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\v 12 हम ई सब बात प्राप्‍त करलेल छी, या हम पुरा होगेल छी कहके साचो बात न हई लेकिन जे चिज के लागी हम मशिह के द्धारा चुनल रहली, ऊ हम पके सकि कहके हम जोड देइछी । \v 13 भाइसब हम यि सब बात पकरलेल छी, कहके हम न मानी छी । लेकिन एगो बात हम पकरेके सिकले छी । हम पछाडि बात भुल के अगाडिके बात सब के लागी मेहनत करी छी । \v 14 हम ख्रिष्ट येशूमे स्वर्गीय बोलावट के इनाम जिते के लागी लप्रय तर्फ अगाडि बढेमे जोड देइछी ।

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\v 15 अइके कारण हम सब बुझेबाल लोक सब छी सब एना बिचार करु । यदि आहा सब कोनो बात बहुत किसिम से बिचार करी छी त परमेश्‍वर ऊ सब चिडा आहा सब के लागी प्रकट करदेतई । \v 16 हम सब जे प्राप्‍त करलेले छी, हम सब मे ठोस रहु ।

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\v 17 भाइसब हो हमर देखासिकि करेबाला हमसबमे आहासब पाएल उदारहरण अनुसार चलेबाला सब ध्यान देके देखु । \v 18 ऊ बहुत आदमीसब जेकरा विषयमे हम तोहनीसबके बारम्बार बतइले रहली और अब आँख के लोर के साथ हम बतारहल छी । ताकि ऊ सब मशिहके क्रुसके दुश्‍मन जैसे चलरहल हई । \v 19 उ सबके विनाश निश्‍चित हई । कइला कि ओकनी सबके इश्‍वर उ सबके पेट हई और ओकनी सब शर्ममे ओकनीसब के घमण्ड हई । ओकनी सब संसारके चिजके बारेमे बिचार करीछई ।

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\v 20 \20 लेकिन हमसबके नागरिकता स्वर्ग मे हई । जहां से मुक्तिदाता प्रभु येशू मशिह के प्रतिक्षा करी छी । \v 21 हुनका हमसबके शुद शरीर उनका जैसे ही महिमित शरीरमे बदल देतई, जोन शरीर सब चिज उनका अधिनमे ल्याबेके लागी उनका शक्तिद्धारा बनाएल हई ।

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अध्याय 4

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"03-01",
"03-04",
"03-06",
"03-08"
"03-08",
"03-12",
"03-15",
"03-17",
"03-20"
]
}