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# Hindi Translation Academy
STR https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/234
STRs:
* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/234
* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/500

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@ -1,4 +1,3 @@
### मान्य तरीके में अनुवाद
नये अनुवाद को पढ़ते समय, स्वयं से ये प्रश्न पूछें। इन प्रश्नों से आपको पता चल पायेगा कि अनुवाद उक्त भाषा समाज के द्वारा मान्य तरीके में किया गया है या नही:

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@ -1,4 +1,3 @@
### भाषा के सटीकता की जाँच
इस भाग का उद्देश्य नए अनुवाद की खरार्इ अथवा सटीकता को निश्चित करना है। दूसरे शब्दों में, स्रोत के अनुवाद के साथ तुलना करने पर, क्या नया अनुवाद उसी अर्थ को बताता है (जरूरी नही है कि समान शब्दों या क्रम का उपयोग हुआ हो)
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1. हर जाँचकर्ता स्वयं अनुवाद को पढ़े (या रिकॉर्डिंग को सुने), अधिकाँश लोगों की भाषा में बाइबल के मूल भाग या कहानी के साथ तूलना करें। यह लाभदायक होगा यदि अनुवादक जाँचकर्ता को अनुवाद पढ़कर सुनाए जिसे वह मूल बाइबल भाग अथवा कहानी के स्रोत को पढ़ने के साथ साथ देख सकता है।जब जाँचकर्ता अनुवाद को पढ़कर (या सुनकर) स्रोत के साथ इसकीर तुलना करता है, तो वह इन प्रश्नों को मन में रखे:
* क्या अनुवाद में मूल अर्थ के साथ कुछ जुड़ा है?
* (मूल अर्थ भी सम्मिलित है [अंतर्निहित जानकारी](../../translate/figs-explicit/01.md))
* क्या कोर्इ भाग अनुवाद में छुट गया है?
* क्या अनुवाद ने अर्थ को किसी भी तरीके से बदला है?
* क्या अनुवाद में मूल अर्थ के साथ कुछ जुड़ा है?
* (मूल अर्थ भी सम्मिलित है [अंतर्निहित जानकारी](../../translate/figs-explicit/01.md))
* क्या कोर्इ भाग अनुवाद में छुट गया है?
* क्या अनुवाद ने अर्थ को किसी भी तरीके से बदला है?
1. जाँचकर्ता उन सब बातों को लिख ले जहाँ उसे लगता हो कि कुछ गलत है या कुछ सही किया जा सकता है। हर जाँचकर्ता उन बातों को अनुवाद के दल के साथ बाँटे
1. एक बाइबल कहानी या अध्याय को व्यक्तिगत तौर पर जाँचने के बाद, जाँचकर्ता अनुवादक अथवा अनुवादक दल से मिलकर, उस कहानी अथवा बाइबल के भाग पर पुनरावलोकन करें। जब वे उस जगह पर पहुँचते हैं जहाँ जाँचकर्ता ने समस्या या प्रश्न को इंगित कर रखा है, तो वे उसमें फेरबदल या विकास के लिए, आपस में प्रश्न पूछें या सुझाव दें। जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल प्रश्नों और सुझावों पर विचार विमर्श कर लें, तो वे दूसरे प्रश्नों अथवा बातों को कहने के दूसरे तरीकों के बारे में विचार विमर्श कर सकते हैं। यह अच्छा है ।
जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल एक साथ काम करें, तो कहानी अथवा बाइबल के भाग के अर्थ को सही तरीके से बताने में परमेश्वर उनकी मदद करेगा।
1. जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल बदलने वाली बातों को निर्धारित कर लें, तो अनुवादक दल अनुवाद को अवलोकन करें। अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद के अवलोकन के बाद, वे इसे एक दूसरे के सामने या भाषा समुदाय के लोगों के साथ पढ़कर सुनाएँ जिससे कि वह भाषा सुनने में स्वाभाविक लगे।
1. जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल बदलने वाली बातों को निर्धारित कर लें, तो अनुवादक दल अनुवाद को अवलोकन करें। अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद के अवलोकन के बाद, वे इसे एक दूसरे के सामने या भाषा समुदाय के लोगों के साथ पढ़कर सुनाएँ जिससे कि वह भाषा सुनने में स्वाभाविक लगे।
1. अनुवादक (या दल) उस बाइबल के भाग को इंगित कर लें जो अभी भी कठिन लगते हों और जहाँ उन्हे बाइबल के जाँचकर्ताओं की अधिक जरूरत महसूस होती हो । कलीसिया के अगुवे और जाँचकर्ता इन लेखों का स्तर दो और तीन में इस्तेमाल करेंगे, जिससे अनुवादकों को उसका अर्थ पता चल सके और पूरी स्पष्टता के साथ उसे बताया जा सके।

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@ -1,7 +1,5 @@
### एक सटीक अनुवाद
यह निश्चित करना जरूरी है कि नया अनुवाद एकदम सही अथवा सटीक हो। सटीकता की जाँच करने के लिए चुने गए लोगों की जिम्मेदारी है कि उन्हे वही अर्थ लोगों तक पहुँचाना है जो मूल लेखक बताना चाहता था या बताने की प्रतीक्षा में था।
ऐसा करने के निर्देशों के लिए, [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md) में जाएँ और ‘‘सब स्तर’’ के तहत दिए गए कदमों का पालन करें।

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### अनुवाद के लिए शब्दमाला
जब आप अनुवाद को पढ़ते हैं तो शब्दों के उच्चारण के लिए निम्न प्रश्नों को पूछें। इन प्रश्नों से आपको भाषा के उच्चारण के लिए एकदम सही शब्द को चुनने में मदद मिलेगी और क्या इन शब्दों को उनकी निरंतरता में लिखा गया है जिससे उन्हे पढ़ना आसान हो।
1. क्या वह शब्द उस भाषा के उच्चारण में इस्तेमाल करने योग्य है? (क्या कोर्इ और उच्चारण हैं जिनका अर्थ अलग लगता है परंतु उन्हे अलग आवाज के लिए उसी अक्षर के साथ इस्तेमाल करना है) क्या इससे शब्द को पढ़ना कठिन तो नही हो जाता? क्या इन शब्दों को कहीं पर लगाने के लिए कुछ अलग चिन्हों को लगाने की जरूरत है जिससे उनका अंतर पता चल सके
1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें?
1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें?
1. क्या अनुवाद ने उन भावों, कथनों, प्रत्ययों या स्पेलिंगों का उपयोग किया है जिन्हे उस भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग जानते हैं? यदि अक्षर या स्पेलिंग के बारे में कुछ गलत है, उसको लिख लें जिससे अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श किया जा सके

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@ -1,4 +1,3 @@
### अधिकार स्तर 1: अनुवादक दल की पुष्टि
इस स्तर का मकसद आदर्श मसीही सिद्धांतों के साथ एवं स्वयं अनुवाद की सटीकता को निश्चित करने के लिए दिए गए निर्देंशों के साथ अनुवादक दल की सहमति की पुष्टि करना है।
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इस स्तर में प्रकाशित लेख सक्रिय प्रोजेक्ट के तौर पर एक खुला आमंत्रण देता है जहाँ भाषा समुदाय से सीधे लोगों को फेरबदल अथवा विकास के सुझावों को बताने का अवसर दिया जाता है।
इस स्तर को पूरा करने के लिए, अनुवादक दल सत्यापित करता है कि विश्वास कथन उनकी अपनी मान्य विचारधाराओं का सही प्रकटीकरण है और अनुवाद भी उसी के अनुसार किया गया है।

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@ -1,4 +1,3 @@
### अधिकार स्तर 2: समुदाय के द्वारा पुष्टि
इस भाग के दो उद्देश्य हैं:

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@ -1,4 +1,3 @@
### अधिकार स्तर 3: कलीसिया के अगुवों की पुष्टि
इस स्तर का उद्देश्य इस बात की पुष्टि करना है कि अनुवाद मूल लेख के उद्देश्य से तथा ऐतिहासिक एवं वैश्विक कलीसिया के सिद्धांतों से मेल खाता है।
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अत: उस क्षेत्र की विभिé कलीसियाओं के सहयोग एवं सहमति से ही स्तर 3 को पूरा किया जा सकता है। अनुवादक दल अनुवाद में संसोधन करेगा जिससे इन कलीसियाओं के अगुवे पुष्टि कर सकें कि अनुवाद सटीक है और उसे कलीसियाओं की संगति स्वीकार करती है।
उस क्षेत्र की कम से कम दो कलीसियाओं के ऐसे अगुवे (या उनके सहयोगी) जो अनुवाद के सिद्धांतों को जानते और बाइबलीय भाषा तथा लेख से परिचित हैं, इस अनुवाद को संपूर्ण तौर पर जाँचकर पुष्टि कर दें तो स्तर 3 पूरा हो जाता है।

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@ -1,4 +1,3 @@
### वर्णन
हर जन जाति में मौजूद कलीसिया के पास यह निर्धारित करने का अधिकार है कि उनकी भाषा में किये गये बाइबल के अनुवाद की गुणवत्ता सही है या नही है। बाइबल अनुवाद को जाँचने एवं पुष्टि करने का अधिकार (जो निरंतर होता है), बाइबल के अनुवाद को जाँचने की प्रक्रिया को करने की योग्यता एवं क्षमता से अलग है (जिसे बढ़ाया जा सकता है) ।गुणवत्ता को निर्धारित करने का अधिकार कलीसिया पर है जो संसाधनों पर उनकी वर्तमान क्षमता, अनुभव और पहुँच से अलग है जिससे वे बाइबल अनुवाद की जाँच का कार्य करते हैं। अत: जबकि भाषा समूह की कलीसिया के पास अपने बाइबल अनुवाद को जाँचने और पुष्टि करने का अधिकार है, ट्राँसलेशन अकेडमी के मापदण्ड समेत, शब्दों की सामग्रियाँ इस बात को निश्चित करने के लिए तैयार की गर्इ हैं कि उत्तम प्रक्रियाओं के द्वारा, कलीसिया के पास भी अपने बाइबल अनुवाद को जाँचने का अधिकार है।
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* [अधिकार स्तर 3](../authority-level3/01.md): भाषा को बोलने वाले लोगों की कलीसियाओं की संगतियों के अगुवों के द्वारा निर्धारित
अनुवाद को जाँचने की प्रक्रिया को ‘‘जाँच प्रक्रिया’’ शीर्षक के तहत मौजुद मापदण्ड के आधार पर किया जाएगा।

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@ -1,4 +1,3 @@
### कलीसियार्इ अगुवे की जाँच कैसे करें
समुदाय के सदस्यों के द्वारा स्पष्टता के लिए अनुवाद सटीकता के लिए इसे कलीसिया के अगुवे जाँच करेंगे। इस समूह में उक्त भाषा को बोलने वाली कम से कम तीन कलीसियाओं के अगुवे शामिल हों जो मूल स्रोत लेख की भाषा को अच्छी तरह से जानते हों। वे अनुवादक दल के किसी भी सदस्य के रिश्तेदार या किसी भी प्रकार से जानकार, न हों। आम तौर पर, अवलोकन करने वाले लोग पासवान होंगे। ये कलीसियार्इ अगुवे भाषा समूह में मौजूद विभिé कलीसियाओं के प्रतिनिधि हों। हम सुझाव देते हैं कि यदि समुदाय में कर्इ सारी कलीसियाएँ हैं तो कम से कम तीन कलीसियाओं की संगति से लोगों को समूह में शामिल करें।
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1. कुछ अध्यायों या बाइबल के एक पुस्तक का अवलोकन कर लेने के पश्चात, अनुवादक दल से मिलें और हर समस्या के बारे में पूछें। अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श करें कि उक्त समस्या को सुलझाने के लिए अनुवाद में क्या फेरबदल किए जा सकते हैं। अनुवाद में फेरबदल एवं समुदाय में इसकी जाँच के पश्चात, किसी भी समय पुन: अनुवादक दल से मिलने की योजना बनाएँ
1. अनुवादक दल से पुन: मिलें और देखें कि समस्या सही हो चुकी है या नही
1. पुष्टि करें कि अनुवाद अच्छा है। स्तर दो के पुष्टिकरण के पृष्ठ को पूरा करने के लिए [स्तर 2 पुष्टि](../good/01.md) देखें।

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@ -1,4 +1,3 @@
### एक स्पष्ट अनुवाद
अनुवाद को पढ़ते समय यह जानने के लिए अनुवाद का संदेश स्पष्ट है या नही, निम्न प्रकार के प्रश्न पूछें। जाँच के इस भाग के लिए, स्रोत भाषा के अनुवाद से नए अनुवाद की तुलना न करें। यदि कहीं कोर्इ समस्या है, तो इंगित करें या लिख लें जिससे कि आप बाद में अनुवादक दल के साथ उक्त समस्या पर विचार विमर्श कर सकें।
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* लेख की स्पष्टता को जानने का एक तरीका यह है कि कुछ पदों को ऊँची आवाज में पढ़ें और हर भाग को पढ़ने के बाद, किसी सुनने वाले को वह कहानी बताने को कहें। यदि वह सही तरीके से आपके संदेश को बता पा रहा है, तो लेख स्पष्ट है
* यदि कहीं पर अनुवाद स्पष्ट नही है, तो उसे लिखें जिससे कि आप अनुवादक दल के साथ उसके बारे में विचार विमर्श कर सकें

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@ -1,4 +1,3 @@
हम, अनुवादक दल के सदस्य, पुष्टि करते हैं कि हमने भाषा समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर अनुवाद को जाँचा है।
* हमने बुजुर्गों और नौजवानों, स्त्री और पुरूषों के साथ अनुवाद को जाँचा है।

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@ -1,4 +1,3 @@
### एक संपूर्ण अनुवाद
इस भाग का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद संपूर्ण है। इस भाग में, नये अनुवाद की तुलना स्रोत अनुवाद से करनी है। जब आप दोनों अनुवादों को पूरा कर लें तो निम्न प्रश्न पूछें:

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@ -1,4 +1,3 @@
कुछ ऐसी भी जाँचें हैं जिन्हे आप बाइबल के एक पुस्तक के अनुवाद से पहले, उसके दौरान या बाद में कर सकते हैं जिससे अनुवाद को और आसान, दिखने में अच्छा और पढ़ने में अधिक से अधिक सरल बनाया जा सकता है। इस भाग के मापदण्ड निम्न विषयों पर अधिक जानकारी प्रदान करते हैं:
### अनुवाद से पहले
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1. छंद रचना (देखें [उचित छंद रचना](../verses/01.md))
1. भाग के शीर्षक (देखें [भाग के शीर्षक](../headings/01.md))

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@ -1,4 +1,3 @@
### क्यों जाँचें?
जाँच का लक्ष्य एक ऐसा अनुवाद करने में अनुवादक दल की मदद करना है जो सही, स्वाभाविक, स्पष्ट और कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य हो। अनुवादक दल भी इसी लक्ष्य को पाना चाहता है।यह आसान लग सकता है, परंतु ऐसा करना बहुत ही मुश्किल है और इसके लिए कर्इ सारे लोगों एवं कर्इ बार अवलोकन करने की जरूरत पड़ती है। इसीलिए, सही, स्वाभाविक, स्पष्ट और कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य अनुवाद को पाने के लिए, जाँचकर्ता अनुवादक दल की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
@ -18,4 +17,3 @@
#### कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य
जाँचकर्ता जो भाषा समुदाय के सदस्य हैं, वे कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य एवं पुष्टिकृत अनुवाद को करने में अनुवादक दल की मदद करेंगे। वे यह कार्य उस भाषा समुदाय में मौजूद कलीसियाओं के सदस्यों और अगुवों के साथ मिलकर करेंगे। जब भाषा समुदाय में मौजूद कलीसियाओं के अगुवे और सदस्य एक साथ मिलकर कार्य करते हैं और सहमत हों कि अनुवाद अच्छा है, तब इसे स्वीकार और उस समाज में इस्तेमाल किया जाएगा। (कलीसिया के द्वारा स्वीकार्य अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें [कलीसिया स्वीकार्य अनुवाद](../../translate/guidelines-church-approved/01.md))

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@ -1,4 +1,3 @@
### स्तर दो की पुष्टिकरण के लिए उचित दस्तावेजों का सही रखरखाव
क्लीसियार्इ अगुवे होने के नाते, हम निम्न बातों की पुष्टि करते हैं:
@ -15,14 +14,14 @@
स्तर 2 जाँचकर्ताओं के नाम एवं स्थान:
* नाम
* स्थान
* स्थान
* नाम
* स्थान
* स्थान
* नाम
* स्थान
* स्थान
* नाम
* स्थान
* स्थान
* नाम
* स्थान
* स्थान
* नाम
* स्थान
* स्थान

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@ -1,11 +1,10 @@
### भागों के शीर्षकों का निर्णय
अनुवादक दल को एक निर्णय यह लेना पड़ेगा कि भागों के शीर्षकों का उपयोग करे या नही । भागों के शीर्षक बाइबल के हर उस भाग को दिया गया शीर्षक या नाम है जो नए विषय को शुरू करता है। भागों के शीर्षक से लोगों को उस भाग की जानकारी मिलती है। कुछ अनुवाद उनका उपयोग करते हैं तो कुछ नही । आप अधिकतर लोगों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले, राष्ट्रीय भाषा में बाइबल के नमूने का पालन कर सकते हैं। आप यह भी पता लगा सकते हैं कि भाषा समुदाय क्या पसंद करता है।
भागों के शीर्षकों का उपयोग आपको अधिक काम देता है क्योंकि बाइबल के लेख के अलावा, आपको हर भाग के शीर्षक का भी अनुवाद करना पड़ेगा। यह आपके बाइबल के अनुवाद को भी लंबा बनाएगा। परंतु भागों के शीर्षक पाठकों के लिए लाभदायक होंगे। भागों के शीर्षक की वजह से ढ़ूँढ़ना आसान को जाता है कि बाइबल में कहाँ कौनसा विषय लिखा है। यदि कोर्इ व्यक्ति किसी विशेष चीज को खोज रहा है तो वह भागों के शीर्षक को देखकर उस विषय तक पहुँच सकता है जिसे वह पढ़ना चाहता है। तत्पश्चात वह उस भाग को पढ़ सकता है।
यदि आपने भागों के शीर्षक का उपयोग करने का निर्णय ले लिया है, तो आपको यह निर्णय लेना होगा कि किस प्रकार का उपयोग करना है। पुन:, आपको यह देखना होगा कि किस प्रकार के भागों के शीर्षकों को समुदाय पसंद करता है और आप शायद राष्ट्रीय भाषा के तरीके का ही उपयोग करना चाहें। ऐसे प्रकार को ही चुनें जिसे लोग यह समझ सकें कि यह लेख का हिस्सा नही है जिसका यह परिचय करवा रहा है। भागों के शीर्षक वचन के भाग नही हैं; वे केवल वचन के विभिé भागों के निर्देश हैं। आप इस चीज को भागों के शीर्षक से पहले और बाद में एक अतंर देकर, अलग फोंट (विभिé तरीके से अक्षर का) इस्तेमाल कर दिखा सकते हैं। देखें कि राष्ट्रीय भाषा की बाइबल में इसे कैसे दर्शाया गया है और भाषा समुदाय के विभिé तरीकों का उपयोग करें।
यदि आपने भागों के शीर्षक का उपयोग करने का निर्णय ले लिया है, तो आपको यह निर्णय लेना होगा कि किस प्रकार का उपयोग करना है। पुन:, आपको यह देखना होगा कि किस प्रकार के भागों के शीर्षकों को समुदाय पसंद करता है और आप शायद राष्ट्रीय भाषा के तरीके का ही उपयोग करना चाहें। ऐसे प्रकार को ही चुनें जिसे लोग यह समझ सकें कि यह लेख का हिस्सा नही है जिसका यह परिचय करवा रहा है। भागों के शीर्षक वचन के भाग नही हैं; वे केवल वचन के विभिé भागों के निर्देश हैं। आप इस चीज को भागों के शीर्षक से पहले और बाद में एक अतंर देकर, अलग फोंट (विभिé तरीके से अक्षर का) इस्तेमाल कर दिखा सकते हैं। देखें कि राष्ट्रीय भाषा की बाइबल में इसे कैसे दर्शाया गया है और भाषा समुदाय के विभिé तरीकों का उपयोग करें।
### भागों के शीर्षक के प्रकार
@ -18,4 +17,3 @@
* ‘‘बारे में’’ टिप्पणी: ‘‘यीशु के द्वारास लकवाग्रसित की चंगार्इ के बारे में’’ यह वर्णनात्मक तरीके से यह बताने की कोशिश में है कि भाग में क्या लिखा है। इस तरीके में यह बात स्पष्ट दिखती है कि यह भाग वचन का हिस्सा नही है।
और जैसा आप देख सकते हैं, कर्इ प्रकार के भागों के शीर्षकों को बनाना संभव है परंतु सबका उद्देश्य समान है। सारे तरीके बाइबल के उस मुख्य भाग के मुख्य विषय की जानकारी देते हैं। कुछ छोटे हैं, तो लंबे हैं। कुछ थोड़ी जानकारी देते हैं, तो कुछ अधिक। आप किसी और प्रकार का भी उपयोग कर सकते हैं और लोगों से पूछें कि उनके लिए कौनसा तरीका लाभप्रद है।

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@ -1,2 +1 @@
### अनुवादशब्द जाँच कैसे करें

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@ -1,4 +1,3 @@
### अनुवाद जाँच निर्देशिका
यह निर्देशिका बताती है कि अनुवाद किए गए बाइबल की सटीकता को कैसे जाँचे कि यह सही, स्पष्ट और स्वाभाविक है या नही।

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@ -1,4 +1,3 @@
### अनुवाद जाँच
#### परिचय
@ -13,7 +12,7 @@
यह जाँच प्रक्रिया की निर्देशिका है, जिसमें तीन स्तरों का एक मापदण्ड है।
जाँच का मापदण्ड इस सीमा को भी बताता है कि अनुवाद की कितनी सटीकता और स्पष्टता को नापा गया है। इन जाँच के मानदण्डों को अनफोल्ड नेटवर्क (देखें https://unfoldingword.bible) के द्वारा विकसित किया गया है, वही दल जो कर्इ वोलन्टियरों की मदद से Door43 का संचालन करता है और उन्होने Door43 में बाइबल के सभी भागों पर सभी जाँच स्तरों को लागु किया है।
जाँच का मापदण्ड इस सीमा को भी बताता है कि अनुवाद की कितनी सटीकता और स्पष्टता को नापा गया है। इन जाँच के मानदण्डों को अनफोल्ड नेटवर्क (देखें https://unfoldingword.org) के द्वारा विकसित किया गया है, वही दल जो कर्इ वोलन्टियरों की मदद से Door43 का संचालन करता है और उन्होने Door43 में बाइबल के सभी भागों पर सभी जाँच स्तरों को लागु किया है।
#### जाँच स्तर
@ -23,9 +22,8 @@
* [जाँच स्तर दो - समुदाय की पुष्टि](../level2/01.md)
* [जाँच स्तर तीन - कलीसियार्इ अगुवों की पुष्टि](../level3/01.md)
जिस अनुवाद की स्तर एक जाँच भी नही हुर्इ है, उसे जाँचरहित माना जाता और उस पर ‘‘जाँचरहित’’ की निशानी लगा दी जाती है।
जिस अनुवाद की स्तर एक जाँच भी नही हुर्इ है, उसे जाँचरहित माना जाता और उस पर ‘‘जाँचरहित’’ की निशानी लगा दी जाती है।
कर्इ सारी जाँच प्रक्रियाओं में से होकर गुजारने का मकसद कलीसिया की पहुँच तक सामग्रियों को बनाना है जिससे लेख की खुली जाँच और पुष्टिकरण का भी अवसर मिलता है। हर समय, यह बात स्पष्ट रूप से दर्शायी जाएगी कि सटीकता के लिए किस सीमा तक लेख की जाँच हुर्इ है। हमारा विश्वास है कि इससे जाँच पक्रिया में गति आएगी, कलीसियार्इ बॉर्ड एवं अधिकार की भागिदारी होगी और बेहतर अनुवाद बाहर लाया जा सकेगा।
*आभार: अनुमति के साथ इस्तेमाल, © 2013, SIL International, Sharing Our Native Culture, p. 69.*
* आभार: अनुमति के साथ इस्तेमाल, © 2013, SIL International, Sharing Our Native Culture, p. 69.*

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@ -1,16 +1,15 @@
### जाँच स्तर कैसे कार्य करता है
जाँच स्तर पर कार्य करते समय याद रखने हेतु कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्न हैं:
* जाँच स्तर एक अथवा उसके ऊपर के स्तर पहुँचा हुआ अनुवाद ही अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट और अनफॉल्डिंग-वर्ड के मोबाइल ऐप पर उपलब्ध करवाया जाएगा। (देखें http://ufw.io/content/)
* जाँच स्तर तीन पार कर चुका अनुवाद ही दूसरे अनुवादों के लिए स्रोत लेख के रूप में प्रमाणित किया जाएगा
* जब एक जाँच स्तर पूरा होता एवं Door43 पर सारे संसोधनों को कर लिया जाता है, जाँचकर्ता अनफॉल्डिंग-वर्ड को जाँच के सारे विवरण बताएगा जिसमें जाँच करने वाले का नाम, जाँचकर्ता के रूप में उसकी योग्यता इत्यादि भी शामिल होगा। तब अनफॉल्डिंग-वर्ड Door43 की प्रति को निकालेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट (https://unfoldingword.bible) पर इसको कॉपी करेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड मोबाइल ऐप पर इसे उपलबध कराएगा ।प्रिंट के योग्य एक प्रति भी तैयार करें और वह डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रहे। door43 पर जाँच किया गया संस्करण भी फेरबदल के लिए उपलब्ध रहेगा जिससे कि भविष्य में भी किसी प्रकार का बदलाव या संपादन किया जा सकता है।
* जब एक जाँच स्तर पूरा होता एवं Door43 पर सारे संसोधनों को कर लिया जाता है, जाँचकर्ता अनफॉल्डिंग-वर्ड को जाँच के सारे विवरण बताएगा जिसमें जाँच करने वाले का नाम, जाँचकर्ता के रूप में उसकी योग्यता इत्यादि भी शामिल होगा। तब अनफॉल्डिंग-वर्ड Door43 की प्रति को निकालेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट (https://unfoldingword.org) पर इसको कॉपी करेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड मोबाइल ऐप पर इसे उपलबध कराएगा ।प्रिंट के योग्य एक प्रति भी तैयार करें और वह डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रहे। door43 पर जाँच किया गया संस्करण भी फेरबदल के लिए उपलब्ध रहेगा जिससे कि भविष्य में भी किसी प्रकार का बदलाव या संपादन किया जा सकता है।
* *ऑपन बाइबल स्टोरीस* प्रोजेक्ट के लिए: केवल *ऑपन बाइबल स्टोरीस* अनुवाद में ही, जिन्हे अंग्रेजी के स्रोत लेख के 3.0 या उसके ऊँचे वजऱ्न से लिया गया है, जाँच स्तर एक (या उससे ऊपरी स्तर) के तहत फेरबदल के लिए मान्य होगा। 3ण्0 से नीचे के वजऱ्नों के द्वारा तैयार किये गये अनुवाद को जाँच प्रक्रिया के लिए भेजने से पहले अपडेट करना जरूरी है। (देखें [स्रोत लेख एवं वर्जन संख्या](../../translate/translate-source-version/01.md)
### जाँच स्तर
*ऑपन बाइबल स्टोरीस* समेत अनफॉल्डिंग-वर्ड के लेखों की सटीकता की निश्चितता के बारे में यहाँ बताया गया है जो पर भी उपलब्घ है।
* ऑपन बाइबल स्टोरीस* समेत अनफॉल्डिंग-वर्ड के लेखों की सटीकता की निश्चितता के बारे में यहाँ बताया गया है जो पर भी उपलब्घ है।
हमारे द्वारा उपयोग किया जाने वाला तीन स्तरीय जाँच का मापदण्ड अनफॉल्डिंग-वर्ड [अनुवाद के निर्देश](../../intro/translation-guidelines/01.md) पर आधारित है।अनुवाद किये गये भाग की तुलना विश्वास कथन के धर्मविज्ञान एवं अनुवाद के निर्देशों की प्रक्रियाओं एवं तरीकों के आधार पर की जाती है। इस प्रकार तैयार हो रहे इन दस्तावेजों की मदद से, अनफॉल्डिंग-वर्ड प्रोजेक्ट में जाँच के तीन स्तर लागु किए जाते हैं।
@ -18,7 +17,6 @@
* [जाँच स्तर दो - समुदाय की पुष्टि](../level2/01.md)
* [जाँच स्तर तीन - कलीसियार्इ अगुवों की पुष्टि](../level3/01.md)
### जाँचकर्ताओं की जाँच
इस दस्ताचेज में उपलब्ध जाँच प्रक्रिया एवं कार्यप्रणाली, लेखों की निरंतर जाँच एवं संसोधन का हिस्सा है जिसे कलीसिया ने निर्धारित किया है जिसका वह इस्तेमाल करती है। टिप्पणियों अथवा सुझावों का स्वागत है (जहाँ हो सके, अनुवाद में उदाहरण पेश किया गया है) जो लेख को इस्तेमाल करने वाले अनगिनत लोगों के सुझावों को प्राप्त करने के मकसद से रखा गया है। लेखों के अनुवाद को अनुवाद मंच (देखें ) पर उपलब्ध कराया गया है जिसे लोगों के इस्तेमाल के लिए बहुत ही आसान बनाया गया जिससे आसानी से लेख के गुण को लगातार बढ़ाया जा सके।

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@ -1,4 +1,3 @@
### भाषा समुदाय जाँच
अनुवादक दल के द्वारा, स्तर एक के तहत, जाँच कर लेने के बाद, अब यह समय है कि अनुवाद को समुदाय के पास ले जाया जाए जहाँ यह निश्चित किया जा सके कि लक्षित भाषा में यह संदेश को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके बता पा रहा है।
@ -11,7 +10,7 @@
1. भाषा समुदाय के एक या अधिक लोगों के सामने अनुवाद के अनुच्छेद को पढ़ें जो इन प्रश्नों का उत्तर देंगे। भाषा समुदाय के ये लोग, कभी भी अनुवादक दल का हिस्सा नही रहे हों।दूसरे शब्दों में, प्रश्न पूछे जा रहे समुदाय के इन सदस्यों को इन प्रश्नों का उत्तर पता नही होना चाहिए जो उन्हे अनुवाद के दौरान या बाइबल के ज्ञान से मिला होगा। हम चाहते हैं कि वे कहानी या बाइबल के भाग के अनुवाद को केवल सुनकर या पढ़कर की उत्तर दें। इसी प्रकार हम पता लगा पाएँगे कि अनुवाद स्पष्ट है या नही। इसी वजह से, यह भी महत्वपूर्ण है कि समुदाय के सदस्य उत्तर देते वक्त बाइबल को नही देखें।
1. इस अनुच्छेद के लिए, समुदाय के सदस्य से प्रश्न पूछें, एक बार में एक प्रश्न। यह जरूरी नही है कि हर कहानी या अध्याय के लिए सभी प्रश्नों का उपयोग किया जाए यदि यह लगता है कि समुदाय के सदस्य अनुवाद को अच्छी तरह से समझ पा रहे हैं।
1. इस अनुच्छेद के लिए, समुदाय के सदस्य से प्रश्न पूछें, एक बार में एक प्रश्न। यह जरूरी नही है कि हर कहानी या अध्याय के लिए सभी प्रश्नों का उपयोग किया जाए यदि यह लगता है कि समुदाय के सदस्य अनुवाद को अच्छी तरह से समझ पा रहे हैं।
1. हर प्रश्न के पश्चात, भाषा समुदाय का एक सदस्य उस प्रश्न का उत्तर देगा। यदि व्यक्ति प्रश्न का उत्तर केवल ‘‘हाँ’’ या ‘‘नही’’ में दे रहा है तो प्रश्न पूछने वाला एक और प्रश्न पूछे जिससे वह निश्चित हो सके कि अनुवाद को अच्छी तरह से समझा जा रहा है। अगला प्रश्न कुछ इस तरह का हो सकता है, ‘‘आपको यह कैसे पता? या ‘‘अनुवाद का कौनसा भाग यह बात कह रहा है?
@ -24,4 +23,3 @@
1. हर कहानी अथवा बाइबल के अध्याय के साथ यही प्रक्रिया तब तक दोहराएँ, जब तक कि समुदाय के सदस्य प्रश्नों का सही उत्तर दे सकें जिससे साबित होता है कि अनुवाद सही संदेश दे पा रहा है । जब समुदाय के ये लोग, जिन्होने पहले अनुवाद को नही सुना है, सभी प्रश्नों का सही उत्तर दे देते हैं तो अब अनुवाद कलीसियार्इ जाँच स्तर 2 के लिए तैयार हो जाता है।
1. समुदाय मुल्यांकन पृष्ठ में जाँ और प्रश्नों के उत्तर दें (देखें [भाषा समुदाय मूल्यांकन प्रश्न](../community-evaluation/01.md))

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@ -1,10 +1,6 @@
### स्तर 1 पुष्टिकरण के लिए सही तरीके से कागजातों का रखरखाव
हम, अनुवादक दल के सदस्य, पुष्टि करते हैं कि हमने स्तर 1 की जाँच प्रक्रिया के निम्न कदमों को पूरा कर लिया है:
* लेख का प्रांरभिक अध्ययन
* अनुवाद-लेख
* अनुवाद-लेख

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@ -1,4 +1,3 @@
### जाँच स्तर एक - अनुवादक दल जाँच
स्तर एक की जाँच को प्राथमिक तौर पर अनुवादक दल करता है जिसमें भाषा समुदाय के कुछ लोगों की मदद ली जाती है. अनुवादक अथवा अनुवादक दल बहुत सारी कहानियों या बाइबल के अध्यायों का अनुवाद करने से पहले अपने अनुवाद को देखें जिससे कि वे अनुवाद की प्रक्रिया के दौरान ही अपनी गलतियों को सही कर सकें. इस प्रक्रिया में कर्इ सारे कदमों को अनुवाद के पूरे होने से पहले कर्इ बार दोहराया जा सकता है.
@ -17,4 +16,3 @@
1. **समकक्ष जाँच** अपने प्रालेख अनुवाद की समकक्ष जाँच करने के निर्देशों के लिए, [समकक्ष जाँच](../peer-check/01.md)
1. **अनुवाद-के-शब्द जाँच** अपने प्रालेख अनुवाद की अनुवाद-के-शब्द जाँच करने के निर्देशों के लिए [ अनुवाद-के-शब्द जाँच](../important-term-check/01.md)
1. **सटीकता की जाँच** देखें [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md)

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@ -1,4 +1,3 @@
### जाँच स्तर दो - बाहरी जाँच
स्तर दो जाँच का उद्देश्य यह सत्यापित करना है कि स्थानीय भाषा समुदाय के प्रतिनिधि दल इस बात से सहमत हैं कि अनुवाद अच्छा है। स्तर दो जाँच दो चरणों में पूरा होता है:
@ -7,4 +6,3 @@
1. **कलीसियार्इ अगुवों की जाँच** - अनुवाद को कलीसियार्इ अगुवों का एक दल यह सत्यापित करने के लिए जाँचेंगे कि अनुवाद सटीक है।कलीसियार्इ अगुवा जाँच के कदमों का पालन करने के लिए, देखें [कलीसियार्इ अगुवा जाँच](../church-leader-check/01.md)
इसे पूरा करने के बाद, इस कार्य का पुष्टिकरण भी जरूरी है। (देखें [स्तर 2 पुष्टिकरण](../good/01.md))

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@ -1,4 +1,3 @@
### स्तर तीन की जाँच के लिए कागजातों का उचित रखरखाव
मैं, *<u>भाषा समुदाय का नाम लिखें</u>* भाषा समुदाय में सेवा कर रहे *<u>कलीसियार्इ संगति या बाइबल अनुवाद संगठन का नाम भरें </u>* , के प्रतिनिधि के रूप में अनुवाद की पुष्टि और निम्न को सत्यापित करता हूँ:
@ -14,4 +13,4 @@
पद: *<u>यहाँ अपने पद का नाम लिखें</u>*
प्रमुख भाषाओं के लिए, आपको [स्रोत लेख प्रक्रिया](../../process/source-text-process/01.md) का पालन करना होगा जिससे आपका अनुवाद एक स्रोत लेख बन सके।
प्रमुख भाषाओं के लिए, आपको [स्रोत लेख प्रक्रिया](../../process/source-text-process/01.md) का पालन करना होगा जिससे आपका अनुवाद एक स्रोत लेख बन सके।

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@ -1,7 +1,6 @@
### स्तर तीन के लिए प्रश्न
स्तर तीन की जाँच के लिए इन प्रश्नों को अपने मन में रखकर नया अनुवाद पढ़ना है।
स्तर तीन की जाँच के लिए इन प्रश्नों को अपने मन में रखकर नया अनुवाद पढ़ना है।
अनुवाद के भाग को पढ़ने के बाद या लेख में समस्या का संदेह पैदा हो तो आप इन प्रश्नों को पढ़ें. यदि आप पहले समूह में इन प्रश्नों का उत्तर ‘‘नही’’ में देते हैं, तो कृपया इसका विस्तृत तौर पर विवरण दें, जहाँ आपको सही नही लगता है और सुझाव दें कि अनुवादक दल उसमें क्या फेरबदल लाए।
@ -13,10 +12,10 @@
1. क्या अनुवाद से पता चलता है कि इसे स्रोत भाषा एवं लक्षित भाषा तथा उनकी संस्कृति का अच्छा ज्ञान है
1. क्या भाषा समुदाय पुष्टि करता है कि अनुवाद उनकी भाषा को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके से बोल पा रहा है?
1. निम्न में से अनुवाद के किस तरीके को अनुवादक ने इस्तेमाल किया है?
1. शब्द दर शब्द अनुवाद, स्रोत अनुवाद के बिल्कुल समान दिखने की कोशिश।
1. वाक्य दर वाक्य अनुवाद, भाषा के स्वाभाविक वाक्यों का इस्तेमाल
1. अर्थ केन्द्रित अनुवाद, स्थानीय भाषा के भावों का पूरी आजादी से इस्तेमाल
1. शब्द दर शब्द अनुवाद, स्रोत अनुवाद के बिल्कुल समान दिखने की कोशिश।
1. वाक्य दर वाक्य अनुवाद, भाषा के स्वाभाविक वाक्यों का इस्तेमाल
1. अर्थ केन्द्रित अनुवाद, स्थानीय भाषा के भावों का पूरी आजादी से इस्तेमाल
1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवाद के द्वारा इस्तेमाल किया गया तरीका (जैसा प्रश्न 4 में पहचाना गया) समुदाय के लिए उचित है?
1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवादक के द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द समुदाय के अधिकतर लोगों के द्वारा बोले जाने वाले हैं? उदाहरण के तौर पर, क्या अनुवादक ने ऐसे भाव, वाक्य या स्पेलिंग का उपयोग किया है जिसे भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग मान्यता देते हैं?
@ -34,5 +33,3 @@
यदि अनुवाद में समस्याएँ थीं, तो अनुवादक दल से मुलाकात कर, उन समस्याओं को दूर करने की योजना बनाएँ। उनके मिलने के पश्चात, अनुवादक दल समुदाय के अगुवों के साथ मिलकर, उस संशोधित प्रति को पुन: देखेंगे जिससे यह निश्चित हो सके कि इसका संदेश सही है और फिर तुमसे मिले।
जब आप अनुवाद की पुष्टि के लिए तैयार हैं, तो आप [स्तर तीन पुष्टिकरण](../level3-approval/01.md) पर जाएँ।

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@ -1,4 +1,3 @@
### जाँच स्तर तीन - प्रमाणित जाँ
स्तर तीन की जाँच भाषा समुदाय की कलीसियाओं के द्वारा मान्य समूहों अथवा संगठनों के द्वारा की जाएगी। इन समूहों के अगुवे सत्यापित करेंगे कि वे उनके द्वारा मान्यता प्राप्त लोगों में अनुवाद के वितरण और उपयोग की अनुमति देते हैं। यह अनुमति अनुवाद के वितरण के लिए जरूरी नही है, परंतु इसको प्रमाणित करती है।

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@ -1,4 +1,3 @@
### स्वाभाविक अनुवाद
ऐसा अनुवाद कि बाइबल स्वाभाविक लगे, इसका अर्थ है:
@ -10,4 +9,3 @@
स्वाभाविकता की जाँच के लिए, आप या भाषा समुदाय का सदस्य इसे ऊँची आवाज में पढ़े। आप इसे लक्षित भाषा समुदाय के किसी एक व्यक्ति या बड़े समूह के सामने पढ़ सकते हैं। पढ़ना शुरू करने से पहले, सुनने वाले लोगों से कहें कि सुनते समय, यदि कहीं पर भी उन्हे ऐसा लगे कि स्वाभाविक नही या ऐसी आवाज में उसे नही कहा जाता है, तो वे आपको रोक दें। जब कोर्इ आपको रोकता है, तो आप किसी को वही बात अधिक स्वाभाविक तौर पर बोलने को कहें।
ऐसा करना मददगार होगा कि आप अपने गाँव के माहौल में अनुवाद के उस भाग की कल्पना करके देखें जिसके बारे में अनुवाद बता रहा है कि वहाँ के लोग इसे कैसे कहेंगे। आप जिन लोगों को जानते हैं, कल्पना करें कि वे यह बात कह रहे हैं, और फिर उसे ऊँची आवाज में कहें। यदि दूसरे सहमत हैं कि यही कहने का अच्छा और स्वाभाविक तरीका है, तो उस अनुवाद को उसी तरीके से लिखें

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@ -1,15 +1,9 @@
### जाँच के अन्य तरीके
प्रश्न पूछने के साथ साथ, जाँच के कुछ और भी तरीके हैं जिनसे आप निश्चित कर सकते हैं कि अनुवाद पढ़ने में आसान और श्रोताओंं को सुनने में स्वाभाविक लगता है या नही। निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जिन्हे आप इस्तेमाल कर सकते हैं:
* **पुन: बताएँ तरीका** आप, अनुवादक अथवा जाँचकर्ता, कुछ आयतों को पढ़ें और फिर किसी से उसी बात को दुबारा कहकर सुनाने को कहें। इससे अनुवाद की स्पष्टता एवं स्वाभाविकता को जाँचने एवं उसी बात को कहने के अन्य तरीके का उपयोग करने में मदद मिलती है
* **पढ़ने का तरीका** आपके अर्थात अनुवाद या जाँचकर्ता के अलावा कोर्इ और, अनुवाद के भाग को पढे़ और जब भी वे रूकते या गलती नजर आती है, वहाँ आप लेख लिख सकते हैं।इससे पता चलेगा कि अनुवाद पढ़ने या समझने में कितना आसान या कठिन था । अनुवाद की उन जगहों पर ध्यान दें जहाँ पढ़ने वाला रूका था या गलती की थी और सोचें कि अनुवाद का कौनसा भाग कठिन था । उन जगहों में अनुवाद को बदलने की जरूरत पड़ सकती है जिससे कि इसे पढ़ने और समझने में आसान बनाया जा सके।
* **अनुवाद का अन्य विकल्प पेश करना** यदि कहीं पर आपको लगता है कि वहाँ के लिए आपके पास सही शब्द या वाक्य नही है तो दूसरे लोगों से उसका विकल्प पूछ सकते हैं या दो अनुवादों में से एक विकल्प चुनकर, निश्चित कर सकते हैं कि कौनसा अनुवाद लोगों के लिए अधिक स्पष्ट है।
* **अवलोकनकर्ताओं के सुझाव** आप जिनका सम्मान करते हैं, उन्हे अनुवाद पढ़ने दें। उनसे टिप्पणियाँ ़करने और बताने को कहें कि कहाँ अनुवाद को बेहतर बनाया जा सकता है। अच्छे शब्दों के विकल्प, स्वाभाविक भाव, स्पेलिंग के बेहतर रूप इत्यादि को चुनें।
* **विचार विमर्श तरीका** लोगों से एक समुह के सामने अनुवाद को ऊँची आवाज में पढ़ने को कहें और उन्हे तथा दूसरों को ऐसे सवाल पूछने को कहें कि अनुवाद में स्पष्टता लार्इ जा सके। उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों पर ध्यान दें क्योंकि वैकल्पिक शब्दों और भावों के आ जाने से उन्हे दिक्कत सी महसूस हो सकती है परंतु शायद यही शब्द या भाव अनुवाद में इस्तेमाल किए गए शब्दों और भावों से सही हो। जहाँ लोगों को अनुवाद समझ न आएँ, उन पर ध्यान दें और उसे स्पष्ट करें।

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@ -1,4 +1,3 @@
### समकक्ष जाँच कैसे करें
* अपना अनुवाद अनुवादक दल के एक सदस्य को दें जिसने उस भाग पर कार्य नही किया हो। व्ह व्यक्ति भी स्वयं जाँच के सारे चरणों को पूरा करे और इस दौरान, यदि कहीं बदलाव आवश्यक है, उन्हे लिखता रहे

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@ -1,4 +1,3 @@
‘‘विराम चिन्ह’’ उन चिन्हों को दिखाता है जो ये बताते हैं कि एक वाक्य को कैसे पढ़ना या समझना है। उदाहरणों में अल्पविराम या अंतराल या कोटेशन चिन्ह जैसे वाक्य के बीच में रूकने को इंगित किया गया है जिन्हे वक्ता के शब्दों के चारों ओर लगाया जाता है।अनुचाद को अच्छी तरह से पढ़ने यश समझने के लिए, जरूरी है कि उनमें सही प्रकार के चिन्हों का उपयोग किया जाए।
अनुवाद करने से पहले, अनुवादक दल को निश्चित करना है कि किस प्रकार के चिन्हों का उपयोग अनुवाद में किया जाए। उन चिन्हों के तरीकों का इस्तेमाल करना बेहतर होगा जिन्हे राष्ट्रीय भाषा में उपयोग किया जाता है या राष्ट्रीय भाषा की बाइबल या उससे संबंधित बाइबल में किया जाता है। तरीके का निर्णय कर लेने के पश्चात, निश्चित करें कि हर कोर्इ उनका पालन करे। हर दल को एक मार्गनिर्देशिका देना लाभप्रद होगा जिनमें चिन्हों का इस्तेमाल करने के तरीके दिए गए हों।

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@ -1,4 +1,3 @@
### अनुवाद के गुणवत्ता की स्व-मूल्यांकन
इस भाग का मकसद एक ऐसी प्रक्रिया को वर्णन करना है जिसके द्वारा कलीसिया स्वयं एक अनुवाद की गुणवत्ता जाँच कर निर्धारित कर सकती है। निम्न मूल्यांकन का उद्देश्य हर की जा सकने वाली जाँच का पूरा ब्यौरा देना नही, वरन् एक अनुवाद को जाँचने की कुछ तकनीकों को प्रस्तुत करना है। अंतत:, किस जाँच का उपयोग करना है, कब करना है और कौन करेगा, इत्यादि का निर्णय कलीसिया ही को लेना है।
@ -7,11 +6,11 @@
मूल्यांकन का यह तरीका दो प्रकार के कथनों को बताता है। कुछ कथन हाँ/नही में हैं जहाँ नही में दिया गया उत्तर समस्या को बताता है जिसे सही करना जरूरी है। दूसरे भागों में एक समान-महत्व के तरीके का उपयोग हुआ है जो अनुवादकों और जाँचकर्ताओं को अनुवाद के कथन प्रस्तुत करता है। हर कथन को (अनुवादक दल से शुरू कर) जाँच करने वाले सदस्य के द्वारा 0-2 तक के मापदण्ड में अंक दिए जाएँ:
**0** - असहमत
** 0** - असहमत
**1** - थोड़ा बहुत सहमत
** 1** - थोड़ा बहुत सहमत
**2** - एकदम सहमत
** 2** - एकदम सहमत
अवलोकन के बाद, एक भाग में मिले सभी उत्तरों के कुल अंकों को जोड़ा जाए, और यदि दिए गए उत्तर वास्तव में अनुवाद के सही स्तर को बताते हैं, तो अवलोकनकर्ताओं के अवलोकनों के आधार पर अधिकतम मान्य तरीके से कहा जा सकता है कि अनुवाद के अध्याय की गुणवत्त अच्छी है। निम्न निर्देश, अवलोकनकर्ताओं को एक आसान अवलोकन का तरीका देने के लिए तैयार किया गया है जिसकी मदद से कार्य को सही तरीके से विकसित किया जा सके। *उदाहरण के तौर पर, यदि एक अनुवाद को ‘‘सटीकता’’ में अच्छे अंक मिलते हैं, परंतु ‘‘स्वाभाविकता’’ और ‘‘स्पष्टता’’ में कम अंक मिलते हैं, तो अनुवादक दल को सामाजिक जाँच पर थोड़ा अधिक ध्यान देना पड़ेगा।*
@ -21,10 +20,9 @@
यह प्रक्रिया पाँच भागों में बाँटी गर्इ है: **समीक्षा** (अनुवाद के बारे में जानकारी), **स्वाभाविकता**, **स्पष्टता**, **सटीकता** एवं **कलीसिया का पुष्टिकरण**
##### 1. समीक्षा
*नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ*
* नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ*
** नही | हाँ ** यह अनुवाद अर्थ-आधारित अनुवाद है जो मूलभूत लेख के अर्थ को लक्षित भाषा के समान, स्वाभाविक, स्पष्ट और सटीक तरीके से पेश करने की कोशिश करता है।
@ -36,57 +34,56 @@
##### 2. स्वाभाविकता: ‘‘यह *मेरी* भाषा है
*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ*
* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ*
इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md))
**0 1 2** भाषा को बोलने एवं इस अध्याय को पढ़ने वाले सहमत है कि अनुवाद में भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया गया है।
** 0 1 2** भाषा को बोलने एवं इस अध्याय को पढ़ने वाले सहमत है कि अनुवाद में भाषा का सही रूप इस्तेमाल किया गया है।
**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इसके अध्यायों में प्रयुक्त प्रमुख शब्द इस संस्कृति में स्वीकार्य एवं सही है।
** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इसके अध्यायों में प्रयुक्त प्रमुख शब्द इस संस्कृति में स्वीकार्य एवं सही है।
**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले, अध्याय के प्रयुक्त उदाहरणों एवं कहानियों को समझ सकते हैं।
** 0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले, अध्याय के प्रयुक्त उदाहरणों एवं कहानियों को समझ सकते हैं।
**0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले सहमत हैं कि इसकी वाक्य रचना एवं लेखों का क्रम स्वाभाविक है और सही बहाव को प्रस्तुत करता है।
** 0 1 2** इस भाषा को बोलने वाले सहमत हैं कि इसकी वाक्य रचना एवं लेखों का क्रम स्वाभाविक है और सही बहाव को प्रस्तुत करता है।
**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया।
** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया।
**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है।
** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है।
**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे।
** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे।
**0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे।
** 0 1 2** स्वाभाविकता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे।
##### 3. स्पष्टता: ‘‘अर्थ स्पष्ट है’’
*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ*
* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ*
इस भाग को अधिक समुदाय जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [भाषा समुदाय की जाँच](../language-community-check/01.md))
**0 1 2** इस अध्याय का अनुवाद उस भाषा के उपयोग से किया गया है जिसे स्थानीय भाषा बोलने वाले आसानी से समझ सकते हैं।
** 0 1 2** इस अध्याय का अनुवाद उस भाषा के उपयोग से किया गया है जिसे स्थानीय भाषा बोलने वाले आसानी से समझ सकते हैं।
**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इस अध्याय में नाम, स्थान और क्रिया के शब्दों का सही उपयोग किया गया है।
** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि इस अध्याय में नाम, स्थान और क्रिया के शब्दों का सही उपयोग किया गया है।
**0 1 2** इस अध्याय में प्रयुक्त भाषा के अलंकार इस संस्कृति के लोगो को समझ आते हैं।
** 0 1 2** इस अध्याय में प्रयुक्त भाषा के अलंकार इस संस्कृति के लोगो को समझ आते हैं।
**0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि अध्याय की संरचना इसके मूल अर्थ के विपरीत या उससे अलग नही है।
** 0 1 2** भाषा बोलने वाले सहमत हैं कि अध्याय की संरचना इसके मूल अर्थ के विपरीत या उससे अलग नही है।
**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया।
** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में समुदाय के वे लोग शामिल थे, जिन्होने इस अध्याय के अनुवाद की प्रक्रिया में भाग नही लिया।
**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है।
** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विश्वासी एवं गैर-विश्वासी दोनों शामिल थे जिन्हे बाइबल का इतना ज्ञान नही था जिससे कि लेख को सुनते ही उन्हे यह आभास न हो जाए कि लेख क्या कह रहा है।
**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे।
** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में विभिé उम्र के उक्त भाषा बोलने वाले शामिल थे।
**0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे।
** 0 1 2** स्पष्टता के लिए इस अध्याय के अनुवाद की जाँच में स्त्री एवं पुरूष दोनों शामिल थे।
##### 4. सटीकता: अनुवाद मूलभूत स्रोत लेख के उसी अर्थ को बताता है
*नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ*
* नीचे लिखे हर कथन के लिए "0" या "1" या "2" पर गोला बनाएँ*
इस भाग को अधिक सटीकता जाँच के दौरान और भी लागु किया जा सकता है। (देखें [सटीकता की जाँच](../accuracy-check/01.md))
**0 1 2** मूलभूत स्रोत लेख के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण शब्दों की सूची की मदद से, इस अनुवाद में उनके उपयोग को निश्चित किया गया है।
** 0 1 2** मूलभूत स्रोत लेख के इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण शब्दों की सूची की मदद से, इस अनुवाद में उनके उपयोग को निश्चित किया गया है।
**0 1 2** इस अध्याय में सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद सही तरीके से किया गया है।
**0 1 2** उन सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद, सतत् तौर पर, इस अध्याय में एवं जहाँ जहाँ भी उनकी जरूरत पड़ी है, किया गया है।
** 0 1 2** इस अध्याय में सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद सही तरीके से किया गया है।
** 0 1 2** उन सभी महत्वपूर्ण शब्दों का अनुवाद, सतत् तौर पर, इस अध्याय में एवं जहाँ जहाँ भी उनकी जरूरत पड़ी है, किया गया है।

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@ -1,7 +1,5 @@
### स्व-जाँच कैसे करें
* यदि आपने [प्रथम प्रालेख](../../translate/first-draft/01.md) अनुवाद के मार्गनिर्देशों का पालन किया है, तो आपने पहले स्रोत लेख का अध्ययन किया और फिर, स्रोत लेख को देखे बिना, उसे लिखा और अपना पहला अनुवाद तैयार किया । इस प्रकार एक भाग का अनुवाद कर लेने के पश्चात, एक स्व-जाँच करें, स्रोत लेख को पुन: देखें और अपने अनुवाद से उसकी तुलना करें। निश्चित करें कि स्रोत लेख के संपूर्ण भाग को अनुवाद हो चुका हो, कुछ भी छुटा न हो। यदि संदेश का कोर्इ भी भाग छुटा है, तो उसे अपने अनुवाद में उस जगह पर लिखें या डालें जहाँ यह सही लगता है।
* यदि आप बाइबल का अनुवाद कर रहे हैं, तो अपने अनुवाद की तुलना इसी बाइबल अंश के अन्य अनुवादों के साथ करके देखें। यदि आपको लगता है कि उसमें उपयुक्त तरीका अच्छा है, तो अपने अनुवाद में अनिवार्य परिवर्तन करें। यदि वो अनुवाद आपके अनुवाद से अच्छा समझा पा रहा है तो अपने अनुवाद को उसके अनुसार बदलें जिससे समुदाय इसे बेहतर तरीके से समझ सके।
* यदि आप बाइबल का अनुवाद कर रहे हैं, तो अपने अनुवाद की तुलना इसी बाइबल अंश के अन्य अनुवादों के साथ करके देखें। यदि आपको लगता है कि उसमें उपयुक्त तरीका अच्छा है, तो अपने अनुवाद में अनिवार्य परिवर्तन करें। यदि वो अनुवाद आपके अनुवाद से अच्छा समझा पा रहा है तो अपने अनुवाद को उसके अनुसार बदलें जिससे समुदाय इसे बेहतर तरीके से समझ सके।
* इन चरणों के पश्चात, स्वयं अपने अनुवाद को ऊँची आवाज में पढ़ें। यदि आपको लगता है कि उसमें कोर्इ भी भाग ऐसा नही लग रहा जैसा आपके समुदाय में उसे बोला जाता है तो उसे सही करें। कुछ वाक्यों के अंशों को विभिé तरीके से लिखने की जरूरत पड़ सकती है।

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@ -1,8 +1,7 @@
अनुवाद को पाठक अच्छी तरह से समझ और पढ़ पाएँ, इसके लिए जरूरी है कि शब्दों के अक्षर सही हों। यदि कठिन हो सकता है यदि लक्षित भाषा में अक्षरों को लिखने या बोलने का रिवाज न हो। एक अनुवाद के कर्इ भागों पर कर्इ अनुवादकों के कार्य करने से भी कार्य कठिन हो सकता है। और इसीलिए, अनुवादक दल को अनुवाद शुरू करने से पहले, आपस में मिलना और शब्दों की सही वर्जनी को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है।
दल में उन शब्दों पर विचार विमर्श करें जिनही वर्जनी अर्थात बोलना कठिन है। यदि शब्दों के उच्चारण में कुछ भी कठिन लगता है तो आप अपने लिखने के तरीके में बदलाव ला सकते हैं। (देखें [Alphabet/Orthography](../../translate/translate-alphabet/01.md)) यदि एक शछ का कर्इ प्रकार से उच्चारण है तो दल एक साथ मिलकर, एक सही उच्चारण का निर्धारण करें। सहमत शब्दों की अक्षरानुक्रम में सूची बनाएँ। दल के हर सदस्य के पास इस सूची की प्रति रहे जिसकी अनुवाद के दौरान मदद ली जा सकती है। यदि और भी कठिन शब्द इस दौरान मिलते हैं तो उसको भी सूची में जोड़ें और निश्चित करें कि हर एक के पास ताजी सूची हो। स्प्रेडशीट को बनाना इस जाँच के लिए लाभदायक हो सकता है।
बाइबल के व्यक्तियों और स्थलों के नामों के उच्चारण कठिन हो सकते हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर नाम लक्षित भाषा के लिए अपरिचित हैं। उन्हे भी अक्षरों की सूची में शामिल करें।
बाइबल के व्यक्तियों और स्थलों के नामों के उच्चारण कठिन हो सकते हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर नाम लक्षित भाषा के लिए अपरिचित हैं। उन्हे भी अक्षरों की सूची में शामिल करें।
उच्चारण जाँच में कम्प्यूटर अच्छे मददगार हो सकते हैं। यदि आप गेटवे भाषा पर कार्य कर रहे हैं, तो उसका शब्दकोष पहले से ही उपलब्ध होगा। यदि आप और किसी भाषा में अनुवाद कर रहे हैं तो आप खोजें और बदले के विकल्प का उपयोग कर गलत शब्दों को सही कर सकते हैं। ParaTExt में शब्द जाँच की सुविधा है जिससे शब्दों के उच्चारणों को जाना जा सकता है। यह आपको उच्चारण बताएगा और फिर आप निर्णय ले सकते हैं कि आपको उनमें से कौनसा चुनना है।

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@ -1,10 +1,9 @@
यह महत्वपूर्ण है कि आपकी अनुवादित भाषा में वे सभी शब्द मौजूद हों जो स्रोत भाषा बाइबल में मौजूद हैं। हम नही चाहते कि गलती से भी कोर्इ शब्द छूटे। परंतु यह भी याद रखें कि कुछ बाइबलों में उन शब्दों को लिखने के अपने कारण हो सकते हैं जो दूसरी बाइबल में न हों।
### गायब पदों की वजह
1. **लेख संबंधी परिवर्तन** - कुछ आयत जिन पर कर्इ बाइबल ज्ञाता विश्वास नही करते, मूलभूत बाइबल का भाग थे, जिन्हे बाद में जोड़ा गया है। इसलिए कुछ बाइबलों के अनुवादकों ऐसे शब्दों का उपयोग करना नही चाहते हैं, या उन्हे केवल फुटनॉटस के रूप में लिख देते हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें ([Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-textvariants/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि उन आयतों का उपयोग करें या नही।
1. **विभिé संख्या** - कुछ बाइबलों में, अन्य बाइबलों से, आयतों की संख्या के अलग तरीकों का उपयोग किया है। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-chapverse/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि कौनसे तरीकों का उपयोग करें।
1. **लेख संबंधी परिवर्तन** - कुछ आयत जिन पर कर्इ बाइबल ज्ञाता विश्वास नही करते, मूलभूत बाइबल का भाग थे, जिन्हे बाद में जोड़ा गया है। इसलिए कुछ बाइबलों के अनुवादकों ऐसे शब्दों का उपयोग करना नही चाहते हैं, या उन्हे केवल फुटनॉटस के रूप में लिख देते हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें ([Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-textvariants/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि उन आयतों का उपयोग करें या नही।
1. **विभिé संख्या** - कुछ बाइबलों में, अन्य बाइबलों से, आयतों की संख्या के अलग तरीकों का उपयोग किया है। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Numbers](../../translate/translate-chapverse/01.md)) आपके अनुवादक दल को निर्धारित करना है कि कौनसे तरीकों का उपयोग करें।
1. **आयत पुल** - बाइबल के कुछ अनुवादों में, सूचना में बहाव लाने के लिए, दो या तीन आयतों के लेख को इधर उधर किया गया है जिससे वह सूचना सही और समझने योग्य बने। और जब ऐसा होता है, आयत की संख्याएँ एक हो जाती हैं, जैसे कि 4-5 या 4-6। UDB अक्सर ऐसा करता है, और कभी कभार ULB भी ऐसा करता है। चूँकि सारे आयत वहाँ नही है या कुछ भाग ही वहाँ है तो आपको लग सकता है कि वहाँ से कुछ गायब है। परंतु उन पदों के लेख वहाँ मौजूद हैं। (इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखें [Chapter and Verse Number](../../translate/translate-versebridge/01.md)) अनुवादक दल निर्धारित करेगा कि इन आयतों के पूलों का उपयोग करें या नही
### गायब पदों की जाँच

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@ -1,4 +1,3 @@
### 1. लक्षित भाषा अनुवाद के शब्दों और वाक्यों को दिखाना
#### a. शब्दों के अर्थ को उनकी पृष्ठभूमि में इस्तेमाल करना
@ -13,7 +12,7 @@
#### c. वाक्यों के प्रकार समान रखें
पिछला अनुवाद में, पिछला अनुवादक लक्षित अनुवाद में वाक्य खंडों के प्रकार को, बड़े समुदाय की भाषा के अनुवाद में भी समान रखे। उदाहरण के तौर पर, यदि लक्षित भाषा का वाक्य खंड एक आदेश है तो पिछला अनुवादक भी उसे आदेश के तौर पर ही लिखें, सुझाव या विनती के रूप में नही। अथवा यदि लक्षित भाषा एक अलंकारिक प्रश्न का इस्तेमाल कर रहा है तो पिछला अनुवाद भी कथन अथवा प्रकटीकरण की बजाय, एक प्रश्न ही होना चाहिए।
पिछला अनुवाद में, पिछला अनुवादक लक्षित अनुवाद में वाक्य खंडों के प्रकार को, बड़े समुदाय की भाषा के अनुवाद में भी समान रखे। उदाहरण के तौर पर, यदि लक्षित भाषा का वाक्य खंड एक आदेश है तो पिछला अनुवादक भी उसे आदेश के तौर पर ही लिखें, सुझाव या विनती के रूप में नही। अथवा यदि लक्षित भाषा एक अलंकारिक प्रश्न का इस्तेमाल कर रहा है तो पिछला अनुवाद भी कथन अथवा प्रकटीकरण की बजाय, एक प्रश्न ही होना चाहिए।
#### d. विराम चिन्हों को समान रखें

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@ -1,4 +1,3 @@
### पिछला अनुवाद के कितने प्रकार हैं?
#### मौखिक
@ -13,7 +12,7 @@
दूसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है तो अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मिलने से पहले पिछला अनुवाद को पढ़ सकता और उस अनुवाद से उठने वाले सवालों पर विचार विमर्श कर सकता है। यद्यपि अनुवाद जाँचकर्ता को सवाल पर विचार विमर्श करने की जरूरत न भी हो, उसे अनुवाद के बारे में सोचने का काफी समय मिल जाता है। व्ह अनुवाद से संबंधित अधिक समसयाओं को पहचान सकता और हल निकालने की कोशिश कर सकता है क्योंकि उसके पास अनुवाद के बारे में सोचने का काफी समय मौजूद रहता है।
तीसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है, अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मुलाकात करने से पहले, अपने सवालों को भी तैयार कर सकता है। यदि मुलाकात से पहले उनके पास समय है या बातचीत का कोर्इ और तरीका मौजूद है तो जाँचकर्ता अपने लिखित सवालों को दल के पास भेज सकता है जिससे उनके पास उन्हे पढ़ने और अनुवाद के अंश को बदलने का समय रहता है यदि जाँचकर्ता को उसमें कोर्इ समस्या नजर आती है। इससे अनुवादक दल और अनुवाद जाँचकर्ता को मुलाकात के दौरान बाइबल के अधिकतम भागों का पुनरावलोकन करने का मौका मिलता है क्योंकि मुलाकता से पहले ही उन्होने कर्इ सारी समस्याओं का हल निकाल लिया होता है। मुलाकात के दौरान, शेष बची समस्याओं पर वे केंद्रित हो सकते हैं। ये अक्सर ऐसी जगह होती हैं, जहाँ अनुवादक दल को जाँचकर्ता का कोर्इ सवाल समझ में नही आया होगा या जाँचकर्ता लक्षित भाषा की किसी चीज को नही समझ पाया होगा और सोचता है कि वहाँ समस्या हो सकती है, परंतु वास्तव में समस्या न भी हो। ऐसे मामले में, मुलाकात के दौरान, अनुवादक दल जाँचकर्ता को उसके बारे में समझा सकता है जो उन्हे समझ नही आया ।
तीसरा, जब पिछला अनुवाद लिखा होता है, अनुवाद जाँचकर्ता अनुवादक दल से मुलाकात करने से पहले, अपने सवालों को भी तैयार कर सकता है। यदि मुलाकात से पहले उनके पास समय है या बातचीत का कोर्इ और तरीका मौजूद है तो जाँचकर्ता अपने लिखित सवालों को दल के पास भेज सकता है जिससे उनके पास उन्हे पढ़ने और अनुवाद के अंश को बदलने का समय रहता है यदि जाँचकर्ता को उसमें कोर्इ समस्या नजर आती है। इससे अनुवादक दल और अनुवाद जाँचकर्ता को मुलाकात के दौरान बाइबल के अधिकतम भागों का पुनरावलोकन करने का मौका मिलता है क्योंकि मुलाकता से पहले ही उन्होने कर्इ सारी समस्याओं का हल निकाल लिया होता है। मुलाकात के दौरान, शेष बची समस्याओं पर वे केंद्रित हो सकते हैं। ये अक्सर ऐसी जगह होती हैं, जहाँ अनुवादक दल को जाँचकर्ता का कोर्इ सवाल समझ में नही आया होगा या जाँचकर्ता लक्षित भाषा की किसी चीज को नही समझ पाया होगा और सोचता है कि वहाँ समस्या हो सकती है, परंतु वास्तव में समस्या न भी हो। ऐसे मामले में, मुलाकात के दौरान, अनुवादक दल जाँचकर्ता को उसके बारे में समझा सकता है जो उन्हे समझ नही आया ।
यदि जाँचकर्ता के पास मुलाकात से पहले, अपने सवाल अनुवादक दल को भेजने का समय न हो, वे मुलाकात के दौरान भी वे भागों का अवलोकन कर सकते हैं क्योंकि जाँचकर्ता पिछले अनुवाद को पढ़कर अपने सवालों को तैयार कर चुका होता है। चूँकि उसे तैयारी का यह समय मिल गया था, वह और अनुवादक दल अपने मुलाकात के समय में, अनुवाद को धीरे धीरे पढ़कर पूरा करने की बजाय, जैसा कि मौखिक पिछला अनुवाद में किया जाता है, अनुवाद की समस्याओं पर विचार विमर्श करने में समय बिताए।

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@ -1,4 +1,3 @@
### पिछला अनुवाद जरूरी क्यों है?
पिछले अनुवाद का मकसद बाइबल के लेख की जाँच करने या जानकारी पाने वाले की लक्षित भाषा के अनुवाद को समझने में मदद करना है, यद्यपि उसे उस भाषा का ज्ञान न भी हो. अत: पिछले अनुवाद की भाषा ऐसी हो जिसे पिछला अनुवाद करने वाला और जाँचकर्ता दोनों अच्छी तरह से समझते हों. इसका अक्सर मतलब होता है कि पिछले अनुवादक को लेख का अनुवाद वृहद समुदाय में बोली जाने वाली उसी भाषा में करना है जिसका उपयोग स्रोत लेख में हुआ था.

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@ -1,4 +1,3 @@
### पिछला अनुवाद कौन कर सकता है?
एक अच्छा पिछला अनुवाद करने के लिए, एक व्यक्ति में तीन योग्यताएँ होनी चाहिए.

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@ -1,4 +1,3 @@
लिखित पिछला अनुवाद के दो प्रकार हैं:
### अंतर्निहित पिछला अनुवाद

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@ -1,6 +1,5 @@
### पिछला अनुवाद क्या है?
पिछला अनुवाद का अर्थ है, स्थानीय स्रोत भाषा के बाइबल के भाग को उससे बड़े समुदाय की भाषा में अनुवाद करना. इसे इसलिए ‘‘पिछला अनुवाद’’ कहा जाता है क्योंकि यह स्थानीय स्रोत भाषा के अनुवाद को बनाने की बजाय, उसकी विपरीत दिशा में किया जाने वाला अनुवाद है.
पिछला अनुवाद का अर्थ है, स्थानीय स्रोत भाषा के बाइबल के भाग को उससे बड़े समुदाय की भाषा में अनुवाद करना. इसे इसलिए ‘‘पिछला अनुवाद’’ कहा जाता है क्योंकि यह स्थानीय स्रोत भाषा के अनुवाद को बनाने की बजाय, उसकी विपरीत दिशा में किया जाने वाला अनुवाद है.
पिछला अनुवाद एक सामान्य तरीके से नही किया जाता है क्योंकि इसमें स्वाभाविकता नही होती, जो किसी भी अनुवाद (इस मामले में, बड़े समूह की भाषा) का एक लक्ष्य होता है. इसकी बजाय, इसका लक्ष्य स्थानीय भाषा के अनुवाद के भाव को लिखित तरीके में ही पेश करना है जिसमें बड़े समुदाय में उपयुक्त व्याकरण एवं शब्दों के क्रम का उपयोग किया जा सकता है. इस प्रकार, अनुवाद जाँचकर्ता लक्षित भाषा के लेख में इसके अर्थ को और पिछले अनुवाद को अधिक स्पष्ट तरीके से समझ सकता है और आसानी से पढ़ भी सकता है.

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@ -1,7 +1,5 @@
हम देख चुके हैं कि कहाँ अनुवादक दल अपने खुद के अनुवाद की कर्इ सारी जाँच करेगा। वे जाँचें उनके कार्य को जाँच स्तर एक तक ले आते हैं।
स्तर दो और स्तर तीन के लिए, अनुवादक दल अपने कार्य को भाषा समुदाय के सदस्यों और कलीसिया के अगुवों के पास लाए। यह जरूरी है क्योंकि अनुवादक दल अपने कार्य के काफी करीब और उसमें इतने संलग्न है कि कर्इ बार वे स्वयं कमियों को देख नही पाते हैं जो दूसरों की नजर में आसानी से आ जाती हैं। भाषा के अन्य वक्ता उन्हे बोलने के बेहतर तरीकों के बारे में सुझाव दे सकते हैं जिसके बारे में अनुवादक दल ने सोचा नही होगा। कर्इ बार अनुवादक दल अनुवाद को अपरिचित सा बना देता है क्योंकि वे स्रोत भाशा के शब्दों को नजदीकी के साथ इस्तेमाल करता है। भाषा को बोलने वाले दूसरे लोग ऐसी कमियों को दूर करने में कदद कर सकते हैं। इतना ही नही, अनुवादक दल के पास बाइबल ज्ञान या अन्य बातों की जानकारी की कमी होगी जो दूसरों में हो सकती है और इसीलिए उनकी कुछ कमियों को वे दूर कर सकते हैं।इसी कारण, जो लोग अनुवाद का भाग नही हैं, वे ही अनुवाद की जाँच करें।
इस हस्तपुस्तिका का शेष भाग उन मार्गनिर्देशों को बताएगा जिन्हे कलीसिया के अगुवे स्तर दो और स्तर तीन के तहत अनुवाद को जाँचने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

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@ -1,8 +1,6 @@
### एक अनुवाद को जाँचने के कदम
#### जाँच से पहले
1. समय से पहले ही जान लें कि आप कौनसी कहानी अथवा बाइबल का भाग जाँचेंगे
1. समझ में आने वाले किसी भी भाषा में कर्इ सारे अनुवादों को पढ़ें, उपलब्ध हो तो मूल भाषा में भी पढ़ने की कोशिश करें

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@ -1,11 +1,10 @@
### कौन कौनसी चीजें जाँचें
1. आपको जो भी सही नही लगे, पूछें जिससे कि अनुवादक दल उसका वर्णन कर सके। यदि वह उन्हे भी सही नही लगे, तो वे अनुवाद को सही कर सकते हैं। सामान्य तौर पर:
1. जाँचें कि कहीं कुछ जोड़ना तो नही है जो स्रोत लेख के अर्थ का भाग नही था । (याद रखें कि मूल अर्थ में [अंतर्निहित सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) भी शामिल है)
1. जाँचें कि कहीं कुछ गायब तो नही है तो मूल स्रोत लेख का भाग था परंतु अनुवाद में शामिल नही हुआ है।
1. जाँचें कि कहीं ऐसा अर्थ तो नही आ रहा जो स्रोत लेख के अर्थ से बिल्कुल अलग हो।
1. जाँचें कि कहीं कुछ जोड़ना तो नही है जो स्रोत लेख के अर्थ का भाग नही था । (याद रखें कि मूल अर्थ में [अंतर्निहित सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) भी शामिल है)
1. जाँचें कि कहीं कुछ गायब तो नही है तो मूल स्रोत लेख का भाग था परंतु अनुवाद में शामिल नही हुआ है।
1. जाँचें कि कहीं ऐसा अर्थ तो नही आ रहा जो स्रोत लेख के अर्थ से बिल्कुल अलग हो।
1. यह निश्चित करने के लिए जाँचें कि हर भाग का मुख्य बिन्दु या मुख्य विषय स्पष्ट है। अनुवादक दल से एक भाग का सार कहने को कहें और देखें कि वह स्पष्ट है या नही। यदि आप किसी छोटे बिन्दु को मुख्य बिन्दु के रूप में लेते हैं तो उन्हे उस भाग के अनुवाद में आवश्यक बदलाव करना जरूरी है।
1. जाँचें कि पद्यांशों के विभिé भाग आपस में सही तरीके से जुडे़ हैं - अर्थात लक्षित भाषा में बाइबल पद्यांशों के बीच के जोड़ने वाले, कारण, जोड़, परिणाम, सारांश इत्यादि तथ्य सही तरीके से जुड़े हों।

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@ -1,12 +1,11 @@
### उत्तर कैसे पाएँ
प्रश्नों के उत्तरों को खोजने के कर्इ सारी सामग्रियाँ उपलब्ध हैं:
* ** translationAcademy** - यह प्रशिक्षण हस्तपुस्तिका पर उपलब्ध है और इसमें निम्नलिखित बातों समेत कर्इ सारी जानकारियाँ मौजूद हैं:
* [Introduction](../ta-intro/01.md)) - यह unfoldingWord प्रोजेक्ट का परिचय करवाता है
* [Process Manual](../../process/process-manual/01.md)) - ‘‘आगे क्या’’ नामक प्रश्न का उत्तर देता है
* [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md)) - अनुवाद के सिद्धांतों और प्रायोगिक अनुवाद की मदद की मूलभूत बातों का वर्णन करता है
* [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) - जाँचने के सिद्धांतों और बेहतर प्रयोगों का वर्णन करता है
* [Introduction](../ta-intro/01.md)) - यह unfoldingWord प्रोजेक्ट का परिचय करवाता है
* [Process Manual](../../process/process-manual/01.md)) - ‘‘आगे क्या’’ नामक प्रश्न का उत्तर देता है
* [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md)) - अनुवाद के सिद्धांतों और प्रायोगिक अनुवाद की मदद की मूलभूत बातों का वर्णन करता है
* [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) - जाँचने के सिद्धांतों और बेहतर प्रयोगों का वर्णन करता है
* **दल चैटरूम** - Team43 दल में शामिल हों, ‘‘हेल्पडेस्क’’ चैनल पर अपने प्रश्न डालें और अपने प्रश्नों का उसी समय जवाब प्राप्त करें (http://ufw.io/team43 पर साइन-अप करें:)
* **हेल्पडेस्क** - अपना प्रश्न इस र्इमेल पर भेजें।

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@ -1,5 +1,4 @@
*इस लेख का मूल वर्ज़न http://ufw.io/gl/ पर उपलब्ध है*
* इस लेख का मूल वर्ज़न http://ufw.io/gl/ पर उपलब्ध है*
### वर्णन

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@ -1,20 +1,17 @@
#### स्वतंत्रता के लिए लाइसेंस
श्र **हर भाषा में प्रतिबंधरहित सामग्री** पाने के लिए, एक लाइसेंस की जरूरत होती है जो वैश्विक कलीसिया को ‘‘प्रतिबंधरहित’’ पहुँच देती है. हम विश्वास करते हैं कि यह अभियान बेराक बन जाएगा जब कलीसिया की पहुँच प्रतिबंधरहित होगी. [Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) नामक लाइसेंस बाइबल के लेखों के अनुवाद एवं वितरण के लिए जरूरी हर अधिकार को प्रदान करता एवं निश्चित करता है कि सामग्री सबके उपयोग के लिए खुली हो. यदि कहीं पर इंगित नही है तो पूरी सामग्री CC BY-SA से लाइसेंस प्राप्त है.
*Door43 का आधिकारिक लाइसेंस https://door43.org/hi/legal/license पर उपलब्ध है*
* Door43 का आधिकारिक लाइसेंस https://door43.org/hi/legal/license पर उपलब्ध है*
#### Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International (CC BY-SA 4.0)
यह मनुष्य के द्वारा पढ़ा जा सकने वाला [license](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/) का सार है.
#### आप ये कर सकते हैं:
* **बाँट सकते हैं** - प्रतिलिपि बनाना, किसी भी रूप या मीडिया के द्वारा पुन: वितरण करना
* **अपना सकते हैं** - पुन: तैयार करना, बदलना, सामग्री को विकसित करना
* **अपना सकते हैं** - पुन: तैयार करना, बदलना, सामग्री को विकसित करना
किसी भी मकसद के लिए, व्यवसायिक भी
@ -24,7 +21,7 @@
* **संबंध बताएँ (Attribution)** - उचित श्रेय दें, लाइसेंस का लिंक दिखाएँ, यदि बदलाव किया है तो इंगित करें. आप ऐसा किसी भी उचित तरीके से कर सकते हैं, परंतु ऐसे किसी भी तरीके से नही जो लाइसेंस धारक आपको सौंपता है.
* **ऐसा ही बाँटे (ShareAlike)** - यदि आप पुन: तैयार करते हैं, बदलते हैं या पुन: विकसित करते हैं तो आपको इसी लाइसेंस के तहत ही ऐसा करना होगा.
**कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र
** कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र
#### सूचनाएँ:
@ -38,7 +35,7 @@
Door43 में कोर्इ भी सामग्री इम्पोर्ट करने के लिए, खुले लाइसेंस के तहत, मूल कार्य के सही संबंध को बताया जाना चाहिए जिसके अंतर्गत यह उपलब्ध है. उदाहरण के तौर पर, ओपन बाइबल कहानियों में उपयोगी कलाकृतियों का स्पष्ट संबंध प्रोजेक्ट के [main page](http://openbiblestories.com) से बताया गया है.
Door43 के प्रोजेक्टों के सहयोगी सहमत हैं कि हर पृष्ठ के पुनरावलोकन इतिहास पर वर्णित संबंध जताता काफी है** अर्थात Door43 का हर सहयोगी Door43 विश्व मिशन समाज’’ अथवा उससे संबंधिक किसी में सूचीबद्ध हो. हर सहयोगी का योगदान उस कार्य के पुनरावलोकन इतिहास में प्रस्तुत किया जाएगा.
Door43 के प्रोजेक्टों के सहयोगी सहमत हैं कि हर पृष्ठ के पुनरावलोकन इतिहास पर वर्णित संबंध जताता काफी है अर्थात Door43 का हर सहयोगी Door43 विश्व मिशन समाज’’ अथवा उससे संबंधिक किसी में सूचीबद्ध हो. हर सहयोगी का योगदान उस कार्य के पुनरावलोकन इतिहास में प्रस्तुत किया जाएगा.
### स्रोत लेख
@ -50,4 +47,3 @@ Door43 के प्रोजेक्टों के सहयोगी सह
* **[Free Translate License](http://ufw.io/freetranslate/)**
अधिक जानकारी के लिए, देखें [Copyrights, Licensing, and Source Texts](../../translate/translate-source-licensing/01.md)

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@ -1,7 +1,6 @@
* इस लेख का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/faith/ पर उपलब्ध है*
*इस लेख का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/faith/ पर उपलब्ध है*
*निम्नलिखित विश्वास मत, अन्फोल्डिन्ग वर्ड [unfoldingWord](https://unfoldingword.bible/) सभी सदस्य संगठनों एवं सहयोगियों के द्वारा प्रमाणित है. यह निम्नलिखित ऐतिहासिक विश्वासा कथनों के साथ भी सहमति दिखाता है: अपोस्टल्स क्रीड [Apostles Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/apostles.md), नाइसियन क्रीड [Nicene Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/nicene.md), और अथेनेशियन क्रीड [Athanasian Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md); और लौसेने कवनेन्ट [Lausanne Covenant](http://www.lausanne.org/en/documents/lausanne-covenant.html) भी।*
* निम्नलिखित विश्वास मत, अन्फोल्डिन्ग वर्ड [unfoldingWord](https://unfoldingword.org/) सभी सदस्य संगठनों एवं सहयोगियों के द्वारा प्रमाणित है. यह निम्नलिखित ऐतिहासिक विश्वासा कथनों के साथ भी सहमति दिखाता है: अपोस्टल्स क्रीड [Apostles Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/apostles.md), नाइसियन क्रीड [Nicene Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/nicene.md), और अथेनेशियन क्रीड [Athanasian Creed](https://git.door43.org/Door43/en_creeds/src/master/content/athanasian.md); और लौसेने कवनेन्ट [Lausanne Covenant](http://www.lausanne.org/en/documents/lausanne-covenant.html) भी।*
हम विश्वास करते हैं कि मसीही विश्वास दो भागों, **अत्यावश्यक विश्वास** **सतही विश्वास** में विभाजित हो सकता और होना चाहिए (रोमियों 14).
@ -10,25 +9,15 @@
अत्यावश्यक विश्वास ही यीशु मसीह के अनुयार्इयों को परिभाषित करता है जो किसी भी प्रकार का समझौता या नजरअंदाज करने को तैयार नही होता है
* हम विश्वास करते हैं कि बाइबल प्रेरित, अचूक, पर्याप्त, आधिकारिक परमेश्वर का वचन है (1 थिस्सलूनिकियों 2:13; 2 तिमुथियुस 3:16-17)
* gम विश्वास करते हैं कि परमेश्वर एक और तीन व्यवक्तित्वों में विद्यमान है: पिता परमेश्वर, पुत्र यीशु मसीह और पवित्र आत्मा (मती 28:19; यूहéा 10:30)
* हम यीशु मसीह की र्इश्वरीयता पर विश्वास करते हैं (यूहéा 1:1-4; फिलिप्पियों 2:5-11; 2 पतरस 1:1)
* हम यीशु मसीह की मानवीयता, कुँवारी के द्वारा उनका जन्म, पापरहित जीवन, उसके चमत्कार, लहू बहाकर, प्रायश्चित के रूप में एवं हमारे बदले में ली गर्इ उसकी मौत, सशरीर पुनरूत्थान और पिता के दाहिने ओर उसके स्वर्गारोहण पर विश्वास करते हैं (मती 1:18,25; 1 कुरिन्थियों 15:1-8; इब्रानियों 4:15; प्रेरितों के काम 1:9-11; 2:22-24)
* हम विश्वास करते हैं कि हर व्यक्ति पैदायशी से पापी है और अनंत नरक के योग्य है। (रोमियों 3:23; यशायाह 64:6-7)
* हम विश्वास करते हैं कि पाप से उद्धार परमेश्वर का वरदान है जो यीशु मसीह की बलिदानी मृत्यु और पुनरूत्थान के द्वारा उपलब्ध करवाया गया और विश्वास से अनुग्रह ही के द्वारा प्राप्त किया जाता है, कमोर्ं से नही। (यूहéा 3:16; 14:6; इफिसियों 2:8-9; तीतुस 3:3-7)
* हम विश्वास करते हैं कि सच्चा विश्वास पश्चाताप और पवित्रात्मा के द्वारा नयेपन के साथ जुड़ा होता है (याकुब 2:14-26; यूहéा 16:5-17; रोमियों 8:9)
* हम पवित्रात्मा की वर्तमान सेवकार्इ में विश्वास करते हैं जो यीशु मसीह के अनुयार्इयों के अंदर बसता और उन्हे दैवीय जीवन जीने का बल देता है (यूहéा 14:15-26; इफिसियों 2:10; गलातियों 5:16-18)
* हम प्रभु यीशु मसीह में, सब राष्ट्रों, भाषाओं और जनसमूहों के सभी विश्वासियों की एकता पर विश्वास करते हैं (फिलिप्पियों 2:1-4; इफिसियों 1:22-23; 1 कुरिन्थियों 12:12,27)
* हम यीशु मसीह के व्यक्तिगत एवं सशरीर पुनरागमन पर विश्वास करते हैं (मती 24:30; प्रेरितों के काम 1:10-11)
* हम उद्धार पाए हुओं एवं खो हुओं, दोनों प्रकार के लोगों के पुनरूत्थान पर विश्वास करते हैं; उद्धार नही पाए हुए नरक में अनंत नाश के लिए एवं उद्धार पाए हुए परमेश्वर के साथ अनंत स्वर्ग की आशीषों को पाने के लिए पुनरूत्थान पाएँगे (इब्रानियों 9:27-28; मती 16:27; यूहéा 14:1-3; मती 25:31-46)
#### सतही विश्वास

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@ -1,4 +1,3 @@
### ट्रांसलेशन अकेडमी (translationAcademy) में आपका स्वागत है
‘‘ट्रांसलेशन अकेडमी’’ का लक्ष्य हर एक को, हर जगह पर स्वयं निपुण बनाना है कि वह बाइबल की सामग्रियों का अपनी भाषा में उच्चस्तरीय अनुवाद कर सके। ट्रांसलेशन अकेडमी अपने आप में बहुत ही लचीली है. इसका उपयोग एक क्रमबद्ध, समय-पूर्व पहल अथवा समय-के-अंतर्गत प्रशिक्षण, के लिए (अथवा दोनों के लिए) इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी संरचना प्रमापीय अथवा माप-दर-माप है.

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@ -1,4 +1,3 @@
ट्रांसलेशन अकेडमी का उद्देश्य आपको बाइबल अनुवादक बनने का प्रशिक्षण देना है. अपने लोगों को यीशु मसीह के चेले बनाने के लिए अपनी भाषा में परमेश्वर के वचन का अनुवाद करना एक महत्वपूर्ण कार्य है. आपको इस कार्य के लिए समर्पित होना है, अपनी जिम्मेदारियाँ गम्भीरता से लेनी हैं, और परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना करनी है.
परमेश्वर ने बाइबल में हमसे बात की है. उसने बाइबल के लेखकों को इब्री, अरामिक और यूनानी भाषा में परमेश्वर का वचन लिखने के लिए प्रेरित किया. 40 विभिé लेखकों ने 1400 र्इसापूर्व से लेकर र्इस्वी सन् 100 तक बाइबल के भागों को लिखा. इन लेखों को मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका और यूरोप महाद्वीपों में लिखा गया. उन भाषाओं में अपने वचन को लिखने के द्वारा, परमेश्वर ने निश्चित किया कि उस समय के लोग उन भाषाओं को समझ सकें.
@ -9,4 +8,4 @@
हर भाषा बहुमूल्य एवं महत्वपूर्ण है. छोटी भाषाएँ भी आपके देश में बोली जाने वाली राष्ट्रीय भाषा के समान ही महत्वपूर्ण हैं और वे भी अच्छी तरह से अर्थ बता सकती हैं. कोर्इ भी अपनी भाषा बोलने में शर्म महसूस न करे. कर्इ बार, अल्पसंख्यक समूह के लोग अपनी भाषाओं के प्रति शर्म महसूस करते हैं और समूह के बहुसंख्यकों के सामने उस भाषा को बालते नही हैं. परंतु कुछ भी ऐसा नही है कि राष्ट्रीय भाषा में स्थानीय भाषा से अधिक महत्वपूर्ण, अधिक प्रसिद्ध या अधिक शिक्षित कुछ है. हर भाषा में अर्थ की सूक्ष्मताएँ एवं प्रकार हैं जो अपने आप में विशेष होते हैं. हम उस भाषा का उपयोग करें जिसमें हम सबसे ज्यादा आराम महसूस करते और दूसरों से उस भाषा में अच्छी तरह से बात कर सकते हैं.
*श्रेय: टोड प्राइस, Ph.D की ‘‘बाइबल ट्रांसलेशन थियोरी एण्ड प्रैक्टिस’’ से लिया गया। CC BY-SA 4.0*
* श्रेय: टोड प्राइस, Ph.D की ‘‘बाइबल ट्रांसलेशन थियोरी एण्ड प्रैक्टिस’’ से लिया गया। CC BY-SA 4.0*

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@ -1,7 +1,6 @@
* इस सामग्री का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/guidelines/ पर उपलब्ध है*
*इस सामग्री का आधिकारिक वर्ज़न http://ufw.io/guidelines/ पर उपलब्ध है*
*अनुवाद में इस्तेमाल किए जाने वाले निम्न सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का अनुपालन unfoldingWord प्रोजेक्ट के सभी सदस्य संगठन एवं सहयोगी करते हैं (देखें https://unfoldingword.bible). अनुवाद की सभी गतिविधियाँ इन निर्देशों के आधार पर होती हैं*
* अनुवाद में इस्तेमाल किए जाने वाले निम्न सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का अनुपालन unfoldingWord प्रोजेक्ट के सभी सदस्य संगठन एवं सहयोगी करते हैं (देखें https://unfoldingword.org). अनुवाद की सभी गतिविधियाँ इन निर्देशों के आधार पर होती हैं*
1. **सटीक** - सटीकता से अनुवाद करें, मूल अर्थ में किसी भी प्रकार का बदलाव, भटकाव या जोड़ न हो. अनुवाद की गर्इ सामग्री पुरी विश्वसनीयता के साथ मूल अर्थ को संपूर्ण तरीके से प्रदर्शित करे, ठीक उसी प्रकार जैसा इसके मूल श्रोताओं ने समझा था ([Create Accurate Translations](../../translate/guidelines-accurate/01.md) देखें)
1. **स्पष्ट** - भाषा की किसी भी संरचना का उपयोग कर, उच्चस्तरीय समझ को प्रदर्शित करें. इसमें एक लेख को पुन: व्यवस्थित करना, मूल अर्थ को स्पष्टता के साथ समझाने के लिए अधिक से अधिक शब्दों का उपयोग करना इत्यादि शामिल है (देखें [Create Clear Translations](../../translate/guidelines-clear/01.md))
@ -18,7 +17,7 @@
ये कदम अनुवाद प्रोजेक्ट की भाषा और माहौल के आधार पर बदल भी सकते हैं. आम तौर पर, हम अनुवाद को अच्छा तब मानते हैं जब उसे भाषा समुदाय के लोगों और उस समुदाय में उपस्थित कलीसिया के अगुवों के द्वारा पुनरावलोकन कर लिया जाए.
1. **सटीक, स्पष्ट, स्वाभाविक एवं समान** -उक्त जनसमूह में उपस्थित कलीसिया के द्वारा निर्धारित मापदण्डों के आधार पर, अनुवाद उसकी मूलप्रति के वास्तविक अर्थ के प्रति पूरा विश्वसनीय एवं वैश्विक तथा ऐतिहासिक कलीसिया के अनुरूप हो
1. **कलीसिया के द्वारा पुष्टि** - कलीसिया के द्वारा मान्य एवं उपयोग की जा सकने वाला ([Create Church-Approved Translations](../../translate/guidelines-church-approved/01.md) देखें)
1. **कलीसिया के द्वारा पुष्टि** - कलीसिया के द्वारा मान्य एवं उपयोग की जा सकने वाला ([Create Church-Approved Translations](../../translate/guidelines-church-approved/01.md) देखें)
हम सिफारिश करते हैं कि अनुवाद निम्न प्रकार का हो:

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@ -1,4 +1,3 @@
अन्फॉल्डिन्ग वर्ड प्रोजेक्ट का अस्तित्व इसलिए है कि हम **हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** देखना चाहते हैं.
यीशु मसीह ने हर जनसमूह में से ‘चेलों’ को बनाने की आज्ञा दी
@ -15,20 +14,20 @@
### ये कैसे करें?
**हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** नामक लक्ष्य को हम कैसे पूरा करें?
** हर भाषा में प्रतिबंधरहित बाइबल के अंश** नामक लक्ष्य को हम कैसे पूरा करें?
* [unfoldingWord Network](https://unfoldingword.bible/) अन्फॉल्डिन्ग वर्ड नेटवर्क - समान मन वाले दूसरे संगठनों के साथ भागिदारी के द्वारा
* [unfoldingWord Network](https://unfoldingword.org/network/) अन्फॉल्डिन्ग वर्ड नेटवर्क - समान मन वाले दूसरे संगठनों के साथ भागिदारी के द्वारा
* [Statement of Faith](../statement-of-faith/01.md) विश्वास कथन - समान विश्वास वाले लोगों के साथ कार्य करने के द्वारा
* [Translation Guidelines](../translation-guidelines/01.md) अनुवाद मार्गनिर्देश - समान अनुवाद सिद्धांत का उपयोग करने के द्वारा
* [Open License](../open-license/01.md) ऑपन लाइसेंस - हमारे द्वारा बनार्इ गर्इ हर चीज को ऑपन लाइसेंस के तहत सबके लिए उपयोगयोग्य बनाना
* [Gateway Languages Strategy](../gl-strategy/01.md) गेटवे भाषा कार्यप्रणाली - बाइबल के लेखों को ज्ञात भाषा से अनुवाद करने के लिए उपलब्ध बराना
### हम क्या करें?
* **रूपरेखा** - हम मुफ्त और प्रतिबंधरहित बाइबल अंश तैयार करते और बनाते और अनुवाद के लिए उपलब्ध कराते हैं। सामग्रियों और अनुवाद की संपूर्ण सूची के लिए, देखें http://ufw.io/content/ । कुछ नमूने निम्न हैं:
* **ऑपन बाइबल कहानियाँ** - सुसमाचार प्रचार के लिए, सृष्टि से लेकर प्रकाशितवाक्य तक, समयानुक्रम में 50 मुख्य कहानियों का संग्रह प्रिंटिंग, ऑडियों और वीडियो रूप में उपलब्ध है (देखें )
* **दी बाइबल** - परमेश्वर का प्रेरित, अचूक, पर्याप्त और आधिकारिक वचन ऑपन लाइसेंस के तहत प्रतिबंधरहित अनुवाद, इस्तेमाल एवं वितरण के लिए उपलब्ध कराना (देखें http://ufw.io/bible/)
* **अनुवाद लेख** - अनुवादकों के लिए भाषात्मक, सांस्कृतिक एवं पद-दर-पद मदद। वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tn/)
* **अनुवाद प्रश्न** - हर लेख के लिए प्रश्नों को उपलब्ध करना जिसके इस्तेमाल से अनुवादक और जाँचकर्ता जान सकते हैं कि अनुवाद समझ के योग्य एवं सही है या नही
* **ऑपन बाइबल कहानियाँ** - सुसमाचार प्रचार के लिए, सृष्टि से लेकर प्रकाशितवाक्य तक, समयानुक्रम में 50 मुख्य कहानियों का संग्रह प्रिंटिंग, ऑडियों और वीडियो रूप में उपलब्ध है (देखें )
* **दी बाइबल** - परमेश्वर का प्रेरित, अचूक, पर्याप्त और आधिकारिक वचन ऑपन लाइसेंस के तहत प्रतिबंधरहित अनुवाद, इस्तेमाल एवं वितरण के लिए उपलब्ध कराना (देखें http://ufw.io/bible/)
* **अनुवाद लेख** - अनुवादकों के लिए भाषात्मक, सांस्कृतिक एवं पद-दर-पद मदद। वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tn/)
* **अनुवाद प्रश्न** - हर लेख के लिए प्रश्नों को उपलब्ध करना जिसके इस्तेमाल से अनुवादक और जाँचकर्ता जान सकते हैं कि अनुवाद समझ के योग्य एवं सही है या नही
वे ऑपन बाइबल कहानियों और बाइबल के लिए मौजूद हैं (देखें http://ufw.io/tq/)

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@ -14,12 +14,12 @@ dublin_core:
description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
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issued: '2020-09-26'
issued: '2020-11-13'
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title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)'
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@ -34,11 +34,11 @@ dublin_core:
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@ -1,4 +1,3 @@
### प्रकाशन समीक्षा
Door43 में कार्य के अपलोड हो जाने के तुरंत बाद, यह स्वत: ही आपके यूज़र अकाऊंट के तहत उपलब्ध हो जाता है। इसका उल्लेख स्व-प्रकाशन के तौर पर होता है। आप अपने प्रोजेक्ट के वेब वजऱ्न को http://door43.org/u/user_name/project_name पर पा सकते हैं (जहाँ user_name आपका यूज़र नेम और project_name आपके अनुवाद का प्रोजक्ट होगा)। अपलोड करते वक्त translationStudio ऐप आपको सही लिंक दे देगा। आप सभी कार्यों को http://door43.org पर भी देख सकते हैं।

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@ -1,4 +1,3 @@
### वितरण समीक्षा
सामग्री बेअर्थ होगी यदि इसे वितरित या उपयोग नही किया जाए। Door43 अनुवाद एवं प्रकाशन मंच के उपयोग का एक लाभ यह है कि यह इसका वितरण करने के कर्इ परंतु आसान तरीके उपलब्ध कराता है।
@ -13,4 +12,3 @@
किसी भी मकसद के लिए, व्यवसायिक भी।
लाइसेंस की शर्तों के अंतर्गत।

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@ -1,8 +1,7 @@
### अनुशंसित मंच
Door43 इको सिस्टम में अनुवाद करने का अंनुशंसित मंच अथवा स्थल ट्रासलेशन स्टूडियो (translationStudio) है। इसी जगह पर अनुवाद और जाँच दल दोनों अपना कार्य करेंगे। आप एंड्रोयड, विन्डोज़, मैक, या लाइनक्स यंत्रों पर इसे सेटअप कर सकते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [Setting up translationStudio](http://ufw.io/ts/) देखें)।
### अन्य विकल्प
यदि आपका दल TranslationStudio का उपयोग नही करना चाहता है, तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन के औजारों का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि USFM या मार्कडाऊन फॉर्मेट में सामग्र को परिवर्तित करने की जिम्मेदारी आपकी होगी यदि आप TranslationStudio का उपयोग नही करते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [File Formats](../setup-ts/01.md) देखें)।
यदि आपका दल TranslationStudio का उपयोग नही करना चाहता है, तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन के औजारों का उपयोग कर सकते हैं। ध्यान दें कि USFM या मार्कडाऊन फॉर्मेट में सामग्र को परिवर्तित करने की जिम्मेदारी आपकी होगी यदि आप TranslationStudio का उपयोग नही करते हैं (अधिक जानकारी के लिए, [File Formats](../setup-ts/01.md) देखें)।

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@ -1,4 +1,3 @@
### जाँच से पहले
यह सुझाव दिया जाता है कि सामग्रियों की जाँच के दौरान निरंतर ([Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) की मदद लेते रहें। जाँच शुरू करने से पहले, हमारा सुझाव है कि आप अपने तरीके से पुस्तिका की जाँच शुरू कर दें जब तक के आपको यह न पता चल जाए कि हर स्तर की जरूरतें क्या हैं। जाँच प्रक्रिया में कार्य करने के दौरान, आपको जाँच हस्तपुस्तिका की निरंतर मदद लेनी होगी।

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@ -1,4 +1,3 @@
### अनुवाद से पहले क्या जानें
हम सुझाव देते हैं कि सामग्री के अनुवाद के दौरान आप लगातार [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md) की मदद लें। अनुवाद शुरू करने से पहले, हमारा सुझाव है कि आप अपने तरीके से अनुवाद सहायक पुस्तिका का उपयोग करना शुरू कर दें जब तक कि आपको आक्षरिक अनुवाद एवं अर्थ-आधारित अनुवाद में अंतर समझ में न आ जाए।अनुवाद सहायक पुस्तिका का अधिकाँश भाग ‘‘उसी समय’’ के सीखने के स्रोत के रूप में उपयोग किया जा सकता ह।

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@ -1,4 +1,3 @@
### स्वागत
प्रक्रिया सहायक पुस्तिका अनुवाद दल की कदम-दर-कदम यह मदद करना है कि प्रोजेक्ट की शुरूआत से लेकर अंत तक, उन्हे पता हो कि उन्हे क्या करना है। यह सहायक पुस्तिका अनुवाद की गर्इ एवं जाँची गर्इ सामग्री की शुरूआत से लेकर, इसके प्रकाशन तक मदद करेगी।

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@ -1,7 +1,6 @@
### जाँच स्तरों का उद्देश्य
प्राथमिक तौर पर, जाँच स्तरों (देखें [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद विश्वास कथन ([Statement of Faith]) एवं अनुवाद के निर्देशों ([Translation Guidelines])के अनुसार हुआ है।
प्राथमिक तौर पर, जाँच स्तरों (देखें [Checking Manual](../../checking/intro-check/01.md)) का उद्देश्य यह निश्चित करना है कि अनुवाद विश्वास कथन ([Statement of Faith]) एवं अनुवाद के निर्देशों ([Translation Guidelines])के अनुसार हुआ है।
दूसरा कारण यह है कि उसका उपयोग करने जा रहा समुदाय अधिक से अघिक टिप्पणियाँ और इस अनुवाद अपना समझे।
#### जाँच स्तर 1

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@ -1,4 +1,3 @@
### एक दल अथवा टीम को चुनना
जब आप अनुवाद एवं जाँच के दल को चुनते हैं तो कर्इ प्रकार के लोगों और भूमिकाओं की जरूरत होती है। हर दल के लिए विशेष योग्यताओं का होना जरूरी है।
@ -6,9 +5,9 @@
* अनुवाद दल को चुनना [Choosing a Translation Team](../../translate/choose-team/01.md) - जरूरी भुमिकाओं का वर्णन करता है
* अनुवादक की योग्यताएँ [Translator Qualifications](../../translate/qualifications/01.md) - अनुवादकों में जरूरी निपुणताओं के बारे में बताता है
* याद रखें कि दल के प्रत्येक व्यक्ति को सहमति के कथन पर हस्ताक्षर करना जरूरी है (फॉर्म पर उपलब्ध हैं)
* [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md)
* [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md)
* [Open License](../../intro/open-license/01.md)
* [Statement of Faith](../../intro/statement-of-faith/01.md)
* [Translation Guidelines](../../intro/translation-guidelines/01.md)
* [Open License](../../intro/open-license/01.md)
* दल का प्रत्येक व्यक्ति अनुवादक की योग्यताओं से ज्ञात हो (देखें [The Qualities of a Good Translation](../../translate/guidelines-intro/01.md))
* दल को यह भी ज्ञात होना चाहिए कि उत्तर कहाँ मिल सकते हैं (देखें [Finding Answers](../../intro/finding-answers/01.md))
@ -22,4 +21,3 @@
* स्रोत लेख एवं वर्ज़न संख्याएँ [Source Texts and Version Numbers](../../translate/translate-source-version/01.md) - स्रोत लेख के सबसे नए वर्जन से अनुवाद करना अच्छा होता है
* अक्षरमाला/वर्तनी [Alphabet/Orthography](../../translate/translate-alphabet/01.md) - कर्इ भाषाओं में अक्षरमाला के विषय में भी निर्णय लेना पड़ता है
* अपनी भाषा को लिखने के निर्णय [Decisions for Writing Your Language](../../translate/writing-decisions/01.md) - लिखने का तरीका, नामों के अनुवाद, सही शब्द और अन्य निर्णयों को लेना जरूरी है

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@ -1,4 +1,3 @@
### मोबाइल के लिए tS को इन्स्टॉल करना
ट्रांसलेशन स्टूडियो का मोबाइल (एंड्रोयड) संस्करण पर [Google Play Store](https://play.google.com/store/apps/details?id=com.translationstudio.androidapp) उपलब्ध है: या आप इसे http://ufw.io/ts/ से सीधा डाऊनलोड कर सकते हैं। यदि आप प्लेस्टोर से इन्स्टॉल करते हैं तो जब भी इसका नया वर्जन उपलब्ध होगा, प्लेस्टोर आपको सूचित करेगा। ध्यान दें कि आप इन्स्टॉल किए जा चुके ऐप को साइडलॉड कर, दूसरे यंत्रों में शेयर कर सकते हैं।
@ -18,4 +17,3 @@
1. यह बलपूर्वक सुझाव देते हैं कि अपने अनुवाद की जाँच होती रहे (देखें [Training Before Checking Begins](../prechecking-training/01.md))
1. जाँच (किसी भी स्तर की) पूरी होते ही, आप ऐप से अपने कार्य को अपलोड कर सकते हैं (Menu → Upload)
1. अपलोड करने के बाद, आप Door43 पर अपना कार्य ऑनलाइन देख सकते हैं (देखें [Publishing](../intro-publishing/01.md))

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@ -1,4 +1,3 @@
### tS से सामग्री को शेयर करना
ट्रांसलेशन स्टुडियो की सामग्री को बाँटना आसान है। ऑफलाइन शेयर करने के लिए, tS मेन्यू से बैक-अप प्रणाली का उपयोग करें। ऑनलाइन शेयर करने के लिए, tS मेन्यू से अपलोड प्रणाली का उपयोग करें।

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@ -1,4 +1,3 @@
### स्रोत लेख प्रक्रिया
स्रोत लेख का प्रकाशन सारी गेटवे भाषाओं के लिए जरूरी है ताकि उन्हे दूसरी भाषाओं के लिए स्रोत लेख के तौर उपयोग किया जा सके। ध्यान दें कि यह प्रक्रिया गेटवे भाषाओं के लिए है।

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@ -1,27 +1,23 @@
### वर्णन
अलंकार एक भाषा है जिसमें एक चित्र को एक विचार से जोड़ा जाता है जिससे कि वह तश्वीर विचार को दिखा सके । इसमें रूपालंकार, उपमा, रूपक या सांस्कृतिक नमूना शामिल रहता है। एक भाषा में इनमें से अधिकतर रूपों में चित्र और विचार को बड़े तौर पर जोड़ा जाता है, परंतु कुछ रूपों में ऐसा नही होता। बाइबल के अंलकार के इन पन्नों में बाइबल में वर्णित अलंकार को दर्शाया गया है।
बाइबल में वर्णित जोड़ने का तरीका, इब्री और यूनानी भाषाओं में विशिष्ट था। इन तरीकों को जानना लाभदायक है क्योंकि इससे अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को बार बार लाया जाता है कि उनका अनुवाद कैसे हो। और एक बार अनुवाद सोचकर इन चुनौतियों का सामना करने का हल निकाल लेता है तो वे समस्या को कहीं और पर भी आ जाने पर इन्हे आसानी से निपट सकते हैं।
### रूपालंकार और उपमा में समान तथ्य
ूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है, वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल।
** ूपालंकार** तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है, वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल।
पमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल <u> जैसा </u> है’’।
** पमा** एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल <u> जैसा </u> है’’।
‘‘रूपालंकार और उपमा को आपस में जोड़ने के कुछ आम तरीकों के लिंक को पाने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Common Patterns](../bita-part1/01.md)
### आम रूपक
रूपकों में, एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे नजदीकी से जुड़ी अन्य वस्तु के नाम से पुकारा जाता है।
‘‘बाइबल में वर्णित आम रूपकों के लिए [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) देखें’’
### सांस्कृतिक नमूने
सांस्कृतिक नमूने जिंदगी अथवा व्यवहार के भागों की मानसिक तश्वीर होती है। ये तश्वीरें कल्पना करने एवं इन बातों के बारे में बात करने में हमारी मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, अमरीकी व्यक्ति विवाह, मित्रता इत्यादि चीजों के बारे में इस प्रकार सोचते हैं कि वे एक मशीन हों। अमरीकी कहेगा, ‘‘उसकी शादी टूट रही है, या ‘‘उनकी दोस्ती तीव्र गति से आगे दौड़ रही है’’

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@ -1,10 +1,9 @@
बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में लिखे गए शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में लिखे गए शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
#### जानवर का सींग ताकत को दिखाता है
> परमेश्वर मेरी चट्टान है। उसका मैं शरणागत हूँ।
> वह मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है।
> परमेश्वर मेरी चट्टान है। उसका मैं शरणागत हूँ।
> वह मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है।
> वह मुझे उपद्रव से बचाता है (2 शमुएल 22:3 ULB)
मेरे ‘‘उद्धार का सींग’’ मुझे बचाने में शक्तिशाली है
@ -13,7 +12,6 @@
‘‘दाऊद का सींग’’ राजा दाऊद की सैनिक ताकत है
#### पक्षी उन लोगों को दिखाता है जो खतरे में है ओर कोर्इ बचाव नही है
कारण यह है कि कुछ पक्षी आसानी से फंदे में पड़ जाते हैं
@ -30,7 +28,7 @@
#### माँसाहारी पक्षी चतुरार्इ से हमला करने वाले शत्रु को दिखाता है
हबक्कुक और होशै में, इस्राएल के सामने आकर हमला करने वाले दुश्मनों की तुलना एक उकाब से की गर्इ है।
हबक्कुक और होशै में, इस्राएल के सामने आकर हमला करने वाले दुश्मनों की तुलना एक उकाब से की गर्इ है।
<blockquote> और उनके घुड़सवार कोसों दूर से आए - वे अहेर पर झपटने वाले उकाब की नांर्इ उड़ते हैं। ( बक्कुक 1:8 ULB) </blockquote>
> एक उकाब यहोवा के घर पर आता है
@ -51,7 +49,6 @@
> क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं
> इस नाश के समापत होने तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा ।(भजन संहिता 57:1 ULB)
#### खतरनाक जानवर खतरनाक लोगों को दिखाते हैं
भजन संहिता में, दाऊद अपने दुश्मनों की तुलना शेर से करता है
@ -70,7 +67,6 @@
मती में, यूहéा बपतिस्मादाता ने धार्मिक अगुवों को जहरीले सर्प कहा क्योंकि उन्होने अपनी शिक्षाओं से लोगों को क्षति पहुँचार्इ थी
> जब उसने बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उनसे कहा, कि हे विषैले सर्प के बच्चों, तुम्हें किसने जता दिया कि आनेवाले क्रोध से भागो? (मती 3:7 ULB)
#### उकाब ताकत को दिखाता है
> वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है
@ -78,7 +74,6 @@
<blockquote> क्योंकि यहोवा यों कहता है, देखो, वह उकाब सा उड़ेगा और मोआब के ऊपर अपने पंख फैलाएगा (यिर्मयाह 48:40 ULB)</blockquote>
#### भेड़ या झुण्ड ऐसे लोगों को दिखाता है जिन्हे अगुवार्इ की जरूरत है और जो खतरे में पड़े हैं
> मेरी प्रजा खोर्इ हुर्इ भेडें हैं। उनके चरवाहों ने उनको पहाड़ों पर भटका दिया है; (यिर्मयाह 50:6 ULB)

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@ -1,4 +1,3 @@
बाइबल में वर्णित खेतीबाड़ी से संबंधित कुछ तश्वीरें निम्नलिखित हैं। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
#### किसान परमेश्वर को दिखाता और दाख की बारी चुने हुए लोगों को दिखाती है
@ -24,7 +23,7 @@
#### बोना कार्य अथवा व्यवहार को तथा काटना न्याय एवं इनाम को दिखाता है
> मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते
> मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते
> और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं (अय्यूब 4:8 ULB)
> धोखा न खाओ परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा (गलातियों 6:7-8 ULB)

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@ -1,7 +1,6 @@
### वर्णन
बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
#### देह लोगों के समूह को दिखाती है
@ -9,11 +8,11 @@
</blockquote> वरन् प्रेम में सच्चार्इ से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएं मसीह से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, अपने आपको बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए (इफिसियों 4:15-16 ULB) </blockquote>
इन वचनों में मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह को दिखाती है।
इन वचनों में मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह को दिखाती है।
#### चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है
> मेरा भय नहीं मानते-यहोवा की यही वाणी है- या <u>मेरे सम्मुख (चेहरे के सामने)<u> नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULB)
> मेरा भय नहीं मानते-यहोवा की यही वाणी है- या <u>मेरे सम्मुख (चेहरे के सामने)<u> नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULB)
किसी के सामने होने का मतलब है किसी की उपस्थिति में, उसके साथ होना।
@ -65,7 +64,6 @@
परमेश्वर की सेवा काने का प्रोत्हासन परमेश्वर से आता है पैसे की सेवा काने का प्रोत्हासन पैसे से आता है
#### नाम उस व्यक्ति को दिखाता है जिसका वह नाम है
‘‘तेरा परमेश्वर, <u>सुलैमान का नाम</u>, तेरे नाम से भी महान करे, और उसका राज्य तेरे राज्य से भी अधिक बढ़ाए’’ न् (1 राजा 1:47 ULB)
@ -100,7 +98,7 @@
<blockguote>तेरे <u>नथनों (नाक)</u> की सांस से जल एकत्र हो गया (निर्गमन 15:8 ULB)</blockquote>
>उसके <u>नथनों (नाक)</u> से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर... (2 शमुएल 22:9 ULB)
>उसके <u>नथनों (नाक)</u> से धुंआ निकला, और उसके मुंह से आग निकलकर... (2 शमुएल 22:9 ULB)
<blockquote> यह परमेश्वर की वाणी है ‘उसी दिन मेरी जलजलाहट <u>मेरे मुख (नाक)</u> से प्रगट होगी! (यहेजकेल 38:18 ULB) </blockquote>
@ -110,11 +108,11 @@
>परन्तु <u>घमण्ड भरी (उठी हुर्इ) आंखों</u> को नीची करता है (भजन संहिता 18:27 ULB)
उठी हुर्इ आँखें व्यक्ति के घमण्ड को दिखाती हैं ।
उठी हुर्इ आँखें व्यक्ति के घमण्ड को दिखाती हैं ।
>परमेश्वर घमण्डी को नीचा करता और <u>नम्र मनुष्य (नीची आँखों)</u> को बचाता है (अय्यूब 22:29 ULB)
नीची आँखें दिखाती हैं कि व्यक्ति नम्र है।
नीची आँखें दिखाती हैं कि व्यक्ति नम्र है।
#### किसी की संतान उसके गुण को दिखाती है

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@ -1,4 +1,3 @@
बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है. बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं. यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है
#### झुके हुए का मतलब है निराश
@ -80,7 +79,6 @@
>वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ को यहाँ व्यक्तिरूप दिया गया है (देखें [Personification](../figs-personification/01.md))
#### शराबीपन कष्ट को एवं दाखमधु न्याय को दिखाता है
अधिक मदिरा व्यक्ति को कमजोर बनाती एवं लड़खड़ाती है. इसी प्रकार, जब लोग न्याय करते हैं तो वे भी कमजोर होते और लड़खड़ाते हैं. अत: दाखमधु का विचार परमेश्वर के न्याय को दिखाने के लिए लाया गया है
@ -121,7 +119,6 @@
>वह लहू, मारे हुओं और बन्धुओं का
>और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा (व्यवस्थाविवरण 32:42 ULB)
#### उतरना अथवा में डालना प्रभाव डालने को दिखाता है
<blockquote>तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नींद में <u>डाल दिया</u>, और जब वह सो गया (उत्पत्ति 2:21 ULB)<blockquote>
@ -155,7 +152,7 @@
लोग तब तक परमेश्वर के राज को स्थायी तौर पर नही पा सकते हैं, जब तक वे अपने मरणहार शरीर में हैं
ीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना
** ीरास** का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना
>तू उन्हें पंहुचाकर अपने निज <u>भागवाले (निर्गमन 15:17 ULB)
@ -167,7 +164,7 @@
>उसके लिए पवित्र किए गए लोगों में उसकी <u>मीरास</u> की महिमा का धन कैसा है (इफिसियों 1:18 ULB)
परमेश्वर के लिए पवित्र किए गए लोगों के लिए परमेश्वर जिन बातों को करता है, वे उनकी स्थिर निज भाग होती हैं
परमेश्वर के लिए पवित्र किए गए लोगों के लिए परमेश्वर जिन बातों को करता है, वे उनकी स्थिर निज भाग होती हैं
‘‘वारिस’’ एक ऐसा व्यक्ति होता है जो स्थायी तौर पर अपनी चीजों का अधिकारी होता है
@ -224,7 +221,6 @@
>तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चार्इ के साथ एक </u>विराजमान</u> होगा (यशायाह 16:5 ULB)
#### खड़े रहना सफलतापूर्वक सामना करने को दिखाता है
>इस कारण दुष्ट लोग अदालत में <u>खड़े</u> न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; (भजन संहिता 1:5 ULB)

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@ -1,6 +1,5 @@
बाइबल में वर्णित मनुष्य निर्मित वस्तुओं से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है।
बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
बाइबल में वर्णित मनुष्य निर्मित वस्तुओं से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है।
बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
#### पीतल ताकत को दिखाता है

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@ -1,11 +1,10 @@
यह पéा उन विचारों को बताता है जो सीमित तरीकों से एक साथ जुड़े हैं। (*अधिक जटिल युग्मों पर विचार विमश करने के लिए, देखें [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md).*)
### वर्णन
भी भाषाओं में, अधिकतर **रूपक** कर्इ विचारों को एक साथ जोड़ने के द्वारा बनते हैं जिसमें एक विचार दूसरे को दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ भाषाओं में __ऊँचार्इ__ को ‘‘ज्यादा’’ एवं __नीचे__ को ‘‘ज्यादा नही’’ से जोड़ा जाता है जिससे __ऊँचार्इ__ ‘‘ज्यादा’’ को एवं __नीचा__ ‘‘ज्यादा नही’’ को दर्शाए।
भी भाषाओं में, अधिकतर **रूपक** कर्इ विचारों को एक साथ जोड़ने के द्वारा बनते हैं जिसमें एक विचार दूसरे को दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ भाषाओं में __ऊँचार्इ__ को ‘‘ज्यादा’’ एवं __नीचे__ को ‘‘ज्यादा नही’’ से जोड़ा जाता है जिससे __ऊँचार्इ__ ‘‘ज्यादा’’ को एवं __नीचा__ ‘‘ज्यादा नही’’ को दर्शाए।
कारण, यदि ढ़ेर में बहुत सारी चीजें होती हैं तो ढ़ेर ऊँचा होता है। इसी प्रकार, किसी वस्तु के लिए ज्यादा पैसा लगता है तो लोग कहते हैं कि कीमत __ऊँची__ है या किसी शहर में पहले से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोगों की संख्या __बढ़__ गर्इ है।
कारण, यदि ढ़ेर में बहुत सारी चीजें होती हैं तो ढ़ेर ऊँचा होता है। इसी प्रकार, किसी वस्तु के लिए ज्यादा पैसा लगता है तो लोग कहते हैं कि कीमत __ऊँची__ है या किसी शहर में पहले से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोगों की संख्या __बढ़__ गर्इ है।
इसी तरह, यदि किसी का वनज कम हो गया है या वह पतला हो गया है तो हम कहेंगे कि उसका वजन __घट__ गया है ।बाइबल में इस्तेमाल किए गए तरीके यूनानी एवं इब्री भाषा में विशेष हैं। इन तरीकों को पहचानना महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को लाते हैं कि उनका अनुवाद कैसे किया जाए।
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इस तरह वे मेरे <u>अंगारे</u> को जो बच गया है बुझाएंगे, और <u>मेरे पति का नाम और सन्तान</u> धरती पर से मिटा डालेंगे (2 शमूएल 14:7 ULB)
#### बाइबल के तश्वीरों के लिंक
निम्न पéों में उन विचारों की सूचियाँ हैं जो बाइबल मं किसी दूसरे को प्रकट करते हैं। इन्हे तश्वीरों के प्रकार के आधार पर क्रमबद्ध किया गया है

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बाइबल में से कुछ रूपकों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
बाइबल में से कुछ रूपकों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
#### एक कटोरा अथवा बर्तन दिखाता है कि उसमें क्या है

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### इ
सांस्कृतिक नमूने जीवन अथवा व्यवहार के अंगों की मानसिक तश्वीरें हैं। ये तश्वीरें इन विषयों के बारे में कल्पना एवं बातचीत करने में हमारी मदद करती हैं।
सांस्कृतिक नमूने जीवन अथवा व्यवहार के अंगों की मानसिक तश्वीरें हैं। ये तश्वीरें इन विषयों के बारे में कल्पना एवं बातचीत करने में हमारी मदद करती हैं।
उदाहरण के तौर पर, अमरीकी लोग विवाह, मित्रता जैसी कर्इ चीजों के बारे में ऐसा सोचते हैं जैसे कि वो मशीनें हैं। अमरीकी शायद कहे, ‘‘उसका विवाह टूट रहा है’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तेज गति में बढ़ रही है’’
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>उसने कहा, ‘‘जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है क्योंकि भीतर से अर्थात् मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता.... <u>कुदृष्टि</u>, ... (मरकुस 7:20-22 ULB)
मती 20:15 की पृष्ठभूमि में घृणा की भावना सम्मिलित है ‘‘क्या .... बुरी दृष्टि से देखता है? का अर्थ है ‘‘क्या तुममें घृणा है’’
मती 20:15 की पृष्ठभूमि में घृणा की भावना सम्मिलित है ‘‘क्या .... बुरी दृष्टि से देखता है? का अर्थ है ‘‘क्या तुममें घृणा है’’
>क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूँ सो करूं?
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#### तेजी से चलने वाली चीजों को पंख के रू </u> में दिखाया गया है
ये बात हवा या आकाश में चलने वाली वस्तुओं के बारे में सही है। सूरज को पंख लगी तश्तरी की तरह दिखाया गया है जिससे यह हवा में से उड़ता और दिनभर में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ता है।
ये बात हवा या आकाश में चलने वाली वस्तुओं के बारे में सही है। सूरज को पंख लगी तश्तरी की तरह दिखाया गया है जिससे यह हवा में से उड़ता और दिनभर में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ता है।
भजन संहिता 139 में, ‘‘भोर के पंख’’ का इशारा सूरज की ओर है।

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@ -1,4 +1,3 @@
बाइबल में से कुछ प्राकृतिक नमूनों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
#### रोशनी किसी के चेहरे को दिखाती है (यह इस विचार से जुड़ा है कि चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है)
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>हे यहोवा, वे लोग तेरे <u>मुख के प्रकाश</u> में चलते हैं (भजन संहिता 89:15 ULB)
#### रोशनी भलार्इ को एवं अंधकार दुष्टता को दिखाता है
>परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा इस कारण वह उजियाला जो तुझमें है, यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा! (मत्ती 6:23 ULB)

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@ -1,4 +1,3 @@
बाइबल में वर्णित पेड़ पौधों से संबंधित तश्वीरों को को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।
#### शाखा अथवा डाली एक व्यक्ति के वंश को दिखाती है

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@ -1,7 +1,6 @@
### अनुवादक दल का महत्व
बाइबल का अनुवाद करना एक बड़ा एवं कठिन कार्य है जिसे पूरा करने के लिए कर्इ लोगों की जरूरत पड़ती है। यह भाग उन योग्यताओं और जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श करेगा जो बाइबल अनुवाद दल के एक सदस्य में होनी चाहिए।कुछ लोगों में बहुत सारी योग्यताएँ एवं जिम्मेदारियाँ होती हैं, तो कुछ लोगों में ये कम होती हैं। परंतु यह महत्वपूर्ण है कि हर अनुवादक दल में इतने लोग तो जरूर हों कि इन सारी योग्यताओं को इस्तेमाल किया जा सके।
बाइबल का अनुवाद करना एक बड़ा एवं कठिन कार्य है जिसे पूरा करने के लिए कर्इ लोगों की जरूरत पड़ती है। यह भाग उन योग्यताओं और जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श करेगा जो बाइबल अनुवाद दल के एक सदस्य में होनी चाहिए।कुछ लोगों में बहुत सारी योग्यताएँ एवं जिम्मेदारियाँ होती हैं, तो कुछ लोगों में ये कम होती हैं। परंतु यह महत्वपूर्ण है कि हर अनुवादक दल में इतने लोग तो जरूर हों कि इन सारी योग्यताओं को इस्तेमाल किया जा सके।
### कलीसियार्इ अगुवे
@ -9,7 +8,7 @@
### अनुवाद समिति
यह अच्छा होगा यदि ये कलीसियार्इ समूह या उनके अगुवे एक समिति बनाएँ जिससे कार्य में, अनुवाद को चुनने में, आने वाली समस्याओं को सुलझाने में और कलीसियाओं को प्रार्थना एवं आर्थिक मदद करने के लिए उत्साहित करने में योगदान मिल सके। यह समिति उन लोगों को भी चुन सकती है जो अनुवाद को स्तर 2 एवं स्तर 3 की सटीकता जाँच में मदद कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़े तो यह समिति अनुवाद के प्रारूप, इसके वितरण और अनुवाद किए गए सामग्रियों की कलीसियाओं के द्वारा उपयोग पर निर्णय ले सकती है।
यह अच्छा होगा यदि ये कलीसियार्इ समूह या उनके अगुवे एक समिति बनाएँ जिससे कार्य में, अनुवाद को चुनने में, आने वाली समस्याओं को सुलझाने में और कलीसियाओं को प्रार्थना एवं आर्थिक मदद करने के लिए उत्साहित करने में योगदान मिल सके। यह समिति उन लोगों को भी चुन सकती है जो अनुवाद को स्तर 2 एवं स्तर 3 की सटीकता जाँच में मदद कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़े तो यह समिति अनुवाद के प्रारूप, इसके वितरण और अनुवाद किए गए सामग्रियों की कलीसियाओं के द्वारा उपयोग पर निर्णय ले सकती है।
### अनुवादक
@ -19,7 +18,7 @@
### टंकणकर्ता (टार्इप करने वाले)
यदि अनुवादक अपने ड्राफ्ट को स्वयं कम्प्यूटर या लैपटॉप में नही डालते हैं तो किसी और को यह कार्य करना पड़ेगा। किसी ऐसे की जरूरत होगी जो अधिक गलतियाँ किए बिना, टंकण कार्य कर सके। उसे सही और सतत् तरीके से विराम चिन्हों का उपयोग आना चाहिए।उसे हर जाँच और अवलोकन के बाद आए सुधारों और अवलोकनों को भी टंकित करना पड़ेगा।
यदि अनुवादक अपने ड्राफ्ट को स्वयं कम्प्यूटर या लैपटॉप में नही डालते हैं तो किसी और को यह कार्य करना पड़ेगा। किसी ऐसे की जरूरत होगी जो अधिक गलतियाँ किए बिना, टंकण कार्य कर सके। उसे सही और सतत् तरीके से विराम चिन्हों का उपयोग आना चाहिए।उसे हर जाँच और अवलोकन के बाद आए सुधारों और अवलोकनों को भी टंकित करना पड़ेगा।
### अनुवाद जाँचकर्ता
@ -27,5 +26,5 @@
### जाँचकर्ता
अनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों।
अनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों।
चूँकि ये लोग बहुत व्यस्त रहते हैं, एक या कुछ व्यक्तियों पर अधिक भार डालने से बेहतर होगा कि अलग अलग पुस्तकों को अलग अलग व्यक्तियों के पास भेजा जाए।

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@ -1,5 +1,4 @@
आम तौर पर एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अलावा अन्य शब्दों से संबोधित करता है।
आम तौर पर एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अलावा अन्य शब्दों से संबोधित करता है।
### वर्णन
@ -44,16 +43,12 @@
1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरूष वाक्यों का उपयोग करें
* **परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, <u>आपका सेवक</u> <u>अपने</u> पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’** (1 शमुएल 17:34)
* परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, <u>मैं, आपका सेवक</u> <u>मेरे</u> पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’
* परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, <u>मैं, आपका सेवक</u> <u>मेरे</u> पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’
1. तृतीय पुरूष की बजाय, केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरूष (’’आप’’) का उपयोग करें
* **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ <u>परमेश्वर के</u> समान हैं?
क्या तुम <u>उसकी</u> आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?** (अय्यूब 40:6,9 ULB)
* तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ <u>मेरे</u> समान हैं? क्या तुम <u>मेरी</u> आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?
* **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ <u>परमेश्वर के</u> समान हैं? क्या तुम <u>उसकी</u> आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?** (अय्यूब 40:6,9 ULB)
* तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ...क्या तेरी भुजाएँ <u>मेरे</u> समान हैं? क्या तुम <u>मेरी</u> आवाज की भांति गर्जन कर सकते हो?
* **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल <u>अपने</u> भार्इ को क्षमा न करे** (मती 18:35 ULB)
* इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल से <u>तुम्हारे</u> भार्इ को क्षमा न करे
* इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें <u>हर कोर्इ</u> पूरे दिल से <u>तुम्हारे</u> भार्इ को क्षमा न करे

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@ -1,73 +1,67 @@
भाववाचक संज्ञाएँ व्यवहार, गुण, घटनाएँ, हालात या इन विचारों के तहत रिश्तों को दिखाते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, वजन, चोट, एकता, मित्रता, सेहत और वजह। अनुवाद में यह एक समस्या है क्योंकि कुछ भाषाओं में कुछ विचारों को भावनात्मक संज्ञा के द्वारा, तो कुछ अन्य भाषाओं में किसी दूसरे तरीके के द्वारा प्रकट किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘इसका <u>वजन</u> क्या है? को निम्न तरीके से भी कहा जा सकता है, इसका कितना <u>वजन</u> होगा या यह कितना <u>वजनी</u> होगा।
भाववाचक संज्ञाएँ वे संज्ञाएँ हैं जो व्यवहार, गुण, घटनाएँ या परिस्थितियाँ का उल्लेख करती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिसे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, वजन, एकता, मित्रता, सेहत और वजह। यह एक अनुवाद की समस्या है क्योंकि कुछ भाषाओं में विचारों को भावनात्मक संज्ञा के द्वारा व्यक्त कर सकते है, जबकि अन्य भाषाओंमें इसे व्यक्त करने के लिए एक अलग तरीके की आवश्यकता होगी।
### वर्णन
याद रखें कि संज्ञाएँ वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा विचार को दिखाते हैं, तो ‘‘भाववाचक संज्ञाएँ’’ विचारों को दिखाती हैं। ये व्यवहार, गुण, घटनाएँ, हालात या इन विचारों के तहत रिश्ता हो सकती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, शांति, सृष्टि, भलार्इ, संतुष्टि, न्याय, सच, आजादी, बदला, धीमापन, लंबार्इ या वजन।
याद रखें कि संज्ञाएँ वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति,स्थान, वस्तु अथवा विचार को संदर्भित करती हैं। **भाववाचक संज्ञाएँ** वे संज्ञाएँ हैं जो विचारों को संदर्भित करती हैं। ये व्यवहार, गुण, घटनाएँ, परिस्थितियाँ या  इन विचारों के बीच संबंध भी हो सकते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, शांति, सृष्टि, भला, संतुष्टि, न्याय, सच, आजादी, बदला, धीमापन, लंबाई, वजन और कई, कई और अधिक।
भाववाचक संज्ञा की मदद से लोग अपने विचारों को कम शब्दों में प्रकट कर सकते हैं, अन्यथा उन्हे ज्यादा शब्दों का उपयोग करना पड़ सकता है। यह कार्य या गुण को नाम देना कहलाता है जिससे लोग उनके बारे में ऐसे बात करते हैं िकवे वास्तव में वस्तुएँ हैं। यह भाषा का एक छोटा रास्ता है।
उदाहरण के तौर पर, भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने वाली भाषाओं में, लोग कह सकते हैं, ‘‘मैं पापों की क्षमा में विश्वास करता हूँ’’। परंतु यदि उक्त भाषा में ‘‘क्षमा’’ एवं ‘‘पाप’’ नामक दो भाववाचक संज्ञाएँ नही हैं तो वे इसी अर्थ को बताने वाला कथन नही बता पाएँगे। उन्हे कहना पड़ेगा, उदाहरण के तौर पर, ‘‘मैं विश्वास करता हूँ कि पाप कर चुके मनुष्य को परमेश्वर क्षमा करना चाहता है’’ और उसमें विचार की संज्ञाओं का उपयोग करने की बजाय, क्रिया के शब्दों का उपयोग होता है।
कुछ भाषाएँ जैसे बाइबल यूनानी और अंग्रेजी जिसमे भाववाचक संज्ञा का बहुत अधिक उपयोग होता है। यह क्रियाओं या गुणों को नाम देने का एक तरीका है ताकि इन भाषाओं को बोलने वाले लोग उनके बारे में बात कर सकें जैसे कि वे चीजें थीं। उदाहरण के तौर पर, भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने वाली भाषाओं में, लोग कह सकते हैं, ‘‘मैं पापों की क्षमा में विश्वास करता हूँ’’। परन्तु कुछ भाषाओं में भाववाचक संज्ञाओं का बहुत उपयोग नहीं होता हैं। उन भाषाओं में, उनके पास ‘‘क्षमा’’ एवं ‘‘पाप’’ नामक दो भाववाचक संज्ञाएँ नही हैं तो वे अन्य तरीकों से भी यही अर्थ व्यक्त करेंगे। वे कहेंगे, उदाहरण के लिए, ‘‘मैं विश्वास करता हूँ कि पाप कर चुके मनुष्य को परमेश्वर क्षमा करना चाहता है’’ और उसमें विचार की संज्ञाओं का उपयोग करने की बजाय, क्रिया के शब्दों का उपयोग होता है।
#### वजह यह अनुवाद की समस्या है
अनुवाद की जाने वाली बाइबल में कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग हो सकता है। शायद आपकी भाषा कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञा का उपयोग नही करती हो; इसकी बजाय, वे उन विचारों को प्रकट करने के लिए दूसरे कथनों का उपयोग करती होगी। वे कथन भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने के लिए, अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग करते होंगे, जैसे विशेषण, क्रियाएँ, क्रियाविशेषण इत्यादि।
अनुवाद की जाने वाली बाइबल में कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग हो सकता है। शायद आपकी भाषा कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञा का उपयोग नही करती हो; इसकी बजाय, वे उन विचारों को प्रकट करने के लिए दूसरे कथनों का उपयोग करती होगी। वे कथन भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने के लिए, अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग करते होंगे, जैसे विशेषण, क्रियाएँ, क्रियाविशेषण इत्यादि।उदाहरण के लिए, "इसका **वजन** क्या है?" को "इसका **वजन** कितना है?" या "यह कितना **भारी** है?"के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
### बाइबल से उदाहरण
>...<u>बालकपन</u> से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है... (2 तीमुथियुस 3:15 ULB)
> *…**बालकपन** से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है…* (2 तीमुथियुस 3:15 ULB)
भाववाचक संज्ञा ‘‘बालकपन’’ बताता है कि व्यक्ति बालक है
>पर <u>सन्तोषसहित</u> <u>भक्ति</u> बड़ी <u>कमार्इ</u> है। (1 तीमुथियुस 6:6 ULB)
> पर **सन्तोष सहित भक्ति** बड़ी **लाभ** है।  (1 तीमुथियुस 6:6 ULB)
भाववाचक संज्ञा ‘‘भक्ति’’ और ‘‘संतोष’’ बताता है कि व्यक्ति दैवीय और संतुष्ट है । भाववाचक संज्ञा कमार्इ लाभदायक अथवा मददगार वस्तु की बात करती है।
भाववाचक संज्ञा ‘‘भक्ति’’ और ‘‘संतोष’’ बताता है कि व्यक्ति दैवीय और संतुष्ट है । भाववाचक संज्ञा लाभ  लाभदायक अथवा मददगार वस्तु की बात करती है।
>आज इस घर में <u>उद्धार</u> आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB)
> आज इस घर में **उद्धार** आया है, इसलिए कि यह भी अब्राहम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB)
भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्धार’’ मुक्ति पाने के बारे में बताता है
>प्रभु प्रतिज्ञा में देर नहीं करता, जैसी <u>देर</u> कुछ समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB)
> प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता जैसी **देर** कितने लोग समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB)
भाववाचक संज्ञा ‘‘देर’’ बताता है कि कैसे कोर्इ कार्य धीमे होता है
भाववाचक संज्ञा ‘‘देर’’ बताता है कि कैसे कोई कार्य धीमे होता है
>वह अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की <u>मतियों</u> को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB)
> वही तो अंधकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के **उद्देश्यों** को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB)
भाववाचक संज्ञा मतियों’’ बताता है कि लोग क्या करना चाहते हैं और उसे क्यों करना चाहते हैं
भाववाचक संज्ञा उद्देश्यों’’ कोबताता है कि लोग क्या करना चाहते हैं और उसे क्यों करना चाहते हैं
### अनुवाद रणनीति
यदि भाववाचक संज्ञा आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उसका अर्थ सही निकलता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो अगले विकल्प निम्नलिखित हैं:
यदि भाववाचक संज्ञा आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उसका अर्थ सही निकलता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, यहाँ एक और विकल्प है:
1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो
संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है....
1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो। संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है।
### अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण
1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो
1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो। संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर कर सकते है।
संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है
* **....<u>बालकपन</u> से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है**.... (2 तीमुथियुस 3:15 ULB)
* जबसे तुम <u>बालक थे</u> तुमने पवित्र शास्त्र को जाना है
* **पर <u>सन्तोष सहित भक्ति</u> बड़ी <u>कमार्इ</u> है।** (1 तीमुथियुस 6:6 ULB)
* पर <u>भक्ति</u> और <u>संतोष</u> में रहना बड़ा <u>लाभदायक</u> है
* पर हमें बड़ा <u>लाभ</u> मिलता है जब हमारे अंदर <u>भक्ति</u> और <u>संतोष</u> होता है
* पर हमें बड़ा <u>लाभ</u> मिलता है जब हम परमेश्वर के प्रति <u>सम्मान और आज्ञाकारिता</u> दिखाते और <u>हमारे पास जो है</u> उससे खुश होते हैं
* **आज इस घर में <u>उद्धार</u> आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है** (लूका 19:9 ULB)
* आज इस घर के लोगों ने <u>उद्धार पाया</u> है
* आज इस घर के लोगों को परमेश्वर ने <u>उद्धार</u> दिया है
* **प्रभु प्रतिज्ञा में देर नहीं करता, जैसी <u>देर</u> कुछ समझते हैं** (2 पतरस 3:9 ULB)
* प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के बारे में देरी से काम नही करता, जैसी <u>देरी</u> कुछ लोग समझते हैं
* **वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की <u>मतियों</u> को प्रगट करेगा** (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB)
* वह अन्धकार की छिपी बातों को ज्योति में लाएगा, और उन <u>बातों को प्रकट करेगा जो लोग करना चाहते और कारणों को कि वे क्यों करना चाहते हैं</u>
> …**बालकपन** से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है… (2 तीमुथियुस 3:15 ULB)
>
> > जबसे तुम **बालक थे** तुमने पवित्र शास्त को जाना है।
>
> पर **सन्तोष सहित भक्ति** बड़ी **लाभ** है।  (1 तीमुथियुस 6:6 ULB)
>
> > पर **भक्ति** और **संतोष** में रहना बड़ा **लाभदायक** है
> >
> > पर हमें बड़ा **लाभ** मिलता है जब हमारे अंदर **भक्ति** और **संतोष** होता है
> >
> > पर हमें बड़ा **लाभ** मिलता है जब हम **परमेश्वर के प्रति सम्मान और आज्ञाकारिता** दिखाते और **हमारे पास जो है उससे खुश** होते हैं
>
> आज इस घर में **उद्धार** आया है, इसलिए कि यह भी अब्राहम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB)
>
> > आज इस घर के लोगों ने **उद्धार पाया है** आज इस घर के लोगों को परमेश्वर ने **उद्धार** दिया है
>
> प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता जैसी **देर** कितने लोग समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB)
>
> > प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के बारे में देरी से काम नहीं करता, जैसी **देरी** कुछ लोग समझते हैं
>
> वही तो अंधकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के **उद्देश्यों** को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB)
>
> > वह अन्धकार कि छिपी बातों को ज्योति में लाएगा, और उन बातों को प्रकट करेगा **जो लोग करना चाहते और कारणों को कि वे क्यों करना चाहते हैं**

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@ -1,2 +1 @@
भाववाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा

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@ -35,7 +35,7 @@
#### बाइबल से उदाहरण
>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए </u>, और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB)
>तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *** मर गए ***, और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB)
इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर केंद्रित करना है।
@ -43,7 +43,7 @@
नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है।
>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता</u>, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB)
>उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***, और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***(लूका 17:2 ULB)
यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित करना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है।
@ -64,9 +64,9 @@
(2) उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें।
> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***** (लूका 17:2 ULB)
> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता*** ** (लूका 17:2 ULB)
>>यह भला होता, कि ***वे***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देते***
>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता</u>
>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता ***
(3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें

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@ -1,4 +1,3 @@
### परिभाषा
संबोधक चिन्ह विराम चिन्हों में से एक चिन्ह है जहाँ वक्ता अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता और उससे बात करता है जिसके बारे में उसे पता है वह उसे सुन नही सकता।
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>हे यरूशलेम, हे यरूशलेम, तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालती है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थरवाह करती है; (लूका 13:34 ULB)
यीशु मसीह अपने चेलों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे थे। यरूशलेम से इस प्रकार बात करने के द्वारा, जैसे कि वहाँ के लोग सुन रहे हों, यीशु उन्हे बता रहे थे कि वह उसकी कितनी चिंता करते हैं।
यीशु मसीह अपने चेलों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहे थे। यरूशलेम से इस प्रकार बात करने के द्वारा, जैसे कि वहाँ के लोग सुन रहे हों, यीशु उन्हे बता रहे थे कि वह उसकी कितनी चिंता करते हैं।
> उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे <u>वेदी</u>, हे <u>वेदी</u> यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी (1 राजा 13:2 ULB)
@ -35,10 +34,8 @@
1. यदि इस प्रकार की भाषा आपके लोगों को संदेह से भरती है, तो वक्ता को उसकी सुन रहे लोगों से सीधा बात करे, जब वह <u>उन्हे</u> उनके बारे में अपना संदेश या भावनाएँ शक्तिशाली तरीके से बताता है जो उसे सुन नही रहे हैं
* **उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे <u>वेदी</u>, हे <u>वेदी</u>!
यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी** (1 राजा 13:2 ULB)
* उसने यह वेदी के बारे में कहा ‘‘यहोवा <u>वेदी के बारे</u> में यों कहता है, सुन, ... वे <u>इस पर</u> मनुष्यों की हड्डियाों को जलाएँगे’’
* **उसने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा: कि हे <u>वेदी</u>, हे <u>वेदी</u>! यहोवा यों कहता है, कि सुन.... तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलार्इ जाएंगी** (1 राजा 13:2 ULB)
* उसने यह वेदी के बारे में कहा ‘‘यहोवा <u>वेदी के बारे</u> में यों कहता है, सुन, ... वे <u>इस पर</u> मनुष्यों की हड्डियाों को जलाएँगे’’
* **हे <u>गिलबो पहाड़ों</u>, <u>तुम</u> पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो,** (2 शमूएल 1:21 ULB)
* **<u>गिलबो पहाड़ों की बात करें</u>, तो </u>उन पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो**

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@ -1,15 +1,14 @@
### वर्णन
बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी कभार, बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग उसी मकसद के साथ होता है, जैसे बाइबल में हुआ है।
कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग उसी मकसद के साथ होता है, जैसे बाइबल में हुआ है।
### बाइबल से उदाहरण
कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहéा 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका मकसद सूचना देना है।
कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहéा 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका मकसद सूचना देना है।
>एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था । यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। (युहन्ना 1:6-8 ULB)
@ -17,7 +16,7 @@
> और उस ने उन्हें आज्ञा दी, कि एक काम **अवश्य** करो। तुममें से एक तिहार्इ लोग जो विश्रामदिन को आनेवाले _हों_, वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें। और एक तिहार्इ लोग सूर नाम फाटक में ठहरे _रहें_, और एक तिहार्इ लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें। (2 राजा 11:5 ULB)
एक कथन का उपयोग **निर्देश** के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है, परंतु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है।
एक कथन का उपयोग **निर्देश** के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है, परंतु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है।
>वह पुत्र जनेगी और _तू उसका नाम यीशु रखना_; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा । (मत्ती 1:21 ULB)
@ -25,7 +24,7 @@
>देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो _मुझे शुद्ध कर सकता है_ (मत्ती 8:2 ULB)
कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि धरती भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था।
कथनों का उपयोग, बाइबल में अक्सर **सूचना** देने के लिए किया जाता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि धरती भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था।
>.... इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है;(उत्पत्ति 3:17 ULB)
@ -44,23 +43,18 @@
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करे जिसे उस कार्य को बताया जा सके
* **वह एक पुत्र जनेगी और <u>तू उसका नाम यीशु रखना</u>; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULB) ‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है
* वह एक पुत्र जनेगी और <u>उसका नाम यीशु रखना</u>; वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा
* वह एक पुत्र जनेगी और <u>उसका नाम यीशु रखना</u>; वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर, उस कार्य को बताया जाए
* **हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u>मुझे शुद्ध कर सकता है</u>** (मत्ती 8:2 ULB) कथन के साथ साथ, विनती को भी जोड़ा जा सकता है
* हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u>मुझे शुद्ध कर सकता है । कृपया कर दो</u>
* हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u> कृपया मुझे शुद्ध कर मैं जानता हूँ कि तु कर सकता है</u>
* हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u>मुझे शुद्ध कर सकता है । कृपया कर दो</u>
* हे प्रभु यदि तू चाहे, तो <u> कृपया मुझे शुद्ध कर मैं जानता हूँ कि तु कर सकता है</u>
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके।
1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिसे उस कार्य को बताया जा सके।
* **वह पुत्र जनेगी और <u>तू उसका नाम यीशु रखना</u>; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा** (मत्ती 1:21 ULB)
* वह पुत्र जनेगी और <u>तू उसका नाम यीशु रखना</u>; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा
* वह पुत्र जनेगी और <u>तू उसका नाम यीशु रखना</u>; क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा
* **हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए** (मरकुस 2:5 ULB)
* हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ
* हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं
* हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ
* हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं

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@ -1,4 +1,3 @@
### वर्णन
कुछ भाषाओं में, संज्ञा को परिवर्तित करने वाले कथन संज्ञा के साथ ही दो विभिé उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। वे या तो समान रूप से प्रयुक्त अन्य शब्दों से संज्ञा को अलग दिखा सकता है, या उस संज्ञा के बारे में जानकारी दे सकता है। वह जानकारी पाठकों के लिए नयी होगी या पहले से ज्ञात जानकारी को पुन: याद दिलाती होगी।
@ -19,12 +18,12 @@
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
* बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **दोनों** मकसदों अर्थात समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने **एवं** उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं । अनुवादक को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक किस मकसद का उपयोग कर रहा है।
* बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **दोनों** मकसदों अर्थात समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने **एवं** उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं । अनुवादक को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक किस मकसद का उपयोग कर रहा है।
* कुछ भाषाएँ ऐसे कथनों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को **केवल** समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के लिए परिवर्तित करती हैं। ऐसे कथन का अनुवाद करते समय जिन्हे अधिक जानकारी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, उस भाषा का उपयोग करने वाले लोग उक्त कथन एवं संज्ञा में अंतर अवश्य करें। अन्यथा, इसे पढ़ने या सुनने वाले लोग समझेंगे कि इस संज्ञा का उपयोग समान लगने वाले पदों से संज्ञा को अलग दिखाने के लिए किया गया है
### बाइबल से उदाहरण
क कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**:
** क कथन दूसरे समान लगने वाले कथन से अलग दिखाने के शब्दों के उदाहरण**:
ये आमतौर पर अनुवाद में समस्याएँ खड़ी नही करते हैं
@ -36,7 +35,7 @@
‘‘जनने’’ शब्द फर्क बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है
िसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**:
** िसी कथन के बारे में अतिरिक्त जानकारी देने या याद दिलाने वाले शब्दों के उदाहरण**:
ये उन भाषाओं के लिए अनुवाद के विषय हैं जो इनका उपयोग नही करते हैं
@ -54,7 +53,7 @@
### अनुवाद रणनीति
यदि लोग संज्ञा के साथ आए शब्द के मकसद को समझ सकते हैं, तो कथन और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं।
यदि लोग संज्ञा के साथ आए शब्द के मकसद को समझ सकते हैं, तो कथन और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं।
1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें
1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है। शायद एक शब्द जोड़ा गया होगा, या इसकी ध्वनि के अनुसरार बदला गया होगा। अक्सर ध्वनि में बदलाव को विरामचिन्हों के प्रयोग से बताया जा सकता है, उदा0 अल्पविराम, कोष्ठक इत्यादि।
@ -64,24 +63,16 @@
1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके मकसद को बताने वाले शब्दों को जोड़ें
* **जो <u>व्यर्थ मूर्तियों </u> पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ** (भजन संहिता 31:6 ULB) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है
* <u>चूँकि</u> मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ।
* <u>चूँकि</u> मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ।
* **क्योंकि तेरे न्याय धर्ममय हैं** (भजन संहिता 119:39 ULB)
* ... तेरे न्याय अच्छे हैं <u>क्योंकि</u> वे धर्ममय हैं
* ... तेरे न्याय अच्छे हैं <u>क्योंकि</u> वे धर्ममय हैं
* **क्या सारा <u>जो नब्बे वर्ष की है</u> पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULB) - ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ कथन सारा के उम्र को याद दिलाती है।यह बताती है कि अब्रहाम प्रश्न क्यों पूछ रहा था। उसने प्रतीक्षा नही की थी कि इस उम्र में भी औरत बच्चा जन सकती है।
* क्या सारा बच्चा जन सकती है, <u>यद्यपि</u> वह नब्बे वर्ष की है?
* क्या सारा बच्चा जन सकती है, <u>यद्यपि</u> वह नब्बे वर्ष की है?
* **मैं यहोवा को जो <u>स्तुति के योग्य</u> है पुकारूँगा** (2 शमूएल 22:4 ULB) - केवल एक ही यहोवा है । ‘‘स्तुति के योग्य’’ शब्द यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।
* मैं यहोवा को पुकारूँगा <u>क्योंकि</u> वह स्तुति के योग्य है
* मैं यहोवा को पुकारूँगा <u>क्योंकि</u> वह स्तुति के योग्य है
1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है
* **तू मेरा पुत्र है जिससे मैं <u>प्रेम करता हूँ</u> तुझसे मैं प्रसन्न हूँ** (लूका 3:22 ULB)
* तू मेरा पुत्र है <u>मैं तुझसे प्रेम करता हूँ</u> और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ
* मेरा <u>प्रेम पाने वाले</u> तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ
* तू मेरा पुत्र है <u>मैं तुझसे प्रेम करता हूँ</u> और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ
* मेरा <u>प्रेम पाने वाले</u> तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ

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@ -1,18 +1,18 @@
दोहरा  नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें।
### विवरण
### वर
नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोर्इ नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे ***ना***खुश, ***अ***संभव, ***अन*** कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"।
नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘को नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे **ना**खुश, **अ**संभव, **अन** कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"।
दो नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं।
> यह ***नही*** कि हमें अधिकार ***नही*** … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 ULB)
> यह **नही** कि हमें अधिकार **नही** … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 यूएलबी)
>
>नियुक्ति बिना शपथ नहीं हुई। (इब्रानियों 7:20 यूएलबी)
>
> निश्‍चय जानो, बुरा मनुष्य **नि**र्दोष **न** ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 यूएलबी)
<blockquote>और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति ***बिना*** शपथ ***नहीं*** हुर्इ। (इब्रानियों 7:20 ULB)</blockquote>
> निश्‍चय जानो, बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 ULB)
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है:
@ -25,34 +25,34 @@
### बाइबल से उदाहरण
> .... ताकि ***नि***“ ष्फल ***न*** रहें (तीतुस 3:14 ULB)
> .... ताकि **नि**ष्फल **न** रहें (तीतुस 3:14 यूएलबी)
इसका अर्थ है ‘‘कि वे फलवंत बनें’’
> सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से ***कोर्इ भी*** वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ (युहन्ना 1:3 ULB)
>सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से **कोई भी** वस्तु उसके **बिना** उत्पन्न न हुई (युहन्ना 1:3 यूएलबी)
दोहरे नकारात्मकताओं का उपयोग कर, यूहन्ना बता रहा है कि परमेश्वर के पुत्र ने ही सब कुछ बनाया है, दोहरे नकारात्मक सरल सकारात्मक की तुलना में अधिक मजबूत बयान देते है।
### अनुवाद रणनीति
### अनुवाद की रणनीतियाँ
यदि दो नकारात्मकताएँ स्वाभाविक हैं और आपकी भाषा में यह सकारात्मकता को बताती है, तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं:
1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें
(1) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
(2) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
(1) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
> **क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक ***नहीं***, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी ***न*** हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB)
> क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक **नहीं**, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी **न** हो सके (इब्रानियों 4:15 यूएलबी)
>> ’’क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक है जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है’’
> **.... ताकि वे ***नि*** ष्फल ***न*** रहें** (तीतुस 3:14 ULB)
>
> .... ताकि वे **नि** ष्फल **न** रहें (तीतुस 3:14 यूएलबी)
>> .... ताकि वे फलदायक बनें’’
>
(2) यदि बाइबल में उपयोग की गई दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
(2) यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
>** निश्‍चय जानो - बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB)
>>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य ***अवश्य*** दण्ड पाएगा
> **सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से ***कोर्इ*** भी वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB)
>** निश्‍चय जानो - बुरा मनुष्य **नि**र्दोष **न** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 यूएलबी)
>>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य **अवश्य** दण्ड पाएगा
>
> ** सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से **कोई** भी वस्तु उसके **बिना** उत्पन्न न हुई ** (युहन्ना 1:3 यूएलबी)
>> ‘‘सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ’’ जो कुछ बना है, वह सब उसके द्वारा बनाया गया है

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@ -1,50 +1,53 @@
### विवरण
### वर
हम ‘‘दोहरात्मक शब्द का उपयोग दो शब्दों या छोटे कथनों को करते हैं जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं और एक साथ उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। अक्सर उनका उपयोग दो शब्दों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है।
हम दो शब्दों या वाक्यांशों को संदर्भित करने के लिए "दोहरात्मक" शब्द का उपयोग कर रहे हैं जो एक साथ उपयोग किए जाते हैं और जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। इसके विपरीत,[हेन्डियडिस](../figs-hendiadys/01.md) जिसमें एक शब्द दूसरे को संशोधित करता है, दोहरात्मक में दो शब्द या वाक्यांश समान होते हैं और उनका उपयोग दो शब्दों या वाक्यांशों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कु परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोर्इ अर्थ नही निकलता है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है।
कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कु परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोई अर्थ नही निकलता है। लोग सोच सकते हैं कि पदों में दो विचारों या कार्यों का वर्णन कर रही है, जब यह केवल एक का वर्णन कर रहा है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है।
### बाइबल से उदाहरण
>दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** (1 राजा 1:1 ULB)
> “तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य में **तितर-बितर** और **छिटकी** हुई एक जाति है, (एस्तेर 3:8 यूएलबी)
रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’
बोल्ड शब्दों का एक ही मतलब है। साथ में उनका मतलब है कि लोग बाहर फैले हुए थे।
>... उसने ... अपने से ***अधिक धर्मी*** और ***भले*** दो पुरुषों पर, ... पर टूटकर.... (1 राजा 2:32 ULB)
>दाऊद के बिना जाने अपने से **अधिक धर्मी** और **भले** दो पुरुषों पर, ... टूटकर उनको तलवार से मार डाला था। (1 राजा 2:32 यूएलबी)
इसका अर्थ है कि वे उससे ‘‘बहुत अधिक धर्मी’’ थे।
>तुमने... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें ....गोष्ठी की है (दानिय्येल 2:9 ULB)
>तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने **झूठी** और **गपशप** की बातें कहा करेंगे।(दानिय्येल 2:9 यूएलबी)
इसका अर्थ है कि उन्होंने झूठ बोलने का फैसला किया था, जो यह कहने का एक और तरीका है कि उनका इरादा लोगों को धोखा देने का था
इसका अर्थ है कि उन्होने ‘‘बहुत सारी झूठी बातें’’ कहने की तैयारी कर रखी थी
>....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने (1 पतरस 1:19 ULB)
>... पर **निर्दोष** और **निष्कलंक** मेम्‍ने (1 पतरस 1:19 यूएलबी)
इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोर्इ दोष नही था - एक भी नही।
इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें को दोष नही था - एक भी नही।
### अनुवाद रणनीति
यदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें
यदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें।
1. केवल एक शब्द का अनुवाद करें
1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें।
1. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
(1) केवल एक शब्द या वाक्यांश का अनुवाद करें
(2) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक शब्द या वाक्यांश का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, या ’’अधिक’’, ‘‘कई जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें।
(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा के तरीकों में से क का उपयोग करें
### अनुवाद रणनीति प्रयुक्त
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियाँ
1. दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें
(1) केवल एक शब्द का अनुवाद करें
> **तुमने .... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB)
>> ‘‘तुमने ***झूठी*** बातें .... गोष्ठी की है’’
>तुम ने गोष्ठी की होगी कि जब तक समय न बदले, तब तक हम राजा के सामने **झूठी** और **गपशप** की बातें कहा करेंगे।(दानिय्येल 2:9 यूएलबी)
>> ‘‘तुमने **झूठी** बातें .... गोष्ठी की है’’
(2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें
(2) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, या ’’अधिक’’, ‘‘कई जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें
> ** दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** ** (1 राजा 1:1 ULB)
>> ‘‘दाऊद राजा ***बहुत बूढ़ा*** हुआ’’
>“तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य में **तितर-बितर** और **छिटकी हुई** एक जाति है, (एस्तेर 3:8 यूएलबी)
>>"उनके पास एक व्यक्ति **बहुत फैला हुआ** है।"
(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा के तरीकों में से क का उपयोग करें
> **....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में any एवं at all जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है
>> ...पर ***बिल्कुल निर्दोष*** मेम्ने...
>... पर **निर्दोष** और **निष्कलंक** मेम्‍ने (1 पतरस 1:19 यूएलबी)
>
>* अंग्रेजी "किसी भी" और "बिल्कुल" पर जोर दे सकती है।
>
>>"... एक मेम्‍ने की तरह **बिना किसी दोष के**

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दोहरात्मक क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?
दोहरात्मक क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

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दोहरात्मक
दोहरात्मक

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### विवरण
### वर
पदन्यूनता उस समय होता है जब वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्दों को लिखते वक्त छोड़ देता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। छोड़ी गर्इ सूचना को पहले वाक्य में कहा जा चुका होता है।
पदन्यूनता तब होता है जब एक वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्द छोड़ देता है जो सामान्य रूप से वाक्य में होना चाहिए। वक्ता या लेखक ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। उदाहरण के लिए:
> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, ***न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे*** (भजन संहिता 1:5)
>  इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे**; (भजन संहिता 1:5)
यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा।
यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा। भरी हुई कार्रवाई के साथ, पूरा वाक्य समाप्त हो जाएगा:
अपूर्ण वाक्यों य कथनों को देखने वाले पाठक छुटी सूचना को नही जान पाएँगे, यदि वे अपनी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग नही करते हैं
>>न ही पापी धर्मियों की सभा में **खड़े** **होंगे**
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
#### पदन्यूनता के दो प्रकार है
मनुष्य ने अधूरा उत्तर दिया क्योंकि वह विनम्र रहना चाहता और प्रभु से सीधा चंगार्इ नही माँगना चाहता था। वह जानता था कि वह तभी देखने योग्य हो सकता था यदि यीशु उसे चंगा करते।
1. एक सापेक्ष पदन्यूनता तब होता है जब पाठक को संदर्भ से छोड़े गए शब्द या शब्दों की आपूर्ति करनी होती है।आमतौर पर शब्द पिछले वाक्य में है, जैसा कि ऊपर दिए गए उदाहरण में है।
2. एक निरपेक्ष पदन्यूनता तब होता है जब छोड़े गए शब्द या शब्द संदर्भ में नहीं होते हैं, लेकिन वाक्यांश सामान्य भाषा में पर्याप्त होते हैं कि पाठक से यह आपूर्ति करने की अपेक्षा की जाती है कि इस सामान्य उपयोग से या स्थिति की प्रकृति से क्या छुटी है।
#### कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है
अपूर्ण वाक्यों य वाक्यांशों को देखने वाले पाठकों को यह पता नहीं चल सकता है कि छुटी जानकारी है जो लेखक को उनसे भरने की उम्मीद है। या पाठक समझ सकते हैं कि जानकारी गायब है, लेकिन वे नहीं जान सकते हैं कि कौन सी जानकारी छुटी है क्योंकि वे मूल बाइबल भाषा, संस्कृति या स्थिति को नहीं जानते हैं जैसा कि मूल पाठकों ने किया था। इस मामले में, वे गलत जानकारी भर सकते हैं। या पाठक पदन्यूनता को गलत समझ सकते हैं यदि वे अपनी भाषा में उसी तरह पदन्यूनता का उपयोग नहीं करते हैं।
### बाइबल से उदाहरण
लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। उसने यह नही कहा कि यहोवा शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है, क्योंकि उसे पता है कि पाठक स्वयं इस जानकारी को समझ लेंगे।
#### सापेक्ष पदन्यूनता
>वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>शिर्योन को जंगली बछड़े के समान</u> (भजन संहिता 29:6 ULB)
>वह लबानोन को बछड़े के समान और **सिर्योन को सांड के समान** उछालता है।(भजन संहिता 29:6 यूएलबी)
यदि आपकी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, अन्य विकल्प निम्न हैं:
लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। भरी गई जानकारी के साथ पूरा वाक्य होगा:
1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
>>वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को बछड़े के समान **उछालता है**
>
> इसलिए ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; **निर्बुद्धियों के समान नहीं पर बुद्धिमानों के समान चलो**। (इफिसियों 5:15)
* **.... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उसने कहा; हे प्रभु <u>यह कि मैं देखने लगूँ </u>** (लूका 18:40-41 ULB)
पाठक को इन वाक्यों के दूसरे भागों में समझने वाली जानकारी को पहले भागों से भरा जा सकता है:
### अनुवाद रणनीति
ध्यान से देखें, अतः, आप कैसे चलते हैं - **चलना** निर्बुद्धि नहीं, बल्कि **चलना**, जैसा कि बुद्धिमान,
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
#### निरपेक्ष पदन्यूनता
1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, “हे प्रभु, **यह कि मैं देखने लगूँ**।”(लूका 18:40-41 यूएलबी)
> **इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** (भजन संहिता 1:5)
>> .... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** खड़े रह सकेंगे
ऐसा लगता है कि आदमी ने अधूरा वाक्य में जवाब दिया क्योंकि वह विनम्र होना चाहता था और सीधे यीशु से चंगाई के लिए नहीं पूछता था।वह जानता था कि यीशु समझेंगे कि उनकी दृष्टि को प्राप्त करने का एकमात्र तरीका यीशु के लिए उन्हें ठीक करना होगा। पूरा वाक्य होगा:
> ..... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उसने कहा; हे प्रभु <u>यह कि मैं देखने लगूँ </u> (लूका 18:40-41 ULB)
>> ....जब अंधा निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं? उसने कहा; हे प्रभु <u>मैं चाहता हूँ तू मुझे चंगा कर</u> कि मैं देखने लगूँ’’
>> "प्रभु **मैं चाहता हूँ कि तू मुझे चंगा करे ताकि** मैं अपनी दृष्टि प्राप्त कर सकूं।”
>
> तीतुस के नाम ... **परमेश्‍वर पिता और हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु की ओर से तुझे अनुग्रह और शान्ति होती रहे।** (तीतुस 1:4 यूएलबी)
> **वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>शिर्योन को जंगली बछड़े के समान</u>** (भजन संहिता 29:6)
>> वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और <u>वह</u> शिर्योन को जंगली बछड़े के समान<u>उछालता</u> है
लेखक मानता है कि पाठकआशीर्वाद या इच्छा के इस सामान्य रूप को पहचानेंगे, इसलिए उसे पूरा वाक्य शामिल करने की आवश्यकता नहीं है, जो होगा:
>> तीतुस को…आप परमेश्वर पिता और मसीह यीशु से हमारे उद्धारकर्ता की अनुग्रह और शान्ति **प्राप्त करें**
### अनुवाद की रणनीतियाँ
यदि पदन्यूनता आपकी भाषा में स्वाभाविक है और सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहां एक और विकल्प है:
(1)अधूरे वाक्यांश या वाक्य में छूटी शब्द जोड़ें।
### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
(1)अधूरे वाक्यांश या वाक्य में छूटी शब्द जोड़ें।
> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे**; (भजन संहिता 1:5)
>> इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, और **पापी धर्मियों की सभा में नहीं खड़े होंगे**
>
> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, “हे प्रभु, **यह कि मैं देखने लगूँ**।”(लूका 18:40-41)
>
>> जब वह निकट आया, तो उसने उससे यह पूछा, तू क्या चाहता है, “मैं तेरे लिये करूँ?” उसने कहा, "प्रभु **मैं चाहता हूँ कि तू मुझे चंगा करे** ताकि मैं अपनी दृष्टि प्राप्त कर सकूं।”
>
>>वह लबानोन को बछड़े के समान और **सिर्योन को सांड के समान** उछालता है।(भजन संहिता 29:6)
>
>>वह लबानोन को बछड़े के समान और सिर्योन को बछड़े के समान **उछालता है**

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पदन्यूनता क्या है?
पदन्यूनता क्या है?

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@ -1,4 +1,3 @@
### वर्णन
शिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदुल अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें।
@ -7,7 +6,7 @@
>.... उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर <u>पड़े हुए</u> मिले (1 इतिहास 10:8 ULB)
इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं।
इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
@ -21,7 +20,7 @@
>मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो पुरूष को जानती ही नहीं (लूका 1:34 ULB)
िनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं।
** िनम्रता दिखाने** के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं।
### अनुवाद रणनीति
@ -35,16 +34,12 @@
1. अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें
* **... जहाँ एक गुफा थी तब शाऊल <u>दिशा फिरने</u> को उसके भीतर गया** (1 शमूएल 24:3 ULB) - कुछ भाषाएँ निम्न शिष्टोक्ति का उपयोग कर सकती हैं:
* .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल <u>बड़ा गड्ढ़ा खोदने</u> उसके भीतर गया
* .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल <u>थोड़ा समय अकेले में बिताने</u> उसके भीतर गया
* .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल <u>बड़ा गड्ढ़ा खोदने</u> उसके भीतर गया
* .... जहाँ गुफा थी तब शाऊल <u>थोड़ा समय अकेले में बिताने</u> उसके भीतर गया
* **मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा? मैं तो <u>पुरूष को जानती ही नहीं</u>** (लूका 1:34 ULB)/
* मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा, क्योंकि मैं <u>किसी पुरूष को नही जानती</u>
* मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, यह क्योंकर होगा, क्योंकि मैं <u>किसी पुरूष को नही जानती</u>
1. यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें
* **तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर <u>पड़े हुए </u> मिले** (1 इतिहास 10:8 ULB)
* तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर <u>मरे हुए </u> मिले
* तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर <u>मरे हुए </u> मिले

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@ -1,15 +1,14 @@
### वर्णन
बाइबल में घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में लिखा गया है। कर्इ बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बतार्इ जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं।
ारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है।
** ारण यह अनुवाद की समस्या है:** पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है।
### बाइबल से उदाहरण
> इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर... (लूका 3:20-21 ULB)
इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहéा के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था।
इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहéा के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था।
>जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले... और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ (यहोशू 6:8-10 ULB)
@ -25,7 +24,8 @@
1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें ([Verbs](../figs-verbs/01.md) के पहलूओं के सेक्शन को देखें)
1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें।
1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें।
इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6) (देखें: [Verse Bridges](../translate-versebridge/01.md))
### अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण
@ -33,27 +33,20 @@
1. यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें
* **<sup>20</sup>इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। <sup>21</sup>जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया** (लूका 3:20-21 ULB)
* <sup>20</sup>इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। <sup>21</sup><u>यूहéा के कैद में जाने से पहले</u>, जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर...।
* <sup>20</sup>इसलिये हेरोदेस ने ....यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। <sup>21</sup><u>यूहéा के कैद में जाने से पहले</u>, जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर...।
* **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)
* इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने <u>के बाद</u>, उसे खोलने के योग्य कौन है?
* इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने <u>के बाद</u>, उसे खोलने के योग्य कौन है?
1. यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बतार्इ जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें
* **<sup>8</sup>और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... <sup>10</sup> और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, तब तक जयजयकार न करो, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB)
* <sup>8</sup>और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... <sup>10</sup> और यहोशू ने <u>लोगों को आज्ञा दे रखी थी</u> कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना
* <sup>8</sup>और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... <sup>10</sup> और यहोशू ने <u>लोगों को आज्ञा दे रखी थी</u> कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना
1. यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6)
* **<sup>8</sup>और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले ... <sup>10</sup> और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’** (यहोशू 6:8-10 ULB)
* <sup>8-10</sup>यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले....
* <sup>8-10</sup>यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोर्इ शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले....
* **इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है** (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)
* इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है?
* इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है?
आप http://ufw.io/figs_events पर वीडियो भी देख सकते हैं।

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@ -1,4 +1,3 @@
### वर्णन
विष्मयाधिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULB और UDB में, वे आमतौर पर अंत में (!) का उपयोग करते हैं। चिन्ह दिखाता है कि उसमें विष्मय (स्तम्भित होना) है। लोग की बातों के हालात एवं अर्थ यह समझने में हमारी मदद करते हैं कि उनमें कौनसी भावनाएँ मौजूद हैं।
@ -26,7 +25,7 @@
>जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । गिदोन कहने लगा, <u>हाय</u>, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! (न्यायियों 6:22 ULB)
कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से शुरू होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं।
कुछ विष्मयाधिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से शुरू होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं।
> उसके विचार <u>कैसे अथाह</u>, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! (रोमियों 11:33 ULB)
@ -36,7 +35,7 @@
### अनुवाद रणनीति
1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।
1. आपकी भाषा में विष्मयाधिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।
1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं
1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
@ -48,34 +47,27 @@
* **अरे मूर्ख!** (मत्ती 5:22 ULB)
* **आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान की गंभीरता!** (रोमियों 11:33 ULB)
* आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर <u>हैं!</u>
* आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर <u>हैं!</u>
1. अपनी भाषा के उन विष्मयाधिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे लिखे ‘‘वाह!’’शब्द बताता है कि वे आश्चर्यचकित थे। ‘‘अरे नही’’ का भाव बताता है कि कुछ भयानक अथवा डरावना हुआ था
* **और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है। वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है** (मरकुस 7:37 ULB)
* वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, <u>वाह! </u> उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’
* वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, <u>वाह! </u> उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’
* **हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है** (न्यायियों 6:22 ULB)
* __अरे नही__, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
* __अरे नही__, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
1. विष्मयाधिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं
* **<u>हाय </u>, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!** (न्यायियों 6:22 ULB)
* प्रभु यहोवा, <u>मेरे साथ क्या होगा</u>? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
* <u>मदद कर</u>, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
* प्रभु यहोवा, <u>मेरे साथ क्या होगा</u>? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
* <u>मदद कर</u>, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
* **उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं** (रोमियों 11:33 ULB)
* उसके विचार <u>बहुत</u> अथाह, और उसके मार्ग </u>बड़े</u> अगम हैं
* उसके विचार <u>बहुत</u> अथाह, और उसके मार्ग </u>बड़े</u> अगम हैं
1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा
* **गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, <u>हाय</u>, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!** (न्यायियों 6:22 ULB)
* गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। <u>वह भयभीत हो गया</u> और कहने लगा, <u>हाय!</u> प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! (न्यायियों 6:22 ULB)
* गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। <u>वह भयभीत हो गया</u> और कहने लगा, <u>हाय!</u> प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! (न्यायियों 6:22 ULB)

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### वर्णन
कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के एक से अधिक रूप होते हैं: एक ‘‘संयुक्त’’ रूप जिसका अर्थ ‘‘मैं और तुम’’ एवं एक ‘‘विशिष्ट’’ रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोर्इ और परंतु <u>तुम नही</u>
विशिष्ट रूप उस व्यक्ति को अलग रखता है जिससे बात हो रही होती है। संयुक्त रूप उस व्यक्ति को जिससे बात हो रही होती है और संभवत: दूसरों को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’, ‘‘हमारा’’ एवं ‘‘हम स्वयं’’ के मामले में भी यही सच है।
कुछ भाषाओं में इसमें से हर एक के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं। उन भाषाओं के अनुवादक जिनमें इन शब्दों के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं, उन्हे पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे सही रूप का उपयोग कर सकें।
कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के एक से अधिक रूप होते हैं: एक ‘‘संयुक्त’’ रूप जिसका अर्थ ‘‘मैं और तुम’’ एवं एक ‘‘विशिष्ट’’ रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोई और परंतु तुम नही‘‘। विशिष्ट रूप उस व्यक्ति को अलग रखता है जिससे बात हो रही होती है। संयुक्त रूप उस व्यक्ति को जिससे बात हो रही होती है और संभवत: दूसरों को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’, ‘‘हमारा’’ एवं ‘‘हम स्वयं’’ के मामले में भी यही सच है। कुछ भाषाओं में इसमें से हर एक के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं। उन भाषाओं के अनुवादक जिनमें इन शब्दों के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं, उन्हे पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे सही रूप का उपयोग कर सकें।
चित्र देखें: दाहिनी ओर खड़े लोगों से वक्ता बात कर रहा है। पीला रंग दिखाता है कि उनमें कौन संयुक्त ‘‘हम’’ हैं और कौन विशिष्ट ‘‘हम’’ हैं।
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![](https://cdn.door43.org/ta/jpg/vocabulary/we_us_exclusive.jpg)
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा में लिखा गया था। अंग्रजी के समान, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग अलग रूप नही हैं। ‘‘हम’’ के लिए विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाओं के अनुवादकों को पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे ‘‘हम’’ के सही रूप का उपयोग कर सकें।
बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा में लिखा गया था। अंग्रजी के समान, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग अलग रूप नही हैं। ‘‘हम’’ के लिए विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाओं के अनुवादकों को पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे ‘‘हम’’ के सही रूप का उपयोग कर सकें।
### बाइबल से उदाहरण
>उसने उनसे कहा, <u>हमारे</u> पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि <u>हम</u> जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें... (लूका 9:13 ULB)
>उसने उनसे कहा, हमारे पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि **हम** जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें... (लूका 9:13 ULB)
पहले कथन में, चेले यीशु को कह रहे हैं कि उनके पास कितनी रोटियाँ हैं, अत: यह ‘‘हम’’ संयुक्त या विशिष्ट भी हो सकता है। दूसरे कथन में, चेले कह रहे हैं कि उनमें से कुछ लोग भोजन मोल लेने जा सकते हैं, अत: यहा ‘‘हम’’ का रूप विशिष्ट है क्योंकि यीशु भोजन मोल लेने नही जा रहे थे।
पहले कथन में, चेले यीशु को कह रहे हैं कि उनके पास कितनी रोटियाँ हैं, अत: यह ‘‘हम’’ संयुक्त या विशिष्ट भी हो सकता है। दूसरे कथन में, चेले कह रहे हैं कि उनमें से कुछ लोग भोजन मोल लेने जा सकते हैं, अत: यहा ‘‘हम’’ का रूप विशिष्ट है क्योंकि यीशु भोजन मोल लेने नही जा रहे थे।
><u>हम</u> ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और <u>हम</u> पर प्रगट हुआ (1 यूहन्ना 1:2 ULB)
>**हम** ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और **हम** पर प्रगट हुआ (1 यूहन्ना 1:2 ULB)
यूहéा उन लोगों को बता रहा है जिन्होने यीशु को नही देखा है कि उसने और प्रेरितों ने क्या देखा है। अत: ‘‘हम’’ के विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाएँ, यहाँ विशिष्ट रूप का उपयोग करेंगी।
यूहéा उन लोगों को बता रहा है जिन्होने यीशु को नही देखा है कि उसने और प्रेरितों ने क्या देखा है। अत: ‘‘हम’’ के विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाएँ, यहाँ विशिष्ट रूप का उपयोग करेंगी।
>.... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, <u>हम</u> बैतलहम जाकर यह बात जो हुर्इ है, और जिसे प्रभु ने <u>हमें</u> बताया है, देखें। (लूका 2:15 ULB)
>.... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, **हम** बैतलहम जाकर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने **हमें** बताया है, देखें। (लूका 2:15 ULB)
चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे हैं। उनके द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे सब शामिल हैं जिनसे वे आपस में बात कर रहे हैं।
>फिर एक दिन, वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ, <u>हम</u> झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB)
>फिर एक दिन, वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ, **हम** झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB)
यीशु के द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे स्वयं एवं चेले शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे अत: यह संयुक्त रूप है।

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संयुक्त और ‘‘विशिष्ट ‘‘हम’’ क्या है?
संयुक्त और विशिष्ट ‘‘हम’’ क्या है?

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विशिष्ट एवं अंतर्निहित ‘‘हम’’
विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’

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### वर्णन
विस्तृत अन्योक्ति तब उत्पé होती है जब कोर्इ एक परिस्थिति के बारे में इस प्रकार बात करता है जैसे कि कुछ और परिस्थिति हैं। वह इसलिए ऐसा करता है कि दूसरी परिस्थिति में भी समान तरीके से लागु हो सकने वाली वर्तमान परिस्थिति को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया जा सके। दूसरी परिस्थिति में, उन लोगों, वस्तुओं और कार्यों की तश्वीरें मौजूद हैं जो पहली परिस्थिति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
विस्तृत अन्योक्ति तब उत्पé होती है जब कोर्इ एक परिस्थिति के बारे में इस प्रकार बात करता है जैसे कि कुछ और परिस्थिति हैं। वह इसलिए ऐसा करता है कि दूसरी परिस्थिति में भी समान तरीके से लागु हो सकने वाली वर्तमान परिस्थिति को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया जा सके। दूसरी परिस्थिति में, उन लोगों, वस्तुओं और कार्यों की तश्वीरें मौजूद हैं जो पहली परिस्थिति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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<sup>[3]</sup>वह मेरे <u> जी में जी ले आता</u> है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त <u>अगुवार्इ करता</u> है।
<sup>[4]</sup>चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुर्इ तरार्इ में होकर चलूँ। >तौभी हानि से न डरूँगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है (ULB)
यशायाह 5:1-7 में, परमेश्वर अपने लोगों से इस प्रकार निराश है जैसा एक किसान अपनी दाख की बारी से होता है जिसने निकम्मा फल दिया हो । किसान अपने खेतों की संभाल करते हैं; परंतु यदि उनमें अच्छा फल नही लगे, किसान उनकी देखभाल बंद कर देता है ।
यशायाह 5:1-7 में, परमेश्वर अपने लोगों से इस प्रकार निराश है जैसा एक किसान अपनी दाख की बारी से होता है जिसने निकम्मा फल दिया हो । किसान अपने खेतों की संभाल करते हैं; परंतु यदि उनमें अच्छा फल नही लगे, किसान उनकी देखभाल बंद कर देता है ।
1 से 6 तक के आयत एक किसान और उसकी बारी के बारे में हैं परंतु 7वाँ आयत स्पष्ट करता है कि यहाँ परमेश्वर और उसके लोगों की बात हो रही है।
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1. यदि लक्षित श्रोता सोचता है कि तश्वीरों को सीधे (आक्षरिक) तौर पर समझा जाना चाहिए, तो एक उपमा की तरह ‘‘जैसे’’, ‘‘की तरह’’ जैसे शब्दों के उपयोग से इसका अनुवाद किया जाए। इसे केवल प्रथम एक या दो वाक्यों में कहना काफी होगा
1. यदि लक्षित भाषा इन तश्वीरों को नही जानती है तो उनके अनुवाद का एक तरीका खोजें जिससे वे तश्वीर को समझ सकें।
1. यदि लक्षित भाषा इन तश्वीरों को नही जानती है तो उनके अनुवाद का एक तरीका खोजें जिससे वे तश्वीर को समझ सकें।
1. यदि लक्षित श्रोता फिर भी नही समझ पा रहे तो उसे स्पष्ट तौर पर, वर्णन के साथ बताएँ।
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> उसके बीच में उसने एक <u>गुम्मट</u> बनाया, और दाखरस के लिये <u>एक गड्ढ़ा खेदा जहाँ दाख को पीसा जाता है</u>
> तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उसमें <u>निकम्मी दाखें ही लगीं जो दाख बनाने के लिए उपयुक्त नही थीं</u>
1. यदि लक्षित श्रोता समझ नही पा रहा है, तो इसे सीधे तरीके से बताएँ। यहोवा <u>मेरा चरवाहा</u> है; मुझे कुछ घटी न होगी** (भजन संहिता 23:1)
1. यदि लक्षित श्रोता समझ नही पा रहा है, तो इसे सीधे तरीके से बताएँ। यहोवा <u>मेरा चरवाहा</u> है; मुझे कुछ घटी न होगी (भजन संहिता 23:1)
* ‘‘जैसे एक चरवाहा अपनी भेड़ों की संभाल करता है, यहोवा <u>मेरी परवाह</u> करता है, इसलिए मुझे घटी नही होगी’’
@ -99,7 +98,7 @@
> सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल के घराने को <u>दिखाती है</u>
> और यहूदा के लोग उसके मनभाऊ पौधे <u>के समान</u> है
> उसने उनमें न्याय की आशा की, परन्तु अन्याय देख पड़ा
> उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी
> उसने धार्मिकता की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी
या

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@ -1,11 +1,12 @@
* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही उसके श्रोता जानते हैं। वक्ता श्रोताओं को दो तरीके से सूचनाएँ देता है:
* **अनुमानित ज्ञान** वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही **उसके श्रोता जानते हैं**। वक्ता श्रोताओं दर्शकों को यह जानकारी नहीं देता है क्योंकि उनका मानना है कि वे पहले से ही इसे जानते हैं।
* जब " वक्ता दर्शकों को जानकारी देता है , वह दो तरीकों से ऐसा कर सकता है:
* **सुस्पष्ट** वक्ता अपनी बात सीधी बोलता है।
* **अंतर्निहित** वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें।
### विवरण
### वर
जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **
जब को लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **
वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है **अनुमानित ज्ञान**
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### बाइबल से उदाहरण
> तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा,  “लोमड़ियों ***के भट*** और आकाश के पक्षियों ***के बसेरे*** होते हैं; परन्तु  मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 ULB)
>और एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के **भट** और आकाश के पक्षियों के **बसेरे** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 यूएलबी)
यीशु ने यह नही कहा कि लोमड़ी या पक्षी भट और बसेरे किसके लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उसका अनुमान था कि शास्त्री को यह पता होगा कि लोमड़ियाँ भट में और पक्षी बसेरों से रहते हैं। यह **अनुमानित ज्ञान** है
@ -31,7 +32,7 @@
यहाँ **अंतर्निहित सूचना** का एक महत्वपूर्ण कथन यह है कि **चूँकि** उन लोगों ने मन नही फिराया, जिनसे यीशु बात कर रहा था, उनका न्याय सोर और सीदोन के लोगों से भी अधिक कठिन होगा।
> तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं*** (मत्ती 15:2 ULB)
> तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं*** (मत्ती 15:2 यूएलबी)
प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथों को धोया करते थे। लोगों का मानना था कि धर्मी बनने के लिए, प्राचीनों की परंपराओं का पालन करना जरूरी था । यह **अनुमानित ज्ञान** था कि फरीसी जिनसे यीशु बात कर रहे थे, वे ये बातें जानते थे। यह कहकर, वे चेलों पर परंपराओं का पालन नही करने एवं धर्मी नही होने का आरोप लगा रहे थे। **अंतर्निहित सूचना** थी कि वे चाहते थे कि वह उनकी बातों को समझें ।
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1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें
>**यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों के ***भट*** और आकाश के पक्षियों के ***बसेरे*** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं
>> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी ***भट में रहती*** और आकाश के पक्षी ***बसेरे में रहते*** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’
> ** मैं तुम से कहता हूँ; कि ***न्याय के दिन*** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है
> यीशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के **भट** और आकाश के पक्षियों के **बसेरे** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं
>> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी **भट में रहती** और आकाश के पक्षी **बसेरे में रहते** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’
>
> न्याय के दिन तुम्हारी दशा से **सूर और सैदा** की दशा अधिक सहने योग्य होगी। (मत्ती 11:22 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है
>> .... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से *** सोर और सीदोन जिसके लोग बहुत दुष्ट थे*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
>> या:
>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं***** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा ।
>या:
>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
>
> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए*** रोटी खाते हैं** (मत्ती 15:2 यूएलबी) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा।
>
>> तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि ***वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं*** जब वे रोटी खाते हैं
(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी
(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नई थी।
> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 ULB) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता।
>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु ***मनुष्य के पुत्र*** के लिये ***सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ ***
> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 ULT) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है।
>...> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम *** सोर और सीदोन को दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं
> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 यूएलबी) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता।
>
>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु **मनुष्य के पुत्र** के लिये **सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ**
>
> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 यूएलबी) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है।
>> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम **सोर और सीदोन को दण्ड** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं
>> या:
>> न्याय के दिन परमेश्वर आपको *** सोर और सीदोन से अधिक दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं।

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@ -1,7 +1,6 @@
### वर्णन
कुछ भाषाओं में कह जानी बातें उन्हे स्वाभाविक लगती हैं परंतु उनके अनुवाद के बाद वे अपरिचित सी लग सकती हैं। इसका एक कारण यह है कि कुछ भाषाओं में बातों को सुस्पष्ट तरीके से बताया जाता है जिन्हे दूसरी भाषाएँ अंतर्निहित तरीके से बताती हैं।
कुछ भाषाओं में कह जानी बातें उन्हे स्वाभाविक लगती हैं परंतु उनके अनुवाद के बाद वे अपरिचित सी लग सकती हैं। इसका एक कारण यह है कि कुछ भाषाओं में बातों को सुस्पष्ट तरीके से बताया जाता है जिन्हे दूसरी भाषाएँ अंतर्निहित तरीके से बताती हैं।
### कारण यह अनुवाद की समस्या है
@ -11,9 +10,9 @@
><u>और</u>अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि <u>उसमें आग लगाए</u> (न्यायियों 9:52 ESV)
बाइबलीय इब्री भाषा में, वाक्यों के आपसी संबंध को दिखाने के लिए, ‘‘और’’ जैसे संयोजकों के साथ वाक्यों को शुरू करना एक आम बात थी । अंग्रेजी में, ऐसा करना व्याकरणीय तौर पर गलत है, अंग्रेजी पाठकों के लिए यह उबाऊ होता है, और यह भाव उत्पé होता है कि लेखक पढ़ा लिखा नही है। अंग्रेजी में, अधिकतर मामालों में वाक्यों के बीच में संयोजक के उपयोग को अंतर्निहित रखना ही अच्छा है, उसे अलग से अनुवाद करने की आवश्यकता नही है।
बाइबलीय इब्री भाषा में, वाक्यों के आपसी संबंध को दिखाने के लिए, ‘‘और’’ जैसे संयोजकों के साथ वाक्यों को शुरू करना एक आम बात थी । अंग्रेजी में, ऐसा करना व्याकरणीय तौर पर गलत है, अंग्रेजी पाठकों के लिए यह उबाऊ होता है, और यह भाव उत्पé होता है कि लेखक पढ़ा लिखा नही है। अंग्रेजी में, अधिकतर मामालों में वाक्यों के बीच में संयोजक के उपयोग को अंतर्निहित रखना ही अच्छा है, उसे अलग से अनुवाद करने की आवश्यकता नही है।
बाइबलीय इब्री भाषा में, यह कहना आम है कि कुछ आग से जल रहा था । अंग्रेजी में, आग का विचार आग जलने से संबंधित होता है और उसे आक्षरिक तौर पर लिखना सही नही है । यह कहना काफी है कि कुछ जल रहा था और शेष अर्थ अंतनिर्र्हित रहने दें।
बाइबलीय इब्री भाषा में, यह कहना आम है कि कुछ आग से जल रहा था । अंग्रेजी में, आग का विचार आग जलने से संबंधित होता है और उसे आक्षरिक तौर पर लिखना सही नही है । यह कहना काफी है कि कुछ जल रहा था और शेष अर्थ अंतनिर्र्हित रहने दें।
>सूबेदार ने <u>उत्तर दिया और कहा</u> ‘‘कि हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए.... (मत्ती 8:8 ULB)
@ -33,8 +32,7 @@
1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं
* **तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV)
* तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि <u>उसमें आग लगाए </u> (न्यायियों 9:52 ESV) या <u>उसे आग के हवाले करे </u>
* तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि <u>उसमें आग लगाए </u> (न्यायियों 9:52 ESV) या <u>उसे आग के हवाले करे </u>
अंगे्रजी में, यह स्पष्ट है कि किसी आयत का कार्य उसके पीछे के आयत में हुए कार्य की निरंतरता होती है जो बिना संयोजक ‘‘और’’ के बतार्इ जाती है, इसीलिए इसे लिखा नही गया है। इतना ही नही, ‘‘आग’’ नही लिखा गया, क्योंकि उस शब्द को ‘‘जलाया गया’’ के शब्द के साथ अंतर्निहित बताया गया है। ‘‘जलाया गया’’ का एक वैकल्पिक अनुवाद है ‘‘आग के हवाले किया’’।
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या, यदि आप दूसरा विकल्प चुनते हैं, तो आप पूछ सकते हैं, ‘‘यदि दरवाजे को आग के हवाले करते हैं तो क्या होता है? यदि पाठक उत्तर देता है, ‘‘यह जलता है’’, तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है
* **सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...** (मत्ती 8:8 ULB)
* सूबेदार ने <u>उत्तर दिया</u> ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...
* सूबेदार ने <u>उत्तर दिया</u> ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...
अंग्रेजी में, सुबेदार के द्वारा कहे गए ‘‘कहा’’ क्रिया शब्द में ‘उत्तर दिया’ भी शामिल होता है और इसलिए उस क्रिया को अंतर्निहित रखा जा सकता है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘सुबेदार ने कैसे उत्तर दिया?

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कर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ।
### वर्णन
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>यीशु ने उनसे कहा, ‘‘फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान और चौकस रहना’’ चेले आपस में विचार करने लगे और कहा, ‘‘हम तो रोटी नहीं लाए।’’.... (मती 16:6,7 ULB)
यहाँ संभव अंतर्निहित सूचना यह है कि चेलों को फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षाओं से सावधान रहना था । परंतु यीशु के चेले यह नही समझे । उन्होने सोचा कि यीशु वास्तविक खमीर और रोटी की बात कर रहे थे। अत: इसे स्पष्ट तरीके से बताना सही नही होगा कि यहाँ प्रयुक्त शब्द ‘‘खमीर’’ झूठी शिक्षा’’ को दिखाता है।
यहाँ संभव अंतर्निहित सूचना यह है कि चेलों को फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षाओं से सावधान रहना था । परंतु यीशु के चेले यह नही समझे । उन्होने सोचा कि यीशु वास्तविक खमीर और रोटी की बात कर रहे थे। अत: इसे स्पष्ट तरीके से बताना सही नही होगा कि यहाँ प्रयुक्त शब्द ‘‘खमीर’’ झूठी शिक्षा’’ को दिखाता है।
चेले तब तक समझ नही पाए, जब तक कि यीशु ने इसके बारे में मती 16:11 में नही कहा -

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