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पाँचवें दिन परमेश्वर ने कहा, "जीवित प्राणी पानी को भर दें और आकाश में पक्षी उड़ें।" इस प्रकार से उसने पानी में तैरने वाले सब जन्तुओं को और सभी पक्षियों को बनाया। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा था और उनको आशीष दी। पाँचवें दिन परमेश्वर ने कहा, "पानी जीवित प्राणियों से भर जाये और आकाश में पक्षी उड़ने लगें।" इस प्रकार से उसने पानी में तैरने वाले सब जन्तुओं को और सभी पक्षियों को बनाया। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा था और उसने उनको आशीष दी।
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फिर परमेश्वर ने कहा, "आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप में और अपनी समानता में बनाएँ। वे पृथ्वी पर और सब जानवरों पर प्रभुता करेंगे।" फिर परमेश्वर ने कहा, "आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप में और अपनी समानता में बनाएँ। वे पृथ्वी पर और सब जानवरों पर अधिकार रखें।"
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अतः परमेश्वर ने मिट्टी लेकर उससे मनुष्य को बनाया और उसमें जीवन के श्वांस को फूँक दिया। इस मनुष्य का नाम आदम था। परमेश्वर ने आदम के रहने के लिए एक बड़े बगीचे को बनाया और उसकी देखभाल करने के लिए आदम को वहाँ रख दिया। अतः परमेश्वर ने कुछ मिट्टी लेकर उससे मनुष्य को बनाया और उसमें जीवन के श्वांस को फूँक दिया। इस मनुष्य का नाम आदम था। परमेश्वर ने एक बड़ा बगीचा लगाया जहाँ आदम रह सकता था, और उसकी देखभाल करने के लिए आदम को वहाँ रख दिया।
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![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-02-11.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-02-11.jpg)
परमेश्वर ने पुरुष से कहा, "तूने अपनी पत्नी की सुनी है और मेरी आज्ञा नहीं मानी है। इसलिए भूमि श्रापित हुई है, और तुझे भोजन उगाने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होगी। अब तू मर जाएगा, और तेरा शरीर मिट्टी में मिल जाएगा।" उस पुरुष ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, जिसका अर्थ है "जीवन देने वाली", क्योंकि वह सब जातियों की माता होगी। और परमेश्वर ने आदम और हव्वा को जानवर की खाल से बने कपड़े पहनाए। परमेश्वर ने पुरुष से कहा, "तूने अपनी पत्नी की सुनी है और मेरी आज्ञा नहीं मानी है। इसलिए भूमि श्रापित हुई है, और तुझे भोजन उगाने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होगी। उसके बाद तू मर जाएगा, और तेरा शरीर मिट्टी में मिल जाएगा।" उस पुरुष ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, जिसका अर्थ है "जीवन देने वाली", क्योंकि वह सब जातियों की माता होगी। और परमेश्वर ने आदम और हव्वा को जानवर की खाल से बने कपड़े पहनाए।
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-02-12.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-02-12.jpg)

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![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-03-05.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-03-05.jpg)
परमेश्वर ने नूह और उसके परिवार को अपने लिए और जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन इकट्ठा करने का आदेश भी दिया। जब सब कुछ तैयार था, तो परमेश्वर ने नूह से कहा कि यह समय उसके, उसकी पत्नी के, उसके तीन पुत्रों के, और उनकी पत्नियों के कुल मिलाकर आठ जनों के नाव में जाने का था। परमेश्वर ने नूह और उस के परिवार को अपने लिए और जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन इकट्ठा करने का आदेश भी दिया। जब सब कुछ तैयार था, तो परमेश्वर ने नूह से कहा कि यह समय उसके, उसकी पत्नी के, उसके तीन पुत्रों के, और उनकी पत्नियों के कुल मिलाकर आठ जनों के नाव में जाने का था।
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-03-06.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-03-06.jpg)

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![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-04-07.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-04-07.jpg)
मलिकिसिदक नाम का एक पुरुष था जो सर्वोच्च परमेश्वर का याजक था। एक दिन जब अब्राम युद्ध करने के बाद आ रहा था तो वह और अब्राम मिले। मलिकिसिदक ने अब्राम को आशीष दी और कहा "सर्वोच्च परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी है वह तुझे आशीष दे।" फिर अब्राम ने युद्ध में जीती हुई सब चीजों का दशमांश मलिकिसिदक को दिया। मलिकिसिदक नाम का एक पुरुष था जो सर्वोच्च परमेश्वर का याजक था। एक दिन जब अब्राम युद्ध करने के बाद आ रहा था तो वह और अब्राम मिले। मलिकिसिदक ने अब्राम को आशीष दी और कहा "सर्वोच्च परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी है वह तुझे आशीष दे।" फिर अब्राम ने युद्ध में जीती हुई सब चीजों का दशमांश मलिकिसिदक को दिया।
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-04-08.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-04-08.jpg)

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![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-08.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-08.jpg)
बीस वर्षों तक कनान में अपने घर से दूर रहने के बाद, याकूब अपने परिवार, अपने सेवकों, और अपने जानवरों के सारे झुंडों के साथ वहाँ वापिस लौटा। बीस वर्षों तक कनान में अपने घर से दूर रहने के बाद, याकूब अपने परिवार, अपने सेवकों, और अपने सभी भेड़-बकरियों और पशुओं के झुंडों के साथ वहाँ वापिस लौटा।
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-09.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-09.jpg)
याकूब इसलिए बहुत भयभीत था क्योंकि उसने सोचा कि एसाव अब भी उसे मार डालना चाहता था। इसलिए उसने उपहार स्वरूप जानवरों के झुंडों को एसाव के पास भेजा। जो सेवक उन झुंडों को लेकर गए थे उन्होंने कहा, "तेरा दास याकूब, इन जानवरों को तुझे देता है। वह जल्दी ही आ रहा है।" याकूब इसलिए बहुत भयभीत था क्योंकि उसने सोचा कि एसाव अब भी उसे मार डालना चाहता था। इसलिए उसने उपहार स्वरूप जानवरों के झुंडों को एसाव के पास भेजा। जो सेवक उन झुंडों को लेकर गए थे उन्होंने एसाव से कहा, "तेरा दास याकूब, इन जानवरों को तुझे देता है। वह जल्दी ही आ रहा है।"
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-10.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-10.jpg)

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![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-08-11.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-08-11.jpg)
इसलिए याकूब ने अपने सबसे बड़े पुत्रों को भोजन खरीदने के लिए मिस्र को भेजा। जब वे भोजन खरीदने के लिए यूसुफ के सामने खड़े हुए तो उन भाइयों ने यूसुफ को नहीं पहचाना। परन्तु यूसुफ ने उनको पहचान लिया। इसलिए, याकूब ने अपने सबसे बड़े पुत्रों को भोजन खरीदने के लिए मिस्र को भेजा। जब वे भोजन खरीदने के लिए यूसुफ के सामने खड़े हुए तो उन भाइयों ने यूसुफ को नहीं पहचाना। परन्तु यूसुफ ने उनको पहचान लिया।
![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-08-12.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-08-12.jpg)

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![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-10-04.jpg) ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-10-04.jpg)
परमेश्वर ने सम्पूर्ण मिस्र में मेंढक भेजे। फिरौन ने मेढकों दूर करने के लिए मूसा से अनुरोध किया। परन्तु सब मेंढकों को मर जाने के बाद, फिरौन ने अपने मन को कठोर कर लिया और इस्राएलियों को मिस्र से निकल जाने नहीं दिया। परमेश्वर ने सम्पूर्ण मिस्र में मेंढक भेजे। फिरौन ने मेढकों दूर करने के लिए मूसा से अनुरोध किया। परन्तु सब मेंढकों को मर जाने के बाद, फिरौन ने अपने मन को कठोर कर लिया और इस्राएलियों को मिस्र से निकल कर जाने नहीं दिया।
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आर्टवर्क का आरोपण: इन कहानियों में उपयोग की गई सब तस्वीरें © Sweet Publishing ([www.sweetpublishing.com](http://www.sweetpublishing.com)) से हैं और a Creative Commons Attribution-Share Alike License ([http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)) के अधीन उपलब्ध करवाई गई हैं। आर्टवर्क का आरोपण: इन कहानियों में उपयोग की गई सब तस्वीरें © Sweet Publishing ([www.sweetpublishing.com](http://www.sweetpublishing.com)) से हैं और a Creative Commons Attribution-Share Alike License ([http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)) के अधीन उपलब्ध करवाई गई हैं।
Version 8.1, 2023-02-28
*सम्पूर्ण संसार वैश्विक कलीसिया में मसीह में हमारे भाइयों और बहनों के लिए। हमारी यह प्रार्थना है कि परमेश्वर उसके वचन के इस विजूअल अवलोकन का उपयोग आपको आशीषित, मजबूत, और उत्साहित करने के लिए करेगा।* *सम्पूर्ण संसार वैश्विक कलीसिया में मसीह में हमारे भाइयों और बहनों के लिए। हमारी यह प्रार्थना है कि परमेश्वर उसके वचन के इस विजूअल अवलोकन का उपयोग आपको आशीषित, मजबूत, और उत्साहित करने के लिए करेगा।*

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