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बुज़ुर्ग

इसका बयान यूहन्ना से है, 'ईसा का रसूल और शागिर्द. वह अपना ज़िक्र एक "बुज़ुर्ग" की शक्ल में करता है या तो अपनी बड़ी उम्र की वजह या इसलिए क्योंकि वह जमा'त का एक रहनुमा है. मुसन्निफ़ का नाम ज़ाहिर किया जा सकता है : "मैं, बुज़ुर्ग यूहन्ना, लिख रहा हूँ."

क्योंकि सच जो हम में क़ायम रहता है, और हमेशा हमारे साथ मज़बूत रहेगा

इसका तर्जुमा इस तरह से किया जा सकता है "क्योंकि हम सच्चाई में यक़ीन करना जारी रखते हैं और हमेशा रखेंगे."

बुज़ुर्ग की तरफ़ से चुनी हुई औरत और उसके बच्चों को

यूनानी ज़बान में ख़तों की शुरुआत इस तरह की जाती है. जिसका तर्जुमा इस तरह से किया जा सकता है," मैं, बुज़ुर्ग यूहन्ना तुम ईमानदारों को यह ख़त लिख रहा हूँ."

वे सब

यह एक जमा' है जिसका मतलब साथी ईमानदारों से है.

जिसे मैं सच में मुहब्बत करता हूँ

इसका तर्जुमा इस तरह से किया जा सकता है, "जिन्हें मैं सच्चा प्यार करता हूँ".

उस सच की वजह जो हम में रहता है.

पूरे मतलब को ज़ाहिर किया जा सकता है : "क्योंकि 'ईसा के 'एलान की सच्चाई हम में रहती है क्योंकि हम ने इसमें ईमान रखा है, और यह हम में हमेशा रहेगा."

सच और मुहब्बत में

इसका तर्जुमा इस तरह किया जा सकता है "क्योंकि वे सच्चे हैं और वे हमें प्यार करते हैं." इख्तियारी तर्जुमा: "क्योंकि वे हमें सच्चा प्यार करते हैं."