वह सर्वदा वाद-विवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा
यह दोनो बातें एक समान हैं दूसरी बात पहली को मजबूत बनाती है
उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया
वह हमें हमारे पापों की सजा हमें नहीं देता जो हमें मिलनी चाहीए
बदला दिया है
उसने हमें दण्ड नहीं दिया है