* प्रशासक होने के कारण पिलातुस के पास अपराधियों को मृत्यु दण्ड देने का अधिकार था.
* यहूदी धर्म गुरू चाहते थे कि पिलातुस यीशु को मृत्यु-दण्ड दे, अतः उन्होंने यीशु पर झूठा आरोप लगाया कि वह एक अपराधी है.
* पिलातुस समझ गया था कि यीशु ने कोई अपराध नहीं किया है परन्तु वह जनसमूह से डरता था और उन्हें प्रसन्न करना चाहता था, इसलिए उसने सैनिकों को आज्ञा दी कि यीशु को क्रूस पर चढ़ा दें.
(यह भी देखें: [क्रूस पर चढ़ाना](../kt/crucify.md), [हाकिम](../other/governor.md), [दोष](../kt/guilt.md), [यहूदिया](../names/judea.md), [रोम](../names/rome.md))
*__[39:9](rc://hi/tn/help/obs/39/09)__ अगली सुबह यहूदी नेताओ ने यीशु को ले जाकर __पिलातुस__ को सौंप दिया जो एक रोमन राज्यपाल था. वे इस आशा में थे कि __पिलातुस__ उसे दोषी ठहरा कर उसे मरवा डाले. **पिलातुस** ने यीशु से पूछा, “ क्या तू यहूदियों का राजा है?”
*__[39:10](rc://hi/tn/help/obs/39/10)__ __पिलातुस__ ने कहा, “सच क्या है?”
*__[39:11](rc://hi/tn/help/obs/39/11)__ यीशु से बात करने के बाद __पिलातुस__ भीड़ में आया, और कहा, “मैं तो इस व्यक्ति में कोई दोष नहीं पाता.” परन्तु यहूदी गुरुओं ने और जनसमूह ने चिल्लाकर कहा, “इसे क्रूस पर चढ़ा दे.” __पिलातुस__ ने कहा, “यह दोषी नहीं है.” वह और जोर से चिल्लाने लगे. तब __पिलातुस__ ने तीसरी बार कहा, “मैं इसमें कोई दोष नहीं पाता.”
*__[39:12](rc://hi/tn/help/obs/39/12)__ __पिलातुस__ डर गया कि कही कोलाहल न मच जाए, इसलिये उसने यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए सैनिको को सौंप दिया.
*__[40:2](rc://hi/tn/help/obs/40/02)__ __पिलातुस__ ने आज्ञा दी कि यीशु के सिर से ऊपर क्रूस पर यह लिख कर लगा दिया जाए, “यह यहूदियों का राजा है. ”
*__[41:2](rc://hi /tn/help/obs/41/02)__ __पिलातुस__ ने कहा, “कुछ सैनिक लो और जाकर कब्र को जितना अधिक सुरक्षित कर सकते हो कर लो."