहेकी पहिले बा हमसे प्रेम करी।
\v 20 अगर कोई “ मए परमेश्‍वरके प्रेम करथहओ” काहत हए पर अपने भइयासे घृणा करथहए कहिसे बा झुटो हए, काहेकी अपनो देखो भइयासे प्रेम ना करन बारो ना देखो भओ परमेश्‍वरके प्रेम कैसे कर सक्थहए।
\v 20 अगर कोई “मए परमेश्‍वरके प्रेम करथहओ” काहत हए पर अपने भइयासे घृणा करथहए कहिसे बा झुटो हए, काहेकी अपनो देखो भइयासे प्रेम ना करन बारो ना देखो भओ परमेश्‍वरके प्रेम कैसे कर सक्थहए।
\v 21 हम बासे जा आज्ञा पाए हँए कि जौन परमेश्‍वरके प्रेम करथहए बा अपन भइयाके फिर प्रेम करत हए।
\c 5
अध्याय 5
\p
\v 1 येशु ही ख्रिष्ट हए कहिके विश्‍वास करनबारे हरेक परमेश्‍वरके बालक हँए। जौन दौवाके प्रेम करत हए वा बाको लउड़ाके फिर प्रेम करत हँए।
\v 2 जब हम परमेश्‍वरके प्रेम करत हँए, और बाको आज्ञापालन करत हँए, जहएसे पता पातहँए की हम परमेश्‍वरके सन्तानके प्रेम करत हँए।
\v 3 परमेश्‍वरको प्रेम जहए हए की हम बाको आज्ञाके पालन करत हँए और बाको आज्ञा कठीन ना हए।
\v 4 काहेकी परमेश्‍वरसे जन्मो भओ हरेक संसारके उपर विजय पाथहए। औ संसारके जितनको विजय हमर विश्‍वास हए।
\v 5 संसारके उपर विजय पान बारो कौन हए बहय हए जो येशु ख्रिष्ट परमेश्‍वेको पुत्र हए, कहिके विश्‍वास करन बारो।
\v 6 बा बहे हए जो पानी और खुनसे आओ भओ ,और येशु ख्रिष्ट जो पानीसे इकल्लो ना पर पानी और खुनसे आओ भओ हए।
\v 6 बा बहे हए जो पानी और खुनसे आओ भओ, और येशु ख्रिष्ट जो पानीसे इकल्लो ना पर पानी और खुनसे आओ भओ हए।
\v 7 गवाही देन बारो त पवित्र आत्मा ही हए काहेकी पवित्र आत्मा सत्य हए। काहेकी गवाही देन वारे तीन हँए
\v 8 पवित्र आत्मा, पानी और खुन सबए बातमे जे सहमत होथहँए।
\v 9 यदि हम आदमीको गवाही ग्रहण करत हँए कहेसे परमेश्‍वरको गवाही कित्तो महान हए। काहेकी जहए परमेश्‍वरको गवाही हए जौन गवाही बा अपन पुत्रके विषयमे दइ हए।
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\v 12 जौनके सँग पुत्र हए, बाके सँग जीवन हए, जौनके सँग परमेश्‍वरको पुत्र ना हए, बाके सँग जीवन ना हए।
\v 13 तुम अनन्त जीवन पाए हओ कहिके बातके जानओ, काहन ताँही परमेश्‍वरको पुत्रके नाउँमे विश्‍वास करन बारे तुमके मए जा चिठ्ठी लिखत हओं।
\v 14 परमेश्‍वरमे हमर पुरो भरोसा हए की बाके इच्छा जैसो जो मागेसे फिर बा हमर बातके सुनत हए।
\v 15 हम प्रार्थनामे जो भी मागेसे फिर परमेश्‍वर सुनत हए कहिके हम जानत हँए ,और जा फिर जानत हँए की बासे हम जो मागत हए बा हम पाएगए हँए।
\v 16 यदि कोई अपने भइयाके पाप करत देखत हए औ, बा पाप त मृत्युमे लैजान बारो ना हए कहिसे बा भइयाके ताँही परमेश्‍वरसे प्रार्थना करदेन पडत हए ,और जौनको पाप मृत्युमे लैजान बारो तरिकाको ना हए बाके परमेश्‍वर जीवन देथहए। पर अइसो पाप फिर होथहए, जो मृत्युमे लैजाथ हए, जौनके ताँही कोइ विन्ती करदेओ कहिके मए ना काहात हऔं।
\v 15 हम प्रार्थनामे जो भी मागेसे फिर परमेश्‍वर सुनत हए कहिके हम जानत हँए, और जा फिर जानत हँए की बासे हम जो मागत हए बा हम पाएगए हँए।
\v 16 यदि कोई अपने भइयाके पाप करत देखत हए औ, बा पाप त मृत्युमे लैजान बारो ना हए कहिसे बा भइयाके ताँही परमेश्‍वरसे प्रार्थना करदेन पडत हए, और जौनको पाप मृत्युमे लैजान बारो तरिकाको ना हए बाके परमेश्‍वर जीवन देथहए। पर अइसो पाप फिर होथहए, जो मृत्युमे लैजाथ हए, जौनके ताँही कोइ विन्ती करदेओ कहिके मए ना काहात हऔं।
\v 17 सबए अधर्म पाप हए, पर अइसो पाप फिर होथहए जो मृत्युमे ना लैजाथ हए।
\v 18 हम जानत हए ,की जो परमेश्‍वरसे जन्मे भए हरकोइ फिर पाप ना करत हए। पर परमेश्‍वरको पुत्र बिनके सुरक्षा करत हए, और दुष्ट बाके ना छुतहए।
\v 18 हम जानत हए, की जो परमेश्‍वरसे जन्मे भए हरकोइ फिर पाप ना करत हए। पर परमेश्‍वरको पुत्र बिनके सुरक्षा करत हए, और दुष्ट बाके ना छुतहए।
\v 19 हम जानत हए, हम परमेश्‍वरके हए, और सबए संसार बा दुष्टके अधीनमे पडो हए।
\v 20 हम जानत हए, परमेश्‍वरको पुत्र आओ हए जो सत्य हए। बाके चीन सकए ,कहिके बा हमके समझ दयी हए। जो सत्य हय हम बामे हँए, औ बाके पुत्र येशु ख्रिष्टमे हँए ,औ बहए सच्चो परमेश्‍वर हए, और अनन्त जीवन हए।
\v 20 हम जानत हए, परमेश्‍वरको पुत्र आओ हए जो सत्य हए। बाके चीन सकए, कहिके बा हमके समझ दयी हए। जो सत्य हय हम बामे हँए, औ बाके पुत्र येशु ख्रिष्टमे हँए, औ बहए सच्चो परमेश्‍वर हए, और अनन्त जीवन हए।
\v 21 छोटे बालक, अपने आपके मुर्तीसे बचाएके धरओ।

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@ -1,18 +1,17 @@
\id 2jn Regular
\ide usfm
\h 2 John
\toc1 2 John
\toc2 2 John
\h युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\toc1 युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\toc2 युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\toc3 2jn
\mt 2 John
\mt युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
\c 1
युहन्‍नाकी दुसरी चिठ्ठी
अध्याय 1
\p
\v 1 एल्डरसे, चुनि भई मिहिला और बिनके लौड़ा लौड़ीयनके जौनके मए सच्चो प्रेम करत हऔ, और मए इकल्लो ना, पर सत्यके चिनन् बारे सबए फिर बिनके प्रेम करत हँए।
\v 2 जौन सत्या हमर भितर हए और हर समय हमर सँग रहए ,बहे के खातिर तुमके प्रेम करत हँए।
\v 2 जौन सत्या हमर भितर हए और हर समय हमर सँग रहए, बहे के खातिर तुमके प्रेम करत हँए।
\v 3 परमेश्‍वर पिता और पिताको पुत्र येशु ख्रिष्टसे अनुग्रह, कृपा और शान्ती हमर सँग सत्यता और प्रेममे रहा बएगो।
\v 4 अइसिए तुमर लौड़ा लौड़ीया मैसे कोई कोईनके मए पितासे पाओ भओ आज्ञाके जैसो नेगत पएके गजबै अनन्दीत् हऔ।
\v 5 अब हे महिला मए तुमके एक नयँ अज्ञा ना लिखो हऔ, पर बहे लिखो हऔ,जो सुरुसे हमर सँग हए- हम एक दुसरेसे प्रेम करैं काहेकी मए तुमसे बिनती करत हँए।
\v 5 अब हे महिला मए तुमके एक नयँ अज्ञा ना लिखो हऔ, पर बहे लिखो हऔ, जो सुरुसे हमर सँग हए- हम एक दुसरेसे प्रेम करैं काहेकी मए तुमसे बिनती करत हँए।
\v 6 बाको इच्छाके जैसो चल्नो ही प्रेम हए। तुमके सुरुसे सुनोभओ आज्ञा जहे हए, कि तुम प्रेम के अनुकरन करऔ।
\v 7 काहेकि भरम् मे डारन बारे बहुत जा संसारमे आएगए हँए। जौन येशु ख्रिष्ट शरीरमे आओ हए कहेके स्विकार ना करत हँए। जहे छलि और ख्रीष्ट बिरोधी हँए।
\v 8 होसियार रहीओ, जौन बातके ताँही तुम काम कर रहे हओ, बा के गुमान नापणए पर पुरो इनाम पान बारो बनओ।

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@ -1,25 +1,24 @@
\id 3jn Regular
\ide usfm
\h 3 John
\toc1 3 John
\toc2 3 John
\h युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\toc1 युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\toc2 युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\toc3 3jn
\mt 3 John
\mt युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
\c 1
युहन्‍नाकी तिसरी चिठ्ठी
अध्याय 1
\p
\v 1 प्यारो एल्डरसे मिर सङ्गी गयासके जौनसे मए सच्चो प्रेम करत हओ।
\v 2 प्रिय सङ्गी मए प्राथना करत हओ, की सबए बातमे तुमर भलो होबए और तुमरो स्वास्थ्य ठीक राहाबय तुमर आत्मीक जीवन ठीक हए कहिके मए जानत हओ।
\v 3 कित्तो जनी आएके तुमर जीवनको सत्य गवाही दईं ,मए बहुत अनन्दीत भओ। तुम नेहात्यही सत्यको अनुकरण करत हओ।
\v 4 मिर लौड़ा लौड़ीया सत्यको अनुकरण करत हँए , कहिन बारी बात सुनन पानो और जादा अनन्दको मिर ताँही का बात हुइ सकत हए।
\v 3 कित्तो जनी आएके तुमर जीवनको सत्य गवाही दईं, मए बहुत अनन्दीत भओ। तुम नेहात्यही सत्यको अनुकरण करत हओ।
\v 4 मिर लौड़ा लौड़ीया सत्यको अनुकरण करत हँए, कहिन बारी बात सुनन पानो और जादा अनन्दको मिर ताँही का बात हुइ सकत हए।
\v 5 मिर प्रिय तुम विश्‍वास योग्यके काम करत हओ जब तुम अपने दादा भइयाको, विशेष करके परदेशीनको सेवा करत हओ।
\v 6 बे मण्डलीके अग्गु तुमर प्रेमकी गवाही दई हँए। परमेश्‍वरके अग्गु मन पणन बारो कहिके विनके यात्रामे जान प्रवन्ध मिलाए दए हओ, कहिके तुम अच्छो करत हओ।
\v 7 काहेकी अविश्‍वासीनसे कछु ना लइके बे बक नाउके ताँही यात्रामे निकरे हँए।
\v 8 जहए बजैसे अइसे आदमीको सेवा सत्कार करन पडथहए, ताकी हम सत्यताके सहकर्मी बन सकए ( हात वटानबारे )।
\v 8 जहए बजैसे अइसे आदमीको सेवा सत्कार करन पडथहए, ताकी हम सत्यताके सहकर्मी बन सकए (हात वटानबारे)।
\v 9 मए मण्डलीके कछु बात लिखो रहऔ, पर तुमरे विचमे बडो होन ढुडन बारे डियोत्रिफस मिर अधिकारके ना मानत हए।
\v 10 जा कारन जब मए आमङ्गो बाको करो भओ कामको बातके उठामङ्गो। हमर विरुद्धमे वा खराब वचन बोलत जात हए। इत्कामे सन्तुष्ट ना हुइके बा भइयनके स्वागत करन इन्कार करत हए, और विनके स्वागत करन बारेनके फिर रोकत हए, और विनके मण्डलीसे बाहेर निकार देतहए।
\v 11 मिर प्रियो खराबीके अनुकरण मत करओ पर भलाई को अनुकरण करओ जौन भलो करत हए, बा परमेश्‍वरको हए, जौन खराबी करत हए बा परमेश्‍वरके ना देखी हए।
\v 12 डेमोत्रियासके ताँही त सबए आदमी गवाही दई हँए, और सत्य फिर जा गवाही देत हए। हम फिर गवाही देत हँए,और तुम जानत हओ की हमरो गबाही सत्य हए।
\v 12 डेमोत्रियासके ताँही त सबए आदमी गवाही दई हँए, और सत्य फिर जा गवाही देत हए। हम फिर गवाही देत हँए, और तुम जानत हओ की हमरो गबाही सत्य हए।
\v 13 मोके बहुत बात लिखन रहए पर मसी और कलमसे बे तुमके लिखत ना हऔं।
\v 14 पर तुमके बहुत जल्दी मिलनको आशा करत हऔं और हम आमने सामने मिलके बात करङ्गे।
\v 15 तुमके शान्ती मिलए। सबए सङ्गीनसे तुमके अभिवादन। सङ्गीनके नाउ लैके अभिवादन देबओ।

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\id rom Regular
\ide usfm
\h Romans
\toc1 Romans
\toc2 Romans
\h रोमीन्के पावलको चिट्ठी
\toc1 रोमीन्के पावलको चिट्ठी
\toc2 रोमीन्के पावलको चिट्ठी
\toc3 rom
\mt Romans
\mt रोमीन्के पावलको चिट्ठी
\c 1
रोमीन्के पावलको चिट्ठी
Chapter 1
\p
\v 1 प्रेरित होनके तँहि बुलाएभए और सुसमाचारको कामके तँहि अलग करोभौ ्येशू ख्रीष्टको दास पावल ।
\v 2 बा अपन अगमवक्तानसे आग्गुयए धर्म- शास्त्रमे प्रतिज्ञा करी भइ सुसमाचर जहे हए |
\v 3 जा शरीरअनुसार दाऊदको वंशसे जलमो भौ बाको पुत्रके बारेमे हए ।
\v 4 मरेनसे पुनरुत्थान हुइके और पवित्रताको आत्मासे शक्तिशाली परमेश्वरको पुत्र होन घोषण करो भौ बा हमर प्रभु येशू ख्रीष्ट हए ।
\v 5 बाको नाँउके ताहिँ सबए जातिठिन विश्वासके आज्ञाकारिताके तँहि हम बासे अनुग्रह और आगुवको काम पाए हँए|
\v 6 जे जातिन मैसे तुम फिर येशू ख्रीष्टको होन बुलाए भए हौ।
\v 7 जा चिट्ठी रोममे भए सबएके तँहि हए , आथव परमेश्‍वर प्रिय, जो पवित्र जाति होन बोलाएभए हँए ।हमर परमेश्वर और प्रभु येशू ख्रीष्टको अनुग्रहऔर शान्ति तुममे रहबए।
\v 8 आग्गु तुम सबएनके तँहि येशु ख्रीष्टसे मए परमेश्‍वरके धन्यवाद चढातहौँ , काहेकि तुमर विश्‍वास सारा संसारभर घोषणा करो हए ।
\v 9 काहेकि मए तुमर नाउँ कित्तो लएरहत हौ कहिके परमेश्वर मिर साँछी हए। बाको पुत्रको सुसमाचारमे मए मिर आत्मासे(जोसके साथ ) बाको सेबा करत हौँ ।
\v 7 जा चिट्ठी रोममे भए सबएके तँहि हए, आथव परमेश्‍वर प्रिय, जो पवित्र जाति होन बोलाएभए हँए ।हमर परमेश्वर और प्रभु येशू ख्रीष्टको अनुग्रहऔर शान्ति तुममे रहबए।
\v 8 आग्गु तुम सबएनके तँहि येशु ख्रीष्टसे मए परमेश्‍वरके धन्यवाद चढातहौँ, काहेकि तुमर विश्‍वास सारा संसारभर घोषणा करो हए ।
\v 9 काहेकि मए तुमर नाउँ कित्तो लएरहत हौ कहिके परमेश्वर मिर साँछी हए। बाको पुत्रको सुसमाचारमे मए मिर आत्मासे(जोसके साथ) बाको सेबा करत हौँ ।
\v 10 परमेश्‍वरको इच्छासे जैसे फिर मए तुमरठिन आनके सफल होन सकौं कहिके मए साद मिर प्रार्थनामे अनुरोध करत हौँ ।
\v 11 मए तुमके भेटन गजब इच्छा करत हौँ , ताकि तुमके तगडो बनानके ताँहि मए तुमके कुछ वरदान दै पामउँ ।
\v 11 मए तुमके भेटन गजब इच्छा करत हौँ, ताकि तुमके तगडो बनानके ताँहि मए तुमके कुछ वरदान दै पामउँ ।
\v 12 अइसी तुमर और मिर एक-दुस्रेको विश्‍वाससे मए आपसि रुपमे उत्साहित होन गजब इच्छा करत हौँ ।
\v 13 मए बिषेस तुमर ठिन आन इच्छा करो कहि बातमे तुम अन्जन होबओ कहिके मए ना चाहँत हौँ, पर मोके अभेसम्म रोकोगव हए। मए बाँकी गैरयहूदीनके बिचमे जैसो तुमर बिचमे फिर कुछ फल पानके ताँहि जा चाहो हौँ।
\v 14 मए यहूदीन् और विदेशीन् , बुद्धिमनिन् और मूर्खन दुनैको ऋणी हौँ ।
\v 14 मए यहूदीन् और विदेशीन्, बुद्धिमनिन् और मूर्खन दुनैको ऋणी हौँ ।
\v 15 जहेमारे मिर हकमे मए तुम रोममे होन बारेनके फिर सुसमाचार प्रचार करन तयार हौं।
\v 16 मए सुसमाचारके ताँहि ना शर्मात हौँ, काहेकि जा विश्‍वास करन बारे सबय के ताँहि परमेश्‍वारको मुक्तिको शक्ति हए , पहिले यहुदी और जकपिच्छु ग्रिकनके ताँहि ।
\v 17 काहेकी जहेमे परमेश्‍वरको धार्मिकता विश्‍वाससे विश्‍वासमे करो गव हए , जैसो लिखो हए "धर्मी विश्‍वासैसे जिहए ।" ।
\v 16 मए सुसमाचारके ताँहि ना शर्मात हौँ, काहेकि जा विश्‍वास करन बारे सबय के ताँहि परमेश्‍वारको मुक्तिको शक्ति हए, पहिले यहुदी और जकपिच्छु ग्रिकनके ताँहि ।
\v 17 काहेकी जहेमे परमेश्‍वरको धार्मिकता विश्‍वाससे विश्‍वासमे करो गव हए, जैसो लिखो हए "धर्मी विश्‍वासैसे जिहए ।
\v 18 काहेकि सबय भक्तिहीनता और आदमीनको पापके बिरुध्द परमेश्‍वरकी क्रोध स्वर्गसे प्रकट भौ हए जौन भक्तिहीनताद्वारा सत्यताके रोके हए।
\v 19 जा परमेश्वरके बारेमे अनजान भइ बात बिनके दृश्‍य होनके करनसे है काहेकि परमेश्‍वर बिनके प्रकाश दै हए ।
\v 20 काहेकि संसारकी उत्पत्तिसे बाक अदृश्‍य पक्ष स्पष्ट रुपमे दृश्‍य भए हँए । बे सृजेभए चिजनके द्वारा बुझेगए हँए। जे पक्ष बाको अनन्त शक्ति और ईश्‍वरीय स्वभाव हँए। परिणामस्वरुप जे आदमीनके कोई बहाना ना हए।
\v 21 जा बे परमेश्‍वरके चिनके फिर बे बाके परमेश्‍वरके रुपमे महिमा नदेन के करनसे भौ हए । बरु बे अपनी बिचारमे मुर्ख भए, और बिनको अचेत हृदय अँध्यारो भव।
\v 22 बे बुद्धिमान भौ कहिके दाबि करीँ ताहुँ फिर बे मुर्खए भए
\v 23 , बे अबिनाशी परमेश्‍वरकी महिमाके नाश होन बारे आदमी , चिरैँ चुर्गुनी ,चार टाङगके जनावर और घिष्टन बाले जीवजन्तुनके प्रतिमासे साटे |
\v 22 बे बुद्धिमान भौ कहिके दाबि करीँ ताहुँ फिर बे मुर्खए भए,
\v 23 बे अबिनाशी परमेश्‍वरकी महिमाके नाश होन बारे आदमी, चिरैँ चुर्गुनी, चार टाङगके जनावर और घिष्टन बाले जीवजन्तुनके प्रतिमासे साटे |
\v 24 जहेमारे परमेश्‍वर बिनकी अशुध्दके तँहिं अथवा बिनके बिचमे बिनको शरीरकी अनादर होबए कहिके बिनको कामवासनामे छोड दै ।
\v 25 परमेश्‍वरको सत्यताके झुठोसे बदलके सदा सर्वदा प्रशंसा करन बारो सृष्टिकर्ताके आराधना करनके बादला सृष्टि करोभौ चिजनके सेवा करन बारे बेहिँ हैँ ।
\v 26 जहेमारे परमेश्वर बिनके शरम लागन बालो कामके ताहि छोड दै, काहेकि बिनकी बैयर अपन स्वाभाविक व्यवहारके अस्वाभाविक व्यवहारमे बदलीं,
@ -38,50 +37,50 @@ Chapter 1
\v 28 बिनको सजगतामे बे परमेश्वरक हए कहिके सहमत ना होनके करनसे बा बिनके बिनको अनुचित काम करनके ताँहि भ्रष्ट मनमे छोड दै ।
\v 29 बे अधार्मिकता, दुष्टता, लोभ, हिर्ससे भरे हँए | बे दिक्क, हत्या, लडाई झगडा, छल बिजरोसे भरे होत हँए, और बे औरेक बात काटनो,
\v 30 और बदनाम कारन बारो परमेश्वरके घृणा करन बारो, हेँकड, अहंकारी, अभिमानी, दुष्ट बात रचके नेगन बारो, अइया दौवाक आज्ञा पालन ना करन बालो
\v 31 मुर्ख, विश्वास घाती, निर्दयी,और झन्नी होत हए ।
\v 32 अइसो करन बारे मरन योग्य होत हँए कहिके परमेश्वरको नियमके बे जानत हँए । पर बे जा थोक करन इकल्लो ना हए , बे आइसो करनबारेन संग सहमत फिर होतहँए ।
\v 31 मुर्ख, विश्वास घाती, निर्दयी, और झन्नी होत हए ।
\v 32 अइसो करन बारे मरन योग्य होत हँए कहिके परमेश्वरको नियमके बे जानत हँए । पर बे जा थोक करन इकल्लो ना हए, बे आइसो करनबारेन संग सहमत फिर होतहँए ।
\c 2
Chapter 2
\v 1 जहेमारे तुमके कोइ बहाना नैयाँ । ए आदमी, ताय जौन न्याय करत हौ औ ताय दुस्रेके जोके ताँहि दोष लगात हौ तुम अपनै फिर बहेमे दोषी ठरैगे । काहेकी ताय न्याय करन बारो फिर बेही बात करतहौ
\v 2 पर आइसो बात बारेनके उपर परमेश्वरको न्याय होत सत्यताके जैसो हुइ हए कहिके हम जानत हँए
\v 3 पर ए आदमी, जाकेताए अइसो काम करन बालेके दोष लगात हए, और अपना फिर बहे काम करत हौ, का परमेश्वरको न्यायसे वाचङगे कहिके तए सोच हए ?
\p
\v 1 जहेमारे तुमके कोइ बहाना नैयाँ । ए आदमी, ताय जौन न्याय करत हौ औ ताय दुस्रेके जोके ताँहि दोष लगात हौ तुम अपनै फिर बहेमे दोषी ठरैगे। काहेकी ताय न्याय करन बारो फिर बेही बात करतहौ।
\v 2 पर आइसो बात बारेनके उपर परमेश्वरको न्याय होत सत्यताके जैसो हुइ हए कहिके हम जानत हँए।
\v 3 पर ए आदमी, जाकेताए अइसो काम करन बालेके दोष लगात हए, और अपना फिर बहे काम करत हौ, का परमेश्वरको न्यायसे वाचङगे कहिके तए सोच हए?
\v 4 या परमेश्वरको कृपासे तोके पश्चताप घेन लैजात हए कहिके पत्ता नपाइके का तय बक दया, सहनशिलता और धैर्यको प्रशस्तताके खराब मानत हए?
\v 5 तव परमेश्वरको धार्मिकताको न्याय प्रकट होन बारो दिक्कके दिन ताहि अपनो कठोर और अपश्चात्तापी हृदय करके तुम अपने ताहि दिक्कको जमा लगात हौ
\v 6 काहेकि बा हरेक आदमीको उनको काम अनुसार देमंगे
\v 7 धैर्यसे अच्छो काम करके महिमा, इज्जत और अमरत्तो ढुड्नबारेनके चाँही बा अनन्त जीवन देबैगो
\v 5 तव परमेश्वरको धार्मिकताको न्याय प्रकट होन बारो दिक्कके दिन ताहि अपनो कठोर और अपश्चात्तापी हृदय करके तुम अपने ताहि दिक्कको जमा लगात हौ।
\v 6 काहेकि बा हरेक आदमीको उनको काम अनुसार देमंगे।
\v 7 धैर्यसे अच्छो काम करके महिमा, इज्जत और अमरत्तो ढुड्नबारेनके चाँही बा अनन्त जीवन देबैगो।
\v 8 पर झगडालु, सत्यको पालन ना करनबारो, और दुष्टतामे नेगन बारेन के उपर ता क्रोध और दिक्क पडइगो|
\v 9 खराब काम करन बारे सबयआदमी के उपर सङ्कट और आफत आए पडइगो, पहिले यहूदी उपर और अन्यजातिके उपर फिर|
\v 10 और अच्छे काम करन बारे सबयके पहिले यहूदीनके उपर और अन्यजातिके फिर गौरव, इज्जत और शान्ति प्राप्त होबइगो
\v 11 काहेकी परमेश्वर पक्षपात ना करत हए|
\v 12 सबए जौन व्यवस्थाविना पाप करी हँए, बे व्यवस्था विनासे नष्ट फिर होमंगे, और व्यवस्थाके तरे रहीके फिर पाप करनबारेनके न्याय व्यवस्थाद्वारए सेहोबाइगो |
\v 12 सबए जौन व्यवस्थाविना पाप करी हँए, बे व्यवस्था विनासे नष्ट फिर होमंगे, और व्यवस्थाके तरे रहीके फिर पाप करनबारेनके न्याय व्यवस्थाद्वारए सेहोबाइगो|
\v 13 काहेकी व्यवस्था सुनन बारे परमेश्वरके अग्गु धर्मी ना ठहरङगे, पर व्यवस्था पालन करन बारे धर्मी ठहरङगे|
\v 14 काहेकी व्यवस्था नहोनबारे अन्यजातीको स्वभावएसे व्यवस्था अनुसार काम करत हए, कहिकेबिनके व्यवस्था नहुइसे फिर बे अपन ताँहि अपनए व्यवस्था होमाङगे|
\v 15 व्यवस्थासेचाँहन बालि बात अपन हृदयमे लिखो भव बे दिखात हएँ, और बिनकी अपनी दिमाकसे फिर गवाही देत हए, और बिनको विचार कभी विनके दोष लागत हए, और कभी समर्थन करत हए |
\v 16 औ परमेश्‍वरप्रति फिर जहे बात लागु हुइहए । जा बा दिन हुइ हए जब परमेश्वर मोके प्रचार करो भव सुसमाचार-अनुसार येशू ख्रीष्टसे आदमीको गोप्य बातके न्याय करइगो
\v 15 व्यवस्थासेचाँहन बालि बात अपन हृदयमे लिखो भव बे दिखात हएँ, और बिनकी अपनी दिमाकसे फिर गवाही देत हए, और बिनको विचार कभी विनके दोष लागत हए, और कभी समर्थन करत हए|
\v 16 औ परमेश्‍वरप्रति फिर जहे बात लागु हुइहए । जा बा दिन हुइ हए जब परमेश्वर मोके प्रचार करो भव सुसमाचार-अनुसार येशू ख्रीष्टसे आदमीको गोप्य बातके न्याय करइगो।
\v 17 और अगर तुम यहूदी हौ कहेसे व्यवस्थामे भरोसा पडके परमेश्वरसँगको सम्बन्धमे घमण्ड करत हौ,
\v 18 और बाकी इच्छा जानत हौ, और व्यवस्थासे सिकाइ भइ अच्छी बातके मानत हौ,
\v 19 और तुमके जा पक्का हए कि तुम अन्धाको अगुवा हौ, और अन्धकारमे होनबारेके ताहिं ज्योति हौ,
\v 20 मुर्खके सुधारत हौ, अपरिपक्कके शिक्षा देत हौ, काहेकी व्यवस्थामे सबै बुध्दि और सत्यता प्राप्त करे हौ
\v 21 - जब तुम दुसरेन्के सिखात हओ, तव का आपनएके ना सिखात हओ ? जब तुम चोरिके विरुद्धमे प्रचार करत हओ, का तुम अपनाए चोरी करत हओ?
\v 22 तुम, जौन व्यभिचार ना करौ कहिके कहत हओ, का तुम अपनाए व्यभिचार करत हौ?तुम जौन मुर्तिके घृणा करत हौ, का तुम अपनाए मन्दिरके लुटत हौ?
\v 21 जब तुम दुसरेन्के सिखात हओ, तव का आपनएके ना सिखात हओ? जब तुम चोरिके विरुद्धमे प्रचार करत हओ, का तुम अपनाए चोरी करत हओ?
\v 22 तुम, जौन व्यभिचार ना करौ कहिके कहत हओ, का तुम अपनाए व्यभिचार करत हौ? तुम जौन मुर्तिके घृणा करत हौ, का तुम अपनाए मन्दिरके लुटत हौ?
\v 23 तुम जौन परमेश्‍वरको व्यवस्थामे गर्वके साथ रमात हौ, का तुम व्यवस्था भङग करके परमेश्वरको अनादर करत हौ?
\v 24 काहेकी, लिखो हए, “अन्यजातिके विचमे परमेश्वरको नाउँ तुमहीँ से निन्दित भओ हए ।”
\v 24 काहेकी, लिखो हए, “अन्यजातिके विचमे परमेश्वरको नाउँ तुमहीँ से निन्दित भओ हए।”
\v 25 यदि तुम व्यवस्था पालन करत हौ कहेसे वास्तवमे खतनासे निहत्तै तुमके फाइदा हए, पर व्यवस्था भङग करनबारे हौ कहेसे तुमर खतना बेखतना होत हए|
\v 26 अगर शरीरमे बेखतना भव व्यवस्थाके धार्मिक-विधान पालन करत हौ कहेसे, का बिनको बेखतना खतनामे ना गिनैगो का?
\v 27 तव शरीरमे खतना ना भव फिर व्यवस्था चाँही पालन करन बाले लिखित व्यवस्था भए और खतना फिर भए तुम व्यवस्था भङग करन बारेके दोषी ठहरात हौ|
\v 28 काहेकि बा यहूदी ना हए जो बाहिरी रुपसे इकल्लो यहूदी हए, उइसीयए निहत्तै खतना फिर बाहिरी और शारीरिक बात नैयाँ|
\v 29 यहूदी बो हए, जो भित्री रुपसे यहूदी हए, और निहत्तै खतना त हृदयकि बात हए, जा आत्मिक बात हए, लिखित व्यवस्थाकि बात नैयाँ ।अइसो आदमी को प्रशंसा आदमी से नाए, पर परमेश्वरसे होत हए
\v 29 यहूदी बो हए, जो भित्री रुपसे यहूदी हए, और निहत्तै खतना त हृदयकि बात हए, जा आत्मिक बात हए, लिखित व्यवस्थाकि बात नैयाँ ।अइसो आदमी को प्रशंसा आदमी से नाए, पर परमेश्वरसे होत हए।
\c 3
आध्याय ३
\p
\v 1 अब यहूदीके का फाइदा हए त? अथाव खतनाको का मोल?
\v 2 हरतरहासे जा मे गजब फाइदा हए| सबसे अग्गु त परमेश्वरको वाणी यहूदीके सौँपदै हए|
\v 3 अगर बिनमैसे कोइ कोइ विश्वास नाकरी कहेसे, का हुइहए ता? का बिनकी अविश्वास परमेश्वरको विश्वासयोग्यताके रद्ध करत हए का?
\v 4 उइसो ना होबाए, परमेश्वर सत्य और सब आदमी झुठे ठहरे। जैसो लिखो हए, “तुम अपन वचनमे ठिक ठहरओ, और न्याय होतए तुमविजय होबाओ|”
\v 5 और हमर अधार्मिकतामे परमेश्वरको धार्मिकताके प्रकाशमे लातहए, तव हम का कहँए? का परमेश्वरको दिक्क हमरउपर आएपाडो तव बो अन्याय करत हए? (मए मानवीय जैसितर्क करतहौ|)
\v 6 काद्पी ना होबए! उइसो हए, कहेसे परमेश्‍वर संसारको इन्साफ कैसे करइगो ?
\v 6 काद्पी ना होबए! उइसो हए, कहेसे परमेश्‍वर संसारको इन्साफ कैसे करइगो?
\v 7 पर अगर मिर झुटसे परमेश्वरको सत्यता बक महिमाके ताहिँ प्रशस्त प्रशंसा प्रदान करत हए कहेसे मोके अभेफिर काहे पापीके रुपमे न्याय करत हँए?
\v 8 काहे नकाहँएं, जइसी हमके झुठे रुपमे आरोप लागत हएँ, और कोइ ता पुष्टि करत हँएँ , कि हम काहत हँए, " दुष्ट काम कारएँ, ताकि असल आबए ।'' बिनको न्याय उचित हए
\v 9 अइसो हए तौ का ? का हम अपनए आपनो सफाइ देत हँए ? आइसो नाहोबए! काहेकी यहूदीन् और ग्रिक सबए पापके अधीनमे रहँए कहिके हम पहिलियए दोष लगाएडरे हँए ।
\v 8 काहे नकाहँएं, जइसी हमके झुठे रुपमे आरोप लागत हएँ, और कोइ ता पुष्टि करत हँएँ, कि हम काहत हँए, "दुष्ट काम कारएँ, ताकि असल आबए।'' बिनको न्याय उचित हए।
\v 9 अइसो हए तौ का? का हम अपनए आपनो सफाइ देत हँए? आइसो नाहोबए! काहेकी यहूदीन् और ग्रिक सबए पापके अधीनमे रहँए कहिके हम पहिलियए दोष लगाएडरे हँए ।
\v 10 जइसो लिखो हए, “धर्मी कोइ नैयाँ, एक जनै फिर नैयाँ, ।
\v 11 बुझन बारो कोइ नाहए । परमेश्वरके ढुड्न बारे कोइ नाहँए ।
\v 12 बे सब बराने हँए, बे एक सँग बेक्ममा भए हँए । असल करन बारे कोइ फिर नाहँए, अँहँ एक जनै फिर नाहँएँ ।
@ -99,66 +98,66 @@ Chapter 2
\v 24 परमेश्ववरको अनुग्रह को वारदानसे ख्रीष्ट येशूमे भए उद्धारसे बेए सेँतमे धर्मी ठहरेहएँ।
\v 25 काहेकि परमेश्वर ख्रीष्ट बोके रगतसे प्रायश्‍चित बलिदान स्वरूप त्याग करी रहएँ, जौन प्रायश्‍चित विश्‍वास ग्रहण करन पड्त हए| जा काम परमेश्वर अपन धर्मिकता दिखन ताहि करी रहए, काहेकी बो इश्वरीय धैर्यमे अग्गुके पापनके बो वस्ता ना करी रहए|
\v 26 परमेश्वर अपनै धर्मी हए और येशूमे विश्वास करन बारे बो धर्मी ठहराबैइगो कहन बारी बात प्रमाण करन ताँहि बो वर्तमान समयमे जा करी रहए|
\v 28
\v 27 घमण्ड कहाँ करएँ ?जा त हटाव गौ हए । काके आधारमे ? कामके आधारमे ? नाए ,पर विश्‍वासके आधारमे हए । v 28 तव हम निचोडमे आमंगे , कि कोइ फिर आदमी व्यवस्थाके कामकेबिना विश्वासद्वारए धर्मी ठहारत हए |
\v 29 का परमेश्वर केवल यहूदीनको इकल्लो परमेश्वर हुइहए का? का बो अन्यजातिनके फिर परमेश्वर ना हए का ? हाँ बो अन्यजातिनको फिर परमेश्‍वर हए।
\v 27 घमण्ड कहाँ करएँ? जा त हटाव गौ हए। काके आधारमे? कामके आधारमे? नाए, पर विश्‍वासके आधारमे हए।
\v 28 तव हम निचोडमे आमंगे, कि कोइ फिर आदमी व्यवस्थाके कामकेबिना विश्वासद्वारए धर्मी ठहारत हए|
\v 29 का परमेश्वर केवल यहूदीनको इकल्लो परमेश्वर हुइहए का? का बो अन्यजातिनके फिर परमेश्वर ना हए का? हाँ बो अन्यजातिनको फिर परमेश्‍वर हए।
\v 30 अगर गौसएके एक परमेश्‍वर हए तौ बो खतना भएनके विश्‍वासद्वरा धर्मी ठहारत हए, और खतना नाभएनके फिर विश्‍वासकेद्वरा धर्मी ठहारत हए।
\v 31 का हम विश्‍वाससे व्यवस्थाके रद्द करत हँएं? कबहु एैसो ना होबए ! बरु हम त व्यवस्थाके कायम करत हएँ
\v 31 का हम विश्‍वाससे व्यवस्थाके रद्द करत हँएं? कबहु एैसो ना होबए! बरु हम त व्यवस्थाके कायम करत हएँ।
\c 4
आध्याय ४
\p
\v 1 अब, शरीर अनुसार हमर पुर्खा अब्राहामके बारेमे हम का कहँए त?
\v 2 अगर अब्राहम कामसे धर्मी ठ्हिरतो तौ उनके घमण्ड करनको कारण हुइतो , पर परमेश्वरके अग्गु त नाए ।
\v 2 अगर अब्राहम कामसे धर्मी ठ्हिरतो तौ उनके घमण्ड करनको कारण हुइतो, पर परमेश्वरके अग्गु त नाए ।
\v 3 काहेकी पवित्र-शास्त्रमे का कहत हए? “अब्राहाम परमेश्वरउपर विश्वास करी, और बो उनके ताँहि धार्मिकतामे गिनीगौ ।”
\v 4 |” अब जौन काम करत हए, बाक ज्यालाके अनुग्रहके रुपमे ना गिनोजात हए, पर पानबारो चिजको रुपमे गिनो जात हए।
\v 5 पर बाक ताँहि जौन काम ना करत हए , पर बोकि साट्टा अधर्मीके धर्मी ठहरानबारोमे विश्‍वास करत हए, बोकी विश्‍वसकी धार्मीकताके रुपमे गिनहए।
\v 5 पर बाक ताँहि जौन काम ना करत हए, पर बोकि साट्टा अधर्मीके धर्मी ठहरानबारोमे विश्‍वास करत हए, बोकी विश्‍वसकी धार्मीकताके रुपमे गिनहए।
\v 6 दाऊद फिर काम बिना परमेश्‍वर धार्मीकतामे गिनो भौ आदमीके आशिष घोषणा करत हए ।
\v 7 "बा कहि बे धन्यके हएँ , जोकी अपराध क्षमा हुइगओ हए, और बक पाप तोप दाईहए। "
\v 7 "बा कहि बे धन्यके हएँ, जोकी अपराध क्षमा हुइगओ हए, और बक पाप तोप दाईहए।"
\v 8 बो आदमी धन्यको हए, जौनको विरुद्धमे परमेश्‍वर पापको लेखा नएलेतहए ।”
\v 9 तव का जा आशिर्वाद खतनाबालेनके ताँहि मात्र हए? कि बेखतनाबालेनके ताँहि फिर हए ? काहेकी हम कहत हँएं , अब्राहामके ताँहि त उनको विश्वाससे धार्मिकताके रुपमे गिनो
\v 10 अैसो हए कहेसे, जा कैसे गिनीगौ तौ? अब्राहाम को खतना होनसे अग्गु अथाव पच्छु? जा खतनामे होत ना भौ रहए , पर बेखतनामे भौ रहए।
\v 9 तव का जा आशिर्वाद खतनाबालेनके ताँहि मात्र हए? कि बेखतनाबालेनके ताँहि फिर हए? काहेकी हम कहत हँएं, अब्राहामके ताँहि त उनको विश्वाससे धार्मिकताके रुपमे गिनो।
\v 10 अैसो हए कहेसे, जा कैसे गिनीगौ तौ? अब्राहाम को खतना होनसे अग्गु अथाव पच्छु? जा खतनामे होत ना भौ रहए, पर बेखतनामे भौ रहए।
\v 11 अब्राहाम खतनाको चिनहा पाइ।जा विश्वासको धार्मीकताकी छाप रहए, जो बा खतना होनसे पहिले पाइ गौ रहए । जा चिनहाको फल ता बे खतना होनसे पहिलियए बा विश्‍वास करन बारे सबएक पिता बनो । जक मतलब जा हएकी बो धार्मीकता बिनके ताँहि धार्मीकतामे गिनैगो ।
\v 12 जक मतलब जा हएकी अब्राहाम खतनासे आए भए बालेक ताँही इकल्लो नाए, पर हमर पिता अब्राहामके पिछुवान बालेनके ताँहि फिर पिता बनो । और बो खतना होनसे पहिलियए बक संग विश्बा‍स रहए ।
\v 13 काहेकी संसारके उत्तरधिकारी होनके ताँहि अब्राहाम और उनको वंशके दओ प्रतिज्ञा व्यवस्थासे ना दैरहए , पर जा विश्वासके धार्मिकतासे रहए
\v 13 काहेकी संसारके उत्तरधिकारी होनके ताँहि अब्राहाम और उनको वंशके दओ प्रतिज्ञा व्यवस्थासे ना दैरहए, पर जा विश्वासके धार्मिकतासे रहए।
\v 14 काहेकि अगर बो व्यवस्था पालन करनबारे मात्र उत्तराधिकारि हँंएं कहेसे विश्वासके त खाली बानइ और प्रतिज्ञाके रद्द करीँ ।
\v 15 काहेकी व्यवस्था दिक्क लतहए, पर जहाँ व्यवस्था नैयाँ बोहुअँ अपराध फिर ना हुइहए ।
\v 16 जहेमारे जा विश्वासकेउपर होत हए, काहेकि बो अनुग्रहउपर हुइ पाबए ।फलके रुपमे , प्रतिज्ञा सबए सन्तानके ताँहि पाक्को हए। और जे सन्तान व्यवस्था इकल्लो जानन बरेनके ताँहि ना हए, पर बे अब्राहामकी विश्‍वाससे आएभएनके फिर समेटत हए ।काहेकी बो हम सबकी पिता हए।
\v 17 जैसो लिखो हए, “ मए तोके तमान जातिके पिता बनाओ हौं ।” अब्राहाम अपन भरोसा करो भौ परमेश्‍वरकी उपस्थितिमे रहए, जौन मरेनके जीवन देतहए और अस्तित्वमे नाभए चिजके अस्तित्वमे लाए सक्त हए ।
\v 18 जे सबए बाहिरी परिस्थिती होतसोत फिर भविष्याके ताँहि अब्राहाम परमेश्‍वरमे दृढ भरोसा करी। तहिकमारे बा " तिर बाच्चा आइसी होमंगे" कहोजैसो गजब जातिनकि पिता बनो ।
\v 16 जहेमारे जा विश्वासकेउपर होत हए, काहेकि बो अनुग्रहउपर हुइ पाबए ।फलके रुपमे, प्रतिज्ञा सबए सन्तानके ताँहि पाक्को हए। और जे सन्तान व्यवस्था इकल्लो जानन बरेनके ताँहि ना हए, पर बे अब्राहामकी विश्‍वाससे आएभएनके फिर समेटत हए ।काहेकी बो हम सबकी पिता हए।
\v 17 जैसो लिखो हए, “मए तोके तमान जातिके पिता बनाओ हौं ।” अब्राहाम अपन भरोसा करो भौ परमेश्‍वरकी उपस्थितिमे रहए, जौन मरेनके जीवन देतहए और अस्तित्वमे नाभए चिजके अस्तित्वमे लाए सक्त हए ।
\v 18 जे सबए बाहिरी परिस्थिती होतसोत फिर भविष्याके ताँहि अब्राहाम परमेश्‍वरमे दृढ भरोसा करी। तहिकमारे बा "तिर बाच्चा आइसी होमंगे" कहोजैसो गजब जातिनकि पिता बनो ।
\v 19 बो विश्‍वासमे कमजोर ना रहए। अब्राहाम जानिगौ की बक शरीरमे बाच्चा जलमन तागत ना रहए ।(काहेकी बो करिब सौ वर्ष घेन पुगिगौ रहए) । साराकी कोख फिर बाच्चा जलमान ताँहि तागत ना रहए फिर बि बा स्वीकार करी ।
\v 20 पर परमेश्वरकी प्रतिज्ञाके कारण, अब्राहामके कुछु शङ्का (अविश्‍वास) ना रोकी । बरु, बाके विश्‍वासमे पाक्को बनाइ और बा परमेश्‍वरकी प्रशंसा करी ।
\v 21 परमेश्‍वर जो बात प्रतिज्ञा करी रहए ,बो बा बात पुरा करन ताँहि होन्‍नरी रहए बा पूर्ण रुपमे विश्‍वस्त रहए
\v 22 "जहेमारे फिर बा को विश्वास ""बाके ताँहि धार्मिकता गिनी ।”
\v 21 परमेश्‍वर जो बात प्रतिज्ञा करी रहए, बो बा बात पुरा करन ताँहि होन्‍नरी रहए बा पूर्ण रुपमे विश्‍वस्त रहए।
\v 22 "जहेमारे फिर बा को विश्वास" "बाके ताँहि धार्मिकता गिनी ।”
\v 23 अब जा केवल बाको भलाईके ताँहि ना गिनो रहए ।
\v 24 जा हमर ताँहि फिर लिखो गौ रहए , जौनके ताँहि गिनन बारो हए , हम जौन हमर येशू प्रभुके मरके जिन्दा करन बारोमे विश्‍वास करत हँए ।
\v 24 जा हमर ताँहि फिर लिखो गौ रहए, जौनके ताँहि गिनन बारो हए, हम जौन हमर येशू प्रभुके मरके जिन्दा करन बारोमे विश्‍वास करत हँए ।
\v 25 बो बाही हए जौनके हमर अपराधके ताँहि सौँपो गौ रहए, और हमके धर्मी ठहरान ताँहि जिन्दा भौ हए ।
\c 5
आध्यया ५
\p
\v 1 हम विश्‍वाससे धर्मी ठहारानके करणसे हमर येशू ख्रीष्टसे हम परमेश्‍वरसंग शान्‍तिमे हँएं ।
\v 2 हम बोक उपरको विश्ब‍वाससे जा अनुग्रहमे घूसन् पाए हँए । जा अनुग्रहमे हम ठडे हँए । हमर परमेश्‍वर हमके भविष्यके ताँहि मजबुती देन बारो मतलब परमेश्वरके महिमामे सहभागी हुइके हमर आशामे हम रमातहए ।
\v 3 यितकै इकल्लो नैयाँ, पर हम अपनो संकष्टमे फिर रमातहँए ।, हम जानत हँए कि संकष्ट सहनशीलता उत्पन्न करतहए,
\v 4 सहनशीलता मिलाप उत्पन्‍न करात हए और सहमति भविष्यके ताँहि भरोसा उत्पन्न करात हए ।
\v 5 आशा हमर निराशा ना करत हए, काहेकी हमके दौ भौ पवित्र आत्मासे परमेश्वरको प्रेम हमर हृदयमे अखानए दैहए ।
\v 6 काहेकी हम दुर्वल रहएँ ख्रीष्ट अधर्मीके ताँहि ठीक समयमे मरीगौ ।
\v 7 कोई मुस्किलसे मरैगौ एक जानै धर्मी आदमीके ताँहि , आथव एक जानै असल आदमीके ताँहि सायद कोई मारनको साहस करतो ।
\v 7 कोई मुस्किलसे मरैगौ एक जानै धर्मी आदमीके ताँहि, आथव एक जानै असल आदमीके ताँहि सायद कोई मारनको साहस करतो ।
\v 8 पर परमेश्वर हमर ताँहि बाको प्रेम जहेमे दिखातहए, कि हम पापी होतए ख्रीष्ट हमर ताँहि मरो हए ।
\v 9 जहेमारे बाको रगतसे औ जद्धा धर्मी ठहारे हँएं, पर हम बा को क्रोधसे बच्‍ङगे।
\v 10 काहेकी हम शत्रु होतए बाको लौडाके मृत्युसे परमेश्वरसँग हमर मिलाप भव रहए, ताबहि झन् जाद्धा अब उनहिसँग मिलाप हुइके ख्रीष्टको जीवनसे हम बचामङगे ।
\v 11 यितकै इकल्लो नए, पर हमर प्रभु येशू ख्रीष्टसे परमेश्वरमे हम रमात फिर हँंए, बासे अब हमके परमेश्वरसँग मिलाप प्राप्त भौ हए ।
\v 12 एक जनै आदमीसे संसारमे पाप आओ , और पापसे मृत्यु आओ । आइसी सब आदमीमे मृत्यु फैलिगौ , काहेकी सब पाप करीं ।
\v 12 एक जनै आदमीसे संसारमे पाप आओ, और पापसे मृत्यु आओ । आइसी सब आदमीमे मृत्यु फैलिगौ, काहेकी सब पाप करीं ।
\v 13 व्यवस्थासे अग्गु फिर संसारमे पाप रहए, पर जहाँ व्यवस्था नैयाँ, बोहुना पापको लेखा फिर नाहोतहए ।
\v 14 आदमसे लैके मोशा तक और आदमीकी जैसो पाप नकरन बारेके उपर फिर मृत्यु राज्य करी, जो आनबारो रहए बक प्रतिरुप रहए ।
\v 15 सेँतको वरदान और बो अपराधमे कोइ समानता नैयाँ । काहेकी एक जनै आदमीको, अपराधसे तामान आदमी मरे और एक जनै आदमी आथब येशू ख्रीष्टको अनुग्रहसे अनबारो वरदन गजबके ताँहि प्रशस्त होबए ।
\v 16 सेँतको वरदान त एक जनै आदमीको पापको नतिजाजैसो ना हए । एकघेन ,एक जनै आदमीको अपराधसे दण्डको न्‍यो आओ ।दुस्रो घेन सेँतको वरदान गजब अपराध पिच्छु निर्दोषीकरणको नतिजामे आओ
\v 17 अगर एक आदमीको अपराधसे बा आदमीसे मृत्यु राज्य करी , कहेसे झन जाधा प्रशस्त अनुग्रह और धार्मिकताके सेँतको वरदान पनबारो एक आदमी येशू ख्रीष्टसे जीवनमे राज्य करैगो ।
\v 16 सेँतको वरदान त एक जनै आदमीको पापको नतिजाजैसो ना हए । एकघेन, एक जनै आदमीको अपराधसे दण्डको न्‍यो आओ ।दुस्रो घेन सेँतको वरदान गजब अपराध पिच्छु निर्दोषीकरणको नतिजामे आओ ।
\v 17 अगर एक आदमीको अपराधसे बा आदमीसे मृत्यु राज्य करी, कहेसे झन जाधा प्रशस्त अनुग्रह और धार्मिकताके सेँतको वरदान पनबारो एक आदमी येशू ख्रीष्टसे जीवनमे राज्य करैगो ।
\v 18 आइसी जा एक आदमी अपराधसे सब आदमी दण्डको भागीदार बने, आइसीयए एक आदमीकी धार्मिकताको कामसे सब आदमीके ताँहि धर्मीकरण आओ ।
\v 19 जैसी एकआदमीके अनाज्ञाकारितासे गजब जनैके पापी बनाई, आइसी करके एक जनै आज्ञाकारीसे गजब जनै धर्मी बनङ्गे ।
\v 20 पर व्यवस्था आओ काहेकी अपराध बढए । पर जहाँ पाप बढेहए अनुग्रह झन जाद्धा बढेहए,
\v 21 जहेमारे कि जैसी पाप मृत्युमे राज्य करी, आइसी करके येशू ख्रीष्ट हमर प्रभुद्वारा अनुग्रहसे धर्मी ठहरएके अनन्त जीवनतक राज्य करए ।
\c 6
आध्याय ६
\v 1 अब हम का कहँए? का अनुग्रह प्रशस्त होबाए कहिके हम पापमे लगेरहमए ?
\v 2 आइसो कबहु नहोबाए! हम जो पापके ताहिं मरे, तव हम कैसे बा पापमे जिमएँ ?
\v 3 जितनोके ख्रीष्ट येशूमे बप्तिस्मा दैहए, उनके बाको मृत्यूमे बप्‍तिस्मा दैहए का तुम नजानत हौ ?
\p
\v 1 अब हम का कहँए? का अनुग्रह प्रशस्त होबाए कहिके हम पापमे लगेरहमए?
\v 2 आइसो कबहु नहोबाए! हम जो पापके ताहिं मरे, तव हम कैसे बा पापमे जिमएँ?
\v 3 जितनोके ख्रीष्ट येशूमे बप्तिस्मा दैहए, उनके बाको मृत्यूमे बप्‍तिस्मा दैहए का तुम नजानत हौ?
\v 4 जहेमारे बप्तिस्मामे हम मृत्युमे बाकेसँग गाडे गए, ताकि जैसी पिताके महिमामे ख्रीष्ट मरेभएसे जिन्दा भौ, अइसी हम फिर नयाँ जीवनको डगरमे नेगैं ।|
\v 5 अगर बाको मृत्युमे हम बाकेसँग एक भए हएँ कहेसे, बाके पुनरुत्थानमे फिर पक्कए हम बाकेसँग एक होमंगे ।
\v 6 हम जानत हएँ, कि हमर पूरानो मनुष्यत्व बाकेसँग क्रुसमे टाँगिगओ, ताकि हमर पापमय शरीर नाश होबए, और अब उइसो हम पापको कमैया नहोमएँ ।
@ -170,7 +169,7 @@ Chapter 2
\v 12 जहेमारे शरीरको अभिलाषा अनुसार चलन नपडै कहिके तुमके मरणशील शरीरमे पापके राज्य करन मत देव ।
\v 13 अपन शरीरके अङ्गके दुष्टताके साधनके रुपमे पाप करन समर्पण मतकरौ । पर मृत्युसे जीवनमे लाए भए आदमी जैसो अपनैके परमेश्वरठीन दैदेओ, और शरीरके अङ्गनके धार्मिकताके साधन जैसो परमेश्वरठीन समर्पण करौ ।
\v 14 काहेकी पापके तुमरउपर राज्य करन नदेव, काहेकितुम व्यवस्थाके अधिनमे नाहौ, पर अनुग्रहके अधिनमे हौ ।
\v 15 अब का तौ? का हम व्यवस्थाके अधिनमे नैयाँ, पर अनुग्रहके अधिनमे हएँ कहिके पाप करैं का ? कबहु अईसो ना होबए ।
\v 15 अब का तौ? का हम व्यवस्थाके अधिनमे नैयाँ, पर अनुग्रहके अधिनमे हएँ कहिके पाप करैं का? कबहु अईसो ना होबए ।
\v 16 का तुम नजानत हौ, आज्ञाकारी कमैयाको रुपमे अपनएके जौन ठिन समर्पण करत हौ, बक उपर तुमके आज्ञाकरीहोन पड्हए? जा सत्य हए की तुम मृत्युघेन जानबारो पापको कमैया हौ या धार्मिकताघेन लैजानबारो आज्ञाकारीके सेबक हौ।
\v 17 पर परमेश्वरके धन्यवाद होबए, कि तुम जो एक बार पापकी कमैया रहौ, पर तुमअपनएके दौ भौ शिक्षाको ढाँचाके अपन हृदयसे पालन करौ।
\v 18 तुमके पापसे मुक्त करि हए और तुमके धार्मिकताको कमैया बनाओ गौ हए ।
@ -180,20 +179,20 @@ Chapter 2
\v 22 पर अब तुम पापसे मुक्त हुइके परमेश्वरके कमैया भए हओ, तव तुमर पानबारो प्रतिफल पवित्रकरण हए, और बाको अन्तमे, अनन्त जीवन ।
\v 23 काहेकी पापको ज्याला मृत्यु हए, पर परमेश्वरको सेंतको वरदान ख्रीष्ट येशू हमर प्रभुमे अनन्त जीवन हए ।
\c 7
अध्याय ७
\p
\v 1 भइया रेओ, का तुम ना जनत हओ-मए व्यवस्था जानन बालेनसे मसक रहो हौं कि आदमीनको जीवनकाल तक इकल्लो रहन तक नियन्त्रण करतहए ।
\v 2 उदाहरणके ताहिं, एक व्यहा भइ बैयर बाको लोगा जिन्दाहोन तक अपन लोगा सँग कानुनि रुपमे बँधी रहत हए,अगर बक लोगा मरिगव तव लोगाको नाता कानुनसे बो मुक्त हुइ जात हए ।
\v 2 उदाहरणके ताहिं, एक व्यहा भइ बैयर बाको लोगा जिन्दाहोन तक अपन लोगा सँग कानुनि रुपमे बँधी रहत हए, अगर बक लोगा मरिगव तव लोगाको नाता कानुनसे बो मुक्त हुइ जात हए ।
\v 3 अगर लोगा जिन्दा होतमे फिर बो दुस्रो लोगा करके बक सँग रहएगी तओ बो व्यभिचारी कहिलाइगी। पर लोगा मरजए हए तौ बो जा कानुनसे मुक्त हुइ जए है, और दुसरो लोगासे व्यहा करे से फिर बो व्यभिचारी ना हुइ हए ।
\v 4 अइसी मिर भइया रेओ,तुम फिर ख्रीष्टको शरीरसे व्यवस्थक ताहिं मरे हौ, काहेकी तुम औरोआदमी, अर्थात् मौतसे जिन्दा भओ ख्रीष्टसँग एक होबौ, और हम परमेश्वरके ताहिं फल फलामै।
\v 4 अइसी मिर भइया रेओ, तुम फिर ख्रीष्टको शरीरसे व्यवस्थक ताहिं मरे हौ, काहेकी तुम औरोआदमी, अर्थात् मौतसे जिन्दा भओ ख्रीष्टसँग एक होबौ, और हम परमेश्वरके ताहिं फल फलामै।
\v 5 जब हम पापी स्वभावमे अपन जीवन बितात रहएँ, तव मृत्युको फल फलान ताहिं व्यवस्थासे उत्तोजित करो भव हमर पापमय खराब अभिलाषा हमर अंगमे काम करत रहए ।
\v 6 पर अब हमके वन्धनमे करन व्यवस्थाके ताहिं मरके हम अब बोसे मुक्त भए हैं, और हम पुरानो लिखो विधानके अधिनमे ना पर पवित्र आत्माके नयाँ जीवनमे सेवा करएँ कहिके अैसो भौ हए ।
\v 7 अैसो हए कहेसे"हम का कहैँ तौ? का व्यवस्था पाप हए? आईसो कबहु ना होबए । अगर व्यवस्था नाहुइतोत मै पाप पता नाए पैतो, काहेकी अगर व्यवस्था ""तए लोभ मत कर"" कहिके व्यवस्था ना कहितो त लोभ करन का हए बो पता ना पैतो ।"
\v 7 अैसो हए कहेसे"हम का कहैँ तौ? का व्यवस्था पाप हए? आईसो कबहु ना होबए । अगर व्यवस्था नाहुइतोत मै पाप पता नाए पैतो, काहेकी अगर व्यवस्था "तए लोभ मत कर" कहिके व्यवस्था ना कहितो त लोभ करन का हए बो पता ना पैतो ।"
\v 8 पर पाप आज्ञामे मौका पाईके मिरमे सबए मेलको लोभ उत्पन्न कराई । व्यवस्था बिना त पाप मुर्दा जैसो हए ।
\v 9 व्यवस्था बिना रहत एक दओंमए जिन्दा भौ, पर आज्ञा आओ तव पाप जाग उठो, और मै मरी गौ ।
\v 10 जीवनको प्रतिज्ञा देनबालो बहे आज्ञा मिर ताहिं मौत लाई ।
\v 11 काहेकी पाप जा आज्ञासे मौका पाएके मोके ठगी, और बहेसे मोके मारी ।
\v 12 व्यवस्था पवित्र है, और आज्ञा पवित्र, न्याय सङ्गत और अच्छो हए ।
\v 13 तव का जा अच्छो हए, बहे मिर ताहिं मौत बनो ? अईसो कबहु ना होबए! पर पाप पापैको रुपमे दिखाबै कहिके अच्छी बातसे पाप मिरमे मृत्यु उत्पन्नकरि रहो हए, काहेकी आज्ञासे पाप सब घेनसे पापमय बनए ।
\v 13 तव का जा अच्छो हए, बहे मिर ताहिं मौत बनो? अईसो कबहु ना होबए! पर पाप पापैको रुपमे दिखाबै कहिके अच्छी बातसे पाप मिरमे मृत्यु उत्पन्नकरि रहो हए, काहेकी आज्ञासे पाप सब घेनसे पापमय बनए ।
\v 14 काहेकी हम जानत हैं कि व्यवस्था आत्मिक हए, पर मए शारीरिक हौ, और पापैमे बिचो हौ ।
\v 15 काहेकी जो मए करत हौं, बो ना समखत हौ । काहेकी मए जो करन चाहत हौं बो मए ना करत हौ । पर बहे करत हौं, जो मए घृणा करत हौं ।
\v 16 पर मए जो करन न चाहो भौ मए करत हौं कहेसे व्यवस्था अच्छो हए कहिके मए सहमत हौं ।
@ -204,10 +203,10 @@ Chapter 2
\v 21 अइसी एक नियमसे काम करो मए पात हौ । जब मए भलो करन चाहत हौं, तव दुष्टताके मिर जौने ठाडो देखत हौं ।
\v 22 काहेकी मै मिर पुरो हृदय से परमेश्वरको व्यवस्थामे आनन्दित होत हौं ।
\v 23 पर मिर अंगनमे दुसरो नियमसे मिर मनमे रहो नियम सँग युध्द करत हौं । और मिर अंगनमे बास करन बारो पापको नियमसे मोके वन्धनमे करलेत हए ।
\v 24 हाए, मएकित्तो दु:खी आदमी हौ! जा मौतकि शरीरमे मोके कौन छुटाय हए ?
\v 24 हाए, मएकित्तो दु: खी आदमी हौ! जा मौतकि शरीरमे मोके कौन छुटाय हए?
\v 25 येशू ख्रीष्ट हमर प्रभुद्वारासे परमेश्वरके धन्यवाद होबए । तभैमारे मए स्वयम अपने मनसे परमेश्वरको व्यवस्थाको सेवा करत हौं, पर मिर पापमय स्वभावसे मए पापको व्यवस्थाको सेवा करत हौं ।
\c 8
आध्याय ८
\p
\v 1 जहेकमारे अब ख्रीष्ट येशूमे होनबारेनके डण्डको कोई आज्ञा ना हए ।
\v 2 पाप और मृत्युको व्यवस्ठासे मोके जीवनको आत्मक व्यवस्था त ख्रीष्ट येशूमे मुक्त करी हए ।
\v 3 पापी स्वभावसे कमजोर हुइके व्यवस्था जो न कर पाई बो परमेश्वर करी, अर्थात् बो अपन पुत्रके पापी शरीरके स्वरूपमे पापबली जैसो पठाई । अइसिए वह पापके शरिरैमे दण्ड दै,
@ -221,8 +220,8 @@ Chapter 2
\v 11 पर यदि येशूके मरो मैसे जिन्दा करन बारेक आत्मा तुमरमे बास करत हए कहेसे ख्रीष्ट येशूके मरोभौ मैसे जिन्दा करन बारो तुमरमे बास करन बालो बाको आत्मासे तुमर मरनबारी शरीरके फिर जीवन देबइगो ।
\v 12 जहेमारे भैया रेओ, पापी स्वभाव अनुसार जियन ताहिं हम पापी स्वभाव कता मजबुर ना हएँ ।
\v 13 काहेकी पापी स्वभाव जैसो जिथओ कहेसे, तुम मरैगे, पर पवित्र आत्मासे शरीरके कामनके तुम निर्मुल बनाए हौ तौतुम जिबैगे ।
\v 14 काहेकी ,बे सब जो परमेश्वरको आत्मा से चलत हैं, बेही परमेश्वरके सन्तानहएँ ।
\v 15 "काहेकी फिर डरमे पडन ताहिं दासत्वको आत्मा तुम ना पाए हौ । पर तुम धर्मपुत्र होनको आत्मा पाए हौ। जहेकमारे हम परमेश्वरके ""अब्बा, पिता"" कहिके बुलात हएँ, "
\v 14 काहेकी, बे सब जो परमेश्वरको आत्मा से चलत हैं, बेही परमेश्वरके सन्तानहएँ ।
\v 15 "काहेकी फिर डरमे पडन ताहिं दासत्वको आत्मा तुम ना पाए हौ। पर तुम धर्मपुत्र होनको आत्मा पाए हौ। जहेकमारे हम परमेश्वरके "अब्बा, पिता"" कहिके बुलात हएँ,"
\v 16 ब त हम परमेश्वरके सन्तान हएँ, कहिके पवित्र आत्मा हमर आत्मासँग गवाही दै है ।
\v 17 और सन्तान हएँ कहेसे त उत्तराधिकारी फिर हएँ, परमेश्वरको उत्तराधिकारी और ख्रीष्टसँग साझे-उत्तराधिकारी बाके सँग् दु:ख भोगत हएँ कहे से ता हम बहेक सँग महिमित फिर होमङ्गे ।
\v 18 मै विचार करत हौं, कि हममे जो महिमा प्रकट होबैगो, बाके सँग वर्तमान समयके कष्टन के तुलना करन योग्य ना हए ।
@ -248,7 +247,7 @@ Chapter 2
\v 38 काहेकी मए जा अच्छेसे जानत हओ, कि मौतसे या जिन्दगीसे स्वर्गदुत और प्रधानतासे, वर्तमानको बातसे या पच्छुक बातसे या शक्तिसे,
\v 39 उचाईसे या गहिराइसे, या सारा सृष्टिमे भए कोइ फिर बातसे, ख्रीष्ट येशू हमर प्रभुमे भव परमेश्वरको प्रेमसे हमके अलग ना कर पाबैगो ।
\c 9
आध्याय ९
\p
\v 1 मए येशू ख्रीष्टमे सत्यबोलत हौं, मै ना ठगो हौं ।मिर बिवेक पवित्र आत्मामे मोके गवाही देत हए।
\v 2 मिर हृदयमे गजब शोक और मनमे अटुट वेदना हए।
\v 3 मए त हियाँ तक फिर चाँहत हौं कि मिर भैया और मिर जातिको नातासे मिर कुटुम्बनके ताँहीं मएता श्रापित होमओ और ख्रीष्टसे अलग होमओ!
@ -257,21 +256,21 @@ Chapter 2
\v 6 पर परमेश्वरको वचन बिफल ना भौ हए । काहेकी इस्राएलसे जन्मे सबए इस्राएल ना हँए,
\v 7 ना त अब्रहामको सन्तान हए कहेस का सब बक लौड़ा-लौड़िया हएँ ।पर धर्म शास्त्रमे कहो अनुसार इसाहकै से उनको सन्तान गिनैगो ।
\v 8 जाको अर्थ, शरीरसे जन्मे भए परमेश्वरको सन्तान ना हँए, पर करारसे उत्पन्न भए सबै अब्रहामके सन्तान हैं ।
\v 9 बो प्रतिज्ञा अइसो कहत हए, “कहो समयमे मए फिरके आमङगो , और साराको एक लौड़ा होबैगो ।”
\v 9 बो प्रतिज्ञा अइसो कहत हए, “कहो समयमे मए फिरके आमङगो, और साराको एक लौड़ा होबैगो ।”
\v 10 उइसो इकल्लो ना हए, जब रिबेका एकै पुरुष हमर पूर्खा इसहाकसे गर्भधारण करी,
\v 11 और जुडिया बालक जल्मानसे अग्गुसे, बे कोइ अच्छो या खराब करनसे अग्गु कर्मसे ना पर बाको बुलावट अनुसार परमेश्वरको चुनाउको उदेश्य ठहरए कहिके
\v 12 रिबेकासे अइसीए कहो गओ रहै, “बडो छोटेको सेवा करैगो ।”
\v 13 जैसी लिखो हए, याकूबके मै प्रेम करो, पर एसावके तुच्छ मानो ।'
\v 14 अब हम का कहैं? का परमेश्वरमे अन्याय है त?कतै नाए !
\v 15 बो मोशाके कहत हए, “ जौनके उपर मए कृपा करन चाहत हौ,बाके मए कृपा करङ्गो, और जौनके मए दया चाहत हौ, बाके मए दया करङ्गो|”
\v 14 अब हम का कहैं? का परमेश्वरमे अन्याय है त?कतै नाए!
\v 15 बो मोशाके कहत हए, “जौनके उपर मए कृपा करन चाहत हौ, बाके मए कृपा करङ्गो, और जौनके मए दया चाहत हौ, बाके मए दया करङ्गो|”
\v 16 जहेमारे आदमीको इच्छा वा प्रयास उपर जा निर्भर ना रहत हए पर परमेश्वरके कृपा उपर निर्भर रहत हए ।
\v 17 काहेकि धर्मशास्त्र फारोसे कहात हए, “मै मिर शक्ति तिर उपर दिखामौ, और सारा पृथ्वीमे मिर नाउँक घोषणा करैं जहे आसरासे मै तोके खडो करो ।”
\v 18 जहेमारे बो इच्छा करनबारेके बो कृपा करत हए, और बो इच्छा करन बारेके हृदयके बो कठोर बनात हए ।
\v 19 तव तुम मोसे कहबैगे, “ बा काहे अभेतक फिर दोष लगात हए?
\v 20 पर तए आदमी हुइके परमेश्वरको मुहुँ लागन बालो तए कौन हए? का बनाइ भइ चीज अपने के बनान बारे से”मोके काहे अइसो बानओ ? “ कहात हए का ?
\v 19 तव तुम मोसे कहबैगे, “बा काहे अभेतक फिर दोष लगात हए?”
\v 20 पर तए आदमी हुइके परमेश्वरको मुहुँ लागन बालो तए कौन हए? का बनाइ भइ चीज अपने के बनान बारे से ”मोके काहे अइसो बानओ?“ कहात हए का ?
\v 21 का एकै मट्टीको ढिकासे एकै आदरको बरतन, और दुसरो तुच्छकामके ताहिं बनानके मट्टीके उपर कुमराको अधिकार ना हए का?
\v 22 अगर परमेश्वर अपन क्रोध दिखान और अपन शक्ति प्रदर्शन करन ताहिं विनाशके ताँहिं तयार करो भव क्रोधको पात्रनके अत्यन्त धीरजसे सहिहए कहेसे, का भौ त?
\v 23 अगर महिमाके ताँहिं अग्गुसे तयार करोभौ बाको कृपा-पात्रनके अपन महिमा प्रकट करन ताँहिं अइसो करी हए कहेसे का तओ ?-
\v 23 अगर महिमाके ताँहिं अग्गुसे तयार करोभौ बाको कृपा-पात्रनके अपन महिमा प्रकट करन ताँहिं अइसो करी हए कहेसे का तओ?
\v 24 या हम, जौनके यहूदीसे इकल्लो ना, पर अन्यजातिनके फिर बो बुलाई हए कहेसे का भौ त?
\v 25 जैसी होशे के किताबमे बो कहत हए, “जौन मिर आदमीना रहएँ, उनके मए, मिर प्रजा बनएँ हौं । और जौनके मए प्रेम ना करो रहौं, बाके मए 'मिर प्रिय' कहङ्गो ।”
\v 26 और जहाँ तुम मिर प्रजा ना हओ । कहिके उनके कहि रहै, हुवाँ बो 'जीवित परमेश्वरको सन्तान कहिलामङ्गे ।”
@ -283,45 +282,45 @@ Chapter 2
\v 32 काहे ना कर पाई? काहेकी धार्मिकता कर्मके उपर आधारित हए। सोचके बो विश्वाससे धार्मिकता ना ढुड्त हए| बे ठेस लागन बारे पत्थरमे ठक्कर खाइके गिरे हएँ ।
\v 33 अइसो लिखो हए, “देखौ, मै सियोनमे एक पत्थर धरङ्गो, जा मे आदमीके ठेस लागत हए, एक चट्टान, जो तोके गिरात हए, पर बोके उपर भरोसा करन बाले कोइ शर्ममे ना पड़ैगो ।
\c 10
आध्याय १०
\p
\v 1 भैया रेओ, मिर अपनी हृदयको इच्छा और बिनके ताँहि परमेश्‍वर मिर प्रार्थना जहे हए, कि बे उद्धार पामएँ ।
\v 2 मए जा गवाही देत हौं कि परमेश्‍वर प्रति बिनको जोश त हए, पर जा जोश ज्ञान अनुसार नैयाँ ।
\v 3 काहेकी परमेश्‍वर आनबारो धार्मिकतक बारेमे ना जानके बिनको अपनो धार्मिकता स्थापित करन ढुड्त बे परमेश्‍वरको धार्मिकताके अधिनमे ना हएँ ।
\v 4 काहेकी विश्‍वास करन बारे धर्मी ठहरए कहिके ख्रीष्ट व्यवस्थाको समाप्‍ति हए ।
\v 5 मोशा लिखत हए, “व्यवस्थामे आधारित भव धार्मिकता पालन करन बारे आदमीबहेसे जीहँए”।
\v 6 तव विश्‍वास उपर आधारित भौ धार्मिकता आइसो कहत हए, “मनए मनमे अइसो मत कहओ, 'स्वर्गमे कौन चढपए है ?' (अर्थात् ख्रीष्टके तरे लान ताँही),
\v 6 तव विश्‍वास उपर आधारित भौ धार्मिकता आइसो कहत हए, “मनए मनमे अइसो मत कहओ, 'स्वर्गमे कौन चढपए है?' (अर्थात् ख्रीष्टके तरे लान ताँही),
\v 7 वा अपने मनमे अइसो फिर मत कहओ, 'पातालमे कौन उतरैगो?” (अर्थात् मरे भएसे ख्रीष्टके उपर लानके ताहीं)”|
\v 8 "पर जा का कहात् हए? “वचन तुमर जौने हए, तुमर मुहुमे और तुमर हृदयमे"" अर्थात् विश्‍वासको वचन, जो हम प्रचार करत हएँ ।"
\v 8 "पर जा का कहात् हए? “वचन तुमर जौने हए, तुमर मुहुमे और तुमर हृदयमे" अर्थात् विश्‍वासको वचन, जो हम प्रचार करत हएँ।"
\v 9 काहेकी अगर तुम येशूके प्रभु हए कहिके अपन मुहुसे स्वीकार करे हौ, और परमेश्‍वर बाके मरेसे जिन्दा करी कहिके अपन हृदयसे विश्‍वास करत हौ तौ तुमर उद्धार हुइ हए ।
\v 10 काहेकी आदमी अपनो हृदयमे विश्‍वास करत हए और बा निर्दोष ठहरत हए, फिर बो अपन मुहुसे स्वीकार करत हए और उद्धार पात हए ।
\v 11 धर्मशास्त्र कहत हए, “बोके उपर भरोसा करन बारे कोइ लाजमे ना पणङ्गे ।”
\v 12 काहेकी यहूदी और अन्यजातीमे कोइ भेद नैयाँ । बो एकै प्रभु सबैको प्रभु हए, और बोके पुकारन बारे सबके अपनो गजबै आशिष देत हए ।
\v 13 "काहेकी ""प्रभुको नाँउ पुकारन बारेसबए उद्धार पामङ्गे" ।
\v 13 "काहेकी" "प्रभुको नाँउ पुकारन बारेसबए उद्धार पामङ्गे" ।
\v 14 जौन विश्वास करत नैयाँ बोके आदमी कैसे पुकारैं? जौनके बारेमे सुनी नैयाँ बा के उपर बे कैसे विश्‍वास करैं? और प्रचारक विना बे कैसे सुनै?
\v 15 और कोइ ना पठाए हएँ तव आदमी कैसे प्रचार करङ्गे? जैसो लिखो हए, “सुसमाचार प्रचार करन बारेनके पाँउ कित्तो सुन्दर !”
\v 15 और कोइ ना पठाए हएँ तव आदमी कैसे प्रचार करङ्गे? जैसो लिखो हए, “सुसमाचार प्रचार करन बारेनके पाँउ कित्तो सुन्दर!”
\v 16 तव बे सब सुसमाचार पालन ना करी हएँ, काहेकी यशैया कहत हए, “हे प्रभु, हमसे सुनी बात कौन विश्‍वास करी हए?”
\v 17 जो सुनो गव हए, बा से विश्‍वास आत हए और जो सुन्त हए बा ख्रीष्टको बचनसे आत हए ।
\v 18 पर मए पुछ्त हौं, “का बे सुनी हैं? नेहत्तय बे सुनिहए, काहेकी विनको आवाज सारा पृथ्वी भर पुगो हए, और विनको वचन संसारको दुसरो छोर तक पुगो हए ।”
\v 19 मए फिर पुछङ्गो, “का इस्राएल ना सम्झी ?”सबसे पहिले मोशा कहात हए, “जो एक जाती ना है, मए तुमके बिनके प्रति दुश्मनाई करबाएदेहौं, एक मुर्ख जातिसे मए तुमके गुस्सा करबाएदेहौं ।”
\v 19 मए फिर पुछङ्गो, “का इस्राएल ना सम्झी?” सबसे पहिले मोशा कहात हए, “जो एक जाती ना है, मए तुमके बिनके प्रति दुश्मनाई करबाएदेहौं, एक मुर्ख जातिसे मए तुमके गुस्सा करबाएदेहौं ।”
\v 20 तव यशैया सहास से कहत हए, “मोके ना ढुड्नबाले मोके पाई हएँ, जौन मोके नाए ढुडीरहए बिनहिके विचमे मए अपनेके प्रकट करो हौं ।”
\v 21 पर इस्राएलके बारेमे बे कहत हएँ, “दिन भर त अटेरी और विरोधी आदमी घेन मए मिर हाँथ पसारे हौं ।”
\c 11
आध्याय ११
\v 1 जहेमारे मए पुछत हौं, “का परमेश्‍वर अपन आदमीनके त्याग दै हए ?” कदापि नैया! काहेकी मए फिर त अब्रहामको सन्तान, बैन्यामिनको कुलको एक इस्राएली हौं ।
\v 2 परमेश्‍वर पहिलीय से चुनेभए अपन आदमीनके बहिष्कार ना करी । का-एलियाके बारेमे पवित्र-शास्त्र कहि बात तुम ना जानत हौ ? बा इस्राएलके विरुद्धमे परमेश्‍वरसे कैसे विन्ती करत हए,
\v 3 " ""हे प्रभु बे तुमर अगमवक्तनके मारी हएँ, तुमर वेदी उजाड दै हएँ, और मए इकल्लो छुटो हौं, और बे मिर प्राणके खोजीमे हएँ ।”"
\v 4 तव उनके परमेश्‍वरको उत्तर का कहत हए? “बालके सामने घुटो ना टेकनबारे सात हजार आदमीनके मए अपन ताहिं धरे हौं
\p
\v 1 जहेमारे मए पुछत हौं, “का परमेश्‍वर अपन आदमीनके त्याग दै हए?” कदापि नैया! काहेकी मए फिर त अब्रहामको सन्तान, बैन्यामिनको कुलको एक इस्राएली हौं ।
\v 2 परमेश्‍वर पहिलीय से चुनेभए अपन आदमीनके बहिष्कार ना करी । का-एलियाके बारेमे पवित्र-शास्त्र कहि बात तुम ना जानत हौ? बा इस्राएलके विरुद्धमे परमेश्‍वरसे कैसे विन्ती करत हए,
\v 3 "हे प्रभु बे तुमर अगमवक्तनके मारी हएँ, तुमर वेदी उजाड दै हएँ, और मए इकल्लो छुटो हौं, और बे मिर प्राणके खोजीमे हएँ ।”
\v 4 तव उनके परमेश्‍वरको उत्तर का कहत हए? “बालके सामने घुटो ना टेकनबारे सात हजार आदमीनके मए अपन ताहिं धरे हौं”
\v 5 अइसी करके जा वर्तमान समयमे फिर अनुग्रहसे चुनेभएनके करणसे बाँकी रहे हँए ।
\v 6 पर अनुग्रहसे हए कहेसे वह कर्मको आधरमे नैया, नत अनुग्रह और अनुग्रह ना रहतो ।
\v 7 आईसो हए तौ का? इस्राएल जो ढुँडी रहए बा पानके असफल भौ पर चुने भए बा प्राप्त करी । और सबए कठोर बने,
\v 8 "अइसो लिखो हए: “ परमेश्‍वर विनके चेतनाहीन आत्मा दै हए । अइसोआँखी दै हए जौन नदेखए और अइसो कान जौन ना सुनए, और आजको दिन तक फिर बे अइसी हएँ"","
\v 8 "अइसो लिखो हए: “परमेश्‍वर विनके चेतनाहीन आत्मा दै हए । अइसोआँखी दै हए जौन नदेखए और अइसो कान जौन ना सुनए, और आजको दिन तक फिर बे अइसी हएँ"
\v 9 और दाऊद कहात हए, “बिनको भोजनको टेबुल बिनके ताँही फन्दा और धराप बनए, एक गड्ढा और बिनके ताहिं बदला देन बारी बात होबए ।
\v 10 बिनकी आँखी ना देखन बारेनके धुम्ली होमए, और बिनको पिठ सबदिन कुबरी भइ रहबै ।”
\v 11 जहेमारे मए कहत हौं, “का बे नष्ट होन ताहिं हुणकत हँएं?” कदापी ना होबए! पर इस्राएलको अपराधसे अन्यजातीनमे मुक्ति आओ हए, तव इस्राएल फिर मुक्तिक ताहिं जलन होबै ।
\v 12 अब अगर बिनको अपराध संसारके ताँहिं सम्पति और बिनको असफलता त अन्यजातीनके ताँहिं सम्पति हुइहए कहेसे त बिनको पुरा समावेश त औ कित्तो अर्थपूर्ण हुइहए ?
\v 12 अब अगर बिनको अपराध संसारके ताँहिं सम्पति और बिनको असफलता त अन्यजातीनके ताँहिं सम्पति हुइहए कहेसे त बिनको पुरा समावेश त औ कित्तो अर्थपूर्ण हुइहए?
\v 13 अब तुम अन्यजातीनके कहात हौंअन्यजातिनके प्रेरित भएके कारण मए मिर सेवाके महत्व देत हौं,
\v 14 जा आशामे कि मिर अपनो यहूदी जातीके जलन करबाएकेऔर बिन मैसे कोइ-कोइके बचामंगो।
\v 15 काहेकी अगर बिनको बहिस्कार संसारको मिलाप हए कहेसे, बिनकोअपन्‍नबालो मौतसे जीन्दा करत का हुई तो ?
\v 15 काहेकी अगर बिनको बहिस्कार संसारको मिलाप हए कहेसे, बिनकोअपन्‍नबालो मौतसे जीन्दा करत का हुई तो?
\v 16 अगर मणो भौ चुन एक अंशको पहिलो- भेटीके रुपमे अर्पण करो हए तव, जम्मए ढुक्ला पवित्र होत हए ।अगर जर पवित्र हए तव हाँगा फिर पवित्र हुइ हए ।
\v 17 अगर कोइ हाँगा कटके और असल जैतुनको जराको रस-भण्डारमे सहभागी होनके तुम एक जङगली जैतुन हुइके फिर बिनके ठाउँमे कलमी बँधे हौ तौ,
\v 18 बे हँगनके जौने घमण्ड मत करओ ।अगर घमण्ड करन हए तौ, जा याद करओ कि जरके थामन बारे तुम नैया, पर जर तुमके थामे हए ।
@ -344,7 +343,7 @@ Chapter 2
\v 35 " ""अर्थात्, कौन बाके कोइ उपहार दै हए और परमेश्वर बाके लौटाए हए?”"
\v 36 काहेकी सब चिज बासे, बहेक द्वारा और बहेक ताँहिं हए बहे के त सदासर्वदा महिमा होबै ।आमेन ।
\c 12
आध्याय १२
\p
\v 1 जहेकमारे भैया रेऔ, परमेश्‍वरको कृपाके ध्यानमे धरके मए तुमसे अनुरोध करत हौं, कि तुमर आत्मिकी उपासनाको रुपमे अपन-अपन शरीरके पवित्र और परमेश्‍वरके ग्रहण योग्य होनके जिन्दा बलिके रुपमे अर्पण करओ ।जहे त तुमर उचित सेवा हए ।
\v 2 जा संसारके ढाँचामे मत चलओ पर अपन मनमे नयाँ हुइके पुरा रुपसे परिवर्तन होबओ, और परमेश्वरको अच्छो ग्रहण योग्य और सिद्ध इच्छा का हए, तुम जान सकौ ।
\v 3 काहेकी मोके दओ अनुग्रहसे तुमर मैसे सबैके मए विन्ती करत हौं, जौन अपनोके जैसो सम्झन पडत हए बोसे जाधा मत सम्झओ पर परमेश्वर सबैके दओ भव विश्वासको नापबमोजिम सन्तुलित विचारसे सोचए ।
@ -383,7 +382,7 @@ Chapter 2
\v 13 दिनजैसो हम ठिकसे चलएँ| मोजमजामे, मतवालिपनमे, व्यभिचारमे, भ्रष्टाचारमे, झगडामे और दिक्कमे नाए|
\v 14 पर प्रभु येशू ख्रीष्टके धारण करओ, और पाप-स्वभावको अभिलाषा पुरा करनबारी बातमे ध्यान मत देबओ ।
\c 14
आध्याय १४
\p
\v 1 विश्वासमे कमजोर होन बारे आदमीनके ग्रहण कर, पर बक मतकी बारि बातमे वाद-विवाद करन ताँहि ना ।
\v 2 कोइ सब चिज खात हँए कहिकेविश्‍वास करतहँए, पर विश्‍वासमे कमजोर होनबारो सागसब्जी इकल्लो खात हए ।
\v 3 खानबारो ना खानबरो आदमीके तुच्छ नसम्झए, और ना खानबारो खानबारोक दोष ना लगाबए । काहेकी परमेश्‍वर बाके ग्रहण करी हए ।
@ -408,7 +407,7 @@ Chapter 2
\v 22 तुमरसँग जा विशेष विश्‍वास हए , बिनके अपन औ परमेश्‍वरके बिचमे धरओ| धन्या हए बा आदमी, जौन अपनी मञ्‍जुरी भई बातमे अपनेके दोषी ना ठहरात हए ।
\v 23 पर कोइ शङका करके कुछ खात हए कहेसे बा दोषी ठहारो जात हए, | औ जो विश्‍वाससे ना आओ हए , बा पाप हए।
\c 15
आध्याय १५
\p
\v 1 अब हम जित्तो मजबुत हएँ, हम विश्‍वासमे कमजोर होन बारेनको कमजोरीके सहन पड्त हए|
\v 2 हम प्रत्येक अपन परोसिको आत्मिक सुधार होबए कहिके बिनको भलाईके ताँहि बिनके खुसी रखामए ।
\v 3 काहेकी ख्रीष्ट फिर अपनएके खुसी ना करि । अइसो लिखो हए, तुमके निन्दा करनबारेनके निन्दा मिर उपर परो हए।”
@ -443,7 +442,7 @@ Chapter 2
\v 32 और परमेश्वरको इच्छासे आनन्दसँग तुमर ठिन आएके तुमर सँगमे सङगतिसे मए फिर ताजा हुइ सकौ|
\v 33 शान्तिक परमेश्‍वर तुम सबएसँग रहबए| आमेन|
\c 16
आध्याय १६
\p
\v 1 किंक्रियामे भइ मण्डलीकि धर्म-सेविका हमर बहिनिया फिबिकको प्रशंसा तुमर झौने करत हौँ|
\v 2 मए तुमके निवेदन करत हौँ कि सन्तनके सोहान बारो किसिमसे बिनके प्रभुमे ग्रहण करओ, और बिनके चाहनबारो कोइ फिर सहयता बिनके देओ, काहेकी बे अपनए बाहुतनको और मिर फिर सहयता करी हए|
\v 3 प्रिस्का और अकिलास, ख्रीष्ट येशूमे मिर सहकर्मीके अभिवादन ।

View File

@ -1,56 +1,55 @@
\id tit Regular
\ide usfm
\h Titus
\toc1 Titus
\toc2 Titus
\h तीतसके पावलको चिट्ठी
\toc1 तीतसके पावलको चिट्ठी
\toc2 तीतसके पावलको चिट्ठी
\toc3 tit
\mt Titus
\mt तीतसके पावलको चिट्ठी
\c 1
तीतसके पावलको चिट्ठी
अध्याय १
\p
\v 1 परमेश्‍वरके सेवक और येशू ख्रीष्टके प्रेरित पावल परमेश्‍वरसे चुनेभए आदमीनको विश्‍वासके सुरुवात करन और सत्यताको ज्ञानके सुरु करन जौन भक्तिसे सहमत होतहए
\v 2 अनन्त जीवनको बादमे ,सत्य परमेश्‍वर समयके सबए युगसे पहिले प्रतिज्ञा करीहए
\v 2 अनन्त जीवनको बादमे, सत्य परमेश्‍वर समयके सबए युगसे पहिले प्रतिज्ञा करीहए ।
\v 3 ठिक समयमे हमर मुक्तिदाता परमेश्‍वरको आदेशजैसो मोके प्रचार करन सौँपोभौ सन्देशसे बा अपन वचन प्रस्ट करीहँए ।
\v 4 एकए विश्‍वासमे भओ मिर साँच्चो बालका तीतसके परमेश्‍वर पिता और हमर मुक्तिदाता येशू ख्रीष्टसे अनुग्रह औ शान्ति ।
\v 5 तुम जो चिज अभेतक पुरा ना भओ हएँ बाकी व्यवस्था करौ और मएँ तुमके बताऔ जैसो सबए सहरमे एल्डर बनाँऔ कहिके मएँ तुमके क्रेटमे छोड़ो ।
\v 6 एल्डर दोषरहित, एकए बैयरको लोगा, दोषरहित और अइसो आदमी होबए, जौनक लौड़ा-लौड़िया विश्‍वासी होमए, और चरित्रहिन और अनाज्ञाकरी ना होमए ।
\v 7 काहेकी परमेश्‍वरको कारिन्दा भओ के करण बिशपचाहिँ दोषरहित और होन पणत हए । बे हठी और झट्ट दिक्कान बारे ना होमए, और मतवाला,और झगडालु और धनको लोभी ना होन पणत् हए
\v 7 काहेकी परमेश्‍वरको कारिन्दा भओ के करण बिशपचाहिँ दोषरहित और होन पणत हए । बे हठी और झट्ट दिक्कान बारे ना होमए, और मतवाला, और झगडालु और धनको लोभी ना होन पणत् हए।
\v 8 पर पाहुनाको सेवा करनबारे भलाईको प्रेमी, अपनएके वशमे धरन बारे, इमान्दार, पवित्र और संगमी होन पडत् हए ।
\v 9 बिनके सिखओ विश्‍वासयोग्य वचनमे बे बलियो हुइके बैठन पडत् हए, ताकि बिनको पक्का सिध्दान्त अनुसार शिक्षा देन सिकओ और बे बातको खण्डन करके झुटा साबित करन सिखँए
\v 9 बिनके सिखओ विश्‍वासयोग्य वचनमे बे बलियो हुइके बैठन पडत् हए, ताकि बिनको पक्का सिध्दान्त अनुसार शिक्षा देन सिकओ और बे बातको खण्डन करके झुटा साबित करन सिखँए।
\v 10 काहेकी बहुत आदमी औरके अधीनमे ना वैठन बारे, बकवादी और छली होतहँए, और बिशेष करके खतनाबाले त अइसी होतहए,
\v 11 यिनको मुख बन्द करन पणैगो, काहेकी बे निजि लाभके ताहिँ सारा परिवारके खलबल्याए देतहँए | अइसो शिक्षा बिनके ना देन रहँए ।
\v 12 "बे मैसे एक जनै बिनके अगमवक्ता कहि रहए, " क्रेटके आदमी सबदिन झुट बोल्नबारे, दुष्ट जनवार और अल्छी घिचुवा हँए।”
\v 13 जा गवाही सच्चो हए जहेमारे बिनके करेसे हप्काओ, ताकि बे विश्‍वासमे पक्का होमए,
\v 11 यिनको मुख बन्द करन पणैगो, काहेकी बे निजि लाभके ताहिँ सारा परिवारके खलबल्याए देतहँए| अइसो शिक्षा बिनके ना देन रहँए ।
\v 12 "बे मैसे एक जनै बिनके अगमवक्ता कहि रहए, "क्रेटके आदमी सबदिन झुट बोल्नबारे, दुष्ट जनवार और अल्छी घिचुवा हँए।”
\v 13 जा गवाही सच्चो हए जहेमारे बिनके करेसे हप्काओ, ताकि बे विश्‍वासमे पक्का होमए।
\v 14 और सत्यताके इन्कार करके आदमीनके आज्ञा और यहूदी दन्त्यकथामे ध्यान मत लगओ ।
\v 15 सुध्दनके सब चीज सुध्द हए, पर असुध्द और अविश्‍वासनके चाहिँ कोइ बात फिर सुध्द नैयाँ, पर बिनको मन और विवेक समेत भ्रष्ट भओ हए ।
\v 16 तुम परमेश्‍वरके चिने हौँ करके कहन त कहत् हौ, पर बे अपन कामसे बोके इन्कार करत् हौ । बे घृणित और अनाज्ञाकारी हँए, और कोइ फिर असल कामको ताहिँ योग्यके ना होतए ।
\c 2
अध्याय २
\p
\v 1 तुम चाहिँ जो पक्का धर्मीक-सिध्दान्त सुहन बारो हए बहे सिखओ ।
\v 2 बुड्ढा आदमीनके संगमी, गम्भीर, समझदार, विश्‍वासमे पक्का, प्रेम और धर्यमा पक्के होन सिखओ ।
\v 3 अैइसी करके बुढिया बतोरी ना,सदामान अपनेके इज्जतदार बनान पडत हए । बिनके दारु पित ना रहन पड्त हए ।
\v 3 अैइसी करके बुढिया बतोरी ना, सदामान अपनेके इज्जतदार बनान पडत हए । बिनके दारु पित ना रहन पड्त हए ।
\v 4 बिनके जबान बैयरके बिनको सोचमे प्रेम करन हौँसला देन, समझदार होन,
\v 5 शुद्ध, अच्छेसे घर सम्हारन बालि और बिनको लोगाके आज्ञा पालन करन , जो अच्छो हए बहे सिखान पडत हए, ताकि परमेश्‍वरको वचनको खिल्ली ना उणाएँ ।
\v 6 अैइसी करके जबान आदमीनके फिर आत्मसंयमी होनके अर्ती देओ
\v 5 शुद्ध, अच्छेसे घर सम्हारन बालि और बिनको लोगाके आज्ञा पालन करन, जो अच्छो हए बहे सिखान पडत हए, ताकि परमेश्‍वरको वचनको खिल्ली ना उणाएँ ।
\v 6 अैइसी करके जबान आदमीनके फिर आत्मसंयमी होनके अर्ती देओ ।
\v 7 सब बातमे असल कामको नमुना हुइके तुम अपनए दिखओ, और तुमर शिक्षामे इमानदारी, गम्भीरता, शुद्धता और कोइको निन्दा ना करन ठीक बोली होबए,
\v 8 ताकि हमर बिरुध्दमे खराब बोलन बारी बात कुछ ना हुइके हमर विरोधी शर्ममे पड्ए ।
\v 9 टहालुवा सबए बातमे बे अपन मालिकको आज्ञा पालन करएँ ।बे अपन मालिकके खुसी करन प्रयास करन पड्तहए,और बिनकेसंग विवाद ना करएँ,
\v 9 टहालुवा सबए बातमे बे अपन मालिकको आज्ञा पालन करएँ ।बे अपन मालिकके खुसी करन प्रयास करन पड्तहए, और बिनकेसंग विवाद ना करए
\v 10 बे चोरी ना करएँ पर बे असल विश्‍वास प्रकट करए काहेकि बे हमए मुक्तिदाता परमेश्‍वरको धार्मिक-सिध्दान्तको शोभा बढामए ।
\v 11 काहेकी सब आदमीनको मुक्तिके ताहिँ परमेश्‍वरको अनुग्रह प्रकट भओ बातके हम पान ताहीँ प्रतिक्षा करत,सबए जौने मुक्ति लान असल परमेश्‍वरको अनुग्रह देखा पड़ोहए ,
\v 11 काहेकी सब आदमीनको मुक्तिके ताहिँ परमेश्‍वरको अनुग्रह प्रकट भओ बातके हम पान ताहीँ प्रतिक्षा करत, सबए जौने मुक्ति लान असल परमेश्‍वरको अनुग्रह देखा पड़ोहए,
\v 12 और हमके अधार्मीकता और संसारिक इच्छानके इन्कार करन औ जा युगमे समझदार ।
\v 13 धार्मिक और ईश्‍वरीय जीवन जिनके तालिम देत हए ।
\v 14 येशू हमके अधार्मिकतासे छुणान और अपनी ताहिँ जो ठिक हए बेहे करन इच्छुक अच्छे आदमी या शुद्ध बनान अपनेके हमर ताहिँ दैहए ।
\v 15 जे बात बताऔ और उक्साबौ, और अधिकारसहित सुधारौ । तुमके कोईफिर बेजत ना करए ।
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अध्याय ३
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\v 1 शासक और अधिकारीके अधिनमे रहन, बिनकि बात मानन और हरेक अच्छो कामके ताहीँ तयार बैठन,
\v 2 कोइक खिल्ली नाउणान, कचकचसे अलग रहन, औरे आदमीके अपन-अपन डगरमे नेगन और सब आदमीक नरम दिखान याद करबाऔ ।
\v 3 काहेकी एक चोटि हम फिर लापरवाह, अनाज्ञाकारी रहँएँ । हम बराने और गजब किसिमके खराब इच्छा और आइसोरामको नोकर रहएँ । हम दुष्टता और हिर्समे जित रहँएँ । हम घृणित और एक दुस्रेक घृणा करन बाले आदमी रहँएँ ।
\v 4 और जब परमेश्‍वर हमके बचान बालोको दया और मानव जातिनके ताहिँ बाको प्रेम दिखानो
\v 5 ,हम धार्मीकतामे करो कामसे ना और बाको कृपा जैसो नयाँ जनमसे हँदबाएक और पवित्र आत्मासे नयाँ करके बा हमके बचाइ हए ।
\v 5 हम धार्मीकतामे करो कामसे ना और बाको कृपा जैसो नयाँ जनमसे हँदबाएक और पवित्र आत्मासे नयाँ करके बा हमके बचाइ हए ।
\v 6 हमए बचान बालो परमेश्‍वर येशू ख्रीष्टसे हमर उपर पवित्र आत्मा गजब अखनाइँ ।
\v 7 तव बाको अनुग्रहसे धर्मी बन्के अनन्त जीवनको पक्को उत्तराधिकारी भओ हए ।
\v 8 जे वचन विश्‍वास करन लाएकको हएँ । मए चाँहत हौँ बे जे बातनके बारेमे दृढतासे मस्कएँ ,ताकि परमेश्‍वरमे भरोसा करनबाले बा उनके अग्गु अच्छीबात करनघेन मन लगामएँ । आदमीके ताहीँ जे सब बात अच्छी और फाइदा करन बाली हएँ ।
\v 8 जे वचन विश्‍वास करन लाएकको हएँ । मए चाँहत हौँ बे जे बातनके बारेमे दृढतासे मस्कएँ, ताकि परमेश्‍वरमे भरोसा करनबाले बा उनके अग्गु अच्छीबात करनघेन मन लगामएँ । आदमीके ताहीँ जे सब बात अच्छी और फाइदा करन बाली हएँ ।
\v 9 तव मुर्ख बाद- बिबाद, वंशवाली, फुट और व्यवस्थासम्बन्धी झगडासे अलग बैठओ, काहेकी बे बेफाइदा और व्यर्थके हँए ।
\v 10 फुट ल्यान बारो आदमी चाहिँ एक और दुई चोटी चेताउनी दैके पिछु बाके संग और कोइ सरोकार मतकरीओ
\v 11 जा जानके कि अइसो आदमी भ्रष्ट और पापी हए | बा पाप करतहए और अपनएके दोषी ठहिरात हए |