hi_1ch_tn/28/09.txt

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Plaintext

[
{
"title": "तू अपने पिता के परमेश्‍वर ",
"body": "दाऊद खुद को कहता है “तुम्हारे पिता” कयोंकि यह एक बहुत ही औपचारिक मौका है जैसे कि “मेरा परमेश्‍वर”।"
},
{
"title": "खरे मन से",
"body": "“पूरी तरह से”।"
},
{
"title": "प्रसन्‍न जीव",
"body": "\"इच्छा से\"।"
},
{
"title": "मन को जाँचता और विचार में जो कुछ उत्‍पन्‍न होता है उसे समझता है",
"body": "इन दोनों वाक्‍यों का एक ही अर्थ है कि यहोवा सभी व्‍यक्‍तियों के विचारों और इरादों को जानता है।"
},
{
"title": "यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझको मिलेगा",
"body": "“यदि तुम यहोवा की ओर ध्यान करोगे तो ऐसा होगा”।"
},
{
"title": "चौकस",
"body": "“याद कर”।"
},
{
"title": "हियाव बाँधकर इस काम में लग जा",
"body": "शब्द \"मजबूत\" यहाँ इच्छा की शक्ति और चरित्र की ताकत को दर्शाता है।"
}
]