Tue Aug 01 2023 16:48:31 GMT+0800 (Australian Western Standard Time)
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\v 31 सब तरहाके कवाहटपन, क्रोध और दिक्क, हल्ला और बदनामि, सब मेलके हिंसा करन तुम छोण देबओ ।\v 32 जैसे परमेश्वर ख्रीष्टमे तुमके क्षमा करी, उइसी एक- दुसरेके क्षमा करके तुम एक दुसरेसे कोमल मनके और दयालु होबौ ।
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\v 31 सब तरहाके कवाहटपन, क्रोध और दिक्क, हल्ला और बदनामि, सब मेलके हत्या हिंसा करन तुम छोण देबओ । \v 32 जैसे परमेश्वर ख्रीष्टमे तुमके क्षमा करी, उइसी एक- दुसरेके क्षमा करके तुम एक दुसरेसे कोमल मनके और दयालु होबौ ।
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\c 5 \v 1 जहेमरे तुम प्रिय बालकजैसे परमेश्वरको देखासेखी करन बारे होबौ| \v 2 तुम प्रेममे चलौ, जैसे ख्रीष्ट फिर हमसे प्रेम करी, और परमेश्वरके ताहिँ सुगन्धित भेटी और बलिदान हुइके अपनके हमर ताहिँ अर्पण करी|
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\c 5 \v 1 जहेमरे तुम प्रिय बालकजैसे परमेश्वरको देखासेखी करन बारे होबौ| \v 2 तुम प्रेममे चलौ, जैसे ख्रीष्ट फिर हमसे प्रेम करी, और परमेश्वरके ताहिँ सुगन्धित भेटी और बलिदान हुइके अपनके हमर ताहिँ अर्पण करी|
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अध्याय ५
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अध्याय 5
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"04-20",
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"04-25",
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"04-28",
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"04-31",
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"05-title",
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"05-01",
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"05-03",
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"05-05",
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"05-08",
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