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2017-08-29 21:40:57 +00:00
# अपनी पहचान में ज्ञान और प्रकाश की आत्मा दे
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“उसके प्रकाश की समझ हेतु आत्मिक ज्ञान”
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# तुम्हारे मन की आंखें ज्योतिमर्य हो
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“मन की आंखें अर्थात समझ प्राप्त करने के लिए किसी की क्षमता को बढ़ाना।” कि तुम्हें समझ प्राप्त हो और तुम इस प्रकाश से पूर्ण हो जाओ।
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# हमारी बुलाहट की आशा
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“हमारी बुलाहट की आशा”
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# उसकी मीरास की महिमा का धन
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“उसके महिमामय उत्तराधिकार की प्रचुरता” या “उसके वैभवशाली उत्तराधिकार की बहुतायत”
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# जो हम में अलग किए पवित्र लोगों
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“उसके पृथक किए गए लोगों में” इसमें नैतिकता में निर्दोष एवं पृथक किए हुए पवित्र लोगों का विचार निहित है।