ur-deva_tw/bible/names/lazarus.md

4.1 KiB

लाज़र

सच्चाई:

लाज़र और उसकी बहनें, मार्था और मरियम ‘ईसा के ख़ास साथी थे। ‏‘‏ईसा उनके बैतनिय्याह के घर में अक्सर ठहरा करता था।

  • लाज़र इसलिए जाना जाता है कि ‘ईसा ने उसे मरने के बा’द फिर ज़िन्दा किया था, वह कई दिन कब्र में रहा था।
  • यहूदी रहनुमा ‘ईसा के इस मो’जिज़े से नाराज़ थे बल्कि हसद करते थे, लिहाज़ा वे ‘ईसा और लाज़र दोनों ही को क़त्ल करने का मौक़ा ढूँढ रहे थे।
  • ‘ईसा ने एक मिसाल भी सुनायी थी जिसमें एक गरीब इन्सान था और एक दौलतमन्द इन्सान था, उस गरीब इन्सान का नाम भी “लाज़र” था।

( तर्जुमे की सलाह: नामों का तर्जुमा कैसे करें

(यह भी देखें: भिखारी, यहूदी रहनुमा, मार्था, मरियम, परवरिश

किताब-ए-मुक़द्दस के बारे में:

किताब-ए-मुक़द्दस की कहानियों से मिसालें:

  • 37:01 एक दिन, ‘ईसा को पैग़ाम मिला कि लाज़र बहुत बीमार है। लाज़र और उसकी दो बहिन, मार्था और मरियम, ‘ईसा के बहुत अज़ीज़ थे।
  • 37:02 ‘ईसा ने कहा, “हमारा दोस्त लाज़र सो गया है, लेकिन मैं उसे जगाने जाता हूँ।”
  • 37:03 ‘ईसा के शागिर्दों ने जवाब दिया, “ऐ ख़ुदावन्द, अगर वह सो गया है, तो ठीक हो जाएगा।” तब ‘ईसा ने उनसे साफ़-साफ़ कह दिया, “ लाज़र मर गया है”
  • __37:04__जब ‘ईसा लाज़र के रहने के शहर पहुँचा, तो लाजर को क़ब्र में रखे चार दिन हो चुके थे।
  • 37:06 ‘ईसा ने उनसे पूछा “तुमने लाज़र को कहाँ रखा है?”
  • 37:09 यह कहकर उसने बड़े लफ़्ज़ से पुकारा, “ऐ लाज़र निकल आ।”
  • 37:10 लाज़र बाहर निकल आया। वह अभी भी कपड़ो में लिपटा हुआ था।
  • __37:11__लेकिन यहूदियों के मज़हबी रहनुमा ‘ईसा से हसद रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर मन्सूबा बनाना चाहा कि कैसे वह ‘ईसा और लाज़र को मरवा सके।

शब्दकोश:

  • Strong's: G2976