hi_tn/eph/01/17.md

1.4 KiB

अपनी पहचान में ज्ञान और प्रकाश की आत्मा दे

“उसके प्रकाश की समझ हेतु आत्मिक ज्ञान”

तुम्हारे मन की आंखें ज्योतिमर्य हो

“मन की आंखें अर्थात समझ प्राप्त करने के लिए किसी की क्षमता को बढ़ाना।” कि तुम्हें समझ प्राप्त हो और तुम इस प्रकाश से पूर्ण हो जाओ।

हमारी बुलाहट की आशा

“हमारी बुलाहट की आशा”

उसकी मीरास की महिमा का धन

“उसके महिमामय उत्तराधिकार की प्रचुरता” या “उसके वैभवशाली उत्तराधिकार की बहुतायत”

जो हम में अलग किए पवित्र लोगों

“उसके पृथक किए गए लोगों में” इसमें नैतिकता में निर्दोष एवं पृथक किए हुए पवित्र लोगों का विचार निहित है।