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बाइबल में वर्णित पेड़ पौधों से संबंधित तश्वीरों को को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।

शाखा अथवा डाली एक व्यक्ति के वंश को दिखाती है

नीचे लिखें उदाहरण में, यशायाह ने यिशै के एक वंशज एवं यिर्मयाह ने दाऊद के एक वंशज के बारे में लिखा

तब यिशै के ठूंठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकलकर फलवन्त होगी और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, उस पर ठहरी रहेगी। (यशायाह 11:1-2 ULB) देख, ऐसे दिन आते हैं - यहोवा की यही वाणी है - जब मैं दाऊद के कुल में एक धर्मी अंकुर उगाऊँगा, और वह राजा बनकर बुठ्ठि से राज्य करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से प्रभुता करेगा (यिर्मयाह 23:5 ULB)

अय्यूब में, लिखा है, ‘‘डालियां कट जाएंगी’’ जिसका अर्थ है कि उसका वंश नही होगा

उसकी जड़ तो सूख जाएगी और डालियां कट जाएंगी पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा और बाज़ार में उसका नाम कभी न सुन पड़ेगा । (अय्यूब 18:17 ULB)

पौधा एक व्यक्ति को दिखाता है

निश्चय र्इश्वर तुझे सदा के लिये नाश कर देगा; वह तुझे .... जीवतों के लोक से तुझे उखाड़ डालेगा (भजन संहिता 52:5 ULB)

पौधा भावना अथवा व्यवहार को दिखाता है

जैसे एक प्रकार का बीज बोने से उसी प्रकार का पौधा उगता है, एक तरीके का व्यवहार उसी तरीके का परिणाम लाता है। आयतों में लिखी भावनाओं और व्यवहार को रेखांकित किया गया है।

अपने लिये धार्मिकता का बीज बोओ, तब करूणा के अनुसार खेत काटने पाओगे। (होशे 10:12 ULB)

मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं (अय्यूब 4:8 ULB)

वे वायु बोते हैं, और वे बवण्डर लवेंगे। (होशे 8:7 ULB)

तुम लोगों ने .... धार्मिकता के फल को कड़वे फल से बदल डाला है? (आमोस 6:12 ULB)

सो जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? (रोमियों 6:21 ULB)

वृक्ष एक व्यक्ति को दिखाता है

वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है (भजन संहिता 1:3 ULB)

मैंने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोर्इ हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है (भजन संहिता 37:35 ULB)

परन्तु मैं तो परमेश्वर के भवन में हरे जलपार्इ के वृक्ष के समान हूँ (भजन संहिता 52:8 ULB)