From 04296bd0c530b7b23ee87950b0d7f00bab133516 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Larry Versaw Date: Tue, 28 Feb 2023 14:23:22 -0700 Subject: [PATCH] Feb 2023 updates, version 8.1 --- README.md | 1 + content/01.md | 6 +++--- content/02.md | 2 +- content/03.md | 2 +- content/04.md | 2 +- content/07.md | 4 ++-- content/08.md | 2 +- content/10.md | 2 +- content/front/intro.md | 2 ++ manifest.yaml | 22 ++++++++++++---------- media.yaml | 6 +++--- 11 files changed, 28 insertions(+), 23 deletions(-) diff --git a/README.md b/README.md index 1ef9862..f7ce141 100644 --- a/README.md +++ b/README.md @@ -2,3 +2,4 @@ STRs: * https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/595 +* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/842 diff --git a/content/01.md b/content/01.md index eef2ded..837824c 100644 --- a/content/01.md +++ b/content/01.md @@ -26,7 +26,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-01-07.jpg) -पाँचवें दिन परमेश्वर ने कहा, "जीवित प्राणी पानी को भर दें और आकाश में पक्षी उड़ें।" इस प्रकार से उसने पानी में तैरने वाले सब जन्तुओं को और सभी पक्षियों को बनाया। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा था और उनको आशीष दी। +पाँचवें दिन परमेश्वर ने कहा, "पानी जीवित प्राणियों से भर जाये और आकाश में पक्षी उड़ने लगें।" इस प्रकार से उसने पानी में तैरने वाले सब जन्तुओं को और सभी पक्षियों को बनाया। परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा था और उसने उनको आशीष दी। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-01-08.jpg) @@ -34,11 +34,11 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-01-09.jpg) -फिर परमेश्वर ने कहा, "आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप में और अपनी समानता में बनाएँ। वे पृथ्वी पर और सब जानवरों पर प्रभुता करेंगे।" +फिर परमेश्वर ने कहा, "आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप में और अपनी समानता में बनाएँ। वे पृथ्वी पर और सब जानवरों पर अधिकार रखें।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-01-10.jpg) -अतः परमेश्वर ने मिट्टी लेकर उससे मनुष्य को बनाया और उसमें जीवन के श्वांस को फूँक दिया। इस मनुष्य का नाम आदम था। परमेश्वर ने आदम के रहने के लिए एक बड़े बगीचे को बनाया और उसकी देखभाल करने के लिए आदम को वहाँ रख दिया। +अतः परमेश्वर ने कुछ मिट्टी लेकर उससे मनुष्य को बनाया और उसमें जीवन के श्वांस को फूँक दिया। इस मनुष्य का नाम आदम था। परमेश्वर ने एक बड़ा बगीचा लगाया जहाँ आदम रह सकता था, और उसकी देखभाल करने के लिए आदम को वहाँ रख दिया। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-01-11.jpg) diff --git a/content/02.md b/content/02.md index f7b8112..473aecf 100644 --- a/content/02.md +++ b/content/02.md @@ -42,7 +42,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-02-11.jpg) -परमेश्वर ने पुरुष से कहा, "तूने अपनी पत्नी की सुनी है और मेरी आज्ञा नहीं मानी है। इसलिए भूमि श्रापित हुई है, और तुझे भोजन उगाने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होगी। अब तू मर जाएगा, और तेरा शरीर मिट्टी में मिल जाएगा।" उस पुरुष ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, जिसका अर्थ है "जीवन देने वाली", क्योंकि वह सब जातियों की माता होगी। और परमेश्वर ने आदम और हव्वा को जानवर की खाल से बने कपड़े पहनाए। +परमेश्वर ने पुरुष से कहा, "तूने अपनी पत्नी की सुनी है और मेरी आज्ञा नहीं मानी है। इसलिए भूमि श्रापित हुई है, और तुझे भोजन उगाने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होगी। उसके बाद तू मर जाएगा, और तेरा शरीर मिट्टी में मिल जाएगा।" उस पुरुष ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, जिसका अर्थ है "जीवन देने वाली", क्योंकि वह सब जातियों की माता होगी। और परमेश्वर ने आदम और हव्वा को जानवर की खाल से बने कपड़े पहनाए। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-02-12.jpg) diff --git a/content/03.md b/content/03.md index a6f21b0..6518f5b 100644 --- a/content/03.md +++ b/content/03.md @@ -18,7 +18,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-03-05.jpg) -परमेश्वर ने नूह और उसके परिवार को अपने लिए और जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन इकट्ठा करने का आदेश भी दिया। जब सब कुछ तैयार था, तो परमेश्वर ने नूह से कहा कि यह समय उसके, उसकी पत्नी के, उसके तीन पुत्रों के, और उनकी पत्नियों के – कुल मिलाकर आठ जनों के नाव में जाने का था। +परमेश्वर ने नूह और उस के परिवार को अपने लिए और जानवरों के लिए पर्याप्त भोजन इकट्ठा करने का आदेश भी दिया। जब सब कुछ तैयार था, तो परमेश्वर ने नूह से कहा कि यह समय उसके, उसकी पत्नी के, उसके तीन पुत्रों के, और उनकी पत्नियों के – कुल मिलाकर आठ जनों के नाव में जाने का था। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-03-06.jpg) diff --git a/content/04.md b/content/04.md index 96feb88..99e8a16 100644 --- a/content/04.md +++ b/content/04.md @@ -26,7 +26,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-04-07.jpg) -मलिकिसिदक नाम का एक पुरुष था जो सर्वोच्च परमेश्वर का याजक था। एक दिन जब अब्राम युद्ध करने के बाद आ रहा था तो वह और अब्राम मिले। मलिकिसिदक ने अब्राम को आशीष दी और कहा "सर्वोच्च परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी है वह तुझे आशीष दे।" फिर अब्राम ने युद्ध में जीती हुई सब चीजों का दशमांश मलिकिसिदक को दिया। +मलिकिसिदक नाम का एक पुरुष था जो सर्वोच्च परमेश्वर का याजक था। एक दिन जब अब्राम युद्ध करने के बाद आ रहा था तो वह और अब्राम मिले। मलिकिसिदक ने अब्राम को आशीष दी और कहा "सर्वोच्च परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी है वह तुझे आशीष दे।" फिर अब्राम ने युद्ध में जीती हुई सब चीजों का दशमांश मलिकिसिदक को दिया। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-04-08.jpg) diff --git a/content/07.md b/content/07.md index fad05fd..b4e1d42 100644 --- a/content/07.md +++ b/content/07.md @@ -30,11 +30,11 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-08.jpg) -बीस वर्षों तक कनान में अपने घर से दूर रहने के बाद, याकूब अपने परिवार, अपने सेवकों, और अपने जानवरों के सारे झुंडों के साथ वहाँ वापिस लौटा। +बीस वर्षों तक कनान में अपने घर से दूर रहने के बाद, याकूब अपने परिवार, अपने सेवकों, और अपने सभी भेड़-बकरियों और पशुओं के झुंडों के साथ वहाँ वापिस लौटा। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-09.jpg) -याकूब इसलिए बहुत भयभीत था क्योंकि उसने सोचा कि एसाव अब भी उसे मार डालना चाहता था। इसलिए उसने उपहार स्वरूप जानवरों के झुंडों को एसाव के पास भेजा। जो सेवक उन झुंडों को लेकर गए थे उन्होंने कहा, "तेरा दास याकूब, इन जानवरों को तुझे देता है। वह जल्दी ही आ रहा है।" +याकूब इसलिए बहुत भयभीत था क्योंकि उसने सोचा कि एसाव अब भी उसे मार डालना चाहता था। इसलिए उसने उपहार स्वरूप जानवरों के झुंडों को एसाव के पास भेजा। जो सेवक उन झुंडों को लेकर गए थे उन्होंने एसाव से कहा, "तेरा दास याकूब, इन जानवरों को तुझे देता है। वह जल्दी ही आ रहा है।" ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-07-10.jpg) diff --git a/content/08.md b/content/08.md index 9b9a525..dddfba4 100644 --- a/content/08.md +++ b/content/08.md @@ -42,7 +42,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-08-11.jpg) -इसलिए याकूब ने अपने सबसे बड़े पुत्रों को भोजन खरीदने के लिए मिस्र को भेजा। जब वे भोजन खरीदने के लिए यूसुफ के सामने खड़े हुए तो उन भाइयों ने यूसुफ को नहीं पहचाना। परन्तु यूसुफ ने उनको पहचान लिया। +इसलिए, याकूब ने अपने सबसे बड़े पुत्रों को भोजन खरीदने के लिए मिस्र को भेजा। जब वे भोजन खरीदने के लिए यूसुफ के सामने खड़े हुए तो उन भाइयों ने यूसुफ को नहीं पहचाना। परन्तु यूसुफ ने उनको पहचान लिया। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-08-12.jpg) diff --git a/content/10.md b/content/10.md index 047106b..ad713e1 100644 --- a/content/10.md +++ b/content/10.md @@ -14,7 +14,7 @@ ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-10-04.jpg) -परमेश्वर ने सम्पूर्ण मिस्र में मेंढक भेजे। फिरौन ने मेढकों दूर करने के लिए मूसा से अनुरोध किया। परन्तु सब मेंढकों को मर जाने के बाद, फिरौन ने अपने मन को कठोर कर लिया और इस्राएलियों को मिस्र से निकल जाने नहीं दिया। +परमेश्वर ने सम्पूर्ण मिस्र में मेंढक भेजे। फिरौन ने मेढकों दूर करने के लिए मूसा से अनुरोध किया। परन्तु सब मेंढकों को मर जाने के बाद, फिरौन ने अपने मन को कठोर कर लिया और इस्राएलियों को मिस्र से निकल कर जाने नहीं दिया। ![OBS Image](https://cdn.door43.org/obs/jpg/360px/obs-en-10-05.jpg) diff --git a/content/front/intro.md b/content/front/intro.md index 8d03a1f..1fd7756 100644 --- a/content/front/intro.md +++ b/content/front/intro.md @@ -16,4 +16,6 @@ unfoldingWord का एक रजिस्टर्ड ट्रेडमार आर्टवर्क का आरोपण: इन कहानियों में उपयोग की गई सब तस्वीरें © Sweet Publishing ([www.sweetpublishing.com](http://www.sweetpublishing.com)) से हैं और a Creative Commons Attribution-Share Alike License ([http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0](http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0)) के अधीन उपलब्ध करवाई गई हैं। +Version 8.1, 2023-02-28 + *सम्पूर्ण संसार – वैश्विक कलीसिया में मसीह में हमारे भाइयों और बहनों के लिए। हमारी यह प्रार्थना है कि परमेश्वर उसके वचन के इस विजूअल अवलोकन का उपयोग आपको आशीषित, मजबूत, और उत्साहित करने के लिए करेगा।* \ No newline at end of file diff --git a/manifest.yaml b/manifest.yaml index 6798df8..f0f67e5 100644 --- a/manifest.yaml +++ b/manifest.yaml @@ -1,6 +1,6 @@ dublin_core: type: book - conformsto: rc0.2 + conformsto: 'rc0.2' format: text/markdown identifier: obs title: 'Hindi Open Bible Stories' @@ -14,32 +14,34 @@ dublin_core: - identifier: obs language: en - version: '4' + version: '8' rights: 'CC BY-SA 4.0' creator: 'Door43 World Missions Community' contributor: + - 'Acsah Jacob' - 'Antoney Raj' - 'Cdr. 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