hi_tn/jud/01/03.md

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मैं तुम्हें लिखने में अत्यंत परिश्रम कर रहा था

"मैं तुम्हें लिखने के लिए अत्यंत आतुर था"

हमारा समान उद्धार

"हम उद्धार में समान सहभागी हैं"

मुझे लिखना ही था

"मुझे लिखने की अत्यन्त आवश्यकता अनुभव हुई" या "मुझे लिखना अति आवश्यक जान पड़ा"

ताकि मैं तुम्हें समझ सकूँ और तुम विश्वास के लिए पूरा प्रयत्न करो

"ताकि सच्ची शिक्षा के बचाव के लिए तुम्हें प्रोत्साहित कर सकूँ"

सौंपा गया था

"परमेश्वर ने यह सच्ची शिक्षा दी है"

क्योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं

"क्योंकि कुछ लोग विश्वासियों के बीच में बिना अपनी ओर ध्यान आकर्षित किए आ मिले हैं ।"

जिनके इस दण्ड का वर्णन पुराने समय में पहले से ही लिखा गया था

"बहुत पहले यह लिखा गया था कि इन लोगों को दण्ड मिलेगा"

जो हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते हैं

"जो सिखाते हैं कि परमेश्वर का अनुग्रह व्यक्ति को शारीरिक पाप में बने रहने की अनुमति देता है"

जो हमारे एकमात्र स्वामी और प्रभु , यीशु मसीह का इन्कार करते हैं

ये मनुष्य सिखाते हैं कि यीशु मसीह परमेश्वर की ओर एकलौता और सच्चा मार्ग नहीं है ।

इन्कार

कहना कि कुछ सत्य नहीं है