ur-deva_tn/jud/01/12.md

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यहुदाह मिसालो की सिल्सिला जारी रखता है

ये ख़ास बातें हैं।

"इसका" मक़सदबेईमान इन्सानों से है।

जो छिपी हुई चट्टान कि तरह हैं

जैसे कि समुन्द्र के नीचे छिपी चट्टान समुंद्री जहाजों को डुबो सकती है,इस तरह के लोग ईमानदारों के लिए ख़तरनाक हैं। इख्तियारी तर्जुमा: "जो छुपे हुए चट्टनों के बराबर हैं जो पानी के नीचे पोशीदा हैं।" (देखें: rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-metaphor)

तुम्हारी मुहब्बत जमा'त में,जब वे तुम्हारे साथ खाते

पीते हैं तुम्हारे साथ दावत में,जब वे तुम्हारे साथ खाते हैं।"

बे पानी के बादल हैं

उन बादलों के तरह जो बाग़ को पानी दे नहीं सकता,ये लोग ईमानदारों की फ़िक्र नहीं करते।(देखें: rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-metaphor)

पतझड़ के बे फ़ल दरख़्त

जैसे कुछ दरख्त पतझड़ के आख़िर में फ़ल पैदा नहीं करते,वैसे ही इन बेईमान लोगों के नजदीक ईमान और रास्तबाज़ी के काम नहीं होते।(देखें: rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-metaphor)

बिना फ़ल,दो बार मौत

ऐसे दरख्तों के समान जिन्हें दो बार मारा जा चुका है जैसे कि तुषार से वे फल नहीं देंगे,इसलिए बेईमान इन्सान की कोई क़ीमत नहीं होती और उनमें कोई ज़िन्दगी नहीं होती।(देखें: rc://ur-deva/ta/man/translate/figs-metaphor)

जड़ से उखड़े हुए

ऐसे दरख्तों के तरह जिन्हें ज़मीन से पूरी तरह जड़ से उखाढ़ लिया गया हो, बेईमानलोग ख़ुदा से अलग हो गए हैं जो कि ज़िन्दगी का ज़रिया है।(देखें: