hi_tn-temp/1co/09/07.md

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# कौन कभी गिरह से खाकर सिपाही का काम करता है?
“सैनिक अपने पैसे से सेवा नहीं करता है”
# कौन दाख की बारी लगाकर उसका फल नहीं खाता?
वैकल्पिक अनुवाद: “दाख की बारी लगाने वालों निश्चय ही उसका फल खाएगा” या “दाख की बारी लगानेवाले से कोई भी उसका फल न खाने की अपेक्षा नहीं करता है”। )
# कौन भेड़ों का रखवाली करके उसका दूध नहीं पीता?
“भेड़ों का रखवाला उनका ही दूध पीता है” या “भेड़ों को रखवाले से कोई अपेक्षा भी करता है कि उनका दूध न पीए”।
# क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूं?
“मैं ये बातें मानवीय अभ्यास पर आधारित नहीं करता हूं”।
# क्या व्यवस्था भी यही नहीं कहती है?
“मूसा के विधान में भी यही लिखा है”