* योना की पुस्तक में योना की कहानी है कि उसे परमेश्वर ने नीनवे के लोगों में सन्देश सुनाने भेजा था।
* योना नीनवे जाने की अपेक्षा किसी और तर्शीश देश को जानेवाले जहाज में चढ़ गया था।
* परमेश्वर ने उस जहाज को एक भयानक आंधी से घेर लिया था।
* उसने लोगों को जहाज से नौकायन करने वाले से कहा कि वह परमेश्वर से दूर भाग रहा था, और उन्होंने सुझाव दिया कि वे उसे समुद्र में फेंक दें। जब उन्होंने ऐसा किया तब तूफान थम गया।
* योना को समुद्र में एक बहुत बड़ी मछली ने निगल लिया, वह उस मछली के पेट में तीन दिन तीन रात रहा।
* मछली ने जब योना को उगल दिया तब उसने जाकर नीनवे में परमेश्वर का सन्देश सुनाया, परिणामस्वरूप नीनवे वासियों ने पापों का पश्चाताप किया।
* योना नीनवे को नष्ट न करने के लिए परमेश्वर पर क्रोधित हो गया, और परमेश्वर ने योना को करुणा का सबक सिखाने के लिए एक पौधे और कीड़े का इस्तेमाल किया।