बाइबल में “परमेश्वर” का संदर्भ शाश्वत जीव से है जिसने ब्रह्माण्ड को शून्य से बनाया है। परमेश्वर का अस्तित्व पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा में है। परमेश्वर का नाम यहोवा है।
* “परमेश्वर” शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दिव्य शक्ति” या “सृजनहार” या “अलौकिक प्राणी”।
* “परमेश्वर” शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “अलौकिक सृजनहार” या “अनन्त परम प्रधान प्रभु” या “शाश्वत अलौकिक प्राणी”
* ध्यान दें कि स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में परमेश्वर के लिए क्या शब्द काम में लिया जाता है। हो सकता है कि लक्षित भाषा में परमेश्वर के लिए एक शब्द है। यदि है तो सुनिश्चित करें कि उस शब्द में एकमात्र सच्चे परमेश्वर के गुण प्रकट है, जैसा ऊपर व्यक्त किया गया है।
* __[01:01](rc://hi/tn/help/obs/01/01)__ __परमेश्वर__ ने छह दिनों में ब्रह्मांड और सब कुछ बनाया।
* __[01:15](rc://hi/tn/help/obs/01/15)__ __परमेश्वर__ ने अपनी छवि में आदमी और औरत को बनाया।
* __[05:03](rc://hi/tn/help/obs/05/03)__ "मैं __परमेश्वर__ सर्वशक्तिमान हूँ। मैं तुम्हारे साथ वाचा बान्धूंगा।
* __[09:14](rc://hi/tn/help/obs/09/14)__ __परमेश्वर__ ने कहा, "मैं जो हूं, सो हूं। उनसे कहना, 'जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।' यह भी उनको बताओ, "मैं तुम्हारे पूर्वजों अब्राहम, इसहाक और याकूब का __परमेश्वर__, यहोवा हूं।" सदा तक मेरा नाम यही रहेगा।'" है
* __[10:02](rc://hi/tn/help/obs/10/02)__ इन भयानक विपत्तियों के द्वारा __परमेश्वर__ यह दिखाना चाहता था ,कि वह फ़िरौन व मिस्र के देवताओ से कई अधिक शक्तिशाली है।
* __[16:01](rc://hi/tn/help/obs/16/01)__ इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा __परमेश्वर__ है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
* __[22:07](rc://hi/tn/help/obs/22/07)__ और तू हे बालक, __परमप्रधान परमेश्वर__ का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा क्योंकि तू प्रभु का मार्ग तैयार करने के लिए उसके आगे आगे चलेगा।
* __[24:09](rc://hi/tn/help/obs/24/09)__ ” केवल एक ही __परमेश्वर__ है। परन्तु जब यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया, उसने पिता __परमेश्वर__ को कहते सुना, पुत्र परमेश्वर को देखा, और पवित्र आत्मा को भी देखा।
* __[25:07](rc://hi/tn/help/obs/25/07)__ "कि ‘तू प्रभु अपने __परमेश्वर__ को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
* __[28:01](rc://hi/tn/help/obs/28/01)__ "जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह __परमेश्वर__ है।"
* __[49:09](rc://hi/tn/help/obs/49/09)__ लेकिन __परमेश्वर__ ने जगत के हर मनुष्य से इतना अधिक प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे उसे उसके पापों का दण्ड नहीं मिलेगा, परन्तु हमेशा __परमेश्वर__ के साथ रहेगा।
* __[50:16](rc://hi/tn/help/obs/50/16)__ लेकिन एक दिन __परमेश्वर__ एक नया आकाश और एक नई पृथ्वी की रचना करेगा जो सिद्ध होगी।