“व्यभिचार” शब्द उस पाप को संदेभित करता है जब कोई विवाहित मनुष्य किसी ऐसे मनुष्य से शारीरिक सम्बन्ध बनाता है जो उसका जीवन साथी नहीं है| दोनों ही व्यभिचार के दोषी हैं। “व्यभिचारी” शब्द ऐसे व्याहार या ऐसा पाप करने वाले मनुष्य का वर्णन करता है|
* यदि लक्षित भाषा में ऐसा कोई शब्द न हो जिसका अर्थ, "व्यभिचार" हो तो इस शब्द का अनुवाद एक ऐसे वाक्यांश से किया जा सकता है जैसे, "किसी और की पत्नी के साथ यौन संबन्ध बनाना” या “किसी और के जीवन साथी के साथ अन्तरंग संबन्ध बनाना”।
* कुछ भाषाओं में व्यभिचार को स्पष्ट व्यक्त नहीं किया जाता है जैसे, “किसी और के जीवन साथी के साथ सोना” या “अपनी पत्नी से विश्वासघात करना”। (देखें: [व्यंजना](rc://en/ta/man/translate/figs-euphemism))
* __[13:6](rc://hi/tn/help/obs/13/06)__ "तू __व्यभिचार__ न करना।"
* __[28:2](rc://hi/tn/help/obs/28/02)__ __व्यभिचार__ मत करना
* __[34:7](rc://hi/tn/help/obs/34/07)__ “धार्मिक अगुवे ने अपने मन में इस तरह प्रार्थना की, ‘हे परमेश्वर मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे मनुष्यों के समान अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और __व्यभिचारी__ नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूँ।’”