आनंद परमेश्वर से प्राप्त प्रसन्नता की अनुभूति या गहरा सन्तोष। सम्बन्धित शब्द “आनंदित” एक ऐसे व्यक्ति का वर्णन करता है जो अत्यधिक प्रसन्न और गहरे आनंद से पूर्ण है।
* मनुष्य आनंदित तब होता है जब उसे यह अनुभूति होती है कि जिसका वह अनुभव कर रहा है वह बहुत अच्छी है।
* परमेश्वर मनुष्य को सच्चा आनंद प्रदान करता है।
* आनंद मनभावन परिस्थितियों में प्राप्त नहीं होता है। परमेश्वर मनुष्य के जीवन में घोर कठिनाइयों में भी आनंद प्रदान कर सकता है।
* कभी-कभी स्थानों को भी आनंद के कहते हैं जैसे घर और नगर। इसका अर्थ है कि वहां रहने वाले लोग आनंदित हैं।
###आनंदित होना
शब्द "आनन्द" का अर्थ खुशी और खुशी से भरा होना है।
* यह शब्द अक्सर परमेश्वर द्वारा की गई अच्छी चीजों के बारे में बहुत खुश होने का उल्लेख करता है।
* इसका अनुवाद "बहुत खुश होना" या "बहुत प्रसन्न होना" या "आनन्द से भरा होना" हो सकता है।
* जब मरियम ने कहा "मेरा प्राण मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर को आनन्दित करता है," उसका मतलब था "मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर ने मुझे बहुत आनन्दित किया है" या "मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर ने मेरे लिए जो किया है उसके कारण मुझे बहुत आनन्द हो रहा है।"
* “आनंदित नगर” या “आनंदित घर” का अनुवाद हो सकता है “वह नगर जिसमें आनंदित लोग रहते हैं” या “आनंदित लोगों से भरा घर” या “जिस नगर के लोग प्रफुल्लित हैं।” (देखें: [लक्षणालंकार](rc://en/ta/man/translate/figs-metonymy))
* __[33:07](rc://en/tn/help/obs/33/07)__ “वैसे ही जो पथरीली भूमि पर बोए जाते है, ये वह है जो वचन को सुनकर तुरन्त __आनन्द__ से ग्रहण कर लेते है।”
* __[34:04](rc://en/tn/help/obs/34/04)__ “स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने छिपाया। एक दुसरे व्यक्ति को वो धन मिला और उसने भी उसे वापस छिपा दिया। वह बहुत __आनन्द__ से भर गया और जाकर अपना सब कुछ बेच दिया और उस खेत को मोल ले लिया।”
* __[41:07](rc://en/tn/help/obs/41/07)__ वे स्त्रियाँ भय और बड़े __आनन्द__ से भर गई। वे चेलो को यह आनन्द का समाचार देने के लिये दौड़ गई।