# बल, बलवन्त करना, दृढ़ किया, मजबूत, हियाव बाँधा #
## तथ्यों: ##
“बल” अर्थात शारीरिक, मानसिक या आत्मिक शक्ति। “बलवन्त करना” (स्थिर होना, दढ़ होना) अर्थात किसी को अधिक शक्तिशाली बनाना।
* “बल” का अर्थ यह भी है कि किसी प्रकार के विरोधी बल का सामना करना।
* परीक्षा में नहीं गिरनेवाले में “इच्छा शक्ति” होती है।
* भजनकार यहोवा को अपना “बल” कहता है अर्थात् परमेश्वर उसे बलवन्त होने में सहायता करता है।
* दीवार या भवन जैसी रचना को दृढ़ किया जाए तो इसका अर्थ है कि उसका पुनरूद्धार किया जा रहा है उसमें पत्थर और ईंटों को जोड़कर उसे अधिक दृढ़ किया जा रहा है कि वह आक्रमण का सामना कर पाए।
## अनुवाद के सुझाव ##
* “बलवन्त करना” का सामान्यतः अनुवाद हो सकता है, “दृढ़ करना” या “अधिक शक्तिशाली बनाना”।
* आत्मिक अर्थ में “अपने भाइयों को स्थिर कर” का अनुवाद होगा, “अपने भाइयों को प्रोत्साहित कर” या “अपने भाइयों को धीरज धरने में सहायता प्रदान कर”।
* निम्नलिखित उदाहरण इन शब्दों का अर्थ दिखाते हैं, और इसलिए उनका अनुवाद कैसे किया जा सकता है, जब उन्हें लंबे समय तक भाव में शामिल किया जाता है।
* “बल का कटिबन्ध” अर्थात् “पूर्ण शक्ति देना जैसे कटिबन्ध कमर को थामे रहता है”।
* “शान्ति और विश्वास तेरा बल होगा” अर्थात् “शान्ति का आचरण और परमेश्वर में विश्वास तुझे आत्मिक शक्ति प्रदान करेगा”।
* "अपनी शक्ति का नवीनीकरण" का अर्थ "फिर से मजबूत हो जाएंगे”।
* "मेरी ताकत और मेरी बुद्धि से मैंने काम किया" इसका मतलब है "मैंने यह सब किया है क्योंकि मैं बहुत ताकतवर और बुद्धिमान हूं।"
* "दीवार को मजबूत करें" का अर्थ है "दीवार को सुदृढ़ करना" या "दीवार को फिर से बनाना"।
* “मैं तुझे स्थिर करूंगा” अर्थात् “मैं तुझे शक्तिशाली बनाऊंगा”।
* “उद्धार और बल यहोवा से है, अर्थात् “केवल यहोवा हमारा उद्धार करता है और हमें बल देता है”।
* “बल की चट्टान” अर्थात् “वह विश्वासयोग्य जो तुझे बल प्रदान करता है”
* “उसकी दहिनी भुजा के उद्धार के बल से” अर्थात् “वह तुझे संकटों से बलपूर्वक उबारता है जैसे कोई तुझे बलवन्त भुजा से पकड़े रहे”।