ur-deva_tq/1co/13/08.md

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Q? मुहब्बत के कुछ सिफ़त क्या हैं?

A. मुहब्बत साबिर है, मुहब्बत मेहरबान है, बड़ी से बड़ी ने'मत की आरज़ू रख्खो हसद नहीं करता, मुहब्बत अपनी बड़ाई नहीं करती, और फूलती नहीं, नाज़ेबा काम नहीं करती, वह भलाई नहीं चाहती, झुंझलाती नहीं, बुरा नहीं मानती, बदकारी में ख़ुश नहीं होती, बल्कि रास्ती से ख़ुश होती है, वह सब बातें बर्दाश्त कर लेती है, सब बातों को ज़ाहिर करता है, सब बातों की उम्मीद रखता है, सब बातों में सब्र रखता है। .

Q? मिट जाने वाली और ख़त्म होने वाली बातें क्या हैं?

A. नबुव्वतें हों तो मौक़ूफ़ हो जाएँगी, ज़बानें हों तो जाती रहेंगी; 'इल्म हो तो मिट जायेंगे।, क्यूँकि हमारा 'इल्म नाक़िस है और हमारी नबुव्वत ना तमाम .

Q? कभी न टलने वाला क्या है?

A. मुहब्बत कभी टलता नहीं .